Shetan
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वाह भईया रोगन जोश मटन पका रहा है. और उसकी कमसिन कवारी बहन बैठ कर उसका खुटा चूस रही है. भईया कुछ नहीं बिगड़ सकता ये वो जानती है. इस बार छिनार नांदिया उनकी बहन उनको तड़पा रही है.मस्ती बहन भाई की
गुड्डी खूब गरमाई हुयी थी, शुरआत अबकी भी उसकी उँगलियों ने की,
जब उसके भैया रोगन जोश चला रहे थे तो कुछ देर तक तो उनके बॉक्सर शार्ट के ऊपर से उसने उनके खूंटे को रगड़ा मसला,
और जब तम्बू तन गया तो शार्ट को सरका के नीचे, बम्बू बाहर और छुटकी बहिनिया की मुट्ठी में, लेकिन वो मुठिया नहीं रही थी बस आराम आराम से दबा रही थी, हलके हलके अपने भैया के मूसल की मोटाई कड़ाई का मजा ले रही थी।
और वो जानती थी की बेचारे उसके भइआ इस समय उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
उनका ध्यान इस समय पूरी तरह रोगन जोश पर है, मटन के एक एक टुकड़े पर, और गुड्डी एक अच्छी बहन की तरह भाई के पैरों के बीच बैठ गयी और गप्प, खूब बड़ा सा मुंह खोल के भैया का मुट्ठी ऐसा मोटा गरम, मांसल सुपाड़ा अपने मुंह मे। गुड्डी हलके हलके चूस रही थी, जीभ से चाट रही थी, सुपाड़े के बीच पेशाब के छेद को जीभ की टिप से सुरसुरा रही थी और अपनी कोमल उँगलियों से गुड्डी रानी भैया के बॉल्स को कभी सहलाती, कभी हलके से दबाती।
कोई भी भाई हो उसकी सुन्दर सी सेक्सी कमसिन जस्ट जिसने इंटर पास किया हो ऐसी बहन उसके सुपाड़े को मुंह में लेकर चुभलायेगी चूसेगी तो क्या हालत होगी उसकी,
हालत उनकी खराब हो रही थी और जैसे ही उन्होंने रोगन जोश को ढंक दिया और तय था की अब अगले बीस पचीस मिनट तक कुछ नहीं करना है
तो वो भी जोश में आ गए और बहन का सर पकड़ के, नहीं गुड्डी को अपनी बहन को चुसवा नहीं रहे थे, हचक हचक के उसका मुंह चोद रहे थे, डीप फक, थोड़ी देर में सुपाड़ा गुड्डी के हलक पे ठोकर मार रहा था और उनको सपोर्ट करने उनकी साली रीनू भी बगल में खड़ी थी,
" जीजू पेलो कस के, चोद दो मेरी इस रंडी ननदिया का मुंह, बहुत गर्मायी है "
साली बोले और वो भी रीनू जैसे, तो कौन जीजा नहीं मानेगा, गुड्डी के बाल को कस के पकड़ के हचक के ठेलते रीनू के जीजा, गुड्डी के भैया बोले,
" क्यों बहुत गरमा रही थीं न, लो, घोंटो जड़ तक। अभी गाँड़ में घुसा था तो ऐसे चिल्ला रही थी जैसे कोई मोटा लकड़ी का चैला घुस गया हो चूस कस कस के "
गुड्डी गों गों कर रही थी, आँखे उबली पड़ रही थीं, अच्छा तो लग रहा था लेकिन लग रहा था भैया बस पल भर के लिए निकाल ले , पर साली के उकसाने के बाद कौन मरद अपनी बहन को छोड़ता है, लेकिन गुड्डी का दिमाग, उसने कड़ाही की ओर इशारा किया और उसके भाई का दिमाग उधर, और गुड्डी को मौका मिल गया, छुड़ा के खड़ा होने का
और थोड़ी दूर खड़ी होके वो एक बार फिर से अपने भाई को उकसा रही थी, चढ़ा रही थी चिढ़ा रही थी।
एक तो छोटा सा एप्रन जो मुश्किल से गुड्डी के ३२ सी कड़क बूब्स को ढक रहा था और फिर दो इंच की पतली सी थांग
जो उसकी चुनमुनिया को ढकने की कोशिश कर रहा था , और ऊपर से गुड्डी महा शैतान और उसे रीनू की शह मिली थी।
थांग को सरका के गुड्डी ने अपनी गुलाबी गुलाबो की दोनों फांको के बीच फंसा लिया था। और अपने भाई को चिढ़ाती निगाहो से देखने का,
" किसी को कुछ चाहिए का ? " उकसाते हुए वो बोली,
और जब तक उसका भाई कुछ जवाब देता वो पीछे मुड़ के खड़ी हो गयी,
पीछे से तो वो और सेक्सी माल लग रही थी, एप्रन की सिर्फ एक डोरी गले में बंधी, बाकी गोरी केले के पत्ते की तरह चिकनी पीठ उस किशोरी की, मुट्ठी में आ जाए ऐसी पतली कटीली कमरिया और बड़े बड़े खुले दावत देते मांसल मटकते कूल्हे, और आगे तो थांग दो इंच की थी भी, पीछे बस एक डोरी की तरह, पतली सूत की तरह बस किसी तरह नितम्बों में फंसी,
पीछे मुड़ के वो मुस्करायी, ऊँगली मोड़ के उस षोडसी ने अपने पीछे आने की दावत दी और नितम्बो को मटकाते, सारंगनयनी, हंस की चल से ठुमकते और,
हल्के से गर्दन को जुम्बिश दे के अपने भाई से बोली,
" जो मेरे पीछे आएगा, वो अपनी माँ, "और कुछ रुक के हलके से जोड़ा, " चोदेगा,... और वो भी मेरे सामने। "
जवाब उनकी साली ने दिया, " अरे चोद देगा अपनी माँ ये, तेरे लिए, तेरे सामने ही चोद देगा, मेरा जीजू रंडी रानी "
गुड्डी हलके से ठहरी, और फिर पीछे मुड़ के अपने पीछे आते भाई को देखा और बड़े भोलेपन से बोली,
" क्यों भैया सोच ले, मादरचोद बनना है तो मेरे पीछे आओ, लास्ट चांस, फिर मैं न छोडूंगी न मेरी भाभी, तुझे, तेरी, ..." और अपनी बात हवा में छोड़ के हलके से दो कदम बढ़ी,
भाई उसके पीछे पीछे, आगे बढ़ा
और गुड्डी फिर ठुमक के रुक गयी, पिछवाड़ा उसके भाई की ओर ही था। आराम से उसने अपनी थांग सरकायी, दोनों हाथों से नितम्बो को फैला के अपने गोल दरवाजे का रसीला द्वार, अपने भैया को दिखाते, ललचाते, हलके से गरदन घुमा के, फ्लाईंग किस ले के पूछा
" क्यों भैया चाहिए ? "
" हाँ, एकदम,... एकदम चाहिए, " उसके भैया किसी तरह थूक घोंटते जोश में बोले,
" स्साले, नाम तो ले नहीं पा रहा है, इसे क्या ले पायेगा, "
बिना पिछवाड़े थांग के ढक्कन को बंद किये, पिछवाड़े के छेद को दिखाते हड़काते वो बोली, और दो कदम आगे चली, पीछे से उसका भाई चिल्लाया,
" तेरी गाँड़, तेरी गाँड़ लूंगा, मारूंगा, एक बार और मार लेने दे बस " और पीछे पीछे गुड्डी के,
तबतक गुड्डी किचेन की खिड़की के पास पहुँच गयी थी और रुक के वो पलट गयी, और अपनी थांग को आगे से सरका के अपनी गुलाबो को दिखाती,
दोनों फांको को हथेली से रगड़ती वो टीनेजर बोली,
" भैया ये ले लो, पिछवाड़े का मजा तो तूने सुबह से तीन बार ले लिया है " और यह कह के एक बार फिर पीछे मुड़ गयी। उसके गोल गोल एकदम खुले नितम्ब, बबल बॉटम, उसके भैया की हालत खराब थी।
गुड्डी खिड़की से बाहर झाँक रही थी, वहां से लिविंग रूम साफ़ दिखता था और लिविंग रूम में उसकी कोमल भाभी और कमल जीजू खड़े खड़े ,
तबतक उसके भैया ने आके गुड्डी को पीछे से दबोच लिया, खूंटा तो खुला ही था खड़ा भी और वो बहिनिया के नितम्बो के बीच में रगड़ खा रहा था,
" नहीं भैया इधर नहीं, आगे वाली ले ले न, इधर बहुत दुःख रहा है " गुड्डी ने बहाना बनाया।
" स्साली चाहे तेरी दुखे या फ़टे मैं तो तेरी गाँड़ मार के रहूँगा "
थांग सरका के दरारों के बीच अपना मोटा मूसल सटाते वो बोले और उनकी साली रीनू के दिल में ठंडक पहुँच गयी,
यही तो वो चाहती थी की उसके जीजू गोल छेद के पक्के रसिया बन जाए, और इस समय वो भी अपनी बहन के गोल छेद में पेलने के लिए बेताब थे।
और बहन भी आज उन्हें तड़पा रही थी, और क्यों न तड़पाये, दर्जा नौ से हाथ में लेकर टहल रही थी, रोज झांट साफ़ करके, और इंटरकोर्स,.. इंटर का रिजल्ट निकलने के हफ्ते भर बाद हुआ, फिर चित्तोड गढ़,... कितना तो इन्ही भैया के आगे रोज चूतड़ मटका मटका के टहलती थी। एक बार भरतपुर बहन का लूट लेने के बाद, बहन के बुलबुल के तो दीवाने हो गए लेकिन गोल दरवाजे की ओर झाँका तक नहीं, छेद तो वो भी है।
" हे गुड्डी दे न इधर वाला" वो दोनों नितम्बो को सहलाते, बहन की पिछवाड़े की दरार रगड़ते चिरौरी कर रहे थे,
"नहीं भैया, वो नहीं, बहुत मन कर रहा है तो मेरी गुलाबो को ले ले, पिछवाड़े तो तुम तीन बार ले चुके हो सुबह से, अब एकदम सूज गयी है तेरे मोटू का धक्के खा खा के, ले लो न आगे की। आज से पहले तो उसी के पीछे पड़े रहते थे, माना तेरा कस के खड़ा है लेकिन दे तो रही हूँ न " उस शोख ने और तड़पाया।
अब उन की समझ में नहीं आ रहा था क्या करे, लेकिन अब ऊँगली की जगह उनका मोटू बहन की गांड की दरार रगड़ रहा था और मन तो अब गुड्डी का भी पिछवाड़े का कर रहा था लेकिन वो थोड़ा और तंग करना चाहती थी अपने भैया कम यार को, हँसते हुए बोली,
" अच्छा भैया मैंने कहा था की जो मेरे पीछे आएगा, वो अपनी माँ चोदेगा, तो सोच ले, चोदेगा मेरी बुआ को मेरे सामने,? पीछे तो तुम आ गए अब पक्का बोलो और साफ़ साफ़ "
" चोद दूंगा, एक बार तो हाँ कर दे, अरे यार जो बहन चोद बन गया वो मादरचोद भी बन जायेगा, गुड्डी दे न "
अब गुड्डी भी जान बुझ के अपनी पिछवाड़े की कसी दरार भैया के मोटे सुपाड़े पे रगड़ रही थी और सोच रही थी, इस स्साले मेरे भाई में सब बात अच्छी है, केयरिंग है, हैंडसम है, औजार जबरदस्त है, बस सीधा थोड़ा ज्यादा है, और फिर उसे चढाती हुयी खिलखिलाती वो किशोरी बोली,
" भैया मैं हाँ न करू तो क्या करेगा तू , "
" तो जबरदस्ती मार लूंगा तेरी गाँड़, " अब जोश में गुड्डी का भाई बोला, अब उससे रहा नहीं जा रहा था, लंड जोश में फटा जा रहा था, कस कस के वो अपनी बहन की, उस षोडसी की दोनों छोटी छोटी ३२ सी वाली चूँचियाँ दबा रहा था,
गुड्डी के मन में आया, फिर स्साले पूछता क्यों हैं मार ले न, गाँड़ होती क्यों हैं मारने के लिए ही न और वो भी मस्त टीनेजर बहन की गाँड़ लेकिन फुस्फसुसाते हुए बोली,
" भैया लेकिन मैं निहुरंगी नहीं, "
" अरे स्साली, मैं खड़े खड़े तेरी गाँड़ मार लूंगा " अब वो आपे से बाहर हो गए थे।
अमेज़िंग क्रिएट किया है ये सीन. अमूमन उल्टा होता है. फीमेल खाना पका रही होती है. और मेल सेक्सुअल छेड छाड़ करता है. पर आप ने कुछ नया किया. सुपर्ब.
साली तो घरवाली से भी खुले दिल वाली है. क्या डायलॉग है.
जीजू पेलो कस के, चोद दो मेरी इस रंडी ननदिया का मुंह, बहुत गर्मायी है
उनका भी डायलॉग मुजे बड़ा मस्त लगा.
क्यों बहुत गरमा रही थीं न, लो, घोंटो जड़ तक। अभी गाँड़ में घुसा था तो ऐसे चिल्ला रही थी जैसे कोई मोटा लकड़ी का चैला घुस गया हो चूस कस कस के
साली छिनार अपने भईया को दिखा दिखा के ललचा रही है. जबरदस्त इरोटिक. सूपरब. और पिछवाडा भी दिखा रही है.
डायलॉग भी उसका क्या कामुख डाला है. माझा ही आ गया कोमलजी.
हल्के से गर्दन को जुम्बिश दे के अपने भाई से बोली,
" जो मेरे पीछे आएगा, वो अपनी माँ, "और कुछ रुक के हलके से जोड़ा, " चोदेगा,... और वो भी मेरे सामने। "
वाह रीनू. तू ना होती तो ये घु घु ही होते. चोदेगा. और तेरे ही सामने तेरी तरह अपनी महतारी को भी चोदेगा.
साली कभी छिनार पिछवादा दिखा रही कभी अपनी गुलाबीय. और पूछ रही है. चाहिये. तो उन्होंने भी मुँह खोल दिया. बाहनिया तेरी गांड चाहिये. वो टूट पड़े कोमलिया अपने जीजू कमल के साथ सब देख भी रही है. जबरदस्त.
क्या जबरदस्त कोमलजी. जबरदस्त डायलॉग दिया है छिनार को. अति कामुख.
अच्छा भैया मैंने कहा था की जो मेरे पीछे आएगा, वो अपनी माँ चोदेगा, तो सोच ले, चोदेगा मेरी बुआ को मेरे सामने,? पीछे तो तुम आ गए अब पक्का बोलो और साफ़ साफ़ "
अच्छा क्या सुन ना चाहती है छिनार. मै हा ना करू तो क्या करेगा. मतलब छिनार नंदिता जबरदस्ती अपने भईया से गांड का बलात्कार करवाना चाहती है.
जबरदस्त इंक्सास्ट अपडेट. Incast मे मुजे अब तक का सबसे ज्यादा एरिटिक यही अपडेट लगा.