• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
21,441
54,175
259

जोरू का गुलाम भाग २२७


गुड्डी रानी की रगड़ाई- किचेन में मस्ती


---

-------




बाहर निकल टेबल सेट करती हुयी गुड्डी को मैंने देखा तो उसकी हालत तो मुझसे भी खराब थी, रुक रुक के खड़ी हो जाती थी। रोकने पर भी सिसकी निकल जाती थी जैसे जोर की चिल्ख उठ रही हो, उसकी ये हाल उसके भैया और रीनू ने मिल के की थी।

क्या किया गुड्डी के भैया ने गुड्डी के साथ,

बस इतना बता सकती हूँ की जितना मेरे दोनों जीजू ने मिल के मेरी रगड़ाई की उससे बहुत ज्यादा, मेरे मरद ने मेरी ननद की रगड़ाई की। जैसा मैं चाहती थी उससे भी बहुत ज्यादा।

इसलिए तो मैं कहती हूँ, मेरा मरद, मेरा मरद है। सारी दुनिया एक तरफ, मेरा मरद अकेले,

----

गुड्डी, ये और रीनू के हवाले आज किचेन था और लंच की जिम्मेदारी।

---


Update, Part 227 is posted on page 1318 (Last page).

Please read, enjoy, like and comment.
 

komaalrani

Well-Known Member
21,441
54,175
259
Kitchen is getting hot, aaj sab masaledar banega
ban bhi gaya aur serve bhi ho gaya, ek baar hot hot chakh kar ke ye bata dijiye kaisa laga .

Thanks so much for gracing this thread. Please do read as posts are now complete and enlighten with your views.
 

komaalrani

Well-Known Member
21,441
54,175
259
your friend Ashokafun30 has already given a very appropriate comment though :)


komaalrani
That comment was related to when food was cooking, but now it is ready and has been served, so do relish the dishes and tell me your opinion.
 

komaalrani

Well-Known Member
21,441
54,175
259
Absolutely Madam...give me some time. Will definitely give my comments today only...cant delay...

komaalrani
Thanks, take your time as it is a very long post, enjoy every part and give your detailed opinion and suggestion.

🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 

Rajizexy

Lovely❤ Raji
Supreme
45,146
46,488
304
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
13,997
36,425
259

जोरू का गुलाम भाग २२७


गुड्डी रानी की रगड़ाई- किचेन में मस्ती


---

-------



27,73,899

बाहर निकल टेबल सेट करती हुयी गुड्डी को मैंने देखा तो उसकी हालत तो मुझसे भी खराब थी, रुक रुक के खड़ी हो जाती थी। रोकने पर भी सिसकी निकल जाती थी जैसे जोर की चिल्ख उठ रही हो, उसकी ये हाल उसके भैया और रीनू ने मिल के की थी।

क्या किया गुड्डी के भैया ने गुड्डी के साथ,

बस इतना बता सकती हूँ की जितना मेरे दोनों जीजू ने मिल के मेरी रगड़ाई की उससे बहुत ज्यादा, मेरे मरद ने मेरी ननद की रगड़ाई की। जैसा मैं चाहती थी उससे भी बहुत ज्यादा।

इसलिए तो मैं कहती हूँ, मेरा मरद, मेरा मरद है। सारी दुनिया एक तरफ, मेरा मरद अकेले,



---

गुड्डी, ये और रीनू के हवाले आज किचेन था और लंच की जिम्मेदारी।

और सबसे ज्यादा काम गुड्डी के जिम्मे,





इसलिए की गुड्डी के आने के बाद, गीता के लिए दरवाजा वही खोलती थी और गीता ने धीरे धीरे किचेन के काम के साथ झाड़ू पोछा, सफाई सब काम गुड्डी को पकड़ा दिया लेकिन सिखाया भी अच्छे ढंग से, तो किचेन में कौन सी चीज कहाँ रखी है, खड़े मसाले कहाँ है, पिसी धनिया किधर है,... सब गुड्डी को मालूम था।

हाँ, इस सीखने के बदले में रोज सुबह सुबह गुड्डी को, गीता की चुनमुनिया की सेवा करनी पड़ती थी, चूस चूस के चाट के और अब वो पक्की चूत चटोरी हो गयी थी। और इनाम में गीता की चाशनी और कभी कभी साथ में खारा शरबत निकल गया तो वो भी, ...लेकिन किचेन के मामले अब गुड्डी एकदम पक्की थी।

गुड्डी के भाई कम भतार ज्यादा, ये।

इन्होने तो अवधी और मुगलाई दोनों नान -वेज डिशेज का कोर्स कर रखा था और उससे भी बढ़ के इनकी सास ने इन्हे किचेन में कुछ स्पेशल डिशेज भी बनानी सिखा दी थीं और रीनू इसलिए की कंट्रोल तो उसी का होना था अपने जीजू और उनकी बहिनिया पे और उससे भी बढ़कर इसलिए की उसके जीजू ने, इन्होने अपनी साली से हैदराबादी बिरयानी बनाने की फरमाइश की थी।

बहुत निहोरा करवाने के बाद साली मान तो गयी लेकिन इस शर्त के साथ ये भी रहेंगे किचेन में उसके साथ और उनकी रंडी बहिनिया भी।



तो बस ये तीनो किचेन में और आते ही रीना ने हुकुम सुना दिया,

" जीजू, रंडियां क्या कपड़ों में अच्छी लगती हैं ? "


ये भी सिर्फ बॉक्सर शार्ट में थे, बहुत हो छोटा, आलमोस्ट ट्रांसपेरेंट, जो इनकी सास इनके लिए लायी थीं और ये अपना इनाम में जीता पिंक एप्रन पहन रहे थे, गुड्डी ने भी अपना एप्रन निकाल लिया था।

किस जीजू की हिम्मत होगी जो साली की बात काटे और ये तो रीनू के पक्के चमचे, तुम दिन को कहो रात तो रात कहेंगे टाइप। तुरंत रीनू की बात में हामी भरी,

"एकदम नहीं "

गुड्डी एक छोटे से टॉप और स्कर्ट में थी और टॉप के ऊपर वो अपना एप्रन पहन रही की रीनू ने हुकुम सुना दिया, " हे रंडी, उतार कपडे , किचेन में खराब हो जाएंगे, सिर्फ एप्रन। "

और रीनू किचेन में ड्राअर खोल खोल के कुछ ढूंढ रही थी, टॉप उतार कर एप्रन बांधती गुड्डी बोली,

" मीठी भाभी, क्या ढूंढ रही हैं ? "

" कैंची " रीनू बोली।

" सबसे नीचे वाली ड्राअर में " गुड्डी ने बताया और अपनी छोटी सी स्कर्ट भी खोलने लगी, भाभी ने बोला था सिर्फ एप्रन।

और कैंची लेकर रीनू अपनी ननद के पास, और उसके भाई को सुनाते बोली,

" रंडी, ये जोबन किस लिए आतें हैं "

" दिखाने के लिए, लौंडों को लचाने के लिए, दबवाने, मसलवाने और रगड़वाने के लिए "

गुड्डी बोल रीनू से रही थी लेकिन उसकी निगाहें अपने बचपन के यार को देख रही थीं, उकसा रही थीं, बुला और ललचा रही थीं।

" तो इतना लम्बा एप्रन क्यों "

रीनू बोली और कैंची ले के काट दिया, अब एप्रन सिर्फ गुड्डी के उभारों के ऊपर, और वो भी पूरी तरह से से नहीं, जहाँ से उभार उभरना शुरू हो रहे थे, वो हिस्सा तो साफ़ साफ़ दीखता था और रीनू ने एप्रन ऐसे टाइट बाँधा की दोनों टनाटन निप्स साफ़ दिख रहे थे।

कोई एक जवान होती मस्त लौंडिया हो, टीनेजर, बल्कि टीन ऑफ़ टीन्स, मिडल ऑफ़ टीन, और सिर्फ एक छोटा सा कपडा, जो मुश्किल से उसके उभरते उभारों को ढक रहा हो, कड़े कड़े खड़े खड़े सैल्यूट मारते निपल, उस एप्रन को फाड़ के निकलने के लिए बेचैन, गोरा चिकना पेट, गहरी नाभी, पतली कमरिया,

जस्ट एक पतली सी थांग आगे दो इंच की पिछवाड़े तो बस एक पतले धागे सी, कसी दरार में धंसी, लम्बी लम्बी टाँगे,


कौन साला न दीवाना हो जाए,

और जवान होती लड़कियों के जोबन पे सबसे पहले नजर पड़ती है उसके भाई की, उसका ही मुर्गा फड़फड़ाता है, और यहाँ तो भाई, भतार ज्यादा था, तो उनके शार्ट का तम्बू तनने लगा।

और जिस को देख के तन रहा था, सबसे पहले उसी की नजर पड़ी, गुड्डी की और उसने एक फ्लाईंग किस अपने भैया को दिया और दूसरा भैया के पप्पू को।

रीनू सब गुड्डी की शैतानी देख रही थी, पर उसके दिमाग में कुछ और शैतानी चल रही थी,

" हे रंडी रानी, जरा एक सेल्फी खिंच, हाँ थोड़ा किस लेती हुयी, एक और,..." रीनू बोली,

गुड्डी को कहने की देर थी, उसके उम्र की लड़कियां सेल्फी खींचने, में एकदम एक्सपर्ट, एक से एक सेक्सी,







"रंडी रानी, अब यार सुबह जो चौदह यार बनाये थे, चुदवाने को, समोसे की दूकान पे अपने समोसे दिखा के, भेज दे उन सब को, अरे यार लौंडो को लगातार चारा डालना पड़ता है। "

गुड्डी ने पिक तो भेजी ही साथ में कमेंट भी हुकुमनामा भी,

"अभी किचेन में हूँ अकेली, और शाम तक कम से कम अपने जैसे, तेरे ऐसे तो मिलने मुश्किल हैं लेकिन उन्नीस बीस भी चलेगा, कम से कम पचास को भेजो, इंस्टा पे लाइक भी कम से कम १००"


और वो सारी की सारी गुड्डी के एक अलग इंस्टा अकाउंट पे जो उसने खाली लौंडो के लिए बनाया था, गुड्डी की कुछ सहेलियां भी थी कुछ कोचिंग वाली, कुछ पुरानी, दिया, छन्दा ऐसी।

तबतक गुड्डी की निगाह एक थाली में रखे बैंगन पे पड़ गयी और वो रीनू के पीछे पड़ गयी, " मीठी भाभी, मैंने सुना है की आप बैगन की कलौंजी बहुत अच्छा बनाती हैं, मुझे सिखा दीजिये न "

" रंडी स्साली सीखेगी, सोच ले, फिर मैं जो जो कहूँगी तुझे और तेरे इस गंडुवे, भंड़ुवे को भी सब करना पडेगा "

" मंजूर " चहक के गुड्डी बोली और अपने बचपन के यार की ओर देख के उनकी साली से कहा, " और इनकी हिम्मत है की बात टालें "

" हे इस रंडी के भंड़ुवे, तो चल पहले चार बैगन छांट छांट के निकाल " रीनू ने अब अपने जीजू को हुकुम सुनाया और उन्होंने चुन के चार सबसे लम्बे लम्बे बैगन छांट लिए।
वाह उधर कोमलिया अपने जीजू के साथ मस्त तो रीनू अपने जीजा के साथ. और साथ मे गुड्डी छिनार नांदिया भी.

पता नहीं ये अपनी माँ बहन के इतने दीवाने क्यों है. बचपन का माल है. मौका दिया तो रगड़ के रख दिया साली छिनार को. रगड़वाने वाली भी कोमलिया की बहन उनकी लौती साली. रीनू.

साजन देवता की तारीफ तो मेरे दिल से होकर निकलती है. So romantic

मैं कहती हूँ, मेरा मरद, मेरा मरद है। सारी दुनिया एक तरफ, मेरा मरद अकेले,

साली आधी घरवाली. ये तो पूरी ही समाज़ते है. जोरू से ज्यादा साली के गुलाम. और वो भी कामिनी मौका कहा छोड़ती है. फरमाइश पे बना रही है बिरियानी.

लेकिन गुड्डी को एप्रन मे. वाह. रंडी को तो ऐसा ही लुक चाहिये ना.
पर वो भी छिनार अशली वाली है. इतनी बड़ी क्यों. वाह गुड्डी रंडी रानी.

नांदिया को बेंगन की कलेजी सीखनी है. पर रीनू सिखाएगी तो सीखना पड़ेगा. गेम स्टार्ट वाओ...... स्पेशल बैगन चुनवा रही है. गुड्डी के भड़ुए से.

माझा आ गया. फुल इरोटिक.

images-10

IMG-20240625-065314
 
Top