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जोरू का गुलाम भाग २४३ - मिस एक्स और उनकी रिपोर्ट्स - पृष्ठ १५०६
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कंडीशन्स यही कि कोई कंडीशन नहीं..एकदम बहन हो तो ऐसी और न सिर्फ अपनी सहेलियों को बल्कि दर्जा नौ और दस वाली कच्ची अमिया का भी स्वाद चखाएगी, लेकिन टर्म्स एंड कंडीशंस अप्लाई
ऐसी बहन पे कौन भाई न फ़िदा हो जाएगा और फिर गुड्डी ने पिछवाड़े का शौक भी लगवा दिया अपने ' सीधे साधे भैया ' को
ऐसे सटीक टिपण्णियों के लिए बहुत बहुत आभार
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एक बार जब रेस पकड़ लिया तो गुड्डी के भाई सबसे आगे....अब पता चल गया की अगर अपने पे आ जाएँ तो पिछवाड़े के मामले में भी गुड्डी के भाई कमल जीजू पे बीस ही पड़ेंगे
तरह तरह के एक्सपेरिमेंट से हर बार एक और नयापन आने की संभावना बनी रहेगी...कहानी पढ़ने के लिए और टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार,
आपका सुझाव बहुत ही सटीक है आगे इसका ध्यान रखूंगी और सही जगह पे इस्तेमाल भी करुँगी। बस इसी तरह साथ बनाये रखें। कई कहानी पढ़ने वाले तो होते हैं लेकिन कमेंट करने वाले बहुत ही कम इससे, लिखनेवाले के उत्साह में भी कमी आती है और उसे फीड बैक भी नहीं मिलता।
अगर आप ऐसे मित्रों का साथ रहे तो कहानी तेजी से आगे बढ़ेगी,
अगला अपडेट कल, १५ जुलाई को
भाग २२८
इक्के दुक्के हीं हैं जो कहानी के तार्किक परिणति पर जाकर अंत करते हैं...कई बार कमेंट न होने से लिखने वाले के उत्साह में कमी आ जाती है, अब पिछला अपडेट एक मेगा अपडेट था, व्यूज भी अभी तक ७०,००० के करीब हो गए लेकिन कमेंट करने वाले शायद, दस के आसपास ही होंगे और वो भी रुक रुक के कमेंट्स आते हैं
मेरी एक दूसरी कहानी छुटकी का एक भाग मैंने १५ दिन पहले पोस्ट किया,करीब ३०,००० व्यूज हैं लेकिन कमेंट करने वाले सिर्फ ३, ४।
कुछ मित्र नियमित और कहानी के हर भाग पर कमेंट करते हैं और ऐसे २-३ ही होते हैं पर कभी वो अगर व्यस्त हो जाते हैं तो कहानी की गति ही थम सी जाती है।
मेरा सबसे पहले कमिटमेंट कहानी के साथ होता है इसलिए मैं कहानी को कभी बीच में नहीं छोड़ती, देर सबेर हो जाती है
आप ने जो टिप्पणी की उस का तो मुझे इन्तजार था
कोई तो है जो कहानी का शिद्दत से इन्तजार कर रहा है और आप ऐसे पांच छह पाठक भी हों, नियमित कमेंट आते रहें तो अपडेट भी आएंगे
अगला भाग कल
स्वाद बदल बदल के लेने को तैयार...एकदम सही कहा आपने
यही तो रीनू इनकी साली चाहती थी और वो हो गया, सुबह से चार बार, गुड्डी के भैया, गुड्डी के पिछवाड़े के पीछे पड़े हैं।
और यह भी बाकी जीजू की तरह गोलकुंडा का स्वाद लेने को बेकरार रहेंगे।
बाकी अगली पोस्ट में कल
कल किसने देखा है..भाग ८८
इन्सेस्ट कथा - मेरा मरद, मेरी ननद
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मैंने ननद को उकसाया,
" अरे भैया का पिछवाड़ा तो बहुत चाटा चूसा, तनी अपने गोल गोल लौंडा छाप चूतड़ का, पिछवाड़े की गली का भी तो रस चखाओ अपने भैया को "
बस ननद ने मेरी बात मान ली, पहले थोड़ा सा उठी,
अपने दोनों हाथों से पिछवाड़े के छेद को फैला कर, चौड़ा कर, भैया को दरसन करवाया और फिर उनके खुले मुंह पे पिछवाड़े का छेद,
उनका मुंह अब सील बंद और हम दोनों, भौजाई ननद मस्ती कर रहे थे , लेकिन ननद छिनार ने अपने भैया से क्या कहा, समझाया,
उन्होने पलटी मार ली
और मेरी गाँड़ के अंदर।
उईईईईई - जोर से मेरी चीख निकली,... गप्पांक से मोटा सुपाड़ा इनका मेरी गाँड़ में घुसा, पूरी ताकत से,
एक तो दस सांड की तरह इनकी कमर का जोर, फिर लगता है दूबे भाभी के चूरन का असर,... एकदम लोहे का रॉड लग रहा रहा था, जैसे रगड़ते दरेरते घुसा, पक्का चमड़ी छिल गयी थी. परपरा रहा था जोर से, ...
गौने के तीसरे दिन ही मेरी गाँड़ मारी गयी थी,
दिन दहाड़े, सुबह से ही मैं खूब टाइट शलवार कुरता पहन के टहल रही थी, मेरे दोनों चूतड़ कसर मसर,..
मेरी छोटी वाली ने ननद ने छेड़ा,... " भौजी, बहुत टाइट शलवार पहने हो, पिछवाड़ा खूब मस्त दिख रहा है। आज आपका पिछवाड़ा बचेगा नहीं। " "
" न बचे न ननद रानी, ... जब से गौने उतरी हूँ, दिन रात कभी तो नागा नहीं जाता, तेरे भैया चढ़े रहते है अगवाड़े तो पिछवाड़ा भी आज नहीं तो कल,..
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Adultery - छुटकी - होली दीदी की ससुराल में
भाग ८८इन्सेस्ट कथा - मेरा मरद, मेरी ननद १८,४०,३४१------- मैंने ननद को उकसाया," अरे भैया का पिछवाड़ा तो बहुत चाटा चूसा, तनी अपने गोल गोल लौंडा छाप चूतड़ का, पिछवाड़े की गली का भी तो रस चखाओ अपने भैया को "बस ननद ने मेरी बात मान ली, पहले थोड़ा सा उठी,अपने दोनों हाथों से पिछवाड़े के छेद...exforum.live
पिछवाड़ा है हीं इतना मूल्यवान..गुड्डी और उसके भैया के रिश्ते का और उससे भी बढ़कर उस सारंगनयनी, शोख, इठलाती मचलती टीनेजर गुड्डी के मन का, तन का और कितना मजा आ रहा है उसको अपने भैया के साथ, सब को आप की कविता ने कुछ पंक्तियों में ही चित्रित कर दिया।
डॉक्टर की छोटी सी सुई से जो लड़की थी डर जाती
भैया का मोटा लंड लेने से अब वो कभी नहीं घबराती
जिस भैया ने खाई कसम करेगा योवन की रखवाली
आज उसी भैया को बहना ने अपनी गांड भी है दे डाली
और अपना गोलकुंडा दिया ही नहीं, भैया को पिछवाड़े का रसिया भी बना दिया। अब वो पीछे वाला लेने के लिए पीछे पड़ा रहेगा
आप इस सूत्र पर आयी इस के लिए में और मेरी कहानी दोनों आपके आभारी हैं, अगर समय मिले तो मेरी कहानी छुटकी पर भी एक नजर डालियेगा।
एक बार फिर से कोटिश धन्यवाद
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गुड्डी तो अभी से नंबर डका रही है...जोरू का गुलाम भाग २२८ -
गुड्डी की रगड़ाई
२८,५०,६१४
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खाने के पहले बहुत मजा आया ,
असल में खाने के दौरान भी और खाने के बाद भी लेकिन सब मजा गुड्डी के खर्चे पे
गुड्डी टेबल लगाने के बाद हम लोगों की ओर आयी , और रीनू उसके पीछे पड़ गयी ,
" अरे यार खाने के पहले एक बार ,.... अपने बचपन के यार से, ...तेरे पिछवाड़े को देख कर ही...देख . कैसा मस्त खड़ा है। "
अपने जीजू के खूँटे को शार्ट से निकाल कर मुठियाते , गुड्डी को दिखाते रीनू बोली ,
अजय और ये साथ साथ बैठे थे।
" अच्छा , भइया से मन न कर रहा तो मेरे जीजू से करवा लो , गुड्डी यार गांड तो तेरी मारी ही जायेगी , चाहे रीनू के जीजू से मरवा ले , या मेरे जीजू से , च्वायस तेरी। "
अजय के खूंटे को मसलते रगड़ते मैं बोली।
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गुड्डी ने आँखे तरेर कर देखा।
चल तो पा नहीं रही थी, कोई डिश ले के आती तो लड़खड़ाने लगती, कभी टेबल का सहारा लेती, तो कभी दीवाल का, लग रहा था अभी भी पिछवाड़े मोटा सा लकड़ी का टुकड़ा घुसा है।
किचेन में जो कुछ हुआ भैया बहिनी के बीच, कुछ गुड्डी ने खुद और कुछ रीनू मेरी कमीनी बहन ने बता दिया था. किचेन में दो बार उसके भैया ने गाँड़ मारी, एक बार तो निहुरा के और दूसरी बार खड़े खड़े ही मार ली। और उसके पहले भी सुबह से दो बार उस टीनेजर का, अपनी छुटकी बहिनिया का उसके भैया कर चुके थे, मतलब सुबह से चार बार भाई ने बहन की गाँड़ मार ली और अभी दोपहर बहुत दूर थी।
दर्द के मारे गुड्डी की भले हालत खराब थी, लेकिन चेहरे से ख़ुशी जलेबी की चाशनी की तरह टपक रही थी और उन दोनों से ज्यादा कोई खुश था तो मैं,
मेरे सोना मोना को अब खुल के पिछवाड़े का गोल दरवाजे का चस्का लगा गया था,
जीजू तो चार दिन की चांदनी है,... और अगर मेरे वाले को गोलकुंडा में मजा आने लगा था तो मतलब अब रात बिरात दिन दहाड़े, मेरे पिछवाड़े का भी नंबर लगता रहेगा। मैं खुश भी थी और चकित भी, गुड्डी को देख देख के, अगर कोई 'छिनार ननद' का मेडल होता तो मैं उसे तुरंत पहना देती,
सुबह से माना कमल जीजू ने भी मेरे कोमल कोमल पिछवाड़े का दो बार भुर्ता बनाया और उसके पहले अजय ने। लेकिन गुड्डी 4-3 से आगे थी। गुड्डी के भैया ने चार बार सुबह से उसके पिछवाड़े अपना मूसला पेला था और यहाँ दो बार कमल जीजू और एक बार अजय जीजू।
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और चारो बार उसके " सीधे साधे " भैया ने, पिछली बार जब कमल जीजू आये थे तो दोनों, उन्होंने और अजय ने मिल के पिछवाड़े का न सिर्फ रास्ता खोला था बल्कि ५-६ बार, पर ये लड़की, कल शाम को ही तो इसके पिछवाड़े पहली बार कमल जीजू का और उसके बाद से अबतक सात आठ बार पिछवाड़े मूसल घोंट चुकी थी।
तो अगर वो दर्द के मारे बेहाल थी, पिछवाड़े अब ऊँगली भी नहीं घोंट सकती थी तो मैं समझ सकती थी
लेकिन ननदों की हालत कितनी भी खराब हो, भाभियों को उन्हें चिढ़ाने से कौन रोक सकता है
अभी तक कल्ला रही थी बेचारी की , लेकिन थी असली ननद , हम दोनों को छेड़ते बोली ,
' चलिए भाभी आप भी क्या याद करेंगी कैसी ननद से पाला पड़ा था , .... अबकी आप दोनों मरवा लीजिये , दो खूंटे तन्नाए ,... दो भाभियाँ ,... "
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" चल यार छोटी ननद है तू , लेकिन उसके बाद किसी चीज के लिए मना मत करना , .... " रीनू ने चारा फेंका।
सच में हांका कर के शिकार को फंसाने में मेरी कमीनी बहन का कोई मुकाबला नहीं था।
" एकदम भाभी , ... बस अभी नहीं "
खाने के दौरान भी छेड़छाड़ मस्ती चालू रही, कमल जीजू इनके बगल में ही बैठे थे और उनकी गोद में उनकी छोटी साली, मैं और इनकी गोद में इनकी साली, रीनू, सर्व करने का काम गुड्डी का था और उसको सब लोग छेड़ रहे थे और बाद में वो भी अजय जीजू की गोद में,
खाने के बाद अजय ने वहीँ टेबल पर अपनी पेसल सिगरेट निकले और एक दो सुट्टा मारा होगा की गुड्डी ने उनसे छीन ली और क्या कस के दम मारा, जैसे साधू लोग चिलम पीते हैं एकदम उसी स्टाइल में, अजय ने सिखा दिया था गुड्डी को,
पर थोड़ी देर में हम सब लिविंग रूम में गद्दे पे , रीनू व्हिस्की को बोतल उठा लायी थी और सीधे बोतल से ही हम चारो, लेकिन थोड़ी देर में पोजीशन बदल गयी, मैं अजय की गोद में, रीनू इनकी गोद में और गुड्डी बहुत देर से कमल जीजू के सिंहासन पर नहीं चढ़ी थी तो वो वहां,
पन्दरह बीस मिनट की मस्ती के बाद रीनू ने गुड्डी के बचपन के यार का खूंटा शार्ट से निकाल लिया और गुड्डी को दिखाते हुए बोली,
" फाइनल ऑफर, लेगी पिछवाड़े, अपने भैया का ,"
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जिस तरह से वो देख रही थी, सुबह से चार बार अपने भैया का अपने पिछवाड़े घोंट चुकी थी और जरा भी ताकत होती तो वो एक बार और, लेकिन उससे हिला भी नहीं जा रहा था, उसने जोर जोर से ना में सर हिलाया
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" अरे मेरे साजन की रखैल, पिछवाड़े न ले पा रही है तो मुंह में ले, खूंटा वही स्वाद नया, भाई का भी स्वाद, भाभी का भी स्वाद ". मजा पिछवाड़े का -जीजू के साथ
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रीनू के जीजू , रीनू के पिछवाड़े , और अजय जीजू मेरे पिछवाड़े ,... दोनों चालू हो गए ,
और गुड्डी लगी चिढ़ाने
" हाँ भाभी मजा आ रहा है न मेरे भाइयों से मरवाने में , अरे भाभियों को हम ननदे लाती ही इसलिए हैं , की हमारे भाइयों से अगवाड़े पिछवाड़े मरवाएँ , और भाभियों को खुजली भी इतनी मचती है , अपने माई बाप को छोड़ के चुदवाने , मरवाने आ जाती है ननदों के पास। "
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अजय और इनके बीच में जैसे बाजी लगी थी , दोनों अपने सालियों की गांड से ऐसे हचक के मार रहे थे की चीख निकल जाती ही थी, और गुड्डी को हम दोनों को चिढ़ाने का खूब मौका मिल रहा था।
मैं मरवा तो अजय जीजू से रही थी लेकिन देख इनकी ओर रही थी,
असल में हम तीनो बहनो की बचपन की शर्त के मुताबिक़ जब बहने और जीजू सामने हों तो, मरद के नंबर लगने का तो चांस ही नहीं, जीजू और सिर्फ जीजू। इसलिए न रीनू अजय के साथ और न मैं इनके साथ, लेकिन मुझे एक बात बहुत अच्छी लग रही थी,
इनके चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी,
और मेरे लिए इनकी ख़ुशी से बढ़कर कोई ख़ुशी नहीं थी, चूत चोदने में तो इनका कोई मुकबला नहीं था, मैं तो खैर इनके अलावा सिर्फ अपने दोनों जीजू के साथ, लेकिन इनकी साली, मेरी कमीनी बहन, जिसने गिनती गिननी छोड़ थी, एक दिन में ही मान गयी और बोली, स्साला, चोदू नम्बर वन भी तेरे हाथ लगा।
पर पिछवाड़े की ओर ये मुंह भी नहीं, ...मेरा मतलब आप समझ ही गए होंगे, ...
लेकिन मेरी कमीनी बहन और उससे बढ़कर इनकी छिनार बहन ने क्या जादू किया था की अब ये पिछवाड़े के ही पीछे, जिस तरह से हचक के धक्के मार रहे थे, अपनी साली की गांड में
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' क्यों भाभी मजा आ रहा है न , अरे अंदर तक , मथानी चलेगी तो अभी मक्खन निकलेगा भी। "
गुड्डी ने बाण चलाया
लेकिन सामने मेरी कमीनी बहन और गुड्डी की मीठी भौजी थी और वो बिना जवाब दिए कहाँ रहने वाली थी,
" मन कर रहा है क्या, मुंह में पानी आ रहा है भाई चोद, ....सुबह से चार बार गांड मरवा चुकी हो अपने भाई से , पर अभी भी प्यारे प्यारे भैया का खड़ा लंड देख के लिबरा रही हो। "
" अरे मीठी भौजी, मन कभी भरता है क्या, वो भी भाइयों से? पिछवाड़े, आपके इस स्साले जीजा ने इतना कस के न ठूंसा होता,... सब चमड़ी छील गयी है, चला नहीं जा रहा है, वरना मैं अपने भाई को कभी भी और किसी भी चीज के लिए ना नहीं करती। मैं तो दर्जा नौ से ही वीट लगा के चिक्क्न मुक्कन कर के, अपने इस भैया के लिए तैयार थी, अगर अभी पिछवाड़े, "
वो शोख टीनेजर मुस्कराकर अपनी बड़ी बड़ी आँखे नचा के बोली.
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गुड्डी की बात काट के मैं बोली,
" अरे मेरे साजन की रखैल, पिछवाड़े न ले पा रही है तो मुंह में ले, खूंटा वही स्वाद नया, भाई का भी स्वाद, भाभी का भी स्वाद "
" और छिला भी तो गलती किसकी इन्ही की न, अरे ऐसे बहनचोद भाई हों तो बहन को सुबह से अपने पिछवाड़े एक पाव सरसों का तेल डाल के रखना चाहिए, फिर छिलता भी तो सरसों का तेल एंटीबायोटिक, कल से ध्यान रखना " मैंने गुड्डी को समझाया।गुड्डी -मुंह का स्वाद
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" अरे मीठी भौजी, मन कभी भरता है क्या, वो भी भाइयों से? पिछवाड़े आपके इस स्साले जीजा ने इतना कस के न ठूंसा होता, सब चमड़ी छील गयी है, चला नहीं जा रहा है, वरना मैं अपने भाई को कभी भी और किसी भी चीज के लिए ना नहीं करती। मैं तो दर्जा नौ से ही वीट लगा के चिक्क्न मुक्कन कर के, अपने इस भैया के लिए तैयार थी, अगर अभी पिछवाड़े, "
गुड्डी की बात काट के मैं बोली,
" अरे मेरे साजन की रखैल, पिछवाड़े न ले पा रही है तो मुंह में ले, खूंटा वही स्वाद नया, भाई का भी स्वाद, भाभी का भी स्वाद "
बस रीनू ने , पीछे मुड के इन्हे आँख मारी...
असल में ये प्लानिंग तो रीनू की पहले से थी , ,... और रीनू के जीजू ने उसके पिछवाड़े से अपना खूंटा निकाल के सीधे अपनी ममेरी बहन के मुंह में , और वो भी एकदम हलक तक ,....
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गुड्डी बेचारी,... उसने सोचा भी नहीं होगा की भाभी के पिछवाड़े से निकल कर उसके भैया का मोटू उसके मुंह में,
लेकिन जबतक वो मुंह बंद करने की कोशिश करती इनका, इनकी साली की गांड से निकला सुपाड़ा बहन के मुंह में,
और बाकी के लिए रीनू थी न, कस के उसने गुड्डी का सर पीछे से पकड़ रखा था और कस कस के गुड्डी के गाल दबा रही थी, मुंह और बड़ा खोलने के लिए और गरिया भी रही थी,
" स्साली छिनार, जब तेरी गांड से निकलता है तो लपर लपर चाटती है, लॉलीपॉप झूठ और जब भौजाई के पिछवाड़े से निकला तो इतना नखड़ा, लगाउंगी अभी एक हाथ "
और सच में रीनू ने गुड्डी के पिछवाड़े एक जबरदस्त चांटा जड़ दिया, प्यार मोहब्बत वाला नहीं, एकदम फेम डॉम मार्का, गुड्डी के चूतड़ पर कमल का निशान छप गया, एकदम लाल।
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और बाएं हाथ ने चांटा मारा और दाएं ने कस के निपल नोच नोच लिया,
गुड्डी चीखी, मुंह खुला और आधा से ज्यादा उसके भैया का खूंटा गुड्डी रानी के मुंह के अंदर,
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" स्साली, चूस कस के, एकदम साफ़ कर, पूरा ले और जबतक चूस के झाड़ेगी नहीं ये खूंटा निकलेगा नहीं, सुबह से चार बार पिछवाड़े मलाई घोंट चुकी है इसी पिचकारी का अबकी मुंह से घोंट,जाएगा तो दोनों ओर से पेट में ही " रीनू ने ननदिया को हड़काया
गीता ने गुड्डी को पहले लॉलीपॉप, फिर गाजर, फिर खीरा चूसा चूसा के मुख मैथुन में परफेक्ट कर दिया था
तो अब गुड्डी भी कभी मजे में चूसती तो कभी उसके भैया अपनी टीनेजर बहन, और वो भी लास्ट वाली टीन नहीं, एकदम मिडल वाली टीन का मुंह कस के चोदते।
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दस मिनट की रगड़ाई के बाद वो झड़े और सब मलाई गुड्डी के मुंह से होते हुए पेट में।
चुद गुड्डी रही थी, चोद उनके भैया रहे थे लेकिन हालत मेरी खराब हो रही थी,
अजय भी अब खूब जोश में, मेरे पिछवाड़े अपना मोटा खूंटा, लेकिन अबकी जब उसने बाहर निकाला, और मुझे छेड़ने, तड़पाने के लिए रोक दिया, सुपाड़ा भी अब पूरी तरह अंदर नहीं था, तो मैं कौन पीछे रहनी वाली थी, मैंने कस के पीछे की ओर धक्का दिया और
गप्पाक
गप्प से पूरा सुपाड़ा मेरी पिछवाड़े , और दूसरा धक्का भी मैंने ही मारा, अबकी आधे से ज्यादा मूसल मेरे पिछवाड़े अंदर, अजय जीजू ने खाली कस के कमर पकड़ रखी थी और अब धक्के मैं मार रही थी तो उनकी उँगलियाँ मेरी चम्पाकली का हालचाल ले रही थी, दो ऊँगली और फिर टीन ऊँगली प्रेमगली में अंदर और अब आगे पीछे दोनों ओर हमला हो रहा था,
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मैंने एक बार उनकी ओर देखा और उनकी चोरी पकड़ी गयी, चोद तो वो अपनी बहन का मुंह रहे थे लेकिन चोरी चोरी मेरी ओर मेरे पिछवाड़े
उनकी चोरी मुझसे छुपती, मतलब मन में वो ये सोच रहे थे की उनका खूंटा उनकी बहन के मुंह में नहीं मेरे पिछवाड़े धंसा है,
मतलब साफ़ था, जैसे जीजू लोग गए ये लड़का मेरे पिछवाड़े की ऐसी की तैसी करके मानेगा,
और ये सोच के मुझे और जोश आ गया, मैं जोर जोर से कभी अजय जीजू का मोटा मूसल अपने पिछवाड़े वाली गली में सिकोड़ देती, निचोड़ देती, और अजय जीजू भी मेरी सहेली की, गुलाबो की अपनी उँगलियों से जोर जोर से सेवा कर रहे थे,
इधर मैं झड़ी और उधर वो अपनी बहन के मुंह में
और जब उनका मूसल तो निकला अजय ने मेरे पिछवाड़े से निकाल के ,... सीधे गुड्डी रानी के मुँह में
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बोलने का, चिढ़ाने का, छेड़ने का मौका छोड़ दे, रीनू उन भौजाइयों में से नहीं
" अरे यार कल भी आज भी , गुड्डी रानी, तेरे पिछवाड़े का स्वाद तो तेरे भाइयों ने अपने खूंटे से चखाया था , तो जरा अपनी दोनों भाभियों का भी ,...अलग अलग तरह का स्वाद , अलग अलग मजा ,...
अजय जीजू हचक हचक के गुड्डी का मुंह चोद रहे थे, और मैं और रीनू दोनों गुड्डी को चिढ़ाने के पीछे लगी थी
" सुबह से छह बार मेरी ननद के पेट में मलाई पहुँच चुकी है, चार बार पिछवाड़े से, दो बार मुंह से, अब तो पेट लबालब भर गया होगा " मैंने छेड़ा तो रीनू बोली
" और साथ में भाभियों के पिछवाड़े का स्वाद फ्री, देख गुड्डी रानी, मेरा मतलब रंडी रानी, स्साली तूने बोला था न की तेरी गांड मरवा मरवा के छिल गयी है भौजी हाथ जोड़ती हूँ बस थोड़ी देरी पिछवाड़े नहीं, तो मैं मान गयी लेकिन तेरी भौजाइयां दोनों, कितना तुझे पीरा दुलार करती हैं, अपने हिस्से की मलाई भी छोटी ननद को खिला दी "
रीनू बोली और अब मेरा नंबर था,
" और छिला भी तो गलती किसकी इन्ही की न, अरे ऐसे बहनचोद भाई हों तो बहन को सुबह से अपने पिछवाड़े एक पाव सरसों का तेल डाल के रखना चाहिए, फिर छिलता भी तो सरसों का तेल एंटीबायोटिक, कल से ध्यान रखना " मैंने गुड्डी को समझाया।
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पर रीनू बातों से ज्यादा काम में विश्वास रखती थी, और अगर छोटी टीनेजर ननद हो, उसका भाई सामने हो तो और ज्यादा
और रीनू तो मैंने कहा था न किंक क्वीन ,... जैसे अजय ने अपना खूंटा बाहर निकाला गुड्डी को जबरन वहीँ फर्श पर पटक कर , अपना पिछवाड़ा , सीधे गुड्डी के मुंह पर ,... जब तक चाट चाट कर उसने
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फिर वो मेरे भी , पीछे पड़ गयी
"कोमलिया, तू क्या हमारी ननद को प्यार नहीं करती , "
और रीनू के बाद मैं भी , सीधे छटपटाती गुड्डी के मुंह पर चढ़ कर ,... और ये सब उसके भइया की आंखों के सामने ,
और हाँ रीनू ने गुड्डी को वाश बेसिन की ओर मुंह भी नहीं करने दिया , सीधे वहीँ से खाने की टेबल पर ,...
स्वीट डिश अभी सर्व नहीं हुयी थी जो गुड्डी ने अपनी चूत में मैरीनेट करके अल्फांसो की मैंगो क्रीम बनायी थी,
और गुड्डी ने बाकी लोगो की दी, लेकिन रीनू ने अपने हाथ से आम की लम्बी फांके गुड्डी के मुंह में ,
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हाँ एक बात और मैं बताना भूल ही गयी थी
रीनू को बाथरूम जाना था और गुड्डी अजय से गप्प लड़ा रही थी ,
"हे चल न , बहुत जोर से ,... " रीनू ने गुड्डी को खींचते बोला ,
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" तो जाइये न भाभी , मुझे कहाँ ,... " गुड्डी खिलखिलाते बोली।
रीनू ने पहले अपने पेट की ओर इशारा किया फिर गुड्डी के पेट की ओर ,...
मैं समझ गयी , गुड्डी भी ,.. वो नखड़े करती रही , खिलखलाती रही , और रीनू जबरन उसे आलमोस्ट खींच के ,
घंटे भर बाद , दोनों ननद भाभी , बाथरूम से निकली साथ साथ नहा धो के , तैयार हो के ,...
और मैंने जब गुड्डी की ओर सिर्फ मुस्करा देखा , .. तो उसने इतनी जोर से ब्लश किया , ... जैसे मुझे मालूम हो गया हो की उसकी मीठी भाभी ने क्या क्या ,...
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खाने के बाद ,... गुड्डी को पता चल गया था कि अजय एक फैशन फोटोग्राफी का भी काम करते हैं तो वो पीछे पड़ गयी ,
पूरी तिझरिया उसी में ,... लेकिन अजय को मैंने भी चढ़ा दिया ,.... मिनिमम टॉपलेस वरना आलमोस्ट न्यूड ,..
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हाँ रीनू ने एक आदेश जारी कर दिया,
अगले आठ घंटे के लिए चुदाई एकदम नहीं, मतलब रात दस बजे तक, छुआ छुआई, चुम्मा चाटी, चूसम चुसाई पर कोई रोक नहीं, लेकिन चोदम चोदाई जिसमे गांड मराई भी शामील थीं पर एकदम रोक, मतलब हम तीनो की, गुड्डी, मेरी और रीनू की कमर के नीचे पूरी सेफ्टी, इन तीनो मर्दों से, और कारण बिना रीनू के बताये हम सब समझ गए थे
आज पूरी रात घपाघप, घपाघप,
कल तो बहुत सुबह की फ्लाइट है तो रीनू और जीजू लोगों को सुबह चार बजे ही निकलना पडेगा, तो बस आधी रात का टाइम मिलेगा और वो भी गुड्डी की क्रेडिट, रीनू और जीजू लोग तो आज ही निकलने वाले थे लेकिन गुड्डी ने जुगत लगा के, अपनी मीठी भाभी का हाथ पैर जोड़ के, सब शर्तें मान के,