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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

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motaalund

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आपकी कहानी रीडर्स को पात्रों के बातचीत के कारन ही पसंद आती है वरना चुदाई में केवल डालना और निकलना ही होता है | आप अपने पति के मोबाइल से अपनी सास को whatsappp चैट से हॉट हॉट बातचीत करिए और आपके पति को पता भी नहीं है की क्या हो रहा है | और आपकी सास अपना मुन्ना समझ कर हॉट हॉट बातचीत करे और अपनी पिक्स भेजे जिससे उनके बीच भी ice ब्रेक हो | और फिर आप राजीव को चैट दिखा दे और आगे राजीव खुद चैट करे | बाकी तो आप इतनी बड़ी राइटर है , मैं क्या कहूँ | योर रीडर सींचे 2008.
आप भी कुछ इसी तरह की थीम पर कहानी लिखें..
 
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motaalund

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बचपन में जो बहना अपने भैया की गोद में खेली थी

आज वही छोटी बहना भैया ने अपने लंड से पेली थी

बचपन में जो भैया बहना के लिए लॉलीपॉप है लाता

आज वही भैया उस बहना को अपना लंड है चुसवाता

रूठी बहना देखके विचलित हो जाताथा जिसका मन

आज उसकी बहना की चूत में डाल रहा है अपना लन

जिस प्यारी बहना से आजतक उसने राखी है बंधवाई

उसी नटखट बहन की पूरी रात ही हुई है आज चुदाई

बचपन में नहीं थकती थी वोजिसको कहते कहते भैया

उसके लंड पर कूद रही है मन से मान के उसको सैया

डॉक्टर की छोटी सी सुई से जो लड़की थी डर जाती

भैया का मोटा लंड लेने से अब वो कभी नहीं घबराती

जिस भैया ने खाई कसम करेगा योवन की रखवाली

आज उसी भैया को बहना ने अपनी गांड भी है दे डाली

भैया की छुई चीज को लेने से जो करती थी अनाकानी

आज उसी भैया के लंड से निकला वो पीगई पूरा पानी
वो लॉलीपॉप तो कुछ देर में खत्म हो जाता था...
लेकिन ये लॉलीपॉप तो निराला है..
कभी न खत्म होनेवाला....

सचमुच बेजोड़...
 

motaalund

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Yaha tak tu pdf bhi hai is story ki
कहानी अभी आगे और भी थी...
कॉर्पोरेट वार.. की शुरुआत हो चुकी थी कि फोरम बंद...
उसके बाद किसी ने PDF बना कर अपलोड किया था...

लेकिन ये प्रसंग पिछली बार इस तरह नहीं था...
बल्कि बहुत कुछ नया जोड़ा है...
 
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motaalund

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एकदम सही कहा आपने, और कमेंट देने वाले की प्रायरिटी पर डिपेंड करता है, अगर उसे १०० कमेंट करने हैं तो शुरू कहाँ से करता है,

आखिर मैं भी तो तीन कहानी एक साथ लिख रही हूँ, पोस्ट कर रही हूँ और कुछ कहानियों पर नियमित कमेंट्स भी देती हूँ,

अगर व्यूज न हो, कमेंट न हो, तो लिखने का फायदा ही क्या,
बस आपकी कहानियों के लिए..
किसी न किसी बहाने टाईम निकाल हीं लेता हूँ.
 
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