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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३०

रात भर मस्ती- बारी ननदिया गुड्डी

29,62,275



घर पहुँचते ही ,



कल रात की तरह आज भी लिविंग रूम में रीनू और गुड्डी वाल टू वाल गद्दे लगाकर गयीं थी , एक टेबल पर ड्रिंक्स का सामान भी मौजूद था ,... सोफे कुर्सियां किनारे ,

और गुड्डी ने सबसे पहले अपने भइया को धकेल कर गद्दे पर , बचपन में भाई बहन जिस तरह की धींगामस्ती करते हैं उसी तरह एकदम ,

और उन्होंने भी गुड्डी को अपने ऊपर खींच लिया , रीनू उनकी साली भी अपने जीजू की रगड़ाई में गुड्डी के साथ आ गयी मैदान में ,



जो होना था वही हुआ , थोड़ी देर में इनके कपडे कमरे के चारो तरफ बिखरे पड़े थे ,

और कुछ देर में गुड्डी और रीनू के कपडे भी उनके साथ , ... गुड्डी ने रीनू से सीख लिया था मर्द को कैसे काबू में किया जाता है , बस ऊपर चढ़ कर उस किशोरी ने उनके दोनों हाथ पकड़ कर , उन के सर के नीचे ,

" हिलना मत भैया " उनकी बहना बोली। " अगर हिले तो बहुत पिटोगे , और रात भर उपवास करोगे सो अलग। तेरी बीबी नहीं आएगी बचाने। "


मैं सच में क्यों आती बचाने , मैं तो अपने दोनों जीजू की गोद में बैठी सोफे पर मस्ती कर रही थी ,

और इन्हे दोनों ने बाँट लिया ,

नीचे का हिस्सा गुड्डी के हिस्से में पड़ा , ऊपर का रीनू के ,

गुड्डी को मालूम था जब से वो जवान हुयी थी , उसके कच्चे टिकोरों ने उसके भइया को , ... बस उन्ही दोनों जुबना का उसने सहारा लिया ,....

और सीधे तलुओं से , अपने दोनों उभार हलके हलके उनके तलुओं से उसने सहलाया , ... जैसे किसी ने मैग्नेटिक लेविटेशन मास्टर कर लिया हो , बस उसके उभार , गोल गोल , गोरे गोरे कड़े कड़े , ...




उसके भइया के पैरों पर सहलाते हुए सीधे ऊपर तक ,

किसी इंटर वाली लड़की के गदराये कच्चे उभार देह से रगड़ेंगे , सहलायेंगे तो क्या होगा , आपके साथ,... बस वही इनके साथ भी हुआ

ऊपर से इनका पुराना माल ,...

झंडा एकदम खड़ा ,...

लेकिन गुड्डी के उभारों ने उसे इग्नोर कर दिया ,

सही किया,... दो साल तक तो इन्होने भी उस बेचारी की कच्ची अमिया को ऐसे ही इग्नोर किय न कभी रगड़ा न मीजा। वो देर तक उनके ऊपर झुकी , जैसे फल से लदी शाख कोई खुद ही झुक कर , ... उसी तरह उसके जोबन इनकी जाँघों के ऊपर रगड़ रगड़ रहे थे फिसल रहे थे ,

बस जैसे गलती से उसके निप्स , खड़े कड़े , गोल्डन रिंग से घिरे ,... इनके आलमोस्ट खुले सुपाड़े से टकरा गया और

उन्हें जोर का झटका जोर से लगा , ....

एकदम तन्नाया बौराया ,

पर गुड्डी के उभार उड़ कर जैसे सीधे उनके पेट को छू रहे थे , सहला रहे थे , और जो काम गुड्डी के पथराये उभार कर रहे थे

वही रीनू के होंठ कर रहे थे , ... पहला चुम्मा पलकों पर , और उनकी आँखे उनकी साली ने अपने होंठों मुंदवा दीं।


फिर रीनू के होठ सरकते हुए उनके गालों पर , ...

जैसे कोई तितली बाग़ में उड़ती फिरे , कभी इस फूल पर , कभी उस फूल पर , कभी थोड़ी देर बैठे , कभी बस छू के उड़ जाय

वही हालत उनकी साली के होंठों की हो रही थी ,

कुछ देर तक उनके ईयर लोब्स पर रीनू के होंठ थे ,




तो अगले पल जीभ से उनके शोल्डर ब्लेड को जस्ट हलके से मेरी बहन ने लिक कर लिया ,

दोनों के बीच , गुड्डी और रीनू के बीच ,जैसे सरोद और सितार की जुगलबंदी चल रही हो, दोनों को मालूम हो की अगला सुर कौन सा होगा , कब ठहराव होगा और कब सीधे मन्द्र से द्रुत पर

जब गुड्डी के निप्स 'एक्सीडेंटली ' इनके खूंटे के खुले सुपाड़े से टकराये ,


उसी समय रीनू के होंठ उसके जीजू के छाती पर , इनके दोनों मेल टिट्स पर ,... और अबकी देर तक वो लिक करती रहे , और कचकचा कर बाइट कर लिया , वो चीख उठे , मजे से ज्यादा , ... दर्द से कम ,.. पर रीनू ने एक चांटा इनके गाल पर जड़ दिया ,

अगले दस मिनट तक तीनों चुप रहे , बस उनकी देह बोलती रही , साथ में ताल दे रही कभी गुड्डी के पायल की रुनझुन तो कभी रीनू के चूड़ियों की चुरूरमुरुर

देह उनकी उसी तरह बंटी रही ,

ऊपरी आधे हिस्से पर मेरी बहन उनकी साली काबिज थी और निचले आधे हिस्से पर , उनकी बहन , मेरी ननद ने हमला बोल रखा था।

लेकिन अब यह हमला ऑल राउंड अटैक हो गया था , गुड्डी के सिर्फ उरोज ही नहीं , उसकी लम्बी लम्बी किशोर उँगलियाँ , रसीले होंठ और यहाँ तक की उसकी चुनमुनिया भी ,... और रीनू तो पक्की शेरनी थी , एकदम जबदरस्त खिलाड़ी , एक तरुणी , एक किशोरी और दोनों के बीच दबे कुचले जा रहे थे ,

एक के भैय्या , एक के जिज्जा जी।

कौन कहता है की सिर्फ ;लड़कियों की सैंडविच बन सकती है , मेरे सामने इनकी बन रही थी , लेकिन इनकी फेवरिट फैंटेसी भी थी यह ,...
 
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komaalrani

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गुड्डी -गुड्डी के भैया
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अब गुड्डी ने सीधे इनके तन्नाए बौराये खूंटे पर ही धावा बोल दिया। पहले तो अपने टीनेज होंठों से हलके हलके लिक किया ,

फिर जीभ निकाल कर के पेशाब के छेद को चाटा , सुरसुराय , ... जैसे पूछ रही हो क्यों , भैय्या कल पिलाओगे अपनी छोटी बहन को बेड टी , या ऐसे बातें ही बातें,


,... फिर मांसल सुपाड़ा उसके होंठ के बीच ,



लॉलीपॉप चूसने चुभलाने की उसने बहुत प्रैक्टिस की थी , बस उसी की नुमाइश , ... साथ साथ उसके दोनों कोमल हाथ भी मैदान में , एक से हलके हलके डंडे को मुठिया रही थी तो दूसरे से , कभी उनके बॉल्स को सहलाती तो कभी उनके पिछवाड़े की दरार में हलके से ऊँगली से सहला देती।

कुछ देर बाद दोनों कच्ची अमिया भी मैदान में आ गयी ,

टिट फक उसने अच्छी तरह सीख लिया था , दोनों कच्ची अमियों को जिसे देख कर ही इनका तन्ना जाता था , वही तन्नाया डंडा उन्ही कच्ची अमियों के बीच , ...




सुपाड़ा निकला , खुला पूरी तरह से और झुक कर वो किशोरी कभी जीभ से बस छू देती तो कभी होंठों के बीच जम कर चूसती ,
साथ में एक हाथ अब कस कर उनके बॉल्स पर दबा निचोड़ रहा था और दूसरा हाथ ,गुड्डी की उँगलियाँ गांड में सेंध लगाने की कोशिश कर रही थीं ,

गच्चाक ,.... पहले एक ऊँगली

गच्चाक , गच्चाक दूसरी ऊँगली भी उनकी गांड में ,

आखिर कल से पांच बार तो वो इस बिचारी , अपनी सीधी साधी , इंटर वाली बहिनिया की गांड मार चुके थे , तो वो क्यों नहीं ,...
एक जस्ट जवान होती मस्त इंटर की लड़की , टिट फक , सुपाडे की चुसाई और पिछवाड़े ऊँगली साथ साथ करे तो क्या होगा ,

लेकिन वो अकेले थोड़ी थी साथ में थीं उसकी मस्त भाभी , इनकी साली।

और वो तो और खेल खिलाड़ी का टाइप ,... अपनी बड़ी बड़ी ३४ डी डी साइज की गोरी कड़ी चूँचियाँ कभी उनकी छाती पर रगड़ती तो कभी उनके होंठों पर और कभी अपने निप्स उनके लिप्स के बीच में जोर जबरदस्ती करके पुश कर देती ,


पर डायरेक्ट ऐक्शन वाली , ... सीधे अपनी गुलाबो अपने जीजू के मुंह पर ,...

उनके हाथ अभी भी उनके सर के नीचे दबे आँख बंद ,

" चाट स्साले चाट ,... क्यों किसने सिखाया है तेरी रंडी माँ ने जिसके भोसड़े से निकला है तू , ... बचपन से लगता है अपना भोसड़ा चटवा चटवा के प्रैक्टिस करवाई है उस रंडी छिनार ने , बोल छिनार के पूत, "




लेकिन वो बोलते कैसे , उनके मुंह पर तो उनकी साली का नीचे वाला मुंह , चिपका एकदम सील बंद ,

हाँ होंठों से जबरदस्त चूस रहे थे , चाट रहे थे , अपनी जीभ अपनी साली की बुर में डाल कर अंदर बाहर , गोल गोल , क्या कोई लंड से चोदेगा , जिस तरह उनकी जीभ चोद रही थी ,

पर स्साली भी न , थोड़ी देर में शहद का छत्ता हटा दिया और गांड की थाली परस दी ,

चल अब इसको चाट , हाँ जीभ अंदर पूरी , अरे तेरी बहन को तो अच्छी तरह चखाया , खिलाया कल तेरी बारी। और अंदर घुसेड़ , शाबास, एकदम अपनी बहन की तरह आज उसे पचा पचाया खिलाया , पेट भर, बाथरूम के अंदर , कल तुझे ,... "

नहीं नहीं ये बेईमानी है , जो कुछ भी होगा पंचो के सामने , जंगल में मोर नाचा ,... मैं बड़ी जोर से से चिल्लाई ,बहिनिया को भी बहिनिया के भाई को भी सब पंचो के सामने और फोटो अलग से

" चल यार कोमलिया तू भी क्या याद करेगी , कल सब काम तेरे सामने ,... " रीनू अपने जीजू के मुंह पर अपनी गांड जोर जोर से रगड़ते बोली।

सच में उनकी जीभ आधे से ज्यादा उनकी साली के पिछवाड़े घुसी थी , और सपड़ सपड़

" मादरचोद , क्या मस्त गांड चाटता है , ये भी तेरी उस भोसंडी वाली रंडी , ... जिसके भोंसडे से तू निकला है उसी ने बचपन से चटवा के सिखाया था क्या ,...हाँ चाट अभी चख , कल छक के तेरी इस रंगीली कोमलिया के सामने वरना फिर चिल्लायेगी , जंगल में मोर नाचा ,"

और जब वो हटी तो उनकी बहन के होंठ , ऊपर वाले ही साथ में वार्निंग


" भैया होंठ खुले रखना , नहीं नहीं बेड टी नहीं ,,,,, वो तो कल सुबह पिलाऊंगी प्रॉमिस पक्का , एकदम असली वाला , और बड़ा मुंह खोलो न ,..."

और मेरी बहन अपनी कसी चूत उनके खड़े लंड पर रगड़ रही थी ,... विपरीत रति ,...
 
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komaalrani

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मस्ती ही मस्ती- ननद भौजाई



एक झटके में पूरा सुपाड़ा उनकी साली के बिल ने घोंट लिया ,

और उस के साथ उनकी बहन जो आधे घंटे से जोड़ा पाना मुंह में रचा घुला रही थी ,
पान का रस , एक एक बूँद फिर लार सी , एक धागे सी ,... गुड्डी के होंठ से , उसके भइया के होंठों के बीच ,

गुड्डी के थूक में घुले , मिले लिथड़े पान के टुकड़े , ...और फिर गुड्डी ने अपने होंठों से अपने भइया के होंठ सील कर दिए


उधर उनकी साली ने जोर जोर के धक्के मारे , आधे से ज्यादा खूंटा अपनी बिल में


जब तक पान का सारा रस उसके भैया ने घोंट नहीं लिया ,


गुड्डी के होंठ चिपके रहे ,

एक जोड़ा पान उनकी साली के मुंह में भी था ,



अब गुड्डी के होंठ हटने के बाद वो भी

बूँद बूँद , फिर लार , एक धागा सा पान का रस ,...

एक जोड़ा पान का वियाग्रा के फूल डोज से ज्यादा असरदार था और उनके मुंह में तो बहन और साली के रस से घुले दो जोड़े पान के रस ,

ये राउंड सोलो ही था



रीनू तो अपने जीजू के साथ चालु ही हो गयी थी ,


गुड्डी को अजय ने



और



मैं कमल जीजू के साथ, एकदम सही सोचा आपने, मेरे पिछवाड़े उनका फेवरिट छेद




उसके बाद डबलिंग

मेरे साथ कमल और अजय

और गुड्डी के साथ ये और कमल जीजू




हाँ रीनू ने तो जैसे एक जिज्जा व्रत ले रखा था इसलिए और कोई नहीं ,

गुड्डी की तो ट्रिपलिंग भी हुयी , ये गुड्डी के मुंह में , कमल जीजू , पिछवाड़े और अजय आगे



लेकिन सैंडविच और गुड्डी की ट्रिपलिंग के बीच लड़कों को ब्रेक देने के लिए ,... मैंने, रीनू ने स्ट्रैप ऑन से गुड्डी की सैंडविच बनाई।


मैं आगे पिछवाड़े का इलाका रीनू के पास। पूरी रात मस्ती

रीनू दस दस इंच के दो सुपर स्ट्रैप ऑन , जायंट्स ले आयी थी एक लाल , एक काला ,




एकदम डिब्बा बंद ,..

( पहले तो मुझे लगा १० इंच , ये कल की लौंडिया ,.... फिर मुझे लगा जावेद जिसका वो मुठिया भी चुकी है , इसके फेसबुक पेज में है उसकी फोटो तो अब मेरे भी मोबाइल में है , पूरे ११ इंच का बम्बू , ..और नापते हुए ,... रानी ने बोला भी है ,... गुड्डी रानी पर पहली चढ़ाई पार्टी में यही बम्बू करेगा )

डिब्बा भी खोला गुड्डी ने , रैपर भी , और रीनू ने दोनों को चटवाया भी गुड्डी से ,

कर दे चिकना , और कुछ नहीं लगाने वाली तेरी भाभियाँ , .... बोली वो ,


और हम दोनों ने गुड्डी के , तीनो लड़को के सामने ही वो स्ट्रैप ऑन बांधे , उन्हें दिखाते चिढ़ाते ,





और एक बार फिर इनकी ममेरी बहन , कुतिया बनी घुटनों पर झुकी मेरे सामने , मेरी जाँघों के बीच बंधे स्ट्रैप ऑन को कस कस के चूस रही थी , और मैं गालियां देती हुयी उसके बाल खींचती हुयी मुंह में ठेल रही थी ,

" चल रंडी की , ... चूस स्साली वरना इसी से तेरी भाई की गांड मारूंगी ,... भाई चोद , मेरे भाइयों को रखैल ,... चूस कस कस के "

ये मुस्कराते हुए देख रहे थे , क्लिक क्लिक अपने मोबाईल से खींच रहे थे ,


और मुझे शादी के बाद का अपना पहला दिन याद आ रहा था , सुहागरात से पहले का , जब ननदें भाभियों को छेड़तीं है , सुहागरात की बातें सुना के डराती चिढ़ाती हैं , ये मुझे ज्ञान दे रही थी ,

" भाभी आप मेरे भैया को जानती नहीं है , आज ही तो आयी हैं , मैं बात दूंगी आप को सब उन के बारे में उन की पसंद नापसंद , मुझे से अच्छी तरह समझ लीजियेगा , वरना,... "

मैं बस एक चीज जानती थी ये जो लड़का है मुझे अच्छा लगता है , मुझे खूब प्यार करता है , और दुनिया इधर से उधर हो जाए मैं उसे छोड़ने वाली नहीं

और रहा ननद का सवाल , तो वो जो काम हर भाभी जवान होती ननद के साथ करती है , वो मैं भी करुँगी। बस।

और उस के बाद रीनू का ,... रीनू ने काले रंग का दस इन्च वाला बाँध रखा था , और मैंने लाल।

खींच कर गुड्डी को अपने उस सुपर डिलडो पर रीनू ने चढ़ाया , और एक बार चार पंच इंच घुस गया तो मैं पिछवाड़े ,


अभी भी ऑलमोस्ट कोरा ही ,

डा. गिल ने बोला भी था , मेरी ननद की बुरिया , दो चार बच्चे जन के भी भोंसडे वाली कभी नहीं होगी , कसी की कसी रहेगी ,.. और वही हालत पिछवाड़े के छेद की थी।


मैंने जान बूझ कर पहला धक्का ही पूरी ताकत से मारा , मेरी बड़ी पुरानी इच्छा थी , इनके सामने इनकी बहन की गांड मारने की , जिस दिन मैं शादी के बाद घर में आयी थी इनके , सुहागरात के पहले ही , जब मेरी ननद ने मुझे ज्ञान दिया था तभी ,...


"उईईईईई , उईईई " क्या चीखी वो।
नीचे से रीनू बोली ,

" कोमलिया क्या हलके से ,... अरे हमारी ननद गदहे के गली वाली है , एलवल की , ... इसे तो गदहे का भी घोंटना है , उन्ही गदहों का तो लटका हुआ देख देख कर ये जवान हुयी है , वही सोच सोच के , हमारी ननद झांटे आने से पहले से ऊँगली करती थी , मार कस के , इसके मायके तक सुनाई दे ,"



रीनू मेरी बड़ी बहन थी , उसकी बात टालने की मेरी हिम्मत ,... बस थोड़ा सा बाहर निकल कर मैंने एक बार फिर और जोर का धक्का मारा ,

" उईईई उईईई उईईईईई , उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ " चीखी ननदिया , आँख में उसके आंसू तैरने लगे , ... "

और मैंने जोर से अपने लम्बे नाख़ून उसके निप्स पर एक साथ गड़ा दिए , साथ में तीसरा धक्का , सात इंच अंदर

अबकी तो लगा वो बेहोश हो गयी , चीखती रही सुबकती रही , आंसू का कतरा उसके चिकने गाल पर ,

और नीचे से रीनू ने आंसू चाट लिया और उसके गाल कचकचा के काट लिए , फिर साथ साथ दोनों ओर से डबल चुदाई।

" हाँ कोमल हाँ , ...पेल और पेल ,... " पहले कमल जीजू की आवाज सुनाई पड़ी , फिर उनकी भी ,

बस मैंने अगले धक्के में जड़ तक


ननद चीख रही थी चिल्ला रही था , पर ननदों का काम चीखना चिल्लाना है ,... और स्ट्रैप ऑन में कोई झड़ने का डर भी नहीं , इसलिए लगातार बार बार , आधे घंटे तक ,

गुड्डी रानी लेकिन रोते चीखते भी दो बार झड़ी ,

हमने डिलडो निकाल लिए , पर यह बात तीनों लड़कों को पसंद नहीं आयी , तीनो चीखे ,

पर उन्हें नहीं मालूम था की हम सिर्फ साइड चेंज कर रहे हैं , अब मैं अपनी ननद की चूत चोद रही थी , और उस की मीठी भाभी गांड

और रीनू तो ननदों की गांड मारने में एकदम बेरहम , दस मिनट में ही उसने उतनी चीखें निकलवा दीं , जितनी मैंने आधे घंटे में निकलवाई थीं।

एक बार फिर रीनू हटी ,

गुड्डी की गांड को कुछ आराम मिला , लेकिन अब उसकी बुर की बुरी हालत होने वाली थी ,

रीनू एक जायंट वाइब्रेटर लायी , उसका हेड एक बड़े नॉब की तरह पल्सेटिंग ,

गुड्डी बिचारी उसकी हुडोक्टोमी हो चुकी थी ,...क्लिट एकदम खुली


हम दोनों ने अब गुड्डी को पीठ के बल लिटा दिया , एक बार फिर मैंने अपना डिलडो गुड्डी की बिल में , तीन उँगलियाँ गुड्डी के पिछवाड़े ,.


..
 
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रीनू और गुड्डी


और रीनू ने वाइब्रेटर गुड्डी के क्लिट पर और अपनी गांड गुड्डी के मुलायम रसीले होंठों पर ,

हाँ बैठने के पहले रीनू ने अपने जीजू को दिखा के अपने बड़े चौड़े चूतड़ फैला लिए थे , और खुला छेद सीधे उनकी ममेरी बहन के मुंह पर , रीनू ने जोर से उसकी नाक दबायी और बोला।


" सुन छिनार , एक मिनट के लिए भी तेरा मुंह बंद हुआ न , तो ये तेरे नथुने और टेंटुआ दोनों दबा दूंगी , कोमलिया की तरह कोमल दिल वाली नहीं हूँ मैं। "

गुड्डी ने जोर से अपना मुंह खोल दिया , और रीनू के पिछवाड़े अपनी जीभ ,...


" यार सबेरा होने वाला है , कुछ गड़बड़ सड़बड़ हो जाए तो बुरा मत मानना ,... चल चूस कस कस के "

और अपने पिछवाड़े से रीनू ने यह बोलते हुए गुड्डी बाई का मुंह सील कर दिया।

और तूफ़ान शुरू हो गया। मैं जोर जोर अपनी कच्ची जवानी वाली ननदिया की बुर अपने सुपर डिलडो से चोद रही थी , और साथ में तीन उँगलियाँ उसकी गांड में धंसी , ... हचक हचक के ,

कस के उसकी कच्ची अमिया काटती मैं बोली ,

" तू क्या सोचती है , तेरे भइया ही तुझे चोद सकते हैं , अरे तेरी भाभी न सिर्फ तुझे बल्कि तेरे सारे खानदान को ,... "

और उसी समय , रीनू ने उस वाइब्रेटर की नॉब गुड्डी के एक्सपोज्ड क्लिट पर रख दी ,

बेचारी न चीख सकती थी न चिल्ला सकती थी , उसका मुंह उसकी मीठी भाभी के चौड़े चूतड़ों से दबा कुचला था और जीभ उसकी रीनू के पिछवाड़े गोल गोल


मैं हचक हचक कर अपनी जवान हो रही ननदिया को चोद रही थी , १० इंच के डिलडो से , मेरी तीन उँगलियाँ साथ साथ उसकी गांड मार रही थीं ,

मेरी बहन की गांड मेरी उस ननद के खुले मुंह से चिपकी , चटवा चुसवा रही थी , ...

और अब वाइब्रेटर सीधे एक्सपोज्ड क्लिट पर ,


वो कांप रही थी , जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी , दर्द से नहीं मजे से ,

दो ,... चार ,... पांच ,.... पांच मिनट के अंदर पांच बार झड़ी वो ,

मैंने रीनू के खिलौने के डब्बे पलट दिए , और उसमें से वाइब्रेटिंग निप क्लैम्प ,...

गुड्डी बाई की चूँचिया मजे से एकदम पत्थर हो गयीं थी , निप्स कड़े ,...



" बहोत मजा आ रहा है न , अभी और आएगा , .... " दुलार से उसके जोबन स्पैंक करते मैं बोली और फिर एक निप क्लैम्प उस किशोरी के कड़े निप्स पर , ...

और उसी समय रीनू ने एक पल के लिए अपने चूतड़ ऊपर किये

" उईईई ,.... उईईईईई " जोर से गुड्डी चीखी , पर रीनू ने एक बार उसके भइया को दिखा के अपने बड़े गोलकुंडा के छेद को फैलाया ,और सीधे गुड्डी के खुले मुंह पर ,

डांट पड़ी मुझे ,

" क्या कोमलिया ,... तू भी , इस रंडी गुड्डी बाई को एक से क्या मजा आएगा , और खुद रीनू ने दूसरा निप क्लैम्प भी गुड्डी बाई के दूसरे निप पर ,...


वो मचल रही थी , तड़प रही थी , चूतड़ पटक रही थी ,दर्द से भी मजे से भी ,

क्लिप्स वाइब्रेटिंग थे इसलिए उसके दोनों निप्स फ्लिक भी हो रहे थे ,, इसी लिए , दर्द के साथ मज़ा भी ,...

पर थोड़ी देर बाद सब खेल खिलौने हट गए सिर्फ रीनू के होंठ ,

अब उस सुपर डिलडो से मैं चोद रही थी और गुड्डी की गुलाबी थरथराती कांपती गीली जादुई बटन पर रीनू के होठ ,जोर जोर से चूसते

पिछवाड़े घुसी मेरी उँगलियों ने और उँगलियाँ महसूस की

मेरी तीन उँगलियों के दो उँगलियाँ रीनू की भी गुड्डी बाई की गांड में ,... गपागप गपागप ,...

दस बारह मिनट इसी तरह , बीच बीच में मैं लड़कों की ओर देख रही थी

वो इस तरह देख रहे थे की जैसे , कभी लड़की देखी न हो ,

लालची नदीदे ,

तीनों के खूंटे एकदम तन्नाए , जबकि थोड़ी देर पहले ही अभी दो राउंड ,... इन्होने अपनी साली और मेरी ननद गुड्डी के के साथ

और अजय और कमल जीजू ने मेरे और गुड्डी के साथ


और सब से ज्यादा भूखे तो यही लग रहे थे गुड्डी को देख कर

जब मैंने और रीनू ने गुड्डी को छोड़ा , पूरे चालीस मिनट तक हम दोनों बहनो ने मिल कर इनकी बहन की रगड़ाई की थी ,

गुड्डी एकदम थेथर ,


जैसे बच्चे मन भर खेलने के बाद , गुड़िया जमीन पर छोड़ देते हैं , एकदम वैसी ही

बस चुपचाप लेटी आँखे बंद किये , थकी हारी ,... गद्दे पर पड़ी ,



लेकिन छोड़ने के पहले रीनू ने इशारे से अपने जीजू को बुलाया और

गुड्डी के पिछवाड़े से निकली पांच उँगलियाँ , तीन मेरी , दो उनकी साली की

सीधे गुड्डी की गांड से इनके मुंह में ,





और आगे की बात अनाउंस कर दी रीनू ने ,
 
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गुड्डी का गैंग बैंग

==


और आगे की बात अनाउंस कर दी रीनू ने ,

लेना है इस माल को तुम तीनो को , लेकिन मैं पांच तक गिनती गिनूँगी उसके पहले घुसेड़ दो , वरना चांस कैंसल , और हाँ तीस मिनट तक लगातार , फुल स्पीड फकिंग , जरा भी स्लो हुए न तो इस डिलडो से मैं और कोमलिया तुम सब की गांड मार लेंगे , और उस के बाद अगले चौबीस घंटे तक ब्रम्हचर्य की सजा ,

रीनू के तीन बोलने के पहले ही गुड्डी के पिछवाड़े कमल जीजू ने ठोंक दिया था ,

और अजय ने आगे पूरा बित्ते भर का धकेल दिया था।

ये स्लो इसलिए हो गए की अपनी बहन के पिछवाड़े का रस हमारी उँगलियों से चाट रहे थे , लेकिन तीन बोलने के साथ ही रीनू ने उँगलियाँ निकाल ली , और इन्होने अपने बहन के बचे हुए छेद , मुंह में , अपना तन्नाया बौराया लंड डाल दिया ,...

जबरदस्त गैंग बैंग हुआ हमारी ननदिया का।मैं और रीनू दीवाल के सहारे मसनद लगाए मजे से गुड्डी बाई की चुदाई देख रहे थे ,

" यार क्या नाम बताया था तूने अपनी ससुराल की रेड लाइट एरिया की जहाँ तेरी सास ननदे जाती हैं रोज शाम को , ... " सीधे बोतल से दारु गटकती मेरी कमीनी बहन ने पूछा।



" कालीन गंज , क्यों ,... " मैंने पूछ लिया ,




पर मुझे मालूम था रीनू का इरादा , ...

" अरे यार ये गुड्डी बाई , देख कल से चुद रही है , तीन तीन मर्द और चेहरे पर सिकन भी नहीं , ऊपर से चूतड़ उठा उठा के धक्के का जवाब धक्के से ,... इसकी प्रतिभा का इस्तेमाल ... लेकिन छोड़ यार , आज जहाँ वो गयी थी , वहां भी तो ऑफर मिल रहा था , .... कोचिंग के बाद दो चार घंटे भी बैठ गयी न तो पैसा वसूल , मजे का मजा। " रीनू व्हिस्की मुझे पास करती बोली।

सच में गुड्डी को हम दोनों ने इतने थेथर आकर के छोड़ा था , फिर भी पांच मिनट में वो जस की तस ,... एकदम टनाटन , वैसे ही गरमाई चुदवासी , सच में कातिक की कुतिया मात।
कमल जीजू तो आज उस की गांड फाड़ने पर ही उतारू थे और इनका धक्का भी इनकी ममेरी बहन के हलक तक , ...

गैंग बैंग बड़ा टेढ़ा काम है, यहाँ तक की डी पी भी, जैसे सिंक्रोनाइज्ड डाइविंग या सिंक्रोनाइज्ड जिम्नास्टिक्स, जिसकी ली जाती है उसकी तो ऐसी की तैसी होती हैं लेकिन करने वालों को भी एक साथ दूसरे का ध्यान रखना पड़ता है। मेरी तो पिछली बार ही जीजू लोग जब आये थे, अजय और कमल जीजू ने कितनी बार मिल के,



अजय लेट के अपने खड़े खूंटे पे मुझे खींच लेता था, मैं भी मजे के साथ, उसके ऊपर चढ़ के, और एक बार मूसल आधा घुस गया तो अजय जीजू के दोनों हाथ मेरी कमर पे और मैं अपने बड़े बड़े चूतड़ मटकाते आगे पीछे, आगे पीछे होते साली होने का मजा लेती। दो चार मिनट के बाद, सरक के अजय का एक हाथ मेरे चूतड़ पे कस के दबोच के,


बस उसी समय कमल जीजू अपने मोटू को बस सटा देते, मेरे गोलकुंडा के दरवाजे को दोनों हाथ से कस के चियार के, अपना मोटा सुपाड़ा बस फंसा देते, आगे का काम अजय जीजू करते। दोनों हाथ अजय के मेरे नितम्बों पे, कस के उन्हें फैलाते और साथ में नीचे से पूरी ताकत से धक्का मारते,

और कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा अच्छी तरह मेरी गांड़ में फंसता, और एक बार जब सुपाड़ा गांड़ में धंस गया तो फिर अजय के धक्के रुक जाते थे और

कमल जीजू जबरदस्त पेलू, ऐसे जोरदार धक्के, रोकते रोकते भी मेरी चीख निकल जाती, आँख में आंसू छलछला जाते, और एक बार गांड़ का छल्ला पार हो गया तो फिर कमल जीजू रुक जाते और फिर दोनों लोग साथ साथ हलके हलके और मैं भी साथ देती



और ऐसा एक बार नहीं हुआ, कई पार पिछली बार,



लेकिन गुड्डी की हालत तो मुझसे भी ज्यादा खराब थी, एक तो वो स्साली तीन तीन मर्दो को एक साथ झेल रही थी, उसका बचपन का यार भी उसके मुंह में लंड पेले हुआ था।


फिर रीनू ने तीनो लौंडो को साफ़ साफ़ बोल दिया था, कस के रगड़ के लेनी है साली की। लेकिन गुड्डी थी भी तो खानदानी छिनार कई पुश्त की,



मैं जोड़ रही थी, ये इंटर वाली, अभी महीने भर भी न हुए थे जब इसने इंटर पास किया और पहली बार जिंदगी में इंटरकोर्स किया ,

और कल से आज तक गांड़ में दस लंड उतार चुकी थी। देखिये कल शाम को कमल जीजू ने अपने हलब्बी लौंड़े से इस स्साली की कच्ची कोरी गांड़ फाड़ी थी, उसके बाद उसके भैया ने अपना लंड अपनी बहिनिया की गांड़ में उतारा फिर अजय जीजू ने।

और आज सुबह से तो हद ही हो गयी, सुबह सुबह गुड्डी रानी ने अपने भैया के मुंह पे चढ़ के रीनू के कहने पे छुलछुल पिलाया, रात भर का इकठ्ठा और इस के बाद व्ही हुआ जो होना था। उसके भाई ने अपनी बहिनिया की गांड़ मार ली, फिर रीनू ने ऐसा गरमाया था दोनों को, उसके भैया ने किचन में खाना बनाते बांटे अपनी टीनेजर कच्ची उम्र वाली बहिनिया की गांड़ में मूसल तीन बार ठोंका।
अभी तक दस बार , ...उसकी कल शाम तक कोरी कसी गांड़ दस बार लंड का मजा ले चुकी थी





और उन सब से बढ़ के रीनू और मैंने उसकी दोनों भौजाइयों ने भाभी धर्म निभाते हुए मोटे मोटे डिलडो, उस स्साली की गांड़ में ठूंसे, मैंने तो कुछ आराम आराम से लेकिन रीनू ने कालूराम दस इंच का, कलाई से मोटा गुड्डी की गांड़ में जड़ तक, और जब औरतें चढ़ती तो है और जबरदस्त रगड़ाई होती है क्यों की उन्हें झड़ने का डर तो होता नहीं, और देख देख के तीनो लौंडे पागल हो रहेथे

तो अब गुड्डी रानी का गैंग बैंग हो रहा था तीनो मस्ताए थे, लेकिन तभी,



गुड्डी छिनार तो जितना वो तीनो मरद मिल के गरमाये थे उससे ज्यादा अकेले उसकी बुर और गांड़ में आग लगी थी, उसे भी खूब मजा आ रहा था। सिंक्रोनाइज्ड स्वीमिंग की तरह कभी अजय और कमल जीजू साथ साथ धक्के मारते एक सुर में तो कभी अजय रुक जाते और कमल जीजू पेंग मारते। उसी समय जब अजय रुका था और कमल जीजू ने कस कस के दो धक्के मार के अपना मोटा मूसल बाहर खींचा, मारे जोश के लंड खाने के लिए गुड्डी ने अपने चूतड़ से कस के धक्का मारा, बस रीनू को मौका मिल गया, उसने कमल जीजू को इशारा कर दिया,

" स्साली बड़ी लंड खोर है, जरा हचक के "

और मैं क्यों पीछे रहती, स्साली को फंसा के पटा के जेठानी के चंगुल से बचा के मैं लायी थी मैंने खुल के कमल जीजू को ललकारा,

" स्साली कल की लौंडिया, कमल जीजू आप को चैलेंज कर रही है, इज्जत का सवाल है, अपनी नहीं तो अपने इस हथौड़े छाप लौंड़े का तो ख्याल करिये, और मेरी भी, "




बस कमल जीजू को इशारा भी नहीं करना पड़ा, नीचे से अजय ने धक्के मार के पहले तो अपना लम्बा बांस उस गर्मायी टीनेजर की बच्चेदानी तक ठेल दिया, फिर अपनी बाहों से और दोनों टांगों से कस के लोहार की सिकड़ी की तरह जकड लिया अब वो एक इंच भी इधर उधर नहीं हो सकती थी।



और अब कमल जीजू ने अपना मोटा भाला थोड़ा और बाहर खींचा, गुड्डी के फैले हुए पैरों को अपने पैरों के बीच में फंसा के कैंची की तरह कस के जोर लगा के चिपका दिया, दोनों पैर, जाँघे सब फेविकोल से जैसे चिपकी हों और गांड़ की गली भी वैसे ही संकरी हो गयी, फिर पूरी ताकत से दरेरते, रगड़ते, धँसाते, पेलना ठेलना, शुरू किया। और अब सामने गुड्डी की गांड़ का छल्ला,

और कमल जीजू ने जो किया मेरा दिल दहल गया।

रीनू ने ही इशारा किया था, ऊँगली से दाएं की ओर का, बस सीधे सुरंग में ट्रेन गाडी घुसती जाए तो कोई बात नहीं लेकिन अगर दाएं बाएं मुड़ेगी तो सुरंग की दीवाल से टकराएगी, वही हुआ। लेकिन कमल जीजू की कमर का जोर, और छीलते चीरते, गांड़ के छल्ले के अंदर, और फिर दुबारा, तिबारा चौबारा उसी जगह पर, खुली चमड़ी पर रगड़ का अलग ही, मेरे साथ तो एक दो बार ही, गुड्डी के साथ दाएं फिर बाएं फिर ऊपर फिर नीचे, कम से कम दस बारह बार

और वो कुछ कर भी नहीं सकती थी, नीचे से अजय ने उसे कस के जकड़ रखा था और रीनू ने इन्हे भी हड़काया, " स्साले, मादरचोद, पेल बहिनिया के गले में हलक तक '




तो वो चीख भी नहीं सकती थी लेकिन दर्द से देह उसकी तड़प रही थी, छटपटा रही थी, लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी, बिना पैरों को फैलाये, कमल जीजू ने कस कस के गुड्डी की गांड़ मारनी शुरू की, उसकी पतली कमर पकड़ के, गुड्डी के भाई ने सर पकड़ रखा था और मूसल गले तक , अजय ने पीठ और कमर हाथ और पैर से दबोच रखी थी,

मारे दर्द के उस टीनेजर ने एक बार गलती से गांड़ सिकोड़ ली बस, कमल जीजू ने एक जोरदार हाथ गुड्डी रानी के पिछवाड़े, लौंडा मार्का चूतड़ पे, और उससे भी चौगुनी जोर से रीनू ने एक हाथ और गरजी



" स्साली ये गांड़ ले के आयी है मरवाने तो मरवा चुप चाप, जरा भी सिकोड़ने की कोशिश की तो टेंटुआ दबा दूंगी। "



गुड्डी के दोनों चूतड़ एकदम लाल लाल और संकरी गली में कमल जीजू का मेरी मुट्ठी के साइज का लंड, देख के इतना मजा आ रहा था

और दस मिनट के बाद जड़ तक लंड घुसेड़ के कमल जीजू रुक गए और नीचे से अजय जीजू ने उसी तरह बेरहमी से चोदना शुरू किया , और उसके बाद जब ये मुंह चोद रहे थे तो मेरे दोनों जीजू रुके, और कुछ देर बाद तीनो साथ

तीस नहीं पूरे चालीस मिनट तक गुड्डी बाई की धुंआधार तूफानी चुदाई , सटासट , गपागप

और जब तीनो लड़के झड़े गुड्डी बाई की गांड , चूत और मुंह में तो सिर्फ वहीँ नहीं , बल्कि अपनी पाइप निकाल कर गुड्डी की देह पर भी , ...

गुड्डी इसके पहले तीन चार बार झड़ चुकी थी ,

एक बार फिर वो उठने की हालत में नहीं थी , लेकिन मैं और रीनू सहारा देकर उसे बाहर ले गए ,

थोड़ी देर में मैं और रीनू अंदर आये

और रीनू ने अनाउंस किया ,

तुम तीनों एक कच्ची जवानी देखकर एकदम कल से , ... कित्ती बार बेचारी की गांड मारी इसलिए , अब गुड्डी का नंबर
 
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komaalrani

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और गुड्डी की बारी
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तबतक गुड्डी थोड़ा सा फ्रेश होकर , वाश कर के , अंदर आयी , एक लांग स्कर्ट पहने



और मैंने गुड्डी की स्कर्ट उठा दी ,

एक लम्बा मोटू स्ट्रैप ऑन वो अपने कमर पर बांधे थी

'बोल मेरी ननदिया किस की लेनी है ,"मैंने पूछा


और बिना एक पल सोचे उसने सीधे मेरे इनके , अपने भइया की ओर इशारा कर दिया ,

रीनू को बोलने की जरूरत नहीं थी , उसके हाथ काफी थे ,

साली ने तुरंत अपने जीजू को निहुराया और गुड्डी ने अपना ,... सीधे उनके पिछवाड़े ठोंक दिया।

रीनू पूरी ताकत से अपने जीजू को निहुराये रही ,
और क्या मस्त गांड़ मारा उस स्साली कल की छोकरी ने, कमल जीजू को भी गांड़ मारने में टक्कर दे रही थी, पहले तो स्ट्रैप ऑन के सुपाडे को उनके पिछवाड़े के छेद पे रगड़ा जैसे मरद सब करते है, बेचारी लड़की का /लौंडे का छेद दुबदुबाता रहता है स्साला मोटा अब अंदर गया तब अंदर गया, फिर आराम से धीरे धीरे उसने अपने भैया के पिछवाड़े का दरवाजा दूनो हाथों से कस के चियारा और पूरी ताकत से ठेल दिया,




मान गयी मैं अपनी ननदिया की कमर की ताकत को,

रोकते रोकते भी इनके मुंह से एक चीख निकल गयी,



अभी जिस तरह से हचक के रीनू ने गुड्डी स्साली की गांड़ मारी थी और उसके बाद कमल जीजू ने तो एकदम फाड़ के उसकी रख दी थी उस से गुड्डी ने खूब सीखा था, क्वविक लर्नर तो थी ही, फिर गीता ने ट्रेनिंग भी गजब की दी थी,

दोनों हाथों से भैया की कमर पकड़ के कभी प्यार दुलार से कभी खूब जोश से, हचक हचक के गांड़ मार रही थी, उनके फुदकते लंड को सहला रही थी, झुक के कभी उन्हें चूम लेती प्यार से तो कभी होंठों से उनके पीठ को सहलाती, और एक बार आधा से ज्यादा डिलडो बाहर निकाल के पूछा उसने

" स्साले, तेरी बहन दर्जा नौ से गर्मायी थी, तुझे अपनी कच्ची अमिया दिखाती थी और स्साले तूने उसे चोदने में पूरे तीन साल लगाया, बोल "





और एक धक्के में अबकी सब का सब डिलडो अंदर और जैसे रीनू ने गुड्डी के लौंडा मार्का चूतड़ पे कस के स्पैंक किया था एकदम उसी तरह



" गलती हो गयी " उनके मुंह से निकला।

" तो इसी गलती की सजा मिल रही है तेरी ली जा रही है और जो भाई अपनी बहन की लेने में देर करे न उसकी यही सजा है उसकी मार ली जाए। "



गचगच गचगच पेलते हुए गुड्डी बोली, और जोड़ा, " चल रोज तुझे सुबह छुलछुल पिलाऊंगी, बोल स्साले गांडू, पियेगा न "



" हाँ " वो मुस्कराते बोले।



और इस ख़ुशी में गुड्डी ने पूरा निकाल के एक झटके में पेल दिया और बोली, " बोल स्साले, मजा आ रहा है गांड़ मरवाने में गांडू "

और एक हाथ उनके पिछवाड़े, कस के चटाक
" हाँ " वो बोले और गुड्डी पोज बदल बदल के,

थोड़ी देर में वो पीठ के बल लेटे थे और गुड्डी जोर जोर से उनकी ले रही थी,



करीब आधे घंटे गुड्डी ने उनकी ली।
==

साढ़े चार बज चुके थे , जब हम सब सोये तो आज तीनो लड़के गुड्डी के ही साथ , गुड्डी का डिलडो अभी भी , सोते हुए भी उनके पिछवाड़े धंसा और कमल और अजय जीजू भी गुड्डी को पकडे हुए।

मैं और रीनू एकदम बहन की तरह चिपके सो रहे थे , जैसे जब जवानी हमारी चढ़ी , कन्या रस के सारे गुर हमने सीखे बस उसी तरह ,...

दो ढाई घंटे बाद मेरी निगाह खुली , देखा गुड्डी और उसके भइया , फिर से चालू थे, गुड्डी के भैया आराम आराम से साइड से अपने बहिनिया की ले रहे थे और वो सिसक रही थी, उफ़ उफ़ कर रही थी


फिर रीनू की नींद भी खुल गयी , अजय और कमल तो खर्राटे भर रहे थे।

रीनू की प्लानिंग बहुत सिम्पल थी, गुड्डी की खूब रगड़ाई हो आज रात में एकदम तक के थेथर हो जाये, ठीक से सो भी न पाए और कल जब तीनो मरद आधे दिन के लिए बाहर जाएंगे कमल जीजू के दोस्त के मेल टू मेल स्पा में तो तो हम दोनों बहने गुड्डी की जरा जम के लेंगी और फिर रीनू के सारे किंक , खिलौने,....



तो गुड्डी जित्ती थकी रहेगी, उसे तोड़ना उतना ही आसान रहेगा,

बिना बोले गुड्डी इनके ऊपर , उसकी रसमलाई इनके मुंह पर

और वो किशोरी अपने भइया को सुबह सुबह बेड टी पिला रही थी , सुनहला शरबत घल घल ,

एक बूँद भी बाहर नहीं ,


और फिर मेरी ननद को हम दोनों भाभियों ने भी बेड टी एकदम उसी तरह ,
ननद ने ज़रा भी छिनारपना नहीं किया सीधे से गटक गयी ,

कल तो वो सोने के ऐक्टिंग कर रहे थे , पर आज जगे टुकुर टुकुर अपनी बहन को ,...



हाँ उस के बाद वो भी , मेरे दोनों जीजू की तरह नींद की गोद में
 
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Premkumar65

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गुड्डी बाई और तीन भाई
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" तो चल अभी तेरा टेस्ट है, वो तीनो आएंगे लौंडे, एकदम पांच रूपये वाली सड़क छाप रंडी की तरह, बुला के उन तीनो को झाड़ दो और न तेरी बुर या गांड और बस दस मिनट में खड़े खड़े, " रीनू ने हँसते हुए उस को टास्क पकड़ाया

तब तक तीनो लड़के भी तैयार हो गए , रीनू गुड्डी को लेकर ड्रेसिंग टेबल पर बैठी थी ,

और उसी समय तीनो लौंडे आये, और रीनू ने उनको भी टास्क पकड़ा दिया था, अपने जीजू को और मेरे जीजू को भी वो सब भी, और मेरे जीजू अजय का भी हाथ था। वो और रीनू दोनों खूब रोल प्ले करते थे और दोनों ही किंक नहीं महा किंक वाले, पक्की जोड़ी, तो अजय ने भी कमल जीजू और इनको तैयार करने में,


लेकिन बाजी जीती गुड्डी ने,


क्या जबरदस्त आँख मारी गुड्डी ने, और हलके से ठुड्डी मोड़ के, जो नकली तिल रीनू पे बनाया था ठुड्डी पे, बस उसे पकड़ के, उस अदा से वो बोली की सेक्सी आवाज की उसके मायके की पुरानी सड़क छाप रंडिया भी मात खा जाये, वो अकेले सब ग्राहक पटा ले,

गुड्डी ने अपने गीले होंठों पे हलकी सी जीभ फिराई और अजय जीजू की ओर देख के बोली,



" चल स्साले तुम तीनो के लिए कंसेशन, दो के पैसे में तीनो को खड़े खड़े झाड़ दूंगी, ऐसी मस्ती साले तुम सबो को अपनी माँ बहन चोदने में नहीं आयी होगी, अरे पहले टेंट ढीली करो, तेरी बहन नहीं हूँ जो फ्री में चढ़वा लुंगी, धंधे का टाइम है, टाइम खोटा मत कर साले ( कमल जीजू को देख के उसने बोला )


और गुड्डी ने ज़िप खोल के अजय और कमल जीजू का खूंटा निकाल लिया, और हाथ में पकड़ के मसलते हुए बोली

" अबे सालों, पांच रूपये में इससे ज्यादा कुछ नहीं होता, अगली बार पैसे ले कर आना तो पूरी मस्ती दूंगी, पक्का, बाकी रंडियों के यहाँ बैठने में जो मजा मिलता होगा न उसका दस गुना,... एकदम अपनी बहन की चूत समझ के पेलो, "


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और हलके हलके मुठियाते हुए अपने भैया को देख के मचलते हुए, रसीले अंदाज़ में बोली,

" अबे भोंसड़ी के तुझे अलग से दावत दूंगी क्या चल खोल के मुंह में डाल दे, "

और क्या सेक्सी मुंह खोला, और हलके से जीभ फिराई, जिसका वियग्रा खाने से न खड़ा हो उसका भी खड़ा हो जाये, और साथ में रीनू से बोली

" अरे मैं तो इसकी पुरानी रखैल हूँ, इसलिए "

गुड्डी के मुंह से यह इकबाल सुन के मुझे कितना अच्छा लगा कह नहीं सकती और फिर एक साथ तीनो मरद


मान गयी मैं गुड्डी को, स्साली को गीता ने जबरदस्त ट्रेंड किया था,

गुड्डी की उंगलियां कमल और अजय जीजू के खूंटो को सीधे मुठिया नहीं रही थीं,

दोनों हाथों की उँगलियाँ, आराम आराम से कभी अपने अपने हिस्से के मूसल को छूतीं, कभी सहलातीं तो कभी लम्बे नाख़ून से बिच्छी की तरह डंक मार देतीं, और दोनों जीजू मेरे सिसक उठते। और फिर जब दोनों खूंटे एकदम तनतना गए, तो भी कभी वो कस के दबोच लेती तो कभी ढीला छोड़ देती और साथ में एक दो उँगलियाँ नीचे लटके बॉल्स की हाल चाल भी लेती रहतीं, यहाँ तक की गुड्डी के लम्बे पैर कभी किसी जीजू के टखने को सहला देते तो कभी पंजे से किसी के पंजे को दबा देती

और अपना बेस्ट उसने अपने बचपन के यार, असली भतार, जिसकी, उसने खुद कबूल किया की जिंदगी भर की रखैल है, उसके लिए।


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चूसने में तो उसका कोई जवाब नहीं था।

गुड्डी की हरकते देख के मैं ये सोच रही थी की स्साली पे अगर तीन मरद एक साथ भी चढ़ेंगे न, तो तीनो सोचेंगे सिर्फ वही उसको चोद रहा है। जो हालत उसकी है एक लंड में तो इस स्साली का काम चलना नहीं है। फिर यह सोच के मुस्करा रही थी की चलो कोचिंग वाली पार्टी में तो इस स्साली का गैंगबैंग होना पक्का है और वो भी एक बार नहीं बार बार होगा, तीन तीन चार चार एक साथ चढ़ेंगे तब मेरी इस टीनेजर ननद की जवानी असली खिलेगी, ,



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उस मस्त मुठ मारने का और चूसने का नतीजा ये हुआ की तीनो लौंडे, पहले मेरे दोनों जीजू, उसके मिनट दो मिनट बाद ये

लेकिन रीनू की प्लानिंग पक्की होती है,

क्या कोई होली की पिचकारी पकड़ेगा, दोनों पिचकारियों से सब की सब मलाई, गुड्डी बाई के चेहरे पे और जो थोड़ी बहुत बची वो गुड्डी ने अपने हाथ में खुद रोप के अपने चेहरे पे, रीनू के इशारे पर


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और जो गुड्डी के भैया की मलाई निकली वो सब, रीनू ने चोली खोल के गुड्डी के जोबना पे, और ऊपरी हिस्से पे यहाँ तक की थोड़ा बहुत गले और कंधे पे भी। दस पंद्रह मिनट में जितनी मलाई निकली सब की सब गुड्डी के चेहरे पर ,

जबरदस्त फेसियल किया रीनू ने उस टीनेजर का , ...



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हाँ आज पहली बार उसकी मांग में सिन्दूर भी पड़ा , ... रंडी बिना सिन्दूर के तो नहीं हो सकती और सिन्दूर दान किया उसके भाई ने सबसे पहले

आखिर रखैल किसकी थी, उन्ही की न, और मैंने शुरू में ही उन्हें बोल दिया था, इनके मायके जाने के पहले

" चल रही हूँ, लेकिन चल रही हूँ तेरे उस बचपन के माल के लाने को लिए और ये समझ लो, की आएगी तो है ही, लेकिन मैं उसे तेरी रखैल बना के रखूंगी और सिर्फ तेरी ही रखेल नहीं होगी, मैं भी मजे करुँगी उससे "

और अब तो गुड्डी ने खुद कबूल कर लिया था रीनू और मेरे दोनों जीजू के सामने की अपने भैया की तो वो जनम जिंदगी की रखैल बन के रहेगी


और थोड़ी देर में हम दोनों पिकचर हाल में पहुँच गए,


हाँ गुड्डी बाई तो रंडी थी, रंडी लग रही थी लेकिन वो तीनो लड़के भी कम लोफर नहीं लग रहे थे, शर्ट आधी निकली हुयी, एकदम रंग बिरंगी, बाल भी उसी तरह और मैं और रीनू भी एकदम मस्त बिंदास अंदाज में तैयार हुए थे और रस्ते में भी सब गुड्डी बाई, गुड्डी बाई, ड्राइव मैं कर रही थी, मेरे बगल में मेरे कमल जीजू और पीछे ये रीनू अजय और गुड्डी गोद में, अपने भैया की,





रीनू की शरारतें वहां भी जारी थीं ,

………………………………………….
Superb Komalji. Aap to laag hi samaa bandh deti hain.
 

Mass

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Thanks so much, worth the wait,

I always wait for your comments, thanks again for taking time from your schedule to comment

Thank You GIF by Mailchimp
I was also equally waiting for your response/comment to know if you liked it :)

Thanks for your kind words though...even I am waiting...I am sure, you know for what...

Thanks.

komaalrani
 
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