Shubam goel
New Member
- 51
- 118
- 33
Komal ji ek bar guddi or aapke pati ka zanam kaise hua hai wo update likh dijiye guddi kis ki padysi hai
Asli film to parde se bahar chal rahi hगुड्डी बाई -मस्ती पिक्चर हाल में
===
पिक्चर हाल में गुड्डी अजय के साथ , ये अपनी साली और मैं कमल जीजू के साथ ,.... हाल में तो बस आगे वाली सीटें भरी थी , ड्रेस सर्किल में में हमी लोग थे ,
सबसे ज्यादा मजे इनके और गुड्डी बाई के थे और सबसे ज्यादा दुरगत मेरी।
अजय सबसे किनारे और उनके बगल में गुड्डी बाई और फिर ये। मतलब गुड्डी के दोनों ओर,
और इनके एक बगल में उनकी बहना, गुड्डी बाई और दूसरी ओर साली, रीनू फिर कमल जीजू और दूसरे किनारे पे मैं।
और बदमाशी सबसे पहले , और कौन, शुरू करेगा, कमल जीजू फिल्म बस शुरू ही हुयी थी, और वो मुझसे बोले,
" कोमलिया, तेरी सीट पे कुछ प्रॉब्लम है जरा उठ देखता हूँ,"
और मैं जैसे उठी, उन्होंने खींच के मुझे अपनी गोद में,
और बात सही भी है , साली की सही जगह जिज्जू की गोद में है।
लेकिन मैं भी कोई ऐसी वैसी साली तो हूँ नहीं, तो बैठते बैठे मैंने पीछे से अपनी साड़ी साया कमर तक, और जीजू की पेंट तो पहले ही सरक गयी थी ।
तो अब बस उनके मोटू और मेरे चिकने चिकने कोमल कोमल पिछवाड़े के बीच में कोई बाधा नहीं थी, और कुछ उन्होंने फैलाया कुछ मैंने, तो पिछवाड़े की फैली दरार के बीच में कमल जीजू का मोटा औजार फंस गया। अब तो जीजू के इस मोटू से मेरे पिछवाड़े से इतनी दोस्ती होगयी थी, पिछले २४ घंटे में ही पांच छह बार घुस चूका था अंदर लेकिन न उसका मन भरता था न मेरे भूरे दरवाजे का।
कमल जीजू भी न बस, कमल जीजू ही थे।
आज हम तीनो, मैं, रीनू और गुड्डी एकदम चनिया चोली वाली चोली पहन के आये थे आलमोस्ट बैकलेस, बस एक धागे से बंधी
और उनके हाथों ने झट से मेरे कैद जुबना को आजाद कराया और सीधे अपने हाथों में और क्या कस कस के मसल रहे थे लेकिन मैं भी उन्ही के ग्रेड की साली थी मैं क्यों छोड़ती, मैं भी अपने चौड़े चौड़े चूतड़ जीजू के तन्नाए बौराये मोटू पे रगड़ रही थी।
लेकिन मजे सबसे ज्यादा ये और इनकी छिनार बहिनिया ले रही थी,
इनके दोनों हाथों में लड्डू और इनकी बहन के दोनों हाथो में भी ल से शुरू होने वाला अंग।
एक हाथ से ये अपनी बहन की छोटी छोटी चूँची दबा रहे थे तो दूसरे हाथ से अपनी साली की बड़ी बड़ी चूँची।
और गुड्डी बाई की दूसरी चूँची पे अजय का हाथ, दो दो मरद सिनेमा हाल में खुल के दोनों चूँची के मजे ले इससे ज्यादा कोई लड़की क्या चाहेगी
और रीनू भी खाली नहीं बैठी थी, अपने जीजू के औजार को पेंट से बाहर उसी ने निकाला और झुक के चुम्मा भी ले लिया।
और प्राइवेसी भी करीब करीब पूरी थी।
सामने की सीटों पर तो और खुल्लमखुला खेल हो रहा था। शुरू में बस दो चार लोग, लेकिन पिक्चर शुरू होते होते ४० -५० लोग हो गए थे , ज्यादातर आगे की पंद्रह बीस रो में और सब के सब जोड़ों में। किनारे की सीटें सबसे पहले भरीं, फिर दो चार लोग बीच की सीटों पर भी और खूब सीटी, हल्ला गुल्ला,
" अरे असली पिक्चर लगाओ "
और दस मिनट के बाद साफ़ था कोई ब्ल्यू फिल्म काट के, दो आदमी दो औरतें एक साथ, और जैसे ही वो पिक्चर चालू हुयी, तेजी से ज़िप खुलने की आवाजें और फिर आहा उईईई हाँ अरे आराम से, साफ़ था फिल्म देख देख के मुठ मारी जा रही थी, और उसी सिसकियों के बीच किसी आदमी की आवाज आयी,
" हे ऊपर वाला खोल न "
" उसका पचास अलग से लगेगा " किसी औरत की आवाज आयी।
" दे दूंगा, एक बार पकड़ने दे न " वही आदमी बोला।
" पहले पैसा निकाल " उसी औरत की आवाज आयी।
सामने परदे पे ब्लो जॉब का क्लोज अप आ रहा था और फिल्म की सिसकियों के साथ पिकचर हाल में भी सिसकियाँ बढ़ गयी थीं।
" हे जरा एक बार मुंह लगा दे न " किसी आदमी की आवाज आयी और तुरंत जवाब आया, " उस का चौगुना लगता है, पहले १०० की पत्ती निकाल और कंडोम लगा ले "
परदे पर का चूसने का सीन था, या हाल का डायलॉग,.... रीनू ने गुड्डी का सर पकड़ के गुड्डी के भैया के खड़े तन्नाए लंड पे झुका दिया और उस ने न १०० का पत्ता माँगा न कंडोम लगाने की जिद की, बस चुसूर चुसूर चूसने लगी,
अजय की दो उँगलियाँ गुड्डी की बिल में घुसी हुयी थीं। और ये अपनी साली के साथ चुम्मा चाटी कर रहे थे।
गुड्डी मल्टी टास्किंग में एक्सपर्ट थी, चूस वो अपने भैया का रही थी लेकिन मुठिया अजय का रही थी।
पर कुछ देर बाद इनकी साली ने अपने जीजू के खूंटे को मुंह में ले लिया और गुड्डी का पूरा ध्यान अजय के ऊपर,
आगे परदे पर ब्ल्यू फिल्म ख़तम हो गयी थी और देखते देखते आधा से ज्यादा सीटें खाली, पर थोड़ी देर में वहीँ रंडिया वापस लेकिन मर्द बदल गए थे और पंद्रह बीस मिनट में जब दोबारा ब्ल्यू फिल्म चलने लगी तो फिर पहले की तरह, मुठ मारना, सिसकिया और इंटरवल के पहले आधे से ज्यादा लोग चले गए।
लेकिन हम लोगो की मस्ती पे कोई फरक नहीं पड़ रहा था, और साथ में हम दोनों बहने अपनी ननद को छेड़ भी रही थीं, चिढ़ा भी रही थीं। रीनू सामने चल रही ब्ल्यू फिल्म को देख के, गुड्डी को चिढ़ाते बोली,
" हे गुड्डी बाई देख कित्ता मोटा है "
" मेरे भैया का उससे बीस है " इनका मोटा खूंटा मसलते इनकी बहिनिया बोली। तबतक एक लड़की जो चूस रही थी, उसके पीछे दूसरा आदमी चढ़ गया और हचक के पेलने लगा।
" क्या ललचा रही है गुड्डी बाई, एक साथ दो दो, अरे तेरे ऊपर एक साथ तीन तीन चढेंगे " मैंने गुड्डी बाई को छेड़ा।
लेकिन गुड्डी असल रंडी, और अब रंडियो की जुबान भी सीख गयी थी,
" अरे भौजी तोहार झांट काहें सुलग रही है, आपके दो दो जीजा है तो दो का मजा साथ लेती हैं तो मेरे भी तीन बहनचोद, मादरचोद भाई है तो मैं भी तीन का मजा एक साथ लूँगी, छेद तीन हैं लंड तीन,... आप दोनों देखिएगा जलियेगा नहीं तो किचेन से बेलन लेके अंदर डाल लीजियेगा। "
अपने मुंह से अजय का खूंटा निकाल के वो बोली और फिर इनका मूसल चूसने लगी।
पिक्चर हाल में मैंने भी बहुत मजे लिए थे, किस करना, ये भी थोड़ी हिम्मत कर के ऊपर से बूब्स पकड़ लेते थे दबा देते थे और मैं शैतानी से बालकोनी में या बॉक्स में कार्नर सीट पे ज़िप खोल के, लेकिन आज ऐसी मस्ती कभी नहीं आयी।
मैंने देखा की पूरे हाल में बस वही आवाज, वही काम,
इंटरवल तक २५ -३० लोगों की मुट्ठ तो मारी ही गयी होगी।
लेकिन न हम तीन लड़कियां झड़ी न कोई मर्द, असल में मेरी और रीनू की प्लानिंग थीं, आज रात में ये तीनो लौंडे गुड्डी पे एक साथ, उसके तीनो छेद की सेवा जबरदस्त हो और कल जब ये लड़के लोग लौंडेबाजी वाले स्पा में जाएंगे तो मैं और रीनू मिल के गुड्डी की जबरदस्त रगड़ाई, डबल स्ट्रेप आन
इंटरवल में हम लोग निकल आये , ... और सीधे एक होटल में
रीनू की शरारत वहां भी जारी थी ,
Dhamakedar raat ka intejar rhegaगुड्डी बाई -होटल में
इंटरवल में हम लोग निकल आये , ... और सीधे एक होटल में
रीनू की शरारत वहां भी जारी थी ,
--
सबसे बड़ी बात तो रीनू ने ये की कि, गुड्डी बाई कि धजा बदली।
जिस तरह से वो 'सड़क छाप रंडी ' लग रही थी किसी होटल में घुसना मुश्किल था लेकिन रीनू एकदम जादूगरनी थी और प्लानिंग में परफेक्ट। कार कि डिक्की में एक बड़ा सा बैग रखा था और उसी पिक्चर हाल के बाथरूम में ही, रीनू और गुड्डी घुसी और जब निकली तो एकदम बदली, चार इंच कि स्टिलेटो हील, छोटा सा माइक्रो स्कर्ट, जो चुनमुनिया से मुश्किल से डेढ़ दो बित्ते नीचे तक और वो भी स्प्लिट, और एक ट्यूब टॉप जो उभारों को और उभार रहा था और चेहरे का मेकअप भी बदला, खूब डार्क मसकारा, फाल्स आईलैशेज, एक अलग रंग कि लिपस्टिक और तेज परफ्यूम
एक हाई क्लास तो नहीं लेकिन खुल्ल्म खुला काल गर्ल या एस्कॉर्ट लग रही थी और सबसे बड़ी बात ड्रेस के साथ ऐटिटूड भी उसी तरह का, लम्बी तो वो थी ही, गोरी गोरी लम्बी लम्बी टाँगे और चार इंच के हाई हील के साथ और खुल के और जिस तरह से वो हिप्स को मटका मटका के चल रही थी
और होटल भी उस रंडियों के मोहल्ले से बहुत दूर नहीं था, उसमें बार और डिस्को भी था और साफ़ था कि ये काल गर्ल्स का भी अड्डा था।
और गुड्डी ने जिस तरह से एंट्री ली सब कि नजर उसकी तरफ और उसका नाम भी सबकी जुबान पर चढ़ गया होगा, क्योंकि रीनू बार बार उसे नाम से ही बुला रही थी, गुड्डी गुड्डी कर के और उस के फेसबुक और इंस्टा के डिटेल भी ,
और जब वेटर आया तो आर्डर देने का काम भी उसी के जिम्मे रीनू ने लगाया और जिस तरह से गुड्डी खुल के फ्लर्ट कर रही थी,
" आई वांट समथिंग हॉट एंड स्ट्रांग, बस मजा आ जाये, च्वायस इज योर्स, "
और सर्व करते हुए भी जब वेटर उसकी ओर आया तो गुड्डी ने वो जबरदस्त अंगड़ाई ली कि लगा दोनों कबूतर टॉप फाड़ के उड़ कयेंगे और वैसे भी जब से उसके निप रिंग उसके भैया ने लगवाई थी, निप्स टनटनाये ही रहते थे तो उस ड्रेस से कबूतर कि दोनों चोंचे साफ़ नजर आ रही थी,
और जब वो गुड्डी कि प्लेट में सर्व कर रहा था तो गुड्डी कि आंखे सीधी उसकी आँखों से टकरायीं और जीभ अपने सेक्सी डार्क लिपस्टिक लगे होंठों पे उसने फिराई,
" उयी आप ने एक बार ही इतना सारा डाल दिया " सर्विंग कि ओर देखते हुए जो डबल मीनिंग डायलॉग उसने बोला तो बेचारे वेटर का तम्बू तन गया।
रीनू ने गुड्डी की ब्रा जब्त कर ली थी और एकदम देह से चिपके करीब करीब पारदर्शी टॉप से जुबना का कड़ाव, कटाव, उभार सब दिख रहा था और गोल्डन रिंग से निप तो हरदम टनाटन रहते थे तो वो भी टॉप में छेद कर रहे थे और वेटर की निगाह भी बार बार वहीँ,...
खाने के बीच में जब वेटर सर्व कर रहा था तो रीनू गुड्डी से बोली ,
" सुन यार तुझे अगर सुसु आ रही है न तो वाशरूम चली जा , वरना यहां गड़बड़ मत करना , और अपना पर्स भी ले जा। "
पर्स तो रीनू का था , लेकिन गुड्डी की ऊँगली दबा के जो इशारा रीनू ने किया था , वो गुड्डी समझ गयी।
पांच मिनट बाद वो वाशरूम से आयी तो पर्स खाली था , रीनू ने खोल कर चेक कर लिया। दोनों ननद भाभी जोर से मुस्करायीं
पर्स के अंदर रेड वाला बट्ट प्लग था
और बेन वा बॉल्स , ... और गुड्डी उसे अगवाड़े पिछवाड़े घुसेड़ कर आयी थी ,
रीनू भी पक्की ,... हलके हलके सरका कर उसने चेक भी किया , वहीँ।
हे और पैंटी गीली तो नहीं कर दी, रीनू ने एकदम खुले आम पूछा
" अरे नहीं आप खुद चेक कर लीजिये, अपने पर्स में से निकाल के अपनी पिंक कलर कि पतली सी थांग लहराते हुए रीनू को दे दिया,
वेटर उस समय स्वीट डिश सर्व कर रहा था और जब बिल ले के आया तो गुड्डी ने उसे दिखा के पहले तो बिल के पीछे लिपस्टिक निकाल के अपना मोबाइल नंबर लिखा और टिप में अपनी थांग भी,
होटल से निकलते ही हम लोगो ने जोर से हो हो किया
दस बजे तक हम लोग घर पर थे और वो रात सच में तूफानी थी , हम सब के लिए लेकिन सबसे ज्यादा गुड्डी के लिए।
लेकिन बदमाशी भी सबसे ज्यादा गुड्डी ने ही की ,
और सबसे जयादा अपने भइया के साथ , और उसकी पिलानिंग में शामिल थीं , और कौन मेरी बहन , इनकी साली और गुड्डी बाई ( अब रीनू के साथ हम सब लोग उसे इस नाम से बुला रहे थे ).
मैंने गुड्डी को जीता था उसके भइया को उसके सामने आम खिला के , ... मैंने और मुझसे ज्यादा मम्मी ने इनकी खाने पीने की सारी आदतें सुधार दी थीं ,
लेकिन पान से ये अभी भी , .... कोहबर में भी मना कर दिया था , ....
और गुड्डी बाई उस मशहूर गली के मशहूर पान वाले से ६ जोड़े पान की जगह आठ जोड़े पान लायी थी , और सब के सब पेसल ,...
होटल से लौटते हुए , गुड्डी बाई ने एकदम रंडी वाली ही अदा में अपने भइया को पान ऑफर किया ,
असल में गाडी मैं चला रही थी , रीनू मेरे बगल में , पीछे तीनों लड़के और गुड्डी अपने भइया की गोद में , और आफ कोर्स एक जोबन उसके भइया के कब्जे में दूसरा अजय के ,
लेकिन गुड्डी के पान वाले ऑफर को उन्होंने बेदर्दी बालमा स्टाइल में ठुकरा दिया ,
गुड्डी बोली , चल भैया मैं ही खा लेती हूँ , और वो पान बस उसने इनके होंठों से छुलाकर सीधे अपने मुंह मे
लेकिन रीनू आयी उसकी बचत को , चल यार तेरे यार ने मना कर दिया , तो तू मुझे दे दे , ... एक जोड़ी पान रीनू के मुँह में भी ,....
और थोड़ी देर में ही पहले बहन के मुंह का फिर साली के मुंह का कुचा कुचाया, मुख रस से भीगा पान इनके मुंह में और हाँ गुड्डी के पीछे से बट्ट प्लग और आगे से बेन वा बॉल्स निकालने का काम भी गुड्डी के भैया ने ही किया।
घर पहुँचते ही ,
कल रात की तरह आज भी लिविंग रूम में रीनू और गुड्डी वाल टू वाल गद्दे लगाकर गयीं थी , एक टेबल पर ड्रिंक्स का सामान भी मौजूद था ,... सोफे कुर्सियां किनारे ,
और गुड्डी ने सबसे पहले अपने भइया को धकेल कर गद्दे पर , बचपन में भाई बहन जिस तरह की धींगामस्ती करते हैं उसी तरह एकदम ,
और उन्होंने भी गुड्डी को अपने ऊपर खींच लिया , रीनू उनकी साली भी अपने जीजू की रगड़ाई में गुड्डी के साथ आ गयी मैदान में ,
जो होना था वही हुआ , थोड़ी देर में इनके कपडे कमरे के चारो तरफ बिखरे पड़े थे ,
और कुछ देर में गुड्डी और रीनू के कपडे भी उनके साथ , ... गुड्डी ने रीनू से सीख लिया था मर्द को कैसे काबू में किया जाता है , बस ऊपर चढ़ कर उस किशोरी ने उनके दोनों हाथ पकड़ कर , उन के सर के नीचे ,
" हिलना मत भैया " उनकी बहना बोली। " अगर हिले तो बहुत पिटोगे , और रात भर उपवास करोगे सो अलग। तेरी बीबी नहीं आएगी बचाने।
kar diyaPart 230 ko index me add nhi kiya abhi
Niche Guddi upar Reenu aur vo in dono ke bich sandbitch. Romantic updateजोरू का गुलाम भाग २३०
रात भर मस्ती- बारी ननदिया गुड्डी
29,62,275
घर पहुँचते ही ,
कल रात की तरह आज भी लिविंग रूम में रीनू और गुड्डी वाल टू वाल गद्दे लगाकर गयीं थी , एक टेबल पर ड्रिंक्स का सामान भी मौजूद था ,... सोफे कुर्सियां किनारे ,
और गुड्डी ने सबसे पहले अपने भइया को धकेल कर गद्दे पर , बचपन में भाई बहन जिस तरह की धींगामस्ती करते हैं उसी तरह एकदम ,
और उन्होंने भी गुड्डी को अपने ऊपर खींच लिया , रीनू उनकी साली भी अपने जीजू की रगड़ाई में गुड्डी के साथ आ गयी मैदान में ,
जो होना था वही हुआ , थोड़ी देर में इनके कपडे कमरे के चारो तरफ बिखरे पड़े थे ,
और कुछ देर में गुड्डी और रीनू के कपडे भी उनके साथ , ... गुड्डी ने रीनू से सीख लिया था मर्द को कैसे काबू में किया जाता है , बस ऊपर चढ़ कर उस किशोरी ने उनके दोनों हाथ पकड़ कर , उन के सर के नीचे ,
" हिलना मत भैया " उनकी बहना बोली। " अगर हिले तो बहुत पिटोगे , और रात भर उपवास करोगे सो अलग। तेरी बीबी नहीं आएगी बचाने। "
मैं सच में क्यों आती बचाने , मैं तो अपने दोनों जीजू की गोद में बैठी सोफे पर मस्ती कर रही थी ,
और इन्हे दोनों ने बाँट लिया ,
नीचे का हिस्सा गुड्डी के हिस्से में पड़ा , ऊपर का रीनू के ,
गुड्डी को मालूम था जब से वो जवान हुयी थी , उसके कच्चे टिकोरों ने उसके भइया को , ... बस उन्ही दोनों जुबना का उसने सहारा लिया ,....
और सीधे तलुओं से , अपने दोनों उभार हलके हलके उनके तलुओं से उसने सहलाया , ... जैसे किसी ने मैग्नेटिक लेविटेशन मास्टर कर लिया हो , बस उसके उभार , गोल गोल , गोरे गोरे कड़े कड़े , ...
उसके भइया के पैरों पर सहलाते हुए सीधे ऊपर तक ,
किसी इंटर वाली लड़की के गदराये कच्चे उभार देह से रगड़ेंगे , सहलायेंगे तो क्या होगा , आपके साथ,... बस वही इनके साथ भी हुआ
ऊपर से इनका पुराना माल ,...
झंडा एकदम खड़ा ,...
लेकिन गुड्डी के उभारों ने उसे इग्नोर कर दिया ,
सही किया,... दो साल तक तो इन्होने भी उस बेचारी की कच्ची अमिया को ऐसे ही इग्नोर किय न कभी रगड़ा न मीजा। वो देर तक उनके ऊपर झुकी , जैसे फल से लदी शाख कोई खुद ही झुक कर , ... उसी तरह उसके जोबन इनकी जाँघों के ऊपर रगड़ रगड़ रहे थे फिसल रहे थे ,
बस जैसे गलती से उसके निप्स , खड़े कड़े , गोल्डन रिंग से घिरे ,... इनके आलमोस्ट खुले सुपाड़े से टकरा गया और
उन्हें जोर का झटका जोर से लगा , ....
एकदम तन्नाया बौराया ,
पर गुड्डी के उभार उड़ कर जैसे सीधे उनके पेट को छू रहे थे , सहला रहे थे , और जो काम गुड्डी के पथराये उभार कर रहे थे
वही रीनू के होंठ कर रहे थे , ... पहला चुम्मा पलकों पर , और उनकी आँखे उनकी साली ने अपने होंठों मुंदवा दीं।
फिर रीनू के होठ सरकते हुए उनके गालों पर , ...
जैसे कोई तितली बाग़ में उड़ती फिरे , कभी इस फूल पर , कभी उस फूल पर , कभी थोड़ी देर बैठे , कभी बस छू के उड़ जाय
वही हालत उनकी साली के होंठों की हो रही थी ,
कुछ देर तक उनके ईयर लोब्स पर रीनू के होंठ थे ,
तो अगले पल जीभ से उनके शोल्डर ब्लेड को जस्ट हलके से मेरी बहन ने लिक कर लिया ,
दोनों के बीच , गुड्डी और रीनू के बीच ,जैसे सरोद और सितार की जुगलबंदी चल रही हो, दोनों को मालूम हो की अगला सुर कौन सा होगा , कब ठहराव होगा और कब सीधे मन्द्र से द्रुत पर
जब गुड्डी के निप्स 'एक्सीडेंटली ' इनके खूंटे के खुले सुपाड़े से टकराये ,
उसी समय रीनू के होंठ उसके जीजू के छाती पर , इनके दोनों मेल टिट्स पर ,... और अबकी देर तक वो लिक करती रहे , और कचकचा कर बाइट कर लिया , वो चीख उठे , मजे से ज्यादा , ... दर्द से कम ,.. पर रीनू ने एक चांटा इनके गाल पर जड़ दिया ,
अगले दस मिनट तक तीनों चुप रहे , बस उनकी देह बोलती रही , साथ में ताल दे रही कभी गुड्डी के पायल की रुनझुन तो कभी रीनू के चूड़ियों की चुरूरमुरुर
देह उनकी उसी तरह बंटी रही ,
ऊपरी आधे हिस्से पर मेरी बहन उनकी साली काबिज थी और निचले आधे हिस्से पर , उनकी बहन , मेरी ननद ने हमला बोल रखा था।
लेकिन अब यह हमला ऑल राउंड अटैक हो गया था , गुड्डी के सिर्फ उरोज ही नहीं , उसकी लम्बी लम्बी किशोर उँगलियाँ , रसीले होंठ और यहाँ तक की उसकी चुनमुनिया भी ,... और रीनू तो पक्की शेरनी थी , एकदम जबदरस्त खिलाड़ी , एक तरुणी , एक किशोरी और दोनों के बीच दबे कुचले जा रहे थे ,
एक के भैय्या , एक के जिज्जा जी।
कौन कहता है की सिर्फ ;लड़कियों की सैंडविच बन सकती है , मेरे सामने इनकी बन रही थी , लेकिन इनकी फेवरिट फैंटेसी भी थी यह ,...
बहुत बढ़िया सुपर डुपर गज़ब सेक्सी अपडेटअपडेट पोस्ट किए गए हैं, कृपया पढ़ें, आनंद लें, लाइक करें और टिप्पणी करें