• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

vakharia

Supreme
5,126
12,829
174
आपकी टिप्पणी पढ़कर बस यही लगता है की कोई व्यक्ति एक लब्धप्रतिष्ठित लेखक होने के साथ कुशल समीक्षक भी कैसे हो सकता है।

मैं मानती हूँ कहानी तभी कहनी चाहिए, जब कुछ कहने को हो। उस पर आवरण, इरोटिका का हो, थ्रिलर का हो या कोई और, लेकिन बात कुछ होनी चाहिए , लेकिन यह तो मानने की बात है, साथ में यह मनाती हूँ की कुछ ऐसे मित्र पाठक मिल जाएँ जो ऊपर के कलेवर को हटा के जो मैं कहना चाहती हूँ, उस तह तक पहुंचे और उस का न सिर्फ आनंद उठायें बल्कि कमेंट में भी कहें,

उपन्यास या लम्बी कहानी में इस बात की संभावना ज्यादा रहती है, इस कहानी के शुरू के प्रसंगो में लाइट फेम डॉम या उसका एक और रूप ' शी मेक्स द रूल ( SMTR ) की भी कुछ झलक है, इसी तरह से कोचिंग के बारे में भी,

और यह कारपोरेट रूप इस कहानी का अभी कुछ दिन तक चलेगा, जो मेरे लिए थोड़ा जटिल है और उसे कम्युनिकेट करना और जटिल लग रहा था , लेकिन आपके इन शब्दों ने मेरी हिम्मत बढ़ाई और मैं कोशिश करुँगी की यह पक्ष जो मेरे लिए तो नया है ही, इस फोरम में भी इस तरह के प्रयोग कम ही हैं, उस पर थोड़ा, लुढ़कते पुढ़कते ही सही आगे बढ़ सकूँ।

मुझे विश्वास है की अगर लड़खड़ाउंगी भी तो आप ऐसे स्नेही जन हाथ थाम के सहारा देने के लिए, हिम्मत बढ़ाने के लिए हैं

फागुन के दिन चार के भी लेटेस्ट अपडेट में इसी तरह का एक बदलाव है और तीसरी कहानी भी एक बदलाव की ओर मुड़ रही है

एक बार फिर आभार।


कोमल जी,

सच कहूँ तो मैं केवल अपने विचार रख रहा था.. आपके लेखन की समीक्षा करना मतलब सूरज को दीपक दिखाने के बराबर होगा.. !! आपका लेखन कौशल अतुल्य है.. शब्द संरचना में जिस तरह की आपकी महारथ है.. उसे मैं हमेशा ही विस्मय से पढ़ता हूँ.. !!

उदाहरण रूप.. आपका यह वाक्य "कहानी तभी कहनी चाहिए, जब कुछ कहने को हो" चंद शब्दों में कितना कुछ कह गई आप.. !! निरुद्देश्य लेखन से परहेज लेखक/लेखिका के दृष्टिकोण को परिभाषित करता है.. कहानी का निर्माण और उसकी प्रस्तुति तभी करनी चाहिए, जब उसके पीछे एक ठोस वजह, विचार, या संदेश हो.. केवल मनोरंजन तो मदारी के बंदर को सायकिल चलाते देखकर भी मिल सकता है.. और वैसे भी मनोरंजन या समय बिताने के लिए कहानी लिखी जाए, तो उसका प्रभाव सीमित ही होगा..

आपने महिला यौन वर्चस्व और SMTR का उल्लेख किया..सच कहूँ तो मैंने इन विषयों का इतनी संजीदगी से विवरण नहीं देखा.. अमूमन इन विषयों के वर्णन मे जिस तरह की आक्रामकता का प्रयोग होता है, वो मुझे राज नहीं आता.. पर आपका अंदाज बेहद निराला था..!!!

कॉर्पोरेट जटिलताओ के ताने बाने, कहानी के इर्दगिर्द बुनते हुए जिस तरह की असाधारण पृष्ठभूमि को आपने कथा में पिरोया है.. शब्द कम पड़ेंगे सराहना करते हुए.. लेखन मे ऐसा साहस ज्यादातर देखने को नहीं मिलता.. लेखक उसी पृष्ठभू से खेलना पसंद करते है, जिनका उन्हें परिचय हो.. !!

अंत मे बस इतना ही कहूँगा.. अपनी लेखनी से ऐसे ही प्रेरित करते रहिए.. !!

सादर..


वखारिया
 
Last edited:

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
46,410
48,196
304
काउंटर अटैक
Kiss-tumblr-09ddfad424446ffc55c98e884fb6f4b8-4ede686a-400.webp


और ये रही शील्ड की बात , लेकिन बिना अटैक के डिफेन्स नहीं होता , ये कह के वो चुप हो गए।

इनके होंठ बंद हुए और मैंने एक चुम्मी दे दी।

एक चुम्मी तो बनती थी न , और वो फिर चालू हो गए ,

शील्ड और डैगर में डैगर के पार्ट्स पर ,



मीटिंग वाले दिन ही ,

एक पी आई एल दाखिल हो गयी ,
और कुछ लोगों ने कम्पटीशन कमीशन और सेबी में एप्लिकेशन भी दे दी की जिस कम्पनी ने इन्हे डेब्ट दिया है वो सिमिलर प्रॉडक्ट बना रही है , और वो इस कम्पनी के डेब्ट को कंपनी को एक्वायर कर के , मोनोपोली बनाने में इस्तेमाल करेगी।


कम्पटीशन कमीशन ने एक महीने की तारीख दी और साथ में इंजक्शन भी इशू कर दिया की इस पीरियड में ओनरशिप पैटर्न में कोई चेंज नहीं होना चाहिए।



जो कम्पनी इन्हे एक्वायर करना चाह रही थी , उसके रियल एस्टेट में भी , कई पेपर में उसके बारे में आर्टिकल आनी शुरू हो गयीं की ये भी देश छोड़ कर भागने वाला है ,

सोशल मिडिया में भी , ... बस अब उसे अपने को डिफेंड करना पड़ गया लेकिन कुछ कीचड़ तो उसपर चिपक ही गया।


एक दो और छोटी मोटी कंपनियां , जो उस का साथ दे रही थीं , वहां पोलुशन कंट्रोल बोर्ड का नोटिस पहुंच गया , और उन के बारे में भी अखबारों में ,


एक एन जी ओ , जिसे ये सी एस आर में फंडिंग करते थे , उसने तो दो दिन का कैंडल मार्च और फैक्ट्री के बाहर विजिल भी अनाउंस कर दिया।



हाँ इन सब चीजों में इनका कोई दखल नहीं था।



यह क्लियर था की रेड करने वाली कम्पनी इन के फोन को हैक करने , टेप करने या इन्हे कॉनटेक्ट करने की कोशिश करेगी ,


इसलिए जिस फ्राइडे को ये लौटें थे , जिस दिन कमल जीजू आये थे , तीन दिन तक कम्प्लीट रेडियो साइलेंस ,... इन्होने अपना ऑफिसियल फोन की सिम ही निकाल दी थी।

इसी तीन दिन में जो प्लान बनाये गए थे वो इम्प्लीमेंट होने थे , जिसके लिए अलग अलग टीमें थी और हर टीम को बहुत लिमिटेड इन्फो थी।

उस वीकेंड में शील्ड वाला काम होना था , और अगले वीकेंड में भी , कम्प्लीट रेडियो साइलेंस ,... ट्यूजडे को क्वार्टरली रिजल्ट आने थे ,... फ्राइडे से ही इनका फोन बंद हो हो गया था , और मंडे को ऑफिस में भी किसी बहाने से छुट्टी कर दी गयी थी।



आफिस से कम्युनिकेशन इन्क्रिप्टेड और एक सिक्योर रूम से होता था। लेकिन वहां से भी बहुत ही लिमिटेड बात चीत ,...

इसलिए तीन दिन जबतक जीजू लोग रहे, न इन्होने यहाँ के आफिस से कोई बातचीत की न मुम्बई के कारपोरेट आफिस से न ग्लोबल स्ट्रेटजी टीम से।

अगर कोई इनका परसनल फोन हैक करता भी, घर पर तांक झाँक करता भी तो लगता की ये आदमी जबरदस्त ठरकी गई और अपनी साली के साथ मस्ती में लगा है और फोन वो तो छोड़िये इन्होने सोचा भी नहीं।

मान गयी मैं इन्हे ,... और जैसा कहते हैं औरतें अपनी भावनाये कई ढंग से व्यक्त करती हैं तो मैंने भी कर दी ,



" स्साले , गांडू , अपनी माँ बहन के भंडुए , ... तेरी गांड मारुं , ... भोंसड़ी के तू सिर्फ लौंडिया फंसाने के मामले में ढीला है , तेरी बहन हाथ में लेकर टहल रही थी , मादरचोद लेकिन तेरी नथ मुझे उतारनी पड़ी। लेकिन यार तूने सच में उस कम्पनी की गांड मार दी , बल्कि गांड मार मार के चीथड़े कर दिए ,... सोना ,... आई जस्ट लव यू. यू आर सो सो गुड ,... अगर वो स्साले मादरचोद सक्सेस हो जाते तो हमें ये टाउनशिप छोड़नी पड़ती ,... लेकिन भोंसड़ी के कैसे सक्सेसफुल होते ,.. मेरा सोना मोना था न ,... "


Teej-5fcfc82f3a3c97dcf8eecd979587ed95.jpg


और वो कुछ बोलते उसके पहले मैंने उनके खुलते मुंह में अपने निप्स डाल दिए बल्कि ठूंस दिए ,.. और देर तक उनका बाल सहलाती रही , और कान में बोलती रही , चल सो जा , तुझे उन रसगुल्लों की गांड दिलवाऊंगी , कच्ची कली की कुँवारी गांड। बहुत मेहनत लगेगी , चल सोजा अभी ,
nip-suck-11-tumblr-70d97476e181e1ec156f8328ca8018c3-2bce3d41-500.webp




और वो सो गए , थोड़ी देर में मैं भी।
उसी समय आफिस से फोन आया,

सुबह क्राइस मैनेजमेंट टीम की मीटिंग है, सुबह मतलब पांच बजे यानी उसके पहले आफिस से गाडी आए जायेगी इन्हे पिकअप करने और उसी के बाद जीजू लोगो को निकलना था मॉर्निंग की फ्लाइट के लिए।
Sula diya, acha kiya 👌👌👌
 

Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
46,410
48,196
304
नयी क्राइसिस

Teej-a9f877c050561ffd0a4acc8c045a6547.jpg



मैंने ब्रंच की तैयारी शुरू कर दी , लेकिन मेरे मन से वो सुबह की खबरे , नहीं जा रही थी , दिमाग से उनका चेहरा नहीं उतर रहा था। जब वो मीटिंग के लिए जा रहे थे कित्ते टेन्स थे .


मेरे दिमाग ने फिर उलटा पुलटा सोचना शुरू कर दिया , पिछले हफ्ते की ही तो बात है , पांच छह दिन पहले जब मुझे अंदाज हुआ थी की इनकी कम्पनी क्राइसिस में है। और खास तौर से हमारी लोकेशन

असल में हमारे लोकेशन में जो इक्विपमेंट बनता था , उसमें एक अमेरिकन इक्विपमेंट लगता था जो इनकी पैरेंट कम्पनी का प्रोप्रायटरी आइटम था। वॉल्यूम वाइज वो सिर्फ १५ % था , ७० % पार्ट जहाँ हम पोस्टेड थे वहीँ बनता था , बाकी १५ % आउटसोरस्ड था .

लेकिन वैल्यू वाइज वो पैरेंट कम्पनी से इम्पोर्टेड पार्ट , ४५ % था।

और अब रूपये की वैल्यू गिरने से इम्पोर्ट कास्ट बढ़ गयी , और वह पार्ट अब कुल कास्ट का ६५ % हो गया।


इससे प्रॉडक्ट की प्राइस भी बढ़ गयी , और जो हमें कम्पटीटिव एज थी वो सिर्फ ख़तम नहीं हुयी बल्कि एडवर्स हो गयी थी , और राइवल को फायदा हो रहा था।



और इससे कम्पनी की लिक्विडटी की प्राबलम भी पैदा हो गयी थी।



यह प्रॉब्लम सिर्फ एक्सचेंज रेट तक रहती तो गनीमत ,



पर एक पेंच और था , ... अमेरिका ने , ढेर सारे प्रॉडक्ट्स पर जो इण्डिया से आते हैं टैरिफ बढ़ा दी।



बस इण्डिया ने भी ,...

और जिन प्रॉडक्ट्स पर ये एक्स्ट्रा सरचार्ज लगाए गए थे ,... उनमें स्टेटस से आनेवाला .. वो पार्ट भी शामिल था।


नतीजा , इनपुट कास्ट और बढ़ गयी , ... और लिक्विडटी क्राइसिस शुरू हो गयी थी.



एक और पेंच था , शेयर बहुत ऐब्नॉर्मल बिहैव कर रहे थे , और पता यह चला की कोई परचेज कर रहा है , और हमारी लिक्विडटी क्राइसिस का फायदा उठाकर , एक्वायर करना चाहता है।


एक गड़बड़ और थी कंपनी ने एक डेब्ट ले रखा था , जो एक तरह से डेब्ट कम इक्विटी थी। अगर डेट की मैच्योरिटी या जब भी डेट देने वाली कम्पनी डेट वापस पन्दरह दिन की नोटिस देकर मांगे ,... और कंपनी अगर उसे न दे पाए तो उसे एक राइट था , की वो करेंट शेयर के वैल्यू के बेसिस पर उस डेब्ट को शेयर में कन्वर्ट करने के लिए इंसिस्ट सकता था। वो करीब १४ % शेयर होता।


जिस कम्पनी ने डेब्ट दिया था , वो उसी मार्केट में घुसना चाहता था , जिसमें इनकी कम्पनी थी।

बताया तो था आप लोगो को वो भी इसी पोस्ट में जबरदस्ती दुहरा रही हूँ ,


पर ये न , इन्होने कम्पनी के बाकी लोगों से मिल कर कुछ रास्ता निकाल लिया था , जिस दिन कमल जीजू लोग आये थे उसी दिन यह भी कारपोरेट आफिस से मीटिंग कर के लौटे थे , और रास्ता निकलने से बहुत खुश थे।



जो रस्ते उन्होंने शेयर मैनेजमनेट के लिए निकाला था ,


इसमें एक ये भी है की उन लोगों ने कुछ म्युचुअल फंड मैनेजर्स से बात कर के रखी थी , शेयर के लिए , की वो हम लोगो का शेयर ले।

खासतौर पर अगर जो कम्पनी हमें एक्वायर करने की कोशिश कर रही थी , ये पूरा शक था की वो बल्क में शेयर बेच कर के , एक ऐसी सिचुएशन क्रिएट करती की , इन शेयर्स के टेकर्स कम होते , और फिर दाम और गिरते , देखा देखी और लोग भी शेयर बेचते ऐसी हालत में , थोड़ा भी प्रेशर , शेयर्स को फ्री फाल्स में बदल देता , कम्पनी की क्रेडिबिल्टी खराब होती , और जो हमें एक्वायर करने वाला था , वो एकदम गिरे दामों पर शेयर खरीद कर अपना हिस्सा कम्पनी में बढ़ा लेता , ... इसी सिचुएशन को अवॉयड करने के लिए इन्होने कुछ फंड मैनेजर्स से बात की थी , और उन्होंने अश्योर भी किया था की क्योंकिं इनकी कम्पनी के मैक्रो पैरा मीटर्स ठीक हैं इसलिए वो सर्टेनली शेयर का दाम थोड़ा भी गिरंने पर इस कम्पनी में म्युचुअल फंड का का पैसा जरूर लगाएंगे।



ये इनकी स्ट्रेटजी का जरुरी हिस्सा था।



पर जो घर आते हुए मैंने ट्रैकर देखा था , सारे शेयर धड़ाम हो रहे थे।

-------

बीयर मार्केट पर हावी थे।
और जो इन्होने हल सोचा था वो सब ठीक ठाक था

पर अचानक शेयर मार्केट में बीयर आ जाएंगे, ये इन्होने क्या किसी ने नहीं सोचा था, वैसे भी कम्पलीट रेडियो सायलेंस के चक्कर में तीन दिनों से इन्होने हाल चाल पूछी भी नहीं थी

मुझे लग रहा था कुछ बड़ी गड़बड़ है जो अचानक इस तरह की मीटिंग, और कम्पनी अभी खतरे से निकली नहीं थी अगले हफ्ते दस दिन बड़े इम्पोर्टेंट थे


घर आके मैंने इकोनॉमिक पेपर्स पिछले दो तीन दिन के खगाले,...
Ab strategy bhi bnane lgi aap 👌👌👌
 

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
Sula diya, acha kiya 👌👌👌
Thanks so much, i and my story were waiting for you to grace this post. Thanks again

Thank U GIF by Alex Trimpe
 

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
Guddi ke bhaiya ab jaan gaye ki chikhne chillane ki kuch fark nhi padta, kaam pr dhayb dena chahiye bus
बल्कि मंजू और गीता ने ट्रेनिंग दे दिया है कि चीखने चिल्लाने वाली हीं ज्यादा मजा देगी...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
Puri JKG ka sabse hot part yahi hai, kamal jiju se ane se unke jane tak, bahut mast hui in 4 dino me. Ab aage teej ka intejar hai
सचमुच चार दिन की चांदनी...
लेकिन आगे भी उजियारा रहने की उम्मीद है...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
आपने एकदम सही कहा, दोनों जीजू, रीनू वाला यह प्रसंग शुरू हुआ था भाग २१५ से, पृष्ठ ११४४, आ गए जीजू से और चला भाग २३३ तक, पृष्ठ १३९७, करीब करीब १८ भाग और २५० पृष्ठ।

लेकिन सबसे बड़ी बात थी, व्यूज, मित्रों का रिस्पासं।

मैं डर रही थी, सहम रही थी की पता नहीं लोगों को कैसा लगे। एक बार तो मैंने सोचा को इस पार्ट को स्किप ही कर दें, पिछली बार कमल जीजू वाले पार्ट में थोड़ा विवाद सा उठा था लेकिन, इस बार सब ने पढ़ा, सराहा, साथ दिया।

व्यूज उस समय करीब २२ लाख ८० हजार के आस पास थे और अब करीब ३२ लाख, लगभग ९ लाख से ज्यादा लोगों ने इन पोस्टों पर दृष्टिपात किया।

एक दो ' मित्र' इस बार भी आये लेकिन अबकी मैं कुछ ज्यादा सतर्क थी, और मॉडरेटर्स का सहयोग भी था

कहानी अब नए मोड़ पर पहुँच गयी है , करीब करीब वहां जो पिछले फोरम के अंतिम दिन थे, और जो भाग अब एकदम नए हैं या बहुत कम लोगों ने पढ़ा है

जीजा साली वाले इस भाग में भी आधा से ज्यादा नया ही था और फोकस रीनू और गुड्डी पर था।

एक बार फिर से आभार और हाँ


फागुन के दिन चार का नया भाग भी पोस्ट हो गया है उस कहानी के पृष्ठ ३०६ पर और तीनो कहानियां एक नए मोड़ पर खड़ी हैं

साथ देने के लिए आभार, धन्यवाद

Thank U GIF by Alex Trimpe
इतनी अच्छी पेशकश पर सहमने का कोई मतलब नहीं था...
एकदम लाजवाब प्रस्तुति...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
कोमल मैं आप कहती हैं गुड्डी तीन भाई हैं उसका भाई लगा कर कहो गी तो एक के हो जाएगी यहां पर तो अजय और कमल का भी लगाकर गरी तो दे सकती थी एक किरदार का कितना कान पड़कर खींचेंगी इतना भी मत खींचे कान उस किरदार का महत्व खत्म होजाए
बीवी के लिए टार्गेट तो मरद और ननदें हीं होती हैं...
छेड़ने के लिए...
 
Top