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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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Wah Komalji wah. Vese muje share market samaz nahi aata. Par aap ke in updates ke vajah se muje bahot kuchh pata lagi. Vese to bahot kuchh mere upar se bhi nikla.खेल शुरू
मेरे समझ में धीरे धीरे आने लगा था कुल खेल,
एक स्क्रीन के कोने पे हमारा वार चेस्ट था, जिसमे हमारे शेयर और पैसे थे। मुझे लगा रहा था की हमारे वार चेस्ट में पैसे में कमी आनी शुरू हो जायेगी और हमारे शेयर बढ़ने लगेंगे लेकिन हो उलटा रहा था, बेचने से हमारे शेयर कम हो रहे थे और पैसे बढ़ रहे थे,
और अब मीनल का खेल मुझे थोड़ा बहुत समझ में आने लगा, अभी जब हमारे शेयर की वैल्यू ज्यादा है उसे बेच के हम वार चेस्ट और बढ़ा लेंगे और जब शेयर के दाम एकदम से गिर जाएंगे, तो उस समय जब हम शेयर अपने वापस खरीदना शुरू करेंगे तो उतने ही दाम में ज्यादा शेयर मिलने शुरू हो जाएंगे।
शेयर मार्केट में वैसे तो हर कोई बोलता है की जब शेयर गिरे तो खरीदो और उठे तो बेचो, लेकिन कितना गिरने पे खरीदो, यही आर्ट है क्योंकि आप पोस्टपोन करते रहे, और शेयर का दाम बढ़ने लगा या आपने खरीद लिया और शेयर और फिर औंधे मुंह गिर पड़े तो आप का पैसा गया।
और मीनल तेज निगाहों से सब बेचने वालों खरीदने वालों को देख रही थी और कम से कम कम १५० शेयर एक साथ ट्रैक कर रही थी , और कुछ कुछ कभी अनु को कभी टीम को बोलती।
लेकिन मैंने अपने लिए भी काम ढूंढ लिया था,
शेयर का मेरा ज्ञान करीब करीब शून्य था लेकिन बिजनेस एनेलेटिक्स और फोरेंसिक अकाउंटिंग में मैं क्लास ले सकता था और दूसरे बैलंस शीट और फायनेंसियल परफॉर्मेंस के डिटेल पढ़ कर मैं पांच मिनट में कम्पनी की असलियत तक पहुँच सकता था, बस करीब बारह कंपनियां थीं जो हम लोगो के पीछे पड़ी थीं, और कहीं से भी शेयर निकाल कर बेच रही थीं, बस सुब्बू को मैंने इशारा किया और उसने और अनीस ने, अनीस जबरदस्त हैकर भी था, उन ब्रोकरेज फर्म और कंपनियों की कुंडली निकाल के मुझे दे दी।
कम से कम पांच में मैंने जबरदस्त गड़बड़ियां ढूंढी, एकदम फ्राड वाली, और तीन तो फर्जी थीं।
राइवल भी जानता था की हम उनपे काउंटर अटैक करेंगे और ये तीन एकदम शैडो टाइप, कुछ दिनों पहले ही बनी थीं और डूब जाती तो फरक भी नहीं पड़ता, और उन्हें आगे इसलिए किया गया की अपने अटैक की सब एनर्जी हम इन कंपनियों पे खर्च करें,
मैंने मीनल को अपने रिजल्ट्स दिखाए और वो बड़े जोर से मुस्करायी और मुझे पकड़ के कस के हग कर के बोलीं,
" स्साले आज आया है असली मजा, आज जीतने के बाद तुझे बिना चोदे छोडूंगी नहीं, कहाँ छिपा था, ...अब चल हम दोनों मिल के इन सब की गांड मारते हैं "
और अनुराधा को इशारा किया और उसने स्ट्रेटजी में तुरंत चेंज किया।
इधर मैंने अपने रिजल्ट सेबी का जो मेरा दोस्त कल मिला था उसे भेजे।
पंद्रह मिनट में रिजल्ट आ गया, उन बारह में से पांच की ट्रेडिंग बंद कर दी गयी और उनके अकाउंट भी बैंक ने फ्रीज कर दिए। बाकी को सेबी ने समंस भेज दिए।
उसका असर हम लोगों के शेयर की बिक्री पर पड़ा, मैं सामने ट्रैकर पर देख रहा था।
अब न सर्फ हमारी कंपनी के रेट गिरना बंद हो गए थेलेकिन ओवरआल सेंसेक्स भी स्टैब्लाइज हो गया था, और मीनल ने गेम प्लान चेंज किया और एक टाइमर सेट किया २५ मिनट,
जस्ट होल्ड, नो सेल्स, नो परचेज वो चीख कर अपनी सारी टीम से बोली और एक बार फिर एक एक ब्रोकरेज फर्म की परफॉर्मंस देखने लगी। यहाँ तक की सिंगापुर और दुबई में बैठे दोनों एक्सपर्ट्स ने भी हाथ रोक दिए।
मीनल ने मुड़ के देखा मेरी ओर और बोली,
" अब निकलेंगे स्साले असली मोटे वाले चूहे बिल से बाहर "
Yaha to dhadkano ki raftar ko badha diya Komalji aap ne to. Kya update ke plot ko set kiya hai aap ne. Minal ko man na padega. Market girte ja raha hai. Par vo puri dhiraj rakh ke bethi hai. Jaha ye unki aur Minal team wait kar rahe hai ki market gire tab vo karidna shuru karenge. Vahi bear company vale bhi yahi strategy par kam kar rahe hai. Vo chahte hai ki Market ki halat dekh kar unki company thode aur sare dale. Aur bear vale sare kharid le. Magar minal to unke sare nikalvane ke chakkar me hai. Magar market 16 points niche gir gaya.हमला - बीयर कार्टेल का, मंदी वालों का
अबतक मैं रिएक्शन टाइम समझ गया था, जो हम लोग या हम पर अटैक करने वाले कर रहे थे उस की कॉपी फंड मैनेजर्स कर रहेथे जिमसे ५-७ मिनट टाइम लगता और फिर ट्रैकर पर गिरते बढ़ते शेयर को देख कर रिटेल वाले रिएक्ट करते उसमे १५ मिनट टाइम लगता तो करीब बीस मिनट बाद असल पता चलता था।
और सच में चार ब्रोकरेज फर्म जो मेरी लिस्ट में थी सीधे बीयर किंग से जुडी उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी।
हम लोगों का शेयर जो पांच प्वाइंट नीचे चल रहा था, एक घंटे के अंदर १० प्वाइंट आ गया था।
वो चारों ब्रोकरेज फर्म हमारे शेयर मार्केट में आफ लोड कर रहे थे, मुझे लग रहा था की अब मीनल खरीदना शुरू करेगी, लेकिन वो बार बार एक ही बात बोलती होल्ड आन,
१० प्वाइंट मतलब एक रेड लाइन, कल हम लोगो ने दो रेड लाइन तय की थी, एक फाल्स वाली जो दस प्वाइंट पर थी
और एक असली वाली जो १४ प्वांइंट पर थी। १० प्वाइंट वाली लाइन मैंने सुबह मिडिया वाले को भी बताई थी और मिस्टर दीर्घलिंगम को भी और उनसे कहा था की अपने ड्राइवर के सामने कल सुबह दस बजे के करीब किसी से फोन पर बात करते हुए बता दें की उसके बाद हम पूरी ताकत लगा देंगे और उसके बाद भी अगर शेयर गिरा तो हम हार मान लेंगे।
और दस प्वाइंट पार हो गया।
मैं मीनल अनु सुब्बू सब लोग सांस थाम के ट्रैकर देख रहे थे, कुछ हमारा शेयर ऊपर आया, दुबई वाले ने मीनल से बात कर के कुछ शेयर अपने ख़रीदे।
और तभी मेरे दिमाग में एक बात कौंधी, हैकर, मैंने स्टॉक एक्स्चेंजेस के कैमरे हैक करवाए थे, यानी उन बीयर फर्म के जो लोग ट्रेड कर रहे थे उनक की फीड मैंने अपने टैब में लिंक की और उसे मीनल को पास किया, मीनल ने सुब्बू को और अनीस को इशारा किया और अब वो स्क्रीन पे साफ़ दिख रहा था।
उन सब के चेहरे पे टेंशन पे था और अब मैं मान गया मीनल की स्ट्रेटजी।
शेयर बेचने वालों के चेहरे देखकर मीनल को एक जबरदस्त इनपुट मिल गया था, उन का टेशन, स्ट्रेस देख कर अंदाजा वो लगा रही थी की ये कितना दूर तक और चल सकते हैं।
राइवल चाहता था की दस प्वाइंट से नीचे न जाने के लिए हम शेयर खरीदेंगे तो हमारा वार चेस्ट खरच होगा और फाइनल अटैक में हमारे पास डिफेंड करने के लिए पैसा नहीं बचेगा। या शेयर के दाम गिरते देख कर हम शेयर बेचेंगे तो मार्केट में हमारे शेयर आएंगे और हमारी इक्विटी डाइल्यूट होगी, दोनों ही हालत में उनके पास उसका जवाब था।
पर मीनल ने होल्ड कर दिया था और मार्केट या तो अब गिरता या बढ़ता और वो गिराना चाहते थे तो उनके पास हमारे जो भी शेयर थे उसे बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। और उससे उस राइवल कम्पनी के शेयर हमारे कंम्पनी में कम होते और टेक ओवर होने का खतरा कम हो जाता।
एक जैसे १०० -१५० वादक का आर्केस्ट्रा हो और एक कुशल कंडक्टर उसे संचालित कर रहा हो, मीनल एकदम उसी कुशलता से कर रही थी।
वो और उसके साथ अनु और सुबु भी, जैसे कठपुतली नचाने वाले हों और उनके दो नहीं दस हाथ हों और हर हाथ में बीसों उँगलियाँ हों, एक किसकी कुशल कोरियोग्राफर की तरह, जब उसने शेयर की खरीद फरोख्त होल्ड कर दी थी, तब भी लगातार टीमों से कभी वो फोन पे तो कभी आई पेड और कम्प्यूटर से, और अब सिर्फ टीम ही नहीं जो हम लोगों की टीमों को फॉलो कर रहे थे, फंड मैनेजर्स, जो मार्केट में सलाह देते हैं, यहाँ तक की राइवलस भी अगले कदम का इन्तजार कर रहे थे,
लेकिन मेरी दिल की धड़कने बढ़ रही थीं,
हालत अनु की भी कम ख़राब नहीं थी, हमारे शेयर की लाइन धीरे धीरे नीचे आ रही थी, जो एक फाल्स रेड लाइन हमने तय कर रखी थी, वो तो कब की पार हो गयी थीं, उसके बाद बाजार कुछ देर तक रुका,
लेकिन फिर धीरे धीरे गिरना शुरू हो गया। बीयर कार्टेल की मज़बूरी थी, मार्केट गिराने के लिए उन्हें हमारे शेयर बेचने पड़ रहे थे, मुझे लगा शायद एल आई सी या कोई और फ्रेंडली कंपनियां आएँगी, लेकिन मुझे याद आया की उनकी शर्त यही थी की पहले हम मैदान में आये, और
मीनल ने सबको रोक रखा था, बस वो देख रही थी हमारे और हमारी सपोर्ट करने वाली कंपनियों के कितने शेयर मैदान में है
और असली रेड लाइन भी पार हो गयी, हम लोगों ने तय किया था की अगर शेयर हमारी कम्पनी के १५ प्वाइंट से ज्यादा नीचे गिर गए तो उसे उठाना बहुत मुश्किल होगा,
मैं बार बार मीनल की ओर देख रहा था, उसका चेहरा स्क्रीन से चिपका लेकिन हाथ ट्रैफिक के सिपाही की तरह रोकने की मुद्रा में
अनुराधा की भी हालत खराब थी, वो बार बार जांघो को भींच रही थी, सिकोड़ रही और ढीली कर रही थी, जैसे कोई लड़की बार बार झड़ने के कगार पे पहुँच के रुक जाए और फिर एक बार झड़ने की हालत में पहुँचने लगे, साँसे तेज चल रही थी,
मीनल की हालत भी कम खराब नहीं थी, बड़े बड़े बूब्स एकदम पथराये, निप्स भाले के नोक की तरह टॉप को बेध रहे थे लकिन ये सब देखने की फुर्सत किसे थी, मेरी खुद हार्ट बीट कब की १०० पार कर चुकी थी, मैं कस के टेबल को पकडे था, बस अपनी कम्पनी के टिकर को देख रहा था
अब वह धीरे धीरे १६ प्वाइंट के नीचे आ गया था