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पिछले 1 अपडेट मे कोमल ने अपने दोनों जीजाओ से वादा करते हुए कहा था कि वो अपनी ननद गुडी को ले कर आयेगी, और उन दोनो से जरूर चुदवाएगी,डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड
एक बार ऐसे ही जेठानी जी की किसी बात पर मेरी आँख गीली थी ,मेरे मायके वालों को , और मायके में था कौन मम्मी के सिवाय ,... शराबी कबाबी , ,..संस्कार ,...
और गुड्डी आ गयी , बजाय कुछ पूछने के और ,...
" क्यों भाभी , मायके के किसी यार की याद आ गयी थी?"
लेकिन मैं अब बदल गयी थी , मैंने तय कर लिया था भागो नहीं बदलो , इनको भी इनके मायकेवालों को भी।
खाना मैंने गरम करना शुरू कर दिया था लेकिन मैं अपने को बार बार समझा रही थी
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड।
और अपनी स्ट्रेटजी सोच रही थी।
रिट्रीट ,रिट्रीट ,... किसी तरह मैं उन्हें जवाब न दूँ उनका गुस्सा ठंडा होने दूँ , पता करूँ उनकी ताकत किस मौके का वो इस्तेमाल करना चाहती हैं।
मैं अपने दिमाग के घोड़े तेजी से दौड़ा रही थी,मैंने जो मम्मी से सीखा, क्लब की पॉलिटिक्स में मिसेज खन्ना से सीखा था,
कुछ भी गड़बड़ नहीं होना चहिये, कुछ भी नहीं, क्या था जेठानी के पास,
अब ये तो एकदम हमारे थे , जेठानी जी की ' खाने पीने ' आदतें सुधारने में मुझसे ज्यादा इनका हाथ था ,
गुड्डी भी , अब तो कोचिंग में चलने के लिए हमारे साथ चलने के लिए खुद बेताब थी, फिर उसकी कितनी फोटुएं मेरी मोबाइल में कैद थीं टॉपलेस, हर तरह के और अब तो इनसे ज्यादा वो गरमा रही थी अपनी टाँगे फैलाने को,
सास्सू जी अभी थी नहीं तो, ....
मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था,
मेरे यहाँ आने के पहले ही मम्मी ने दस बार समझाया था, चेताया था, ' देख कोमलिया यहाँ सिर्फ तू और ये हैं, तो सब कुछ,... अब वो तेरे मन की बात समझने लगा है और तू भी, ... लेकिन जब उसके मायके में रहेगी न तो असली टेस्टिंग होगी तेरी, पुरानी यादें, और सब से बढ़कर पहले की आदतें, उन की भौजाई, अगर वो वहां जाके भी नहीं बदले तो समझो, ... "
और ये ये बदले क्या, मुझसे भी दो हाथ आगे थे , मेरी जेठानी और ननद दोनों के मामले में, ... एक पल के लिए भी नहीं हिचके, पोर्क चिकेन पिज्जा , मटन कबाब सब कुछ उन्होंने खुद आर्डर किया अपनी भाभी के लिए, अपने हाथ से खिलाया, ... फुल टाइम मस्ती,
लेकिन,
मुझे शुन त्जू की आर्ट आफ वार याद आ रही थी, नो योर एनमी, और क्या मैं अपने जेठानी जी के बारे में कुछ जानती हूँ ,... मैंने दिमाग पर बहुत जोर डाला, ...असल में कुछ भी नहीं, और बिना उनके बारे में जाने, अच्छी तरह समझे, उनकी सारी कमजोरियां, अतीत,...
और मेरी सबसे बड़ी वीकनेस, ये ,... और इनसे जुड़ी गुड्डी इनकी बचपन की,...
और अचानक मेरी चमकी, जोर से चमकी,
अगर गुड्डी को हम लोगों के साथ जाने से जेठानी ने रोक दिया तो ये,... कैसे कर पाएंगी पता नहीं
लेकिन मेरा वो सबसे बड़ा वीक प्वायंट था, एक तो ये फ्रस्ट्रेट होंगे , दूसरी गुड्डी यहाँ अकेले तो जेठानी जी उसकी अच्छी तरह खबर लेंगी , और फिर न मुझ पर कोई विश्वास करेगा,
मैंने झटाक से एक स्वाट किया, मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ ये , हर मौसम में मेरे साथ और अब गुड्डी भी, सेक्स मौज मस्ती तो ठीक थी , ननद भाभी की छेड़खानी, हो तो ठीक न हो तो भी , लेकिन मैंने मन ही मन तय कर लिया उसका मेडिकल इंट्रेंस का सपना और वो बिना कोचिंग ज्वाइन किये मुश्किल था , बिना हमारे साथ चले,
लेकिन वीकनेस ये थी की मुझे इस प्लान को भरभंड करने वाली जेठानी के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था , और मेरी सास , जेठानी के साथ ही रहती थीं , उन्हें वो लीवरेज कर सकती थीं
अपॉरचुनिटी अभी से अच्छी कुछ नहीं थी, उस का इंटर का रिजल्ट आनेवाला था , उसके घर वाले भी मान गए थे और सास मेरी यहाँ थी नहीं ,
थ्रेट , वही जेठानी जी ,
इसलिए मैंने तय किया अभी मैं शांत रहूंगी , पहले जेठानी जी को उनके पत्ते खोलने दूंगी और फिर नहले पे दहला जड़ूंगी।
….
जबकि अभी कह रही है कि उसे अपनी ननद गुडी की पढाई की कितनी चिन्ता है इसलिए वो गुड्डी को ले जाना चाहती है।
कोमल सब कुछ करती तो अपने दोनो जीजुओ को खुश करने के लिए ही करती है,
सिर्फ अच्छी बनने के लिए कभी अपने पति की खुशी का बहाना बनाती है, कभी पति के मन की गांठ खोलने का बहाना बनाती है, कभी सास ननद, जेठानी के अत्याचार का बहाना बनाती है तो कभी गुड्डी की पढाई का।
पर मकसद यही होता है कि दोनो जीजुओ के साथ मजे कर सके, और उनकी खुशी के लिए अपने ससुराल की लड़कियो /औरतो को बहला फुसला कर उनके नीचे ले ही आना,
और कभी पति गुस्सा ना हो जाए तो पहले पति से ही सेक्स करवा दे रही है ताकि पति कुछ बोलने की औकात मे ही ना रहे।
एक औरत सिर्फ अपनी हवस पूर्ति और अपने यार को खुश करने के लिए घर की औरतो/लड़कियो को कैसे अपने जाल मे फँसा कर घर के संस्कार को कोठे मे बदल सकती है, उसका अच्छा उदाहरण इस कहानी से मिलता है।