chodumahan
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फ़िल्म Love, sex aur dhokha की तरह जेठानी, सेक्स और धोखा...भाग १४४
जेठानी, सेक्स और धोखा------ लाल डायरी
..... आप पूछेंगे की उस संदीप की छुटकी बहिनिया से मेरा क्या रिश्ता ,मेरी और जेठानी के बीच वो कहाँ से... उसकी बहन जो चाहे करे उसके साथ,... एकदम,... लेकिन अब बात आगे खुलेगी ही, लाल डायरी से सब पता चला,... उस का मेरी जिंदगी से क्या रिश्ता था या , होते होते रह गया पर सब बातें मौके पर खुलेंगी , लाल डायरी के पन्नों से,...
अभी तो बात जहाँ छोड़ी थी वहीँ से आगे बढ़ाती हूँ,...
और छुटकी बहिनिया गाभिन हो गयी,...
जितनी जल्दी इसकी शर्म ख़तम हो,... बस जेठानी की पूरी कोशिश यही थी।
घर लौट के जेठानी सीधे उसे अपने कमरे में ले गयी, ...गरम दूध में हल्दी मिला के दिया, हलके गरम पानी से सिंकाई भी और थोड़ी देर में छुटकी सो गयी , और सो के उठी तो सारा दर्द छूमंतर।
रात में छत पर कल सिर्फ जेठानी और संदीप की बहन थी , आज संदीप भी
लेकिन पहले जेठानी ने, फिर संदीप ने चाट चाट के उसकी चूत को खूब गरमा दिया , वो सिसक रही थी , चूतड़ पटक रही थी लेकिन जेठानी आज उसे तड़पा रही थीं ,
पहले गुलबिया, फिर होली में सब भौजाइयों ने और घर में काम करनेवालियो ने तो अपने भोंसडे चुसवा चुसवा के जेठानी को पूरी चूत चटोरन बना दिया था, हाईस्कूल में ही. कैसे फांको के बीच में जीभ डाल के अंदर तक लंड की तरह चोदो, कभी दोनों फांको को होंठों के बीच दबा के चूसो, कभी जीभ की टिप से बस क्लिट को सहला दो तो कभी क्लिट को कस कस के सक करो,... एक से एक खब्बीस भोंसडे को वो चार मिनट में झाड़ देती थीं तो ये तो नयी बछेड़ी थी ,...
थोड़ी ही देर में वो चूतड़ पटकने लगी , जेठानी एक पल के लिए मुंह उठा के बोलीं ,
जब तक तू अपने मुंह से ना बोलेगी, भैया मुझे चोद अपने लंड से अपनी बहिनिया की बुर चोद तब तक न तुझे लंड मिलेगा और न मैं झड़ने दूँगी और अब हरदम एकदम खुल के लंड चूत चुदाई , इसके अलावा कुछ बोली न तो अपनी मुट्ठी तेरी गांड में डाल दूंगी,
और फिर चूसने लगीं ,...
वो उसे झड़ने के कगार पर तो ले जातीं पर झड़ने नहीं देतीं , आज अभी इस स्साली की सारी लाज शर्म इसके पिछवाड़े डाल देनी है, कल से खुद आके अपने भैया का लंड पकड़ के अपनी चूत में सटाने के लिए तैयार रहे ऐसी गर्मी चढ़नी चाहिए ,... जेठानी सोच रही थीं
" करो न भैया ,करो न " आखिर वो बोली,
" क्या करूँ "
संदीप ने छेड़ा पर जेठानी ने साफ साफ़ फैसला सुना दिया
" सुन ले कान खोल के , चुदवाना है तो भैया के लंड से दोस्ती कर , ... साफ़ साफ़ बोल , भैया चोदो मुझे , भैया अपनी बहिनिया को चोदो "
आखिर में वो बोली ही , " भैया चोद न अपनी बहिन को "
फिर तो वो तूफानी चुदाई उसकी हुयी नीले गगन के नीचे , खुली छत पे ,....
और वो समझ गयी जिन बातों को सुन के वो शरमाती थी , उसे गन्दी बात लगती थी अब वही बोलने में उसे मजा आ रहा था , जेठानी ने समझाया भी
" अरे यार जब चुदवाने में शरम नहीं , मोटा लंड बुर में घोंटने में शर्म नहीं तो चूत , बुर लंड चुदाई बोलने में कौन लाज।
सबेरे होते होते जैसे रात की चादर उतर गयी वैसे संदीप की बहिन की शर्म लाज भी
और भाई ने बहन को पूरी रात भर चोदा , क्या गौने की रात में कोई मरद अपनी नयी नवेली दुल्हन को चोदता है उससे भी बढ़कर संदीप ने उस नवेली को,... चार बार
संदीप की कच्ची कली को चोदने की साध पूरी हो गयी थी , झिल्ली फाड़ने की , पर जेठानी इत्ते पर ही नहीं रुकीं, अपनी तरह उस लड़की को भी लंड चूसने में भी दो चार दिन में एक्सपर्ट बना दिया
और अब जेठानी की गाडी भी दिन रात चलने लगी।
हफ्ते दस दिन के लिए आयी थीं , पूरे पंद्रह दिन रुकीं ,
और संदीप की उस बहन की साइज २८ से बढ़कर उस पंद्रह दिन में ही ३० हो गयी।
अब आप पूछेंगे की संदीप की उस चचेरी बहन का इस कहानी से क्या वास्ता,
है बहुत तगड़ा है , बताती हूँ और वो तब शुरू हुआ जब जेठानी के पास एक दिन नगमा का फोन आया की वो संदीप की चचेरी बहन गाभिन हो गयी, और किससे संदीप से ही।
जेठानी उसे गोलियां दे आयी थीं , बता भी आयी थी संदीप को,... पर,...
नगमा, उनकी सहेली का फोन आया और उसी ने बताया की संदीप की चचेरी बहन के पाँव भारी हो गए लगता है , पीरियड मिस हो गया लास्ट वाला , और जो नगमा का फेमिली डाक्टर था उस ने चेक कर के कन्फर्म कर दिया,
लेकिन जेठानी परेशान एकदम नहीं हुयी उलटे नगमा,... पर उन्होंने सवाल दाग दिया,
" अरे स्साली वो तेरा डाक्टर कब काम आएगा, पेट गिरवाने में तो , ....तेरी भी तो सफाई उसने की थी, बस करवा दे,... "
" अरे वो तो मैं करवा ही दूंगी , वो तो मैंने संदीप को भी बोल दिया और उसके माल को भी समझा दिया , कोई घबड़ाने की बात नहीं , बस वो चालू रहे, अब तो चिंता करने की भी कोई बात नहीं है, लेकिन मैं कुछ और सोच रही थी , क्यों न संदीप के लाल को पैदा होने दो,... "
नगमा खिलखिलाते बोली, उसका दिमाग हमेशा शतरंज के ऊंट की तरह तिरछा चलता था।
जेठानी को अभी भी समझ में नहीं आया , फिर नगमा ने साफ़ साफ़ इशारा दिया,
" अरे तू कह रही थी न तेरे देवर की भी शादी होने वाली है , रिश्ते आ रहे हैं,... "
अब जेठानी जी को बात समझ में आ गयी , पहले तो दोनों सहेलियां खिलखिलाती रहीं , फिर नगमा ने किसी तरह अपने को रोका और बोली
" इत्ती फ़ास्ट एडवांस डिलीवरी तेरी ससुराल में कभी नहीं हुयी होगा , वो तेरी सास बूढ़ा माता मार बच्चा बच्चा करती रहती हैं , सात महीने के अंदर केहाँ केहा , सोहर होगा ,... "
सोच सोच के जेठानी हंसने लगी , फिर नगमा और बोली देख तुम दोनों का राज रहेगा , मिल के सास की छाती पे मूंग दलना "
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ये लाल डायरी का जौहर तो अनूठा है...
संदीप की बहिनी का तो गहरा ताल्लुक निकला... लाल डायरी के पर्दाफाश से...
जेठानी भी ऐसी चंट और मक्कार निकली कि टेलीविजन पर के सास-बहू सीरीयल फेल...
ऊपर से नगमा तो करेला वो भी नीम चढ़ा....
कहीं जेठानी भी उसी डॉक्टर से... गिरवा तो नहीं चुकी हैं... तभी तो ढंके छुपे शब्दों में जेठ की कमी का ताना मारती रहती है...
और संदीप की बहिनी भी उन दोनों से कम नहीं...
चट मंगनी, पट ब्याह और खट बच्चा... कहावत चरितार्थ करके रहेगी...
और आगे भी संदीप के बच्चे की तैयारी हो रखी है...
कहानी में ये ट्विस्ट मजेदार लगा...