• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Thanks so much,... actually the story has a certain mood, playful happy relationship between a young couple, and it was hard to continue with that,... forte of story was erotic scenes between Hubby and wife without any vamp or villain,... so it has to be closed. I had explained in my last post. Sequel,... may be,... i have shared a few excerpts at the end of story, but it is not possible to run three stories and in this forum Incest is the main thing which is not my strong point. I am not judgmental about Incest, but somehow it does not work with me
You justified the story with each and every paragraphs and words.
You have fantastic command over the language, tone, mood and dialogues delivered by each character.
Even presentation is marvelous with pics/gifs.

You developed the story very well and described so many events at the last section of story which creates aspirations and readers expectation has been raised to a new high.
However still I feel that those development in the story should be continued as sequel.
You may continue as per your wish and time availability.
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
जेठानी का हिसाब किताब, जारी




मैंने कचाक से दाएं हाथ की दो ऊँगली उनकी गांड में पूरी ताकत से पेल दी। हलकी सी चीख निकल गयी उनकी ,अभी थोड़ी देर पहले इसी छेद में मैंने हचक के १० इंच के डिल्डो से , तो दो ऊँगली ,ज़रा सी ताकत लगाने से अंदर जड़ तक , और गोल गोल ,जेठानी की गांड की दीवारों को रगड़ाती करोचती , थोड़ा सा चम्मच की तरह नकल मोड़ के , कभी दाएं से बाएं फिर कभी बाएं से दाएं ,चार पांच मिनट तक



जब तक वो समझें समझे मेरे बाएं हाथ ने दबा के उनके फूले फूले गाल ,उनका मुंह खुलवा दिया और गांड से निकल कर दोनों उँगलियाँ सीधे मुंह में

दांतों पर और मंजन चालू।

ऊपर से वो भी न ,

" अरे भौजी को ठीक से मंजन कराओ ,३२ बार गिन के। '




उन की बात मैं क्यों टालती ३२ बार गिन के दांतों पर फिर दांतों के पीछे भी।

और अब उन के हाथ से ट्रे ले कर टेबल पर मैंने रख दी और जेठानी को चाय पकड़ा दी।
उसी मुंह से वो चाय पी रही थीं और
जब वो चाय की ट्रे लेकर उठीं तो मैंने उन्हें कामों की फेहरिश्त पकड़ा दी।



" अब इस हालत में आपको कलावती देखेगी तो पता नहीं कहाँ कहाँ जा के गाती न ,इसलिए मैंने कलावती को मना कर दिया था सुबह को आने को। दोपहर को तो वो आएगी ही , तो बस थोड़ा सा काम ,अरे वो तो रोज करती है आप तो बस एक दिन ,... अब कल आपके देवर ने आपको एक से एक डिश खिलाई थी अब लेकिन बनाने वाले बर्तन और जो हम लोगों ने खाये थे ,रोज से थोड़े ज्यादा तो बस वो बर्तन साफ़ करने हैं। और घर तो आपका ही है तो झाड़ू पोंछा , हाँ जरा ठीक से करियेगा , लगे की आज मेरी जेठानी ने झाड़ू पोंछा किया है ,है न। एकदम चमाचम। "




लेकिन उनके देवर को बुरा लगा उन्होंने टोका ,

" आखिर क्या बुरा हाल है मेरी भौजी का ,आखिर देवर भौजी की रात के बाद तो ई सब भौजी का सिंगार है। भौजी कुछ भी साफ़ वाफ मत कीजियेगा। "




खिलखिलाते हुए मैं बोली ,

" देखिये ये बात मैं नहीं आपके देवर ही कह रहे हैं और सच में देवर की बात तो आप कभी नहीं टालेंगी ,तो नो सफाई आफ चेहरा और बाड़ी ,सिर्फ बरतन और घर। अच्छा कलावती को तो मैंने मना कर दिया था लेकिन वो दूधवाला लड़का तो आएगा ही , अब सब की तरह वो भी आपके जुबना का दीवाना है तो आज ज़रा ठीक से झलक देख लेगा और शहर के रिश्ते में देवर ही तो लगेगा वो भी। फिर अपने मायके के दूधवाले को तो आपने मन भर दूध पिलाया था तो इस बिचारे को दूध दिखा ही दीजियेगा। बस उसको पटा के आज एक किलो दूध एक्स्ट्रा ले लीजियेगा ,हैं न। "



जब वो कमरे से निकलने को हुईं तो उन्होंने बोला और फोन ,

मैंने फिर उन्हें आवाज दे कर बुला लिया।

…………………..



" अरे एक दो बातें रह ही गयीं थी , अब आपने ऑफिसियल पिया जी से तो बात करेंगीं ही न ,जिनके बिस्तर पर आपने अपने देवर के साथ कुश्ती लड़ी हाँ तो उनको साफ़ साफ़ बता दीजियेगा की गुड्डी आज हमारे साथ जा रही है ,पूरे साल भर के लिए। और हाँ यही बोलियेगा की हम लोग तो नहीं चाह रहे थे पर आपने हमसे बहुत जिद्द करवाके , गुड्डी के भले के लिए जबरदस्ती ,.. गुड्डी भी बहुत ना नुकुर कर रही थी। दो तीन घंटे में तो उनकी ट्रेन भी छूटने वाली होगी। मुझे मालूम है आपकी बात जेठ जी को बहुत अच्छी लगती है इसलिए आपसे कहलवा रही हूँ ,और सासू जी भी उन की बात मानती हैं। एकदम इस तरह से की सारी क्रेडिट आप को मिले। आखिर देखिये गुड्डी को जाने से तो अब कोई रोक नहीं सकता और वहां पहुँचने पर उस की फटने से भी कोई रोक नहीं सकता तो वो क्रेडिट आप ही को मिले तो अच्छा होगा न। "




मुझे लगा वो थोड़ी उहापोह में हैं तो मैंने उनके फोन का राज खोल दिया।



" देखिये अब बात तो करेंगी ही जेठ जी से , हाँ अब आपके मोबाइल फोन से जो भी बात होगी, इनकमिंग आउटगोइंग सब ,वो आपके फोन में रिकार्ड होगा और साथ मेरे और इनके फोन में लाइव ट्रांसमिट भी होगा और रिकार्ड भी होगा। तो बस आपकी बात तो हम दोनों बाद में सुन ही लेंगे ,लेकिन आप पर हमें पूरा यकीं है इसलिए सुनने सुनाने की कोई बात नहीं मैं ऐसे ही बोल रही हूँ ,आप आखिर हमारे भले की ही सोचेंगी , "



" और क्या भाभी अब हम ये थोड़े उन्हें बताएंगे की आप ने उन्हें दूध में दो नींद की गोली मिला के ,... उन्ही के बिस्तर पर अपने भैया क्या नाम है उस का संदीपवा के साथ ,ऐन राखी के दिन डबल राउंड कबड्डी खेली। रिकार्ड है ,आपकी आवाज में है ,लेकिन ये अब हम सब के बीच की बात है। "

उनके देवर भी बीच में बोल पड़े।



" और एक फोन और ,अरे वही गुड्डी को।




कल पता नहीं उसका मूड , कह रही थी भाभी पर काटने की बात कर रही थीं , मैंने बोला भी की मजाक कर रही होंगी ,तू अकेली ननद है तो लेकिन ,.. तो ज़रा मना लीजियेगा उसे। अब वो भी तो हमी लोगों की गोल की है ,फिर दिया के पास गलती से ही रिकार्डिंग पहुंच गयी है ,डिलीट कर देगी वो लेकिन ,... अब छोटी है। अब जरा प्यार से मनाइयेगा ,आज उसके स्कूल में पार्टी है १२ बजे से , बोलियेगा दस साढ़े दस बजे तक आ जाए। आप ज़रा उसे तैयार भी करा देंगी अच्छे से , ... और फिर शाम को तो वो हम लोगों के साथ चल ही देगी तो फिर आप से कब मुलाक़ात हो। "



मेरी बात का तो शायद इतना असर नहीं होता ,लेकिन गुड्डी के प्रेमी और चूत के दीवाने ने जब यही बात बोली और जिस तल्खी और तंज के साथ एकदम ठंडी आवाज में , उनकी भौजाई समझ गयी की अगर गुड्डी नहीं आयी तो आज उनकी खैर नहीं। उनकी हालत सोना डार्लिंग से भी बुरी होने वाली है।


" हाँ हाँ कर दूंगी ,आएगी क्यों नहीं आएगी ,मेरी छोटी ननद है ,मना लुंगी उसको। " वो मुस्कराती हुयी बोलीं और जब झाड़ू पोंछा बरतन करने के लिए निकलीं तो फिर मैंने उन्हें जोर से आवाज देकर बुला लिया।

ये उनकी और मेरी सास दोनों की आदत थी एक बार में सब काम नहीं बता सकती थीं , हर दो मिनट के बाद ,ज़रा सुनना। इत्ता खराब लगता था कि ,...



मैंने जोर जोर से लगातार आवाज दी और वो आगयीं।



" अरे दीदी सॉरी नींद बहुत जोर की आ रही थी न इसलिए भूल जा रही हूँ ,आप बैठिये न ज़रा। मैं ये कह रही थी की गुड्डी अगर आएगी ,अब आप मनाएंगी रिक्वेस्ट करेंगी तो आएगी ही , तो उसके लिए नाश्ता। हम दोनों तो अभी सो जाएंगे तीन ,साढ़े तीन घण्टे तो साढ़े नौ के आसपास हमें उठा दीजियेगा ऐसे ही चाय के साथ , हम तीनो चाय वाय , फिर आप फ्रेश वेश हो के ,... गुड्डी कह रही थी ,बिचारि की बड़ी भाभी के हाथ के मूंग के हलवे की बड़ी तारीफ़ सुनी है , लेकिन कभी खाने को नहीं मिला। तो आज जरा मूंग का हलवा ,एकाध नमकीन और एक दो आइटम और ,... उठाने के पहले हमें तैयार कर दीजियेगा। और थोड़ी मेंहदी भी पीस लीजियेगा , पैकेट है लेकिन सील बट्टे पर पीसी मेंहदी के हाथ की बात ही और है। "



क्या करती वो, मन मसोस कर सुन रही थीं।

" कल आपके देवर ने अच्छी डिशेज बनायीं थीं न " मैंने मुस्करा के पूछा ,और उनकी भौजी ने तुरंत हामी भरी।

"हाँ बहुत मजा आया ,इनकी सास ने बहुत गुन ढंग सिखा दिया है। " हंस के वो बोलीं।



" लेकिन कहीं इससे आपके पेट में , जरा एक मिनट निहुरिये तो ,... " मैंने गुजारिश की और वो फिर कुतिया पोज में ,



साडी मैंने उनकी उनकी कमर में लपेट के कस के बाँध दी ,
हम सब पाठकों की सोच आपके पासंग भी नहीं...
आपने एक नया लेवल बना दिया है....
जेठानी को अब सवा सेर मिला है.....
 
Last edited:

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
चिड़िया अब मुट्ठी में







तो मिलते हैं ब्रेक के बाद,... तीन घंटे जरा सो लें , रात भर,... आप तो थोड़ा सो भी ली थीं लेकिन वो डायरी पढ़ते पढ़ते, मैं तो जरा भी नहीं सो पायी,... तो जाइये,... "
वो सिर्फ ब्लाउज जिसके ऊपर के सारे हुक मैंने तोड़ दिए थे , ज़रा सा भी झुकने पे जोबन क्या निपल तक खुल के दिखता और साडी में नो ब्रा नो पेटीकोट, बाहर निकली और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में गहरी नींद में ,…



नहीं नहीं वो बाहर नहीं जा पायीं , उनके देवर को अपनी भौजी की जबरदस्त याद आ गयी,
बुलाया उन्होंने भौजी को पर काम सौंपा मुझे,..

" तू भी न बेचारी हमारी भौजी , हाईस्कूल में ही अपने मायके दूधवाले को, क्या नाम बताया था, हाँ जुगनू,... पे जोबन लुटाती थीं,... तो बेचारे उनके ससुराल के दूध वाले ने क्या गुनाह किया है जो आधा तीहा जोबन दिखायेंगी,..अरे जहाँ उनके माँ ने भेजा ही चुदवाने वहां इतनी शरम लाज,... "

बस, मुझे तो मौका मिल गया , उनकी बड़ी मोटी सी चोटी पकड़ के मैंने ओर खींच लिया,

" देख तेरे देवर बोल रहे हैं , जिन्होंने तेरी कोरी कोरी गाँड़ को पहली बार लंड का स्वाद चखाया तो उनकी बात तो मान,... और फिर जब तू भैया और सैंया में भेद नहीं करती , सैंया की सेज पे सैंया को लोरी सुना के , सुला के भैया के आगे टांग फैलाती है , तो इस बेचारे दूध वाले की क्या गलती,..




तब तक मेरे ' उन्होंने ' मुझे , अपनी भौजी के एक बटन के सहारे बस अटके ब्लाउज की ओर इशारा किया और कहते हैं न अक्लमंद को इशारा काफी होता है , तो बस एक झटके में उनका ब्लाउज मेरे हाथ में, फट के दो टुकड़े हो गया,... ये बात अलग है,...

लेकिन आज जब मैंने और मेरे सैंया ने मिल के उनकी गाँड़ इतनी अच्छी तरह फाड़ी थी तो ब्लाउज तो छोटी चीज है , फिर फटने वाली चीज फटती ही है।

लेकिन उनके देवर फिर मेरे ऊपर, अबकी लेकिन सिर्फ पूछा ,
" सुन यार कुछ मिसिंग हैं न ,... भौजी का पिछवाड़ा कितना लाल लाल, गाल भी गुलाबी तेरे हाथों के फिंगर प्रिंट्स की डिजाइन , पर ये चूँचियाँ कुछ सूनी नहीं लग रहीं है , ... थोड़ी मिस मैचिंग सी,..





पति की बात तो मैं टालती नहीं थी ख़ास कर जब उनकी मायके वालों की लेनी हो,... पर टाईम भी कम था,...

तो बस हम दोनों ने दायां बायां बाँट लिया , मैं वामांगी , बायां वाला मेरा,... गिन के सिर्फ ग्यारह , शुभ संख्या है ,... मैंने भी उन्होंने भी ,... अब जोबन भी लाल थे,




वो निकली लेकिन फिर उनके देवर ने बुला लिया और प्यार से समझाया" देखिये दूध वाले के साथ सेल्फी जरूर लीजिएगा, और ये दोनों लाल लाल उभार साफ़ साफ़ आने चाहिए,... और उसकी मथानी पकड़ के भी ,... चुम्मा लेते ,.. आठ दस सेल्फी ,... मैंने जुगल बंदी की



और सेल्फी हम लोगों के साथ साथ अपनी दोनों नंदों को भी , गुड्डी और उसकी सहेली दिया को भी,... गुड मॉर्निंग के साथ , फोन कर के पूछ भी लीजियेगा , मिली की नहीं ,

और अब जब वो बाहर गयीं तो हम दोनों सो गए

सच में बड़ी गहरी नींद आयी ,



मैं तो तभी उठी जब जेठानी ने उठाया ,बार बार और चाय की महक मेरे नथुनों में पड़ी।

वो उठ गए थे और कुछ लैपटॉप में काम कर रहे थे।

मेरे मोबाइल पे गुड्डी और दिया के १७ मेसेज थे।



मैंने गुड्डी का लास्ट मेसेज पढ़ा ,बहुत खुश ,खूब रगड़ा उसने मेरी जेठानी को ,नाक रगड़वा लिया तब मानी साढ़े दस तक आएगी।

इनकी ओर मैंने चेहरा किया तो जेठ जेठानी जी की बात ये सुन चुके थे , गुड्डी को भेजने की सारी क्रेडिट जेठानी ने अपने नाम पे। और बहुत रिक्वेस्ट भी लगाई थी ,ये भी की आज शाम को ही हम लोग जा रहे हैं गुड्डी को लेकर।


इनकी भौजी को देखकर लग रहा था पेट में क्या ग़दर मच रहा होगा उनके ,

और मैंने उनके बट प्लग को निकाल दिया , लेकिन चाय पीने के बाद ,बेचारी तुरंत बाथरूम भागीं।



मैं किचेन में आयी एकदम सारे बर्तन साफ़ , नाश्ते की पूरी तैयारी झाड़ू पोंछा कम्प्लीट।

वो तो बरामदे में लैपटॉप लेकर बैठ गए , रात की कहानी को संवारने ,समेटने।



मैंने पहले तो मौक़ा मुआयना किया , दौराने तफ्तीश ये पता चला की मेरी जेठानी ने एक अच्छी बच्ची की तरह सारे इंस्ट्रक्शन पूरे किये हैं। यानी आपरेशन जेठानी का एक बहुत बड़ा पार्ट पूरा। झाड़ू पोंछा बरतन , और फिर उनकी गुड्डी और जेठ से हुयी फोन वार्ता , चिड़िया अब अच्छी तरह हम लोगों की मुट्ठी में आ गयी थी।


चिड़िया अब फडफडा सकती है लेकिन मुट्ठी से बाहर जाने का सोच भी नहीं सकती....
जेठानी के सारे प्लान धरे के धरे रह गए और बेबस वो अब गुड्डी को भरे मन विदा ही करेंगी....

लेकिन जेठानी की बहन का क्या हुआ...
जिसने पेट फुला लिया था और.. आपके 'उनको' ....
एकाध पैराग्राफ या एकाध लाइन में उसका भी हाल खुलासा कीजिए....
 
Last edited:

Nick107

Ishq kr..❤
1,046
1,931
144
Thanks so much,... ab to nahi kah sakte na ki badla halka hai,... aur jaise jaise din chadhega,...abhi to GUDDI ko bhi apna HISAAB chukana hai
Ras aa rha he ab👅👅👅
 
  • Like
Reactions: komaalrani

komaalrani

Well-Known Member
22,209
57,779
259
Bhut hi shandaar update .....komal bhabhi maja Aa gya...


Kya ache se shuruwat ki hai badle ki....


Par Acha wo hota h jo badla lene ki jagah badal de....



To jethani se badla na lo..... balking use badal do..... kisi khas Roop m




Waise badal to wo already (gulam) hi gyi


Ekdam sahi kaha aapne, asali badla , badal dena hai, ....kisi ko iasa badal do ki vo khud apne haath se apne sabse bade sapnon ko tod toda ke pahle to choor choor kar ke ,... apne aanhcal se jhand ponch ke,... khud apane haath se dust bin men khushi khusi phenk de.


isiliye saas aur jeth ji se Guddi ke jaane ki baat,

Guddi ko manaane ki baat

aur

Guddi ko ham logo ke saath Jaane ke liye taiyar karane ka kaam bhi maine unhi ko diya aur unhi se karavaya



haan chaar paanch part bad Jethani ka roop bhi badal jaayega,... lekin uske liye thoda intezzar kijiye
 
  • Wow
Reactions: Shetan

komaalrani

Well-Known Member
22,209
57,779
259
Guddu kaise maja deti h apni komal bhabhi ki pyari jethani ko.... ye bhi dekhnaajedaar hoga
Ekdam, bas ek do post ke baad, ... vo aayegi na,... aur baad men Diya uski Saheli bhi
 
  • Love
Reactions: Luckyloda

komaalrani

Well-Known Member
22,209
57,779
259
  • Love
Reactions: Shetan

komaalrani

Well-Known Member
22,209
57,779
259
You justified the story with each and every paragraphs and words.
You have fantastic command over the language, tone, mood and dialogues delivered by each character.
Even presentation is marvelous with pics/gifs.

You developed the story very well and described so many events at the last section of story which creates aspirations and readers expectation has been raised to a new high.
However still I feel that those development in the story should be continued as sequel.
You may continue as per your wish and time availability.
Yes, whenever i get time , if you read MOHE RANG DE some jhalak of sequels have been given,...



किस्सा बनारस का, ( अनुज की जुबानी )

गुड्डो की मम्मी

Page 258 and 259 of Mohe Rang de


काम -काम्या, रम्या, प्रमदा


काम का चरम रूप स्त्री -पुरुष, देह मन मस्तिष्क तीनो का संगम और रस की पराकाष्ठा,... मैं कुछ सायास सोच नहीं रहा था, गंगा की लहरें देखते हुए अपने आप मन में विचारों की भावों की लहरे बह रही थीं,...


रस अन्त:करण की वह शक्ति है, जिसके कारण इन्द्रियाँ अपना कार्य करती हैं, मन कल्पना करता है, स्वप्न की स्मृति रहती है। रस आनंद रूप है । यही आनंद अन्य सभी अनुभवों का अतिक्रमण भी है।


कमनीया का एक कटाक्ष, सभी दृष्टि के सुखों से ऊपर होता है, बिना कहे सुख की कितनी पिचकारियां, उस कटाक्ष के साथ लजाने से छूट पड़ती हैं,... छेड़छाड़ की बातें कभी आधी कही, बातें सब वाग सुखों का निचोड़ हो जाता है, और मिलन में तो सब रस एक साथ,... दृश्य का वाग का स्पर्श का गंध का,...


पुजारी जी जैसे जैसे प्रसाद का पान करा रहे थे, ... सब कुछ भूल कर,... जैसे शैवाल से भरा ताल भले ऊपर से जैसा लगे पर उसके नीचे प्यास बुझाने वाला निर्मल जल ,... नीति -अनीति, नाते रिश्ते भौतिक सम्बन्ध जैसे कटते जा रहे थे , जैसे काई हटती जा रही हो और अंदर का सुंदर स्वादिष्ट जल प्यास बुझाने के लिए ,... कामना, उसको पूरा करने के लिए शक्ति और सबसे बढ़कर रस, छक कर रस पान,...

रमणी,... जिसके साथ रमण किया जाये, रम्या,... कामिनी, काम्या,... जिसकी कामना की जाये,... और स्त्री में ही पुरुष की पूर्ण आहुति होती है, वहीँ पुरुष स्थान पाता है ,धात्री धरती बीज को धारण करती है और शष्य श्यामला धान्य से भर जाती है, स्त्री यज्ञ की समिधा की तरह है , जिसमे पुरुष घृत की तरह,... दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, और सृष्टि का निर्माण भले ही हो गया है , लेकिन यह काम की भावना ही चाहे पेड़ पौधे हों, अलग योनियों के जीव जंतु हो,उनकी वृद्धि के लिए जिम्मेदार है , और काम की पूर्ती के साथ जो स्त्री पुरुष दोनों को आनंद मिलता है, वह शब्दातीत है, लेकिन उस आनंद को देना और लेना दोनों ही, कर्म है,...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Yes, whenever i get time , if you read MOHE RANG DE some jhalak of sequels have been given,...



किस्सा बनारस का, ( अनुज की जुबानी )

गुड्डो की मम्मी

Page 258 and 259 of Mohe Rang de


काम -काम्या, रम्या, प्रमदा


काम का चरम रूप स्त्री -पुरुष, देह मन मस्तिष्क तीनो का संगम और रस की पराकाष्ठा,... मैं कुछ सायास सोच नहीं रहा था, गंगा की लहरें देखते हुए अपने आप मन में विचारों की भावों की लहरे बह रही थीं,...


रस अन्त:करण की वह शक्ति है, जिसके कारण इन्द्रियाँ अपना कार्य करती हैं, मन कल्पना करता है, स्वप्न की स्मृति रहती है। रस आनंद रूप है । यही आनंद अन्य सभी अनुभवों का अतिक्रमण भी है।


कमनीया का एक कटाक्ष, सभी दृष्टि के सुखों से ऊपर होता है, बिना कहे सुख की कितनी पिचकारियां, उस कटाक्ष के साथ लजाने से छूट पड़ती हैं,... छेड़छाड़ की बातें कभी आधी कही, बातें सब वाग सुखों का निचोड़ हो जाता है, और मिलन में तो सब रस एक साथ,... दृश्य का वाग का स्पर्श का गंध का,...


पुजारी जी जैसे जैसे प्रसाद का पान करा रहे थे, ... सब कुछ भूल कर,... जैसे शैवाल से भरा ताल भले ऊपर से जैसा लगे पर उसके नीचे प्यास बुझाने वाला निर्मल जल ,... नीति -अनीति, नाते रिश्ते भौतिक सम्बन्ध जैसे कटते जा रहे थे , जैसे काई हटती जा रही हो और अंदर का सुंदर स्वादिष्ट जल प्यास बुझाने के लिए ,... कामना, उसको पूरा करने के लिए शक्ति और सबसे बढ़कर रस, छक कर रस पान,...

रमणी,... जिसके साथ रमण किया जाये, रम्या,... कामिनी, काम्या,... जिसकी कामना की जाये,... और स्त्री में ही पुरुष की पूर्ण आहुति होती है, वहीँ पुरुष स्थान पाता है ,धात्री धरती बीज को धारण करती है और शष्य श्यामला धान्य से भर जाती है, स्त्री यज्ञ की समिधा की तरह है , जिसमे पुरुष घृत की तरह,... दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, और सृष्टि का निर्माण भले ही हो गया है , लेकिन यह काम की भावना ही चाहे पेड़ पौधे हों, अलग योनियों के जीव जंतु हो,उनकी वृद्धि के लिए जिम्मेदार है , और काम की पूर्ती के साथ जो स्त्री पुरुष दोनों को आनंद मिलता है, वह शब्दातीत है, लेकिन उस आनंद को देना और लेना दोनों ही, कर्म है,...
आपकी कहानियों में प्रयोग हुए शब्दावली से एक उत्तम साहित्य की झलक मिलती है...
(जैसे सुहागरात या तरुनोपदेश जैसी द्विवेदी जी की रचना हो...)
आपके पास ज्ञान का अथाह भंडार है....
और उसे शब्दों में पिरोने की कला भी ..
(बहुत कम लोगों में ऐसा देखने को मिलता है)...B-)B-)
 
Top