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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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भाग १५३

चंपा बाई
 
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भाग १५३

चंपा बाई













" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,

हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में ,

बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लोग चले भी जायँगे फिर ,... "



मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।

उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...







मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर

चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,





" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।
और जेठानी तुरंत ही नार्मल हो गयीं , नाम भी बताया , मायके के गाँव का नाम भी।

और सवाल जवाब बात चीत में बदल गया लेकिन साथ ही साथ बहुत कुछ पूछ भी लिया चम्पा बाई ने और वो भी एकदम खुल के ,

" कोठे पे काहें आना चाहती हो ,खाली मजे के लिए या पैसे के लिए भी "





और जेठानी जी ने एकदम सही जवाब दिया और सही स्टाइल में भी , कुछ शर्माते कुछ खिलखिलाते , रुक के बोलीं वो

"दोनों के लिए "





और चम्पा बाई भी मुस्करा दीं।


" बहुत रगड़ायी होगी तेरी सोच ले " चंपा बाई ने पूछा भी ,थोड़ा डराया भी और जेठानी का मन जानने की कोशिश की।

जेठानी की मुस्कराहट ने जवाब दे दिया।


" चल तेरी दोनों बात पूरी होगी, सब बित्ते भर से ऊपर वाले, एक से एक मरद मिलेंगे तुझे रगड़ के रख देंगे, मज़ा पूरा आएगा,... और पैसा भी भरपूर मिलेगा, ... एक तेरा अकाउंट अलग से खुलवा दूंगी, रोज की आमदनी रोज, महीने भर में दो चार लाख तो कम से कम, और जितना ज्यादा उतारेगी उतना ही, मजा भी मिलेगा और पैसा भी।" चंपा बाई ने जेठानी का मन जानने के बाद साफ़ साफ़ उन्हें समझा दिया और जेठानी का चेहरा खिल गया.


और जब ये पक्का हो गया तो चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ सवाल करने शुरू कर दिए ,


" पहली बार कब करवाया था ,किस उम्र में ,किस के साथ "

" शादी के पहले कितनी बार ?"


और जब जेठानी से चम्पा भाई ने ये सवाल पूछा एक दिन में कितने लौंडे उतारे थे तो जेठानी ने तुरंत जवाब नहीं दिया, कुछ सोचने लगीं तो चंपा बाई ने सोचा शायद शर्मा रहे हैं तो उन्होंने हिम्मत बंधाई,...

" चल कोई नहीं , एक से ज्यादा नहीं ,... तो क्या होगया अब तो चढ़ेंगे पांच -छह हर रोज। "

" नहीं नहीं याद करने की कोशिश कर रही हूँ बताती हूँ बताती हूँ , ... " जेठानी कुछ सोचती हुयी बोलीं,... फिर उनके चेहरे पे चमक आ गयी, और वो चालू हो गयीं,...

" होली वाले दिन, सबेरे सबेरे हमारा ग्वाला दूध देने आया था तो वही दो बार चढ़ गया, दोपहर के बाद सहेली के यहाँ गयी थी, उसके जीजा और उसके दोस्त,... और लौटते हुए, हमारे गाँव के भैया, सगे से बढ़कर, छुटपन से उन्ही को राखी बांधती थी, ... तो उन्होंने और उनका साला आया था, मेरी उमर का ही होगा, दो चार साल बड़ा, कुल पांच लोग,... होली के दिन और उस के पांच दिन बाद मेरा बोर्ड का इम्तहान शुरू हुआ था , हाईस्कूल का "




चंपा बाई के चेहरे पे चमक आ गयी लेकिन जेठानी ने कुछ रुक के जोड़ा,...


लेकिन एक बार उससे भी ज्यादा,... स्कूल की पिकनिक थी , मैं बारहवें में थी चार लड़के थे दिन भर की पिकनिक , बहुत दिन से मेरे पीछे पड़े थे तो उन चारों के साथ , ... एक साथ नहीं बारी बारी से, फिर एक टीचर ने देख लिया, पिकनिक से लौटने के पहले उन्होंने मुझे बता के, तो उन्होंने भी और उनके एक साथ के टीचर थे वो भी आ गए। कुल छह

और रात को मैं घर लौटी तो मेरा फुफेरा भाई आया था , उसके साथ तो मैं हाईस्कूल से ही ,... और माँ भी घर पे नहीं थी, तो उसके साथ तो पूरे रातभर का खेल हर बार होता था,.... चार लड़के दो टीचर छह और भैया को जोड़ लूँ तो सात। तो एक दिन में मैक्सिमम सात, जब मैं बारहवें में थीं। "



" गांड कब मरावायी पहली बार ?"

"कल पहली बार, अपने देवर से"

हिचकिचाते हुए जेठानी सब बातों का सही सही जवाब दे रही थीं।


उन्हें नहीं मालूम था पर मुझे मालूम था की कल जेठानी जी की आवाज में जो उनकी कच्ची जवानी की कहानी मैंने रिकार्ड करवाई थी वो दिया ने चम्पा बाई के पास भिजवा दी थी।

जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,



" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं , मुझे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "




"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया. " अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।
 
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भाग १५१

चंपा बाई






florida boxer rescue






" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,

हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में ,

बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लोग चले भी जायँगे फिर ,... "



मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।

उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...







मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर

चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,



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" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।
और जेठानी तुरंत ही नार्मल हो गयीं , नाम भी बताया , मायके के गाँव का नाम भी।

और सवाल जवाब बात चीत में बदल गया लेकिन साथ ही साथ बहुत कुछ पूछ भी लिया चम्पा बाई ने और वो भी एकदम खुल के ,

" कोठे पे काहें आना चाहती हो ,खाली मजे के लिए या पैसे के लिए भी "



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और जेठानी जी ने एकदम सही जवाब दिया और सही स्टाइल में भी , कुछ शर्माते कुछ खिलखिलाते , रुक के बोलीं वो

"दोनों के लिए "



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और चम्पा बाई भी मुस्करा दीं।


" बहुत रगड़ायी होगी तेरी सोच ले " चंपा बाई ने पूछा भी ,थोड़ा डराया भी और जेठानी का मन जानने की कोशिश की।

जेठानी की मुस्कराहट ने जवाब दे दिया।


" चल तेरी दोनों बात पूरी होगी, सब बित्ते भर से ऊपर वाले, एक से एक मरद मिलेंगे तुझे रगड़ के रख देंगे, मज़ा पूरा आएगा,... और पैसा भी भरपूर मिलेगा, ... एक तेरा अकाउंट अलग से खुलवा दूंगी, रोज की आमदनी रोज, महीने भर में दो चार लाख तो कम से कम, और जितना ज्यादा उतारेगी उतना ही, मजा भी मिलेगा और पैसा भी।" चंपा बाई ने जेठानी का मन जानने के बाद साफ़ साफ़ उन्हें समझा दिया और जेठानी का चेहरा खिल गया.


और जब ये पक्का हो गया तो चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ सवाल करने शुरू कर दिए ,


" पहली बार कब करवाया था ,किस उम्र में ,किस के साथ "

" शादी के पहले कितनी बार ?"


और जब जेठानी से चम्पा भाई ने ये सवाल पूछा एक दिन में कितने लौंडे उतारे थे तो जेठानी ने तुरंत जवाब नहीं दिया, कुछ सोचने लगीं तो चंपा बाई ने सोचा शायद शर्मा रहे हैं तो उन्होंने हिम्मत बंधाई,...

" चल कोई नहीं , एक से ज्यादा नहीं ,... तो क्या होगया अब तो चढ़ेंगे पांच -छह हर रोज। "

" नहीं नहीं याद करने की कोशिश कर रही हूँ बताती हूँ बताती हूँ , ... " जेठानी कुछ सोचती हुयी बोलीं,... फिर उनके चेहरे पे चमक आ गयी, और वो चालू हो गयीं,...

" होली वाले दिन, सबेरे सबेरे हमारा ग्वाला दूध देने आया था तो वही दो बार चढ़ गया, दोपहर के बाद सहेली के यहाँ गयी थी, उसके जीजा और उसके दोस्त,... और लौटते हुए, हमारे गाँव के भैया, सगे से बढ़कर, छुटपन से उन्ही को राखी बांधती थी, ... तो उन्होंने और उनका साला आया था, मेरी उमर का ही होगा, दो चार साल बड़ा, कुल पांच लोग,... होली के दिन और उस के पांच दिन बाद मेरा बोर्ड का इम्तहान शुरू हुआ था , हाईस्कूल का "

चंपा बाई के चेहरे पे चमक आ गयी लेकिन जेठानी ने कुछ रुक के जोड़ा,... लेकिन एक बार उससे भी ज्यादा,... स्कूल की पिकनिक थी , मैं बारहवें में थी चार लड़के थे दिन भर की पिकनिक , बहुत दिन से मेरे पीछे पड़े थे तो उन चारों के साथ , ... एक साथ नहीं बारी बारी से, फिर एक टीचर ने देख लिया, पिकनिक से लौटने के पहले उन्होंने मुझे बता के, तो उन्होंने भी और उनके एक साथ के टीचर थे वो भी आ गए। कुल छह और रात को मैं घर लौटी तो मेरा फुफेरा भाई आया था , उसके साथ तो मैं हाईस्कूल से ही ,... और माँ भी घर पे नहीं थी, तो उसके साथ तो पूरे रातभर का खेल हर बार होता था,.... चार लड़के दो टीचर छह और भैया को जोड़ लूँ तो सात। तो एक दिन में मैक्सिमम सात, जब मैं बारहवें में थीं। "

" गांड कब मरावायी पहली बार ?"

"कल पहली बार, अपने देवर से"

हिचकिचाते हुए जेठानी सब बातों का सही सही जवाब दे रही थीं।


उन्हें नहीं मालूम था पर मुझे मालूम था की कल जेठानी जी की आवाज में जो उनकी कच्ची जवानी की कहानी मैंने रिकार्ड करवाई थी वो दिया ने चम्पा बाई के पास भिजवा दी थी।

जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,



" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं , मुझे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "




"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया. " अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।
Karva diya Jethani ka interview bhi Champa bai se,ab to bas dhamal hone wala hai jethani ke sath kothe par.Adbhut ,gazab update 👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
 

Rajizexy

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Problem will get corrected automatically within a few hours.Pehle bhi aisa kai bar ho chuka hai.Lekin aapka Komal trade mark to gifs ke bagair bhi goli ki raftar se chal raha hai.U have given a marvelous update.♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
 

komaalrani

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जोबन दमदार


जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,

" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं ,मुहे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "

"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया.

" अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।


और कुछ लजाते शरमाते ,कुछ अदा दिखाते इनकी 'संस्कारी ' भाभी ने आँचल सरका दिया , पहले तो जोबन की हल्की सी झलक , फिर निपल्स और उसके बाद पूरी गोलाई




चंपा बाई के चेहरे से साफ़ साफ़ झलक रहा था जो उन्हें दिख रहा है वो उन्हें न सिर्फ पसंद है बल्कि बहुत पसदं है।


३६ डी डी की साइज के बावजूद बिना ब्रा के सपोर्ट के भी इनकी जेठानी के उभार एकदम कड़े , ज़रा भी सैगिंग नहीं थीं। परफेक्ट गोल,


उभार,कटाव ,कड़ापन ,शेप साइज सबमें दस में दस , और ऊपर से जिस तरह



नीचे से जेठानी ने अपनी दोनों उँगलियों से अपने उरोजों को हलके हलके छूना सहलाना शुरू कर दिया ,धीरे कभी थोड़ा सा दबाते , मसलते उँगलियाँ ऊपर बढ़ रही थीं , चम्पा बाई की भी हालत खराब हो गयी।

निप्स भी एकदम परफेक्ट।


ज़रा सा घुंडी पकड़ के ,गोल गोल घुमाके , ... चम्पा बाई बोलीं।

और मेरी जेठानी बचपन की खेली खायी , गन्ने के खेत में कबड्डी खेल खेल कर बड़ी हुईं ,...

उन्होंने मंझली और तर्जनी उँगलियों के बीच निपल दबने के बावजूद गोल गोल कंचे की तरह एकदम कड़े ,




और जिस तरह से उँगलियों के बीच वो घुमा रही थीं ,मेरी हालत खराब हो रही थी ,चम्पा बाई के कोठे पर आने वाले मरदों की हालत तो ,...

'गजब ,बहुत अच्छा ,... "

जिसने कितनी कुंवारियों की सील तुड़वाई होगी , कितनी एक से एक जिसके कोठे पर चढ़कर मशहूर हुयी होंगी ,उसके मुंह से किसी की तारीफ़ निकलजाये तो इससे बड़ी तारीफ़ क्या होगी।



चंपा बाई के चेहरे से भी लग रहा था की ये माल उनके कोठे पर आग लगा देगा।

साडी अब सरक कर इनकी भाभी की गोद में सिमटी पड़ी थी , वो पूरी तरह टॉपलेस ,पान के पत्ते की तरह चिकना पेट ,पतली कमर गहरी नाभी सब दिख रही थी।

" पेट कितनी बार गिरवाया, शादी के पहले " चंपा भाई ने टेढ़ा सवाल कर दिया।

जैसे उन्हें समझ में नहीं आया इस तरह वो चम्पा बाई की ओर देखती रहीं ,फिर मुस्कराते हुए ना में उन्होंने सर हिलाया और हलके से बोला

" नहीं कभी नहीं। "



" मैंने इसलिए पूछा की तुमतो शादी के चार पांच साल पहले से ही ,जब हाईस्कूल में पहुंची थी तभी से ,... और गाँव में कंडोम वन्डोम तो ,.. "
चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ बात अपनी पूरी की।

" आप एकदम सही कह रही हैं , गाँव में कंडोम का तो सवाल ही नहीं उठता न कंडोम न वैसलीन। सब एकदम डायरेक्ट सीधे ही ,सटाया ,धँसाया ,घुसेड़ दिया। " मेरी जेठानी हँसते हुए बोली।

और अब उनमें और चंपा बाई में खुल के सहेलियों की तरह बातें हो रही थी।

" मैं गोली लेती थी ,जब से मेरे पीरियड शुरू हुए उसके कुछ दिन बाद ही मेरी माँ ने खुद ही ,... " जेठानी ने अपनी निर्भीक कच्ची जवानी में चुदाई का राज खोला।

" तुम्हारी माँ सच में बहुत समझदार थीं ,और मेरे कोठे पर भी कोई कंडोम वन्डोम नहीं सीधे सीधे ,इसलिए मैं पूछ रही थी अच्छा शादी के बाद तो कभी पेट नहीं गिरवाया?"

" न ना " अबकी इनकी भाभी की आवाज में खिलखिलाहट नहीं थीं। कभी उलटी तक तो हुयी नहीं , गाभिन होने का सवाल ही नहीं था।

लेकिन मैं चम्पा बाई के सवालों का मतलब समझ रही थी। जेठानी के चिकने मुलायम गोरे गोरे पेट पर प्रिगनेंसी का कोई निशान नहीं था। एकदम किसी नयी ब्याही दुल्हिन की तरह कोरे कागज की तरह चिकनी ,

" बच्चे वच्चे तो नहीं हुए न ,... "मालूम होने के बावजूद चम्पा भाभी ने साफ़ साफ़ पूछ लिया।

" नहीं नहीं , कोई नहीं " जल्दी से मेरी जेठानी ने वो टॉपिक बंद किया




.और चम्पा बाई ने उनकी सहेली खुलवा दी।
 
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komaalrani

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चिकनी चमेली




और चम्पा बाई ने उनकी सहेली खुलवा दी।

खूब मांसल गोरे गुलाबी पपोटे , भगोष्ठ ,चिकनी मांसल जाँघे , झांटो का नाम निशान नहीं।

और बीच में एकदम दबा मुश्किल से दीखता छेद।


अबकी बिना कहे ही जेठानी ने अपनी गदोरी से अपनी सोन चिरैया को हलके हलके दबाना शुरू कर दिया।

"ज़रा जाँघे अच्छी तरह फैलाओ ,.. " स्काइप से आवाज आयी और इनकी भौजाई ने जैसे किसी यार के सामने अपनी टाँगे फैला रही हों।

" उन्हह ,ऊँगली ,... " चम्पा बाई की आवाज आयी और जेठानी ने अपनी मंझली ऊँगली सोनचिरैया के मुंह में घुसाना शुरू किया।


जेठानी की बुर इस तरह की थी की वो कितनो से चुदे कसी की कसी रहती , और चंपा बाई को ये अंदाजा हो गया था।

कलायी के पूरे जोर से एक ऊँगली का दो पोर घुसा।


"दूसरी ऊँगली ,.. "

और अबकी जेठानी ने पूरी ताकत लगा दी तब जाकर ,...

यही तो चंपा बाई चाहती थीं ,खेली खायी हो चुदवासी हो पर एकदम टाइट हो।



ज़रा पिछवाड़ा दिखाओ ,
और जेठानी ने पीछे मुड़ कर न सिर्फ अपना पिछवाड़ा दिखाया बल्कि दोनों हाथों से कस के चूतड़ फैलाकर पिछवाड़े का छेद भी ,




" बहुत कसा है , पहली बार लंड कब लिया कितने लंड घोंटे हैं गांड में " चम्पा बाई अब एकदम साफ़ साफ़

कुछ हिचक कर जेठानी ने बोल दिया , बस आज , एक ( बात सही थी मैंने तो डिलडो इस्तेमाल किया था ,लंड तो उन्होंने सिर्फ मेरे सैयां का अपने 'सीधे साधे देवर' का घोंटा )

" मेरे कोठे पर कोई रंडी मना नहीं करती की वो गाड़ में नहीं लेगी या मुंह में नहीं लेगी "

चंपा बाई की बात स्टेटमेंट भी थी और जेठानी को बताया भी उन्होंने।
और मेरी जेठानी ने एकदम सर हिलाकर हामी जताई।

इंटरव्यू आलमोस्ट पूरा हो गया था।

चम्पा बाई को जेठानी पसंद आ गयी थीं ,बल्कि अब वो किसी भी कीमत पर उन्हें अपने कोठे पर बैठाकर ही मानने वाली थीं।

जेठानी के सामने दिया बैठी जिसके हाथ में मोबाइल था और जेठानी के सामने न करने को कोई चारा भी नहीं था।

दिया की ऊँगली का एक इशारा और उनके मायके ससुराल में हर जगह न सिर्फ उनकी अपनी आवाज में उनकी कच्ची जवानी के कच्चे चिट्ठे , बल्कि कल रात से उनकी सारी फोटुएं वीडियो और वो डीवीडी आज रात ही केबल पर चल जानी थी।



पर मुझे लग रहा था की असल में मन तो जेठानी जी का भी कर रहा था।

कच्ची जवानी से छिनार,बचपन की चुदवासी जेठानी जो संस्कारी बनकर ,... अब एकबार फिर से अपने असली रूप में ,...

" तो फिर पक्का न , किस दिन ,.. " चम्पा बाई ने जेठानी से हामी भरवाई।



जेठानी ने तारीख बता दी। आज से ११ दिन बाद की। और साफ़ साफ़ कारण भी बता दिया ,
" हमारी सास ८-१० दिन के लिए जा रही है बाहर और इनकी भी हफ्ते भर की ट्रेनिंग है दिल्ली में , तो ये भी इसलिए ,... "

मेरी निगाह उस तारीख पर कैलेण्डर में घूम रही थी , शुक्रवार का दिन था।

और उसी दिन मेरी मम्मी मेरी सास को लेकर मेरे घर आने वाली थीं ,उन्हें सुबह ही निकलना था ,दोपहर तक वो हमारे घर पहुँच जाती।
 
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प्रोग्राम पक्का



" तो फिर पक्का न , किस दिन ,.. " चम्पा बाई ने जेठानी से हामी भरवाई।

जेठानी ने तारीख बता दी। आज से ११ दिन बाद की। और साफ़ साफ़ कारण भी बता दिया ,


" हमारी सास ८-१० दिन के लिए जा रही है बाहर और इनकी भी हफ्ते भर की ट्रेनिंग है दिल्ली में , तो ये भी इसलिए ,... "

मेरी निगाह उस तारीख पर कैलेण्डर में घूम रही थी , शुक्रवार का दिन था।


और उसी दिन मेरी मम्मी मेरी सास को लेकर मेरे घर आने वाली थीं ,उन्हें सुबह ही निकलना था ,दोपहर तक वो हमारे घर पहुँच जाती।


" तो पक्का न शुक्रवार को रंजीत को मैं भेज दूंगी। शाम को चार बजे। उस का नंबर भी तुझे मेसेज कर दूंगी " चम्पा बाई ने बात पक्की की।




" ठीक है ,उस समय तो मैं एकदम अकेली ही रहूंगी। " जेठानी ने साफ़ साफ़ प्रोग्राम पक्का कर दिया।



" बस उस रात को , ... और तू तो अकेली ही रात रहेगी हफ्ते भर तो ,... तीन चार दिन के कपडे ,... तीन चार पांच दिन कोठे पर रहेगी , दिन रात तो कोठे के सब रंग ढंग सीख जाएगी। और घबड़ाना मत मैं तो रहूंगी न वहां एकदम तेरी माँ की तरह ,कोई बात हो तो ,... तुझे तो पहले दिन से ही ,.. आजा सारी रात घोड़े दौड़वाउंगी तेरे ऊपर , सब एक से एक तगड़े। .. आज से ही रंजीत को लगा देती हूँ तेरी बुकिंग ढूंढना शरू कर देगा तो पक्का शुक्रवार को ,... "

" जी " कुछ घबड़ाते कुछ शरमाते जेठानी बोलीं।



" यही साडी पहन के आना ,लाल रंग तेरे ऊपर बहुत फबता है। चल अब साडी ठीक कर ले। शुक्रवार को चढ़ जा मेरे कोठे पर। मैं वेट करुँगी ,हाँ पर एक बात समझ लो एक बार हाँ कहने के बाद कोई लौंडिया चंपा बाई को मना नहीं कर सकती ,जबरदस्ती उठवा लेती हूँ और फिर उसे चवन्नी छाप रंडी बना के,... शाम से दरवाजे पर खड़ी हो के ग्राहक पटाती है और दिन भर मेरे कोठे के भंडुए उसका भोग लगाते हैं। कच्ची चूत का हफ्ते भर में भोंसड़ा बना के बेच देती हूँ , ... "



जेठानी के चेहरे पर घबड़ाहट नजर आ रही थी , वो जल्दी जल्दी बोली ,..

" नहीं नहीं मैं शुक्रवार को ,.. शाम के पहले ही आप रंजीत को भेज दीजियेगा मैं आ जाउंगी चार पांच दिन के लिए। वैसे भी घर में तो कोई रहेगा नहीं। "



" अरे तेरे लिए थोड़े ही कह रही हूँ पगली , तू तो बेकार में ,.. तू तो मेरी बेटी की तरह है , तू आज से मुझे अपनी माँ समझना। तू तो मेरे कोठे की शान बन के रहेगी। तूने कहा था न मजा और पैसा दोनों तो दोनों ही मिलेगा। खूब लम्बे और मोटे मोटे , सरदार ,पठान ,...

और फिर चम्पा बाई ने मुस्कराते हुए एक बालिश्त दिखा के जेठानी को साइज का साफ़ साफ़ अंदाज कराया।




और पैसे की तो कमी ही नहीं रहेगी ,तेरा एक नया अकाउंट कोठे पर पहुंचते ही खुलवा दूंगी , सारा तेरा पैसा उसी में ,.. हाँ साड़ी ठीक कर ले। "




और चम्पा देवी अंतरध्यान।

लेकिन साडी ठीक करने में जेठानी ने एक बात नहीं सुनी , दिया भी स्काइप स्विच आफ करने में लगी थी ,



पर मैंने सुन ली। जो बात बहुत धीमे से मुस्कराकर चंपा बाई जाते जाते बोल गयीं।

"चम्पा बाई के कोठे पर सिर्फ चढने वाली सीढी है उतरने वाली नहीं। बस एक बार तू मेरे कोठे पर आ जा , पक्की रंडी ,... बनेगी तू।"





और मेरी निगाह एक बार फिर दीवाल पर टंगे कैलेण्डर पर चिपकी थी , आज बुधवार ,आज हम लोग दो तीन घंटे में इनकी बुलबुल को लेके अपने घर पहुँच जायेंगे।

और बृहस्पतिवार ,शुक्रवार , उसके ठीक एक हफ्ते बाद , अगले शुक्रवार को मम्मी मेरी सास को लेके दोपहर तक हमारे घर पहुँच जाएंगी।

शुक्रवार को ,

मेरी जेठानी कोठे पर चढ़ जाएंगी ,.... रात भर एक से एक मोटे लौंड़े घोंटेंगीं।



मेरी सास उस दिन रात में अपने बेटे का , जिस भोंसडे से ये निकले हैं उसी भोंसडे में इनका ,.. वो भी मेरे और इनकी सास के सामने ,..... गपागप सास मेरी घोंटेंगी।
 
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komaalrani

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Problem will get corrected automatically within a few hours.Pehle bhi aisa kai bar ho chuka hai.Lekin aapka Komal trade mark to gifs ke bagair bhi goli ki raftar se chal raha hai.U have given a marvelous update.♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Thanks so much, maine bahoot try kiya ek to load nahi hoti aur load hone ke baad bhi pic khulati nahi,aap ne sahi kaha himmat badhayi kuch der baad kohshish karungi, aapka saath rahe aapke comment aate rahe to tammam vighn badha ke baad bhi

aur ab aap se inspired hoke maine Chhutaki vaali story men INCEST bhi shuru kar diya hai to,...
 
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Rajizexy

Punjabi Doc, Rajiii
Supreme
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जोबन दमदार


जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,

" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं ,मुहे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "

"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया.

" अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।


और कुछ लजाते शरमाते ,कुछ अदा दिखाते इनकी 'संस्कारी ' भाभी ने आँचल सरका दिया , पहले तो जोबन की हल्की सी झलक , फिर निपल्स और उसके बाद पूरी गोलाई


चंपा बाई के चेहरे से साफ़ साफ़ झलक रहा था जो उन्हें दिख रहा है वो उन्हें न सिर्फ पसंद है बल्कि बहुत पसदं है।


३६ डी डी की साइज के बावजूद बिना ब्रा के सपोर्ट के भी इनकी जेठानी के उभार एकदम कड़े , ज़रा भी सैगिंग नहीं थीं। परफेक्ट गोल,


उभार,कटाव ,कड़ापन ,शेप साइज सबमें दस में दस , और ऊपर से जिस तरह


नीचे से जेठानी ने अपनी दोनों उँगलियों से अपने उरोजों को हलके हलके छूना सहलाना शुरू कर दिया ,धीरे कभी थोड़ा सा दबाते , मसलते उँगलियाँ ऊपर बढ़ रही थीं , चम्पा बाई की भी हालत खराब हो गयी।
निप्स भी एकदम परफेक्ट।

ज़रा सा घुंडी पकड़ के ,गोल गोल घुमाके , ... चम्पा बाई बोलीं।

और मेरी जेठानी बचपन की खेली खायी , गन्ने के खेत में कबड्डी खेल खेल कर बड़ी हुईं ,...

उन्होंने मंझली और तर्जनी उँगलियों के बीच निपल दबने के बावजूद गोल गोल कंचे की तरह एकदम कड़े , और जिस तरह से उँगलियों के बीच वो घुमा रही थीं ,मेरी हालत खराब हो रही थी ,चम्पा बाई के कोठे पर आने वाले मरदों की हालत तो ,...

'गजब ,बहुत अच्छा ,... "
जिसने कितनी कुंवारियों की सील तुड़वाई होगी , कितनी एक से एक जिसके कोठे पर चढ़कर मशहूर हुयी होंगी ,उसके मुंह से किसी की तारीफ़ निकलजाये तो इससे बड़ी तारीफ़ क्या होगी।

चंपा बाई के चेहरे से भी लग रहा था की ये माल उनके कोठे पर आग लगा देगा।

साडी अब सरक कर इनकी भाभी की गोद में सिमटी पड़ी थी , वो पूरी तरह टॉपलेस ,पान के पत्ते की तरह चिकना पेट ,पतली कमर गहरी नाभी सब दिख रही थी।

" पेट कितनी बार गिरवाया, शादी के पहले " चंपा भाई ने टेढ़ा सवाल कर दिया।

जैसे उन्हें समझ में नहीं आया इस तरह वो चम्पा बाई की ओर देखती रहीं ,फिर मुस्कराते हुए ना में उन्होंने सर हिलाया और हलके से बोला

" नहीं कभी नहीं। "



" मैंने इसलिए पूछा की तुमतो शादी के चार पांच साल पहले से ही ,जब हाईस्कूल में पहुंची थी तभी से ,... और गाँव में कंडोम वन्डोम तो ,.. "
चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ बात अपनी पूरी की।

" आप एकदम सही कह रही हैं , गाँव में कंडोम का तो सवाल ही नहीं उठता न कंडोम न वैसलीन। सब एकदम डायरेक्ट सीधे ही ,सटाया ,धँसाया ,घुसेड़ दिया। " मेरी जेठानी हँसते हुए बोली।

और अब उनमें और चंपा बाई में खुल के सहेलियों की तरह बातें हो रही थी।

" मैं गोली लेती थी ,जब से मेरे पीरियड शुरू हुए उसके कुछ दिन बाद ही मेरी माँ ने खुद ही ,... " जेठानी ने अपनी निर्भीक कच्ची जवानी में चुदाई का राज खोला।

" तुम्हारी माँ सच में बहुत समझदार थीं ,और मेरे कोठे पर भी कोई कंडोम वन्डोम नहीं सीधे सीधे ,इसलिए मैं पूछ रही थी अच्छा शादी के बाद तो कभी पेट नहीं गिरवाया?"

" न ना " अबकी इनकी भाभी की आवाज में खिलखिलाहट नहीं थीं। कभी उलटी तक तो हुयी नहीं , गाभिन होने का सवाल ही नहीं था।

लेकिन मैं चम्पा बाई के सवालों का मतलब समझ रही थी। जेठानी के चिकने मुलायम गोरे गोरे पेट पर प्रिगनेंसी का कोई निशान नहीं था। एकदम किसी नयी ब्याही दुल्हिन की तरह कोरे कागज की तरह चिकनी ,

" बच्चे वच्चे तो नहीं हुए न ,... "मालूम होने के बावजूद चम्पा भाभी ने साफ़ साफ़ पूछ लिया।

" नहीं नहीं , कोई नहीं " जल्दी से मेरी जेठानी ने वो टॉपिक बंद किया

.और चम्पा बाई ने उनकी सहेली खुलवा दी।
Champa bai to aise interview le rahi hai jese bhens kharidte samay uske dant dekhe jate hain.Umda update 👌👌👌💯💯💯⭐⭐⭐
 
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