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Very erotic updateजोरू का गुलाम भाग १५६-गृह प्रवेश
बैक सीट पर मस्ती, छुटकी बहिनिया के साथ
मैंने थम्स अप का साइन दिया ,अपने आई फोन में दिवाली की डेट ढूंढ कर इनके मायके के नाम पर शेड्यूल कर लिया और दिया को मेसज कर दिया एक चेंज भी कर दिया।
यस ,लेकिन मैं भी आउंगी। रात भर दिया के दोनों भैय्या और अगले दिन भावज ननदिया।
व्हाटएप बंद कर मैंने पीछे देखा
-----
वहां सीन ज्यादा आगे बढ़ा नहीं था
गुड्डी के होंठ अभी भी अपने भइया के सुपाड़े को चुभलाने में मगन थे।
मैंने उसको हड़काया और ललकारा भी
" कैसी ननद है मेरी नाम डुबोएगी मेरा ,पूरा गप्प कर अपने भइया का। "
पूरा तो नहीं लेकिन उनकी ममेरी बहन ने उनका आधा लंड गप्प कर लिया और वो भी उसका सर पकड़ कर ,हलके हलके अपनी प्यारी इंटरवाली बहना का मुंह चोद रहे थे।
अब मैंने आगे गाड़ी चलाने पर ध्यान दिया ,अभी भी करीब ४५ किलोमीटर बचा था और हलकी बारिश शुरू हो गयी थी।
सड़क सिंगल लेन हो गयी थी। एक ओर अमराई थी घनी ,और दूसरी ओर गन्ने के खेत।
हर बार जब मैंने इनके मायके से वापस लौटती थी तो बस , मन दुखी दुखी सा , बस इनके कंधे पर सर रख कर और इनके सहारे उन यादों को झटक कर हटाने की कोशिश करती ,
पर इस बार सब , एकदम मीठी मीठी यादें ,और सब से बढ़कर मेरी जीत की ट्राफी पिछली सीट पर ,
इनकी ममेरी बहन ,मेरी छुटकी ननद।
जब से उसकी कच्ची अमियाँ आयी तब से वो लट्टू थे उन पर ,
पर मैं उन को दोष नहीं देती ,थी ही स्साली छिनार की अमिया ऐसी।
ये अकेले क्यों ,उसकी गली मोहल्ले के सारे लौंडे , पूरा शहर दीवाना था उन कच्चे टिकोरों का।
सब कुतरना चाहते थे।
और मेरे गाँव वाले भी तो ,... जब से वो शादी में आयी थी मेरी तबसे लौंडे ,मरद यहाँ तक की काम करने वाले भी,दो साल करीब पहले ।
और उस को मालूम भी था अपने छोटे छोटे जुबना का जादू ,इसलिए खूब उभार कर ,उचका कर वो भी कम आग नहीं लगाती थी।
लेकिन उस की ख़ास बात थी ,चेहरे से वो एकदम भोली ,जैसे अभी दूध के दांत न टूटे हों ,पर उभार और पिछवाड़ा ,अगर उसके क्लास में दिया न होती तो बिग बी की टाइटल उसे ही हर बार मिलती।
मैंने एक बार फिर निगाह रियर मिरर पर डाली ,
वो एकदम मस्त हो रहे थे अपने माल के साथ , लंड इनका वो चूस रही थी और ये उसकी कच्ची कली पर मुंह मार रहे थे , साथ में उनकी ऊँगली प्रेम गली के दरवाजे पर ,कभी अंदर घुसने की कोशिश करती तो कभी क्लिट छेड़ती
और उनकी ममेरी बहन का चेहरा मस्ताया ,जैसे अब झड़ी तब झड़ी।
यही तो मैं चाहती नहीं थी की वो इतनी जल्दी इतनी आसानी से झड़ जाये ,
तभी सामने मैं मोड़ पर पहुंच गयी थी जहां से सड़क जिधर इन की टाउनशिप थी उस मोड़ पर पहुँच गयी ,
२८ किलोमीटर
और मैंने उस रास्ते पर गाड़ी मोड़ कर एकदम किनारे लगा कर खड़ी कर दी ,और अपने बावरे साजन को हड़काया ,
झड़ने से ज्यादा मुझे उनकी ऊँगली का ,... कहीं मस्ती में इनके माल की सोनचिरैया में घुस गयी ,... अब उसमे सिर्फ इनके मोटे औजार को घुसना था , ...और मुझे उसकी चीख पुकार न सिर्फ सुननी थी, बल्कि रिकार्ड भी करना था और लाइव ट्रांसमिशन भी,... तो जब तक एकदम कोरी न होगी तड़पेगी, चिल्लायेगी कैसे, नौ नौ टसुए कैसे बहायेगी।
" हे बहुत मस्ती हो गयी बहना के साथ , इत्ती देर से मैं गाडी चला रहीं हूँ। अब आओ आगे ,मैं थोड़ी देर इस नए माल का रस लेती हूँ।
वो अब ड्राइवर सीट पर और मैं पीछे उनकी बहना के पास ,
बिल्कुल अंतिम क्षण मे बेचैन जोड़े को अलग कर दिएजोरू का गुलाम भाग १५६-गृह प्रवेश
बैक सीट पर मस्ती, छुटकी बहिनिया के साथ
मैंने थम्स अप का साइन दिया ,अपने आई फोन में दिवाली की डेट ढूंढ कर इनके मायके के नाम पर शेड्यूल कर लिया और दिया को मेसज कर दिया एक चेंज भी कर दिया।
यस ,लेकिन मैं भी आउंगी। रात भर दिया के दोनों भैय्या और अगले दिन भावज ननदिया।
व्हाटएप बंद कर मैंने पीछे देखा
-----
वहां सीन ज्यादा आगे बढ़ा नहीं था
गुड्डी के होंठ अभी भी अपने भइया के सुपाड़े को चुभलाने में मगन थे।
मैंने उसको हड़काया और ललकारा भी
" कैसी ननद है मेरी नाम डुबोएगी मेरा ,पूरा गप्प कर अपने भइया का। "
पूरा तो नहीं लेकिन उनकी ममेरी बहन ने उनका आधा लंड गप्प कर लिया और वो भी उसका सर पकड़ कर ,हलके हलके अपनी प्यारी इंटरवाली बहना का मुंह चोद रहे थे।
अब मैंने आगे गाड़ी चलाने पर ध्यान दिया ,अभी भी करीब ४५ किलोमीटर बचा था और हलकी बारिश शुरू हो गयी थी।
सड़क सिंगल लेन हो गयी थी। एक ओर अमराई थी घनी ,और दूसरी ओर गन्ने के खेत।
हर बार जब मैंने इनके मायके से वापस लौटती थी तो बस , मन दुखी दुखी सा , बस इनके कंधे पर सर रख कर और इनके सहारे उन यादों को झटक कर हटाने की कोशिश करती ,
पर इस बार सब , एकदम मीठी मीठी यादें ,और सब से बढ़कर मेरी जीत की ट्राफी पिछली सीट पर ,
इनकी ममेरी बहन ,मेरी छुटकी ननद।
जब से उसकी कच्ची अमियाँ आयी तब से वो लट्टू थे उन पर ,
पर मैं उन को दोष नहीं देती ,थी ही स्साली छिनार की अमिया ऐसी।
ये अकेले क्यों ,उसकी गली मोहल्ले के सारे लौंडे , पूरा शहर दीवाना था उन कच्चे टिकोरों का।
सब कुतरना चाहते थे।
और मेरे गाँव वाले भी तो ,... जब से वो शादी में आयी थी मेरी तबसे लौंडे ,मरद यहाँ तक की काम करने वाले भी,दो साल करीब पहले ।
और उस को मालूम भी था अपने छोटे छोटे जुबना का जादू ,इसलिए खूब उभार कर ,उचका कर वो भी कम आग नहीं लगाती थी।
लेकिन उस की ख़ास बात थी ,चेहरे से वो एकदम भोली ,जैसे अभी दूध के दांत न टूटे हों ,पर उभार और पिछवाड़ा ,अगर उसके क्लास में दिया न होती तो बिग बी की टाइटल उसे ही हर बार मिलती।
मैंने एक बार फिर निगाह रियर मिरर पर डाली ,
वो एकदम मस्त हो रहे थे अपने माल के साथ , लंड इनका वो चूस रही थी और ये उसकी कच्ची कली पर मुंह मार रहे थे , साथ में उनकी ऊँगली प्रेम गली के दरवाजे पर ,कभी अंदर घुसने की कोशिश करती तो कभी क्लिट छेड़ती
और उनकी ममेरी बहन का चेहरा मस्ताया ,जैसे अब झड़ी तब झड़ी।
यही तो मैं चाहती नहीं थी की वो इतनी जल्दी इतनी आसानी से झड़ जाये ,
तभी सामने मैं मोड़ पर पहुंच गयी थी जहां से सड़क जिधर इन की टाउनशिप थी उस मोड़ पर पहुँच गयी ,
२८ किलोमीटर
और मैंने उस रास्ते पर गाड़ी मोड़ कर एकदम किनारे लगा कर खड़ी कर दी ,और अपने बावरे साजन को हड़काया ,
झड़ने से ज्यादा मुझे उनकी ऊँगली का ,... कहीं मस्ती में इनके माल की सोनचिरैया में घुस गयी ,... अब उसमे सिर्फ इनके मोटे औजार को घुसना था , ...और मुझे उसकी चीख पुकार न सिर्फ सुननी थी, बल्कि रिकार्ड भी करना था और लाइव ट्रांसमिशन भी,... तो जब तक एकदम कोरी न होगी तड़पेगी, चिल्लायेगी कैसे, नौ नौ टसुए कैसे बहायेगी।
" हे बहुत मस्ती हो गयी बहना के साथ , इत्ती देर से मैं गाडी चला रहीं हूँ। अब आओ आगे ,मैं थोड़ी देर इस नए माल का रस लेती हूँ।
वो अब ड्राइवर सीट पर और मैं पीछे उनकी बहना के पास ,
Nanad ki kya khub chatai ki hai.Extemely kamuk updateमेरे मज़े, ननदिया के साथ
और मैंने उस रास्ते पर गाड़ी मोड़ कर एकदम किनारे लगा कर खड़ी कर दी ,और अपने बावरे साजन को हड़काया ,
झड़ने से ज्यादा मुझे उनकी ऊँगली का ,... कहीं मस्ती में इनके माल की सोनचिरैया में घुस गयी ,... अब उसमे सिर्फ इनके मोटे औजार को घुसना था , ...
" हे बहुत मस्ती हो गयी बहना के साथ , इत्ती देर से मैं गाडी चला रहीं हूँ। अब आओ आगे ,मैं थोड़ी देर इस नए माल का रस लेती हूँ।
वो अब ड्राइवर सीट पर और मैं पीछे उनकी बहना के पास ,
स्साली सच में बहुत मस्त थी ,लेकिन मेरा काम कपडे उठा के चलता नहीं थी ,खासतौर से ननदों के।
वो तो उसके हाईस्कूल वाले सफ़ेद ब्लाउज को उठा के कच्चे टिकोरे कुतर रहे थे ,मैंने उतार कर अगली सीट पर डाल दिए ,फिर स्कर्ट सरका कर
ब्रा पैंटी पहले ही वही पड़ी थी अगली सीट पर।
मेरी जीभ कभी उसकी निपल को फ्लिक करती तो कभी उसकी कच्ची अमिया चाट लेती।
अभी साल भर पहले ही तो इन कच्ची अमियों के छूने से कैसी बिदकती थी वो ,
पर आज कभी मेरी उँगलियाँ आंटे की तरह उसे गूंथती थी तो कभी चूस चूस कर मैं,...
नीचे उस की गुलाबो वैसे ही एक तार की चाशनी छोड़ रही थी। बिना उँगलियों का इस्तेमाल किये मैं हथेली से ही हलके हलके उसे रगड़ रही थी ,
मेरी ननद सिसक रही थी ,चूतड़ मचका रही थी।
अभी तो शुरुआत थी,...
अभी तो उसे कन्या रस के सारे दांव पेंच सीखने थे, चूसने के भी चुसवाने के,
आज पीछे वाली सीट पर कम से मैं चाशनी चाट के चटा के इस गुड़िया का अन्नप्राशन करवा दूँ
घर पहुंचने पे तो उसको चटवाने सिखवाने वाले बहुत थे, मंजू और गीता,.. और मंजू से बढ़ के गीता, उसने पहले से तय कर लिया था की गुड्डी से रिश्ता वो ननद भाभी का रखेगी, ... वो , गीता ननद और गुड्डी, आखिर उसके मुंहबोले भैया चढ़ेंगे उसके ऊपर,... तो उसकी भाभी ही लगेंगी,...
और लेस्बो में तो वो एकदम उस्ताद थी, ...
मुझे अभी भी याद है कभी मम्मी ने उससे बोल दिया था, बताया तो था , जिस रात ये पहली बार मंजू और गीता के चंगुल में थे , उसी रात की बात, मम्मी की एक सहेली ने मम्मी और मुझे एक पार्टी में बुलाया था , रात भर को, लेडीज ओनली,... बाद में ये बात खुली की , सेलेक्टेड गेस्ट्स के लिए,... कन्या रस की पार्टी थी, एक से एक कच्ची अमिया रस से भीगी, ज्यादातर तो मेरी इस ननदिया से भी छोटी लेकिन चूसने चाटने में,...
और गीता ने जिम्मा ले लिया, ... महीने भर में गुड्डी को उन लड़कियों से भी ज्यादा मस्त बना देगी , कन्या रस में माँ से वादा किया,... अगवाड़ा,पिछवाड़ा सब चाटेगी, खुद इसरार कर के 'खायेगी पीयेगी, ... "
और अपनी इस ननदिया को लाने के जिम्मेदारी मैं ले ली, और वो आज पूरी हो रही है,...
और ये बात तो मैंने इनसे भी कह दी थी , जिस दिन उसकी कोचिंग के लिए , मार वो बिसूर रही थी और कोचिंग वालों से बात करके,... इन्होने,... और मेरी मुंह की बात उन्होंने खुद कह दी थी, ...
अरे उसको ले चलेंगे दोनों के लिए , रखैल हम दोनों की, सबकी रहेगी,... वो दिन भर आफिस में रहेंगे, ... रात में चढ़ेंगे अपनी बहिनिया पे,... लेकिन दिन भर इस खिलौने से मैं खेलूंगी,...
और वो मैंने यहीं शुरू कर दिया था , जिससे इस बालिका को घर पहुंच के जोर का झटका जोर से न लगे.
और इस लिए सबसे पहले उसे नंगी पुंगी करके,... स्कर्ट ब्लाउज,.. सब आगे की सीट पे,... वैसे भी चूसने चुसाने का मजा, कपडे उतार के ही आता है , और इस बालिका को २४ घंटे बर्थडे सूट में रहने की आदत जितनी जल्दी डाल ले उतनी अच्छी,...
बहुत कसी थी चुनमुनिया, ...
बस एक दिन की बात कल ये फटनी ही थी. लेकिन उस कसी चुनमुनिया में जीभ की टिप डाल के मैं छेड़ रही थी, उसे गरमा रही थी।
मुझे उसे झाड़ना नहीं था, लेकिन बार बार झाड़ने की कगार पे ले जाके रोक देना था, जिससे घर में घुसते समय ही ये खूब गर्मायी रहे,... और मैंने तिहरा अटैक शुरू कर दिया,
एक हाथ से उसकी छोटी छोटी चूँची कस कस के रगड रही थी, एकदम मस्ती से पत्त्थर होगयी थी, निपल कंचे की तरह के कड़े कड़े,... दूसरे हाथ से उसकी फुद्दी मसल रही थी कभी दोनों फांकों को पकड़ के आपस में रगड़ देती तो कभी फैला के उन कसी दरारों में एक ऊँगली घुसाने की कोशिश करती
मेरे दोनों होंठों के बीच उसकी क्लिट फंसी थी, खूब मस्त, कुछ देर तो मैं हलके हलके चुभला रही थी, फिर कस के चूसने लगी,... बस दो चार मिनट में वो इंटरवाली, एकदम कांपने लगी, बस दो चार सेकेण्ड और वो झड़ जाती।
एक बोर्ड दिखा टाउनशिप १० किलोमीटर,...
और अब मैंने अपनी किशोरी ननद का मुंह खींच के अपनी जाँघों के बीच,...
और वो चाट रही थी,चूस रही थी, ... लेकिन उससे ज्यादा मैं उसका मुंह चोद रही थी,... बस थोड़ी सी ट्रेनिंग, कुछ जबरदस्ती, कुछ लेस्बियन फ़िल्में और गीता का हाथ जल्द ही एकदम पक्की हो जायेगी चूसने में,... मैं कस कस के उसके मुंह में अपनी बुर रगड़ रही थी, मम्मी कहती थीं गीता से,... भाई तो जबरदस्त चूत चटोरा है तो गीता बोलती, बस उसकी बहना का आने तो दीजिये अपने भाई से दस हाथ आगे रहेगी, और चूत चटोरी के साथ जबरदस्त गाँड़ चट्टो भी हो जायेगी, आपके अगली बार आने के पहले, फिर मजा लीजियेगा उसका,... मैं कस के उसका सर पकडे उससे चुसवा रही थी,... मैं भी झड़ने के कगार पे थी,
लेकिन मैं रुक गयी,...
लाइट्स से पता चल रहा था की हम लोग टाऊनशिप में घुस गए हैं और अपने घर की ओर मुड़ गए हैं।
Dono ko maja milte milte rah gya.... bahanchod car m ye aise shuru h to ghar jakar to kachu kali ki chat chatni hi bna denge ..... lajawab updateमेरे मज़े, ननदिया के साथ
और मैंने उस रास्ते पर गाड़ी मोड़ कर एकदम किनारे लगा कर खड़ी कर दी ,और अपने बावरे साजन को हड़काया ,
झड़ने से ज्यादा मुझे उनकी ऊँगली का ,... कहीं मस्ती में इनके माल की सोनचिरैया में घुस गयी ,... अब उसमे सिर्फ इनके मोटे औजार को घुसना था , ...
" हे बहुत मस्ती हो गयी बहना के साथ , इत्ती देर से मैं गाडी चला रहीं हूँ। अब आओ आगे ,मैं थोड़ी देर इस नए माल का रस लेती हूँ।
वो अब ड्राइवर सीट पर और मैं पीछे उनकी बहना के पास ,
स्साली सच में बहुत मस्त थी ,लेकिन मेरा काम कपडे उठा के चलता नहीं थी ,खासतौर से ननदों के।
वो तो उसके हाईस्कूल वाले सफ़ेद ब्लाउज को उठा के कच्चे टिकोरे कुतर रहे थे ,मैंने उतार कर अगली सीट पर डाल दिए ,फिर स्कर्ट सरका कर
ब्रा पैंटी पहले ही वही पड़ी थी अगली सीट पर।
मेरी जीभ कभी उसकी निपल को फ्लिक करती तो कभी उसकी कच्ची अमिया चाट लेती।
अभी साल भर पहले ही तो इन कच्ची अमियों के छूने से कैसी बिदकती थी वो ,
पर आज कभी मेरी उँगलियाँ आंटे की तरह उसे गूंथती थी तो कभी चूस चूस कर मैं,...
नीचे उस की गुलाबो वैसे ही एक तार की चाशनी छोड़ रही थी। बिना उँगलियों का इस्तेमाल किये मैं हथेली से ही हलके हलके उसे रगड़ रही थी ,
मेरी ननद सिसक रही थी ,चूतड़ मचका रही थी।
अभी तो शुरुआत थी,...
अभी तो उसे कन्या रस के सारे दांव पेंच सीखने थे, चूसने के भी चुसवाने के,
आज पीछे वाली सीट पर कम से मैं चाशनी चाट के चटा के इस गुड़िया का अन्नप्राशन करवा दूँ
घर पहुंचने पे तो उसको चटवाने सिखवाने वाले बहुत थे, मंजू और गीता,.. और मंजू से बढ़ के गीता, उसने पहले से तय कर लिया था की गुड्डी से रिश्ता वो ननद भाभी का रखेगी, ... वो , गीता ननद और गुड्डी, आखिर उसके मुंहबोले भैया चढ़ेंगे उसके ऊपर,... तो उसकी भाभी ही लगेंगी,...
और लेस्बो में तो वो एकदम उस्ताद थी, ...
मुझे अभी भी याद है कभी मम्मी ने उससे बोल दिया था, बताया तो था , जिस रात ये पहली बार मंजू और गीता के चंगुल में थे , उसी रात की बात, मम्मी की एक सहेली ने मम्मी और मुझे एक पार्टी में बुलाया था , रात भर को, लेडीज ओनली,... बाद में ये बात खुली की , सेलेक्टेड गेस्ट्स के लिए,... कन्या रस की पार्टी थी, एक से एक कच्ची अमिया रस से भीगी, ज्यादातर तो मेरी इस ननदिया से भी छोटी लेकिन चूसने चाटने में,...
और गीता ने जिम्मा ले लिया, ... महीने भर में गुड्डी को उन लड़कियों से भी ज्यादा मस्त बना देगी , कन्या रस में माँ से वादा किया,... अगवाड़ा,पिछवाड़ा सब चाटेगी, खुद इसरार कर के 'खायेगी पीयेगी, ... "
और अपनी इस ननदिया को लाने के जिम्मेदारी मैं ले ली, और वो आज पूरी हो रही है,...
और ये बात तो मैंने इनसे भी कह दी थी , जिस दिन उसकी कोचिंग के लिए , मार वो बिसूर रही थी और कोचिंग वालों से बात करके,... इन्होने,... और मेरी मुंह की बात उन्होंने खुद कह दी थी, ...
अरे उसको ले चलेंगे दोनों के लिए , रखैल हम दोनों की, सबकी रहेगी,... वो दिन भर आफिस में रहेंगे, ... रात में चढ़ेंगे अपनी बहिनिया पे,... लेकिन दिन भर इस खिलौने से मैं खेलूंगी,...
और वो मैंने यहीं शुरू कर दिया था , जिससे इस बालिका को घर पहुंच के जोर का झटका जोर से न लगे.
और इस लिए सबसे पहले उसे नंगी पुंगी करके,... स्कर्ट ब्लाउज,.. सब आगे की सीट पे,... वैसे भी चूसने चुसाने का मजा, कपडे उतार के ही आता है , और इस बालिका को २४ घंटे बर्थडे सूट में रहने की आदत जितनी जल्दी डाल ले उतनी अच्छी,...
बहुत कसी थी चुनमुनिया, ...
बस एक दिन की बात कल ये फटनी ही थी. लेकिन उस कसी चुनमुनिया में जीभ की टिप डाल के मैं छेड़ रही थी, उसे गरमा रही थी।
मुझे उसे झाड़ना नहीं था, लेकिन बार बार झाड़ने की कगार पे ले जाके रोक देना था, जिससे घर में घुसते समय ही ये खूब गर्मायी रहे,... और मैंने तिहरा अटैक शुरू कर दिया,
एक हाथ से उसकी छोटी छोटी चूँची कस कस के रगड रही थी, एकदम मस्ती से पत्त्थर होगयी थी, निपल कंचे की तरह के कड़े कड़े,... दूसरे हाथ से उसकी फुद्दी मसल रही थी कभी दोनों फांकों को पकड़ के आपस में रगड़ देती तो कभी फैला के उन कसी दरारों में एक ऊँगली घुसाने की कोशिश करती
मेरे दोनों होंठों के बीच उसकी क्लिट फंसी थी, खूब मस्त, कुछ देर तो मैं हलके हलके चुभला रही थी, फिर कस के चूसने लगी,... बस दो चार मिनट में वो इंटरवाली, एकदम कांपने लगी, बस दो चार सेकेण्ड और वो झड़ जाती।
एक बोर्ड दिखा टाउनशिप १० किलोमीटर,...
और अब मैंने अपनी किशोरी ननद का मुंह खींच के अपनी जाँघों के बीच,...
और वो चाट रही थी,चूस रही थी, ... लेकिन उससे ज्यादा मैं उसका मुंह चोद रही थी,... बस थोड़ी सी ट्रेनिंग, कुछ जबरदस्ती, कुछ लेस्बियन फ़िल्में और गीता का हाथ जल्द ही एकदम पक्की हो जायेगी चूसने में,... मैं कस कस के उसके मुंह में अपनी बुर रगड़ रही थी, मम्मी कहती थीं गीता से,... भाई तो जबरदस्त चूत चटोरा है तो गीता बोलती, बस उसकी बहना का आने तो दीजिये अपने भाई से दस हाथ आगे रहेगी, और चूत चटोरी के साथ जबरदस्त गाँड़ चट्टो भी हो जायेगी, आपके अगली बार आने के पहले, फिर मजा लीजियेगा उसका,... मैं कस के उसका सर पकडे उससे चुसवा रही थी,... मैं भी झड़ने के कगार पे थी,
लेकिन मैं रुक गयी,...
लाइट्स से पता चल रहा था की हम लोग टाऊनशिप में घुस गए हैं और अपने घर की ओर मुड़ गए हैं।
Kamal, gazab, shandar updatesघर आयी मोरी छोटी ननदिया
लाइट्स से पता चल रहा था की हम लोग टाऊनशिप में घुस गए हैं और अपने घर की ओर मुड़ गए हैं।
….
काले काले बादल छाए थे , हल्का अँधेरा था ,और जिधर हम लोगों का घर था ,घरों के बीच में थोड़ी दूरी भी ,आगे छोटा सा लान और पीछे किचन गार्डन ,
जब वो गाडी घर के सामने रोक रहे थे तो मुझे एक शरारत सूझी।
वो गाडी की डिक्की खोल कर सामान निकाल कर घर में गए ,मैंने आगे की सीट से अपना पर्स उठाया , गुड्डी की ब्रा पैंटी , हाईस्कूल वाला सफ़ेद ब्लाउज ,स्कर्ट और गाड़ी से निकल पड़ी।
और मुस्कराते हुए लान का गेट खोल कर उससे बोली ,
आ न ,...
जहाँ कार खड़ी थी वहां से दस पांच कदम पर लॉन में और मुश्किल से ६० -७० कदम घर का दरवाजा ,
लेकिन गुड्डी बिचारी उहापोह में ,
कार का दरवाजा खोलकर झिझकती वो बोली
"पर भाभी मेरे कपडे ,.. मैं ,.. "
" हैं न मेरे पास ,देख तेरी स्कर्ट ,तेरा ब्लाउज ,... मैंने गुमाये नहीं है। "मैं उसे चिढ़ाते बोली।
स्ट्रीट लाइट हम लोगों के घर से थोड़ी दूर थी ,इसलिए गेट पर झुटपुटा अँधेरा ही रहता था।
"पर भाभी ,मेरे कपडे ,... " वो बिचारी परेशान हो रही थी।
वो भाभी कौन जो ननद को परेशान न करे ,..
" अच्छा चल आ , दे दूंगी यार ,... अब ये तो तुझे भी नहीं आते , मेरे किस काम के ,... " मैंने छेड़ा फिर हड़काया
" देख मैं अंदर जा रही हूँ , तीन तक गिनती गिनूँगी , आना हो तो आओ ,... कार रात भर वही खड़ी रहेगी , और तुम जानती हो ,पीछे वाला दरवाजा ठीक से बंद भी नहीं होता तो रात में कहीं आस पास के लौंडे ,... "
और दो तक ही गिन के मैं घर की ओर बढ़ गयी ,
और वो ,... जब तक मैं दरवाजे पर पहुंची उसके पहले ही कार का दरवाजा खोल के उनकी बहना ,वैसे ही ,बर्थडे सूट में ,... लान पार करते ,दरवाजे पर
तभी वो सामान ले कर बाहर निकले ,... और मैंने उन्हें इशारा किया
" अरे तेरा माल देख चुदवाने के लिए कितना बेताब है , मैं लाख कहा कपडे पहन ले , पर बोली भैया तो अभी उतार देंगे ही। "
और फिर उनसे बोली ,अरे यार मेरी ननद और तेरा माल पहली बार हमारे घर में ऐसे थोड़ी ही ,...घर की चौखट ,...
और इशारा समझ कर उन्होंने अपनी ममेरी बहन को गोद में उठा लिया और ऐसे
वो हमारे घर की चौखट पार कर के अंदर।
……मुश्किल से दो साल हुए थे जब मैंने इनके मायके की चौखट पार की थी ,
ननद ,जेठानी ,सास ,...
यह मत करो ,वह मत करो
और आज गुड्डी ने इस घर की चौखट पार कर ली।
जिस तरह से मैं चाहती थी ,एकदम उसी तरह से ,
और जिसकी गोद में ,मैं चाहती थी ,उसी की गोद में।
मेरे बिना कुछ कहे उसे पता चल गया होगा की यहां कौन क्या तय करता है ,और अब बस उसे वही ,...
असली बात तो ये ही की ये कहना न पड़े की क्या करो ,क्या न करो और अगला खुद वही करे ,...
आगे आगे वो अपनी ममेरी किशोर कुँवारी बहन को गोद में उठाये ,
और पीछे पीछे मैं ,गुड्डी की ब्रा ,पैंटी ,स्कर्ट ,टॉप ,मेर हाथ में ,
और गुड्डी अपनी भैया की गोद में स्कूल के साक्स और शूज पहने ,
सिर्फ।
……………….
Kya entry karayi hai guddi ki..... trailer dikha diya ..... bahanchod aise ghar me nangi leke kon ghusata hai.... btao.... car m hi kapde chin liye bechari k...घर आयी मोरी छोटी ननदिया
लाइट्स से पता चल रहा था की हम लोग टाऊनशिप में घुस गए हैं और अपने घर की ओर मुड़ गए हैं।
….
काले काले बादल छाए थे , हल्का अँधेरा था ,और जिधर हम लोगों का घर था ,घरों के बीच में थोड़ी दूरी भी ,आगे छोटा सा लान और पीछे किचन गार्डन ,
जब वो गाडी घर के सामने रोक रहे थे तो मुझे एक शरारत सूझी।
वो गाडी की डिक्की खोल कर सामान निकाल कर घर में गए ,मैंने आगे की सीट से अपना पर्स उठाया , गुड्डी की ब्रा पैंटी , हाईस्कूल वाला सफ़ेद ब्लाउज ,स्कर्ट और गाड़ी से निकल पड़ी।
और मुस्कराते हुए लान का गेट खोल कर उससे बोली ,
आ न ,...
जहाँ कार खड़ी थी वहां से दस पांच कदम पर लॉन में और मुश्किल से ६० -७० कदम घर का दरवाजा ,
लेकिन गुड्डी बिचारी उहापोह में ,
कार का दरवाजा खोलकर झिझकती वो बोली
"पर भाभी मेरे कपडे ,.. मैं ,.. "
" हैं न मेरे पास ,देख तेरी स्कर्ट ,तेरा ब्लाउज ,... मैंने गुमाये नहीं है। "मैं उसे चिढ़ाते बोली।
स्ट्रीट लाइट हम लोगों के घर से थोड़ी दूर थी ,इसलिए गेट पर झुटपुटा अँधेरा ही रहता था।
"पर भाभी ,मेरे कपडे ,... " वो बिचारी परेशान हो रही थी।
वो भाभी कौन जो ननद को परेशान न करे ,..
" अच्छा चल आ , दे दूंगी यार ,... अब ये तो तुझे भी नहीं आते , मेरे किस काम के ,... " मैंने छेड़ा फिर हड़काया
" देख मैं अंदर जा रही हूँ , तीन तक गिनती गिनूँगी , आना हो तो आओ ,... कार रात भर वही खड़ी रहेगी , और तुम जानती हो ,पीछे वाला दरवाजा ठीक से बंद भी नहीं होता तो रात में कहीं आस पास के लौंडे ,... "
और दो तक ही गिन के मैं घर की ओर बढ़ गयी ,
और वो ,... जब तक मैं दरवाजे पर पहुंची उसके पहले ही कार का दरवाजा खोल के उनकी बहना ,वैसे ही ,बर्थडे सूट में ,... लान पार करते ,दरवाजे पर
तभी वो सामान ले कर बाहर निकले ,... और मैंने उन्हें इशारा किया
" अरे तेरा माल देख चुदवाने के लिए कितना बेताब है , मैं लाख कहा कपडे पहन ले , पर बोली भैया तो अभी उतार देंगे ही। "
और फिर उनसे बोली ,अरे यार मेरी ननद और तेरा माल पहली बार हमारे घर में ऐसे थोड़ी ही ,...घर की चौखट ,...
और इशारा समझ कर उन्होंने अपनी ममेरी बहन को गोद में उठा लिया और ऐसे
वो हमारे घर की चौखट पार कर के अंदर।
……मुश्किल से दो साल हुए थे जब मैंने इनके मायके की चौखट पार की थी ,
ननद ,जेठानी ,सास ,...
यह मत करो ,वह मत करो
और आज गुड्डी ने इस घर की चौखट पार कर ली।
जिस तरह से मैं चाहती थी ,एकदम उसी तरह से ,
और जिसकी गोद में ,मैं चाहती थी ,उसी की गोद में।
मेरे बिना कुछ कहे उसे पता चल गया होगा की यहां कौन क्या तय करता है ,और अब बस उसे वही ,...
असली बात तो ये ही की ये कहना न पड़े की क्या करो ,क्या न करो और अगला खुद वही करे ,...
आगे आगे वो अपनी ममेरी किशोर कुँवारी बहन को गोद में उठाये ,
और पीछे पीछे मैं ,गुड्डी की ब्रा ,पैंटी ,स्कर्ट ,टॉप ,मेर हाथ में ,
और गुड्डी अपनी भैया की गोद में स्कूल के साक्स और शूज पहने ,
सिर्फ।
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