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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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Awesome update
Thanks so much
 
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komaalrani

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Sabhi update bahut Shandar Lage Par na Jaane Kyon bahut jaldi khatm ho gaye


Khair agale Plato ka bahut basebri se Intezar rahega


aur ek baat samajh mein nahin aayi ki ye bahanchod Guddi ko baccha dilvane ke liye Kyon force kar rahe hain




Khair saasu man Ne Socha Hai To Kuchh Na Kuchh planning karke hi socha hoga


love u Komal bhabhi😘😘😘😘😘
नहीं नहीं इनकी सास का कोई दोष नहीं, न मेरा, इन्होने खुद ये वरदान अपनी सास से मांगा था, और कई बार वरदान मांगते समय अगर ज्यादा सोच समझ के नहीं मांगने से,... और इनकी सास इनकी कोई बात तो मना नहीं करतीं तो,... बस उसी दिन मेरी ननद के हाथ में बच्चे की रेखा इनके हाथ से से लिख दी गयी थी ,

जी थोड़ा सा पन्ना पलटिये, पेज ३९ पोस्ट ३९० और जवाब मिल जाएगा। जी हेडिंग है उस पोस्ट की
इनाम

इनकी पाक कला से मम्मी खुश थीं इनसे वर माँगा और इन्होने जो कहा एवमस्तु बोल दिया , अब वरदान दिया है तो उसे पूरा भी तो करना पडेगा न ,...

लिंक भी दे रही हूँ और चुने हुए अंश भी,/...



" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"


उनका चेहरा इतना ख़ुशी से दमक रहा था मैं बता नहीं सकती ,लेकिन फिर वो बोले।

" मम्मी आप को पसंद आया ,इस से बड़ा इनाम मेरे लिए क्या हो सकता है। "

"दूधो नहाओ ,पूतो फलो , "




मैंने मम्मी की ओर से आशीष दे दिया फिर पलीता भी लगा दिया।

" अरे मौक़ा अच्छा है ,मम्मी से उनकी समधन मांग लो ,बचपन से ललचाते थे न ,.. "

" है तेरी वकालत की जरूरत नहीं है ,और मेरी समधन तो मैं वैसे ही अपने मुन्ने को मैं बहुत जल्द दिलवाऊंगी। पूरे मोहल्ले को जोबन लुटाती हैं तो बिचारा मेरा मुन्ना क्यों,... "

उन्होंने मुझे जोर से झिड़का और एक बार फिर उनके बाल बिगाड़ते हुए बोलीं ,

"बोल न मुन्ना ,क्या मांगते हो?"


बिना उनके जवाब का इन्तजार किये वो हलके से उनके कान में बोलीं ,

" बोल बच्चे चाहिए न "

" हाँ एकदम मम्मी "

ख़ुशी उनसे रोके नहीं रुक रही थी।

( असल में ये चीज वो पहले दिन से चाहते थे और मैं मना करती थी ,मैं लगातार पिल पर रहती थी "

" कितने एक दो तीन चार ,... "

मम्मी आज उनकी कोई भी ख्वाहिश पूरी करने के मूड में थी।

" पांच " झट से उनके मुंह से निकल गया।


" एवमस्तु ,चल तेरे अगले चार साल में पांच बच्चे होंगे। तू जल्द ही पांच का पिता बन जाएगा। "

एक बार तो मैं झटक गयी फिर मुझे समझ में आ गया ,मम्मी ने उनको पिता बनने का आशीर्वाद दिया था ,मेरे माँ बनने का थोड़े ही।

फिर से चिढाते हुए मम्मी से मैंने पुछा।

"ये तो एकदम एक्सप्रेस डिलीवरी हो गयी लेकिन चार साल में पांच कैसे ?"

" अरे तू भी न इसकी संगत में रह के , ....गाभिन होने और बच्चा जनने के बीच जनाना को कितना टाइम लगता है ९ महीने न तो फिर ४५ महीने हुए ,मैं तो ४८ महीने का टाइम दे रहीं हूँ ,बच्चा बाहर ,ये अंदर। "


लेकिन मेरे मन में अभी भी उथल पुथल हो रही थी कहीं मेरे साथ तो नहीं ?

और माँ से ज्यादा कौन समझ सकता था मुझे। माँ ने उन्हें थोड़ी और जेली लाने को भेजा और फिर मुझे समझाया ,

" अरे यार ये बच्चे तेरे से होंगे ये मैंने कहाँ कहा , जो तू घबड़ा रही है। बस देखती जा। "

और जैसे ही वो आये ,माँ ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया ,

" और इन पांच बच्चो के लिए मैं जैसे कहूँगी ,जिस तरह कहूँगी ,जिस समय उस समय करना पडेगा ,समझ गए न। पहले शाट में ही गाभिन कर दोगे ,बोलो मंजूर है न। '


एकदम मम्मी कह के उन्होंने उनके पैर छू लिए।"



-----------\\\


तो बस बात ये थी की मेरा सास तो बच्चा जन नहीं सकती थीं, वरना मेरी पहली प्रायरिटी तो वही थीं,

मुझे एक सगी ननद मिल जाती और इन्हे बहन भी बेटी भी, फिर कालांतर में वो बड़ी होती और शुभ मुहूर्त देख के एक दिन ये,...जी सही समझा आपने,...

लेकिन सब कुछ चाहने से थोड़े मिल जाता है,... तो मेरा सास ने इनके बाहर निकलते ही आपरेशन करवा लिया, जिससे गहरे आर्थिक संकट में उनका पिल्स का खर्चा बचे और यारों का रबड़ सबड का,...

तो अब बची मेरी ये कुँवारी किशोर ननदिया,... तो इसी के साथ ,... तो इनकी सास बस, जो उन्होंने इनकी ही मांग पे वर दिया था उसे पूरा करने के लिए एक्शन प्लान बना रही थीं,... वो तो एकदम जो वादा किया वो निभाना पडेगा, टाइप की हैं बस इसलिए , महीने भर का टारगेट है,... और उस बेचारी को पांच दिन जो पैड लगा के दुकान बंद करना पड़ता था, वो भी बंद हो जाएगा,.. सब का फायदा,

दामाद का फायदा, दामाद के बचपन के माल का फायदा,... और उस बचपन के माल के नए नए यारों का फायदा,

इसे कहते हैं बहुजन हिताय, बहुजन सिखाय
 
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komaalrani

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komaalrani

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Uff ab kya batau,mene to kabhi aise words likhe nahin comment box mein, tum khud hi samjh lo didi.
Mere sath to aisa bahut kam hota hai,ab to change karni padegi.
Darling Komal didi, tum mano ya na mano, tum apni Raji ki company mein pehle se jyada kamukta bharne lagi ho apni lekhni mein.
Lekin ajj to tum ne kamukta ki inteha hi kardi apni updates mein.

Just marvelous, superb, super duper, gazab updates
👌👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
🔥🔥🔥🔥🔥🔥⭐⭐⭐⭐⭐
Thanks so much itti aachi writer , itti popualr wirter agar sis hogi, friend hogi to uska kuch to asar hoga hi naa, thanks so much for encouragement , aap aati hai bahar aati hai,...
Uff ab kya batau,mene to kabhi aise words likhe nahin comment box mein, tum khud hi samjh lo didi.
Mere sath to aisa bahut kam hota hai,ab to change karni padegi.
Darling Komal didi, tum mano ya na mano, tum apni Raji ki company mein pehle se jyada kamukta bharne lagi ho apni lekhni mein.
Lekin ajj to tum ne kamukta ki inteha hi kardi apni updates mein.

Just marvelous, superb, super duper, gazab updates
👌👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
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ab aap aisi sis hogi, Friend hogi to asar to aayegaa na ,.. thanks so much for encouragement, aap aati hain Bahaar aa jaati hai , thanks again
 

komaalrani

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Update start hote hote hi end ho gaya.
kayi baar logical break ke kaaran , koyi post chhoti ya badi ho jaati hai, post break ke smaay ye bhi mian dhyaan rakhti hun ki us post ya posts ka ek defining taste ho jo linger kare, agali post tak rahe to vahin pe break karana padtaa hai

aur compnesation ye hai ki agali post bhi jald 2-3 din men hin,... * subject to t&c.
 
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Last Update is on Page 457,


please do read, enjoy, like and must share your views, i am looking forward to your views and likes,
 

komaalrani

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SAS Ne To Bina land ke hi Damad ki gand faad ke rakh Di Hai aur dhamki Ke Naam per Kacchi Kali ko Le Jaane Ki baat kar rahi hai ab dekho Damad क्या-क्या karta hai
मेरी मम्मी हैं ही ऐसी , आखिर मेरी मम्मी हैं,...
 

Luckyloda

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नहीं नहीं इनकी सास का कोई दोष नहीं, न मेरा, इन्होने खुद ये वरदान अपनी सास से मांगा था, और कई बार वरदान मांगते समय अगर ज्यादा सोच समझ के नहीं मांगने से,... और इनकी सास इनकी कोई बात तो मना नहीं करतीं तो,... बस उसी दिन मेरी ननद के हाथ में बच्चे की रेखा इनके हाथ से से लिख दी गयी थी ,

जी थोड़ा सा पन्ना पलटिये, पेज ३९ पोस्ट ३९० और जवाब मिल जाएगा। जी हेडिंग है उस पोस्ट की
इनाम

इनकी पाक कला से मम्मी खुश थीं इनसे वर माँगा और इन्होने जो कहा एवमस्तु बोल दिया , अब वरदान दिया है तो उसे पूरा भी तो करना पडेगा न ,...

लिंक भी दे रही हूँ और चुने हुए अंश भी,/...



" यार तूने इतना अच्छा खाना बनाया है ,कुछ तो इनाम बनता है। बोल क्या लोगे ?"


उनका चेहरा इतना ख़ुशी से दमक रहा था मैं बता नहीं सकती ,लेकिन फिर वो बोले।

" मम्मी आप को पसंद आया ,इस से बड़ा इनाम मेरे लिए क्या हो सकता है। "

"दूधो नहाओ ,पूतो फलो , "




मैंने मम्मी की ओर से आशीष दे दिया फिर पलीता भी लगा दिया।

" अरे मौक़ा अच्छा है ,मम्मी से उनकी समधन मांग लो ,बचपन से ललचाते थे न ,.. "

" है तेरी वकालत की जरूरत नहीं है ,और मेरी समधन तो मैं वैसे ही अपने मुन्ने को मैं बहुत जल्द दिलवाऊंगी। पूरे मोहल्ले को जोबन लुटाती हैं तो बिचारा मेरा मुन्ना क्यों,... "

उन्होंने मुझे जोर से झिड़का और एक बार फिर उनके बाल बिगाड़ते हुए बोलीं ,

"बोल न मुन्ना ,क्या मांगते हो?"


बिना उनके जवाब का इन्तजार किये वो हलके से उनके कान में बोलीं ,

" बोल बच्चे चाहिए न "

" हाँ एकदम मम्मी "

ख़ुशी उनसे रोके नहीं रुक रही थी।

( असल में ये चीज वो पहले दिन से चाहते थे और मैं मना करती थी ,मैं लगातार पिल पर रहती थी "

" कितने एक दो तीन चार ,... "

मम्मी आज उनकी कोई भी ख्वाहिश पूरी करने के मूड में थी।

" पांच " झट से उनके मुंह से निकल गया।


" एवमस्तु ,चल तेरे अगले चार साल में पांच बच्चे होंगे। तू जल्द ही पांच का पिता बन जाएगा। "

एक बार तो मैं झटक गयी फिर मुझे समझ में आ गया ,मम्मी ने उनको पिता बनने का आशीर्वाद दिया था ,मेरे माँ बनने का थोड़े ही।

फिर से चिढाते हुए मम्मी से मैंने पुछा।

"ये तो एकदम एक्सप्रेस डिलीवरी हो गयी लेकिन चार साल में पांच कैसे ?"

" अरे तू भी न इसकी संगत में रह के , ....गाभिन होने और बच्चा जनने के बीच जनाना को कितना टाइम लगता है ९ महीने न तो फिर ४५ महीने हुए ,मैं तो ४८ महीने का टाइम दे रहीं हूँ ,बच्चा बाहर ,ये अंदर। "


लेकिन मेरे मन में अभी भी उथल पुथल हो रही थी कहीं मेरे साथ तो नहीं ?

और माँ से ज्यादा कौन समझ सकता था मुझे। माँ ने उन्हें थोड़ी और जेली लाने को भेजा और फिर मुझे समझाया ,

" अरे यार ये बच्चे तेरे से होंगे ये मैंने कहाँ कहा , जो तू घबड़ा रही है। बस देखती जा। "

और जैसे ही वो आये ,माँ ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया ,

" और इन पांच बच्चो के लिए मैं जैसे कहूँगी ,जिस तरह कहूँगी ,जिस समय उस समय करना पडेगा ,समझ गए न। पहले शाट में ही गाभिन कर दोगे ,बोलो मंजूर है न। '


एकदम मम्मी कह के उन्होंने उनके पैर छू लिए।"



-----------\\\


तो बस बात ये थी की मेरा सास तो बच्चा जन नहीं सकती थीं, वरना मेरी पहली प्रायरिटी तो वही थीं,

मुझे एक सगी ननद मिल जाती और इन्हे बहन भी बेटी भी, फिर कालांतर में वो बड़ी होती और शुभ मुहूर्त देख के एक दिन ये,...जी सही समझा आपने,...

लेकिन सब कुछ चाहने से थोड़े मिल जाता है,... तो मेरा सास ने इनके बाहर निकलते ही आपरेशन करवा लिया, जिससे गहरे आर्थिक संकट में उनका पिल्स का खर्चा बचे और यारों का रबड़ सबड का,...

तो अब बची मेरी ये कुँवारी किशोर ननदिया,... तो इसी के साथ ,... तो इनकी सास बस, जो उन्होंने इनकी ही मांग पे वर दिया था उसे पूरा करने के लिए एक्शन प्लान बना रही थीं,... वो तो एकदम जो वादा किया वो निभाना पडेगा, टाइप की हैं बस इसलिए , महीने भर का टारगेट है,... और उस बेचारी को पांच दिन जो पैड लगा के दुकान बंद करना पड़ता था, वो भी बंद हो जाएगा,.. सब का फायदा,

दामाद का फायदा, दामाद के बचपन के माल का फायदा,... और उस बचपन के माल के नए नए यारों का फायदा,

इसे कहते हैं बहुजन हिताय, बहुजन सिखाय
Bhut lajawab.....



Ab usko hi Baap banna hai to koi kya kare....



Bechari sassu Maa to apna vada puri kar rahi hai....
 
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