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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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Aane usake liye laye hua toys bhi uska intezar kar rahe hain aur piercing bhi.
हाँ वो तो है...
पर छेदों की piercing bhi मोटे-मोटे....
 

motaalund

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There was just a brief reference of picking up kebab,... In Hindi version, because Jethani part got extended, Champa bai came so the red light area was added in the return journey

i am reproducing the original version,...


However, next minute her lacy silken teen bra was in my hand.
I offered her a chilled cola. Need less to say it was more rum than cola.
Gulp it fast…niche tere bhaiya betab ho rahe honge..”
Mallom hai mujhe…” she smiled and gulped.
As she was swallowing in big swigs, one ice cube rolling between my fingers went inside her top and I pressed it hard on her nips.
Impact was almost instantaneous. Her nips became so taut, hard like steel, poking out. I opened all the buttons of her white school top. Deep fair milky cleavage was clearly seen and almost her twin tits.
As she put down the glass I took out scarlet red lipstick from my purse and soon her lips wer looking larger, juicier and smoldering red.
He was standing, breathing hard, waiting impatiently.
My jethani was also standing next to her.
But one look at Guddi and he almost forgot to taking breath, her kohl filled large eyes, rouged dimpled cheeks and red painted lips…and when he looked down, her cleavage, almost upper half of teen boobs could be seen…and nips piercing her too short stretched white school blouse…
I handed him her bra nonchalantly, “ lo rakho” and sat in the car.
My jethani was standing watching everything.


raat ka khana “ she asked.


“ we will reach in time Bhabhi…” he told her


but I said arre nahin kal tum jahan in sabako le gaye the naa…you were telling some auodhi cusine festival is on…non veg delicacies of Lucknow…we can get something packed from there…

"hai naa Guddi…gahr phaunch ke phir koi jhanjaht nahi rahega…kal handi chicken khaya na tha toomane vahan kais thaa.”

Very nice Bhabhi…aur Bhaiya apake liye bhi to mutton kabab pack kara ke le gaye the…”

Listening that my jethani’s face was ashen.

Acha didi chalate hain…I said and he has already started the car.


After getting dinner packed, I told him to go back to rear seat, with Guddi and I will drive.
I put power windows, they were dark tinted, adjusted mirror a bit to see what is happening on rear seat and started driving.


And the journey back home
Many many thanks for reproducing the text here again.
 

komaalrani

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Bhut lajawab.....



Ab usko hi Baap banna hai to koi kya kare....



Bechari sassu Maa to apna vada puri kar rahi hai....
Yahi to, maine isliye mamala saaf kar diya saboot ke saath varana log bechaari inki sidhi sdahi saas ko dos laagaate
 
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motaalund

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जोरू का गुलाम भाग १५७

भैया के साथ पहली रात




स्ट्रीट लाइट हम लोगों के घर से थोड़ी दूर थी ,इसलिए गेट पर झुटपुटा अँधेरा ही रहता था।



"पर भाभी ,मेरे कपडे ,... " वो बिचारी परेशान हो रही थी।

वो भाभी कौन जो ननद को परेशान न करे ,..

" अच्छा चल आ , दे दूंगी यार ,... अब ये तो तुझे भी नहीं आते , मेरे किस काम के ,... " मैंने छेड़ा फिर हड़काया

" देख मैं अंदर जा रही हूँ , तीन तक गिनती गिनूँगी , आना हो तो आओ ,... कार रात भर वही खड़ी रहेगी , और तुम जानती हो ,पीछे वाला दरवाजा ठीक से बंद भी नहीं होता तो रात में कहीं आस पास के लौंडे ,... "



और दो तक ही गिन के मैं घर की ओर बढ़ गयी ,



और वो ,... जब तक मैं दरवाजे पर पहुंची उसके पहले ही कार का दरवाजा खोल के उनकी बहना ,वैसे ही ,बर्थडे सूट में ,... लान पार करते ,दरवाजे पर




तभी वो सामान ले कर बाहर निकले ,... और मैंने उन्हें इशारा किया


" अरे तेरा माल देख चुदवाने के लिए कितना बेताब है , मैं लाख कहा कपडे पहन ले , पर बोली भैया तो अभी उतार देंगे ही। "

और फिर उनसे बोली ,अरे यार मेरी ननद और तेरा माल पहली बार हमारे घर में ऐसे थोड़ी ही ,...घर की चौखट ,...

और इशारा समझ कर उन्होंने अपनी ममेरी बहन को गोद में उठा लिया और ऐसे

वो हमारे घर की चौखट पार कर के अंदर।



……मुश्किल से दो साल हुए थे जब मैंने इनके मायके की चौखट पार की थी ,
ननद ,जेठानी ,सास ,...

यह मत करो ,वह मत करो






और आज गुड्डी ने इस घर की चौखट पार कर ली।
जिस तरह से मैं चाहती थी ,एकदम उसी तरह से ,

और जिसकी गोद में ,मैं चाहती थी ,उसी की गोद में।



मेरे बिना कुछ कहे उसे पता चल गया होगा की यहां कौन क्या तय करता है ,और अब बस उसे वही ,...

असली बात तो ये ही की ये कहना न पड़े की क्या करो ,क्या न करो और अगला खुद वही करे ,...

आगे आगे वो अपनी ममेरी किशोर कुँवारी बहन को गोद में उठाये ,


और पीछे पीछे मैं ,गुड्डी की ब्रा ,पैंटी ,स्कर्ट ,टॉप ,मेर हाथ में ,

और गुड्डी अपनी भैया की गोद में स्कूल के साक्स और शूज पहने ,



सिर्फ।

……………….

बेडरूम में पहुंचते ही उन्होंने अपनी बहना को मेरे डबल बेड पर धम्म से , ....

नहीं नहीं बड़े प्यार से , उनकी निगाहें अभी भी अपनी बहन की कच्ची अमिया को दुलरा रही थीं ,

कड़े कड़े टेनिस बाल साइज के बूब्स ,




पर वो अपने काम पर लग गए और मैं अपने।

सारे सामान एक एक करके अनपैक करके वो वार्डरोब में लगा रहे थे , और मैं पलंग पर बैठी ,... बगल के सिगरेट केस से मैंने एक सिगरेट सुलगा लिया और अपने होंठों के बीच ,




गोल गोल छल्ले , .. मैं गुड्डी के ठीक बगल में बैठी थी , और छल्ले सीधे पहले तो गुड्डी के चेहरे पर और फिर दोनों खुले पूरी तरह एक्सपोज्ड जोबन पर ,

" चल मैं भी कपडे उतार देती हूँ ,वरना तू कहेगी , ... चल तबतक तू सुट्टा मार ,.. "



और जबतक वो कुछ कहती सिगरेट मैंने गुड्डी के होंठ के बीच खोंस दी।

मेरी रिप्ड जींस और क्रॉप्ड टॉप उछाल के मैंने सीधे उनकी ओर ,


" प्लीज ,जरा इसको भी ,.. और हाँ गुड्डी की स्कर्ट ब्लाउज भी ,... नहीं नहीं ब्रा पैंटी नहीं ,.. "

और गुड्डी के भैय्या , अब पहले मेरे , फिर गुड्डी के कपडे अरेंज करके वार्डरोब में ,
जोरू के गुलाम मोड में...
 
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motaalund

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तेरी रखैल और मेरी ,..







" प्लीज ,जरा इसको भी ,.. और हाँ गुड्डी की स्कर्ट ब्लाउज भी ,... नहीं नहीं ब्रा पैंटी नहीं ,"

और गुड्डी के भैय्या , अब पहले फिर गुड्डी के कपडे अरेंज करके वार्डरोब में ,

………………………..


और मेरी उँगलियाँ गुड्डी के जोबन सहलाती , कभी निपल को पिंच करती ,



( यह बात पहले ही तय हो गयी थी इस मस्त कन्या को हम दोनों मिलके भोगेंगे )

" हे एक सुट्टा चलेगा ," मैंने वहीँ से सवाल उछाल दिया।

" एकदम " वार्डरोब का काम ख़तम करते वो बोले ,


मैंने गुड्डी के होंठों से सिगरेट निकाल कर सीधे उनके होंठों में लगा दिया ,



" तेरे माल के ,ममेरी बहन के होंठों से लगा हुआ था डबल नशा होगा ले ले ,.. " और अब वार्डरोब के सामने खड़ी होकर मैं मुआयना कर रही थी।
एक लाइट पिंक आलमोस्ट शीयर बेबी डाल ड्रेस निकाल कर मैंने गुड्डी की ओर उछाल दी , सब कुछ दिखता है वाली ड्रेस थी।




पर अब गुड्डी रानी के छिपाने के दिन ख़तम हो गए थे ,अब सिर्फ दिखाने वाले ही दिन आ गए थे।

और वैसी ही एक ड्रेस और निकाल के खुद भी ,



लेकिन अभी भी वो वही ड्रेस पहने ,.. गुड्डी की ओर ललचायी नज़रों से ,...


मेरी आँखों ने उन्हें घुड़का और धक्का देकर उन्हें पलंग पर लिटा दिया ,उनकी ममेरी बहन के ठीक बगल में

और अब उनके कपडे उतरने की बारी थी ,

बिना कहे गुड्डी ने मेरा साथ दिया और वो सिर्फ एक छोटी सी फ्रेंची में ,




और मैंने गुड्डी को ढेर सारे काम पकड़ा दिए ,कम से कम २५ मिनट


हम लोग कुछ इनकी भौजी के बनाये मटन कबाब लाये थे ,उसे बस ओवन में गरम करना ,ब्रेड टोस्ट करना , आमलेट ,

और पास ही में बार है , बस वहीं से व्हिस्की की बॉटल ,उसके पहले तीन ग्लास फ्रिज में ठंडा करने को और एक बकेट में आइस ,...


हाँ व्हिस्की की बंद बॉटल , मिडल शेल्फ पर ब्लैक डॉग की रखी है , वही ,...


गुड्डी कुछ बोलती उसके पहले मैंने उसे समझाया ,



" अरे यार अगर गाड़ी चलानी है तो उसमे डीजल तो भरना ही होगा ,और कल रात तेरी बड़की भौजी ने ,और चलने के पहले तेरी सहेली ने इनकी मलाई ,... "




" एकदम भाभी ,.. अभी लाती हूँ। " मुस्करा के गुड्डी ने हामी भरी।

कम से कम २५ मिनट तो उसे लगना ही था ,लेकिन उसके निकलने के पहले मैंने गुड्डी को उसके स्कूल वाले जूते की ओर इशारा किया और अपने साजन को भी ,


गुड्डी ने सुबह अपनी हाईस्कूल वाली यूनिफार्म के साथ पहने सफ़ेद जूते खोले और मेरे सैंया ने उसके लिए खास तौर से खरीदी

५ इंच वाली स्लट हाईहील निकाल के दे दी ,बल्कि पहना भी दी ,आखिर उनका फेवरिट बचपन का माल जो था।



बेबी डाल वाली ड्रेस मुश्किल से उसके ब्याइश चूतड़ों को ढके थे , अंदर ब्रा पैंटी का सवाल ही नहीं था, और ऊपर से अब ये स्लट हील,



उनका खूंटा खड़ा होगया ,

गुड्डी कमरे से निकलने वाली ही थी की मैंने उनके उसकी ओर इशारा किया ,

सच में पक्की पैदायशी स्लट थी ,

झुक के अपने भैय्या के ढंके छिपे बौराये खूंटे पर फ्रेंची के ऊपर से उसने चुम्मी ली , एक दो नहीं पूरी चार ,


और उसकी निगाहें साथ में , अपनी भैय्या की आँखों में देखती ,उन्हें छेड़ती उकसाती ,

और चलने के पहले उसने कैद शेर को आजाद कर दिया ,बस थोड़ा सा ,
उनकी फ्रेंची ज़रा सा सरका दिया और मोटा पगलाया खूंटा झट से बाहर ,



और दरवाजे से निकलने के पहले वो स्लट टीनेजर ज़रा सा रुक गयी , उनके मोटे सुपाड़े पर उसने एक फ़्लाइंग किस चिपका दी।

और मैंने उनके होंठो पर , और पूछ भी लिया ,



बोल रज्जा कैसी लगी तेरी रखैल और मेरी ,..



मैंने हलके से बोला था लेकिन शायद उनकी ममेरी बहन ने सुन भी लिया हो ,
सुन लिया हो तो हो ,..


मैं उसे सिर्फ यहां चोदने चुदवाने थोड़े ही लायी थी , अब तो उसे इनकी परफेक्ट रखैल बन के रखना था , और वो भी छिप छिपा के नहीं एकदम खुलेआम ,





घर का काम् भी ,... वरना ये काम या तो ये करते या मैं ,.. जो काम करने मैंने उसे भेजा था ,

और फिर बाकी काम ,कल गीता आएगी न सुबह शाम ,... उसने मेरे बिना कहे ये जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी , सब कुछ सीखा देगी ,
' वो सब ' तो वो सिखाएगी ही उसके साथ घर के काम भी , झाड़ू पोछा बरतन तक ,...

गुड्डी ने रखैल सुना हो न सूना हो लेकिन स्काइप से जो आवाज आयी ,ऊपर लगे ५५ इंच के स्मार्ट टीवी से ,... वो जरूर सुना होगा ,




" क्यों ले आये बहना अपनी चोदने के लिए , स्साले बहनचोद। "
टिपिकल सास... दामाद की अपनी बेटी से ज्यादा ध्यान रखने वाली..
किशोर वय से आंतरिक इच्छाओं को पाले हुए दामाद के सपने को पूरा करने की ओर एक giant leap.
 
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