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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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Game mast jaa raha hजोरू का गुलाम भाग ७०
वाइल्ड डेयर
अगला राउंड शुरू होने के पहले , अजय जीजू ने अपनी स्पेशल सिगी निकाल ली और रोल कर के एक खुद और एक कमल जीजू को ,
मैं पहचान गयी ये कोई ऐसी नहीं स्पेशल सिगी थी , मसाले वाली , चीनू के भाई की शादी में अजय जीजू ने मुझे एक दो सुट्टा लगवाया था।
असली कश्मीरी ,
एक सुट्टे में ही दिमाग और बुर /लन्ड दोनों सातवे आसमान पर पहुँच जाते थे।
" जीजू अकेले अकेले , "
मैंने उन्हें छेड़ा , और खुद उनके हाथ से ले के पहले तो दो सुट्टे खुद लगाए
और फिर रीनू को पास कर दिया ,
" अरे एक कश तो लगा लो , "
कमल जीजू ने थोड़ी जबरदस्ती , थोड़ी मान मन्नौवल कर के उनके होंठ में भी खोंस दिया।
कश तो वो अब लगा ही लेते थे , और मम्मी ने उन्हें 'पेसल ' वाली सिगरेट का धुंआ भी सुंघा दिया था।
पर ये तो एकदम दिमाग का रायता बनाने वाली थी ,सोच समझ का बिस्तरा गोल,
खांसते ,हिचिकचाते उन्होंने दो कश लगा ही लिए , और असर एकदम साफ़ दिख रहा था।
सिगरेट चालू थी लेकिन गेम का अगला राउंड शुरू हो गया ,
रीनू ने पत्ते खोल दिए ,
डार्क रेड यानी वाइल्ड डेयर वाले ,
और पहला टास्क मुझे ही मिला ,
एक आइटम गर्ल की तरह डांस , बूब्स को झटके देते हुए ,
फिर अपनी थांग खोल के सबको अपनी बुलबुल खोल के दिखाना ,
और दो ऊँगली अंदर डाल के दो मिनट तक फिंगरिंग
और फिर मेरे चूत रस में सोक्ड फिंगर ,अजय जीजू को चटाना ,
खूब हल्ला हो रहा था जब मैं डांस कर रही थी ,
जीजू लोगों के साथ ये भी जब मैंने थांग नीचे सरकायी ,कुछ देर तक हथेली में चुनमुनिया को छुपा के रखा ,
उसे हलके हलके रगड़ा ,उँगलियाँ फैला के उसकी झलक दिखाई ,
फिर एक और बाद में दो ऊँगली अंदर ढकेल दी।
जितनी जोर से मैंने सिसकी ली ,उससे दूने जोर से पब्लिक ने आहें भरी।
बुर तो में पहले सी गीली थी और अब सबके सामने इस तरह फिंगरिंग ,
बुर का बुरा हाल था।
मुझे अजय के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी ,
खुद आके उसने बुर के रस में नहायी मेरी दोनों ऊँगली अपने मुंह में और जोर जोर से चाटने लगा।
अगला नम्बर अजय का ही था , और बड़ा खतरनाक डेयर ,
कमल जीजू के ब्रीफ में हाथ डालकर उनके लन्ड को मुठियाना ,पूरे दो मिनट तक।
न वो झिझका न कमल जीजू।
कमल जीजू का लन्ड अब उनके ब्रीफ को फाड् के एकदम निकल जाने की हालत में था।
और तब तक रीनू ने कमल जीजू का भी कार्ड निकाल दिया।
इस कमरे में बैठे किसी भी लड़के को किस करना ,.... डीप फ्रेंच किस
और उन्हें तो मौका मिल गया ,डेयर रीनू ने पूरा बोला भी नहीं था
और कमल जीजू ने 'उन्हें' अपनी बाहों में में कस के बाँध के , सीधे लिप्पी और वो ,....डीप फ्रेंच किस में बदल गया।
पता नहीं कमल जीजू ने पकड़ा के या उन्होंने खुद ,... जो मैंने देखा तो उनका हाथ ब्रीफ फाड़ते कमल जीजू के खूंटे पर था।
उनका कार्ड भी रीनू ने ही निकाला ,
अजय की गोद में बैठ कर अपने चूतड़ उसके खूंटे पर , ड्राई हंपिंग चार मिनट तक ,
थोड़ा वो झिझके , पर साली का हुकुम और सिगी का असर ,
जबरदस्त ग्राइंडिंग।
रीनू का कार्ड मैंने खोला ,
और उनका फायदा हो गया ,
रीनू को उनका लन्ड बॉक्सर शार्ट से बाहर निकाल कर के दो मिनट तक मुट्ठ मारना था ,
फिर सुपाड़ा खोल के एक छोटा सा किस ,
लेकिन वो साली ,असली साली थी ,किस पे नहीं रुकी ,पूरा गप्प कर लिया।
अब तक हम सब पूरी तरह मूड में रंग गए थे।
और वैसे भी अगला राउंड , तो ,.... एकदम। ..
लेकिन न रीनू रुकी न उसके जीजू ,... यानी मेरे उन्होंने ने उसे रुकने दिया ,....
ये डार्क डार्क रेड कार्ड्स थे , यानी वाइल्डेस्ट डेयर वाले।
पर अब हम सब जिस मूड में थे , एकदम से नो होल्ड्स बार्ड वाला ,...
कमल जीजू ने उन्हें स्पेशल सिगी का एक जोरदार सुट्टा लगवाया और , फिर उन्होंने रीनू के हाथ से कार्ड ले के ,
डेयर रीनू का था , लेकिन सच में तो हम दोनों का , ...
रीनू को मुझे किस करना था लिप्स पे ,
फिर मेरे निपल चार मिनट तक सक करना था
और मुझे उसका
फिर रीनू को मेरी थांग हटा के मेरी बुर में पहले तो ऊँगली करनी थी और फिर चाटना चूसना था ,
और मेरी बुर के रस से भीगे होंठों से तीनो मर्दों को किस करना था।
Bichari ko pata nahi ki kis bed tea ki baat ho Rahi haiजोरू का गुलाम भाग १६२
गुड मॉर्निंग
मेरी आँखे उन्हें चढ़ा रही थीं ,उकसा रही थीं , पर वो भी न ,.. सीधे साधे ,.. शरमाते हिचकिचाते ,
मैं समझ गयी उनके बस का नहीं है ,मैंने गुड्डी को ही चढ़ाया
" हे भैय्या से भी गुड मॉर्निंग कर ले , ... "उसके कान में मैं फुसफुसाई,.. "
एकदम भाभी ,वो शोख छोरी मुस्करायी और मुड़ के उन्हें अपनी लम्बी छरहरी बांहों में भर लिया और कस के होंठ चिपका दिए ,
फिर अपनी मछली सी मचलती बड़ी बड़ी आँखों से उन्हें चिढ़ाती उकसाती बोली , गुड मॉर्निंग भइया ,
और अब वो रुकते तो गड़बड़ होती उन्होंने भी एक कस के चुम्मी ले ली।
सुबह की धूप कमरे में छा गयी।
" भैया बेड टी" अब लजाने शरमाने का नंबर उस छुई मुई का था।
सिर्फ दो कप , उनकी निगाहों ने सवाल कर दिया , और जवाब मैंने दिया ,अपने कप को गुड्डी के मीठे मीठे होंठों से लगा के ,
" हे जरा चीनी तो घोल ननद रानी , ... "
मुस्कराती गुड्डी ने एक चुस्की ले ली और उसके हाथ से चाय का कप ले कर मैंने उनकी ओर बढ़ा दिया ,
उन्होंने गुड्डी को दिखाते हुए वहीँ होंठ लगाया जहां कुछ देर पहले गुड्डी ने लगाया था , उनका कप मेरे होंठों के बीच था ,
और दो का तीन हम तीन ने कर लिया।
मैं उनकी ओर देख कर मुस्करा रही थी ,वो भी समझ कर मीठी मीठी,
जैसे आज हम लोग चाय बाँट कर ,...वैसे ही इस भोली भाली ननदिया को भी हम बाँट लेंगे।
" क्यों भाभी , बेड टी कैसे लगी , ... " चाय सुड़कती हुयी हम लोगों के प्लानिंग से अनजान उस किशोरी ने पूछा ,
और मेरे मन में कुछ और कौंध गया , मैंने फिर उनकी ओर देखा और गुड्डी के पान ऐसे चिकने गाल को सहलाते उसे और उसके भैय्या दोनों को सुनाया ,
"चलो यार एक दो दिन और फिर मैं तुम्हे ही रोज बेड टी पिलाऊंगी , एकदम स्पेशल ,परसनल वाली , मेरा अपना टच होगा ,बोल पीयेगी न नखड़े तो नहीं बनाएगी। "
वो मेरी बात सुनके समझ भी रहे थे जोर जोर से मुस्करा भी रहे थे। लेकिन मेरी भोली ननद उसे क्या मालूम मैं किस 'बेड टी ' की बात कर रही थी। उसने तुरंत सकार दिया , मुझे पकड़ के बहुत दुलार से बोली ,
" एकदम भौजी , अरे हमार मीठी मीठी भौजी पिलाये तो कौन ननद मना करेगी , ये ननद तो कतई नहीं। "
अब उसके होंठों का नंबर था , उन्हें दिखाते हुए मैंने उनकी बहिनिया के होंठों को चूम लिया , हलके से नहीं कचकचा के।
और होंठ छोड़े तो हलके से प्यारी सी एक चपत अपनी टीनेजर ,जस्ट इंटर पास ननद के गाल पे मारती बोली ,
" सुन लो , अगर अब तूने मना किया न , तो तेरे भइया के सामने बोल रही हूँ , जबरदस्ती पिलाऊंगी रोज बिना नागा अपनी बेड टी। " और उनकी ओर आँख मार दी।
मैं और मम्मी तो उन्हें 'बेड टी' पिलाती थीं ही , और उनके मायके में भी रोज तो नहीं लेकिन एक दो दिन तो मैंने वहां भी ,... गुड्डी जिस दिन पहली बार आयी थी ,उस दिन ननद के आने की ख़ुशी में तो मैंने उन्हें दिन दहाड़े ही ,.पर वो हुआ जो मैंने सपने भी भी नहीं सोचा था , वो बोल पड़े ,
" अरे मना क्यों करेगी , ... तुम तो पिलाओगी ही मैं भी अपनी चिरैया को बेड टी पिलाऊंगा " और उनके हाथ भी गुड्डी के कंधे पर,
मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हुआ ,
मैं तो उन्हें ,.. पर वो भी ,.. हाँ चाहती तो मैं भी थी की वो हम लोगो के खेल तमाशे में शामिल हो , पर मैंने तय कर लिया , मुँह के अंदर डाल के नहीं ,... ये चिरैया होनी चोंच खोल के घल घल वो सुनहला शरबत , जिस पर हर ननद का हक़ होता है ,...
और मेरी ननद भी न
जैसे जाल में फंसे कबूतर को अंदाज नहीं होता की वो जाल में है , वो एकदम नारमली ,उसी तरह वो भी हँसते हुए बोली ,
"तो आप लोग बारी बारी से ,.. एक दिन भैया एक दिन भाभी ,.."
हम दोनों ने एक साथ मना किया और एक साथ बोले ,
' अरे नहीं बावरी , बारी बारी से क्यों ,... रोज हम दोनों सुबह सुबह , दो कप बेड टी नहीं पी सकती क्या तू ,.. ?"
" एकदम पी सकती हूँ , फिर भौजी ने तो बोल दिया है ,सीधे से नहीं पिऊँगी तो वो जोर जबरदस्ती कर पिलायेंगी। फिर कोई बचत है क्या ? "
हँसते खिलखिलाते वो शोख शरीर बोली।
" सुन लिया आपने अपनी बहन को , अब तो आपको पिलाना ही होगा ,अब कउनो बहाना नहीं चलेगा। " मैंने उनकी आँख में आँख डाल के कहा और उनसे तीबाचा भी भरवाया।
गुड्डी को देख के वो भी एकदम बौराये थे
उसके गाल सहलाते बोले ,
"मेरी प्यारी बहन है ,... अरे सिर्फ बेड टी क्यों है ,शाम को भी पिलाऊंगा ,... क्यों गुड्डी ,पीयेगी न। "
और वो उनसे और चिपक गयी ,
" एकदम भैया , और जैसे भाभी ने बोला है ,नखड़ा करुँगी तो आप जबरदस्ती भी कर सकते हैं , है न भाभी। "
मैं क्यों मौका चूकती , तुरंत बोली , " एकदम जबरदस्ती तो करुँगी ही , बिना रगड़ाई के क्या मजा ,.. "
लेकिन तबतक उनकी निगाह घडी पर पड़ गयी ,... मेरी असली सौत।
"ओह नौ बजने वाले है ,आधे घंटे में आफिस पहुंचना है "
वो उछल कर पलंग से नीचे उतर गए।
सफर बहुत मजेदार और आनंद से भरपूर है....500 page ki bhut bhut shubhkamnaye.....
komaalrani
Ye saraf yu hu chalta rhe.....
Bhut bhut dhanyawaad aise kahani k liye
Belated Merry Christmas.
यूँ तो लगभग सारे पार्ट्स बहुत खूबसूरत ढंग से उकेरे गए हैं...Is story ka mera favorite part hai komal bhabhi or uske Jija ke kaand. Most erotic
५०० पृष्ठ और ५००० कमेंट्स से ऊपर की हार्दिक बधाइयाँ....500 pages
thanks soooooooooooooooooooooo much