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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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एकदम पढ़ाई भी और ..यी भी,....

दिन में कोचिंग में पढ़ाई और घर पे भोर भिन्सारे से गीता की कोचिंग प्रैक्टिकल वाली, फिर मैं, मेरी सहेलियां मंजू सब कच्ची अमिया के शौक़ीन,... कन्या रस में ,... फिर इम्तहान लेने एक्सटर्नल एक्जामिनर आएंगे न जो अभी काठमांडू में हैं कमल और अजय जीजू,... इन्ही के सामने,...
अभी जवानी का जोश है...
एक्सटर्नल एक्जामिनर खुद से वो सारे टास्क अपने सामने करवाएंगे....
अगर पास होना है तो...
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने,...



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और पिछवाड़े की मामले में तो मेरे जीजू का पी एच डी है, कोई जेंडर एज डिक्रिमिनेशन नहीं करते,... इसलिए अपनी ननदिया का पिछवाड़ा मैंने बहुत जतन से सम्हाल के कोरा रखा है, गीता को भी बोल दिया था, खबरदार, पिछवाड़े अंगुली छोड़ सींक और तिनका भी नहीं,... मेरे जीजू को एकदम कोरी,...

और तभी तो गुड्डी रानी की जब फटेगी तो दूर दूर तक उनकी संगीतमयी आवाज जायेगी,... ननदों की यही चीख तो भाभियों को अच्छी ती है, सबसे प्यारी मधुर मीठी धुन
वो प्यारी धुन सुनने को अति-उत्सुक हैं...
 

motaalund

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रोज बिना नागा,

अगले दिन अपने दो चार यारो दोस्तों को भी ले आएंगे,
फिर टाउनशिप में मेरी नयी नयी ननदिया को पॉपुलर होने से कौन रोक पायेगा


अरे गीता का कोई काम बिना सोचे समझे थोड़ी होता है,...
जिल्ला टॉप या टाउनशिप टॉप....
 

motaalund

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This story is more like novel so scenes will keep on shifting from Guddi to Mrs Moitra, Office Politics and of course at least a glimpse of Jethani ji
This will make completeness of story with some theme and vamp will add extra flavour to the story as straight story will be monotonous.
 

motaalund

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जोरू का गुलाम भाग १६२

गुड मॉर्निंग



मेरी आँखे उन्हें चढ़ा रही थीं ,उकसा रही थीं , पर वो भी न ,.. सीधे साधे ,.. शरमाते हिचकिचाते ,

मैं समझ गयी उनके बस का नहीं है ,मैंने गुड्डी को ही चढ़ाया

" हे भैय्या से भी गुड मॉर्निंग कर ले , ... "उसके कान में मैं फुसफुसाई,.. "



एकदम भाभी ,वो शोख छोरी मुस्करायी और मुड़ के उन्हें अपनी लम्बी छरहरी बांहों में भर लिया और कस के होंठ चिपका दिए ,

फिर अपनी मछली सी मचलती बड़ी बड़ी आँखों से उन्हें चिढ़ाती उकसाती बोली , गुड मॉर्निंग भइया ,




और अब वो रुकते तो गड़बड़ होती उन्होंने भी एक कस के चुम्मी ले ली।

सुबह की धूप कमरे में छा गयी।


" भैया बेड टी" अब लजाने शरमाने का नंबर उस छुई मुई का था।

सिर्फ दो कप , उनकी निगाहों ने सवाल कर दिया , और जवाब मैंने दिया ,अपने कप को गुड्डी के मीठे मीठे होंठों से लगा के ,

" हे जरा चीनी तो घोल ननद रानी , ... "

मुस्कराती गुड्डी ने एक चुस्की ले ली और उसके हाथ से चाय का कप ले कर मैंने उनकी ओर बढ़ा दिया ,



उन्होंने गुड्डी को दिखाते हुए वहीँ होंठ लगाया जहां कुछ देर पहले गुड्डी ने लगाया था , उनका कप मेरे होंठों के बीच था ,

और दो का तीन हम तीन ने कर लिया।

मैं उनकी ओर देख कर मुस्करा रही थी ,वो भी समझ कर मीठी मीठी,

जैसे आज हम लोग चाय बाँट कर ,...वैसे ही इस भोली भाली ननदिया को भी हम बाँट लेंगे।

" क्यों भाभी , बेड टी कैसे लगी , ... " चाय सुड़कती हुयी हम लोगों के प्लानिंग से अनजान उस किशोरी ने पूछा ,



और मेरे मन में कुछ और कौंध गया , मैंने फिर उनकी ओर देखा और गुड्डी के पान ऐसे चिकने गाल को सहलाते उसे और उसके भैय्या दोनों को सुनाया ,

"चलो यार एक दो दिन और फिर मैं तुम्हे ही रोज बेड टी पिलाऊंगी , एकदम स्पेशल ,परसनल वाली , मेरा अपना टच होगा ,बोल पीयेगी न नखड़े तो नहीं बनाएगी। "




वो मेरी बात सुनके समझ भी रहे थे जोर जोर से मुस्करा भी रहे थे। लेकिन मेरी भोली ननद उसे क्या मालूम मैं किस 'बेड टी ' की बात कर रही थी। उसने तुरंत सकार दिया , मुझे पकड़ के बहुत दुलार से बोली ,

" एकदम भौजी , अरे हमार मीठी मीठी भौजी पिलाये तो कौन ननद मना करेगी , ये ननद तो कतई नहीं। "



अब उसके होंठों का नंबर था , उन्हें दिखाते हुए मैंने उनकी बहिनिया के होंठों को चूम लिया , हलके से नहीं कचकचा के।

और होंठ छोड़े तो हलके से प्यारी सी एक चपत अपनी टीनेजर ,जस्ट इंटर पास ननद के गाल पे मारती बोली ,

" सुन लो , अगर अब तूने मना किया न , तो तेरे भइया के सामने बोल रही हूँ , जबरदस्ती पिलाऊंगी रोज बिना नागा अपनी बेड टी। " और उनकी ओर आँख मार दी।

मैं और मम्मी तो उन्हें 'बेड टी' पिलाती थीं ही , और उनके मायके में भी रोज तो नहीं लेकिन एक दो दिन तो मैंने वहां भी ,... गुड्डी जिस दिन पहली बार आयी थी ,उस दिन ननद के आने की ख़ुशी में तो मैंने उन्हें दिन दहाड़े ही ,.पर वो हुआ जो मैंने सपने भी भी नहीं सोचा था , वो बोल पड़े ,

" अरे मना क्यों करेगी , ... तुम तो पिलाओगी ही मैं भी अपनी चिरैया को बेड टी पिलाऊंगा " और उनके हाथ भी गुड्डी के कंधे पर,

मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हुआ ,

मैं तो उन्हें ,.. पर वो भी ,.. हाँ चाहती तो मैं भी थी की वो हम लोगो के खेल तमाशे में शामिल हो , पर मैंने तय कर लिया , मुँह के अंदर डाल के नहीं ,... ये चिरैया होनी चोंच खोल के घल घल वो सुनहला शरबत , जिस पर हर ननद का हक़ होता है ,...

और मेरी ननद भी न

जैसे जाल में फंसे कबूतर को अंदाज नहीं होता की वो जाल में है , वो एकदम नारमली ,उसी तरह वो भी हँसते हुए बोली ,

"तो आप लोग बारी बारी से ,.. एक दिन भैया एक दिन भाभी ,.."


हम दोनों ने एक साथ मना किया और एक साथ बोले ,

' अरे नहीं बावरी , बारी बारी से क्यों ,... रोज हम दोनों सुबह सुबह , दो कप बेड टी नहीं पी सकती क्या तू ,.. ?"

" एकदम पी सकती हूँ , फिर भौजी ने तो बोल दिया है ,सीधे से नहीं पिऊँगी तो वो जोर जबरदस्ती कर पिलायेंगी। फिर कोई बचत है क्या ? "

हँसते खिलखिलाते वो शोख शरीर बोली।

" सुन लिया आपने अपनी बहन को , अब तो आपको पिलाना ही होगा ,अब कउनो बहाना नहीं चलेगा। " मैंने उनकी आँख में आँख डाल के कहा और उनसे तीबाचा भी भरवाया।





गुड्डी को देख के वो भी एकदम बौराये थे

उसके गाल सहलाते बोले ,

"मेरी प्यारी बहन है ,... अरे सिर्फ बेड टी क्यों है ,शाम को भी पिलाऊंगा ,... क्यों गुड्डी ,पीयेगी न। "

और वो उनसे और चिपक गयी ,

" एकदम भैया , और जैसे भाभी ने बोला है ,नखड़ा करुँगी तो आप जबरदस्ती भी कर सकते हैं , है न भाभी। "

मैं क्यों मौका चूकती , तुरंत बोली , " एकदम जबरदस्ती तो करुँगी ही , बिना रगड़ाई के क्या मजा ,.. "

लेकिन तबतक उनकी निगाह घडी पर पड़ गयी ,... मेरी असली सौत।

"ओह नौ बजने वाले है ,आधे घंटे में आफिस पहुंचना है "



वो उछल कर पलंग से नीचे उतर गए।
ये भईया बहिनी की जुगलबंदी और ऊपर से भौजाई का तड़का...
नखड़े वाली को और नमकीन बना के छोड़ेगा....
 

motaalund

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नाश्ता




"ओह नौ बजने वाले है ,आधे घंटे में आफिस पहुंचना है " वो उछल कर पलंग से नीचे उतर गए।

…………………………

" अरे भइया घबड़ाइये मत , मैंने आपके नाश्ते का इंतजाम कर दिया है। "

और वो किचेन में

पूरा नाश्ता उसी ने बनाया ,हाँ आमलेट बनाने में मैंने थोड़ा उसे गाइड किया।

नाश्ता हम तीनों से साथ साथ किया और वो आफिस निकल गए ,नाश्ते के समय भी उनका फोन पर आफिस चल ही रहा था।

…………………

उनके जाने के बाद सिर्फ मैं और गुड्डी ही बचे।
नहीं नहीं कोई बदमाशी ,शरारत नहीं।

घर का आधे से ज्यादा काम तो उसने पहले ही निपटा दिया था , बाकी बचा खुचा काम भी हम दोनों ने मिल के ,...
हम दोनों ने काम बाँट लिया था ,

मैं उसे काम बता रही थी ,समझा रही थी , कभी कभी थोड़ा हाथ भी बंटा देती ,

पर कर वो ही रही थी।

मैंने उसे उसका कमरा दिखा दिया , सेट मैंने जाने के पहले ही कर दिया था , मुझे पक्का भरोसा था की मैं उसे पटा के , समझा बुझा के ,...कैसे भी ले आउंगी और वो आज आ गयी ही थी।



फिर हम दोनों नहाये , ( लेकिन अलग अलग )

मैं उसको रिलैक्स करना चाहती थी ,नो सेक्स नो टाक आफ सेक्स।

और जो वो नहा के निकली , मैंने उसकी कोचिंग से बात करा दी।



आज कल वहां छुट्टी थी , पर उन्होंने एक पासवर्ड दे दिया जिससे अब तक जो पढ़ाया गया था उसके नोट्स वो डाउनलोड कर सकती थी।

उसके कमरे में उसके लिए एक लैपी थी उसपर वो उस काम में जुट गयी ,



और मैं अपने कमरे में।
घर के काम काज के साथ पढ़ाई ..
हर फील्ड में जिल्ला टॉप.....
 

motaalund

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लेडीज टाक



सुजाता, ... मिलवाया तो था आप लोगों से मेरे ग्रुप की 'बेबी' अभी पांच छः महीने पहले ही उसकी शादी हुयी है , मेरी पक्की सहेली ,सहेली क्या एकदम छोटी बहन , असली से भी बढ़कर , ... प्यारी ,मीठी मीठी ,... और मेरी बहन से भी बढ़कर इनकी साली ,... दो बातों में तो वो मेरा भी कान काटती थी ,

'ऐसी वैसी बातें ' करने में और इनके कान का पान बनाने में ,




जब तक मैं नहीं थी उस पीरियड की सारी गप्पें , लेडीज की बारे में ,... किसका किससे चल रहा है से लेकर किसने कौन सी ड्रेस खरीदी ,

और सिर्फ हमारी क्लब की लेडीज के बारे में ही नहीं , जो सीनियर थीं उन की 'गौरैया ' लोगों के बारे में, कौन कौन बच्चियां अब जवान हो रही थीं , 'अंकल अंकल 'कह के कौन ,... किस का किस के साथ ,...





सुजाता हमारे टाउन शिप के स्कूल की इंचार्ज भी थी ,और हेड मिस्ट्रेस ,स्पोर्ट्स टीचर से भी बहुत इंटिमेट थी , फिर अब वो लेडीज क्लब की ज्वाइंट सेक्रेटरी थी ,असली पावर सेंटर मिसेज खन्ना , सीनियर वी पी के वाइफ की क्लोज ,..

तो सबको पता था की सुजाता से बना के रखना ही सही है ,

और जब गौरैयों के बारे में बात चली तो दोनों कबूतरियों के बारे में सुजाता को रिपोर्ट देना ही था , मुझे। इनके मायके में पहुँच के इनकी भौजाई के चक्कर में मैं सब कुछ भूल गयी थी।

मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां , बंगाली रसगुल्ला ,




बस ये समझिये की मेरी छुटकी ननदिया , अरे वही इनकी ममेरी बहन गुड्डी से भी थोड़ी छोटी, जुड़वां, खूब गोरी चीठ्ठी ,एकदम मिसेज मोइत्रा पर गयी हैं दोनों ,एकदम बंगाली रसगुल्ला।



लेकिन गड़बड़ भी वही ,एकदम अपनी माँ की तरह संस्कारी, सिर्फ पढने से काम , ड्रेस सेन्स हो या मिक्सिंग या एकदम कंजरवेटिव , सुपर कंजरवेटिव।

और जब बात मिसेज मोइत्रा की चल रही थी तो सुजाता ने ही उनकी कबूतरियों का जिक्र किया।


किसी ने बोला की दोनों अभी छोटी हैं तो अगले ही दिन सुजाता फोटोग्राफिक और मेडिकल एविडेन्स के साथ आ गयी। दोनों की गोरी गोरी जाँघों के बीच छोटे छोटे रेशम के धागों सी , बहुत छोटी लेकिन , आ गयी है जवानी की पहचान कराने वाली केसर क्यारी ,



और मेडिकल एविडेन्स , पौने चार साल पहले दोनों के पीरियड्स शुरू हो चुके है।

फिर क्या था मिसेज खन्ना ने फरमान जारी कर दिया , मिसेज मोइत्रा के साथ उनकी दोनों जुड़वाँ कबूतरियों को भी 'सुसंस्कारी' बनाने का, और ये मिशन सुजाता को ही सौंपा गया लेकिन साथ में उतनी ही जिम्मेदारी मुझे भी दी गयी।

असल में मिसेज मोइत्रा ने मेरी और सुजाता की पतंग काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी ,



वो तो मिसेज खन्ना ने कंम्पनी के इण्डिया हेड मिस्टर दीर्घलिंगम और उनकी मैडम को ऐसे पटा रखा था ,की आखिर में पत्ता पलट गया ,मिस्टर मोइत्रा का ट्रांसफर एक रिमोट नक्सलाइट इन्फेस्टेड स्टेशन पर हो गया था ,नान फैमिली स्टेशन पर ,...

मैं मिस्टर दीर्घलिंगम को छोड़ने गयी थी ,और उनसे उनको इमिडिएट स्पेयर का दिया ,मेसेज मैंने ही दिया था मिस्टर मोइत्रा को मिस्टर दीर्घलिंगम के फोन से , आफ कोर्स मिस्टर दीर्घलिंगम के कहने पर और उन्हें दिखा कर ,पर वो उस समय मेरी कुछ ज्यादा ही लो कट ब्लाउज देखने में ज्यादा इंट्रेस्टेड थे ,



और अब बची मिसेज मोइत्रा ,... तो मैंने उनके सामने ही मिसेज खन्ना से बोल दिया था की अगली लेडीज ओनली नाइट में उनकी साडी उतरवाउंगी , और खिलखिलाते हुए मिसेज खन्ना बोलीं

" तू जान ,.. अब तो तू है लेडीज क्लब की सेक्रेटरी ,.. "



पर मिसेज मोइत्रा के बंगाली रसगुल्लों की बात सुजाता ने ही छेड़ी और मिसेज खन्ना ने तुरंत हामी भर दी , उन्हें संस्कारी से सुसंस्कारी बनाने की ,


उस आपरेशन की इंचार्ज सुजाता ही थी पर वो बिना मुझसे बताये कुछ करती नहीं थी ,
JKG में आपने गुजराती ढोकला और पंजाबी तड़का लगाया...
अब बंगाली रसगुल्ले और साउथ इंडियन रस्म का लुत्फ उठाना बनता है....
 

motaalund

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आपरेशन रसगुल्ले और सुजाता



पर मिसेज मोइत्रा के बंगाली रसगुल्लों की बात सुजाता ने ही छेड़ी और मिसेज खन्ना ने तुरंत हामी भर दी , उन्हें संस्कारी से सुसंस्कारी बनाने की ,

उस आपरेशन की इंचार्ज सुजाता ही थी पर वो बिना मुझसे बताये कुछ करती नहीं थी ,

सुजाता उसी प्रोजेक्ट के बारे में बता रही थी ,


छन्दा एक नंबरी 'सुसंस्कारी ' जो दोनों कबूतरियों के क्लास में ही पढ़ती थी , और जेंडर डिसक्रिमिनेशन में एकदम विश्वास नहीं रखती थी , उम्र में उन दोनों से बड़ी थी , एक एक क्लास में दो दो साल ,...



बस छन्दा से उन दोनों की दोस्ती शुरू हो गयी थी , एक्स्ट्रा क्लास मेंदोनों साथ ,टेनिस में भी ,.. और जो प्लानिंग थी ,.. अगले हफ्ते ही दोनों रसगुल्ले एक टेनिस टूर्नामेंट में ,.. साथ में स्पोर्ट्स टीचर और कोच ,.. पर छन्दा भी

और उन दोनों के साथ छन्दा भी रुकेगी ,... स्पोर्ट्स टीचर लास्ट मिनट पर कैंसल ,,... और कोच तो एकदम कन्या प्रेमी थी , वो एकदम रास्ते में नहीं आने वाली थी।



पर असली चीज तो अगले महीने के शुरू में ,... वैसे तो नान फेमिली स्टेशन था , लेकिन अगले महीने के शुरू में मिसेज मोइत्रा को एक हफ्ते के लिए जाने की परमिशन , और उसी समय प्री बोर्ड टेस्ट , और नो एक्जम्प्शन ,.. बस एक हफ्ते में तो भरतपुर लूटना तय ही था ,


" कौन करेगा,.. " बड़ी सीरियसली सुजाता ने पूछा और सवाल मैंने उसी की ओर टाल दिया
" तू बोल ,.. "




" जीजू ,.. " हँसते हुए वो बोली ,



" और तेरे वाले भी ,आखिर दो हैं ,दोनों की नथ एक साथ उतरेगी न ,.. " मैंने उसके पति को भी लपेटा ,छोटा था लेकिन था तो मेरा जीजू ही

" और क्या ,... पुर्जी निकाल लेंगे ,कौन किसके साथ ,... और अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों , "

हँसते हुए सुजाता बोली ,लेकिन तबतक व्हाट्सऐप की आवाज आयी , फिर उसका दूसरा फोन बजा



दो तीन मिनट तक वो सिर्फ यस मैडम करती रही ,

……………………………..

मैं समझ रही थी ,मिसेज खन्ना होंगी ,... वो बॉम्बे गयी थीं , ... कोई मीट थी , उन्हें मिसेज दीर्घलिंगम ने खास तौर से बुलाया था।


और अब जब सुजाता ने फोन पर बात शुरू की तो थोड़ी परेशान , एकदम सीरियस

थोड़ी देर पहले उसकी आवाज में जो खनखनाहट थी खिलखिलाती हंसी थी ,... सब गायब।

" क्या हुआ किसका फोन था , ... व्हाट्सऐप पर था कोई क्या ,.. " मैंने पूछा ?

" मैडम ,... मिसेज खन्ना ,.. और तुम तो जानती ही हो ,... उन्हें हर सवाल का जवाब फ़ौरन से भी पहले चाहिए , पर आई डोंट ब्लेम हर, वो भी बहुत परेशान लग रही थी ,... वो तो तुम आगयी हो ये जब मैंने उन्हें बताया तो उनकी जान में जान आयी , बस वो बोलीं की मैं तुमको भी बता दूँ और आधे घंटे में उन्हें सोल्यूशन चाहिए। एक घंटे में उनकी मिसेज महालिंगम से मीटिंग हैं , ताज बांद्रा में। "सुजाता ने परेशानी बतायी




मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आया , मैंने पूछ ही लिया ,

" लेकिन प्राबलम है क्या ?"

" मिसेज महालिंगम " लम्बी सांस भर के वो बोली।

" पर यार , ... ... वो तो एकदम मैडम की ख़ास थीं ,तो उनसे ऐसा क्या ,.. " मेरे अभी भी कुछ समझ में नहीं आया।




और सुजाता ने समझाया ,

" ख़ास तो वो अभी भी हैं , ... लेकिन गड़बड़ मिसेज खन्ना से ही हो गयी ,जो हम लोगों की एक नाइट लांग लेडीज ओनली पार्टी का प्लान था न ,... तूने जो सजेस्ट किया था वोमेन इम्पॉवरमेन्ट से फंडिंग करा लेंगे , ...लेडीज क्लब की ओर से ,..सी एस आर से भी , बस वही उन्होंने मिसेज महालिंगम को बता दिया। "
अब मैं घबड़ायी।

" तो क्या मिसेज महालिंगम उखड गयीं , मैडम भी न ,... " मैंने घबड़ा के सुजाता से पूछा।

" नहीं यार परेशानी उलटी हो गयी , ज्यादा खुश हो गयीं। उन्होंने कह दिया की वो भी आएँगी। और फंडिंग भी उन्होंने कह दिया की वो कराएंगी , सेंट्रल फंड कुछ एन जी ओ से स्पांसर कराएंगी ,जिसको कम्पनी रेगुलर सी एस आर में फंडिंग करती है। वो बोली मैडम से की तुम लोग अपना चिल्लर अपने वीकली पार्टी के लिए रखो।

यहां तक तो ठीक था लेकिन उन्होंने दो काम टेढ़ा पकड़ा दिया , एक तो इवेंट का नाम , वो ऐसा हो जिस पर फंडिंग या स्पांसरिंग मुश्किल न हो लेकिन उसका एक और मतलब भी हो , जो लेडीज ओनली पार्टी का ,... समझ गयी न ,.. अब लेडीज ओनली नाइट के नाम से तो कोई स्पांसर करेगा नहीं। दूसरी चीज उसका एक लोगो और थीम भी होगी , लोगो में लड़की होनी चहिये और थीम में पर्ल ,.. अब ये सब झमेले , और टाइम सिर्फ एक घंटा ,.. "




मेरा दिमाग चरखी की तरह चलने लगा।
थोड़ा कन्फ्यूजिया गए....
ये दीर्घलिंगम हैं या महालिंगम....

लेकिन अब इस खेल का मजा आने वाला है.....
 
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