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Super duper hottttttttttttttttttttttttttttt est gazab update soooooooo erotic.साजन की तैयारी -बहिनिया पे,...
और आज उसने तिल के तेल में जोजोबा, शंखपुष्पी और चमेली बहुत हलका सा मिलाया था।
गीता की उंगलिया , पहले तलुए से शुरू कर के ,... थोड़ी देर में सारी थकान ,आफिस का टेंशन , सब कुछ गायब।
अब वो एकदम ताजादम बीस मिनट तक वो तन्द्रा में जैसे सोये से , पीठ ,शोलडरब्लेड्स , नितम्ब , कंधे और गर्दन ,...
इस का असर सिर्फ रिलैक्स करना था।
और उनके मन में वो सारी बातें घूम रही थी जो गीता ने उनसे कही थी ,जब वो पहली बार मंजू बाई के घर पर ,...
उस समय जो जो गीता ने और मंजू बाई ने गुड्डी के बारे मे कहा था , एकदम फ़्लैश बैक की तरह ,....
गीता तो जैसे गुड्डी के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी थी।
उनके कुछ सोये ,कुछ थके कुछ मुरझाये हथियार पे , सीधे अपने थन से दूध की धार डालते हुए , उस ढूध को लन्ड पे मसलते रगड़ते बोली थी ,
"" आएगी न वो छिनार , तेरी बहना ,जिस ने मेरे सीधे साधे भैय्या को इतना तड़पाया , पहली चुदाई में ही भैया से गाभिन करना , सारी मलाई सीधे उसकी बच्चेदानी में , बस नौ महीने में जब बियाएगी न तो बस , फिर तो दूध की कोई कमी नहीं ,और जब तक वो नहीं बियाएगी न मैं हूँ न भैया , अब मैं अपनी ससुराल नहीं जाने वाली , तेरा ख्याल रखूंगी। "
मंजू बाई ने भी तड़का लगाया था ,
" और एक बात बताऊँ , पहलौठी का दूध और कुँवारी अनचुदी बुर के फटने का ,... एकदम जादू होता है "
गीता अपनी मुट्ठी में दूध ले के उनके अब जागे फुंफकारते लन्ड पे रगड़ते बोली ,
" जब तू जाओगे न उस के साथ सुहागरात मनाने , बस अपने हाथ से तैयार करुँगी मैं तुझे और जाने के पहले बजाय तेल के यही लगा के भेजूंगी ,पेल देना एक बार में। जब झिल्ली फटेगी तो सारे मुहल्ले में चीख सुनाई पड़नी चाहिए उसकी। बस ,हो जायेगा न पहलौठी का दूध और कुँवारी की झिल्ली फटने का ,.. क्यों माँ। "
मंजू बाई की ओर देख कर वो बोली।
" एकदम तेरी पिलानिंग एकदम सही है , " मंजू बाई ने मुस्करा के कहा और उसका असर भी समझाया ,
" उसके बाद तो मुन्ना तेरा एकदम लोहे का खम्भा हो जाएगा। और लोहे का तो खैर अभी गीता जो कर रही है उसी से , सांडे के तेल से १२ गुना ज्यादा असर होता है पहलौठी के दूध का।
लेकिन उस के बाद न सिर्फ खूब कड़ा रहेगा ,लेकिन झड़ेगा भी तभी जब तुम चाहोगे। हाँ उसका असर उस छिनार गुड्डी पर भी होगा , रोज भिनसारे से उसकी चूत कुलबुलाने लगेगी। बिना लन्ड घोंटे नींद नहीं आयगी छिनार को। "
" अरे माँ ,उस की चिंता काहें करती हो ,मैं हूँ न साली को पूरा रंडी बना दूंगी। जो अबतक नहीं सीखी ,वो सब सीखा दूंगी ,खुद ही लौंडे फांसने लगेगी ,लेकिन उसके पहले मेरे भैय्या से गाभिन होना पडेगा। "
गीता हँसते हुए बोली थी ।
एक एक बात उन्हें याद थी और पहली रात ही में वो समझ गए थे गीता और मंजू बाई दोनों ,भले लगे मजाक कर रही हैं , पर उनकी कोई भी बात खाली नहीं जाती ,करवा के ही छोड़ती हैं दोनों।
…………………………….
और उस के बाद अपने हाथ से गीता ने उन्हें वो बखीर और हलवा खिलाना शुरू किया जो मैंने उनके लिए बनाया था।
गीता की उँगलियों से सीधे उनके मुंह में , न चम्मच , न उन्हें हाथ लगाने की इजाजत ,...
और साथ में गीता की छेड़खानी , गारियाँ,
"स्साले , इत्ता मस्त माल ,अब तक काहें को छोड़ रखा था , अरे जैसे टिकोरे आये उसी समय चाप देना चाहिए था। पैदाइशी चुदवासी है , अब बोलो गाभिन कब करोगे, छोटे छोटे जुबना से दूध पीना चुसूर चुसूर ,.. नौ महीने बाद। "
Ab rha nhi jata jaldi kijiye... guddi ki aahe sunne ke liye dil bechain hua ja rha heसाजन की तैयारी -बहिनिया पे,...
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और आज उसने तिल के तेल में जोजोबा, शंखपुष्पी और चमेली बहुत हलका सा मिलाया था।
गीता की उंगलिया , पहले तलुए से शुरू कर के ,... थोड़ी देर में सारी थकान ,आफिस का टेंशन , सब कुछ गायब।
अब वो एकदम ताजादम बीस मिनट तक वो तन्द्रा में जैसे सोये से , पीठ ,शोलडरब्लेड्स , नितम्ब , कंधे और गर्दन ,...
इस का असर सिर्फ रिलैक्स करना था।
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और उनके मन में वो सारी बातें घूम रही थी जो गीता ने उनसे कही थी ,जब वो पहली बार मंजू बाई के घर पर ,...
उस समय जो जो गीता ने और मंजू बाई ने गुड्डी के बारे मे कहा था , एकदम फ़्लैश बैक की तरह ,....
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गीता तो जैसे गुड्डी के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी थी।
उनके कुछ सोये ,कुछ थके कुछ मुरझाये हथियार पे , सीधे अपने थन से दूध की धार डालते हुए , उस ढूध को लन्ड पे मसलते रगड़ते बोली थी ,
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"" आएगी न वो छिनार , तेरी बहना ,जिस ने मेरे सीधे साधे भैय्या को इतना तड़पाया , पहली चुदाई में ही भैया से गाभिन करना , सारी मलाई सीधे उसकी बच्चेदानी में , बस नौ महीने में जब बियाएगी न तो बस , फिर तो दूध की कोई कमी नहीं ,और जब तक वो नहीं बियाएगी न मैं हूँ न भैया , अब मैं अपनी ससुराल नहीं जाने वाली , तेरा ख्याल रखूंगी। "
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मंजू बाई ने भी तड़का लगाया था ,
" और एक बात बताऊँ , पहलौठी का दूध का ,... एकदम जादू होता है "
गीता अपनी मुट्ठी में दूध ले के उनके अब जागे फुंफकारते लन्ड पे रगड़ते बोली ,
" जब तू जाओगे न उस के साथ सुहागरात मनाने , बस अपने हाथ से तैयार करुँगी मैं तुझे और जाने के पहले बजाय तेल के यही लगा के भेजूंगी ,पेल देना एक बार में। जब झिल्ली फटेगी तो सारे मुहल्ले में चीख सुनाई पड़नी चाहिए उसकी। बस ,हो जायेगा न पहलौठी का दूध और कुँवारी की झिल्ली फटने का ,.. क्यों माँ। "
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मंजू बाई की ओर देख कर वो बोली।
" एकदम तेरी पिलानिंग एकदम सही है , " मंजू बाई ने मुस्करा के कहा और उसका असर भी समझाया ,
" उसके बाद तो मुन्ना तेरा एकदम लोहे का खम्भा हो जाएगा। और लोहे का तो खैर अभी गीता जो कर रही है उसी से , सांडे के तेल से १२ गुना ज्यादा असर होता है पहलौठी के दूध का।
लेकिन उस के बाद न सिर्फ खूब कड़ा रहेगा ,लेकिन झड़ेगा भी तभी जब तुम चाहोगे। हाँ उसका असर उस छिनार गुड्डी पर भी होगा , रोज भिनसारे से उसकी चूत कुलबुलाने लगेगी। बिना लन्ड घोंटे नींद नहीं आयगी छिनार को। "
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" अरे माँ ,उस की चिंता काहें करती हो ,मैं हूँ न साली को पूरा रंडी बना दूंगी। जो अबतक नहीं सीखी ,वो सब सीखा दूंगी ,खुद ही लौंडे फांसने लगेगी ,लेकिन उसके पहले मेरे भैय्या से गाभिन होना पडेगा। "
गीता हँसते हुए बोली थी ।
एक एक बात उन्हें याद थी और पहली रात ही में वो समझ गए थे गीता और मंजू बाई दोनों ,भले लगे मजाक कर रही हैं , पर उनकी कोई भी बात खाली नहीं जाती ,करवा के ही छोड़ती हैं दोनों।
…………………………….
और उस के बाद अपने हाथ से गीता ने उन्हें वो बखीर और हलवा खिलाना शुरू किया जो मैंने उनके लिए बनाया था।
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गीता की उँगलियों से सीधे उनके मुंह में , न चम्मच , न उन्हें हाथ लगाने की इजाजत ,...
और साथ में गीता की छेड़खानी , गारियाँ,
"स्साले , इत्ता मस्त माल ,अब तक काहें को छोड़ रखा था , अरे जैसे टिकोरे आये उसी समय चाप देना चाहिए था। पैदाइशी चुदवासी है , अब बोलो गाभिन कब करोगे, छोटे छोटे जुबना से दूध पीना चुसूर चुसूर ,.. नौ महीने बाद। "
Raji ji btane dijiye na.. thoda hmara bhi fayda ho jaega.. aur yakin maniye aap ki roji roti pr koi aanch nhi aaegi.. kyoki doctor agr itni khoobsurat ho to hr mard marij bnna chahega.. me khud bhiSuper duper hottttttttttttttttttttttttttttt est gazab update soooooooo erotic.
Nanad ke chhedon ke udghatan ki tyari ke liye
Lekin didi ek shikyat hai, agar tum sab jadi butiyon ke naam aise hi bata ti rahogi , to hum doctoron ki rozi roti ka kya hoga.