जोरू का गुलाम भाग २५६ पृष्ठ १६०७
अब मेरी बारी
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अब मेरी बारी
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अभी तो बहुत लम्बा रास्ता तय करना है इस कहानी को !आप भी न
बहुत बहुत आभार , नमन और धन्यवाद बस साथ बनाये रखिये , दो तिहाई कहानी हो चुकी है बस थोड़ी ही बची है,...![]()
Thanks so much,... bas safar lamba hai to ye hota hai, aur saath rahne ka ahsaas bhi kam nahi hotaअभी तो बहुत लम्बा रास्ता तय करना है इस कहानी को !
आपके साथ हैं इस सफर में, बस थोड़ा आगे पीछे हो जाते हैं, समय के साथ
I can understand and appreciate . Just one thing, there are lot of additions in this version, and the last post itself i had rewritten and added a number of thins, without disrupting train of narration. Lkein aap tab bhi aate hain saath rahane ka jude hone ka ahsaas dilate hain ye kam nahi ,So sorry for not posting for few days but the thing is I have found difficult to comment after reading the earlier version and the story in pdf format.So due to this it kills the excitement and you know what's going to happen next,so don't know what to comment after reading the update.
Thanks so much bas saath baanaye rkahenLajawab update bhabhi ji......![]()
Haa padha maine Geeta ki taiyyari wala post bahot hi erotic Post hain.I can understand and appreciate . Just one thing, there are lot of additions in this version, and the last post itself i had rewritten and added a number of thins, without disrupting train of narration. Lkein aap tab bhi aate hain saath rahane ka jude hone ka ahsaas dilate hain ye kam nahi ,
Thanks so much, bas jude rahiye
Komal saali pr kamal jiju bhari, is JKG ka sabse favorite part mujhe yahi lgta hai. Kamal or komal ki jodi. Asli jija saaliजोरू का गुलाम भाग ८२
फ्लैश बैक
पिछवाड़े का मजा , जीजू के संग
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मेरी आँखों के सामने वो रात घूम रही थी। जब मेरे दोनों जीजू लोगों ने मेरे पिछवाड़े का मजा लिया और जम कर मजा लिया पहले अजय जीजू ने सील तोड़ी पिछवाड़े का, फिर कमल जीजू का मोटा मूसल
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गनीमत था की मेरी गांड की सील अजय जीजू ने खोल दी थी वरना अगर कही कमल जीजू का मूसल सबसे पहले घुसता तो मैं दो दिन चल नहीं सकती थी।
कमल जीजू ने गांड मारने की आइडियल पोज में निहुरा दिया था , और ये सब स्टैंड अलोन मोड़ में हो रहा था ,
ये और इनकी साली रिंग साइड सीट पर बैठे थे मुझसे कुछ फीट दूर पर हीऔर अजय जीजू व्हिस्की की बोतल खोलने में लगे थे।
" बोल मरवाना है गांड़ , "
मेरे खुले चूतड़ पर प्यार से हलके हलके स्पैंक करते कमल जीजू ने पूछा ,
मेरे जवाब में मिनट भर की भी देर हुयी होगी पर
तड़ाक तड़ाक तड़ाक तड़ाक चार हाथ मेरे दोनों चूतड़ों पर और अबकी जोर से पहली बार मैं स्पैंकिंग का दर्द /मजा ले रही थी।
" अरी जल्दी हाँ बोल मेरी छिनार बहना, वरना दोनों चूतड़ पर कमल खिल उठेंगे ,लाल लाल। "
रीनू मुझे छेड़ते बोली , और बिना रुके मैंने हाँ बोल दिया ,
लेकिन तबतक दो और हाथ पूरी ताकत से और अबकी सीधे गांड के छेद पर ,
मैं बिलबिला उठी।
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थी तो मैं निहुरी थी एकदम कातिक की कुतिया की तरह खुद अपने हाथों से अपनी गाँड़ का छेद चियारे ,
लेकिन मुड़ कर देख रही थी ,
कमल जीजू का लंड ,मोटा बीयर कैन भी मात ,इत्ता मोटा , खूब टनटनाया। मेरे मुंह में पानी आ रहा था.गांड अभी भी तमाचे के दर्द से बिलबिला रही थी, तभी गच्चाक से जीजू ने एक साथ दो ऊँगली मेरी कसी गांड के अंदर , सट्टाक से पेल दिया।
उईईईईई ,
मैंने दांत कस कर होंठों पर गड़ा लिए , दर्द को रोकने के लिए फिर भी जोर की चीख निकल पड़ी।
उईईई
मैं समझ गयी थी ,कमल जीजू का धक्का , चाहे ऊँगली का हो या उनके मोटे बंबू का , होता पूरी ताकत से है।उन्होंने एक धक्के में ही अपनी दोनों उँगलियाँ एक साथ मेरी गांड में जड़ तक ठोंक दी थी। धीमे धीमे गोल गोल वो घुमा रहे थे ,मेरी गांड को अपने मोटे लंड के लिए तैयार करने के लिए ,लेकिन फिर ऊँगली के अगले दोनों पोर मोड़ कर , चम्मच की तरह , फिर मेरी गांड की दीवारों पररगड़ रगड़ कर , करोच करोच कर ,
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एक बार फिर मैंने इनकी ओर देखा तो ये और इनकी साली रीनू ,
दोनों की निगाहें मेरे गांड के छेद से चिपकी।रीनू के हाथ में व्हिस्की की बोतल थी जो अभी अजय जीजू ने खोली थी और वो सीधे बोतल से ही गटक गटक ,
लेकिन उसमें से एक भी बूँद रीनू के गले से नीचे नहीं उतरी ,
सब उसके मुँह से सीधे "मेरे उनके "मुंह में ,
दो पेग से ज्यादा ही , ऊपर से सीधे साली के मुंह से , डबल नशा तो होना ही था।
रीनू ने उन्हें चढ़ाया ,
" अरे जीजू ज़रा कमल जीजू का लंड तो देख कैसे फनफना रहा है , इत्ता मोटा ऐसे सूखे सूखे तेरी बीबी की गांड में जाएगा तो बिचारी की फट के ,अरे जरा चूस चूम के होंठों की चिकनाई लगा के , फिर देखना कैसे सटासट तेरी छिनार बीबी घोंटेंगी अपने जीजू का लंड तेरे सामने। "
इधर कमल जीजू की मुड़ी हुयी उंगलिया करोच करोच कर ,मेरी गांड की अंदरूनी दीवाल से ,जैसे कहते हैं टेढ़ी ऊँगली से घी निकलता है एकदम वैसे ,खूब अंदर तक ,
रीनू ने इशारे से कमल जीजू को अपनी ओर बुलाया और साथ में गाल दबा के इनके होंठ खुलवा दिए।
लेकिन कमल जीजू ने बजाय अपना तन्नाया ,फनफनाता मोटा लौंडा इनके मुंह में पेलने के ,मेरी गांड में से करोच करोच कर ,रगड़ रगड़ कर निकाली ऊँगली सीधे उनके मुंह में ठेल दी ,
पूरे हलक तक।
और ऊपर से रीनू उनकी साली ,
" अरे जीजू मजे ले ले के चूसो तेरी बीबी की ही गांड का माल है ,
ये मत बोलना की पहले कभी मेरी छुटकी बहना ने स्वाद नहीं चखाया है। "
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चखा तो था उन्होंने , और न सिर्फ मेरा बल्कि अपनी सास का भी और मंजू बाई और उसकी छिनार बेटी गीता तो एकदम खुल के ,खोल के ,...
लेकिन ऐसे सब के सामने और वो भी जीजू की ऊँगली से ,रीनू की लेकिन कन्विंसिंग पावर , कुछ देर में वो चपड़ और चार पांच मिनट में जब ऊँगली एकदम चिकनी हो गयी तो उनके मुंह कमल जीजू का लंड , रीनू ने अपने हाथ से पकड़ कर और वो भीपूरा अंदर तक। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था अपनी आँखों पर
यही , हाँ यही , कैसा इन्होने ,... चीनू के भाई की शादी में , मैं अपने दोनों जीजू की गोद में बैठी थी और दोनों के हाथ मेरे दोनों उभारों पर और यही रीनू ,
" कोमलिया तूने अपना अगवाड़ा तो बचा लिया हमारे मर्दों से लेकिन तेरा कोरा पिछवाड़ा तेरे जीजू लोग ही फाड़ेंगे "
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असल में इनके आने का प्रोग्राम कैंसल हो गया था और दोनों मेरी बहनों ने , हम सब बहने जीजू लोग एक ही कमरे में रुके थे , जिस कमरे में मेरी नयी भाभी छवि की सुहागरात होनी थी , और शाम से ही मेरी भाभियाँ , जैसे पता चला ये नहीं आ पा रहे हैं , .. छवि के सामने , ...
घबड़ा मत जिस समय तेरी फटेगी न उसी समय तेरी कोमलिया ननद की भी फटेगी , फरक सिर्फ इतना होगा की तेरी आगे की फटेगी , कोमलिया की पीछे की फटेगी , तेरा साजन तेरा फाड़ेगा और तेरे दोनों ननदोई कोमलिया की लेंगे , ...
लेकिन ये आ गए , सब प्रोग्राम तो छोड़िये , क्या क्या न कहा , ये वो ज़माना था जब ये एकदम मेरी सास जेठानी के कहे पर , सब कुछ इन्हे खराब लगता था , मेरे इनके साथ जॉब पर जाने के पहले वाले दिन , इनके बदलाव के पहले
खैर वो सब बातें तो कितनी बार हो गयीं, अब तो मेरे वाला शेर मेरे दोनों जीजू पर सवा सेर है, और मैं खैर पहले दिन से उनकी फैन हूँ पर मेरी कमीनी बहन रीनू, इनकी साली इनकी महा फैन, बोल कर गयी है , काठमांडू से लौटूंगी तो इस स्साले का निचोड़ के रख दूंगी, तुझे छूने भी नहीं दूंगी,
रीनू मेरे पास आ गयी और मेरी गांड चियार कर खूब बड़ा सा एक बबल गम के बाल जैसा
थूक का गोला सीधे मेरे गांड के छेद।
इशारे से रीनू ने इनको और कमल जीजू को भी बुलाया ,
" अरे ज़रा मेरी बहना की गांड भी तो चिकनी कर दे , "
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और अपनी साली की देखा देखी उन्होंने भी खूब बड़ा सा थूक का गोला बनाया और सीधे मेरी गांड के छेद पे।चार पांच बार ,बारी बारी से वो और उनकी साली ,और फिर रीनू ने मेरी गांड के छेद में अपना अंगूठा और तर्जनी डाल के पूरी ताकत से फैलाया और उन्हें भी इशारा किया ,उन्होंने भी अंगूठे और तर्जनी को मेरी गांड के छेद में डालके ,
दोनों ने , मेरे उन्होंने और उनकी साली ने एकसाथ पूरी ताकत से एक साथ मेरी गांड का छेद अब थोड़ा सा खुल गया था और कमल जीजू ने अपना बौराया पगलाया मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड के छेद पे
एक धक्का पूरी ताकत से
मेरी गांड का छेद अब थोड़ा सा खुल गया था और कमल जीजू ने अपना बौराया पगलाया मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड के छेद पे
इतना मोटा क्या बताऊँ ,पहाड़ी आलू ,छोटा टमाटर सारी उपमाएं सब फेल।
कमल जीजू ने कस के दोनों हाथों से मेरी पतली कटीली कमरिया पकड़ ली थी ,
लेकिन फिर जो हुआ , मुझे विश्वास नहीं हुआ ,
जो काम मैं सोच नहीं सकती थी ,उनकी साली ने , मेरी मंझली बहन ने ,
रीनू ने उनके कान में कुछ फुसफुसाया ,
कमल जीजू के तो दोनों हाथ खूब टाइट मेरी कमर को पकड़े थे ,
और इन्होने अपने हाथ से , कमल जीजू का मोटा कड़ा लंड पकड़ के मेरी गांड के खुले छेद पे ,खुद सेट किया ,
कैसा लग रहा था मैं बता नहीं सकती , तभी
सटाक
ओह्ह्ह उईईईईई आह्ह्ह्ह
जोर की चीख निकल गयी। एक धक्का पूरी ताकत से कमल जीजू का , और उनका आधे से ज्यादा सुपाड़ा मेरी गांड के छेद में सेट होगया ,जैसे कोई खूब पतली मुंह वाली बोतल में जबरन कार्क ठूंस दे , बस वैसे ही ,
पर कमल जीजू के धक्के रुके नहीं ,एक के बाद एक ,
उधर मेरी छिनार रंडी बहिनिया , रीनू फोटो ,फिल्म सब , स्टिल वीडियो अपने लेटेस्ट आई फोन पर
और एक से एक क्लोज अप ,
उनका हाथ कमल जीजू के लंड को पकड़कर गांड के छेद पर सेट करते हुए ,
मेरी कसी कच्ची गांड में घुसा फंसा कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा ,
मेरी गांड में धंसा ,घुसा कमल जीजू का सुपाड़ा
चार पांच धक्को में कमल जीजू ने अपना मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड में घुसा के ही दम लिया।
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" चल अब आराम से बैठ के देखते है , पूरा सुपाड़ा अंदर धंस गया है ,अब मेरी छुटकी बहिनिया लाख चूतड़ पटके बिना पूरी तरह गांड मराये साली अब बच नहीं सकती। "
पास में ही रखी कुरसी पर ,जहाँ वो जीजा साली पहले बैठे थे ,रीनू उन्हें खींच के ले गयी।
अजय जीजू पहले ही वहां बैठे थे ,उनके एक ओर अजय जीजू दूसरी ओर रीनू ,उनकी साली।
अजय जीजू ने अपनी मस्ती वाली पेसल सिगरेट , जो अजय जीजू पी रहे थे , उनके मुंह में खोंस दी।
और यहां
पल भर के लिए जीजू ठहरे।
पल भर के लिए मेरी फटती गांड में दर्द कुछ कम हुआ।
और जीजू ने थोड़ा सुपाड़ा बाहर खींचा ,मेरी कमर पर उनकी कलाइयों का जोर थोड़ा और बढ़ा ,
जैसे कोई कुशल धनुर्धर ,प्रत्यंचा खींच कर तीर चढ़ा ले लक्ष्य संधान के पहले ,
कोई शूटर राइफल अपने कंधे से ठीक से टिका ले ,
और जब तक मैं संहलूँ दर्द की एक तेज लहर , मेरी गांड के अंदर से ,पूरी देह में
और और ,.. और जीजू ,कमल जीजू पेलते रहे ,धकेलते रहे ,ठेलते रहे , पूरी ताकत से ,
जैसे कोई सुपर जेट रन वे से ऊपर उठते समय अपनी पूरी ताकत झोंक देता है , बस उसी तरह।
और ,और ,... और मैं चीखती रही ,चिल्लाती रही , दर्द से तड़पती रही ,
ओहहहह ,उईईईइ ,जान गईई नहीं नहीं ,
मैंने से अपने दोनों हाथों से तकिये को दबोच रखा था ,
लेकिन बस दर्द से जान नहीं निकली और सब कुछ हो गया।
Komal yeh experience kabhi nhi bhoolegiकमल जीजू ,
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कहते हैं न गांड मारने वाले को एकदम बेरहम होना चाहिए ,
दर्द ,चीख और चिल्लाहट का असर हुआ तो गांड मारना मुश्किल है।
और कमल जीजू ने तो स्कूल में ही लौंडो की गांड़ की सील तोड़ के उन्हें पक्का उमर भर के लिए गांडू बना दिया था।
जीजू ठेलते रहे ,
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मैं चीखती रही।
और कुछ देर में वो खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला पार हो गया।
लेकिन कमल जीजू कहाँ ,...
बिना रुके , ... उन्होंने अपने सुपाडे को बाहर खींचा , और एक बार फिर उस कसे छल्ले से उनका मुट्ठी की साइज का सुपाडा आधा बाहर हुआ था की फिर दुहरी तेजी से ,
और अबकी उनका एक हाथ चूँची पे ,जोर जोर से वो उसे रगड़ मसल रहे थे , निचोड़ रहे थे , निपल पुल कर रहे थे
घिसटता ,रगड़ता , दरेरता ; कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा एक बार फिर मेरी गांड के छल्ले के पार हो गया।
पांच छह बार इसी तरह गांड के कसे छल्ले के अंदर बाहर और अब मुझे दर्द का मजा मिलने लगा था ,एक नया मज़ा ,और फिर अचानक कमल जीजू ने फिर से ,पूरी ताकत से अपना मोटा मूसल मेरी कसी कसी गांड में ठेलना शुरू कर दिया।
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मैं एक बार फिर से चीख रही थी ,चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,पर
कमल जीजू कौन रुकने वाले थे ,
वो ठेलते रहे ,पेलते रहे ,धकेलते रहे।
मुझे पता नहीं कितना टाइम लगा लेकिन , जैसे जब लंड का सुपाड़ा बच्चेदानी पर लगता है बस वही फीलिंग हुयी ,
और रीनू की आवाज ने मेरा ध्यान रीनू और उनकी ओर खींचा ,
जीजा साली ने मिलकर व्हिस्की की बोतल आधी से ज्यादा ख़तम कर दी थी।
रीनू हंस रही थी हलके हलके ताली बजा रही थी , और मुझे देखते बोली ,
" क्यों साली ,छिनार ,घोंट गयी न अपने कमल जीजू का पूरा लंड गांड में ,
कमल जीजू भी हलके हलके मुस्करा रहे थे ,
उनका पूरा लंड मेरी गांड में ,
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और पल दो पल ठहर के अब उनकी उंगलिया , अब उनके होंठ मैदान में आ गए।कभी वो मेरे गाल चूमते तो कभी कचकचा के काट लेते,और कभी झुक के उनके होंठ मेरे निपल चूसने लगते तो कभी चूंचोयो पर उनके दांत अपना निशान बना देते।उनकी उँगलियों का जादू तो ,एक हाथ लगातार मेरे एक उभार को दबा रहा था मसल रहा था , कुचल रहा था जैसे कोई जूसर में रस निकाले
और दूसरा हाथ सीधे मेरी बुर पे , रगड़ता मसलता और गचाक से मेरी बुर में उन्होंने दो ऊँगली पेल दीअंगूठा क्लीट पे कभी दबाता कभी रगड़ता मसलता ,
कुछ ही देर में मैं अपनी गांड में धंसी मोटे खूंटे का दर्द भूल गयी और मजे से ,
बाहर बारिश में जिस तरह पेड़ काँप रहे थे ,उससे भी तेजी से मेरी देह काँप रही थी ,लग रहा था मैं अब गयी , तब गयी ,
और कमल जीजू ने एक बार फिर से मेरी गांड में अपने मोटे लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए।
और मैं झड़ने लगी।
लेकिन बिना रुके उनके धक्के ,
२० मिनट में मैं दो बार झड़ी ,और उसके साथ ही जीजू ने ,
अब वो मेरे उभारों होंठों योनि , सब को छोड़ ,सिर्फ मेरी गांड मार रहे थे।हर धक्के में सुपाड़ा गांड के छल्ले के बाहर जाता और फिर रगड़ता दरेरता ,
दर्द से मेरी हालत खराब थी ,
लेकिन अब इस दर्द में ही मजा मिलने लगा था ,एक एकदम अलग तरह का मजा ,
जो जिसने गांड मरवाई होगी/ मरवाया होगा , उसी को मालूम होगा।
और अब मैं भी अपनी गांड सिकोड़ के जीजू के लंड का मजा ले रही थी ,
कभी खुद अपने चूतड़ पीछे कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।
दर्द से चीख भी रही थी तो मजे से सिसक भी रही थी।
और अबकी जो मैं झड़ी तो सिर्फ गांड मरवाने से और साथ में कमल जीजू भी मेरी गांड के अंदर
कटोरी भर तो मलाई छोड़ी ही होगी उन्होंने।
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कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर वो झुक के मेरे कान में बोले ," सुन , सब गांड निचोड़ कर के अंदर रोक लेना ,एक बूँद भी बाहर मत आने देना ,गांड का मस्त टॉनिक है ये। "
और मैंने यही किया।और उसके बाद उनके सहारे से मैं सीधी हुयी और फिर उन्होंने और रीनू ने मुझे पकड़ कर वहीँ बैठा दिया जहां ये रीनू के साथ बैठे थे।
कमल जीजू ने रीनू के हाथ से व्हिस्की की बोतल लेकर सीधे बोतल से गटका और बोतल मेरी ओर बढ़ा दी और
मैंने भी सीधे बोतल से नीट। दो चार घूँट में ही ताजगी आ गयी।
वो पूरी रात गांड मरौव्वल के नाम थी ,
हम दोनों, मैं और कमल जीजू तो थोड़े थके बैठे थे ,सुस्ताते लेकिन एकदम संतुष्ट।
पर बिचारे उनकी हालत खराब थी ,
कमल जीजू से मेरी गांड मरवाई देखकर झंडा उनका एकदम खड़ा ,
और फिर बीच बीच में उनकी मस्त सेक्सी साली , कभी उनका बौराया लंड दबा देती ,मसल देती तो कभी हलके से मुठिया देती।मेरी ओर आँख मार के मुझे चिढ़ाती वो बोली ,
" तेरे जीजू का लंड कसी कसी गांड मारे ,और मेरे जीजू का लंड प्यासा रहे , "और नीचे बैठ कर उनकी साली ने गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने।
रीनू ,थी तो मेरी ही छिनार बहना लंड चूसने में एक नंबरी. आज उनको पहली बार साली का असली मजा मिल रहा था। कुछ देर तक तो उनकी साली अपनी लम्बी जीभ से उनके सुपाड़े को ,पी होल को छेड़ती रही ,फिर गप्प से एक झटके में उन के लीची ऐसे सुपाड़े को उनकी साली ने घोंट लिया ,क्या कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसेगी चुभलायेगी ,
और वो भी मुझे चिढ़ा के ,दिखा दिखा के,
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मैंने भी उसे दिखा के थम्स अप किया कमल जीजू के थोड़े सोये थोड़े जागे लौंड़े को पकड़ के उसे दिखाया ,
" लगी रह ,लगी रह मेरे पास है मेरे जीजू का। "
कुछ ही देर में उनका पूरा लौंडा उनकी साली ने घोट लिया था , और क्या मस्त साली चूस रही थी।
उनकी हालत खराब थी।
लेकिन झड़ने में उनको भी बहुत टाइम लगता था।
पर उनकी साली ने उन्हें झाड़ कर ही छोड़ा और पूरी मलाई अपने मुंह में , इनकी ओर मुंह खोल के इनकी मलाई अपने मुंह में दिखाई और अगले पल गप्प।
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