और गीता ने इनके पिछवाड़े से अपनी दोनों उँगलियाँ निकाली और उसी से आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , तोड़ के सीधे मेरी ननद के मुंह में और मेरी ननद ने गपक कर लिया।
गीता ने बड़ी जोर से मुझे आँख मारी।
इनके पिछवाड़े से निकली, लिथड़ी चुपड़ी गीता की ऊँगली, गुड्डी रानी के मुंह में, गप्प, अभी तो गीता की बदमाशियों की, किंक्स की शुरुआत हुयी थी , मैंने गीता को आँखों से थम्प्स अप किया, लगी रहो गीता रानी।
गुड्डी अपने भैया की बाहों में , और उन्होंने सम्हाल के उसे अपनी गोद में बिठा लिया , खूंटा अभी भी अंदर तक धंसा था , पूरा। दोनों एक दूसरे को पकडे जकड़े ,
' चल भौजी हम तोंहे खियाय देंगी , आखिर ननद की बात मानी आपने ,.. " और गीता ने आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , गुड्डी को दिखाय के अपने मुंह में और फिर गीता के मुंह से गुड्डी के मुंह में , गीता उन्हें भी अपने मुंह से कुचला ,अधखाया ,थूक से लिथड़ा , और वो इनके मुँह से भी गुड्डी के मुंह में ,
मैं भी उसी तरह कभी गुड्डी के मुंह में अपने मुंह से तो कभी गीता के मुंह में ,... ( आखिर वो भी तो मेरी ननद थी ,असल से बढ़कर )
और सच में उन दोनों के हाथ बिजी थे , एक हाथ उनके गुड्डी के कच्चे टिकोरों को मींजने रगड़ने में लगे तो दूसरा गुड्डी की पीठ को पकडे , और गुड्डी ने भी एक हाथ से उनके सर को पकड़ रखा था , और दूसरे हाथ से ,
और वो अंदर घुसा हुआ ,
चार चार अंडे के आमलेटों के साथ साथ हलवा भी था और मैंगो जूस भी ,...
आधे घंटे तक खाना पीना चला उसके बाद एक बार फिर ,... एक राउंड से गीता थोड़े ही छोड़ने वाली थी।
गीता ने जबरदस्त छेड़छाड़ चालू कर दी , और किसकी अपनी नयकी भौजी की ,... वही गाभिन होने के लिए और पिछवाड़े के फटने के बारे में ,
आखिर मुझे ही अपनी छोटी ननदिया के सपोर्ट में आना पड़ा ,,
अरे दोनों भैया बहिनी मान गए हैं ,तिरबाचा भर दिया है , तो गाभिन तो ये होंगी ही. बस अगले पांच दिन वाली छुट्टी के बाद इसकी पांच दिन वाली छुट्टी की ही छुट्टी हो जायेगी नौ महीने तक। और अगर उस पांच दिन वाली छुट्टी के बाद फिर दुबारा इसकी गुलाबो , पांच दिन के लिए लाल हुईं तो ये तो बोल ही चुकी है , ... तुम जिससे चाहना उससे इसे गाभिन करवा देना , पर ये भइया की बहिनी भी तो अपने भइया के बीज से ही , .... काहें के लिए इधर उधर ,.. और रही बात पिछवाड़े की , ...अभी तो तेरे सामने खुद ये मोटे बांस पर चढ़ चुकी है , ... तो जैसे अगवाड़ा फटा , वैसे पिछवाड़ा भी फट जाएगा। अरे ये यहाँ आयी ही फड़वाने है ,.... "
लेकिन गीता को चुप कराना आसान थोड़े ही है , और बात भी वो अपनी जुबान में करती है ,बल्कि गुड्डी की जुबान भी वही करवा के दम लेगी वो,उसने एकदम साफ़ साफ़ पूछ लिया ,एकदम डायरेक्ट ,...
" भौजी ,कितना दिन हो गए पिछली बार माहवारी हुए , अगली कब होगी ?"
मुझे लगा की गुड्डी शायद अब बुरा मान जाए पर उसने कतई बुरा नहीं माना फिगर में तो , हाईस्कूल में मैथ्स में उसके १०० में १०० नंबर थे , झट से जोड़ दिया उस शोख ने , और वो भी अपने भइया की ओर मुखातिब होकर ,
" भइया ,जब आप आये थे न अबकी , तो बस उसके ठीक दो दिन पहले आंटी जी की टाटा बाई बाई हुयी थी। हफ्ते भर थे आप लोग , और आज मुझे आये दूसरा दिन है , तो सात , दो और दो , कुल ग्यारह दिन पहले ,... ख़तम हुयी थी। मेरी अट्ठाइस दिन की साइकिल है एकदम कैलेण्डर देख कर , ... तो १७ दिन बाद , फिर वो पांच दिन ,.. "
लड़कियाँ तो इतना खुल के अपनी सहेलियों से अपने पीरियड्स की चर्चा नहीं करतीं और ये बहना अपने भइया से ,.... मैं देखती रह गयी. फिर मुझे याद आया की ,... इन्होने ही तो बताया था , जब ये हाईस्कूल में आयी थी और मेरे वो ,उसके कच्चे टिकोरों को देख के लिबराते थे , एक शादी में ,... उसने खुद इनसे केयरफ्री लाने को बोला , बाद में मेसेज दे दिया , छुट्टी ख़तम नो नीड ,... ये तो ये ही इतने सीधे डरपोक थे , वरना कोई भी चापे बिना नहीं छोड़ता
लेकिन गुड्डी के अंक गणित मेरा काम आसान कर दिया , ... १७ दिन तक तो ये दिन रात,... छह सात दिन तो यहाँ इसकी कबड्डी ,... और फिर इसे मेरे गाँव , .... कब ये मेरी सास पर यहाँ चढ़ाई करेंगे तो उनकी बहन पर मेरे गाँव वाले ,.... पूरे दस दिन तक ,.. और जब ये ,.... इनकी ममेरी बहन लौटेगी तो फिर एकाध दिन में उसकी पांच दिन वाली छुट्टी ,... फिर उसके दस बारह दिन बाद गर्भाधान संस्कार ,...
पर गीता तो एकदम डायरेक्ट एक्शन ,... उसकी निगाह भी एकदम कैलेण्डर पर ,...
" ठीक है , तो ओकरे बाद कउनो गोली वाली नहीं ,समझ लो ,... मैं खुद चेक करूंगी एक एक चीज , भौजी , भइया क गाढ़ी रबड़ी मलाई खाओगी न तो खुदे दूध देने लगोगी। "
गुड्डी को चढ़ाने के लिए उसको सपोर्ट करना जरूरी था, जिस तरह किसी बांकी हिरनिया के लिए हांका किया जाय दोनों ओर से , मैं और गीता मिल के उसे घेर रहे थे ,
मैं गुड्डी की ओर से बोली ,और गीता को चढ़ाया ,
" अरे हमारी ननद कउनो कमजोर नहीं , उमरिया की बारी है अभी तो क्या हुआ , वो दूध देने को भी तैयार है , और गाभिन होने को भी लेकिन उसके लिए जिसको मेहनत करनी हो ,उसे तो कुछ करना वरना पड़ेगा।
गुड्डी कुछ कम शोख ,शरारती नहीं थी। मेरा साथ मिला और वो और शरीर हो गयी , उनके सोते मूसल की ओर देख कर बहुत हलके से बोली ,
" ये तो अभी सो रहा है ,... "
" देखा निचोड़ के रख लिया मेरी ननद ने , ... " मैंने भी गुड्डी का साथ दिया ,पर गीता हिम्मत हारने वाली नहीं थी , वो गुड्डी के पीछे पड़ गयी।
" अरे भौजी तो तू काहें के लिए हो ,खाली घोंटने के लिए ,चुदवाने के लिए ,... सो रहा है तो जगाने का काम भी तुम्हारा ही है , ज़रा हाथ में पकड़ो ,सहलाओ ,... "
उनकी ममेरी बहन के कोमल कोमल हाथ, लगते ही 'वो ' तन्ना गया। और गुड्डी सिर्फ पकड़े थोड़े ही थी ,हलके हलके दबा रही थी ,सहला रही थी। अंगूठे और तर्जनी के जोर से उसने सुपाड़ा खोल दिया और फिर अंगूठा सीधे पेशाब वाले छेद पर, कुछ देर हलके हलके वहां दबाया , फिर तर्जनी के लम्बे नाख़ून से वहन सुरसुरी की ,...
उस टीनेजर की उँगलियों में जादू था ,कुछ ही देर में वो कड़ियल नाग जग गया ,लेकिन गुड्डी ने छोड़ा नहीं , आखिर मेरी ननद थी , अब वो सिर्फ उनके मोटे लंड के बेस पर अंगूठे से दबा रही थी ,कभी उनकी बॉल्स को स्क्रैच कर देती तो कभी मुट्ठी में बॉल्स पकड़ के दबा देती और जिस तरह से वो उनकी ममेरी बहन उनकी ओर देख कर ,मुठियाते हुए मुस्करा रही थी , उस किशोरी की आँखे उन्हें उकसा रही थी ,
बस थोड़ी देर में उनकी हालत ख़राब और हुआ वही जो होना था
वो ऊपर, उनकी बहन नीचे
सटासट , सटासट , गपागप ,गपागप
वो घोंट रही थी , उसके भैया घोंटा रहे थे। जबरदस्त धक्के ,
पर गीता सच में असली ननद थी। आ गयी बीच में ,गुड्डी से बोली ,
" आयी तो तू हो ,अपने मायके से भैया के पास , तो धक्का नीचे से तुंही लगावा। "
और गुड्डी ने हलके हलके धक्के अपने छोटे छोटे चूतड़ उछालते हुए लगाने चालू कर दिए , चुदवासी तो वो न जाने कब से थी और अब ये गीता उसकी सारी सरम लाज ,...सब। ...
और उसके भइया भी ,... वो बोले " काहें आयी हो ,... "
" चोदवाने " खिलखिलाते हुए उनकी बहिनिया बोली।