• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Luckyloda

Well-Known Member
2,459
8,074
158
गीता तो हर गुरु की तरह चाहती है उसकी शिष्या उससे भी आगे निकले और बहुत जल्द

अगर काम क्रीड़ा सिखाने का कोई द्रौणाचार्य पुरस्कार होता तो सबसे पहले गीता को मिलता
Komal ko milta
 

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
जोरू का गुलाम भाग १७६

सुहाग दिन या ननदिया चढ़ी अपने भैया के ऊपर

लास्ट पोस्ट भाग १७५ पृष्ठ ५७९ पर
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
जोरू का गुलाम भाग १७६

सुहाग दिन या ननदिया चढ़ी अपने भैया के ऊपर



गीता ने पूछ लिया , "कल रात भर कौन चढ़ा था "

गुड्डी ने अपने भइया की ओर देखा और मुस्कराने लगी ,
पर गीता वो तो आज गुड्डी की सारी सरम लाज की ऐसी की तैसी करने में ,

"हे भाउज अइसन रंडी जस मुस्की जिन मारा। साफ़ साफ बोलो न की कल रात भर ऊपर कौन था , कौन चढ़ा था ,"



गुड्डी समझ गयी थी गीता को उसने ननद बना तो लिया था लेकिन इस ननद से पार पाना आसान नहीं थी। " भइया ,... " गुड्डी हलके से बोली।

" तो रात भर वो चढ़े थे , तो अब तुम्हारा नंबर , ... रात भर हचक हचक कर ,.. थोड़ा थक नहीं गए होंगे ,चलो चढ़ो ,.... " उसकी नयी बनी ननद ने हड़काया।

" अरे यार चढ़ जा न , बस एक बार सटा देना ,... फिर नहीं जाएगा तो बोल देना साफ़ साफ़ , मैं हूँ तेरी हेल्प करने के लिए "

अपनी ननद की पीठ सहलाते हुए मैं बड़े प्यार से समझाते मनाते बोली मैं बोली।

मैं और गीता , गुड कॉप बैड कॉप रूटीन कर रहे थे।

गीता भी अब थोड़ा मुलायम ढंग से , " अरे चलो मैं बताती हूँ , कैसे चढ़ते हैं ,मायके में कुछ सीख वीख के नहीं आयी , ... "

और मैंने और गीता ने मिल के उस टीनेजर को उठाया , और उस मोटे लम्बे बांस के ऊपर , गुड्डी दोनों पैर फैला के ,... कसी भी तो बहुत थी उसकी , अभी एक दिन भी नहीं हुए थे फटे ,... उस कच्ची कली के , और आज खुद ऊपर चढ़ के ,... गीता ने मेरी छुटकी ननद के निचले दोनों होंठ फैलाये और उनके सुपाड़े को सेट कर दिया , मुझसे ज्यादा बेहतर कौन जानता था की जब वो दुष्ट , गुलाबी पंखुड़ियों को छूता है तो बस यही मन करता है की , बस घुसेड़ दे , धकेल दे , ठेल दे ,... भले ही जान चली जाय। उनकी ममेरी बहन की भी यही हालत हो रही थी ,पर घुसाए कौन,



और गुड्डी अभी भी बोलने से लजा रही थी ,वो भी गीता के सामने ,...

गीता के हाथ गुड्डी के कच्ची अमिया पर टहल रहे थे ,हलके से दबा के गुड्डी के कान में बोली ,

" मान गयी तुम अभी ,.. भैय्या से बोल न ,... "

गुड्डी के चेहरे पर एकदम ,... दोनों जुबना मस्ती से पथराये थे , बोली वो ,...
" भैया ,... "

उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया ,...

" भैया करो न ,... "

कोई और होता तो वही हचक के उस टीनेजर को ,... लेकिन आज उन्हें भी तड़पाने में मजा आ रहा था। और बात सही भी थी इसी लौंडिया ने कितना तड़पाया था उनको , उसकी सारी सहेलियाँ रोज बिना नागा अपने भाइयों से , दिया तो अपने सगे भाई से ही,... और ये ,... अपनी दोनों जाँघों के बीच दबाये छुपाये बचाये,

उसको चिढ़ाते चढ़ाते , वो बोले ,

"क्या करूँ बोल न "

,पर गीता इतनी सॉफ्ट नहीं थी , पूरी ताकत से उसने गुड्डी के निपल मरोड़ दिए , और उसके कान में बोली ,

" क्या सिखाया था तुम्हे कैसे बोलना , स्साली छिनार रात भर चुदवाने में शरम नहीं और चोदवाना बोलने में जान जा रही है , अभी ऐसे जबरदस्ती पेलुंगी न की जान निकल जायेगी , वरना बोल ,... "



रुकते , लजाते , हिचकचाते बोली वो छुई मुई , " भइया ,... " फिर रुक गयी

गीता के नाख़ून गुड्डी के नए नए आये निपल्स में गड गए।

" भैया ,... चोदो न " वो शर्मीली बोली , लेकिन इतने धीमे से की उसने खुद भी नहीं सुना होगा ,

" जरा जोर से बोल न , ... साफ़ साफ बोल न ,.. " वो भी न आज ,...

" भैया चोदो न ,... " अबकी वो थोड़ी तेज और फिर तो ,.... गीता ने पूरे जोर लगा के , ... गीता के दोनों हाथ गुड्डी के कंधे पर थे , पूरी तरह से उसने दबाया , मैं भी हलके से अपनी सुकुमार ननद की पतली कटीली कमर पकड़ के और सबसे बड़ी बात , इन्होने पूरी तेजी से ,पूरी ताकत से ,... गुड्डी ने सिसकी ली , और फिर बड़ी जोर से चीखी ,... लेकिन गीता ने पुश करना नहीं छोड़ा और नीचे से उन्होंने दुबारा , पहले से भी तगड़ा धक्का ,

चीख भी पहले से ज्यादा तेज , ... आधे से ज्यादा सुपाड़ा मेरी ननद की बुरिया ने घोंट लिया था।

मैं समझ रही थी ,दर्द के मारे उस कच्ची कली की जान निकल रही होगी। इतना मोटा सुपाड़ा और मेरी ननद की छोटी सी बिल ,



लेकिन मुझसे ज्यादा गीता मेरी ननद की असलियत समझ रही थी ,वो समझ गयी थी की , इस बारी उमर में भी , भले ही इसकी अबतक फटी नहीं थी , लेकिन मोटे मोटे चींटे इसकी बुरिया में काटते थे। और अब गीता ने ऊपर से प्रेस करना रोक दिया था और उसके भइया ने नीचे से पुश करना।

दो तिहाई सुपाड़ा अंदर , ... मन तो कर रहा था ननद रानी का पूरा अंदर लेने का , एक बार स्वाद ले लेने के बाद कौन लड़की मना कर सकती है घोंटने से ,

गुड्डी कभी गीता को देखती कभी अपने भइया को ,

"करो न भइया ,रुक काहें गए ,डालो न ,... "हिम्मत करके धीरे से वो टीनेजर बोली

" कहाँ डालू ,बोल न ,... " चिढ़ाते हुए वो बोले , और साथ में गीता भी , "तू भी तो धक्का मार ऊपर से "

गुड्डी उन्हें देख कर मुस्करायी और शरारत से बोली ,

" जहाँ डालना चाहते थे , मेरी चूत में , ... " और साथ में उस किशोरी ने दोनों हाथों को बिस्तर पर रख खुद भी प्रेस किया ,

यही तो गीता भी चाहती थी , यही तो मैं भी चाहती थी , ये लड़की खूब खुल के बोले ,खुल के मजे ले

और मैंने और गीता ने साथ साथ , गीता ने उसके कंधे पकड़ के नीचे की ओर ,मैंने उसकी पतली कमर पकड़ के , और उसके बचपन के आशिक ने भी नीचे से जम के धक्का मारा,

पूरा सुपाड़ा अंदर , धंसा , घुसा ,फंसा , अब तो मेरी ननद चाहती भी तो कुछ नहीं कर सकती थी। असल में उसकी तो उसी दिन लिख गयी थी , जिस दिन वो बाजी हर गयी थी ,उस के भैया ने न सिर्फ उसके सामने आम खाया बल्कि उसे भी खिलाया , ... ४ घंटे की गुलामी , गुड्डी रानी की जिंदगी भर की ,...

इत्ता मोटा सुपाड़ा , कच्ची चूत ,.... गुड्डी दर्द से नहा उठी ,पर अबकी चीखने के बजाय ,जोर से उसने अपने होंठ दांतों से काट लिए ,दोनों हाथों से बिस्तर की चद्दर भींच ली ,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
भैया बहिनी -दिन दहाड़े




पूरा सुपाड़ा अंदर , धंसा , घुसा ,फंसा , अब तो मेरी ननद चाहती भी तो कुछ नहीं कर सकती थी। असल में उसकी तो उसी दिन लिख गयी थी , जिस दिन वो बाजी हर गयी थी ,उस के भैया ने न सिर्फ उसके सामने आम खाया बल्कि उसे भी खिलाया , ... ४ घंटे की गुलामी , गुड्डी रानी की जिंदगी भर की ,...

इत्ता मोटा सुपाड़ा , कच्ची चूत ,.... गुड्डी दर्द से नहा उठी ,पर अबकी चीखने के बजाय ,जोर से उसने अपने होंठ दांतों से काट लिए ,दोनों हाथों से बिस्तर की चद्दर भींच ली ,

उसका चेहरा दर्द से डूबा था , पर वो बूँद बूँद कर दर्द पी रही थी , और हम सब रुके थे , उसके भइया ने ही फिर छेड़ा अपनी बहना को ,

"बोल क्या डालूँ ,... "

और उनकी ममेरी बहन के चेहरे पर जैसे मुस्कान खिल उठी ,दर्द के बावजूद एक बार फिर से ऊपर से धक्के मारते बोली ,

" अपना लंड ,.. डालो न भइया , तुम बहुत तड़पाते हो ,... बदमाश। "

कौन भाई रुक सकता था , पूरी ताकत से उन्होंने अपने चूतड़ को उचकाया , गुड्डी ने भी ऊपर से और एक इंच एक बार में ही
गप्प।

उसकी कल रात की ही फटी चूत में दरेरता फाड़ता , रगड़ता उसके भैया का मोटा लंड अंदर घुस रहा था।



मैंने अपनी ननद की कमर से हाथ हटा लिया था , और अब वो भाई बहन ही , धक्कम धुक्का

धीरे धीरे ऊपर चढ़ी मेरी ननद ने करीब ६ इंच घोंट लिया था और अब उन्होंने भी धक्के लगाने बंद कर दिया था , सिर्फ गुड्डी ही पूरी ताकत लगाकर ऊपर से पुश कर रही थी ,प्रेस कर रही थी।

लेकिन अब मुश्किल था , दो ढाई इंच अभी भी बचा था , और उस चालाक शोख ने एक रास्ता निकाल लिया,

जैसे किशोरियां सावन में झूला झूलती हैं , वैसे ही उस मोटे बांस पर आगे पीछे , और साथ में अब उस की बारी थी उन्हें छेड़ने की ,

अपने छोटे छोटे जुबना उनके होंठों के पास ले जाकर वो हटा लेती थी कभी उनके होंठों पर रगड़ देती थी।



" दे न ,... " अब उनकी बारी थी बिनती करने की ,

"उन्ह ,... नहीं भइया खुल के मांगो न , क्या दूँ ,.. " अब मेरी ननद भी ,... एकदम उन्ही की तरह ,

" अपने टिकोरे , कच्ची अमिया ,... "



" ना , नहीं मिलेगा ,... बदमाश हो तुम ,... साफ़ साफ़ बोल ,.. "

"अपने जोबन ,... उफ़ दो न ,.. "

और गुड्डी उनके होंठ पर रगड़ के हटा लेती।

" अरे अपनी चूँची दे , ... "

" लो न मेरे भैया मैं तो कब से ,... जब से ये टिकोरे आये तब से तुझे देने के लिए ,.. लेकिन एक हाथ ले दूसरे हाथ दे ,.. "

और जैसे कोई शाख खुद झुक जाए , वो झुक के अपने कच्चे टिकोरे अपने बचपन के यार के होंठों पर , और उन्होंने कचकचा के काट लिया





और साथ ही वो समझ गए उनकी बहना क्या मांग रही थी , दोनों हाथों से अपनी बहन की पतली कमर पकड़ के नीचे से करारा धक्का ,मोटा लंड और अंदर

मैं किचेन में चली गयी थोड़ी देर लेके , आखिर गाडी में डीजल भी तो डालना था। हाँ गीता को मैंने वहीँ छोड़ दिया था गीता के सामने मेरी ननद खुल के चुदवाये , खुद बोल बोल के ,... चोदाई के बारे में बात करे , और गीता से उसकी सारी शरम ,.. और उन दोनों में इंटिमेसी भी

जब मैं लौटी थोड़ी देर में तो गुड्डी पसीने पसीने ,लंड आलमोस्ट उसकी चूत में धंसा और अब वो खुद इन्हे ललकार के ,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
गुड्डी, मेरी ननदिया की मस्ती






मैं किचेन में चली गयी थोड़ी देर लेके , आखिर गाडी में डीजल भी तो डालना था। हाँ गीता को मैंने वहीँ छोड़ दिया था

गीता के सामने मेरी ननद खुल के चुदवाये , खुद बोल बोल के ,... चोदाई के बारे में बात करे , और गीता से उसकी सारी शरम ,.. और उन दोनों में इंटिमेसी भी



जब मैं लौटी थोड़ी देर में तो गुड्डी पसीने पसीने ,लंड आलमोस्ट उसकी चूत में धंसा और अब वो खुद इन्हे ललकार के , " अरे बहन चोद ज़रा कस के धक्का मार न ,.... "

" अरे भाई चोद फाड़ के रख दूंगा तेरी ,... " ये भी अब खुल के अपनी बहिनिया से मस्ता के बोल रहे थे।



"तो फाड़ न ,... डरती हूँ क्या तेरे से ,... "मेरी ननद भी अब सब सरम लिहाज भुला गयी थी, अपने भैया को ललकार रही थी।

और उन्होंने नीचे से क्या जोरदार धक्का मारा , की सीधे जड़ तक ,गुड्डी की बच्चेदानी में , वही हुआ जो होना था गुड्डी पहले तो दर्द से चीख पड़ी ,फिर सिसकने लगी और मिनट भर के अंदर वो झड़ रही थी ,

एक बार ,दो बार ,बारबार ,झड़ती थी ,रुकती थी ,फिर दुबारा ,... उन्होंने धक्के मारने नीचे से रोक दिए थे , और गुड्डी ऊपर बार बार , थोड़ी देर में मेरी ननद थेथर हो गयी थी , एकदम लथपथ , अब उसके बस का नहीं था कुछ भी करना ,

पर वो तो नहीं झड़े थे ,बस अब गाडी नाव पर


वो ऊपर और उनकी बहना नीचे।




उसकी दोनों टाँगे हवा में उठी , खूब फैली , और वो हचक हचक के धक्के मार रहे थे , तूफ़ान मेल फेल , सटाक सटाक

गुड्डी बेचारी झड़ झड़ कर अभी थेथर हुयी थी , हिल भी नहीं सकती थीं , लेकिन उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था , क्या कोई धुनिया रुई धुनेगा जिस तरह से वो उस किशोरी की बुर,..

लेकिन गीता की निगाह से कुछ नहीं बच सकता था , उस की एक ऊँगली उनके पिछवाड़े सहला रही थी ,

"स्साले बहनचोद , भोंसड़ी के ,हरामी के जने रंडी के , बेईमानी ,... " वो गरज के बोली और तब मेरी समझ में आया डेढ़ दो इंच अभी भी बाहर था मूसल का। गीता ने गचाक से एक बार में दो ऊँगली उनके पिछवाड़े पेल दी , और हड़काया ,

" भोंसड़ी के ये बाकी का लौंडा अपनी किस मायकेवाली के लिए छोड़ रखा है ,कोई और बहन बची है क्या , छिनार की जनी,.. "





"अरे यार , इनकी बहनों की बुर पर तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है , ये तो इन्होने मेरी सास के लिए , अपनी मां के लिए ,... "मैं गरियाने में क्यों पीछे रहती

बस गीता ने ऊँगली दोनों थोड़ी बाहर खींची और अबकी जड़ तक पेल दी।

"भोंसड़ी के मादरचोद , तो बहन चोद तो तू हो ही गया और वो भी हम लोगों के सामने , ... चल मादरचोद भी हो जाएगा ,... "और हचक के गरियाया।

और उस ऊँगली के धक्के का असर ये हुआ की बाकी का बचा हुआ ,पूरा नौ इंच अंदर , मोटा सुपाड़ा सीधे उनकी ममेरी बहन की बच्चेदानी पर ,

गुड्डी एक बार फिर से झड़ने लगी ,

कुछ गुड्डी के झड़ने का असर और कुछ गीता की उँगलियों का , सच में गीता एकदम एक्सपर्ट थी , वो उँगलियाँ सीधे उनके प्रोस्ट्रेट पर हलके हलके , प्रोस्ट्रेट मसाज मैंने सुना था लेकिन आज देख रही थी , और कुछ देर में वो भी अपनी बहन की बिल में , ... खूब ढेर सारी गाढ़ी थक्केदार मलाई , बार बार , गुड्डी की दोनों जाँघों के बीच ,



किचेन से में ब्रेकफास्ट ले आयी थी ,

ये दोनों भाई बहन एक दूसरे की बाँहों में और गीता ने इनके पिछवाड़े से अपनी दोनों उँगलियाँ निकाली और उसी से आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , तोड़ के सीधे मेरी ननद के मुंह में और मेरी ननद ने गपक कर लिया। गीता ने बड़ी जोर से मुझे आँख मारी।

गुड्डी अपने भैया की बाहों में , और उन्होंने सम्हाल के उसे अपनी गोद में बिठा लिया , खूंटा अभी भी अंदर तक धंसा था , पूरा। दोनों एक दूसरे को पकडे जकड़े ,

' चल भौजी हम तोंहे खियाय देंगी , आखिर ननद की बात मानी आपने ,.. " और गीता ने आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , गुड्डी को दिखाय के अपने मुंह में और फिर गीता के मुंह से गुड्डी के मुंह में ,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
गीता -गुड्डी की जुगलबंदी






और गीता ने इनके पिछवाड़े से अपनी दोनों उँगलियाँ निकाली और उसी से आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , तोड़ के सीधे मेरी ननद के मुंह में और मेरी ननद ने गपक कर लिया।

गीता ने बड़ी जोर से मुझे आँख मारी।

इनके पिछवाड़े से निकली, लिथड़ी चुपड़ी गीता की ऊँगली, गुड्डी रानी के मुंह में, गप्प, अभी तो गीता की बदमाशियों की, किंक्स की शुरुआत हुयी थी , मैंने गीता को आँखों से थम्प्स अप किया, लगी रहो गीता रानी।



गुड्डी अपने भैया की बाहों में , और उन्होंने सम्हाल के उसे अपनी गोद में बिठा लिया , खूंटा अभी भी अंदर तक धंसा था , पूरा। दोनों एक दूसरे को पकडे जकड़े ,


' चल भौजी हम तोंहे खियाय देंगी , आखिर ननद की बात मानी आपने ,.. " और गीता ने आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , गुड्डी को दिखाय के अपने मुंह में और फिर गीता के मुंह से गुड्डी के मुंह में , गीता उन्हें भी अपने मुंह से कुचला ,अधखाया ,थूक से लिथड़ा , और वो इनके मुँह से भी गुड्डी के मुंह में, साथ में जम के ननद भौजाई की चुम्मा चाटी



मैं भी उसी तरह कभी गुड्डी के मुंह में अपने मुंह से तो कभी गीता के मुंह में ,... ( आखिर वो भी तो मेरी ननद थी ,असल से बढ़कर )

और सच में उन दोनों के हाथ बिजी थे , एक हाथ उनके गुड्डी के कच्चे टिकोरों को मींजने रगड़ने में लगे तो दूसरा गुड्डी की पीठ को पकडे , और गुड्डी ने भी एक हाथ से उनके सर को पकड़ रखा था , और दूसरे हाथ से ,

और वो अंदर घुसा हुआ ,

चार चार अंडे के आमलेटों के साथ साथ हलवा भी था




और मैंगो जूस भी ,...

आधे घंटे तक खाना पीना चला उसके बाद एक बार फिर ,... एक राउंड से गीता थोड़े ही छोड़ने वाली थी।

गीता ने जबरदस्त छेड़छाड़ चालू कर दी , और किसकी अपनी नयकी भौजी की ,... वही गाभिन होने के लिए और पिछवाड़े के फटने के बारे में ,

आखिर मुझे ही अपनी छोटी ननदिया के सपोर्ट में आना पड़ा ,,मैं गुड्डी की ओर से बोली


" अरे दोनों भैया बहिनी मान गए हैं ,तिरबाचा भर दिया है , तो गाभिन तो ये होंगी ही. बस अगले पांच दिन वाली छुट्टी के बाद इसकी पांच दिन वाली छुट्टी की ही छुट्टी हो जायेगी नौ महीने तक। और अगर उस पांच दिन वाली छुट्टी के बाद फिर दुबारा इसकी गुलाबो , पांच दिन के लिए लाल हुईं तो ये तो बोल ही चुकी है , ... तुम जिससे चाहना उससे इसे गाभिन करवा देना , पर ये भइया की बहिनी भी तो अपने भइया के बीज से ही , .... काहें के लिए इधर उधर ,.. और रही बात पिछवाड़े की , ...अभी तो तेरे सामने खुद ये मोटे बांस पर चढ़ चुकी है , ... तो जैसे अगवाड़ा फटा , वैसे पिछवाड़ा भी फट जाएगा। अरे ये यहाँ आयी ही फड़वाने है ,.... "



लेकिन गीता को चुप कराना आसान थोड़े ही है , और बात भी वो अपनी जुबान में करती है ,बल्कि गुड्डी की जुबान भी वही करवा के दम लेगी वो,उसने एकदम साफ़ साफ़ पूछ लिया ,एकदम डायरेक्ट ,...

" भौजी ,कितना दिन हो गए पिछली बार माहवारी हुए , अगली कब होगी ?"



मुझे लगा की गुड्डी शायद अब बुरा मान जाए पर उसने कतई बुरा नहीं माना फिगर में तो , हाईस्कूल में मैथ्स में उसके १०० में १०० नंबर थे , झट से जोड़ दिया उस शोख ने , और वो भी अपने भइया की ओर मुखातिब होकर ,

" भइया ,जब आप आये थे न अबकी , तो बस उसके ठीक दो दिन पहले आंटी जी की टाटा बाई बाई हुयी थी। हफ्ते भर थे आप लोग , और आज मुझे आये दूसरा दिन है , तो सात , दो और दो , कुल ग्यारह दिन पहले ,... ख़तम हुयी थी। मेरी अट्ठाइस दिन की साइकिल है एकदम कैलेण्डर देख कर , ... तो १७ दिन बाद , फिर वो पांच दिन ,.. "




लड़कियाँ तो इतना खुल के अपनी सहेलियों से अपने पीरियड्स की चर्चा नहीं करतीं और ये बहना अपने भइया से ,....

मैं देखती रह गयी. फिर मुझे याद आया की ,... इन्होने ही तो बताया था , जब ये हाईस्कूल में आयी थी और मेरे वो ,उसके कच्चे टिकोरों को देख के लिबराते थे , एक शादी में ,... उसने खुद इनसे केयरफ्री लाने को बोला , बाद में मेसेज दे दिया , छुट्टी ख़तम नो नीड ,... ये तो ये ही इतने सीधे डरपोक थे , वरना कोई भी चापे बिना नहीं छोड़ता

लेकिन गुड्डी के अंक गणित मेरा काम आसान कर दिया , ...

१७ दिन तक तो ये दिन रात,... छह सात दिन तो यहाँ इसकी कबड्डी ,... और फिर इसे मेरे गाँव , .... कब ये मेरी सास पर यहाँ चढ़ाई करेंगे तो उनकी बहन पर मेरे गाँव वाले ,.... पूरे दस दिन तक ,.. और जब ये ,.... इनकी ममेरी बहन लौटेगी तो फिर एकाध दिन में उसकी पांच दिन वाली छुट्टी ,... फिर उसके दस बारह दिन बाद गर्भाधान संस्कार ,...

पर गीता तो एकदम डायरेक्ट एक्शन ,... उसकी निगाह भी एकदम कैलेण्डर पर ,...

" ठीक है , तो ओकरे बाद कउनो गोली वाली नहीं ,समझ लो ,... मैं खुद चेक करूंगी एक एक चीज , भौजी , भइया क गाढ़ी रबड़ी मलाई खाओगी न तो खुदे दूध देने लगोगी। "



गुड्डी को चढ़ाने के लिए उसको सपोर्ट करना जरूरी था, जिस तरह किसी बांकी हिरनिया के लिए हांका किया जाय दोनों ओर से , मैं और गीता मिल के उसे घेर रहे थे ,

मैं गुड्डी की ओर से बोली ,और गीता को चढ़ाया , " अरे हमारी ननद कउनो कमजोर नहीं , उमरिया की बारी है अभी तो क्या हुआ , वो दूध देने को भी तैयार है , और गाभिन होने को भी लेकिन उसके लिए जिसको मेहनत करनी हो ,उसे तो कुछ करना वरना पड़ेगा।

गुड्डी कुछ कम शोख ,शरारती नहीं थी। मेरा साथ मिला और वो और शरीर हो गयी , उनके सोते मूसल की ओर देख कर बहुत हलके से बोली , " ये तो अभी सो रहा है ,... "

" देखा निचोड़ के रख लिया मेरी ननद ने , ... " मैंने भी गुड्डी का साथ दिया ,पर गीता हिम्मत हारने वाली नहीं थी , वो गुड्डी के पीछे पड़ गयी।

" अरे भौजी तो तू काहें के लिए हो ,खाली घोंटने के लिए ,चुदवाने के लिए ,... सो रहा है तो जगाने का काम भी तुम्हारा ही है , ज़रा हाथ में पकड़ो ,सहलाओ ,... "

उनकी ममेरी बहन के कोमल कोमल हाथ, लगते ही 'वो ' तन्ना गया। और गुड्डी सिर्फ पकड़े थोड़े ही थी ,हलके हलके दबा रही थी ,सहला रही थी। अंगूठे और तर्जनी के जोर से उसने सुपाड़ा खोल दिया और फिर अंगूठा सीधे पेशाब वाले छेद पर, कुछ देर हलके हलके वहां दबाया , फिर तर्जनी के लम्बे नाख़ून से सुरसुरी की ,...



उस टीनेजर की उँगलियों में जादू था ,कुछ ही देर में वो कड़ियल नाग जग गया ,लेकिन गुड्डी ने छोड़ा नहीं , आखिर मेरी ननद थी , अब वो सिर्फ उनके मोटे लंड के बेस पर अंगूठे से दबा रही थी ,कभी उनकी बॉल्स को स्क्रैच कर देती तो कभी मुट्ठी में बॉल्स पकड़ के दबा देती और जिस तरह से वो उनकी ममेरी बहन उनकी ओर देख कर ,मुठियाते हुए मुस्करा रही थी , उस किशोरी की आँखे उन्हें उकसा रही थी ,


बस थोड़ी देर में उनकी हालत ख़राब और हुआ वही जो होना था


वो ऊपर, उनकी बहन नीचे

सटासट , सटासट , गपागप ,गपागप



वो घोंट रही थी , उसके भैया घोंटा रहे थे। जबरदस्त धक्के ,

पर गीता सच में असली ननद थी। आ गयी बीच में ,गुड्डी से बोली ,

" आयी तो तू हो ,अपने मायके से भैया के पास , तो धक्का नीचे से तुंही लगावा। "

और गुड्डी ने हलके हलके धक्के अपने छोटे छोटे चूतड़ उछालते हुए लगाने चालू कर दिए , चुदवासी तो वो न जाने कब से थी और अब ये गीता उसकी सारी सरम लाज ,...सब। ...

और उसके भइया भी ,... वो बोले " काहें आयी हो ,... "

" चोदवाने " खिलखिलाते हुए उनकी बहिनिया बोली।
 
Last edited:

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,302
304
और गीता ने इनके पिछवाड़े से अपनी दोनों उँगलियाँ निकाली और उसी से आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , तोड़ के सीधे मेरी ननद के मुंह में और मेरी ननद ने गपक कर लिया।

गीता ने बड़ी जोर से मुझे आँख मारी।

इनके पिछवाड़े से निकली, लिथड़ी चुपड़ी गीता की ऊँगली, गुड्डी रानी के मुंह में, गप्प, अभी तो गीता की बदमाशियों की, किंक्स की शुरुआत हुयी थी , मैंने गीता को आँखों से थम्प्स अप किया, लगी रहो गीता रानी।

गुड्डी अपने भैया की बाहों में , और उन्होंने सम्हाल के उसे अपनी गोद में बिठा लिया , खूंटा अभी भी अंदर तक धंसा था , पूरा। दोनों एक दूसरे को पकडे जकड़े ,


' चल भौजी हम तोंहे खियाय देंगी , आखिर ननद की बात मानी आपने ,.. " और गीता ने आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , गुड्डी को दिखाय के अपने मुंह में और फिर गीता के मुंह से गुड्डी के मुंह में , गीता उन्हें भी अपने मुंह से कुचला ,अधखाया ,थूक से लिथड़ा , और वो इनके मुँह से भी गुड्डी के मुंह में ,

मैं भी उसी तरह कभी गुड्डी के मुंह में अपने मुंह से तो कभी गीता के मुंह में ,... ( आखिर वो भी तो मेरी ननद थी ,असल से बढ़कर )

और सच में उन दोनों के हाथ बिजी थे , एक हाथ उनके गुड्डी के कच्चे टिकोरों को मींजने रगड़ने में लगे तो दूसरा गुड्डी की पीठ को पकडे , और गुड्डी ने भी एक हाथ से उनके सर को पकड़ रखा था , और दूसरे हाथ से ,

और वो अंदर घुसा हुआ ,

चार चार अंडे के आमलेटों के साथ साथ हलवा भी था और मैंगो जूस भी ,...

आधे घंटे तक खाना पीना चला उसके बाद एक बार फिर ,... एक राउंड से गीता थोड़े ही छोड़ने वाली थी।

गीता ने जबरदस्त छेड़छाड़ चालू कर दी , और किसकी अपनी नयकी भौजी की ,... वही गाभिन होने के लिए और पिछवाड़े के फटने के बारे में ,

आखिर मुझे ही अपनी छोटी ननदिया के सपोर्ट में आना पड़ा ,,


अरे दोनों भैया बहिनी मान गए हैं ,तिरबाचा भर दिया है , तो गाभिन तो ये होंगी ही. बस अगले पांच दिन वाली छुट्टी के बाद इसकी पांच दिन वाली छुट्टी की ही छुट्टी हो जायेगी नौ महीने तक। और अगर उस पांच दिन वाली छुट्टी के बाद फिर दुबारा इसकी गुलाबो , पांच दिन के लिए लाल हुईं तो ये तो बोल ही चुकी है , ... तुम जिससे चाहना उससे इसे गाभिन करवा देना , पर ये भइया की बहिनी भी तो अपने भइया के बीज से ही , .... काहें के लिए इधर उधर ,.. और रही बात पिछवाड़े की , ...अभी तो तेरे सामने खुद ये मोटे बांस पर चढ़ चुकी है , ... तो जैसे अगवाड़ा फटा , वैसे पिछवाड़ा भी फट जाएगा। अरे ये यहाँ आयी ही फड़वाने है ,.... "

लेकिन गीता को चुप कराना आसान थोड़े ही है , और बात भी वो अपनी जुबान में करती है ,बल्कि गुड्डी की जुबान भी वही करवा के दम लेगी वो,उसने एकदम साफ़ साफ़ पूछ लिया ,एकदम डायरेक्ट ,...

" भौजी ,कितना दिन हो गए पिछली बार माहवारी हुए , अगली कब होगी ?"
मुझे लगा की गुड्डी शायद अब बुरा मान जाए पर उसने कतई बुरा नहीं माना फिगर में तो , हाईस्कूल में मैथ्स में उसके १०० में १०० नंबर थे , झट से जोड़ दिया उस शोख ने , और वो भी अपने भइया की ओर मुखातिब होकर ,

" भइया ,जब आप आये थे न अबकी , तो बस उसके ठीक दो दिन पहले आंटी जी की टाटा बाई बाई हुयी थी। हफ्ते भर थे आप लोग , और आज मुझे आये दूसरा दिन है , तो सात , दो और दो , कुल ग्यारह दिन पहले ,... ख़तम हुयी थी। मेरी अट्ठाइस दिन की साइकिल है एकदम कैलेण्डर देख कर , ... तो १७ दिन बाद , फिर वो पांच दिन ,.. "


लड़कियाँ तो इतना खुल के अपनी सहेलियों से अपने पीरियड्स की चर्चा नहीं करतीं और ये बहना अपने भइया से ,.... मैं देखती रह गयी. फिर मुझे याद आया की ,... इन्होने ही तो बताया था , जब ये हाईस्कूल में आयी थी और मेरे वो ,उसके कच्चे टिकोरों को देख के लिबराते थे , एक शादी में ,... उसने खुद इनसे केयरफ्री लाने को बोला , बाद में मेसेज दे दिया , छुट्टी ख़तम नो नीड ,... ये तो ये ही इतने सीधे डरपोक थे , वरना कोई भी चापे बिना नहीं छोड़ता

लेकिन गुड्डी के अंक गणित मेरा काम आसान कर दिया , ... १७ दिन तक तो ये दिन रात,... छह सात दिन तो यहाँ इसकी कबड्डी ,... और फिर इसे मेरे गाँव , .... कब ये मेरी सास पर यहाँ चढ़ाई करेंगे तो उनकी बहन पर मेरे गाँव वाले ,.... पूरे दस दिन तक ,.. और जब ये ,.... इनकी ममेरी बहन लौटेगी तो फिर एकाध दिन में उसकी पांच दिन वाली छुट्टी ,... फिर उसके दस बारह दिन बाद गर्भाधान संस्कार ,...

पर गीता तो एकदम डायरेक्ट एक्शन ,... उसकी निगाह भी एकदम कैलेण्डर पर ,...

" ठीक है , तो ओकरे बाद कउनो गोली वाली नहीं ,समझ लो ,... मैं खुद चेक करूंगी एक एक चीज , भौजी , भइया क गाढ़ी रबड़ी मलाई खाओगी न तो खुदे दूध देने लगोगी। "
गुड्डी को चढ़ाने के लिए उसको सपोर्ट करना जरूरी था, जिस तरह किसी बांकी हिरनिया के लिए हांका किया जाय दोनों ओर से , मैं और गीता मिल के उसे घेर रहे थे ,

मैं गुड्डी की ओर से बोली ,और गीता को चढ़ाया ,

" अरे हमारी ननद कउनो कमजोर नहीं , उमरिया की बारी है अभी तो क्या हुआ , वो दूध देने को भी तैयार है , और गाभिन होने को भी लेकिन उसके लिए जिसको मेहनत करनी हो ,उसे तो कुछ करना वरना पड़ेगा।

गुड्डी कुछ कम शोख ,शरारती नहीं थी। मेरा साथ मिला और वो और शरीर हो गयी , उनके सोते मूसल की ओर देख कर बहुत हलके से बोली ,

" ये तो अभी सो रहा है ,... "

" देखा निचोड़ के रख लिया मेरी ननद ने , ... " मैंने भी गुड्डी का साथ दिया ,पर गीता हिम्मत हारने वाली नहीं थी , वो गुड्डी के पीछे पड़ गयी।

" अरे भौजी तो तू काहें के लिए हो ,खाली घोंटने के लिए ,चुदवाने के लिए ,... सो रहा है तो जगाने का काम भी तुम्हारा ही है , ज़रा हाथ में पकड़ो ,सहलाओ ,... "

उनकी ममेरी बहन के कोमल कोमल हाथ, लगते ही 'वो ' तन्ना गया। और गुड्डी सिर्फ पकड़े थोड़े ही थी ,हलके हलके दबा रही थी ,सहला रही थी। अंगूठे और तर्जनी के जोर से उसने सुपाड़ा खोल दिया और फिर अंगूठा सीधे पेशाब वाले छेद पर, कुछ देर हलके हलके वहां दबाया , फिर तर्जनी के लम्बे नाख़ून से वहन सुरसुरी की ,...

उस टीनेजर की उँगलियों में जादू था ,कुछ ही देर में वो कड़ियल नाग जग गया ,लेकिन गुड्डी ने छोड़ा नहीं , आखिर मेरी ननद थी , अब वो सिर्फ उनके मोटे लंड के बेस पर अंगूठे से दबा रही थी ,कभी उनकी बॉल्स को स्क्रैच कर देती तो कभी मुट्ठी में बॉल्स पकड़ के दबा देती और जिस तरह से वो उनकी ममेरी बहन उनकी ओर देख कर ,मुठियाते हुए मुस्करा रही थी , उस किशोरी की आँखे उन्हें उकसा रही थी ,


बस थोड़ी देर में उनकी हालत ख़राब और हुआ वही जो होना था


वो ऊपर, उनकी बहन नीचे

सटासट , सटासट , गपागप ,गपागप

वो घोंट रही थी , उसके भैया घोंटा रहे थे। जबरदस्त धक्के ,

पर गीता सच में असली ननद थी। आ गयी बीच में ,गुड्डी से बोली ,

" आयी तो तू हो ,अपने मायके से भैया के पास , तो धक्का नीचे से तुंही लगावा। "

और गुड्डी ने हलके हलके धक्के अपने छोटे छोटे चूतड़ उछालते हुए लगाने चालू कर दिए , चुदवासी तो वो न जाने कब से थी और अब ये गीता उसकी सारी सरम लाज ,...सब। ...

और उसके भइया भी ,... वो बोले " काहें आयी हो ,... "

" चोदवाने " खिलखिलाते हुए उनकी बहिनिया बोली।
Andaj nayi, komal mam ki writing style (xp) wohi... Dil ko jo chu jaaye.... Ek mithi ahhh ke sath... Btw I'm back💗
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
92,302
304
गीता -गुड्डी की जुगलबंदी






और गीता ने इनके पिछवाड़े से अपनी दोनों उँगलियाँ निकाली और उसी से आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , तोड़ के सीधे मेरी ननद के मुंह में और मेरी ननद ने गपक कर लिया।

गीता ने बड़ी जोर से मुझे आँख मारी।

इनके पिछवाड़े से निकली, लिथड़ी चुपड़ी गीता की ऊँगली, गुड्डी रानी के मुंह में, गप्प, अभी तो गीता की बदमाशियों की, किंक्स की शुरुआत हुयी थी , मैंने गीता को आँखों से थम्प्स अप किया, लगी रहो गीता रानी।

गुड्डी अपने भैया की बाहों में , और उन्होंने सम्हाल के उसे अपनी गोद में बिठा लिया , खूंटा अभी भी अंदर तक धंसा था , पूरा। दोनों एक दूसरे को पकडे जकड़े ,


' चल भौजी हम तोंहे खियाय देंगी , आखिर ननद की बात मानी आपने ,.. " और गीता ने आमलेट का एक बड़ा सा टुकड़ा , गुड्डी को दिखाय के अपने मुंह में और फिर गीता के मुंह से गुड्डी के मुंह में , गीता उन्हें भी अपने मुंह से कुचला ,अधखाया ,थूक से लिथड़ा , और वो इनके मुँह से भी गुड्डी के मुंह में ,

मैं भी उसी तरह कभी गुड्डी के मुंह में अपने मुंह से तो कभी गीता के मुंह में ,... ( आखिर वो भी तो मेरी ननद थी ,असल से बढ़कर )

और सच में उन दोनों के हाथ बिजी थे , एक हाथ उनके गुड्डी के कच्चे टिकोरों को मींजने रगड़ने में लगे तो दूसरा गुड्डी की पीठ को पकडे , और गुड्डी ने भी एक हाथ से उनके सर को पकड़ रखा था , और दूसरे हाथ से ,

और वो अंदर घुसा हुआ ,

चार चार अंडे के आमलेटों के साथ साथ हलवा भी था और मैंगो जूस भी ,...

आधे घंटे तक खाना पीना चला उसके बाद एक बार फिर ,... एक राउंड से गीता थोड़े ही छोड़ने वाली थी।

गीता ने जबरदस्त छेड़छाड़ चालू कर दी , और किसकी अपनी नयकी भौजी की ,... वही गाभिन होने के लिए और पिछवाड़े के फटने के बारे में ,

आखिर मुझे ही अपनी छोटी ननदिया के सपोर्ट में आना पड़ा ,,


अरे दोनों भैया बहिनी मान गए हैं ,तिरबाचा भर दिया है , तो गाभिन तो ये होंगी ही. बस अगले पांच दिन वाली छुट्टी के बाद इसकी पांच दिन वाली छुट्टी की ही छुट्टी हो जायेगी नौ महीने तक। और अगर उस पांच दिन वाली छुट्टी के बाद फिर दुबारा इसकी गुलाबो , पांच दिन के लिए लाल हुईं तो ये तो बोल ही चुकी है , ... तुम जिससे चाहना उससे इसे गाभिन करवा देना , पर ये भइया की बहिनी भी तो अपने भइया के बीज से ही , .... काहें के लिए इधर उधर ,.. और रही बात पिछवाड़े की , ...अभी तो तेरे सामने खुद ये मोटे बांस पर चढ़ चुकी है , ... तो जैसे अगवाड़ा फटा , वैसे पिछवाड़ा भी फट जाएगा। अरे ये यहाँ आयी ही फड़वाने है ,.... "

लेकिन गीता को चुप कराना आसान थोड़े ही है , और बात भी वो अपनी जुबान में करती है ,बल्कि गुड्डी की जुबान भी वही करवा के दम लेगी वो,उसने एकदम साफ़ साफ़ पूछ लिया ,एकदम डायरेक्ट ,...

" भौजी ,कितना दिन हो गए पिछली बार माहवारी हुए , अगली कब होगी ?"
मुझे लगा की गुड्डी शायद अब बुरा मान जाए पर उसने कतई बुरा नहीं माना फिगर में तो , हाईस्कूल में मैथ्स में उसके १०० में १०० नंबर थे , झट से जोड़ दिया उस शोख ने , और वो भी अपने भइया की ओर मुखातिब होकर ,

" भइया ,जब आप आये थे न अबकी , तो बस उसके ठीक दो दिन पहले आंटी जी की टाटा बाई बाई हुयी थी। हफ्ते भर थे आप लोग , और आज मुझे आये दूसरा दिन है , तो सात , दो और दो , कुल ग्यारह दिन पहले ,... ख़तम हुयी थी। मेरी अट्ठाइस दिन की साइकिल है एकदम कैलेण्डर देख कर , ... तो १७ दिन बाद , फिर वो पांच दिन ,.. "


लड़कियाँ तो इतना खुल के अपनी सहेलियों से अपने पीरियड्स की चर्चा नहीं करतीं और ये बहना अपने भइया से ,.... मैं देखती रह गयी. फिर मुझे याद आया की ,... इन्होने ही तो बताया था , जब ये हाईस्कूल में आयी थी और मेरे वो ,उसके कच्चे टिकोरों को देख के लिबराते थे , एक शादी में ,... उसने खुद इनसे केयरफ्री लाने को बोला , बाद में मेसेज दे दिया , छुट्टी ख़तम नो नीड ,... ये तो ये ही इतने सीधे डरपोक थे , वरना कोई भी चापे बिना नहीं छोड़ता

लेकिन गुड्डी के अंक गणित मेरा काम आसान कर दिया , ... १७ दिन तक तो ये दिन रात,... छह सात दिन तो यहाँ इसकी कबड्डी ,... और फिर इसे मेरे गाँव , .... कब ये मेरी सास पर यहाँ चढ़ाई करेंगे तो उनकी बहन पर मेरे गाँव वाले ,.... पूरे दस दिन तक ,.. और जब ये ,.... इनकी ममेरी बहन लौटेगी तो फिर एकाध दिन में उसकी पांच दिन वाली छुट्टी ,... फिर उसके दस बारह दिन बाद गर्भाधान संस्कार ,...

पर गीता तो एकदम डायरेक्ट एक्शन ,... उसकी निगाह भी एकदम कैलेण्डर पर ,...

" ठीक है , तो ओकरे बाद कउनो गोली वाली नहीं ,समझ लो ,... मैं खुद चेक करूंगी एक एक चीज , भौजी , भइया क गाढ़ी रबड़ी मलाई खाओगी न तो खुदे दूध देने लगोगी। "
गुड्डी को चढ़ाने के लिए उसको सपोर्ट करना जरूरी था, जिस तरह किसी बांकी हिरनिया के लिए हांका किया जाय दोनों ओर से , मैं और गीता मिल के उसे घेर रहे थे ,

मैं गुड्डी की ओर से बोली ,और गीता को चढ़ाया ,

" अरे हमारी ननद कउनो कमजोर नहीं , उमरिया की बारी है अभी तो क्या हुआ , वो दूध देने को भी तैयार है , और गाभिन होने को भी लेकिन उसके लिए जिसको मेहनत करनी हो ,उसे तो कुछ करना वरना पड़ेगा।

गुड्डी कुछ कम शोख ,शरारती नहीं थी। मेरा साथ मिला और वो और शरीर हो गयी , उनके सोते मूसल की ओर देख कर बहुत हलके से बोली ,

" ये तो अभी सो रहा है ,... "

" देखा निचोड़ के रख लिया मेरी ननद ने , ... " मैंने भी गुड्डी का साथ दिया ,पर गीता हिम्मत हारने वाली नहीं थी , वो गुड्डी के पीछे पड़ गयी।

" अरे भौजी तो तू काहें के लिए हो ,खाली घोंटने के लिए ,चुदवाने के लिए ,... सो रहा है तो जगाने का काम भी तुम्हारा ही है , ज़रा हाथ में पकड़ो ,सहलाओ ,... "

उनकी ममेरी बहन के कोमल कोमल हाथ, लगते ही 'वो ' तन्ना गया। और गुड्डी सिर्फ पकड़े थोड़े ही थी ,हलके हलके दबा रही थी ,सहला रही थी। अंगूठे और तर्जनी के जोर से उसने सुपाड़ा खोल दिया और फिर अंगूठा सीधे पेशाब वाले छेद पर, कुछ देर हलके हलके वहां दबाया , फिर तर्जनी के लम्बे नाख़ून से वहन सुरसुरी की ,...

उस टीनेजर की उँगलियों में जादू था ,कुछ ही देर में वो कड़ियल नाग जग गया ,लेकिन गुड्डी ने छोड़ा नहीं , आखिर मेरी ननद थी , अब वो सिर्फ उनके मोटे लंड के बेस पर अंगूठे से दबा रही थी ,कभी उनकी बॉल्स को स्क्रैच कर देती तो कभी मुट्ठी में बॉल्स पकड़ के दबा देती और जिस तरह से वो उनकी ममेरी बहन उनकी ओर देख कर ,मुठियाते हुए मुस्करा रही थी , उस किशोरी की आँखे उन्हें उकसा रही थी ,


बस थोड़ी देर में उनकी हालत ख़राब और हुआ वही जो होना था


वो ऊपर, उनकी बहन नीचे

सटासट , सटासट , गपागप ,गपागप

वो घोंट रही थी , उसके भैया घोंटा रहे थे। जबरदस्त धक्के ,

पर गीता सच में असली ननद थी। आ गयी बीच में ,गुड्डी से बोली ,

" आयी तो तू हो ,अपने मायके से भैया के पास , तो धक्का नीचे से तुंही लगावा। "

और गुड्डी ने हलके हलके धक्के अपने छोटे छोटे चूतड़ उछालते हुए लगाने चालू कर दिए , चुदवासी तो वो न जाने कब से थी और अब ये गीता उसकी सारी सरम लाज ,...सब। ...

और उसके भइया भी ,... वो बोले " काहें आयी हो ,... "

" चोदवाने " खिलखिलाते हुए उनकी बहिनिया बोली।
Revo evening se 😊
 

komaalrani

Well-Known Member
22,140
57,376
259
एक राउंड और, भैया बहिनिया का



और उसके भइया भी ,... "छेड़ते हुए पूछा काहें आयी हो ,... "

" चोदवाने " खिलखिलाते हुए उनकी बहिनिया बोली।

मैं ये मौक़ा क्यों छोड़ देती अपनी ननद को रगड़ने का , मैंने पूछ लिया " किससे ,... "




" अपने भइया से ,... " गुड्डी भी , वो शोख न सिर्फ बोली , बल्कि नीचे से अपने स्कूली लौंडो छाप चूतड़ उठा के जोरदार धक्का भी मारा , और सर उठा के अपने भइया को चूम भी लिया।

" भाई चोद " मैंने अपनी ननद को छेड़ा ,... "

" भाभी , वो तो मैं हूँ ,.... " मुस्कराती हुयी मेरी शोख शरीर ननदिया बोली।

बस इसके बाद जो होना था वो हुआ ,क्या करारा धक्का उसके भइया ने मारा , एकदम सुपाड़ा सीधे बच्चेदानी पर ,... काँप गयी वो ,हलकी सी चीख निकल गयी उस किशोरी की।





उनका पिछवाड़ा सहलाते मैं ने उन्हें चिढ़ाया ,
" बहनचोद ,... "

पर उन्हें बोलने की जरूरत नहीं थी , गीता थी न उनके साथ ,बोल पड़ी वो ,

" अरे , बहनचोद तो हैं ही ये ,... लेकिन इनसे ज्यादा इनकी बचपन की छिनार बहिनिया जिम्मेदार है , जिल्ला टॉप माल। "

पर मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया , अभी तो तुझे मादरचोद भी बनाना है , जानू और इसी घर में इसी बिस्तर पर जिस भोंसडे से निकले हो उसी भोंसडे में घुसवाऊँगी तेरा मूसल , कोई मेरी ससुराल वाली बचेगी नहीं , चाहे उसकी झांटे अभी निकलना शुरू हुयी हैं , चाहे दो चार बच्चों की माँ हो ,भोंसड़ी वाली। भइया बहिनी की जबरदस्त चुदाई चालू हो गयी थी , और गीता के रहते ,... तो उनके हर धक्के का मेरी ननद जबरदस्त धक्के से जवाब दे रही थी। साथ में चूमना चाटना, उसके कच्चे टिकोरों पर दांत गड़ाना ,

रात में तो कमरे में कोई नहीं था , पर इस समय दिन दहाड़े ,... वो भी गीता के सामने ,जबरदस्त चक्की चल रही थी , फिर साथ में गालियों की फुहार ,



मैं समझ रही थी ,... आज अभी थोड़े देर पहले ही ये झड़े हैं तो आधे घंटे चालीस मिनट से पहले अगला राउंड पूरा नहीं होगा , इसलिए उस जोड़े को मैंने गीता के भरोसे छोड़ा और खुद किचेन में , डेढ़ से ऊपर हो रहा था,...

मैंने झट से तहरी चढ़ा दी , मैंगो जूस के लिए चार आम मिक्सी में डाल दिए , मैराथन एक्सरसाइज के बाद कुछ हलका फुल्का ही ठीक रहेगा , और जल्दी से हो भी जाएगा ,...



बिस पचीस मिनट बाद बेडरूम से जो सिसकियाँ आ रही थीं , अब तेज तेज चीखें आ रही थी। किचेन का काम समेटने के बाद मैं आध घंटे बाद पहुंची तो , ... मान गयी मैं गीता को ,



गुड्डी रानी अभी भी नीचे थी , लेकिन थोड़ी साइड पोज में , यानि , इनका मोटा मूसल अब मेरी ननद की कच्ची चूत ,में रगड़ते हुए ,... और रात में जहाँ झिल्ली फटी थी ,बस उसे ही रगड़ते हुए , दरेरते हुए



मैं समझ रही थी की मेरी ननद की कैसी परपरा रही होगी , और एक बार जब उन्होंने पूरा बाहर निकाल कर रगड़ते हुए ठेला , तो मेरी ननद की जहाँ फटी थी , वहीँ ,... जोर से छरछरा गयी

उईईईईई ओह्ह्ह्हहह उईईईईईई उफ़्फ़्फ़ ,.... जोर से चीखी वो , जैसे जान निकल गयी हो , और अगला धक्का उन्होंने उससे भी तेज लगाया ,...

गीता मुझे देखकर मुस्करायी और मैंने आँखों ही आँखों में हाई फाइव किया , यही तो मैं चाहती थी की मेरी 'सीधी साधी ' ननदिया की खूब ऐसी की तैसी ,... और इसी लिए मैं उसे पटा कर फंसा कर ले आयी थी , और मुझे मालूम था की गीता उसकी तस्सली बख्स मरम्मत करेगी , और अभी तो शुरुआत थी ,

एक बार उन्होंने फिर पोज बदला ,

गुड्डी को आलमोस्ट दुहरा कर दिया , सारे तकिये गीता ने सीधे गुड्डी के चूतड़ के नीचे , और अब उन्होंने गुड्डी के मस्त चूतड़ पकड़ लिए थे ,

गुड्डी के चूतड़ छोटे छोटे थे लेकिन खूब कड़े ,एकदम बबल बॉटम ,देख कर किसी भी उसकी गांड मारने का मन करेगा ,



बस दो तीन दिन और ,... फटेगी उस की गांड भी ,





क्या करारा धक्का मारा उन्होंने अपनी बहिना की बुर में , मेरी सास का भोंसड़ा भी होता न तो एकदम से चीख उठती वो ,

गुड्डी की आँखों में आंसू तैर गए पर दोनों हाथों से उस टीनेजर ने चादर पकड़ ली , अपने दांतो से होंठ दबा लिए ,

और उन्होंने दुबारा , अबकी शर्तिया सुपाड़ा बच्चेदानी से टकराया होगा। कुछ ही देर में हचक के चुदाई चालू हो गयी थी , दोनों ओर से।

पांच दस मिनट और ,... पहले गुड्डी झड़ी , ...फिर साथ में वो भी ,...


लेकिन अबकी मैंने और गीता ने उन लोगो को देर तक चिपका चिपकी करने का मौक़ा नहीं दिया। दो बज रहे थे ,...

गीता गुड्डी को लेकर एक बाथरूम में घुस गयी और मैं दूसरे बाथरूम में लेकर इनको , ...
 
Last edited:

Star Lover

New Member
28
57
14
सच्ची वो मुझे इतने प्यारे लगते थे , झूठ नहीं बोलूंगी ,...



Teej-101569229-135780368088426-2409313448593719296-o.jpg







मैंने कभी शादी के लिए पूजा पाठ नहीं किया वो बस ऐसे ही मिल गए।

लेकिन करती तो शायद उनके ऐसा ही चाहती, लेकिन मैं ये बात कभी उनसे बताती नहीं थी।

बस इस डर से कहीं बिगड़ गए तो ,या फिर किसी की नजर लग गयी ,...




और प्लीज , प्लीज आप लोग भी उनसे कभी बताएगा मत। प्रामिस ,पक्का वाला न



" भूल गए भुलक्कड़ आज कौन दिन है , "


अपने जोबन की बरछी उनके सीने में जोर जोर से चुभाती ,गड़ाती मैंने पूछा।

Teej-125186832-741807183349777-4536395042925062527-n.jpg


और उन्हें याद आ गया।

आफिस के दिनों में तो उन्हें फार्मल ,सेमी फार्मल पहनना पड़ता था ( हालांकि वो भी मैं ही सेल्केट करती थी और निकाल के देती थी , पत्नी का ये हक़ मैंने नहीं छोड़ा था )

लेकिन वीक एन्ड सिर्फ हमारा होता था , रात में उन्हें एक पुर्जी निकाल के ,.. और वो ड्रेस पहन के वो मेरे पास आते थे , और वीक एन्ड की रातें सोने के लिए थोड़े बनी होती हैं।


मैंने चिट्स का डिब्बा उनके सामने कर दिया।

चिट ले के वो गायब हो गए ,बस थोड़ी देर में।


अपने बेड रूम में पहुँच के नाइटी में चेंज कर के मैं बिस्तर पर लेट गयी थी।


baby-doll-a-20170728105433-11691.jpg

अभी मुश्किल से दस बज रहा था ,


मेरे कितने सीरियल छूट गए थे ,मैंने टीवी आन किया ,नाइट बल्ब जलाया और बाकी लाइट बंद कर दी /



सीरियल अभी शुरू ही हुआ था की वो आ गए ,
Komal Ji behetareen Lekhani, Magar aik prashn. Agar kahani ki naayika Aapne Pati se itna pyaar karti hai to wo usse ghar ke saare kaam kyu karwati hai........
 
Top