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दो बातें एक तो कोचंग के बारे में दूसरी जो जेठानी से,...पुनश्च
साथ ही कोचिंग संस्थान और उनकी काली पृष्ठभूमि, आपके ज्ञान का हर आयाम अदभुत है।
मेरे जैसा पाठक जो लीव एप्लीकेशन से लेकर गाय पर निबंध भी ढंग से नहीं लिख पाया वो भी यदि आपके लेखन पर टिप्पणी करे या मार्गदर्शन का क्षीण सा भी प्रयास करें तो यह धृष्टता की पराकाष्ठा ही कही जाएगी।
परंतु रायबहादुर होने की आदत के चलते आपका ध्यान अवश्य आकर्षित करना चाहता हूं, अन्यथा नहीं लीजिएगा। वो यह कि आप की एक कहानी मोहे रंग दे एवं इस कहानी की जीठानियां अपने यथार्थ रूप में हमारे समाज में विद्यमान हैं और इस तथ्य से हम सभी परिचित भी है और सहमत भी।
इस कहानी की जेठानी ने गुड्डी के बारे में जो प्लानिंग की थी कहानी की नायिका कोमल की प्लानिंग उससे कहीं अलग ना होकर कही उससे भी वीभत्स होती जा रही है।
कहानी आपकी हैं अतः निर्णय भी आपका ही होगा और मुझ जैसे पाठक को शिरोधार्य होगा।
हां यह अलग बात है कि मुझ जैसे पाठक अवश्य जेठानी के हश्र का और खासतौर पर एन (नगमा) का इंतजार कर रहे हैं। जिसे दिया का भाई और कहानी के नायक भगा - भगा कर, दौड़ा - दौरा कर, थकाकर लेवे साथ ही संदीपवा के लिए कमल जीजू तो बहुत ही परफेक्ट है और ये सब यदि गुड्डी और दिया के सामने हो तो मजा ही आ जावे। वैसे गुड्डी का जेठानी की मारना शेष है।
मन मैं बात थी, कह ली, जी हल्का हो गया। बाकी आपके ऊपर।
आप जैसी मूर्धन्य लेखिका को कुछ कह भी सकूं ऐसी स्थिति में नहीं हूं। बस मन की बात कह लेने की हिम्मत की है। कृपया अन्यथा न लेवे।
सादर
तो दूसरी बात का कुछ उत्तर तो मेरे एक मित्र ने आपको दे दिया और आपने स्वीकार भी कर लिया है लेकिन मैं थोड़ा अपनी ओर से भी
लेकिन मैं पहले अपनी गलती स्वीकार करती हूँ की मैं शायद अच्छी तरह से अपनी बात नहीं रख पायी, पात्रों का चित्रण कर पाने में चूक हुयी जिससे मैं जो रंग भरना चाहती थी उसे उकेरना चाहती थी वो नहीं हो पाया अन्यथा आप ऐसे दुर्लभ सुधी पाठक ऐसी बात नहीं कहते और आपने कहा इसके लिए आभार , मुझे स्पष्टीकरण का मौका मिला,...
मेरा आशय इस पंक्ति से था,... इस कहानी की जेठानी ने गुड्डी के बारे में जो प्लानिंग की थी कहानी की नायिका कोमल की प्लानिंग उससे कहीं अलग ना होकर कही उससे, भी,...
तो गुड्डी की कोचिंग की अगर बात करें तो मैं अनुरोध करुँगी एक बार फिर से पन्ने पलट कर पेज १३९ पर जाएँ
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Erotica - जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
जोरू का गुलाम भाग ९३उदासलेकिन वो बिचारे ,गुड्डी से ज्यादा तो वो ,उन्होंने बात बदल दी और गुड्डी से पूछा ," हे तेरा इंटर के बाद क्या प्लान है। "और मैं फिर बीच में कूद गयी ," अरे इंटर का कोर्स कर लिया बिना इंटरकोर्स के तो ,... "लेकिन गुड्डी की ओर से जवाब दे दिया मेरी जेठानी ने ,"...
मैं सिर्फ कुछ लाइने कोट कर रही हूँ,... बाकी आप पढ़ेंगे तो पृस्ठभूमि और स्पष्ट हो जायेगी,...
जोरू का गुलाम भाग ९३
उदास
लेकिन जो जवाब गुड्डी ने दिया तो माहौल बदल गया।
उसके भैया के इस सवाल ने की तेरा इंटर के बाद क्या प्लान है एकदम से माहौल बदल दिया, उसका चमकता चेहरा जैसे बुझ गया।
अब तक तो हम लोगों के मजाक का वो खुल के मजा ले रही थी लेकिन उसके भैय्या के सवाल ने एकदम उसको जैसे उदास कर दिया।
" क्या करुँगी ,कुछ नहीं करुँगी , बस ,... " उसके चेहरे पर उदासी के बादल छा गए थे।
" मतलब ,... " हम तीनों एक साथ बोले।
मामला सीरियस हो गया था।
,
" मतलब , मतलब क्या बस यहाँ ,इस छोटे से शहर में ,... आप तो ,... बस इंटर कर लिया ,नंबर भी अच्छे आ जाएंगे ,बस बी एस सी कर लूंगी और कालेज हैं तो वहां भी एडमिशन अक्टूबर से पहले होगा नहीं , ... बस घर में बैठी रहूंगी दो तीन महीने फिर बी एस सी बस। " उदास हो के वो बोली।
जैसे कोई अचानक हिम्मत हार बैठा हो, उसकी सब उम्मीदें एक बारगी ख़त्म हो गयी हो। मैंने उसे हरदम हँसते मुस्कराते चिढ़ाते देखा था, पहली बार ऐसा बुझा बुझा उदास चेहरा देख रही थी, सारी शोखी ख़तम हो गयी थी।
" लेकिन तू मेडिकल क्यों नहीं ट्राई करती ,... " मेरे दिमाग में जो आया मैंने पूछ दिया।
" हाँ तेरी भाभी सही तो कह रही हैं , तू तो इत्ती इंटेलिजेंट है ,हाईस्कूल में तेरे ९८. ७८ % आये थे ,साइंस और मैथ में १०० % , बायोलॉजी भी तेरी बहुत अच्छी है , मेडिकल , बढ़िया डाक्टर बनेगी तू। "
इन्होने भी उसकी हिम्मत बढ़ाने की कोशिश की। बात इनकी एकदम सही थी, पढ़ाई में काफी तेज थी वो।
उसका चेहरा और उदास हो गया , जैसे चांदनी काले बादलों से घिर जाये , मुश्किल से बोल पायी ,
" भैय्या आप भी न। "
हम सब लोग चुप थे ,किसी के कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या बोले हम दोनों उसके उदास चेहरे को देख रहे थे और जेठानी जी हम दोनों को,...
फिर वो बोली , न जाने जैसे कब का कहाँ का गुबार फूट पड़ा।
" मेडिकल बिना कोचिंग के हो पाता है क्या , और कितना मुश्किल है कोचिंग में एडमिशन , फिर यहाँ तो कोई कोचिंग वोचिंग है भी नहीं ,टेस्ट भी यहाँ नहीं होते ,उसके लिए भी बाहर जाओ , दिन भर वहां रहो , और फिर अगर कही एडमिशन हो भी गया तो , उसकी फ़ीस , फिर दूसरे शहर में जा के रहना , ... "
" तुमने स्काई कोचिंग ट्राई की क्या , " गलती से मेरे मुंह निकल गया।
" भाभी मैं ,... मुझे मालूम नहीं क्या उस कोचिंग के बारे में। लेकिन आपको शायद नहीं मालूम होगा की कितना मुश्किल है उसमें ऐडमिशन। लोग कहते हैं मेडिकल में ऐडमिशन आसान है उस कोचिंग में मुश्किल। अगर एक बार उस में एडमिशन मिल जाए ने फिर तो मेरे ऐसे के लिए सी पी एम् टी क्रैक करना बच्चों का खेल है लेकिन ऐडमिशन उसमे ,मेरी एक सहेली है एकदम टॉपर ,मुझसे भी ४-५ नंबर ज्यादा आते हैं उसके , सिर्फ पढ़ाई ,... दो साल से यहाँ भी किसी लोकल कोचिंग में ,... लेकिन जानती है वो बैठी थी स्काई की कोचिंग में ,,... लेकिन वेटिंग में १२६ वां नंबर था उसका। जब की दूसरे शहर में जा के उसने टेस्ट दिया और अब , कोई सागर कोचिंग है जो फोर्थ फिफ्थ नंबर की है वो जाके उसने ज्वाइन कर ली है। और स्काई वालों का तो एड्मिसन टेस्ट चार महीने पहले ही क्लोज हो गया। अब तो उनके बैचेज भी शुरू हो गए हैं। "
और ऊपर से जेठानी, उन्हें जैसे गुड्डी की ये सब बातें बहुत बुरी लग रही थीं, उसे समझाते हुए बोली, बोल वो उससे रही थीं , लेकिन टारगेट उनके देवर थे,
" अरे तो क्या हुआ, क्या इस शहर में लड़कियां नहीं है , सब की सब बाहर जाती हैं क्या, यहीं एडमिशन ले लो , कुछ नहीं तो बी एड कर लेना कउनो प्रायमरी स्कूल में मिल जायेगी टीचरी न कहीं जाने की जरूरत न, फिर शादी बियाह करके,... काहें परेशान हो रही हो , फिर पहले इंटर का रिजल्टवा तो आने दो , केतना नंबर आता है, ... ओकरे बाद,... अरे हमहुँ हाईस्कूल इंटर किये हैं "
एक तो उस लड़की का चेहरा ऐसा फिर ऊपर से जेठानी की ये बात, इतना गुस्सा आ रहा लेकिन बोल तो सकती नहीं थी , और इनकी हालात मुझसे भी खराब, जिस तरह से तमतमा के उन्होंने अपनी भाभी को देखा , फिर वही मोबाइल की बटन,
गुड्डी नाख़ून से फर्श कुरेद रही थी, चेहरा नीचे किये, बस आंसू नहीं निकल रहे थे, चेहरा एकदम रुंवांसा
उसकी आवाज अब , वो शोख ,शरीर ,खिलंदड़ी लड़की , एकदम ,
पर ये न , और ये क्या सारे मरद , जब कोई परेशानी की बात फंसती है तो बस वो मोबाइल में घुस जाते हैं ,
एकदम शुतुरमुर्ग की तरह , बस टेक्स्ट टेक्स्ट टेक्स्ट
इनकी सब आदतें मुझे अच्छी लगती हैं ,सिवाय इसके। मन करता था की बस मोबाइल हाथ से छीन के फेंक दूँ। मोबाइल न हो गया मेरी सौत हो गयी।
बिचारी लड़की इत्ती परेशान और ये ,...
और फिर गुड्डी ने एक बात बोली और मैं,...
" कौन है मेरा ,... " वो बहुत धीमे से बोली
लेकिन मेरा दिल , जल के मैं बोली।
" ये तेरे बगल में जो बैठे हैं वो किस मर्ज की दवा हैं ,क्या खाली राखी बंधवाने के लिए ,... "
और इनको मैंने घूर के देखा। मोबाइल पर वो अब कोई मेसेज पढ़ रहे थे , लेकिन गुड्डी की बात शायद उनके कान में पड़ गयी ,उसे और अपनी ओर खींचते हलके से वो बोले ,
" मैं हूँ न ,आगे से ऐसी बात बोलना मत। "
गुड्डी की हालत थोड़ी सुधरी , वो और उनसे चिपक के ,... लेकिन मेरा गुस्सा कम नहीं हुआ। मैं उसी टोन में बोली ,
" बिचारि वो कुछ कह रही है , और तुम मोबाइल में घुसे हो ,. खाली राखी बंधवाने के लिए , .... "
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" और क्या भाभी ,इत्ती देर से मैं बोले जा रही थी आप से। बेस्ट मेडिकल कोचिंग , एक बार बस उसमें ऐडमिशन हो गया तो समझिये मेडिकल में एडमिशन हो गया। टॉप १०० में ९७ स्टूडेंट्स उसकी कोचिंग के। ९८.५ % रिजल्ट था लास्ट ईयर ,एक बार खाली एडमिशन हो जाय बस ,... "
गुड्डी की चाहत उसकी आवाज में झलक रही थी।
गुड्डी की आवाज में एक बार फिर मजबूरी छलक रही थी,
" ... लेकिन वो मेरे लिए नहीं है, एक तो उसकी फ़ीस कितनी ज्यादा है,... एक मेरी क्लास की लड़की ने प्रॉस्पेक्ट्स मंगाया था, उसके भाई दिल्ली में रहते हैं उनसे। बहुत ज्यादा, ... फिर कोर्स भी सब क्लास रूम, कोई ऑनलाइन या करस्पांडेंस नहीं, वहीँ रह के पढ़ो, ... तो फ़ीस के अलावा, कमरा, शेयर्ड रूम या पी जी लो तो भी , टिफिन और भी बहुत कुछ,... फिर अब तो एडमिशन भी क्लोज हो गया है , बैचेज भी शुरू हो गए हैं , अब तो कोई कोशिश करने से फायदा नहीं,... बेकार का मन बहलाने को,... लेकिन अगर किसी तरह से हो गया न तो मेडिकल में मेरा एडमिशन पक्का,... "
उसका दिल बैठा जा रहा था और मुझे भी बहुत खराब लग रहा था। लेकिन मैंने उसकी हिम्मत बंधाई,
गुड्डी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था, उसकी आँखे एकदम फैली हुई थीं, मुझसे बोली,
" भाभी प्लीज, ये मजाक वाली बात नहीं है मैंने प्रॉस्पेक्ट्स में उन दोनों लोगों की फोटो देखी है , एकदम स्मार्ट, मिसेज मल्होत्रा तो और,... सच बोलिये न आप दोनों लोग जानते हैं उन लोगों को या सिर्फ मेरा दिल बहलाने को बोल रहे हैं, वहां तो कोई छोटा मोटा क्लर्क भी भाव नहीं देता, मेरी सहेली की एक बेस्टी है दिल्ली में वो इसी का बड़ा नक्शा दिखा रही थी की एडमिशन में एक क्लर्क से उसकी भाभी की जान पहचान है। सच बोलिये , ऐसे ही देखा है कहीं या मुलाकात है, मेरा एडमिशन हो न हो, झूठ न बोलियेगा, ... "
मैं उसका सर दुलार से सहला रही थी, फिर उसको ढांढ़स दिलाते बोली
" अरे यार मैं ही न ,मेरे दिमाग में ही ये बात नहीं आयी की तू इंटर के बाद मेडिकल की कोचिंग करना चाहती है, इत्ती बार फोन पे बात हुयी लेकिन मैंने पूछा भी नहीं।
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इस पोस्ट में भी आप दोनों के रिएक्शन में फरक देख सकते हैं
कई बार मैंने इस का प्रयोग किया है ' पढ़ाई भी चढ़ाई भी " तो बस वही और आगे गुड्डी के आने के बाद भी उसकी पढ़ाई के सीन भी हैं न की सिर्फ सेक्स सीन
जहाँ तक गुड्डी का और उसके कजिन का दैहिक आकर्षण था वह एक बहुत नेचुरल अपॉजिट सेक्स का अट्रैक्शन था और उसमे गुड्डी की भी चाहत थी
जेठानी अपने जिस कजिन से सेटिंग कराना चाहती थी वो सिर्फ जबरदस्ती वाली बात थी, गुड्डी ने संदीप का हाथ झटक दिया था और जेठानी गुस्से में लबरेज और उन्होंने लम्बे चौड़े प्लान बनाये, और प्लान सिर्फ बनाये ही नहीं इम्प्लीमेंट भी,.. देवरानी को जलाने के लिए गैस खोल के रख दी थी पति के लिए फर्जी इम्पोटेंसी का सर्टिफिकेट बनवाया, यह सब लाल डायरी वाले भाग में था,...
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