नजदीकी संबंधों में सेक्स हीं इंसेस्ट है..
गुड्डी और कोमल जी के साजन ... मेरे ख्याल से इंसेस्ट की कैटेगरी में हीं गिने जाएंगे...
कह सकते हैं,
मैं इन्सेस्ट को दो कैटगरी में बांटती हूँ सॉफ्ट इन्सेस्ट और हार्ड इन्सेस्ट
हार्ड इन्सेस्ट का मतलब सगे भाई बहन या माता पुत्र - कई बार xxx फ़िल्में भी इन्हे वर्जित मानते होने स्टेप मॉम या सौतेली माँ ही दिखाते हैं,... एम् आई एल कैटगरी की कई फिल्मो में इस तरह का डिस्क्लेमर भी रहता है,... और अब तक मात्र के कहानी- छुटकी ----" में मैंने इन संबधो का जिक्र किया
सॉफ्ट इन्सेस्ट - कजिन्स - विशेष रूप से ममेरी या मौसेरी बहन औरफुफेरा भाई - मेरी अधिकतर कहानियों में इस का प्रयोग है,... कुछ होली की कहानियों में सबसे पहले, फिर ननद की ट्रेनिंग में जहाँ पहली बार गुड्डी का कैरेकटर आया है ,...
कजिन्स इसलिए की वो अक्सर साथ नहीं रहते कभी कभी मिलते हैं तो उनमे विपरीत सेक्स का सहज आकर्षण डेवलप होता है , कई बार वो कजिन एक यंग लड़की के लिए रोल मॉडल भी होता है,... पर कजिन होने के नाते मिलने पर उतनी पाबंदी नहीं रहती
तो या टैबू है पर पॉसिबिल भी
एक और बात समाज शास्त्र के अनुसार इन्सेस्ट का संबध उन लोगो में दैहिक संबंध है जहाँ वैवाहिक संबंध वर्जित है और कजिन्स ख़ास तौर से मैटर्नल कजिन का मामला अलग अलग जगहों पर बदलता है , उत्तर भारत को छोड़ कर अधिकतर स्थानों पर यह संबंध मान्य है।
हिन्दू मैरिज एक्ट के सेक्शन ५ में भी यह लिखा है की कस्टम और यूसेज के आधार पर यह तय होगा यानी यह रूढ़िगत या धर्मगत बाध्यता नहीं है , स्थानीय परम्परा है।
पितृ सत्त्तात्मक समाज में गोत्र पितृ वंश के आधार पर चलता है इसलिए भी सम्भवत पैटर्नल कजिन पर वर्जना ज्यादा है , मैटरनल कजिन्स के साथ कम या नहीं।