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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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motaalund

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Me chhutne vali nahi hu komalji. Bas thoda time lagega regular aane me.

IMG-20230611-192825 Screenshot-20230611-192812 IMG-20230611-192759 IMG-20230611-192747
अरे बीच बीच में समय निकाल के दर्शन देती रहें....
 

motaalund

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Pictures to bahut achhi hei,lekin story mere ko samaj me nehi aa raha hei.
शौक ए दीदार है तो नजर पैदा कर...
एक बार शुरू से लेकर अब तक पढ़ें...
एकदम जादुई लेखनी...
एक बार पढ़ना शुरू करेंगे तो खुद ब खुद अगले एपिसोड का इंतजार रहेगा....
 

Sutradhar

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मैंने एक ऐसा डॉक्टर देखा था... जो एक साथ एक पेशेंट का नब्ज चेक कर रहा था... दूसरे का मुँह खुलवाए था... और तीसरे को आला लगाए था...
अब गुड्डी डॉक्टर बन रही है तो मल्टी टास्किंग तो हर तरह के काम में करना हीं होगा...
:)
मैंने एक ऐसा डॉक्टर देखा था... जो एक साथ एक पेशेंट का नब्ज चेक कर रहा था... दूसरे का मुँह खुलवाए था... और तीसरे को आला लगाए था...
अब गुड्डी डॉक्टर बन रही है तो मल्टी टास्किंग तो हर तरह के काम में करना हीं होगा...
 

komaalrani

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भाग ५९ कबड्डी ननद और भौजाई की



update posted, please read, like, enjoy and post comments.
 

komaalrani

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ये सारंग पर प्रकाश डालने का कष्ट करेंगी....
आप के सवाल कई बार सीधे लगते हुए भी उनके जवाब बड़े टेढ़े हो जाते है

आपने सारंग के बारे में जो बात कही तो मैं अपनी कहानी का वो अंश जो का त्यों उद्धृत कर देती हूँ जहाँ गुड्डी के लिए ये शब्द आया है,


" और उस किशोरी की निगाहें , बजाय बुरा मानने के , शरमा कर झुक जाने के , उन निगाहों से चार आँखों का खेल खेल रही थीं ,

वो बड़ी बड़ी चुलबुली हंसती गाती आँखे , कभी तिरछे तीर मारतीं जो सीधे दिल में घुस जाता , और कभी बड़ी बड़ी पलकें उठाकर वो मृगनयनी जब देखती , और अपनी पलकें झुका लेती तो बस वो देखने वाला कैद हो जाता। उस सारंग नयनी की बड़ी बड़ी कजरारी आँखे , न हाँ करतीं , न ना करती लेकिन जिस तरह से वो देखतीं एक उम्मीद का दीया जरूर जगा देतीं।"

तो बात उस किशोरी की आँखों की हो रही हैं,

और जिक्र उस कमसिन की आँखो का चला है तो कुछ शेर याद आ गए,... ग़ालिब का बहु प्रचलित शेर-

कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीरे-नीमकश को,
ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता।


या खुदा -ए सुखन मीर का ,

'मीर' इन नीमबाज आंखों में सारी मस्ती शराब की-सी है,
खिलना कम-कम कली ने सीखा है तेरी आंखों की नीमबाजी है।

1. नीमबाज - अधखुली, आधी खुली हुई आँख, नशीली आँख 2.नीमबाजी - अधखुलापन

तो बात नीमनिगाहों की है , और शब्द का अर्थ अगर उस संदर्भ में देखेंगे तो पहले ही उस नीमकश निगाह के लिए मृगनयनी शब्द का प्रयोग हो चुका इसलिए दूसरी बार मृग या हिरण के पर्यायवाची के तौर पर सारंग का इस्तेमाल हुआ, मृगनयनी = सारंग नयनी = हिरण सी आँखों वाली,...

लेकिन जैसे एक अर्थ के लिए अनेक शब्द होते हैं और उनका उपमा में दुहराव से बचने के लिए प्रयोग होता है ( मृगनयनी , सारंगनयनी ) उसी तरह एक शब्द के अनेक अर्थ होते हैं और यमक अलंकार में उसका प्रयोग होता है, कनक कनक ते सौ गुना सबसे सामान्य उदाहरण है,...

सारंग शब्द सूरदास जी को बहुत प्रिय है, और काव्य कौतुक के लिए या एक कूट काव्य के लिए मैं उनके के पद की कुछ पंक्तिया उद्धृत कर रही हूँ जिसमें सारंग शब्द अनेक बार आया है और हर बार अलग अर्थ में

पद के अंत में सारंग के अलग अलग अर्थ भी हैं

सारंग (१) नैन बैन बर सारंग (३ ) सारंग (३) बदन कहे छबि कोरी
सारंग (४) अधर सुघर कर सारंग (५), सारंग जाति, (६) सारंग (७) मति भोरी।

१. मृग, २, कोयल ३. चन्द्रमा ४ सुरस ५ कमलनाल ६ पद्मिनी जाति की स्त्री, ७ स्त्री

कुल १९ अर्थों में सारंग शब्द का प्रयोग हुआ है,इस पूरे पद में


पर मैंने सिर्फ मृग नैनी के पर्यायवाची के तौर पर सारंगनयनी का प्रयोग किया है।
 
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Sutradhar

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आप के सवाल कई बार सीधे लगते हुए भी उनके जवाब बड़े टेढ़े हो जाते है

आपने सारंग के बारे में जो बात कही तो मैं अपनी कहानी का वो अंश जो का त्यों उद्धृत कर देती हूँ जहाँ गुड्डी के लिए ये शब्द आया है,


" और उस किशोरी की निगाहें , बजाय बुरा मानने के , शरमा कर झुक जाने के , उन निगाहों से चार आँखों का खेल खेल रही थीं ,

वो बड़ी बड़ी चुलबुली हंसती गाती आँखे , कभी तिरछे तीर मारतीं जो सीधे दिल में घुस जाता , और कभी बड़ी बड़ी पलकें उठाकर वो मृगनयनी जब देखती , और अपनी पलकें झुका लेती तो बस वो देखने वाला कैद हो जाता। उस सारंग नयनी की बड़ी बड़ी कजरारी आँखे , न हाँ करतीं , न ना करती लेकिन जिस तरह से वो देखतीं एक उम्मीद का दीया जरूर जगा देतीं।"


तो बात उस किशोरी की आँखों की हो रही हैं,

और जिक्र उस कमसिन की आँखो का चला है तो कुछ शेर याद आ गए,... ग़ालिब का बहु प्रचलित शेर-

कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीरे-नीमकश को,
ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता।


या खुदा -ए सुखन मीर का ,

'मीर' इन नीमबाज आंखों में सारी मस्ती शराब की-सी है,
खिलना कम-कम कली ने सीखा है तेरी आंखों की नीमबाजी है।

1. नीमबाज - अधखुली, आधी खुली हुई आँख, नशीली आँख 2.नीमबाजी - अधखुलापन

तो बात नीमनिगाहों की है , और शब्द का अर्थ अगर उस संदर्भ में देखेंगे तो पहले ही उस नीमकश निगाह के लिए मृगनयनी शब्द का प्रयोग हो चुका इसलिए दूसरी बार मृग या हिरण के पर्यायवाची के तौर पर सारंग का इस्तेमाल हुआ, मृगनयनी = सारंग नयनी = हिरण सी आँखों वाली,...

लेकिन जैसे एक अर्थ के लिए अनेक शब्द होते हैं और उनका उपमा में दुहराव से बचने के लिए प्रयोग होता है ( मृगनयनी , सारंगनयनी ) उसी तरह एक शब्द के अनेक अर्थ होते हैं और यमक अलंकार में उसका प्रयोग होता है, कनक कनक ते सौ गुना सबसे सामान्य उदाहरण है,...

सारंग शब्द सूरदास जी को बहुत प्रिय है, और काव्य कौतुक के लिए या एक कूट काव्य के लिए मैं उनके के पद की कुछ पंक्तिया उद्धृत कर रही हूँ जिसमें सारंग शब्द अनेक बार आया है और हर बार अलग अर्थ में

पद के अंत में सारंग के अलग अलग अर्थ भी हैं

सारंग (१) नैन बैन बर सारंग (३ ) सारंग (३) बदन कहे छबि कोरी
सारंग (४) अधर सुघर कर सारंग (५), सारंग जाति, (६) सारंग (७) मति भोरी।

१. मृग, २, कोयल ३. चन्द्रमा ४ सुरस ५ कमलनाल ६ पद्मिनी जाति की स्त्री, ७ स्त्री

कुल १९ अर्थों में सारंग शब्द का प्रयोग हुआ है,इस पूरे पद में


पर मैंने सिर्फ मृग नैनी के पर्यायवाची के तौर पर सारंगनयनी का प्रयोग किया है।
वाह क्या बात है कोमल जी

आपकी विवेचना भी अद्वितीय है और आप भी ।

सादर
 

anvesharonny

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लग गया ताला गुड्डी के



बादल उमड़ घुमड़ रहे थे , लग रहा था आज सारी रात जम कर बारिश होगी। बादल और चांदनी भी आँख मिचौली खेल रहे थे , कभी बादल चांदनी की आँखे मींच देते तो कभी चांदनी , छुड़ाकर , हंसती मुस्कराती गाती ,... हवा में हल्की सोंधी सोंधी महक थी , जैसे कहीं दूर पानी बरसा हो , और वहां का ये संदेसा पवन लेकर टहल रहा हो ,

कार के रेडियों पर गिरिजा देवी गुनगुना रही थीं ,

बरसन लागी सावन बुँदियाँ , ... बरसन लागी



अच्छा हुआ मैं जल्दी निकल गयी थी , निकलते ही हेड मेट्रन का मेसज आ गया , प्रोसीजर हो गया है , और वो गुड्डी के साथ डाक्टर गिल के घर पर ही हैं , उन्होंने एक फ़्लैट हॉस्पिटल में ही बना रखा था , ... मैं वहीँ पहुँच जाऊं। १२ मिनट में मैं गुड्डी के पास थी , हेड मैट्रन उसके साथ बैठी थीं ,

डाक्टर गिल से मैं मिल तो नहीं पायी लेकिन उन्होंने सारी बातें हॉस्पिटल में घुसने के पहले फोन पर साफ़ कर दिया था बड़ी जोर से उन्होंने बधाई दी और बोला की हम दोनों की ननद की बुरिया में अब ताला लग गया है, जिसके आगे चाहे टांग फैलाये,...

मेरे मुंह से निकल गया तांबे का ताला,... तो वो हंसती रही बोली नहीं, फिर उन्होंने कहा की उन्होंने गुड्डी से बात की थी उसे पीरियड्स में कई बार ज्यादा ब्लिडिंग्स होती है तो,...

लेकिन मेरी बात काटने की आदत मैं बोली उठी, अरे अभी जो पीरियड्स होंगे, तो होंगे उसके बाद नौ महीने की छुट्टी, ... लेकिन डाक्टर गिल ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया और अपनी बात जारी रखी,... बोलीं



"तो मैंने तांबे का ताला नहीं लगाया, ... "
मेरे मुंह से चीख निकलते निकलते बची, ... " तो "

और वो जोर से खिलखिलाई और उन्होंने मामला साफ किया, एक और ताला आता है , हार्मोनल आई यू डी , मिरेना नाम से इसमें कई फायदे हैं, एक तो ये प्लास्टिक का बना होता है और एक हारमोन रिलीज करता है, प्रोजेस्टोजेन। ये असल में दो ब्रांड का आता है एक कायलिना और दूसरी मिरेना, पहली वाली में काम हार्मोन रिलीज होता है और जो ननद रानी की बुर में है वो ज्यादा,... और इतनी सेक्सी ननद के लिए कंजूसी क्यों हारमोन में "

खिलखिलाती हुयी वो बोलीं,... मेरे कुछ समझ में आया कुछ समझ में नहीं आया. लेकिन मैंने एक कॉमन सेन्स वाला सवाल लेकिन लोग अक्सर तांबे के ताले की बात क्यों करते है , फरक क्या है द

और उन्होंने समझा दिया, तांबे का ताला का सबसे बड़ा फायदा होता है की दस साल तक गाभिन होने से छुट्टी और मैं अब एक बार फिर बोल उठी, लेकिन हमारी ननद रानी तो महीने भर अंदर गाभिन होंगी,...



" एकदम, इसलिए ये हारमोन वाला , दो तीन साल के लिए ये काफी होता है और अपने को तो बस महीने भर की चिंता है उसके बाद एक बार अपने भैया से गाभिन हो गयी फिर तो चाहे जहाँ टांग फैलाये,... " डाक्टर गिल ने समझाया क्यों उन्होंने हारमोन वाला चुना, और उसका एक्स्ट्रा फायदा,...



वो चुप हो गयीं और मैं इन्तजार करती रही फिर खुद ही बोलीं,

" यार ऐसा मस्त सेक्सी माल मैंने बहुत कम देखा है वो भी इस उमर में और डाक्टर भौजाई होने का क्या फायदा, तो देखो आजकल के लौंडे जेब में वैसलीन की शीशी लेकर तो टहलते नहीं,... तो जितनी गीली रहे उतना उसे मजा भी आएगा और उतनी जल्दी खुद टाँगे भी फैलाएगी। तो कोई भी कन्या जब गर्माती है, उस का मन करता है तो एस्ट्रोजेन और एक दो हारमोन निकलते हैं जिससे बिलिया गीली होती है, ... और लड़की का खुद मन करता है स्साला जयादा रोमांस न करे बस ठोंक दे,... लेकिन गुड्डी रानी की बिल में ही उसकी फैक्ट्री लगी है वो बूँद बूँद रिसता रहेगा और किसी ने कभी कपडे के ऊपर से भी बिल के ऊपर छू भी दिया तो वो सब हारमोन ज्यादा मात्रा में,.... "



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मैं खुश हो गयी लेकिन ज्ञान की गंगा बह रही हो तो चुल्लू भर पानी से किसे संतोष होगा तो मैंने प्रिग्नेंसी कैसे रुकेगी वाला घिसा पिटा सवाल पूछ लिया और मेरी पक्की सहेली ने समझा भी दिया , थी तो मैं भी इंटर तक बायोलॉजी साइड से लखनऊ के लोरेटो में,...


" देख यार ये जो हारमोन निकलता है प्रोजेस्टिन वो सर्वाइकल म्यूकस को खूब गाढ़ा कर देता है और यूटेरस की लाइनिंग को भी प्रोटेक्ट कर देता है जिससे मर्द का स्पर्म अंदर नहीं पहुँच पायेगा,... दूसरा रास्ता ये अपनाता है की ये ओव्यूलेशन भी रोक देता है इसलिए पिरयड्स में भी वैजाइनल ब्लीडिंग नाम मात्र को होगी, ... तो पांच दिन में ननद रानी की छुट्टी नहीं होगी, गाड़ी चलती रहेगी। लेकिन एक फायदा और है "


अबकी मैंने हुंकारी भी नहीं भरी, और मेरी सहेली ने बता दिया,... यार हम दोनों की ननद के जोबना मस्त है लेकिन थोड़े से और बड़े हो जाएँ तो दूर से हेड लाइट दोनों,... तो ये हार्मोन उसे भी और गदरा देंगे, बड़े तो होंगे लेकिन कड़े भी रहेंगे। ये हारमोन ब्रेस्ट के ग्रोथ में भी हेल्प करते हैं, और साथ में अगर रोज मालिश करते रहे तो खूब मस्त,...



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ये बात तो एकदम मेरे मन की थी.

लेकिन एक सवाल अभी भी मेरे मन में गूँज रहा था,... गुड्डी को गाभिन करने वाली बात और उस का भी जवाब डाक्टर गिल के पास था, ....

" सिम्पल,... यार जिस दिन पीरियड ख़तम होगा उसके दस दिन बाद एक बार मुझे दिखा लेना या वैसे ही मैं ओव्यूलेशन की टैबलेट दे दूंगी और कुछ फर्टिलिटी ड्रग्स,... बस दो दिन उसे भूखी रखना, मतलब कोई खूंटा अंदर न घुसे, न वो झड़े गरम चाहे जित्ती और बारहवें दिन या जिस दिन सुन्दर कन्या के गर्भाधान की साइत निकले बस उसी दिन सुबह,... मैं ये ताला खोल दूंगी



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और तीन दिन तक रोज अपने सामने उसके भैया की ताली लगवाना, गाभिन तो पहले दिन ही हो जायेगी लेकिन सेफ्टी के लिए तीन दिन बोल रही हूँ, और हाँ इस हारमोनल ताले का एक और फायदा है,...

' क्या " मैं नहीं रोक पायी फिर मैंने मन की बात कर ही दी,... दूध कितना,

: हाँ वही, ये जो हारमोन उसके ब्रेस्ट को बढ़ाएंगे न वो ब्रेस्ट में मिल्क डक्ट भी डेवेलप करेंगे, जिससे ब्रेस्ट खूब सॉलिड रहेंगे, और मिल्क ग्लैंड भी, तो जैसे ही वो गाभिन होगी उसके साथ ही मैं दो इंजेक्शन लगाउंगी जो लैकेटशन को,... सीधे ब्रेस्ट में लगेगें,... " उन्होंने समझाया

" जैसे गाय भैंस का दूध बढ़ाने के लिए,... " मैं बोली



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" हाँ डामपेरीडॉन, एकदम उसी तरह की, डिलवरी के हफ्ते भर पहले से, तेरे घर में दूध दही की नदियां बहेंगी,... "



लेकिन तबतक किसी नर्स की आवाज आई उस लड़की को होश आ गया है वाइटल्स स्टैबल हैं , ... और अचानक फोन कट गया,... मेरे मन में गीता की बात गूँज रही थी बार बार इनसे यही तो कहती थी की अपनी उस बहिनिया को ले आओ, चुदवायेगी वो खुद, गाभिन कराने की जिम्मेदारी मेरी और पहलौठी का दूध उसकी चूँची से निकाल निकाल के यह जंगबहादुर पे लगाउंगी तो ऐसा मोटा लम्बा तगड़ा दुनिया में नहीं मिलेगा,...



पार्शियल हुडोक्टोमी या कॉस्मेटिक हुड रिडक्शन भी डाक्टर गिल ने कर दिया था, गुड्डी की क्लिट एक मोटी मसल्स से ढंकी थी इसलिए अराउजल उसका बहुत स्लो ।उसके हटने पर अब क्लिट का एक बड़ा हिस्सा एक्सपोज्ड रहता, और एक तो उसकी चुनमुनिया देखने में भी अच्छी लगती दूसरे बस जरा सा उस जादू के बटन को छूने की देर थी और वो गरमाने लगती, ...




फिर अब वो हार्मोनल आई यू डी जो एक अलग तरह का मेरी सहेली ने लगाया था उससे और तेज असर होता, डाक्टर गिल ने क्लिट पे एक इंजेक्शन भी लगाया था और ये बोला था की एक क्रीम है जो रोज नहाने के बाद और सोने के पहले पांच दिन तक लगा ले. कुछ दिन में ही क्लिट भी डेकोरेशन के लायक हो जायेगी।

तबतक हॉस्पिटल आ गया था आलमोस्ट अँधेरा, सन्नाटा पसरा, एक सिक्योरिटी वाला मेरी गाडी पहचान के अंदर ले गया।

---

मैंने जब गुड्डी को वो सुपर मिनी ट्यूब टॉप दिया तो उसने पहले तो मुंह बनाया , फिर जब चेंज करने के लिए बाथरूम की ओर जाने के लिए मुड़ी तो हँसते हुए हेड मैट्रन ने गाउन की स्ट्रिंग खींच दी और सरक कर सररर , नीचे ,

"रानी अभी तो नंगी पुंगी , मेरे सामने दो घंटे से टाँगे फैलाये और अब शरम , अरे भाभियों के सामने ननदें नंगी ही अच्छी लगती हैं , "

लेकिन जब मैं गुड्डी को थांग देने लगी तो उस हेड मैट्रन ने रोक दिया ,



अगले आठ घंटे तक इसकी बुलबुल को हवा खाने दो , उसके बाद ढकना।



कुछ देर बाद हमारी कार एक रेस्टोरेंट की ओर , ... दस बज रहे थे , लेकिन जिधर मैं जा रही थी उधर तो पार्टी दस बजे शुरू होती है.

स्साली मेरी ननद ने आज आग लगा दी। जिसको देखो उसकी निगाह उसी पर चिपकी ,
Another informing thread.
 

anvesharonny

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आप के सवाल कई बार सीधे लगते हुए भी उनके जवाब बड़े टेढ़े हो जाते है

आपने सारंग के बारे में जो बात कही तो मैं अपनी कहानी का वो अंश जो का त्यों उद्धृत कर देती हूँ जहाँ गुड्डी के लिए ये शब्द आया है,


" और उस किशोरी की निगाहें , बजाय बुरा मानने के , शरमा कर झुक जाने के , उन निगाहों से चार आँखों का खेल खेल रही थीं ,

वो बड़ी बड़ी चुलबुली हंसती गाती आँखे , कभी तिरछे तीर मारतीं जो सीधे दिल में घुस जाता , और कभी बड़ी बड़ी पलकें उठाकर वो मृगनयनी जब देखती , और अपनी पलकें झुका लेती तो बस वो देखने वाला कैद हो जाता। उस सारंग नयनी की बड़ी बड़ी कजरारी आँखे , न हाँ करतीं , न ना करती लेकिन जिस तरह से वो देखतीं एक उम्मीद का दीया जरूर जगा देतीं।"


तो बात उस किशोरी की आँखों की हो रही हैं,

और जिक्र उस कमसिन की आँखो का चला है तो कुछ शेर याद आ गए,... ग़ालिब का बहु प्रचलित शेर-

कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीरे-नीमकश को,
ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता।


या खुदा -ए सुखन मीर का ,

'मीर' इन नीमबाज आंखों में सारी मस्ती शराब की-सी है,
खिलना कम-कम कली ने सीखा है तेरी आंखों की नीमबाजी है।

1. नीमबाज - अधखुली, आधी खुली हुई आँख, नशीली आँख 2.नीमबाजी - अधखुलापन

तो बात नीमनिगाहों की है , और शब्द का अर्थ अगर उस संदर्भ में देखेंगे तो पहले ही उस नीमकश निगाह के लिए मृगनयनी शब्द का प्रयोग हो चुका इसलिए दूसरी बार मृग या हिरण के पर्यायवाची के तौर पर सारंग का इस्तेमाल हुआ, मृगनयनी = सारंग नयनी = हिरण सी आँखों वाली,...

लेकिन जैसे एक अर्थ के लिए अनेक शब्द होते हैं और उनका उपमा में दुहराव से बचने के लिए प्रयोग होता है ( मृगनयनी , सारंगनयनी ) उसी तरह एक शब्द के अनेक अर्थ होते हैं और यमक अलंकार में उसका प्रयोग होता है, कनक कनक ते सौ गुना सबसे सामान्य उदाहरण है,...

सारंग शब्द सूरदास जी को बहुत प्रिय है, और काव्य कौतुक के लिए या एक कूट काव्य के लिए मैं उनके के पद की कुछ पंक्तिया उद्धृत कर रही हूँ जिसमें सारंग शब्द अनेक बार आया है और हर बार अलग अर्थ में

पद के अंत में सारंग के अलग अलग अर्थ भी हैं

सारंग (१) नैन बैन बर सारंग (३ ) सारंग (३) बदन कहे छबि कोरी
सारंग (४) अधर सुघर कर सारंग (५), सारंग जाति, (६) सारंग (७) मति भोरी।

१. मृग, २, कोयल ३. चन्द्रमा ४ सुरस ५ कमलनाल ६ पद्मिनी जाति की स्त्री, ७ स्त्री

कुल १९ अर्थों में सारंग शब्द का प्रयोग हुआ है,इस पूरे पद में


पर मैंने सिर्फ मृग नैनी के पर्यायवाची के तौर पर सारंगनयनी का प्रयोग किया है।
Behetarin varnan.
 
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