Mukesh singh
Member
- 151
- 399
- 79
Maa bete ka milan lagta hai bhul hi gayi ho aur sasu maa ka gyanआपकी बात झूठ थोड़े नहीं होगी।
Maa bete ka milan lagta hai bhul hi gayi ho aur sasu maa ka gyanआपकी बात झूठ थोड़े नहीं होगी।
You are absolutely right. some pictures are worth 1000 words and esp. of rain, they talk, emote and trigger avalanche of memory..Pics says a lot as compared to words.
Exactly, so in spite of very lukewarm response in the beginning, i began from the beginning, bowing to the rules of this forum, delete some parts bowing before the rules of the forum and added a lot of parts,many readers wanted to start from where i have left, but my worry was supposing some new readers comes along?
In that case the new additions will be missed by even readers who have previously read.
Its your right decision that posting afresh will infuse new freshness..
And more than that, i try to create a texture, a feel, and a girl who is committed for medical entrance exam, her dream, preparing in a high-level coaching and expecting that her name will come on billboard, can't be shown always only indulging in the sex, .... characters in my stories i avoid posting as sex objects, they live in a real world, with their aspirations, desires and conflicts.आखिर मेडिकल की तैयारी के लिए आई थी ..
तो उसकी तैयारी भी जोर -शोर से करनी पड़ेगी..
नहीं तो जेठानी के सामने नाक कट जाएगी...
और दस बातें सुनाएगी वो अलग...
मैं सोच रही थी कोई तो इसे नोटिस करेगा, और मुझे पूरा विश्वास था की कम से कम आप जरूर याद करेंगे,गुड्डी ने रेसनिक हैलिडे और इरिडोव की बात मिसजे मल्होत्रा को भी बताई थी, और उन्होंने अप्रिसिएशन भी जाहिर किया लेकिन उसके क्लास में जाने के बाद उन्होंने मुझे समझाया,...
ये पुराने दिनों की याद दिला देता है....
और कहानी की गहराई को इंगित करता है....
Superb.....
आपको याद होगा की गुड्डी ने कोचिंग में जब दाखिला लिया था उसी समय उस का स्वाट हुआ और ये पता चला की फिजिक्स न्यूमेरिकल उस की कमजोरियों में से एक है , इसलिए इस कहानी में कोचिंग का जब भी जिक्र आता है गुड्डी की जिन सब्जेक्ट में वीकनेस है उन्हें स्ट्रांग करने की, बात होती है। और स्पीड के लिए ही कैलकुलस और वैदिक मैथ का भी जिक्र आया था , उसी को आगे बढ़ाते हुए इस पोस्ट में उस का जिक्र आयाबायोलोजी में वैसे मैथ्स तो नहीं होता...
लेकिन कैल्कुलस फिजिक्स के न्यूमेरिकल को चंद सेकेंड का खेल बना देता है...
और ये स्पीड और एक्यूरेसी दोनों के लिए जरुरी है...
तभी लिमिटेड टाइम में ज्यादा से ज्यादा स्कोर हो सकता है...
ये डिटेल पढ़ कर अच्छा लगा...
कोचिंग के आस पास, खाने पीने की जो दुकाने होती हैं , हर तरह की, और हर तरह के लड़के लड़कियां भी होते हैं,.. कुछ सीरियस, कुछ नान सीरियस, कुछ सिर्फ आँखे सेंकने वाले, कुछ डोरे डालने वाले,... और वो उमर भी होती है की चाहे लड़का हो या लड़की हारमोन सबका जोर मारता है।जैसा देश वैसा भेष...
पढ़ाई के समय पढ़ाई और चुदाई के समय चुदाई...
मैं सिर्फ यही कह सकती हूँ,ऐसी शुद्ध हिंदी में जबरदस्त कहानी लिखने के लिए सेक्स स्टोरी का लेडी बुकर पुरस्कार तो कोमल जी को ही मिलना चाहिए।।
K की प्रधानता...
जैसे कोमल के कर कमलों का कमाल.. कुछ करामात और कुछ करिश्मा...