बहुत बहुत धन्यवाद,
बस आपका साथ रहे आपके कमेंट मिलते रहें फिर कितने लाख व्यूज हैं ,... आप ऐसे मित्रों के एक एक व्यूज को मैं लाख के बराबर समझती हूँ,
अगर व्यूज कम है ( अभी १८ लाख भी नहीं हुए करीब २०० पोस्टों पर तो औसत नौ हजार ही आएगा ) तो उसका बहुत सा कारण इस कहानी की एक खास हालत भी है,
जब यह कहानी मैंने फिर से इस फोरम पर शुरू की, तो बहुत से शुभाकांक्षी मित्रों ने सुझाव दिया था की कहानी जहाँ से फोरम बंद होने के कारण रुकी थी वहीँ से चालू करें, मुझे लगा यह नए पाठकों के लिए ठीक नहीं होगा, दूसरी बात कई बार पहले की घटनाओं के संदर्भ आएंगे तो क्या होगा,
तो मैंने कहानी फिर से एकदम शुरू से शुरू कर दी,... और यह बहुत ही नेचुरल था की जिन मित्र पाठकों ने कहानी पढ़ रखी थी, उन्हें अच्छी भी लगी, कितने प्रसंग उनकी स्मृति में भी थे तो क्यों उसे दुबारा पढ़ते,... इस लिए शुरू की पोस्टों में कमेंट्स भी कम मिले और व्यूज भी। कमेंटस और व्यूज जुड़े होते हैं , कमेंट्स न होने से कहानी का सूत्र पीछे हटता जाता है और नए पाठको की निगाह में भी नहीं पढता,
इस लिए पहले की दो पोस्टों के बीच अंतर बहुत कम है क्योंकि अगर कमेंट दो चार ही आये तो अगली पोस्ट अगले या दो पन्ने के बाद ही आ जाएगी,... शुरू में यही हुआ
अब इंडेक्स पहले पन्ने पर है तो देख सकते हैं
पृष्ठ ३ पर भाग ३ और ४ दोनों हैं
भाग ३ अब मेरी बारी २७ मई को पोस्ट हुआ और भाग ४ अगले ही दिन मई २८ को सिर्फ दो कमेंट्स के बाद
पहले ५० भाग ५७ पन्नो में ही थे इसलिए मैंने इंडेक्स की पहल नहीं की थी।
दो लाख व्यूज हुए ५७ भाग के बाद, पृष्ठ ७७ पर यानी ३५०८. ७७ व्यूज प्रति पोस्ट,...
इसी बीच कुछ निंदक नियरे राखिये टाइप मित्र भी आ गए कुछ ईंट पत्थर चले और कहानी कुछ दिनों के लिए रुक गयी ( पृष्ठ १०६ ) और पृष्ठ १०८ पर मैंने अपनी बात भी रखने की कोशिश की
लेकिन धीरे धीरे पढ़ने वालों की संख्या बढ़ी कमेंट करने वालो की भी
तीन लाख व्यूज हुए ७८ पोस्ट्स के बाद यानी प्रति पोस्ट व्यूज की संख्या बढ़कर पहुंची ३, ८४६. १५ /
लेकिन पिछले कुछ दिनों से व्यूज दस हजार से ऊपर चल रहे हैं यह बात सही है और अगर औसत कम है तो ये शुरूआती पोस्ट्स के कारण है
लेकिन मेरा कमिटमेंट, मेरी इस कहानी से और मेरे मित्र पाठकों से है
बस आप साथ देते रहे, हिम्मत बढ़ाते रहें,... कथा यात्रा आगे बढ़ती रहेगी।