मेरी पसंदीदा लेखिका कोमल जी से प्रेरणा लेकर....मैंने नपुंसक पति के कारण एक देवर और भाभी के बीच विकसित हो रहे कामुक संबंध पर कुछ पंक्तियाँ लिखने का निर्णय लिया है। मैंने इसे कुछ भागों में रखा है। मैं यहां अपने प्रिय दर्शकों के लिए पहला भाग पोस्ट कर रही हूं। अगर मुझे अपने पाठकों से अच्छी समीक्षाएं मिलीं तो मैं जल्द ही अन्य भाग भी पोस्ट करूंगी..आपके सुझावों और समीक्षाओं की तलाश में ……
पति का जैसा ही चाटा सुपारा
लौड़े ने छोड़ दी पानी की धारा
किसको अपनी व्यथा में सुनाऊ
जवानी की प्यास कैसे बुझाऊ
सखिया सुनाए है अपनी कहानी
कैसे रात भर लूटी उनकी जवानी
सीने में दर्द की लहर सी आये
दिल मेरा रोये और आँसू बहाये
दिवाली पे अब जब देवर घर आया
जवान मर्द देख मेरा मन ललचाया
सुबह मारे था वो आंगन में दंड
धोती में दिखे उसका खड़ा लंड
दिल में जागे सोये हुए अरमान
दबी हुई ख्वाइशे हो गई जवान
सोचने लगी मैं उसको कैसे पटाऊ
बिस्तार पे अपने कैसे उसको लाऊ
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