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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

arushi_dayal

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और आ गयी मिलन की रात

वो श्रृंगार और

किस तरीके से बात अपनी इशारे में देवर से कह दी, ... पति घर में नहीं है,... फिर भी चॉकलेट फ्लेवर्ड कंडोम,... देवर भी समझ गया होगा किसके लिए है,... मैं तो उस देवर की मनस्थिति सोच रही हूँ, जो कुंवारा है स्त्री प्रसंग का प्यासा है, भाभी भी रस की खान देख के तम्बू तन जाता है, घर में सिर्फ वो और भाभी,... जो उससे कंडोम मंगा रही है और अपने सिंगार का सामान,...

और ऊपर से ये चित्र उफ़ , चित्त को मोह लेने वाले , सिंगार के सजना के लिए नहीं देवर के लिए सजने के,... और फ्लेवर्ड कंडोम भी, जो बिन कहे सब कुछ कह दे रहा है,...

आप श्रेष्ठ नहीं सर्व श्रेष्ठ हैं

:thumbup::thumbup::thumbup::thumbup::thumbup::thumbup::thumbup:
ईमानदारी से बताऊँ कोमल जी...मैं आपकी टिप्पणियों का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। आपके द्वारा लिखा गया एक-एक शब्द दिल को सुकून देता है और लिखना जारी रखने और अच्छी सामग्री लिखने की प्रेरणा देता है। इसे लिखने में हमने जो भी प्रयास किए उसके लिए हमें न तो वजीफा मिल रहा है और न ही भुगतान, लेकिन सम्मानित पाठकों की ओर से सराहना के शब्द बहुत आराम और खुशी देते हैं। आपकी समीक्षा के लिए फिर से धन्यवाद. बहुत जल्द मैं अगला अपडेट पोस्ट करूंगी.
 

motaalund

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बहुत बहुत धन्यवाद

बात आपकी सही है अब मिसेज मोइत्रा दिन भर क्लब में और उनकी दोनों बेटियों की धुआंधार रगड़ाई घर में


आपका साथ रहेगा, स्नेह होगा तो कहानी आगे बढ़ती रहेगी
समय और मौके तो मिलते रहने चाहिए...
घर के अलावा भी..
स्कूल के रास्ते... कभी किसी कारणवश स्कूल से जल्दी छुट्टी हो जाए तब...
या कभी फटने के बाद मिसेज मोइत्रा मंजू के हवाले और उसी समय दूसरे कमरे में दोनों सालियां अपने जीजू के साथ...
या ऐसे हीं और कई मौके...
 

motaalund

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Triple century mushkil hai lekin kohsih karungi ki aap ko agar ye story pasand aati rhae to 25o tak
अभी तो कई खुलासे बाकी हैं..
तीज-त्योहार की मस्ती और छेड़ छाड़...
गुड्डी का मेडिकल कोचिंग.. वहाँ से एडमिशन .. रैगिंग..
गुड्डी के पिछवाड़े का उद्घाटन... आपके जीजू से और साथ में आपकी बहन का रंगारंग तड़का ...
गुड्डी का आपके गाँव जाना..
आपके सास का पदार्पण....
मिसेज मोइत्रा और उनकी दोनों कबूतरियां... अगवाड़ा और पिछवाड़ा दोनों...
कबूतरियों की स्कूल में रगड़ाई..
ऑफिस की उठा पटक और उसमें से निकलते किस्से...
और न जाने कितने प्रसंग जो अभी दिमाग में नहीं आ रहे..

तीन सौ से ऊपर तो निश्चित हीं.... कहानी के तार्किक परिणति के लिए...
 

motaalund

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Jo marzi ho jaye Raji hamesha aapke sath rahegi


Aapke liye mushkil kuch bhi nhi hai

Agar ekbaar iraada karlo to didi
Aapki determination bhi

aapki Raji jesi hi hai
So be optimistic
सही फरमाया...
इरादा तो उनका जरुर होगा ..
बस हम पाठकों के सपोर्ट की कमी रह जाती है...
 

motaalund

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Thanks but for your support and friends like you i would have lost courage mid-way. and when story in 15-20 posts will reach the place, where it was interrupted, due to unfortunate closure of the last forum, i can only say,

a big THANK YOU
Its other way round...
rather THANK YOU from our side
for introducing to such a marvelous story line and best presentation along with wide variety of human emotions.
 

motaalund

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shiatan ji always gets the perfection be it her story or her pics and ab to main besharmi se unki posts se pictures copy kar leti hun, dhadalle se aur ekdam hak se
इंटरनेट है हीं इसी का नाम..
इधर का माल उधर...
लेकिन आपने उनको क्रेडिट दे कर अपनी गरिमा बनाए रखी...
वरना यहाँ तो कई लोग...
 

motaalund

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ye sab aapki jarranavaji hai
नहीं... ये आपकी मेहनत और thought process का नतीजा है..

ऐसे ओरिजिनल कंटेंट से रूबरू करवाने के लिए...
जो भी तारीफ की जाए कम है...
 

motaalund

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komaalrani said:
bas jald hi 10 -12 pasts ke baad lekin mere kuch readers Kamal jija ke naam se hi naaraj ho jaate hain unse pahle maafi maangni padegi

कई पुरुष पात्र और स्त्री पात्र होने से संभावनाएं काफी बढ़ जाती है...
और तरह तरह के आसन दोनों वर्गों के लिए संभव हो पाता है...
 
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