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एकदम पहले सालियों का नंबर फिर सास काआएगा सास और कबूतरियों दोनों को मजा..
जब होंगे जड़ तक अंदर उनके जीजा...
और दोनों पीढ़ियां साथ आ जाएँ तो कहना ही क्या
एकदम पहले सालियों का नंबर फिर सास काआएगा सास और कबूतरियों दोनों को मजा..
जब होंगे जड़ तक अंदर उनके जीजा...
Part 12Ooooffhhhoooo arushi_dayal ji aaap kya kar ke maanengi.....
bohot hi sundar and kaamuk scene likh diya aapne....
Ufffff... Bhabhi ne gaand dene se mana kar diya lekin pura enjoy kar rahi hai....
upar se aapne gaand bhi dikha di.... aag mein ghee daalne ka kaam karti hai aap...
Aur fir bhabhi ko bina condom ke chudna hai... kyuki wo chamdi ki feeling lena chahti hai
aur NANGE LODE ka ehsaas karte hue us par jhadna chahti hai...
aise scene ko aapne kya bakhubi kam shabdo mein lekin pure satik andaz mein likh diya... jise pathako ko imagine karna hi padta hai..
aur jo imagine na karey us ke liye pics bhi haazir hain condom khichte hue..
Gazab...... likhti rahiye......
Part 12
अपने जिस्म की नीचे फिर लगा रोंदने
अलग अलग तरीके से वो लगा चोदने
फच फच का संगीत मेरे मन को भावे
जब कस कस के देवर धक्के लगावे
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भाभी ऐसी कसी है चूत तुम्हारी
जैसा चोदू मैं कोई कन्या कुंवारी
लन घुस तेरा ठोकर मारे है जहाँ तक
कोई नहीं अब तक पहुंचा वहा तक
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बन जाओ भाभी तुम मेरी लुगाई
दिन रात करूंगा तुम्हारी चुदाई
छुप छुप के मिलने में ज्यादा नशा है
देवर से चुदने में कुछ ज्यादा मजा है
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देवर भोग रहा था मेरी नशीली जवानी
और नीचे फर्श पे पड़ी पति की निशानी
लौड़े पे अपने फ़िर मुझको बिठाया
मम्मो को हाथो से कस के दबाया
धक्के वो नीचे से लगा मारने
लौड़े पे अपने मुझे लगा झारने
मंजिल के दोनो करीब आ गये
सम्भोग में तृप्ति को हम पा गए
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उबलता हुआ लावा वो लगा झारने
मेरे चेहरे पर पिचकारिया लगा मारने
पसीन से लथ पथ बिस्तर पे पड़ी थी
मत पूछो मैं वह रात कितनी झड़ी थी
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ऐसे खिल उठी थी आज मेरी जवानी
प्यासी धरती पर जैसा बरसा पानी
बरसों की आग हुई आज ठंडी
बिस्तर पे बन के देवर की रंडी
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Finally arushi_dayal ji ne bhabhi ko tripti tak pohocha hi diya..Part 12
अपने जिस्म की नीचे फिर लगा रोंदने
अलग अलग तरीके से वो लगा चोदने
फच फच का संगीत मेरे मन को भावे
जब कस कस के देवर धक्के लगावे
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भाभी ऐसी कसी है चूत तुम्हारी
जैसा चोदू मैं कोई कन्या कुंवारी
लन घुस तेरा ठोकर मारे है जहाँ तक
कोई नहीं अब तक पहुंचा वहा तक
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बन जाओ भाभी तुम मेरी लुगाई
दिन रात करूंगा तुम्हारी चुदाई
छुप छुप के मिलने में ज्यादा नशा है
देवर से चुदने में कुछ ज्यादा मजा है
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देवर भोग रहा था मेरी नशीली जवानी
और नीचे फर्श पे पड़ी पति की निशानी
लौड़े पे अपने फ़िर मुझको बिठाया
मम्मो को हाथो से कस के दबाया
धक्के वो नीचे से लगा मारने
लौड़े पे अपने मुझे लगा झारने
मंजिल के दोनो करीब आ गये
सम्भोग में तृप्ति को हम पा गए
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उबलता हुआ लावा वो लगा झारने
मेरे चेहरे पर पिचकारिया लगा मारने
पसीन से लथ पथ बिस्तर पे पड़ी थी
मत पूछो मैं वह रात कितनी झड़ी थी
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ऐसे खिल उठी थी आज मेरी जवानी
प्यासी धरती पर जैसा बरसा पानी
बरसों की आग हुई आज ठंडी
बिस्तर पे बन के देवर की रंडी
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thanks so much umeed hai sunday ko post kar dungiMadam new update kb aayega??
Part 12
अपने जिस्म की नीचे फिर लगा रोंदने
अलग अलग तरीके से वो लगा चोदने
फच फच का संगीत मेरे मन को भावे
जब कस कस के देवर धक्के लगावे
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भाभी ऐसी कसी है चूत तुम्हारी
जैसा चोदू मैं कोई कन्या कुंवारी
लन घुस तेरा ठोकर मारे है जहाँ तक
कोई नहीं अब तक पहुंचा वहा तक
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बन जाओ भाभी तुम मेरी लुगाई
दिन रात करूंगा तुम्हारी चुदाई
छुप छुप के मिलने में ज्यादा नशा है
देवर से चुदने में कुछ ज्यादा मजा है
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देवर भोग रहा था मेरी नशीली जवानी
और नीचे फर्श पे पड़ी पति की निशानी
लौड़े पे अपने फ़िर मुझको बिठाया
मम्मो को हाथो से कस के दबाया
धक्के वो नीचे से लगा मारने
लौड़े पे अपने मुझे लगा झारने
मंजिल के दोनो करीब आ गये
सम्भोग में तृप्ति को हम पा गए
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उबलता हुआ लावा वो लगा झारने
मेरे चेहरे पर पिचकारिया लगा मारने
पसीन से लथ पथ बिस्तर पे पड़ी थी
मत पूछो मैं वह रात कितनी झड़ी थी
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ऐसे खिल उठी थी आज मेरी जवानी
प्यासी धरती पर जैसा बरसा पानी
बरसों की आग हुई आज ठंडी
बिस्तर पे बन के देवर की रंडी
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एकदम, सारे बिंदुओं का उल्लेख होगा, कुछ टर्न भी होंगे , शार्प कर्व भीऐसी आशा बल्कि विश्वास है कि इस बार कहानी अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगी...
वो भी तर्कसंगत समापन के साथ.. जहाँ जेठानी और दिया का आगे क्या हुआ इसका एपिसोड भी हो...
आरुषि जी का यही असर होता है और हम सब को उनका आभारी होना चाहिए की वो इस सूत्र पर पधारींशब्द नही है बयान करने के लिए!! बस इतना समझ लिए हाल बेहाल करने वाली कविता
एकदम सही कहा आपनेएक सज्जन पुरुष/स्त्री संसार से कम ही लेता है मगर उन्हें कई गुणा लौटा देता है.
इसलिए आप अपनी प्रकृति के अनुसार कर्म करें...
चौंकने वाले तो अच्छे भले कार्य में दस कमियां निकाल देंगे...