यह आज पोस्ट किया जा रहा आखिरी भाग है। मैं अपने प्रिय पाठकों से मिले समर्थन और प्यार से अभिभूत हूं। आप सभी का धन्यवाद। आपके सुझावों के आधार पर पोस्ट करती रहूँगी
कंधे पे सर रख के फिर सो गई
मिट्ठे मिट्ठे सपनों में मैं खो गयी
देवर ने अंग अंग था मेरा निचोड़ा
घुसा के मेरी चूत में अपना घोड़ा
चुदाई क्या होती है अब ये मैंने जाना
बिस्तर पे देवर की ताक़त को माना
मीठा सा दर्द भी लग रहा आज प्यारा
पकड़ लिया फिर से देवर का सुपाड़ा
बोलो भाभी अब क्या मर्जी है तुम्हारी
गांड मरवाने की भी करो अब तैयारी
सौंप दिया है अब तूजे तन और मन
जहां दिल चाहे तेरा घुसा दे तू लन
भैया तेरा बिस्तार में बिल्कुल फिसड्डी
तेरे जैसा नहीं कभी खेल पाये कबड्डी
तेरा जैसा मर्द हाय हर औरत है चाहे
बिस्तर पे बीवी की जो भूख मिटावे
औरत नहीं चाहती ताज और तख्त
उसे बस चाहिए लंड मोटा और सख्त
भैया को भूलो और मेरे पास आओ
अपने कोमल अंगो से रस तो चखाओ
खुली पड़ी है तेरे आगे मेरी जवानी
चख लो जहां से भी चखना है पानी
चूत मेरी बहती हुई वो चटने लगा
भगनासा भी डांटो से काटने लगा
देवर जी अब जल्दी 69 मैं आओ
मुझ को भी अपना लौड़ा चटाओ
आ गई थी अब गांड चूदने की बारी
मैने घोड़ी बनाने की कर ली तयारी
देवर जी तुम्हारे अब तोहफ़े की बारी
सौंप रही तुमको मेरी ये गांड है कुँवारी
पहले लौड़े पे लगा लो थोड़ा तेल
फिर मेरी गांड में देना इसको पेल
गांड के छल्ले पे रख के सुपारा
धीरे से जालिम ने अन्दर उतारा
फाड दी थी गांड मेरी मेरे देवर ने आज
अपनी बड़ी भाभी का किया ना लिहाज
पकड़ मेरी कमर वो पेलने लगा
उछलते हुए मम्मो से खेलने लगा
भाभी इन मस्त चुचियो से दूध तुम कब पिलाओगी
पिला के दूध अपना मेरी भूख कब तुम मिटाओगी
देवर जी मेरी चूचिओ में दूध तब ही आएगा
अपनी गाड़ी मलाई जब कोख में जमायेगा
ऐसे अपनी भाभी को जो रोज़ तू बजाएगा
जल्दी ही मेरे बच्चों को बाप बन जायेगा
जालिम ने मेरी चूत की फ़िर धजिया उड़ा दी
चोद चोद के पूरी रात मेरी गांड भी सुजा दी
चाहती हूँ उसको मैं अब पूरे तन मन से
भुजाई मेरी प्यास जिसने अपने लन से