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छोटी साली भी तो तीखी मिर्च ही होती है, शादी में जूते चुराने, कोहबर में दरवाजा छेंकने से लेकर बाद में भीतीखी मिर्च का स्वाद ....
छोटी साली भी तो तीखी मिर्च ही होती है, शादी में जूते चुराने, कोहबर में दरवाजा छेंकने से लेकर बाद में भीतीखी मिर्च का स्वाद ....
एकदम दोनों ही कहानियों में अपडेट भी और जो कुछ कहानियां अच्छी लगती हैं उन पर कमेंट भीसबके अपने निजी कार्य होते हैं...
जिसमें में लोग व्यस्त हो जाते हैं...
सबसे पहला ध्यान तो आपका घर और आपके निकट संबंधियों और ऑफिस के कार्यों के संपादन होना चाहिए...
और जब फुरसत मिले तो अपने समयानुसार यहाँ पर भी नजरें इनायत करती रहें...
अरे पहले तो मोम ऐसे अंग को पत्थर ऐसा बनाती है, फिर तड़पाने नाक रगड़वाने के बादऐसी साली किस काम की जो जीजा को ना पिघला सके....
वो तो जीजा के पत्थर ऐसे अंग को भी मोम बना सकती है...
वाह क्या बात है मैं सही कह रही थी आरुषि जी का असरइसी चीज की तो कई दिनों से आस है...
इसलिए सब रिश्तों में जीजा साली खास है...
एकदम पति नहीं है जीजा ही काम आएगा, आखिर सगी बहने हैं बचपन से हर चीज मिल बाँट के खाती हैंबीवी ने सारे उपाय बता कर लाइन क्लियर है...
सिग्नल दे दिया...
अब तो दोनों बहनों की होगी जोरदार चुदाई..
फिर परदेश गए पिया की किसको याद आई....
सलहज का तो साली से पहले हक होता हैक्या पता सलहज हो और फिर वो भी नंदोई से....
चलिये आप ने कह दिया तो इन्साफ की तराजू पर तीनों तुलेंगी,नेकी और पूछ पूछ...
बंगाली ब्यूटीज के साथ इससे अच्छा इंसाफ और क्या हो सकता है...
डेंजरस कर्व्स अहेड, सीट बेल्ट बाँध कर रखेंये टर्न हीं तो एकरूपता हटाकर एक नए अंजान क्षेत्र की ऊँचाइयों पर ले जाता है...
अच्छा तो है उसने अपने कोटे से ज्यादा जीजा लोगों के साथ मजे ले लिए हैं फिर अभी अमेरिका में ही है वहीँ से सीधे काठमांडू इस रिपीट कम्बाइंड हनीमून के लिए आयी थी वहीँ से वापसमंझली साली तो अपने जीजा के सारे करामात का अनुभव करके जाएगी....
लेकिन बड़ी साली.. जिसे पहली रात हीं हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा...
वो इस अनुभव से महरूम रह जाएगी....
एकदमरास्ते बीवी ने बता दिए..
अब फाटक खोलने की बारी जीजाजी की है...