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जादू करती हैं आपकी कविताKya lajawab likha hai
रसभरे भीनरम... मुलायम और स्पंजी रोसोगुल्ले.....
Wow...super erotic update Madam.. the conversations between Guddi, Chutki and the elder was awesome!!जोरू का गुलाम अपडेट पोस्टेड
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जोरू का गुलाम अपडेट पोस्टेड
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Ohhhh komal ji, what a sexy update. You describe every small thing in such a detail that you feel it is happening in front of you. Marvellous writing.हुक्का बार
इन्होने हुक्का बार के मैनेजर को पहले ही सेट कर लिया था इसलिए जब ये अपनी दोनों सालियों के साथ पहुंचे तो वो खुद रिसीव करने आया , और बजाय रेस्टोरेंट में ले जाने के सीधे एक केबन जो असल में एक स्यूट था , ले गया। दोनों रसगुल्ले महा इम्प्रेस , और उसके साथ ही इन्होने वेट्रेस को भी एडवांस में ही खूब टिप्स दे दी थीं , बस , वो भी ,... इसलिए ये तय था की था इन लोगों को कोई बीच में डिस्टर्ब नहीं करेगा ,... बियर ने तो थोड़ा ही लेकिन असली खेल हुक्के का था,
पहला सुट्टा तो नार्मल था लेकिन दूसरे में प्योर शीशा टोबैको के साथ हलकी सी ,...
और उस का सुरूर दोनों के सर पर चढ़ कर बोलने लगा। आधे पौन घंटे बाद जब दोनों लड़कियां थोड़ी खुल गयीं तो थर्ड राउंड में , प्योर कश्मीरी ,... असली माल , जिसका एक सुट्टा किसी छिनार से छिनार की बुर में आग लगा दे ,... और यहाँ तो दोनों नयी खिलाड़ी थीं ,
और इस राउंड के पहले ही , छुटकी खुद इनकी गोद में बैठ चुकी थी , ये दोनों के उभारों के नाप जोख कर रहे थे , बड़की थोड़ी उचक रही थी। लेकिन उभार उसके भी पथरा रहे थे , टॉप के बटन ने इन्होने थोड़ी जबरदस्ती कर के उसके भी खोल दिए थे ,
पर एक दो सुट्टे के बाद , उसने खुद ही अपने टॉप के सारे बटन ,... और पहले जो ये पकड़ के अपने बल्ज के ऊपर उसका हाथ ला रहे थे और वो नखड़ा दिखा रही थी , खुद ही उनका हथियार पैंट के ऊपर से रगड़ मसल रही थी।
मैनेजर ने उन्हें बोल रखा था की वहां पूरी प्राइवेसी है , और वो चाहते तो , वहीँ ,...
और बाद में उनकी सालियों ने ही बताया की उन दोनों की कितनी सहेलियां , उस हुक्का बार में आ कर अपने टाँगे फैलाती थीं, कोई लड़की बताती थी की वो अपने ब्वाय फ्रेंड के साथ हुक्का बार से आ रही है तो अगला सवाल उसकी सहेलियां यही दागतीं थी , बोल कित्ते राउंड।
लेकिन वो उस राउंड का सुरूर ख़तम होने के पहले ही घर पहुँचाना चाहते थे , जहां आराम से
वहां भी छुटकी ने तो खुद पहुँचते ही अपना टॉप उतार दिए , और बड़की ने थोड़ा नखड़ा पेला तो अपनी बहन के दोनों हाथ पकड़ के ,
बस आराम आराम से उन्होंने बड़की का टॉप उतारा , ब्रा खोली और ,..
ये तो मैं जानती थी , मीजने मसलने में इनका कोई जवाब नहीं , अगर एक बार जिस लड़की के खुले जोबन पर इनका हाथ पड़ जाय , तो बस वो खुद टाँगे फैला देगी।
और वो सोच रहे थे ... मस्ती के सुरूर में, जैसे कहीं खो गए हों ,
" ये स्साली , ... नौवें ,...दसवें वाली लड़कियां ,... जस्ट ग्रोइंग बूब्स लेकिन आग लगाती हैं। "
( फोन पर उन्हें चिढ़ा के पूछ के मैंने सब बातें उगलवा ली थीं )
और यही बोले , बहुत मस्त हैं दोनों के , छोटे छोटे है एकदम रुई के फाहे जैसे , लेकिन ,...
और मैंने उकसाया , सिर्फ ऊपर से मीज कर छोड़ दिया था , या ,... और आगे की बातें उन्होंने पूरी की।
" अरे तेरी ट्रिक ,...तूने सही कहा था , वो बड़की थोड़ी ज्यादा ही ,... मैंने उसके कान में उसके लव लेटर्स के बारे में बताया और फिर तो आलमोस्ट अपनी गोद में बिठा के , खुल के मैंने उसके स्कूल टॉप के ऊपर से ,... पहले तो थोड़ा भिचकी , झटकने की कोशिश की
लेकिन मैंने कस के पकड़ रखा था , और एक बार उसके कान में उन चिट्ठियों के बारे में बोला बस , ... फिर तो एकदम खुल के
पहले तो हलके से सहलाया , दबाया , फिर जम के मीजा भी और टॉप के ऊपर से निप्स को भी , मस्त हैं एकदम निप्स उसके। "
वो चुप हो गए , और मैंने उन्हें छेड़ा भी नहीं , मुझे मालूम था खुद बोलेंगे
और बोले वो ,
हुक्का बार में तो खुद ही वो आ गयी मेरी गोद में और टॉप उठा के दोनों का खूब मैंने मीजा ,
अब मुझसे नहीं रहा गया ,
" अरे पूरा खोल के , उन दोनों के जुबना का रस ,... "
और मेरी बात काट के वो बोले भी और मुझे समझाने की कोशिश भी की ,
"असल में वो हुक्का बार में , ... वो तो नहीं मना कर रही थीं लेकिन मैं खुद ही , प्राइवेसी ,... इसलिए घर पहुँच कर "
" ये नहीं सुधरेंगे ,... प्राइवेसी की माँ की चूत ,... " मैंने सोचा। जिस हुक्का बार में किसी ब्वाय फ्रेंड के साथ जाने के नाम पर ही लड़कियां इन दोनों रसगुल्लों के स्कूल की ही लड़कियां आई पिल पहले खरीदती हैं , व्हाट्सएप पर बाद में पोस्ट करती हैं , और लौटते ही उनकी सहेलियां पहला सवाल यही पूछती हैं , कितना राउंड ,...वहां ये प्राइवेसी के मारे ढंग से टॉप भी नहीं उतार पा रहे थे। "
मैं कुछ नहीं बोली आगे का हाल उन्होंने ही खुलासा बताया ,
" छुटकी की थोड़ी ज्यादा बड़ी हैं , ... लेकिन दोनों की खूब रसीली , जस्ट ग्रोइंग ,... छोटी छोटी हैं लेकिन एकदम मस्त ,... "
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,
" कुछ किया भी या खाली निहारते रहे अपनी सालियों की छोटी छोटी चूँचियॉं। "
वो जोर से मुस्कराये ,
"सब कुछ किया , और जैसे मैंने किस किया , तेरी बहनों की हालत खराब हो गयी। "
उनकी जीभ का असर मुझसे ज्यादा कौन जानता था।
निप्स कैसे हैं , मुझसे नहीं रहा गया मैंने पूछ लिया ,
" पूछो मत ,... " वो बोले ' ललछौंहे , सुबह की धूप की तरह , बस आते हैं ,.. अंगूठे और तर्जनी के बीच लेके मैंने जैसे ही थोड़ा सा रगड़ा , बस ,... फिर चुभलाने , चूसने में तो पूछो मत इतना मजा आया दोनों का ,...
" और प्रेम गली ,... " देख तो मैंने खुद ही लिया था लेकिन उनके मुंह से सुनने की बात अलग थी
" एकदम चिकनी , झांटे बस लगता है कुछ दिन पहले ही निकलना शुरू हुयी हैं , लेकिन एकदम छोटी छोटी , गोल्डन ब्राउन ,... बस कहीं कहीं ,... दोनों फांके एकदम चिपकी ,... मैं ऊँगली करने की कोशिश की लेकिन एकदम टाइट ,.. मुश्किल से ,... "
वो उन दोनों रसगुल्लों में खोये थे लेकिन मैंने अगला सवाल पूछ लिया। जवाब मेरे पास था , लेकिन
" हे मुंह में लिया ,.. .. "
" हाँ छोटी ने खुद , ...
मुझे तो खुद दोनों ने बताया था
हाथों के साथ के इनके होंठ और जीभ भी कभी जस्ट आते हुए निपल फ्लिक करते तो कभी कस कस के सक करते , बड़की तड़प जाती लेकिन छुटकी से नहीं रहा गया और इन्हे खींच कर अपने ऊपर , कुछ देर बाद इनका एक हाथ छुटकी की छोटी छोटी चूँची रगड़ रहा था जो दूसरा बड़ी के जोबन मीज रहा था , और दोनों खुद खुल के मिजवा रही थीं।
दोनों बहनों का इन्होने एक साथ होने का पूरा फायदा उठाया , एक के साथ करते तो दूसरी ललचाती। और उसे ये और तड़पाते , खिजाते तो वो खुद ,
और मींजने मसलने का असर सामने आ गया , दोनों ने न इनका हथियार खुल के पकड़ा चूसा बल्कि साथ साथ फोटो भी ,
और उसका सबूत तो दर्जन भर सेल्फी जो दोनों रसगुल्लों ने मुझे भेजी थी , वो मेरे मोबाइल में था ही।
तो इन्होने दोनों को एकदम गरम कर दिया था बस अब तीज के दिन सिर्फ फीता काटने की देर थी।
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पहला सुट्टा तो नार्मल था लेकिन दूसरे में प्योर शीशा टोबैको के साथ हलकी सी ,...
और उस का सुरूर दोनों के सर पर चढ़ कर बोलने लगा। आधे पौन घंटे बाद जब दोनों लड़कियां थोड़ी खुल गयीं तो थर्ड राउंड में , प्योर कश्मीरी ,... असली माल , जिसका एक सुट्टा किसी छिनार से छिनार की बुर में आग लगा दे ,... और यहाँ तो दोनों नयी खिलाड़ी थीं ,
और इस राउंड के पहले ही , छुटकी खुद इनकी गोद में बैठ चुकी थी , ये दोनों के उभारों के नाप जोख कर रहे थे , बड़की थोड़ी उचक रही थी। लेकिन उभार उसके भी पथरा रहे थे , टॉप के बटन ने इन्होने थोड़ी जबरदस्ती कर के उसके भी खोल दिए थे ,
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और बाद में उनकी सालियों ने ही बताया की उन दोनों की कितनी सहेलियां , उस हुक्का बार में आ कर अपने टाँगे फैलाती थीं, कोई लड़की बताती थी की वो अपने ब्वाय फ्रेंड के साथ हुक्का बार से आ रही है तो अगला सवाल उसकी सहेलियां यही दागतीं थी , बोल कित्ते राउंड।
लेकिन वो उस राउंड का सुरूर ख़तम होने के पहले ही घर पहुँचाना चाहते थे , जहां आराम से
वहां भी छुटकी ने तो खुद पहुँचते ही अपना टॉप उतार दिए , और बड़की ने थोड़ा नखड़ा पेला तो अपनी बहन के दोनों हाथ पकड़ के ,
बस आराम आराम से उन्होंने बड़की का टॉप उतारा , ब्रा खोली और ,..
ये तो मैं जानती थी , मीजने मसलने में इनका कोई जवाब नहीं , अगर एक बार जिस लड़की के खुले जोबन पर इनका हाथ पड़ जाय , तो बस वो खुद टाँगे फैला देगी।
और वो सोच रहे थे ... मस्ती के सुरूर में, जैसे कहीं खो गए हों ,
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वो चुप हो गए , और मैंने उन्हें छेड़ा भी नहीं , मुझे मालूम था खुद बोलेंगे
और बोले वो ,
हुक्का बार में तो खुद ही वो आ गयी मेरी गोद में और टॉप उठा के दोनों का खूब मैंने मीजा ,
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और मेरी बात काट के वो बोले भी और मुझे समझाने की कोशिश भी की ,
"असल में वो हुक्का बार में , ... वो तो नहीं मना कर रही थीं लेकिन मैं खुद ही , प्राइवेसी ,... इसलिए घर पहुँच कर "
" ये नहीं सुधरेंगे ,... प्राइवेसी की माँ की चूत ,... " मैंने सोचा। जिस हुक्का बार में किसी ब्वाय फ्रेंड के साथ जाने के नाम पर ही लड़कियां इन दोनों रसगुल्लों के स्कूल की ही लड़कियां आई पिल पहले खरीदती हैं , व्हाट्सएप पर बाद में पोस्ट करती हैं , और लौटते ही उनकी सहेलियां पहला सवाल यही पूछती हैं , कितना राउंड ,...वहां ये प्राइवेसी के मारे ढंग से टॉप भी नहीं उतार पा रहे थे। "
मैं कुछ नहीं बोली आगे का हाल उन्होंने ही खुलासा बताया ,
" छुटकी की थोड़ी ज्यादा बड़ी हैं , ... लेकिन दोनों की खूब रसीली , जस्ट ग्रोइंग ,... छोटी छोटी हैं लेकिन एकदम मस्त ,... "
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,
" कुछ किया भी या खाली निहारते रहे अपनी सालियों की छोटी छोटी चूँचियॉं। "
वो जोर से मुस्कराये ,
"सब कुछ किया , और जैसे मैंने किस किया , तेरी बहनों की हालत खराब हो गयी। "
उनकी जीभ का असर मुझसे ज्यादा कौन जानता था।
निप्स कैसे हैं , मुझसे नहीं रहा गया मैंने पूछ लिया ,
" पूछो मत ,... " वो बोले ' ललछौंहे , सुबह की धूप की तरह , बस आते हैं ,.. अंगूठे और तर्जनी के बीच लेके मैंने जैसे ही थोड़ा सा रगड़ा , बस ,... फिर चुभलाने , चूसने में तो पूछो मत इतना मजा आया दोनों का ,...
" और प्रेम गली ,... " देख तो मैंने खुद ही लिया था लेकिन उनके मुंह से सुनने की बात अलग थी
" एकदम चिकनी , झांटे बस लगता है कुछ दिन पहले ही निकलना शुरू हुयी हैं , लेकिन एकदम छोटी छोटी , गोल्डन ब्राउन ,... बस कहीं कहीं ,... दोनों फांके एकदम चिपकी ,... मैं ऊँगली करने की कोशिश की लेकिन एकदम टाइट ,.. मुश्किल से ,... "
वो उन दोनों रसगुल्लों में खोये थे लेकिन मैंने अगला सवाल पूछ लिया। जवाब मेरे पास था , लेकिन
" हे मुंह में लिया ,.. .. "
" हाँ छोटी ने खुद , ...
मुझे तो खुद दोनों ने बताया था
हाथों के साथ के इनके होंठ और जीभ भी कभी जस्ट आते हुए निपल फ्लिक करते तो कभी कस कस के सक करते , बड़की तड़प जाती लेकिन छुटकी से नहीं रहा गया और इन्हे खींच कर अपने ऊपर , कुछ देर बाद इनका एक हाथ छुटकी की छोटी छोटी चूँची रगड़ रहा था जो दूसरा बड़ी के जोबन मीज रहा था , और दोनों खुद खुल के मिजवा रही थीं।
दोनों बहनों का इन्होने एक साथ होने का पूरा फायदा उठाया , एक के साथ करते तो दूसरी ललचाती। और उसे ये और तड़पाते , खिजाते तो वो खुद ,
और मींजने मसलने का असर सामने आ गया , दोनों ने न इनका हथियार खुल के पकड़ा चूसा बल्कि साथ साथ फोटो भी ,
और उसका सबूत तो दर्जन भर सेल्फी जो दोनों रसगुल्लों ने मुझे भेजी थी , वो मेरे मोबाइल में था ही।
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पहला सुट्टा तो नार्मल था लेकिन दूसरे में प्योर शीशा टोबैको के साथ हलकी सी ,...
और उस का सुरूर दोनों के सर पर चढ़ कर बोलने लगा। आधे पौन घंटे बाद जब दोनों लड़कियां थोड़ी खुल गयीं तो थर्ड राउंड में , प्योर कश्मीरी ,... असली माल , जिसका एक सुट्टा किसी छिनार से छिनार की बुर में आग लगा दे ,... और यहाँ तो दोनों नयी खिलाड़ी थीं ,
और इस राउंड के पहले ही , छुटकी खुद इनकी गोद में बैठ चुकी थी , ये दोनों के उभारों के नाप जोख कर रहे थे , बड़की थोड़ी उचक रही थी। लेकिन उभार उसके भी पथरा रहे थे , टॉप के बटन ने इन्होने थोड़ी जबरदस्ती कर के उसके भी खोल दिए थे ,
पर एक दो सुट्टे के बाद , उसने खुद ही अपने टॉप के सारे बटन ,... और पहले जो ये पकड़ के अपने बल्ज के ऊपर उसका हाथ ला रहे थे और वो नखड़ा दिखा रही थी , खुद ही उनका हथियार पैंट के ऊपर से रगड़ मसल रही थी।
मैनेजर ने उन्हें बोल रखा था की वहां पूरी प्राइवेसी है , और वो चाहते तो , वहीँ ,...
और बाद में उनकी सालियों ने ही बताया की उन दोनों की कितनी सहेलियां , उस हुक्का बार में आ कर अपने टाँगे फैलाती थीं, कोई लड़की बताती थी की वो अपने ब्वाय फ्रेंड के साथ हुक्का बार से आ रही है तो अगला सवाल उसकी सहेलियां यही दागतीं थी , बोल कित्ते राउंड।
लेकिन वो उस राउंड का सुरूर ख़तम होने के पहले ही घर पहुँचाना चाहते थे , जहां आराम से
वहां भी छुटकी ने तो खुद पहुँचते ही अपना टॉप उतार दिए , और बड़की ने थोड़ा नखड़ा पेला तो अपनी बहन के दोनों हाथ पकड़ के ,
बस आराम आराम से उन्होंने बड़की का टॉप उतारा , ब्रा खोली और ,..
ये तो मैं जानती थी , मीजने मसलने में इनका कोई जवाब नहीं , अगर एक बार जिस लड़की के खुले जोबन पर इनका हाथ पड़ जाय , तो बस वो खुद टाँगे फैला देगी।
और वो सोच रहे थे ... मस्ती के सुरूर में, जैसे कहीं खो गए हों ,
" ये स्साली , ... नौवें ,...दसवें वाली लड़कियां ,... जस्ट ग्रोइंग बूब्स लेकिन आग लगाती हैं। "
( फोन पर उन्हें चिढ़ा के पूछ के मैंने सब बातें उगलवा ली थीं )
और यही बोले , बहुत मस्त हैं दोनों के , छोटे छोटे है एकदम रुई के फाहे जैसे , लेकिन ,...
और मैंने उकसाया , सिर्फ ऊपर से मीज कर छोड़ दिया था , या ,... और आगे की बातें उन्होंने पूरी की।
" अरे तेरी ट्रिक ,...तूने सही कहा था , वो बड़की थोड़ी ज्यादा ही ,... मैंने उसके कान में उसके लव लेटर्स के बारे में बताया और फिर तो आलमोस्ट अपनी गोद में बिठा के , खुल के मैंने उसके स्कूल टॉप के ऊपर से ,... पहले तो थोड़ा भिचकी , झटकने की कोशिश की
लेकिन मैंने कस के पकड़ रखा था , और एक बार उसके कान में उन चिट्ठियों के बारे में बोला बस , ... फिर तो एकदम खुल के
पहले तो हलके से सहलाया , दबाया , फिर जम के मीजा भी और टॉप के ऊपर से निप्स को भी , मस्त हैं एकदम निप्स उसके। "
वो चुप हो गए , और मैंने उन्हें छेड़ा भी नहीं , मुझे मालूम था खुद बोलेंगे
और बोले वो ,
हुक्का बार में तो खुद ही वो आ गयी मेरी गोद में और टॉप उठा के दोनों का खूब मैंने मीजा ,
अब मुझसे नहीं रहा गया ,
" अरे पूरा खोल के , उन दोनों के जुबना का रस ,... "
और मेरी बात काट के वो बोले भी और मुझे समझाने की कोशिश भी की ,
"असल में वो हुक्का बार में , ... वो तो नहीं मना कर रही थीं लेकिन मैं खुद ही , प्राइवेसी ,... इसलिए घर पहुँच कर "
" ये नहीं सुधरेंगे ,... प्राइवेसी की माँ की चूत ,... " मैंने सोचा। जिस हुक्का बार में किसी ब्वाय फ्रेंड के साथ जाने के नाम पर ही लड़कियां इन दोनों रसगुल्लों के स्कूल की ही लड़कियां आई पिल पहले खरीदती हैं , व्हाट्सएप पर बाद में पोस्ट करती हैं , और लौटते ही उनकी सहेलियां पहला सवाल यही पूछती हैं , कितना राउंड ,...वहां ये प्राइवेसी के मारे ढंग से टॉप भी नहीं उतार पा रहे थे। "
मैं कुछ नहीं बोली आगे का हाल उन्होंने ही खुलासा बताया ,
" छुटकी की थोड़ी ज्यादा बड़ी हैं , ... लेकिन दोनों की खूब रसीली , जस्ट ग्रोइंग ,... छोटी छोटी हैं लेकिन एकदम मस्त ,... "
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,
" कुछ किया भी या खाली निहारते रहे अपनी सालियों की छोटी छोटी चूँचियॉं। "
वो जोर से मुस्कराये ,
"सब कुछ किया , और जैसे मैंने किस किया , तेरी बहनों की हालत खराब हो गयी। "
उनकी जीभ का असर मुझसे ज्यादा कौन जानता था।
निप्स कैसे हैं , मुझसे नहीं रहा गया मैंने पूछ लिया ,
" पूछो मत ,... " वो बोले ' ललछौंहे , सुबह की धूप की तरह , बस आते हैं ,.. अंगूठे और तर्जनी के बीच लेके मैंने जैसे ही थोड़ा सा रगड़ा , बस ,... फिर चुभलाने , चूसने में तो पूछो मत इतना मजा आया दोनों का ,...
" और प्रेम गली ,... " देख तो मैंने खुद ही लिया था लेकिन उनके मुंह से सुनने की बात अलग थी
" एकदम चिकनी , झांटे बस लगता है कुछ दिन पहले ही निकलना शुरू हुयी हैं , लेकिन एकदम छोटी छोटी , गोल्डन ब्राउन ,... बस कहीं कहीं ,... दोनों फांके एकदम चिपकी ,... मैं ऊँगली करने की कोशिश की लेकिन एकदम टाइट ,.. मुश्किल से ,... "
वो उन दोनों रसगुल्लों में खोये थे लेकिन मैंने अगला सवाल पूछ लिया। जवाब मेरे पास था , लेकिन
" हे मुंह में लिया ,.. .. "
" हाँ छोटी ने खुद , ...
मुझे तो खुद दोनों ने बताया था
हाथों के साथ के इनके होंठ और जीभ भी कभी जस्ट आते हुए निपल फ्लिक करते तो कभी कस कस के सक करते , बड़की तड़प जाती लेकिन छुटकी से नहीं रहा गया और इन्हे खींच कर अपने ऊपर , कुछ देर बाद इनका एक हाथ छुटकी की छोटी छोटी चूँची रगड़ रहा था जो दूसरा बड़ी के जोबन मीज रहा था , और दोनों खुद खुल के मिजवा रही थीं।
दोनों बहनों का इन्होने एक साथ होने का पूरा फायदा उठाया , एक के साथ करते तो दूसरी ललचाती। और उसे ये और तड़पाते , खिजाते तो वो खुद ,
और मींजने मसलने का असर सामने आ गया , दोनों ने न इनका हथियार खुल के पकड़ा चूसा बल्कि साथ साथ फोटो भी ,
और उसका सबूत तो दर्जन भर सेल्फी जो दोनों रसगुल्लों ने मुझे भेजी थी , वो मेरे मोबाइल में था ही।
तो इन्होने दोनों को एकदम गरम कर दिया था बस अब तीज के दिन सिर्फ फीता काटने की देर थी।
Ohhhh komal ji, what a sexy update. You describe every small thing in such a detail that you feel it is happening in front of you. Marvellous writing.हुक्का बार
इन्होने हुक्का बार के मैनेजर को पहले ही सेट कर लिया था इसलिए जब ये अपनी दोनों सालियों के साथ पहुंचे तो वो खुद रिसीव करने आया , और बजाय रेस्टोरेंट में ले जाने के सीधे एक केबन जो असल में एक स्यूट था , ले गया। दोनों रसगुल्ले महा इम्प्रेस , और उसके साथ ही इन्होने वेट्रेस को भी एडवांस में ही खूब टिप्स दे दी थीं , बस , वो भी ,... इसलिए ये तय था की था इन लोगों को कोई बीच में डिस्टर्ब नहीं करेगा ,... बियर ने तो थोड़ा ही लेकिन असली खेल हुक्के का था,
पहला सुट्टा तो नार्मल था लेकिन दूसरे में प्योर शीशा टोबैको के साथ हलकी सी ,...
और उस का सुरूर दोनों के सर पर चढ़ कर बोलने लगा। आधे पौन घंटे बाद जब दोनों लड़कियां थोड़ी खुल गयीं तो थर्ड राउंड में , प्योर कश्मीरी ,... असली माल , जिसका एक सुट्टा किसी छिनार से छिनार की बुर में आग लगा दे ,... और यहाँ तो दोनों नयी खिलाड़ी थीं ,
और इस राउंड के पहले ही , छुटकी खुद इनकी गोद में बैठ चुकी थी , ये दोनों के उभारों के नाप जोख कर रहे थे , बड़की थोड़ी उचक रही थी। लेकिन उभार उसके भी पथरा रहे थे , टॉप के बटन ने इन्होने थोड़ी जबरदस्ती कर के उसके भी खोल दिए थे ,
पर एक दो सुट्टे के बाद , उसने खुद ही अपने टॉप के सारे बटन ,... और पहले जो ये पकड़ के अपने बल्ज के ऊपर उसका हाथ ला रहे थे और वो नखड़ा दिखा रही थी , खुद ही उनका हथियार पैंट के ऊपर से रगड़ मसल रही थी।
मैनेजर ने उन्हें बोल रखा था की वहां पूरी प्राइवेसी है , और वो चाहते तो , वहीँ ,...
और बाद में उनकी सालियों ने ही बताया की उन दोनों की कितनी सहेलियां , उस हुक्का बार में आ कर अपने टाँगे फैलाती थीं, कोई लड़की बताती थी की वो अपने ब्वाय फ्रेंड के साथ हुक्का बार से आ रही है तो अगला सवाल उसकी सहेलियां यही दागतीं थी , बोल कित्ते राउंड।
लेकिन वो उस राउंड का सुरूर ख़तम होने के पहले ही घर पहुँचाना चाहते थे , जहां आराम से
वहां भी छुटकी ने तो खुद पहुँचते ही अपना टॉप उतार दिए , और बड़की ने थोड़ा नखड़ा पेला तो अपनी बहन के दोनों हाथ पकड़ के ,
बस आराम आराम से उन्होंने बड़की का टॉप उतारा , ब्रा खोली और ,..
ये तो मैं जानती थी , मीजने मसलने में इनका कोई जवाब नहीं , अगर एक बार जिस लड़की के खुले जोबन पर इनका हाथ पड़ जाय , तो बस वो खुद टाँगे फैला देगी।
और वो सोच रहे थे ... मस्ती के सुरूर में, जैसे कहीं खो गए हों ,
" ये स्साली , ... नौवें ,...दसवें वाली लड़कियां ,... जस्ट ग्रोइंग बूब्स लेकिन आग लगाती हैं। "
( फोन पर उन्हें चिढ़ा के पूछ के मैंने सब बातें उगलवा ली थीं )
और यही बोले , बहुत मस्त हैं दोनों के , छोटे छोटे है एकदम रुई के फाहे जैसे , लेकिन ,...
और मैंने उकसाया , सिर्फ ऊपर से मीज कर छोड़ दिया था , या ,... और आगे की बातें उन्होंने पूरी की।
" अरे तेरी ट्रिक ,...तूने सही कहा था , वो बड़की थोड़ी ज्यादा ही ,... मैंने उसके कान में उसके लव लेटर्स के बारे में बताया और फिर तो आलमोस्ट अपनी गोद में बिठा के , खुल के मैंने उसके स्कूल टॉप के ऊपर से ,... पहले तो थोड़ा भिचकी , झटकने की कोशिश की
लेकिन मैंने कस के पकड़ रखा था , और एक बार उसके कान में उन चिट्ठियों के बारे में बोला बस , ... फिर तो एकदम खुल के
पहले तो हलके से सहलाया , दबाया , फिर जम के मीजा भी और टॉप के ऊपर से निप्स को भी , मस्त हैं एकदम निप्स उसके। "
वो चुप हो गए , और मैंने उन्हें छेड़ा भी नहीं , मुझे मालूम था खुद बोलेंगे
और बोले वो ,
हुक्का बार में तो खुद ही वो आ गयी मेरी गोद में और टॉप उठा के दोनों का खूब मैंने मीजा ,
अब मुझसे नहीं रहा गया ,
" अरे पूरा खोल के , उन दोनों के जुबना का रस ,... "
और मेरी बात काट के वो बोले भी और मुझे समझाने की कोशिश भी की ,
"असल में वो हुक्का बार में , ... वो तो नहीं मना कर रही थीं लेकिन मैं खुद ही , प्राइवेसी ,... इसलिए घर पहुँच कर "
" ये नहीं सुधरेंगे ,... प्राइवेसी की माँ की चूत ,... " मैंने सोचा। जिस हुक्का बार में किसी ब्वाय फ्रेंड के साथ जाने के नाम पर ही लड़कियां इन दोनों रसगुल्लों के स्कूल की ही लड़कियां आई पिल पहले खरीदती हैं , व्हाट्सएप पर बाद में पोस्ट करती हैं , और लौटते ही उनकी सहेलियां पहला सवाल यही पूछती हैं , कितना राउंड ,...वहां ये प्राइवेसी के मारे ढंग से टॉप भी नहीं उतार पा रहे थे। "
मैं कुछ नहीं बोली आगे का हाल उन्होंने ही खुलासा बताया ,
" छुटकी की थोड़ी ज्यादा बड़ी हैं , ... लेकिन दोनों की खूब रसीली , जस्ट ग्रोइंग ,... छोटी छोटी हैं लेकिन एकदम मस्त ,... "
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,
" कुछ किया भी या खाली निहारते रहे अपनी सालियों की छोटी छोटी चूँचियॉं। "
वो जोर से मुस्कराये ,
"सब कुछ किया , और जैसे मैंने किस किया , तेरी बहनों की हालत खराब हो गयी। "
उनकी जीभ का असर मुझसे ज्यादा कौन जानता था।
निप्स कैसे हैं , मुझसे नहीं रहा गया मैंने पूछ लिया ,
" पूछो मत ,... " वो बोले ' ललछौंहे , सुबह की धूप की तरह , बस आते हैं ,.. अंगूठे और तर्जनी के बीच लेके मैंने जैसे ही थोड़ा सा रगड़ा , बस ,... फिर चुभलाने , चूसने में तो पूछो मत इतना मजा आया दोनों का ,...
" और प्रेम गली ,... " देख तो मैंने खुद ही लिया था लेकिन उनके मुंह से सुनने की बात अलग थी
" एकदम चिकनी , झांटे बस लगता है कुछ दिन पहले ही निकलना शुरू हुयी हैं , लेकिन एकदम छोटी छोटी , गोल्डन ब्राउन ,... बस कहीं कहीं ,... दोनों फांके एकदम चिपकी ,... मैं ऊँगली करने की कोशिश की लेकिन एकदम टाइट ,.. मुश्किल से ,... "
वो उन दोनों रसगुल्लों में खोये थे लेकिन मैंने अगला सवाल पूछ लिया। जवाब मेरे पास था , लेकिन
" हे मुंह में लिया ,.. .. "
" हाँ छोटी ने खुद , ...
मुझे तो खुद दोनों ने बताया था
हाथों के साथ के इनके होंठ और जीभ भी कभी जस्ट आते हुए निपल फ्लिक करते तो कभी कस कस के सक करते , बड़की तड़प जाती लेकिन छुटकी से नहीं रहा गया और इन्हे खींच कर अपने ऊपर , कुछ देर बाद इनका एक हाथ छुटकी की छोटी छोटी चूँची रगड़ रहा था जो दूसरा बड़ी के जोबन मीज रहा था , और दोनों खुद खुल के मिजवा रही थीं।
दोनों बहनों का इन्होने एक साथ होने का पूरा फायदा उठाया , एक के साथ करते तो दूसरी ललचाती। और उसे ये और तड़पाते , खिजाते तो वो खुद ,
और मींजने मसलने का असर सामने आ गया , दोनों ने न इनका हथियार खुल के पकड़ा चूसा बल्कि साथ साथ फोटो भी ,
और उसका सबूत तो दर्जन भर सेल्फी जो दोनों रसगुल्लों ने मुझे भेजी थी , वो मेरे मोबाइल में था ही।
तो इन्होने दोनों को एकदम गरम कर दिया था बस अब तीज के दिन सिर्फ फीता काटने की देर थी।
Amezig chemistryकोमल जी, हमेशा की तरह, मानव मस्तिष्क में चलने वाले विचारों और भावनाओं पर आपकी पकड़ उल्लेखनीय है और आप उन्हें अपने शब्दों में कैसे उपयोग करती हैं, यह व्यक्त करना मुश्किल है।साहित्य पर आपके ज्ञान की तुलना में मैं हमेशा बहुत छोटी हूँ। मैं बस लयबद्ध स्वर में कुछ पंक्तियाँ बनाने की कोशिश करती हूँ लेकिन आप वास्तव में किसी के दिमाग में जो कुछ भी चल रहा है उसे शब्दों में व्यक्त कर देती है।
एक बार फिर आपके लेखन कौशल को सलाम करते हुए कुछ पंक्तियाँ समर्पित कर रही हूँ
जीजा और सालियो को शुरू हो गया प्यार
जब जीजू लेके पहुंचें दोनों को हुक्का बार
रुई जैसा नरम गोलाई किशमिश जैसी निप्स
टॉप उठा के जीजा जी चुसे और दबावे हिप्स
हुक्का बार के बंद कमरे में जीजी मौज करावे
एक बैठा के गोद में अपनी दूजी की चूत दबावे
पकड़ हाथ दोनों का अपने लौड़े पर रखवाया
होठों में फिर रख सुपाड़ा लौड़ा भी चूसवाया
पहले चुदेगी बुर दोनों की फ़िर होगी गांड की बारी
अबकी तीज पे फट जाएगी दोनो की चूत कुंवारी
Wah yaha manotrain bz. Waha uski betiya apne damad ke sath. Kya plan banaya he. Amezingजोरू का गुलाम भाग २०४
रसगुल्ले - बेटियां मिसेज मोइत्रा
19,27002
बिन देखे जैसे मन ही मन उन्होंने हामी भर दी और मिसेज मोइत्रा को कस के,...
किचेन में से देख रही मंजू मुस्करा रही थी,
तभी उनके फोन में से व्हाट्सऐप में कोई मेसज घनघनाया, मैं कॉलर ट्यून से समझ गयी मिसेज डी मेलो उनकी सेक्रेटरी का है और कुछ बहुत अर्जेण्टिया होगा,..
एक्सक्यूज मी कह कर वो अलग होंगए, उनका चेहरा एकदम आफिस वाले मोड में आ गया, मिसेज मोइत्रा तो सीनियर थीं इन सब बातों से परिचित थीं
ओके काल ले लो , ...
और अब मैं भी आदी हो गयी थी सौतन फोन के नखड़ों
उन्होंने मिसेज डी मेलो का मेसेज देख के जब अपना दूसरा फोन खोला तो मैं समझा गयी आज की रात गयी,...
मेसेज मेल न जाने क्या क्या , दो मिनट उनको लगा, फिर जिस तरह से उन्होंने मुझे देखा , उनका चेहरा लटक गया था मैं समझ गयी और मुस्करा के बोली,...
"कोई बात नहीं कब निकलना है,..."
बस अभी कम्पनी की कार रास्ते में है बस पांच मिनट में पहुंच रही होगी,... वो बोले
मैं समझ गयी अब ज्यादा तो वो बोल नहीं सकते , इनकी इंटरनेशल वाली कांफ्रेस,... टाइम का चक्कर, जब यहाँ रात तो तो वहां दिन और उसका न इस आफिस से कोई मतलब था न मुम्बई के कारपोरेट आफिस से सीधे सिनसिनाटी,... और अक्सर कोई जेनेवा से तो कोई मेड्रिड से भी रहता। यहाँ के आफिस में तो मिसेज डी मेलो के अलावा कोई नहीं.जिसे इन मीटिंग्स के बारे में पता चलता , मीटिंग की टाइम के बारे में कभी कभी अगर इनका फोन नहीं मिलता तो उनके जरिये इन्फो आती थी,...
मीटिंग आफिस में ये अपने आफिस से ही करते थे,...
उन्होंने एक मेसज किया और मैंने खोल के देखा
वही उनकी इटंरनेशल वाली मीटिंग थी और सुबह तक चलेगी,... हाँ सुबह अपनी सालियों को छोड़ने आ जाएंगे, सात आठ बजे तक घर,...
तबतक कम्पनी की कार का ड्राइवर हार्न बजा रहा था,...
मेरे दिमाग में फ्लैश चमका, ... उनके सामने ही मैंने उन्हें हड़काते हुए बोला
" जाइये जाइये आफिस में तो ,... और आप आफिस जा रहे हैं तो मैं भी अपनी दोनों छोटी बहनों के साथ,... "
मिसेज मोइत्रा तो अब एकदम उनकी ओर ,... और मेरे ऊपर चढ़ गयीं,...
" तू भी न बेचारे को,... अरे ज्यादा जिम्मेदारी मिली है तो टाइम बेटाइम आफिस तो,... आज दिन भर तेरी बहनों को रखाया उसका कुछ नहीं,... ये सब तो लगा रहता है "
मैं मन ही मन मुस्करा रही थी,... अगर उन्हें ज़रा भी अंदाज लग जाए की सात तालों में जिन जुड़वा बेटियों को उन्होंने इत्ते दिन छुपा के रखा है, इस बेचारे ने कैसे कस के दोनों के चूजे रगड़े, अपना खोल के पकड़वाया, चुसवाया, उनकी चुनमुनिया रगड़ी,... इसी घर में,...
वो चले गए थे .
मैंने मुस्करा के मिसेज मोइत्रा से कहा
" आप भी न बेटी की जगह दामाद का साथ ज्यादा देती हैं,... तो मैं भी अब अपनी दोनों बहनों को ले कर जा रही हूँ,... और हाँ आपने बोला था की मेरी छोटी बहने हैं तो मुझे पूछना नहीं चाहिए, इस लिए पूछ नहीं रही हूँ बता रही हूँ,... "
तबतक मंजू किचेन से निकल के बाहर आगयी थी और बड़े हक़ से किसी सहेली की तरह अपना हाथ मिसेज मोइत्रा के कंधे पर रख दिया, और एकदम चिपक के खड़ी हो गयी , और अपनी एक ऊँगली से मिसेज मोइत्रा का आँचल हलके से झटक दिया और वो सरक कर मिसेज मोइत्रा के उन्नत उरोजों से नीचे, वो जोबन जो क्लब में फर्स्ट आये थे , अब खूब टाइट लो कट ब्लाउज से खुल झलक रहे थे,...
मंजू की आँखों में उन उभारों देख के वासना साफ़ झलक रही थी, और वो सीधे मिसेज मोइत्रा की रसीली आँखों में देख रही थी,...
कुछ लेडीज क्लब में पी हुयी ऑरेंज वोदका का असर, भांग के लड्डू का असर, कुछ अभी उनके दामाद का खड़ा खूंटा जो उन्होंने महसूस किया था इत्ते दिनों बाद अपनी चुनमुनिया पे उसका जादू,... वो बस पिघलने के कगार पर थीं, लेकिन बस बोलने के लिए बोलीं,
" लेकिन मैं रात में अकेले,... "
और उनकी बात काटती हुयी मंजू उनसे बोलीं,...
" मैं रहूंगी न रात भर आपके साथ, .. "
बहुत हलके से मिसेज मोइत्रा के ख़ुशी से छलकते चेहरे से आवाज फुसफुसाती हुयी निकली,... सच्ची,...
और जैसे जवाब में अब खुल के मंजू की हथेली ने मिसेज मोइत्रा के उभार ब्लाउज के ऊपर से कब्जा कर लिए और मुझसे बोली,...
" आप ले जाओ न दोनों बेबी लोगों को, वहीँ से कल स्कूल भी,... "
और अब मंजू के हाथ खुल के मिसेज मोइत्रा के उभार दबा रहे थे और उनसे वो बोली,...
" आप चलिए कमरे में सुबह से ये साड़ी पहने, फिर मीटिंग में थक गई होंगी, हम दोनों रहेंगे ना ,... और अब बेबी लोगों को भी थोड़ा,.... और कोमल मैडम तो उनकी बड़ी बहन हैं ,... "
मंजू मिसेज मोइत्रा को लेकर बैडरूम में और मैं धडधडाती हुयी एक बार फिर ऊपर दोनों रसगुल्लों के कमरे में