Shetan
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Wah manotrain ko khud ke pas aur betiyo ko unke pas maza aa gaya. Amezingतीज को भी तीज के बाद भी
मस्ती रसगुल्लों संग
" क्या हुआ साफ साफ़ बोल न तू भी , ... " मिसेज मोइत्रा बोल पड़ीं।
" असल में मैं सोच रही थी , ... रेस्टोरेंट से लौटते लौटते लेट हो जायेगी ,... तो अगर आप परमिशन दें ,... तो ,... रात में वो दोनों हमारे घर ही ,... सुबह तो वैसे भी यही स्कूल छोड़ने जाते हैं ,... तो हमारे यहाँ से स्कूल चली जाएंगी दोनों ,... मैं ही तैयार करदूंगी दोनों को ,... शाम को मैं दोनों को छोड़ दूंगी घर। "
अब एक बार फिर वो चुप और मैं डरी। मुझे वैसे भी २५ % से ज्यादा उम्मीद नहीं थी इस प्लान के सक्सेस होने की।
वो फिर धीमे से बोलीं , ... और मुस्कराई , मेरे गाल पर उन्होंने एक चिकोटी काट ली।
" तू न , एकदम ,.. अरे बोल तो दिया ,... मुझसे ज्यादा तेरी बहने तुझसे हिली हैं ,... मन किया था न परमिशन मांगने को ,... एकदम सही बात है तेरी आधी रात को उन दोनों को छोड़ने आएगी तो मेरी भी नींद खराब करेगी। ठीक है न ,... बस लेकिन लास्ट वार्निंग ,... नो परमिशन अगर आगे से तूने उन दोनों के लिए कोई परमिशन वरमीशन की बात भी की ,... तेरी छोटी बहने हैं ,...,... बता दो तो ठीक है , वरना वो दोनों तेरे पास है तो मुझे चिंता की कोई बात नहीं ,... अगले दिन छोड़ देना। "
अब मुझे लगा मिसेज मोइत्रा कितनी बड़ी एक्ट्रेस हैं।
असली खेल मुझे मंजू ने बता दिया था। मंजू ने उन्हें पटा लिया था , पर वो उन्हें ललचा रही थी , तड़पा रही थी। शर्त उसने छोटी सी रखी थी ,
" घर में बच्चियां हो तो नहीं , ...और दिन भर का टाइम ,... सबसे अच्छा हो तो रात भर ,... ऐसा मजा आएगा न , ... "
और बेचारी मिसेज मोइत्रा उस मजे को लेने के लिए मौके की तलाश में थीं , बस इसलिए तीज प्रिंसेज के दिन जब उनकी कबुतरियों को रात में अपने साथ रखने की बात मैंने की , उनकी तो बांछे खिल गयीं। यही तो मंजू उनसे बार बार कहती थी , रात भर ,... और उस दिन तो दिन और रात दोनों ,... दोनों लड़कियां दिन में तीज प्रिंसेज वाले फंक्शन में ,... और रात में,...
मंजू ने सुबह घर में घुसते समय ही मुझे ये बात बता दी थी , की फुल नाइट लेस्बियन कुश्ती के लिए बेचारी मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं , और मंजू उन्हें तड़पा रही थी।
और मेरी प्लानिंग भी ,... मैंने मिसेज मोइत्रा को बोला था तीज फंक्शन देर शाम तक , पर वो तो हमारे हाथ में था , बस तीन चार बजे तक रेन डांस , झूला , इन लड़कियों को अच्छी तरह गरम करके ,... मैं और सुजाता
असल में इन रसगुल्लों को पटाने में सबसे ज्यादा योगदान तो सुजाता का ही था , और उसके मर्द का भी मन ललच रहा था ,...
तो बस , तीज के दिन तो ये उन दोनों की अच्छी तरह मन भर फाड़ेंगे , और अगले दिन ,..
असल में इन कच्ची नयी कलियों के साथ एक खतरा रहता है ,... सेन्स आफ गिल्ट ,... कहीं एक बार फटने के बाद भी लगने लगे ,... नहीं नहीं ये गलत है ,... ऊपर से बचपन से मिसेज मोइत्रा ने इन बेचारियों को घोंट घोंट के संस्कार गले तक बचपन से ही , ...
इसलिए एक बार फिर अगले दिन ,... और वो भी एक और मर्द के साथ , ... वो भी खुल्लम खुल्ला ,... उसके बाद तो लाख ताले मिसेज मोइत्रा लगाएं , ये दोनों खुद अपने लिए मोटा औजार ढूंढ़ेगीं। ऐसे जोर जोर से मोटे मोटे चींटे काटेंगे इनकी फुद्दी में ,....
प्लान ये था ,... मैंने एक रिसार्ट तय कर रखा था , रिसार्ट क्या एक छोटी मोटी कॉटेज दो तीन कमरों की , ... शहर से तीस चालीस किलोमीटर दूर , एक ओर छोटी सी नदी , एक ओर पहाड़ियां और हलका सा जंगल , ... आसपास क्या दो चार किलोमीटर तक कोई आबादी नहीं ,... चीखें दोनों कबूतरियां मन भर के ,... और मैंने और सुजाता ने पहले ही बाँट लिया था ,...
मैं और सुजाता के हबी , छुटकी के साथ एक कमरे में
सुजाता अपने जीजू यानी इनके साथ , बड़की के साथ बगल वाले कमरे में , ... और एक राउंड के बाद रसगुल्ले बदल जाएंगे ,... मैं और सुजाता के हबी , बड़की को लूटेंगे और ये . सुजाता छुटकी के साथ।
लेकिन असली खेल तो उसके बाद शुरू होगा , ... दोनों की सैंडविच बनेगी ,... बारी बारी ,... आगे का छेद सुजाता के हबी के हवाले और उनकी कच्ची कुँवारी कसी गांड फाड़ने का मेरे सैंया के जिम्मे ,...
चार राउंड के बाद इन दोनों के लिए , मेरे मतलब हमारे पतियों के लिए ,...
थोड़ा सा ब्रेक और फिर हम दोनों सहेलियां इन दोनों कच्ची कलियों का भोग लगाएंगी , गुड्डी के साथ ही इतना मजा आता है , ये दोनों तो गुड्डी से भी छोटी हैं , एकदम कमसिन ,... इनके ऊपर चढ़ कर चूत चटाने का मजा ही कुछ और आएगा,
फिर इन दोनों को आपस में भी एक दूसरे के देह का सुख की आदत भी तो लगानी होगी ,... जो दूध मलाई हमारे मरदो ने इन दोनों की गांड और चूत में छोड़ी होगी , ये एक दूसरे की बुर और गांड चाट चाट के साफ़ करेंगी ,...
और ये अभी इतनी बड़ी भी नहीं हुयी हैं की खिलोने से खेलने की आदत छोड़ दें ,... और मैं और सुजाता अपने अपने स्ट्रैप ऑन से ,...
और ये सब कन्या क्रीड़ा देख कर भी इन के जीजुओं का न खड़ा हो तो ये स्सालियाँ किस मर्ज की दवा हैं , चूसेंगी दोनों मन लगा के अपने जीजू के औजार ,...
और उसके बाद बाद फिर एक राउंड ,... अबकी इन लोगों की मर्जी ,... इन गुड़ियाओं से कैसे खेलना है ,
आफ कोर्स बीच बीच में ड्रिंक्स ,...सिगी ,.. और सुजाता के उसको तो पेसल वाली सिगरेट का भी शौक है ,... एकदम असली , एक सुट्टे में ही बुर में आग लग जाती है , वो भी इन दोनों को ,...
" हे दी ,.. क्या सोच रहीं हैं , जीजू की याद आ रही है क्या। " हँसते हुए छुटकी ने मेरी आँख के सामने चुटकी बजाते हुए मुझे चिढ़ाया।
"एकदम , लेकिन याद नहीं आ रही , सोच रही हूँ , आज उन की सालियों ने उन्हें लूटा की नहीं। "
" थोड़ा बहुत , " खिलखिलाती हुयी छुटकी बोली।
" कुछ खिलाया पिलाया उन्होंने " मैंने फिर पूछा।
अब मेरे हाथ दोनों की चुनमुनिया छोड़ के , कंधो पर थे , और उँगलियाँ निप्स पे ,...
" और तुम दोनों ने अपने समोसे खिलाये की नहीं अपने जीजू को। "
दोनों के निप्स टॉप्स के ऊपर से मसलते मैंने पूछा।