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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१
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न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी जाल फैला है...
रणनीति के कौशल में माहिर...
Thanks so muchकांग्रेचुलेशंस....
Thanks so much.A covert and tight time scheduled operation.
The planning is meticulous but opponent may also have trump cards.
Require minute observation and instantaneous counter offensive.
Well written.
Thanks, that is why story has moved to Delhi and Mumbai in the corridors of power and financial capitalAll the person involved have in-depth knowledge of share market.
Also expert in handling such market dynamics.
Institutional investors and govt. support along with financial acumenInstitutional support will help to defeat the opposition strategy.
जाल और जाल, और उस जाल को समझना, उस से बचना और अपना जाल बिछाना इन सब पार्ट्स में यही सब हैबहुत दूर तक जाल फैला रखा था...
ड्राइवर भी भेदिया निकला...
और मानवीय कमजोरियों का दोहन करने की फ़िराक में भी...
गुरु दांव पेंच सीखा के अलग हो जाता है, फिर अखाड़े के किनारे बैठ के अपने चेले की चालें देखता हैं और जब तक गुरु से चेला आगे न हो जाए तो गुरु को संतोष नहीं तो अब दामाद फायनेसनीयल दुनिया में भी आगे निकल गया है पर इस बार भी पहला कांटेक्ट तो उन्ही के सौजन्य से मिला लेकिन आगे की सब चाल, सिर्फ माता श्री की चेले की सोचपिछली बार आपकी माता श्री का भी रोल था.. जो अब नगण्य हो गया है...
लेकिन टिप का असर आगे गुरु दांव पेंच सीखा के अलग हो जाता है, फिर अखाड़े के किनारे बैठ के अपने चेले की चालें देखता हैं और जब तक गुरु से चेला आगे न हो जाए तो गुरु को संतोष नहीं तो अब दामाद फायनेसनीयल दुनिया में भी आगे निकल गया है पर इस बार भी पहला कांटेक्ट तो उन्ही के सौजन्य से मिला लेकिन आगे की सब चाल, सिर्फ माता श्री की चेले की सोच देखने को मिलेगा...
स्टॉक मार्केट के टेंशन का छोटा सा नमूना हैलड़ाई का बिगुल बज गया..
मीनल का कैरेक्टर एकदम अलग है, इस कहानी के किसी भी कैरेक्टर से अलगये गुजराती बाला तो गुजरातियों के बिजनेस सेंस का जबरदस्त उदहारण है..
काफी टैलेंटेड...
लेकिन गाली में उस्तादी तो पंजाबियों और भोजपुरियों का विशेषाधिकार है...