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Incest ठरकी दामाद की हवस

Raja maurya

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रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे
बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-
पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से
मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''
पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की
कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी
पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी
सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.
पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''
रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''
और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने
अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से
आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...
पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे
पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..
अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप
आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी
बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को
कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..
वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..
तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी
पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी
साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर
दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला
हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''
अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही
बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया
की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''
वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी
थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली
: "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि
दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...''
पूजा : "अरे मेरी प्यारी बहन, तू भी ना, भला बड़ी बहन के डाँटने पर भी कोई
ऐसे बिहेव करता है भला...और दीदी भी सही है अपनी जगह , उनका पति
सुबह का थका हुआ घर आया है और तुम उसी वक़्त पहुँच गयी उनके पास,उन्हे
तंग करने...थोड़ा तो सोचना चाहिए था भला...''
वो शरारती हँसी हंसते हुए ये बात बोल रही थी...और उसकी बात का मतलब
अजय तो समझ रहा था पर भोली भाली रिया उल्लू जैसा चेहरा बना कर
उन दोनो को देखे जा रही थी..वो समझ तो चुकी थी की पूजा का इशारा
किस तरफ है..
इसलिए वो बोली : ''अब इसमे क्या प्राब्लम है...जीजू तो अभी-2 घर आए
थे...और वो काम तो रात को ही होते है ना...''
उसकी बात सुनकर पूजा तो एकदम से झेंप ., उसे उम्मीद नही थी की रिया
ऐसी बात बिना सोचे समझे बोल देगी...और अजय तो जैसे इसी मौके की
ताक में बैठा था,वो बोला : "अरे मेरी भोली साली साहिबा,जब तुम्हारी
शादी होगी ना अब पता चलेगा की ये रात वाले काम दिन में करने में
कितने मज़े आते हैं..और ख़ासकर तब जब तुम्हे मेरे जैसा ठरकी पति मिलेगा..''
ठरकी बोलते हुए वो पूजा को ही देख रहा था,जो शायद उसे दुनिया का
सबसे बड़ा ठरकी समझती थी...और आज उसके सामने ये बात कबूल कर वो
उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखना चाहता था..
पहले तो रिया और अब अजय की ऐसी बात सुनकर पूजा तो पानी-2 हुई जा
रही थी...उसे रिया के बारे में तो पता था की उसे ऐसी बातों की कुछ
ज़्यादा समझ नही है,पर अजय ने उसकी बात पकड़कर जो फायदा उठाया है
वो उसे बिल्कुल अक्चा नही लगा था,पर वो कर भी क्या सकती थी
भला,आख़िर ऐसी बात करनी तो रिया ने ही शुरू की थी ना...
पूजा कुछ बोलने ही वाली थी रिया को की तभी रिया ने एक और
धमाका किया : "ये ठरकी क्या होता है...मैं हमेशा से सुनती आ रही हू,स्कूल
में भी कई लड़कियाँ हमारे टीचर्स को या दूसरे बाय्स को ठरकी बोला
करती थी..पर इसका मतलब मैं आजतक नही समझ सकी हूँ ...बताओ ना
जीजू..क्या मतलब होता है इसका...''
उसकी ये बात सुनकर अजय के साथ -2 पूजा की भी हँसी निकल गयी....और
दोनो अपना पेट पकड़ कर हंसते-2 दोहरे हो गये...और बेचारी रिया उन दोनो
को ऐसे हंसता देखकर अपनी कही हुई बात का मतलब समझने की कोशिश कर
रही थी की उसने ऐसा क्या बोल दिया आख़िर..
और हँसी रुकने के बाद पूजा बोली : "रिया...तुझे ना अभी बहुत कुछ सीखना
बाकी है...वैसे भी आज से तू मेरे कमरे में ही सोएगी,तुझे ट्रेनिंग देना मेरी
ज़िम्मेदारी है अब...''
अजय भी मौके का फायदा उठाकर बोला : "और कोई एडवांस ट्रेनिंग
चाहिए तो बंदा हाजिर है...''
पूजा उसकी बात का मतलब समझकर शरमा गयी...और रिया की तरफ से वो
खुद बोल पड़ी और वो भी मंद-2 मुस्कुराते हुए : "नो थेंक्स जीजू...आप अपनी
सर्विस हमारी दीदी तक ही रखे तो ही अच्छा होगा..''
अजय (बुरा सा मुँह बनाते हुए) : "अरे उन्हे सर्विस देने की कोशिश ही कर रहा
था की रिया बीच में आ गयी और आपकी दीदी का मूड ऑफ हो गया...''
अब पूजा समझ गयी की क्यों प्राची ने रिया को डाँटा होगा...भले ही
ऐसा कुछ हुआ नही था, पर अजय ने सभी बातों को ऐसे जोड़ कर कहानी
बना दी की पूजा को भी उसकी बातों का विश्वास हो गया..
पूजा : "अच्छा ...तो इसका मतलब है सच में कुछ चल रहा था ..''
अजय : "और नही तो क्या, मैं झूट बोल रहा हूँ ...चाहो तो अपनी बहन से
जाकर पूछ लो...''
पूजा फिर से शरमा गई, कैसे वो और उसके जीजू सेक्स की बातें ऐसे कर रहे
थे,और वो लोग क्या सच में सेक्स कर रहे थे...ये सोचकर ही उसका शरीर तपने
लगा था..और उसने खुद ही नोट किया की उसके निप्पल बाहर की तरफ
निकल कर उभर आए हैं...



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पूजा : ''आप बैठो,मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूँ ...''
और इतना कहकर वो भागकर किचन में आ गयी...क्योंकि अजय की ठरक भरी
नजरों ने उसकी छाती में लगे बल्ब जलते हुए देख लिए थे...
अंदर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से अपनी तेज सांसो को नियंत्रित किया
और धीरे से बोली : "ये जीजू कितने शरारती है...सच में ...इनसे तो रिया को
बचाकर रखना होगा...वरना पता नही क्या होगा..''
और दूसरी तरफ अंदर बैठा हुआ अजय रिया को कल के बारे में समझा रहा था
और उसके डॉक्युमेंट्स को रेडी रखकर अगले दिन का . फिक्स कर रहा था.
पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर
ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी
कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका
कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से
ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की
कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत
फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक
उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू
उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा
दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो
भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब
शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो
अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी
अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता
था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे
समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2
नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
रात को पूजा जब अपने कमरे में पहुँची तो रिया पहले से ही उसके बेड पर आ
चुकी थी...उसने सिल्क की स्ट्रेप वाली शमीज़ और उसी कपड़े की छोटी
सी निक्कर पहनी हुई थी...

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बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी वो उसमे...और
बड़ी ही सेक्सी...
पूजा ने उसे देखकर सोचा 'ऐसे मे अगर जीजू ने इसको देख लिया तो अभी
इसके साथ सुहागरात मना डालेंगे...'
और अपनी बात पर उसे खुद ही हँसी आ गयी...ये सोचकर भी की कैसे अब हर
बात में वो जीजू के बारे में सोचने लगी है..
उसे ऐसे दरवाजे पर खड़ा हुआ मुस्कुराता हुआ देखकर रिया बोली : "अरे
दीदी...क्या हुआ...आप वहां खड़े हुए क्या सोचकर मुस्कुरा रहे हो...आओ ना
यहाँ पर जल्दी...''
उसे शायद अपनी ट्रैनिंग स्टार्ट करने की जल्दी थी.
पूजा ने वही शाम वाली टी शर्ट और जीन्स पहना हुआ था...अब उसके पास
रिया जैसी कोई सेक्सी नाइट ड्रेस तो थी नही..पर फिर भी वो अपने आप
को उससे कम नही दिखाना चाहती थी...इसलिए अंदर आते ही पूजा ने
दरवाजा बंद किया और शीशे के सामने खड़े होकर कुछ देर तक अपना फिगर
देखती रही और फिर एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट उतार कर साइड में रख
दी ..और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा में खड़ी थी शीशे के सामने...


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दूर बैठी रिया उसे ऐसे करता देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि पूजा तो खुद
ही उसे ढंग से रहने के और कपड़े सही से पहनने के तरीके बताती थी...ऐसे में वो
खुद ही उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी होकर शीशे में अपना फिगर देखकर
इतरा रही थी,ये थोड़ा अजीब सा लगा उसे...पर वो उस झटके से उबर भी
नही पाई थी की एक और झटका देते हुए पूजा ने अपनी जीन्स भी उतार
दी...और अब वो मेचिंग पेंटी में खड़ी थी उसके सामने...

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पीछे बैठी हुई रिया
तो उसकी भरी हुई गांड देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि ऐसी गांड तो वो
खुद की ही चाहती थी...इतनी भरी हुई सी और गूदेदार ....
पूजा भी धड़कते दिल से शायद पहली बार ये सब कर रही थी...उसने आज तक
ये काम अकेले में नही किए थे जो वो इतनी निडरता के साथ रिया के सामने
कर रही थी...
फिर वो अपनी अलमारी की तरफ गयी और उसमे से झुककर कुछ ढूँढने
लगी...और फिर काफ़ी देर बाद उसे वो मिल ही गया जो तलाश कर रही
थी वो...वो एक रेपरोन था..जो बिल्कुल झीने कपड़े का बना हुआ था...उसने
वो पहना और ऐसे ही चलती हुई बेड तक आ गयी...

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और सच में अब वो रिया से
भी सेक्सी लग रही थी..
रिया : "दीदी ....ये क्या हो गया है आपको...मैने तो आज तक आपको ऐसे
कपड़ो में नही देखा...और आपने अभी उपर भी कुछ नही पहना..यानी
...सिर्फ़ ब्रा ही तो है...''
पूजा : "देख गुड़िया....तुझे अब मेरे साथ रोज सोना है तो तू ये बात जान ले, मैं
ऐसे ही सोती हू...बिना टॉप के....और कभी-2 तो टॉपलेस होकर भी....''
वो मुस्कुराती हुई बोली ...
रिया तो उसकी ये बात सुनकर वो इमेजिन ही करने लगी की पूजा नंगी सी
होकर सो रही है इस बेड पर...


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पूजा : "पर इसका मतलब ये नही है की मैं बाहर भी ऐसी हू...तू तो जानती है,
मैं बाहर काफ़ी संभलकर रहती हू...और कपड़े भी ढंग के ही पहनती हू...ताकि
कोई अपनी गंदी नज़रों से मुझे ना चोद सके...''
उसने ''चोद'' शब्द का इस्तेमाल बड़ी आसानी से रिया के सामने कर दिया..
रिया (मुंह गोल करते हुए) : "चोद सके ???? कोई भला नज़रों से कोई कैसे चोद
सकता है दीदी ??''
पूजा : "तू सच में बड़ी भोली है मेरी प्यारी बहना...इसलिए तो मैने तुझे अपने
साथ सुलाने का फ़ैसला किया है ...अब से तू हमेशा मेरे साथ रहा कर...और
जैसा मैं समझाऊ ,वो समझकर ही चला कर...''
उसकी बात सुनकर थोड़ी देर तक तो वो कुछ सोचती रही और फिर एकदम से
उसने भी अपनी वो सेक्सी सी शमीज़ उतार कर साइड में फेंक दी...और अंदर
तो उसने जो ब्रा पहनी हुई थी वो और भी ज़्यादा सेक्सी थी...जिसमे
फंसी हुई उसकी नर्म मुलायम छातियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..


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पूजा : "अरे...ये क्या कर रही है पगली ???''
रिया : "अरे दीदी...आपने ही तो कहा ना अभी...जैसा आप कहेंगी ,वो
समझा करू....तो आप जब बिना टॉप के हैं तो मैं भला क्यों ऐसे रहु....''
बेचारी पूजा अपनी ही बात में खुद फँस गयी थी..
खैर, पूजा ने नाइट बल्ब जलाया और बेड पर आ गयी...
और शाम को हुई जीजू के सामने वाली बात छेड़ दी...जिसमे वो ठरकी का
मतलब जानने की कोशिश कर रही थी..
और अब पूजा ने उसे विस्तार से बताया की असल में ठरकी किसे कहते हैं
पूजा : "देख रिया...वैसे तो हर आदमी में ठरक होती है...इन्फेक्ट लड़कियों में
भी, पर वो ज़्यादा दिखाती नही है...आदमी के सामने कोई भी जवान
लड़की या औरत आती है तो वो उसे ऐसी नज़रों से देखता है जैसे वो वही
उसका रेप कर देगा...वैसे तो उनका ऐसा देखना ग़लत होता है पर कई
लड़किया इसे भी एंजाय करती है...और मैं नही चाहती की तू भी उनमे से
हो...हम लड़कियों को थोड़ी अकड़ में रहना पड़ता है, ताकि ऐसे लड़के हमारे
आगे पीछे घूमे,नही तो हमारी वैल्यू कुछ भी नही रहेगी...''
रिया तो उसकी बातें ऐसे सुन रही थी जैसे कोई प्रवचन चल रहा हो...वो
सुनती रही और फिर लास्ट मे बोली : "पर दीदी...आपने जैसा कहा की ये
ठरक हमारे अंदर भी होती है...तो हमेशा ऐसा क्यो होता है की लड़के ही
वो सब मज़ा ले, हमे भी तो हक है अपने अंदर की भावनाओ को व्यक्त करने
का...आई मीन जो काम वो कर सकते हैं वही काम हम करे तो इसमे भला क्या
ग़लत है...''
धाक के तीन पात...इतनी देर से जो बात पूजा उसको समझाने की कोशिश
कर रही थी,वो उससे उल्टा ही सोच रही थी अब तक....
फिर उसने रिया को उसके हिसाब से समझना : "देख रिया, कभी-2 तो
चलता है पर हमेशा अपनी भावनाए व्यक्त नही करनी चाहिए...जैसा की
अभी हम दोनो अपने कमरे में बिना टॉप के सो रही है, पर बाहर जाने के लिए
तो हमे कुछ पहनना ही होगा ना, ऐसे ही आपस में तो हम भले ही कुछ भी कर
ले या बोल ले, पर बाहर की दुनिया को हमे अपना दूसरा रूप ही दिखाना
होता है...''
रिया कुछ नही बोली...वो उसकी भारी भरकम बातों के जाल से बचना
चाहती थी...इसलिए उसने बात ही बदल दी, वो बोली : "चलो छोड़ो
दीदी ये सब बातें....मैं बाहर तो रह लूँगी आपके हिसाब से, पर आप तो मुझे
जीजू के सामने भी ऐसी बातें करने से रोक रही थी...वो तो अपने ही है
ना...मेरा इतना ध्यान भी रखते हैं...उनसे भला क्या प्राब्लम.."
अब भला पूजा उसे सॉफ-2 कैसे कहती की वही तो दुनिया का सबसे बड़ा
ठरकी है जिससे बचने के लिए वो ये सब भाषण दे रही है...पर वो बोल नही
पाई...अपने ही जीजू को वो बदनाम भी नही करना चाहती थी..और वो
भी रिया के सामने,जिसे इतनी भी समझ नही है की कोई बात सुनकर उसे
अपने तक ही रख ले, क्या पता कल जाकर वो प्राची दीदी को ही ये सब
बक दे की पूजा उनके पति के बारे में कैसी-2 पट्टियां पड़ा रही है उसे...
आज पहला दिन था वैसे भी, इसलिए उसे और समझाकर वो रिया पर भी
ज़्यादा बोझ नही डालना चाहती थी...इसलिए बस मुस्कुरा कर रह गयी
और थोड़ी देर और इधर-2 की बातें करने के बाद वो सो गये...कल कुछ और
सीखने की बात करके...
और रिया तो अगले दिन अपने जीजू के साथ बाहर जाने की बात पर बड़ी
एक्ससाइटेड थी...और उसने सोच भी लिया था की अब अपनी किसी भी
बेवकूफी से वो अपने प्यारे जीजू को नाराज़ नही करेगी..
Fantastic update Bhai
 
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रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे
बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-
पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से
मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''
पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की
कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी
पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी
सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.
पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''
रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''
और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने
अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से
आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...
पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे
पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..
अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप
आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी
बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को
कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..
वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..
तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी
पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी
साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर
दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला
हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''
अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही
बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया
की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''
वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी
थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली
: "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि
दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...''
पूजा : "अरे मेरी प्यारी बहन, तू भी ना, भला बड़ी बहन के डाँटने पर भी कोई
ऐसे बिहेव करता है भला...और दीदी भी सही है अपनी जगह , उनका पति
सुबह का थका हुआ घर आया है और तुम उसी वक़्त पहुँच गयी उनके पास,उन्हे
तंग करने...थोड़ा तो सोचना चाहिए था भला...''
वो शरारती हँसी हंसते हुए ये बात बोल रही थी...और उसकी बात का मतलब
अजय तो समझ रहा था पर भोली भाली रिया उल्लू जैसा चेहरा बना कर
उन दोनो को देखे जा रही थी..वो समझ तो चुकी थी की पूजा का इशारा
किस तरफ है..
इसलिए वो बोली : ''अब इसमे क्या प्राब्लम है...जीजू तो अभी-2 घर आए
थे...और वो काम तो रात को ही होते है ना...''
उसकी बात सुनकर पूजा तो एकदम से झेंप ., उसे उम्मीद नही थी की रिया
ऐसी बात बिना सोचे समझे बोल देगी...और अजय तो जैसे इसी मौके की
ताक में बैठा था,वो बोला : "अरे मेरी भोली साली साहिबा,जब तुम्हारी
शादी होगी ना अब पता चलेगा की ये रात वाले काम दिन में करने में
कितने मज़े आते हैं..और ख़ासकर तब जब तुम्हे मेरे जैसा ठरकी पति मिलेगा..''
ठरकी बोलते हुए वो पूजा को ही देख रहा था,जो शायद उसे दुनिया का
सबसे बड़ा ठरकी समझती थी...और आज उसके सामने ये बात कबूल कर वो
उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखना चाहता था..
पहले तो रिया और अब अजय की ऐसी बात सुनकर पूजा तो पानी-2 हुई जा
रही थी...उसे रिया के बारे में तो पता था की उसे ऐसी बातों की कुछ
ज़्यादा समझ नही है,पर अजय ने उसकी बात पकड़कर जो फायदा उठाया है
वो उसे बिल्कुल अक्चा नही लगा था,पर वो कर भी क्या सकती थी
भला,आख़िर ऐसी बात करनी तो रिया ने ही शुरू की थी ना...
पूजा कुछ बोलने ही वाली थी रिया को की तभी रिया ने एक और
धमाका किया : "ये ठरकी क्या होता है...मैं हमेशा से सुनती आ रही हू,स्कूल
में भी कई लड़कियाँ हमारे टीचर्स को या दूसरे बाय्स को ठरकी बोला
करती थी..पर इसका मतलब मैं आजतक नही समझ सकी हूँ ...बताओ ना
जीजू..क्या मतलब होता है इसका...''
उसकी ये बात सुनकर अजय के साथ -2 पूजा की भी हँसी निकल गयी....और
दोनो अपना पेट पकड़ कर हंसते-2 दोहरे हो गये...और बेचारी रिया उन दोनो
को ऐसे हंसता देखकर अपनी कही हुई बात का मतलब समझने की कोशिश कर
रही थी की उसने ऐसा क्या बोल दिया आख़िर..
और हँसी रुकने के बाद पूजा बोली : "रिया...तुझे ना अभी बहुत कुछ सीखना
बाकी है...वैसे भी आज से तू मेरे कमरे में ही सोएगी,तुझे ट्रेनिंग देना मेरी
ज़िम्मेदारी है अब...''
अजय भी मौके का फायदा उठाकर बोला : "और कोई एडवांस ट्रेनिंग
चाहिए तो बंदा हाजिर है...''
पूजा उसकी बात का मतलब समझकर शरमा गयी...और रिया की तरफ से वो
खुद बोल पड़ी और वो भी मंद-2 मुस्कुराते हुए : "नो थेंक्स जीजू...आप अपनी
सर्विस हमारी दीदी तक ही रखे तो ही अच्छा होगा..''
अजय (बुरा सा मुँह बनाते हुए) : "अरे उन्हे सर्विस देने की कोशिश ही कर रहा
था की रिया बीच में आ गयी और आपकी दीदी का मूड ऑफ हो गया...''
अब पूजा समझ गयी की क्यों प्राची ने रिया को डाँटा होगा...भले ही
ऐसा कुछ हुआ नही था, पर अजय ने सभी बातों को ऐसे जोड़ कर कहानी
बना दी की पूजा को भी उसकी बातों का विश्वास हो गया..
पूजा : "अच्छा ...तो इसका मतलब है सच में कुछ चल रहा था ..''
अजय : "और नही तो क्या, मैं झूट बोल रहा हूँ ...चाहो तो अपनी बहन से
जाकर पूछ लो...''
पूजा फिर से शरमा गई, कैसे वो और उसके जीजू सेक्स की बातें ऐसे कर रहे
थे,और वो लोग क्या सच में सेक्स कर रहे थे...ये सोचकर ही उसका शरीर तपने
लगा था..और उसने खुद ही नोट किया की उसके निप्पल बाहर की तरफ
निकल कर उभर आए हैं...



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पूजा : ''आप बैठो,मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूँ ...''
और इतना कहकर वो भागकर किचन में आ गयी...क्योंकि अजय की ठरक भरी
नजरों ने उसकी छाती में लगे बल्ब जलते हुए देख लिए थे...
अंदर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से अपनी तेज सांसो को नियंत्रित किया
और धीरे से बोली : "ये जीजू कितने शरारती है...सच में ...इनसे तो रिया को
बचाकर रखना होगा...वरना पता नही क्या होगा..''
और दूसरी तरफ अंदर बैठा हुआ अजय रिया को कल के बारे में समझा रहा था
और उसके डॉक्युमेंट्स को रेडी रखकर अगले दिन का . फिक्स कर रहा था.
पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर
ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी
कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका
कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से
ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की
कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत
फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक
उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू
उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा
दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो
भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब
शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो
अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी
अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता
था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे
समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2
नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
रात को पूजा जब अपने कमरे में पहुँची तो रिया पहले से ही उसके बेड पर आ
चुकी थी...उसने सिल्क की स्ट्रेप वाली शमीज़ और उसी कपड़े की छोटी
सी निक्कर पहनी हुई थी...

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बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी वो उसमे...और
बड़ी ही सेक्सी...
पूजा ने उसे देखकर सोचा 'ऐसे मे अगर जीजू ने इसको देख लिया तो अभी
इसके साथ सुहागरात मना डालेंगे...'
और अपनी बात पर उसे खुद ही हँसी आ गयी...ये सोचकर भी की कैसे अब हर
बात में वो जीजू के बारे में सोचने लगी है..
उसे ऐसे दरवाजे पर खड़ा हुआ मुस्कुराता हुआ देखकर रिया बोली : "अरे
दीदी...क्या हुआ...आप वहां खड़े हुए क्या सोचकर मुस्कुरा रहे हो...आओ ना
यहाँ पर जल्दी...''
उसे शायद अपनी ट्रैनिंग स्टार्ट करने की जल्दी थी.
पूजा ने वही शाम वाली टी शर्ट और जीन्स पहना हुआ था...अब उसके पास
रिया जैसी कोई सेक्सी नाइट ड्रेस तो थी नही..पर फिर भी वो अपने आप
को उससे कम नही दिखाना चाहती थी...इसलिए अंदर आते ही पूजा ने
दरवाजा बंद किया और शीशे के सामने खड़े होकर कुछ देर तक अपना फिगर
देखती रही और फिर एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट उतार कर साइड में रख
दी ..और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा में खड़ी थी शीशे के सामने...


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दूर बैठी रिया उसे ऐसे करता देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि पूजा तो खुद
ही उसे ढंग से रहने के और कपड़े सही से पहनने के तरीके बताती थी...ऐसे में वो
खुद ही उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी होकर शीशे में अपना फिगर देखकर
इतरा रही थी,ये थोड़ा अजीब सा लगा उसे...पर वो उस झटके से उबर भी
नही पाई थी की एक और झटका देते हुए पूजा ने अपनी जीन्स भी उतार
दी...और अब वो मेचिंग पेंटी में खड़ी थी उसके सामने...

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पीछे बैठी हुई रिया
तो उसकी भरी हुई गांड देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि ऐसी गांड तो वो
खुद की ही चाहती थी...इतनी भरी हुई सी और गूदेदार ....
पूजा भी धड़कते दिल से शायद पहली बार ये सब कर रही थी...उसने आज तक
ये काम अकेले में नही किए थे जो वो इतनी निडरता के साथ रिया के सामने
कर रही थी...
फिर वो अपनी अलमारी की तरफ गयी और उसमे से झुककर कुछ ढूँढने
लगी...और फिर काफ़ी देर बाद उसे वो मिल ही गया जो तलाश कर रही
थी वो...वो एक रेपरोन था..जो बिल्कुल झीने कपड़े का बना हुआ था...उसने
वो पहना और ऐसे ही चलती हुई बेड तक आ गयी...

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और सच में अब वो रिया से
भी सेक्सी लग रही थी..
रिया : "दीदी ....ये क्या हो गया है आपको...मैने तो आज तक आपको ऐसे
कपड़ो में नही देखा...और आपने अभी उपर भी कुछ नही पहना..यानी
...सिर्फ़ ब्रा ही तो है...''
पूजा : "देख गुड़िया....तुझे अब मेरे साथ रोज सोना है तो तू ये बात जान ले, मैं
ऐसे ही सोती हू...बिना टॉप के....और कभी-2 तो टॉपलेस होकर भी....''
वो मुस्कुराती हुई बोली ...
रिया तो उसकी ये बात सुनकर वो इमेजिन ही करने लगी की पूजा नंगी सी
होकर सो रही है इस बेड पर...


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पूजा : "पर इसका मतलब ये नही है की मैं बाहर भी ऐसी हू...तू तो जानती है,
मैं बाहर काफ़ी संभलकर रहती हू...और कपड़े भी ढंग के ही पहनती हू...ताकि
कोई अपनी गंदी नज़रों से मुझे ना चोद सके...''
उसने ''चोद'' शब्द का इस्तेमाल बड़ी आसानी से रिया के सामने कर दिया..
रिया (मुंह गोल करते हुए) : "चोद सके ???? कोई भला नज़रों से कोई कैसे चोद
सकता है दीदी ??''
पूजा : "तू सच में बड़ी भोली है मेरी प्यारी बहना...इसलिए तो मैने तुझे अपने
साथ सुलाने का फ़ैसला किया है ...अब से तू हमेशा मेरे साथ रहा कर...और
जैसा मैं समझाऊ ,वो समझकर ही चला कर...''
उसकी बात सुनकर थोड़ी देर तक तो वो कुछ सोचती रही और फिर एकदम से
उसने भी अपनी वो सेक्सी सी शमीज़ उतार कर साइड में फेंक दी...और अंदर
तो उसने जो ब्रा पहनी हुई थी वो और भी ज़्यादा सेक्सी थी...जिसमे
फंसी हुई उसकी नर्म मुलायम छातियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..


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पूजा : "अरे...ये क्या कर रही है पगली ???''
रिया : "अरे दीदी...आपने ही तो कहा ना अभी...जैसा आप कहेंगी ,वो
समझा करू....तो आप जब बिना टॉप के हैं तो मैं भला क्यों ऐसे रहु....''
बेचारी पूजा अपनी ही बात में खुद फँस गयी थी..
खैर, पूजा ने नाइट बल्ब जलाया और बेड पर आ गयी...
और शाम को हुई जीजू के सामने वाली बात छेड़ दी...जिसमे वो ठरकी का
मतलब जानने की कोशिश कर रही थी..
और अब पूजा ने उसे विस्तार से बताया की असल में ठरकी किसे कहते हैं
पूजा : "देख रिया...वैसे तो हर आदमी में ठरक होती है...इन्फेक्ट लड़कियों में
भी, पर वो ज़्यादा दिखाती नही है...आदमी के सामने कोई भी जवान
लड़की या औरत आती है तो वो उसे ऐसी नज़रों से देखता है जैसे वो वही
उसका रेप कर देगा...वैसे तो उनका ऐसा देखना ग़लत होता है पर कई
लड़किया इसे भी एंजाय करती है...और मैं नही चाहती की तू भी उनमे से
हो...हम लड़कियों को थोड़ी अकड़ में रहना पड़ता है, ताकि ऐसे लड़के हमारे
आगे पीछे घूमे,नही तो हमारी वैल्यू कुछ भी नही रहेगी...''
रिया तो उसकी बातें ऐसे सुन रही थी जैसे कोई प्रवचन चल रहा हो...वो
सुनती रही और फिर लास्ट मे बोली : "पर दीदी...आपने जैसा कहा की ये
ठरक हमारे अंदर भी होती है...तो हमेशा ऐसा क्यो होता है की लड़के ही
वो सब मज़ा ले, हमे भी तो हक है अपने अंदर की भावनाओ को व्यक्त करने
का...आई मीन जो काम वो कर सकते हैं वही काम हम करे तो इसमे भला क्या
ग़लत है...''
धाक के तीन पात...इतनी देर से जो बात पूजा उसको समझाने की कोशिश
कर रही थी,वो उससे उल्टा ही सोच रही थी अब तक....
फिर उसने रिया को उसके हिसाब से समझना : "देख रिया, कभी-2 तो
चलता है पर हमेशा अपनी भावनाए व्यक्त नही करनी चाहिए...जैसा की
अभी हम दोनो अपने कमरे में बिना टॉप के सो रही है, पर बाहर जाने के लिए
तो हमे कुछ पहनना ही होगा ना, ऐसे ही आपस में तो हम भले ही कुछ भी कर
ले या बोल ले, पर बाहर की दुनिया को हमे अपना दूसरा रूप ही दिखाना
होता है...''
रिया कुछ नही बोली...वो उसकी भारी भरकम बातों के जाल से बचना
चाहती थी...इसलिए उसने बात ही बदल दी, वो बोली : "चलो छोड़ो
दीदी ये सब बातें....मैं बाहर तो रह लूँगी आपके हिसाब से, पर आप तो मुझे
जीजू के सामने भी ऐसी बातें करने से रोक रही थी...वो तो अपने ही है
ना...मेरा इतना ध्यान भी रखते हैं...उनसे भला क्या प्राब्लम.."
अब भला पूजा उसे सॉफ-2 कैसे कहती की वही तो दुनिया का सबसे बड़ा
ठरकी है जिससे बचने के लिए वो ये सब भाषण दे रही है...पर वो बोल नही
पाई...अपने ही जीजू को वो बदनाम भी नही करना चाहती थी..और वो
भी रिया के सामने,जिसे इतनी भी समझ नही है की कोई बात सुनकर उसे
अपने तक ही रख ले, क्या पता कल जाकर वो प्राची दीदी को ही ये सब
बक दे की पूजा उनके पति के बारे में कैसी-2 पट्टियां पड़ा रही है उसे...
आज पहला दिन था वैसे भी, इसलिए उसे और समझाकर वो रिया पर भी
ज़्यादा बोझ नही डालना चाहती थी...इसलिए बस मुस्कुरा कर रह गयी
और थोड़ी देर और इधर-2 की बातें करने के बाद वो सो गये...कल कुछ और
सीखने की बात करके...
और रिया तो अगले दिन अपने जीजू के साथ बाहर जाने की बात पर बड़ी
एक्ससाइटेड थी...और उसने सोच भी लिया था की अब अपनी किसी भी
बेवकूफी से वो अपने प्यारे जीजू को नाराज़ नही करेगी..
Shaandar update
 
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Jash1990

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दूसरी तरफ अजय अपने ख़ास दोस्त अनिल के घर पर बैठा हुआ दारू पी रहा
था...उसकी बीबी अंजलि भी उनके साथ बैठकर वोड्का पी रही थी...और
घर पर प्राची उसका वैट कर रही थी...काफ़ी देर हो चुकी थी..उसने फोन
भी किया अजय को पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए उसने फोन उठाया ही नही...
अनिल : "आज लगता है जबरदस्त लड़ाई हुई है दोनो में ...भाभी का फोन भी
नही उठा रहा तू तो...''
अजय (ग्लास में सिप लेते हुए) : "अरे नही यार...ऐसा कुछ नही है...''
तभी फोन फिर बजने लगा तो अंजलि ने फोन ले लिया और बोली : "ये ग़लत
बात है अजय, तुम्हे प्राची को बोल तो देना चाहिए की तुम हमारे यहाँ हो,
रूको मैं ही बोल देती हू...''
पर वो जब तक फोन उठा पाती वो बजना ही बंद हो गया...
उधर प्राची समझ गयी की वो कुछ ज़्यादा ही गुस्सा है आज...पर वो भी
इतनी आसानी से हार मानने वाली नही थी....उसके दिमाग़ में एक
आइडिया आया और वो तुरंत अपने बेडरूम में गयी और अपने सारे कपड़े उतार
दिए और नंगी हो गयी...और फिर उसने अपना आई-लाइनर उठाया और अपने
मुम्मों के बीच लिखा "अजय की प्राची''
और एक लकीर नीचे की तरफ खींचकर अपनी चूत के उपर एक तीर का निशान
बनाया और चूत के ठीक उपर लिखा ''प्राची की चूत ,अजय के लिए...उसके
इंतजार में ...''
और फिर शीशे के सामने खड़ी होकर अपने फोन से उसने अपनी छातियों की
और अपनी चूत वाले हिस्से की 3-4 पिक्स लेकर उसे उसने व्हाट्स-अप से अजय
को भेज दिया..


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अजय तो अनिल के साथ गप्पे मारने में लगा था, और उसका मोबाइल अभी
तक अंजलि की गोद में ही पड़ा था..मेसेज की बेल बजते ही अंजलि ने उसे
देखा और वट्स-अप खोल कर देखा.. जब उसे दिखा की क्या आया है तो
उसके चेहरे पर शरारत दौड़ गयी....वो भी कई बार प्राची से मिल चुकी थी
पर वो ये नही जानती थी की वो इतनी नॉटी भी हो सकती है...
अंजलि ने अजय को कई बार अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखा
था...इसलिए थोड़ा बहुत फ्लर्ट वो भी कर ही लेती थी उसके साथ...
और तभी अनिल उठकर बाथरूम में चला गया...अजय ने अंजलि की तरफ देखा
जो उसके मोबाइल मे कुछ देखकर बड़े ही अजीब ढंग से मुस्कुरा रही थी...अजय
को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अंजलि बोली : "आज तो तुम्हारी खैर
नही अजय...घर पर प्राची तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही है...''
इतना कहकर उसने मोबाइल को ऐसे ही अजय के हाथ में दे दिया...और उसमे
आई पिक्स को देखकर अजय का नशा भी एकदम से उतर सा गया....उसने तो
एक्सपेक्ट भी नही किया था की प्राची ऐसी हरकत कर सकती है...उसे बुरा
तो नही लगा पर अंजलि ने वो सब देख लिया इसलिए एम्बेरेस ज़रूर फील कर
रहा था वो..
अंजलि : "आई एम सॉरी अजय....मोबाइल मेरे हाथ में ही था,इसलिए देखे
बिना रह नही सकी...''
और इतना कहकर वो फिर से मुस्कुरा दी...
और वो जिस तरह से मुस्कुरा रही थी,अजय को उसमे अपने लिए स्कोप बनता
दिख रहा था...
वैसे तो उसे अंजलि शुरू से ही पसंद थी, ख़ासकर उसके मोटे मुममे, पर खुलकर वो
उसे कभी बोल नही पाता था...आख़िर जिगरी दोस्त की बीबी जो
थी..पर आज उसे थोड़ा बहुत फ्लर्ट करने में कोई दिक्कत आती हुई दिख नही
रही थी,क्योंकि शुरुवात तो अंजलि ने ही की थी..


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Hot Anjani
अजय : "अब तो सच में रुका नही जा रहा भाभी...जल्दी घर जाना पड़ेगा...''
और ऐसा कहने के साथ ही उसने जिस बेशर्मी से वो बात बोली थी उतनी
ही बेशर्मी से अपने लंड को थोड़ा सा एडजस्ट किया...जिसे अंजलि ने
सॉफ-2 देखा..
वो मुस्कुराती हुई बोली : "ह्म्*म्म्म...सही है...मज़े है तुम लोगो के...''
अजय : "क्यो, आपके मज़े नही है क्या...आजकल अनिल आपकी सेवा नही
करता सही से...''
अंजलि ने बाथरूम के दरवाजे की तरफ देखा और धीरे से बोली : "हमारी
शादी को 6 साल हो चुके है..और तुम्हारी अभी-2 हुई है...फ़र्क तो पड़ता है ना...''
अजय : "आप जैसी बीबी हो तो 20 साल बाद भी सेवा करने का मन करता रहे...''
अंजलि (मुस्कुराती हुई) : "ये बात तुम अपने दोस्त को समझाओ अजय....जिसे
ऐसा लगता है की एक बच्चा होने के बाद मैं पहले जैसी कड़क नही रही...''
अजय : "मुझे तो आप अभी भी वैसी ही लगती हो...'' अजय ने उसकी मोटी-2
छातियों की तरफ घूरते हुए कहा..
अंजलि : "कैसी ???"
अजय : "कड़क !!!!!!!!.....''
अंजलि ये सुनकर मुस्कुरा दी...और तभी अनिल वापिस आ गया...अजय ने भी
जल्दी से पेग ख़त्म किया और जाने की तैयारी करने लगा...
अनिल : "अरे यार, अभी तो मज़ा आने लगा था...और तू जा रहा है...लगता है
प्राची का कोई मैसेज आया है...''
अंजलि (हंसते हुए) : "हाँ , और ऐसा मेसेज आया है की अब अजय से रुका ही
नही जा रहा ....''
अजय धीरे से अंजलि के करीब आया और उसके कान के पास बोला : "ऐसा
मैसेज आप भी भेजकर देखना...अनिल से भी रुका नही जाएगा....''
और उसके बाद जो अंजलि ने कहा उसे सुनकर तो अजय को अपने कानो पर
विश्वास ही नही हुआ, वो भी उसी टोन में धीरे से बोली : "और अगर तुम्हे
भेजू तो....''
अजय बेचारा कुछ बोल ही नही पाया वो सुनकर...बस अपनी गोल-२ आँखों
से अंजलि के सेक्सी से चेहरे को देखता रह गया, जो ऐसा बोलकर बड़े ही
जालिम तरीके से मुस्कुरा रही थी,
और जब कुछ देर बाद अजय बोलने ही वाला था कुछ तब तक अनिल बोल
पड़ा था बीच में : "ये क्या ख़ुसर फुसर हो रही है तुम दोनो में ...?''
अंजलि : "ये हमारे देवर भाभी की बात है कुछ...आप क्यो जल रहे हो हमे
देखकर...''
अनिल बेचारा खिसियानी हँसी हँसता हुआ कुछ ना बोल पाया...और
अजय उसकी नशीली आँखो मे देखता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा...ये
सोचता हुआ की जो भी अंजलि भाभी ने कहा, क्या वो सच था...
पर अभी तो उसके दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ प्राची का वो नंगा शरीर
घूम रहा था, जिसपर उसने अजय के नाम की मोहर लगाकर उसे भेजा था....
 

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दूसरी तरफ अजय अपने ख़ास दोस्त अनिल के घर पर बैठा हुआ दारू पी रहा
था...उसकी बीबी अंजलि भी उनके साथ बैठकर वोड्का पी रही थी...और
घर पर प्राची उसका वैट कर रही थी...काफ़ी देर हो चुकी थी..उसने फोन
भी किया अजय को पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए उसने फोन उठाया ही नही...
अनिल : "आज लगता है जबरदस्त लड़ाई हुई है दोनो में ...भाभी का फोन भी
नही उठा रहा तू तो...''
अजय (ग्लास में सिप लेते हुए) : "अरे नही यार...ऐसा कुछ नही है...''
तभी फोन फिर बजने लगा तो अंजलि ने फोन ले लिया और बोली : "ये ग़लत
बात है अजय, तुम्हे प्राची को बोल तो देना चाहिए की तुम हमारे यहाँ हो,
रूको मैं ही बोल देती हू...''
पर वो जब तक फोन उठा पाती वो बजना ही बंद हो गया...
उधर प्राची समझ गयी की वो कुछ ज़्यादा ही गुस्सा है आज...पर वो भी
इतनी आसानी से हार मानने वाली नही थी....उसके दिमाग़ में एक
आइडिया आया और वो तुरंत अपने बेडरूम में गयी और अपने सारे कपड़े उतार
दिए और नंगी हो गयी...और फिर उसने अपना आई-लाइनर उठाया और अपने
मुम्मों के बीच लिखा "अजय की प्राची''
और एक लकीर नीचे की तरफ खींचकर अपनी चूत के उपर एक तीर का निशान
बनाया और चूत के ठीक उपर लिखा ''प्राची की चूत ,अजय के लिए...उसके
इंतजार में ...''
और फिर शीशे के सामने खड़ी होकर अपने फोन से उसने अपनी छातियों की
और अपनी चूत वाले हिस्से की 3-4 पिक्स लेकर उसे उसने व्हाट्स-अप से अजय
को भेज दिया..


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अजय तो अनिल के साथ गप्पे मारने में लगा था, और उसका मोबाइल अभी
तक अंजलि की गोद में ही पड़ा था..मेसेज की बेल बजते ही अंजलि ने उसे
देखा और वट्स-अप खोल कर देखा.. जब उसे दिखा की क्या आया है तो
उसके चेहरे पर शरारत दौड़ गयी....वो भी कई बार प्राची से मिल चुकी थी
पर वो ये नही जानती थी की वो इतनी नॉटी भी हो सकती है...
अंजलि ने अजय को कई बार अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखा
था...इसलिए थोड़ा बहुत फ्लर्ट वो भी कर ही लेती थी उसके साथ...
और तभी अनिल उठकर बाथरूम में चला गया...अजय ने अंजलि की तरफ देखा
जो उसके मोबाइल मे कुछ देखकर बड़े ही अजीब ढंग से मुस्कुरा रही थी...अजय
को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अंजलि बोली : "आज तो तुम्हारी खैर
नही अजय...घर पर प्राची तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही है...''
इतना कहकर उसने मोबाइल को ऐसे ही अजय के हाथ में दे दिया...और उसमे
आई पिक्स को देखकर अजय का नशा भी एकदम से उतर सा गया....उसने तो
एक्सपेक्ट भी नही किया था की प्राची ऐसी हरकत कर सकती है...उसे बुरा
तो नही लगा पर अंजलि ने वो सब देख लिया इसलिए एम्बेरेस ज़रूर फील कर
रहा था वो..
अंजलि : "आई एम सॉरी अजय....मोबाइल मेरे हाथ में ही था,इसलिए देखे
बिना रह नही सकी...''
और इतना कहकर वो फिर से मुस्कुरा दी...
और वो जिस तरह से मुस्कुरा रही थी,अजय को उसमे अपने लिए स्कोप बनता
दिख रहा था...
वैसे तो उसे अंजलि शुरू से ही पसंद थी, ख़ासकर उसके मोटे मुममे, पर खुलकर वो
उसे कभी बोल नही पाता था...आख़िर जिगरी दोस्त की बीबी जो
थी..पर आज उसे थोड़ा बहुत फ्लर्ट करने में कोई दिक्कत आती हुई दिख नही
रही थी,क्योंकि शुरुवात तो अंजलि ने ही की थी..


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अजय : "अब तो सच में रुका नही जा रहा भाभी...जल्दी घर जाना पड़ेगा...''
और ऐसा कहने के साथ ही उसने जिस बेशर्मी से वो बात बोली थी उतनी
ही बेशर्मी से अपने लंड को थोड़ा सा एडजस्ट किया...जिसे अंजलि ने
सॉफ-2 देखा..
वो मुस्कुराती हुई बोली : "ह्म्*म्म्म...सही है...मज़े है तुम लोगो के...''
अजय : "क्यो, आपके मज़े नही है क्या...आजकल अनिल आपकी सेवा नही
करता सही से...''
अंजलि ने बाथरूम के दरवाजे की तरफ देखा और धीरे से बोली : "हमारी
शादी को 6 साल हो चुके है..और तुम्हारी अभी-2 हुई है...फ़र्क तो पड़ता है ना...''
अजय : "आप जैसी बीबी हो तो 20 साल बाद भी सेवा करने का मन करता रहे...''
अंजलि (मुस्कुराती हुई) : "ये बात तुम अपने दोस्त को समझाओ अजय....जिसे
ऐसा लगता है की एक बच्चा होने के बाद मैं पहले जैसी कड़क नही रही...''
अजय : "मुझे तो आप अभी भी वैसी ही लगती हो...'' अजय ने उसकी मोटी-2
छातियों की तरफ घूरते हुए कहा..
अंजलि : "कैसी ???"
अजय : "कड़क !!!!!!!!.....''
अंजलि ये सुनकर मुस्कुरा दी...और तभी अनिल वापिस आ गया...अजय ने भी
जल्दी से पेग ख़त्म किया और जाने की तैयारी करने लगा...
अनिल : "अरे यार, अभी तो मज़ा आने लगा था...और तू जा रहा है...लगता है
प्राची का कोई मैसेज आया है...''
अंजलि (हंसते हुए) : "हाँ , और ऐसा मेसेज आया है की अब अजय से रुका ही
नही जा रहा ....''
अजय धीरे से अंजलि के करीब आया और उसके कान के पास बोला : "ऐसा
मैसेज आप भी भेजकर देखना...अनिल से भी रुका नही जाएगा....''
और उसके बाद जो अंजलि ने कहा उसे सुनकर तो अजय को अपने कानो पर
विश्वास ही नही हुआ, वो भी उसी टोन में धीरे से बोली : "और अगर तुम्हे
भेजू तो....''
अजय बेचारा कुछ बोल ही नही पाया वो सुनकर...बस अपनी गोल-२ आँखों
से अंजलि के सेक्सी से चेहरे को देखता रह गया, जो ऐसा बोलकर बड़े ही
जालिम तरीके से मुस्कुरा रही थी,
और जब कुछ देर बाद अजय बोलने ही वाला था कुछ तब तक अनिल बोल
पड़ा था बीच में : "ये क्या ख़ुसर फुसर हो रही है तुम दोनो में ...?''
अंजलि : "ये हमारे देवर भाभी की बात है कुछ...आप क्यो जल रहे हो हमे
देखकर...''
अनिल बेचारा खिसियानी हँसी हँसता हुआ कुछ ना बोल पाया...और
अजय उसकी नशीली आँखो मे देखता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा...ये
सोचता हुआ की जो भी अंजलि भाभी ने कहा, क्या वो सच था...
पर अभी तो उसके दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ प्राची का वो नंगा शरीर
घूम रहा था, जिसपर उसने अजय के नाम की मोहर लगाकर उसे भेजा था....
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दूसरी तरफ अजय अपने ख़ास दोस्त अनिल के घर पर बैठा हुआ दारू पी रहा
था...उसकी बीबी अंजलि भी उनके साथ बैठकर वोड्का पी रही थी...और
घर पर प्राची उसका वैट कर रही थी...काफ़ी देर हो चुकी थी..उसने फोन
भी किया अजय को पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए उसने फोन उठाया ही नही...
अनिल : "आज लगता है जबरदस्त लड़ाई हुई है दोनो में ...भाभी का फोन भी
नही उठा रहा तू तो...''
अजय (ग्लास में सिप लेते हुए) : "अरे नही यार...ऐसा कुछ नही है...''
तभी फोन फिर बजने लगा तो अंजलि ने फोन ले लिया और बोली : "ये ग़लत
बात है अजय, तुम्हे प्राची को बोल तो देना चाहिए की तुम हमारे यहाँ हो,
रूको मैं ही बोल देती हू...''
पर वो जब तक फोन उठा पाती वो बजना ही बंद हो गया...
उधर प्राची समझ गयी की वो कुछ ज़्यादा ही गुस्सा है आज...पर वो भी
इतनी आसानी से हार मानने वाली नही थी....उसके दिमाग़ में एक
आइडिया आया और वो तुरंत अपने बेडरूम में गयी और अपने सारे कपड़े उतार
दिए और नंगी हो गयी...और फिर उसने अपना आई-लाइनर उठाया और अपने
मुम्मों के बीच लिखा "अजय की प्राची''
और एक लकीर नीचे की तरफ खींचकर अपनी चूत के उपर एक तीर का निशान
बनाया और चूत के ठीक उपर लिखा ''प्राची की चूत ,अजय के लिए...उसके
इंतजार में ...''
और फिर शीशे के सामने खड़ी होकर अपने फोन से उसने अपनी छातियों की
और अपनी चूत वाले हिस्से की 3-4 पिक्स लेकर उसे उसने व्हाट्स-अप से अजय
को भेज दिया..


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अजय तो अनिल के साथ गप्पे मारने में लगा था, और उसका मोबाइल अभी
तक अंजलि की गोद में ही पड़ा था..मेसेज की बेल बजते ही अंजलि ने उसे
देखा और वट्स-अप खोल कर देखा.. जब उसे दिखा की क्या आया है तो
उसके चेहरे पर शरारत दौड़ गयी....वो भी कई बार प्राची से मिल चुकी थी
पर वो ये नही जानती थी की वो इतनी नॉटी भी हो सकती है...
अंजलि ने अजय को कई बार अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखा
था...इसलिए थोड़ा बहुत फ्लर्ट वो भी कर ही लेती थी उसके साथ...
और तभी अनिल उठकर बाथरूम में चला गया...अजय ने अंजलि की तरफ देखा
जो उसके मोबाइल मे कुछ देखकर बड़े ही अजीब ढंग से मुस्कुरा रही थी...अजय
को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अंजलि बोली : "आज तो तुम्हारी खैर
नही अजय...घर पर प्राची तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही है...''
इतना कहकर उसने मोबाइल को ऐसे ही अजय के हाथ में दे दिया...और उसमे
आई पिक्स को देखकर अजय का नशा भी एकदम से उतर सा गया....उसने तो
एक्सपेक्ट भी नही किया था की प्राची ऐसी हरकत कर सकती है...उसे बुरा
तो नही लगा पर अंजलि ने वो सब देख लिया इसलिए एम्बेरेस ज़रूर फील कर
रहा था वो..
अंजलि : "आई एम सॉरी अजय....मोबाइल मेरे हाथ में ही था,इसलिए देखे
बिना रह नही सकी...''
और इतना कहकर वो फिर से मुस्कुरा दी...
और वो जिस तरह से मुस्कुरा रही थी,अजय को उसमे अपने लिए स्कोप बनता
दिख रहा था...
वैसे तो उसे अंजलि शुरू से ही पसंद थी, ख़ासकर उसके मोटे मुममे, पर खुलकर वो
उसे कभी बोल नही पाता था...आख़िर जिगरी दोस्त की बीबी जो
थी..पर आज उसे थोड़ा बहुत फ्लर्ट करने में कोई दिक्कत आती हुई दिख नही
रही थी,क्योंकि शुरुवात तो अंजलि ने ही की थी..


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अजय : "अब तो सच में रुका नही जा रहा भाभी...जल्दी घर जाना पड़ेगा...''
और ऐसा कहने के साथ ही उसने जिस बेशर्मी से वो बात बोली थी उतनी
ही बेशर्मी से अपने लंड को थोड़ा सा एडजस्ट किया...जिसे अंजलि ने
सॉफ-2 देखा..
वो मुस्कुराती हुई बोली : "ह्म्*म्म्म...सही है...मज़े है तुम लोगो के...''
अजय : "क्यो, आपके मज़े नही है क्या...आजकल अनिल आपकी सेवा नही
करता सही से...''
अंजलि ने बाथरूम के दरवाजे की तरफ देखा और धीरे से बोली : "हमारी
शादी को 6 साल हो चुके है..और तुम्हारी अभी-2 हुई है...फ़र्क तो पड़ता है ना...''
अजय : "आप जैसी बीबी हो तो 20 साल बाद भी सेवा करने का मन करता रहे...''
अंजलि (मुस्कुराती हुई) : "ये बात तुम अपने दोस्त को समझाओ अजय....जिसे
ऐसा लगता है की एक बच्चा होने के बाद मैं पहले जैसी कड़क नही रही...''
अजय : "मुझे तो आप अभी भी वैसी ही लगती हो...'' अजय ने उसकी मोटी-2
छातियों की तरफ घूरते हुए कहा..
अंजलि : "कैसी ???"
अजय : "कड़क !!!!!!!!.....''
अंजलि ये सुनकर मुस्कुरा दी...और तभी अनिल वापिस आ गया...अजय ने भी
जल्दी से पेग ख़त्म किया और जाने की तैयारी करने लगा...
अनिल : "अरे यार, अभी तो मज़ा आने लगा था...और तू जा रहा है...लगता है
प्राची का कोई मैसेज आया है...''
अंजलि (हंसते हुए) : "हाँ , और ऐसा मेसेज आया है की अब अजय से रुका ही
नही जा रहा ....''
अजय धीरे से अंजलि के करीब आया और उसके कान के पास बोला : "ऐसा
मैसेज आप भी भेजकर देखना...अनिल से भी रुका नही जाएगा....''
और उसके बाद जो अंजलि ने कहा उसे सुनकर तो अजय को अपने कानो पर
विश्वास ही नही हुआ, वो भी उसी टोन में धीरे से बोली : "और अगर तुम्हे
भेजू तो....''
अजय बेचारा कुछ बोल ही नही पाया वो सुनकर...बस अपनी गोल-२ आँखों
से अंजलि के सेक्सी से चेहरे को देखता रह गया, जो ऐसा बोलकर बड़े ही
जालिम तरीके से मुस्कुरा रही थी,
और जब कुछ देर बाद अजय बोलने ही वाला था कुछ तब तक अनिल बोल
पड़ा था बीच में : "ये क्या ख़ुसर फुसर हो रही है तुम दोनो में ...?''
अंजलि : "ये हमारे देवर भाभी की बात है कुछ...आप क्यो जल रहे हो हमे
देखकर...''
अनिल बेचारा खिसियानी हँसी हँसता हुआ कुछ ना बोल पाया...और
अजय उसकी नशीली आँखो मे देखता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा...ये
सोचता हुआ की जो भी अंजलि भाभी ने कहा, क्या वो सच था...
पर अभी तो उसके दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ प्राची का वो नंगा शरीर
घूम रहा था, जिसपर उसने अजय के नाम की मोहर लगाकर उसे भेजा था....
आज रात मस्त होने वाली है अजय की, एक दम झकास अपडेट।
 

Gary1511

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कुछ ही दिनों में उसके घर वाले गाँव चले गये...और वो और प्राची अपनी
मैरिड लाइफ में खो गये..
अजय को ज़्यादा छुट्टी नही मिली थी शादी पर, इसलिए वो दोनों कही
हनीमून पर नही जा सके...पर उन्होने सोच लिया था की 2 महीने बाद वो ज़रूर घूमने जाएँगे..
अजय की सास यानी रजनी भाभी, जिसे अजय ने अभी तक मम्मी कहना
शुरू नही किया था, वो उनके लिए रात का खाना बना कर रखती थी,
क्योंकि ऑफीस से आने के बाद प्राची में इतनी हिम्मत नही रहती थी की
वो कुछ बना सके...
और वैसे भी उसे कुछ ज़्यादा खाना बनाना नही आता था..अजय ने शुरू -2 में
तो काफ़ी मना किया पर वो ज़बरदस्ती उनके लिए खाना बना देती
थी..और हमेशा यही कहती थी की अब वो भी उनके घर का ही एक हिस्सा है..
ऐसे ही एक दिन जब ऑफीस से आने में ,ट्रैफिक की वजह से दोनों को लेट हो
गया तो वो उनके घर 10 बजे के आस पास पहुँचे...सभी सो चुके थे, सिर्फ़ रजनी
भाभी जाग रही थी..उन दोनों को खाना खिलाने के लिए..और अजय ने
उन्हे पहली बार गाउन में देखा..


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उन्होने पिंक कलर का गाउन पहना हुआ था, जो काफ़ी महीन सा था...और
किचन की रोशनी में वो उनके शरीर को अंदर तक देख पा रहा था..वैसे तो
आजकल लगभग रोज ही वो प्राची की लेता था..पर फिर भी उसे वही दिन
याद आ गये जब शादी से पहले वो रजनी भाभी के इसी रसीले शरीर का दीवाना था...
उसके लंड ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी..और प्राची से नज़रें चुरा-चुराकर वो
उसकी माँ को निहारने लगा..उसके अंदर वही ठरकी इंसान जाग उठा जो
ऐसे माल को देखकर मन में ख्याली पुलाव बनाना शुरू कर देता है
खाना खाने के बाद वो जब अपने बेडरूम में गये तो अजय ने उसे नंगा करके बुरी
तरह से चोदा ...

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और वो जबरदस्त चुदाई अपनी सेक्सी सास को सोचकर की
थी उसने...
और फिर उसने मन मे सोच लिया की अब उसके दिल की इच्छा पूरी करने का
वक़्त आ गया है...और अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए उसके दिमाग़ में
प्लान बनने शुरू हो गये.
अगले दिन प्राची के ऑफीस में ऑडिट था, इसलिए उसको जल्दी निकलना
था और घर भी लालेट ही आना था...जब तक अजय सोकर उठा, वो जाने के
लिए निकल ही रही थी..उसने अजय को किस्स किया और जल्दी-2
ऑफीस के लिए निकल गयी..
प्राची के जाने के बाद अजय फिर से सो गया..प्राची की वजह से वो हमेशा
ऑफीस टाइम से ही पहुँच जाता था..इसलिए उसने सोचा की आज थोड़ा
और सो लिया जाए और आराम से ऑफीस के लिए निकला जाए..ऐसे कभी-
कभार लेट जाने मे कोई प्राब्लम नही होती..
करीब 9 बजे के आस पास उसकी नींद दोबारा खुली, बाहर का दरवाजा
अभी तक अंदर से बंद नही किया था उसने, इसलिए उसके खुलने की आवाज़
सुनकर वो जाग गया..और कुछ ही देर मे प्राची की माँ अंदर आई...अजय भी
आँखे मलता हुआ लेटा रहा..
रजनी : "अरे अजय, तुम अभी तक सो रहे हो...मैने तो बाहर तुम्हारी गाड़ी
खड़ी देखी,इसलिए सोचा की चलकर देख लू की अभी तक ऑफिस क्यों नहीं
गए ...और तुम तो अभी तक उठे भी नही हो...ऑफीस नही जाना क्या..''
अजय : "बस ऐसे ही...सोचा आज थोड़ा लेट निकलूंगा...''
रजनी ने आस पास बिखरे कपड़े देखे और बोली : "कमरे का हाल तो देखो
क्या बना रखा है तुम लोगो ने...''
और वो झुककर कपड़े समेटने लगी..और कपड़े उठाते हुए रजनी को ये एहसास
हुआ की उसने क्या ग़लती कर दी...क्योंकि नीचे पड़े कपड़ों में पहले तो
उसकी बेटी के कपड़े यानी नाइट गाउन और ब्रा पेंटी आए..और फिर अजय के
कपड़े आए जिनमे उसकी टी शर्ट और पायजामा और फिर बनियान और
जोक्की भी था...
उन्हे उठाते हुए उसे काफ़ी शरम आ रही थी...अब तक वो ये बात भी जान
चुकी थी की अजय इस समय पूरा नंगा होकर सो रहा है...
और अजय ने जब अपना अंडरवीयर उठाते हुए उन्हे देखा तो उसके लंड का रॉकेट
सीधा उपर की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया...

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क्योंकि उसी अंडरवीयर से
रात को उसने प्राची की चूत सॉफ की थी चुदाई के बाद...और उसपर अभी
तक अजय के वीर्य का गीलापन और चिपचिपापन था..
और झुकने की वजह से रजनी के सूट का गला भी नीचे ढलक आया था और
उनकी भरी हुई छातियाँ ऐसे लटक गयी जैसे डाल पर पके हुए पपीते लटक जाते
हैं और चिल्लाते हैं की आओ और हमे तोड़ लो अब..


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पर वो अभी तो उन्हे तोड़ मरोड़ नही सकता था ना..इसलिए हसरत भरी
नज़रों से उन्हे देखता रहा बस..
उसने देखा की रजनी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ चुकी है..
अजय : "क्या हुआ...आप ऐसे मुस्कुरा क्यो रहे हो...''
रजनी : "नही...बस ऐसे ही...कुछ याद आ गया..''
अजय : "बताइए ना, ऐसा क्या याद आ गया ''
रजनी का चेहरा लाल हो उठा...और वो धीरे से बोली : "बस वो....मुझे भी
अपनी शादी के बाद का टाइम याद आ गया....हम भी ऐसे ही ....छोड़ ना
अजय, मुझे शर्म आ रही है...''
और इतना कहकर वो उन कपड़ो को लेकर बाथरूम में चली गयी और उन्हे मशीन
में डाल दिया..
अजय ने भी सोच लिया की आज ही वो मौका है जब वो उस हुस्न परी के
करीब आ सकता है...उसने तुरंत पास पड़ी चादर लूँगी की तरह लपेटी और ऐसे
ही उठकर बाथरूम की तरफ चल दिया..
वो मशीन में कपड़े डालकर उसे चला रही थी ताकि उसकी बेटी के आने तक
वो सब धुल जाएँ...
उसे रजनी की उभरी हुई गांड इतनी दिलकश लग रही थी की उससे रहा नही


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गया और वो आगे बड़ा और उनकी उभरी हुई गांड से सटकर खड़ा हो गया

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और एकदम से बोला : "ओहो....आपने तो मेरा अंडरवीयर भी बीच में डाल दिया,
मुझे अभी के लिए तो वही पहनना था ना...''
और ऐसा करते-2 उसने आगे की तरफ झुककर वो अंडरवीयर मशीन में से
निकालना चाहा..मशीन और अजय के बीच खड़ी रजनी पिस्स कर रह गयी..
और अपने पीछे खड़े दामाद के लंड का एहसास भी शायद उसे हो चुका
था,इसलिए हड़बड़ाते हुए वो बोली : "अरे ...वो अब पहनने लायक नही है...रहने
दो उसको...कोई दूसरा पहन लो अभी के लिए...''
और इतना कहकर वो मछली की तरह फिसलकर निकल आई बाहर..
अजय भी बाहर आ गया...उसने देखा की रजनी अपने घर जा रही है
अजय : "अरे,रुकिये तो,मुझे पहले पूरी बात तो बता कर जाइए...''
वो रुक गयी और बोली : "कौन सी बात ??''
''वही, शादी के बाद वाली....''
रजनी : "धत्त , बेशरम....''
और खिलखिलाती हुई सी वो अपने घर की तरफ भाग गयी..
और जाते हुए बोली : "जल्दी नहा कर वहीँ आ जाओ...मैं नाश्ता बना रही हूँ ..''
अजय ने जब अपनी भागती हुई सास की गांड देखी तो उसका मन किया के
वहीं के वहीं मूठ मार ले...पर अब उसके मूठ मारने के दिन जा चुके थे, और अपने
माल को वो ऐसे वेस्ट नहीं करना चाहता था...उसके पास प्राची जैसा गर्म
माल जो था...इसलिए उसने वो माल रात के लिए बचा कर रख लिया..
और जल्दी-2 नहा धोकर ऑफीस के कपड़े पहन कर तैयार हुआ और अपने
ससुराल में जा पहुँचा..दरवाजा खुला ही हुआ था,वो सीधा अंदर आ गया..
रजनी किचन में थी और अजय के लिए नाश्ता बना रही थी...
दूर से ही उसे वही उभरी हुई गांड दिखाई दे गयी और वो फिर से सम्मोहित
सा होकर उसी तरफ चल दिया..
ड्रॉयिंग रूम से किचन की तरफ़ जाते हुए अचानक उसकी नज़र साइड में बने
बेडरूम की तरफ गयी और उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
उसकी साली पूजा अभी - 2 नहाकर निकली थी और उसके भरे हुए बदन पर
सिर्फ़ एक टावल ही था...

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वो बेड के उपर झुकी हुई थी और अपने टॉप को प्रेस
कर रही थी...ऐसा करते हुए उसकी मोटी-2 जांघे बिल्कुल उपर तक दिख रही थी...
अब एक तरफ उसकी रसीली सास थी, जो किचन में नाश्ता बना रही
थी..और दूसरी तरफ उसकी जवान साली का लगभग नंगा जिस्म..उसके बारे
में तो उसने आजतक कुछ सोचा भी नही था...
वो प्राची से भी ज़्यादा गोरी थी...और भरी हुई भी...
वो सीधा उसके बेडरूम में घुस गया..
और पूजा को शायद किसी के अंदर आने का एहसास हो गया था, पहले तो
उसने सोचा की शायद उसकी माँ ही होगी, क्योंकि इस वक़्त उन दोनो के
अलावा घर पर कोई और था ही नही..
अजय सीधा जाकर उसके पीछे खड़ा हो गया...और उसने अपने लंड वाला
हिस्सा सीधा उसके गीले टावल से टच करा दिया..पहले उसकी माँ की
गांड और अब उसकी बेटी की, एक ही दिन में अजय ने दोनों के गुदाजपन का
मजा ले लिया था
वो झटके से पलटी और अजय को वहाँ खड़ा देखकर वो बोखला सी
गयी...और अपने शरीर को पीछे करती हुई चिल्लाई :
"जीजूऊऊऊउsssssssssssssss आआपपssssssssssssssss ....''
और पीछे तो पलंग था,जिस वजह से वो पीछे तो हो नही पाई बल्कि उसका
बेलेंस और गड़बड़ा गया और वो पीछे की तरफ गिरने लगी, और किसी हीरो
की तरह अजय ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसे नीचे गिरने से बचा
लिया...पर अपने टावल की गाँठ को खुलने से पूजा नही बचा सकी..और एक
ही झटके मे उसके बदन से टावल का परदा नीचे ढलकता चला गया और पूजा
उपर से नंगी होकर अजय की बाहों में झूल गयी...नीचे तो उसने पेंटी पहन रखी
थी, पर ऊपर के गोरे -2 पर्वत देखकर अजय की आँखे गोल होकर रह गयी


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ऐसा सीन देखकर एक पल के लिए तो अजय की साँसे रुक सी गयी....अपनी
जवान साली के नंगे जिस्म को ऐसे अपनी बाहों में महसूस करेगा ये तो उसने
सोचा भी नही था...


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शाम को जब वो घर पहुँचा तो काफ़ी थका हुआ था,काम की वजह से
नही,बल्कि ट्रेफिक की वजह से,प्राची तो आज ऑफीस गयी नही थी,
इसलिए दरवाजा उसी ने खोला.और हमेशा की तरह अंदर आते ही उसने
उसका बेग लिया और गले लगाकर किस्स किया
प्राची : "उम्म्म्म आ गये आप...आज बड़ी देर कर दी...''
अजय : "यार, आज तो ट्रॅफिक ने परेशान करके रख दिया...''
प्राची : "पता है सुबह से रिया कितनी बार पूछ चुकी है आपके बारे में ...पता
नही एक ही दिन मे क्या जादू कर दिया है आपने मेरी भोली भली बहन पर..''
ये बोलते हुए उसके चेहरे पर कुटिल सी मुस्कान थी,जो हर उस पत्नी के चेहरे पर
होती है जब वो अपने पति से किसी और औरत के बारे में बात करती है.
रिया का नाम सुनते ही अजय चोंक गया...वैसे भी आज पूरा दिन ऑफीस में
वो उसके बारे में ही सोचता रहा था और रास्ते में आते हुए भी वो रिया के
बारे में ही सोच रहा था..और घर आते ही अपनी बीबी से उसका नाम सुनने
को मिलेगा, ये उसे अंदाज़ा नही था..पर जो भी था, रिया की बात सुनकर
उसका लंड फिर से खड़ा हो गया.
अजय ने चौंकते हुए कहा : "रिया...उसे क्या हुआ..उसको भला मुझसे क्या
काम है जो मेरे बारे में पूछ रही थी ..''
प्राची : "अब ये तो वो ही जाने...या उसके प्यारे जीजू जाने...हम भला कैसे
बताएँ..''
वो अपनी उसी मुस्कान के साथ फिर से उसके करीब आ गयी..अजय तब तक
सोफे पर बैठ चुका था..
अजय : "तुम सच में बड़ी शक्की हो...अपनी बहन को भी नही छोड़ा..''
प्राची : "होना पड़ता है जनाब, और ख़ासकर तब, जब पति इतना हेंडसम हो...''
इतना कहते -2 प्राची आकर अजय की गोद में बैठ गयी और अपनी बाहें
उसकी गर्दन में लपेट दी..
उसके नर्म कूल्हे अजय की जाँघ पर रेंग रहे उसके खड़े हुए लंड से आ टकराए..और
उसकी आँखे आश्चर्या से फैल गयी और बोली : "अच्छा जी, तो साली का
नाम सुनते ही आपका ये छोटा शेर खड़ा हो गया है...''
वो अजय को टीज कर रही थी रिया का नाम ले-लेकर..
अजय : "ओफफो...तुम भी ना...ये तो तुम्हे देखकर अकड़ रहा है...पता है कल भी
तुम ऐसे ही सो गयी थी..और मेरा इतना मन कर रहा था..''
प्राची : "ओल्ले मेला बैबी...तो मुझे उठा देते ना...आपको तो पता है ,सेक्स
जितना आपको पसंद है उतना ही मुझे भी...''


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अजय ने उसके मुम्मे दबाते हुए कहा : "पता है जान, पर कल तुम इतना थकी हुई
थी की मुझसे तुम्हे उठाया ही नही गया..''
प्राची ने अजय के हाथ पर हाथ रखकर अपना मुम्मा ज़ोर से दबा दिया और
सिसकारी मारने के बाद बोली : "उम्म ...हाँ , वो तो है, कल मै शायद
ज़्यादा ही थक गयी थी...और नींद भी मुझे गहरी वाली आई...और मेरी वजह
से मेरे बैबी को ऐसे ही सोना पड़ा...''
अब वो बेचारी भला क्या जानती थी की उसे वो गहरी वाली नींद कैसे
आई थी...और अजय को ऐसे ही नही सोना पड़ा था..उसकी मौसी ने रात
अच्छी तरह से सेवा करी थी अपने दामाद की , और दामाद ने भी उनकी
गांड मारकर भेजा है वापिस मुंबई उन्हे..
प्राची : "पर कोई बात नही...कल की कमी ,मैं अभी पूरी कर देती हूँ ...''
और इतना कहते ही प्राची टूट पड़ी अजय के चेहरे पर...और अजय भी उसके मुम्मे
मसलता हुआ उसके नर्म होंठों को चूसने लगा..


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ऐसा अक्सर होता नही था, क्योंकि दोनों एक साथ ही ऑफीस से घर आते
थे, इसलिए सेक्स सिर्फ़ रात को ही कर पाते थे, नयी शादीशुदा जिंदगी में
एक दिन का गैप भी उत्तेजना भर जाता है...और यही हो रहा था इस वक़्त
प्राची के साथ ...और वैसे भी अपने पति को बिना सेक्स के रखने का मतलब
उसे बाहर की दुनिया का रास्ता दिखाना , जहाँ जाकर वो अपनी इच्छा
की पूर्ति कर सके, ये मौका प्राची नही देना चाहती थी अजय को...
इसलिए उसने अजय के घर आने से पहले से ही ये सोच रखा था की आज उसके
आने के साथ ही वो चुदाई करवाएगी..रात वाली शिफ्ट बाद में लगाएगी
और यही कर रही थी वो इस वक़्त...
प्राची ने सूट और सलवार पहनी हुई थी...अजय ने उसके उपर की कमीज़ उतार
दी और एक हाथ से उसकी ब्रा भी खोल दी..
उसके दोनो कबूतर फड़फड़ाते हुए बाहर आ गये..

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और प्राची ने एक कबूतर की
गर्दन पकड़ कर अजय के मुँह में अपना निप्पल दे दिया , और अजय भी किसी
प्यासे जानवर की तरह उसपर टूट पड़ा और ज़ोर-2 से चुभलाते हुए उसे चूसने
लगा..निकालने लगा उसके अंदर जमीं मिठास को
''आआआआआहह ऊओ मेरा बैबी......पी ले.....मम्मा का दूध पी ले...''
ऐसा अक्सर बोला करती थी प्राची..जिसे सुनकर वो ज़्यादा उत्तेजित हो
जाया करता था.
प्राची : "आआआआआहह धीरे बैबी ....धीरे....मम्मा को दर्द होता
है.....अहह......''
अजय के सिर पर हाथ फेरती हुई प्राची ने अजय की पेंट की जीप खोल
दी...और उसके लंड की गर्दन पकड़कर बाहर खींच लिया..
उसके लंड को देखते ही वो नागिन की तरह लहराती हुई नीचे बैठ गयी उसके
कदमों में , और उसे पकड़ कर अपनी जीभ से सहलाया...उसे पुचकारा ...और
फिर एक गहरी साँस लेकर उसे निगल लिया..


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''आआआआआआआआहह प्राची ...........ओ मेरी
जान..............एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स..... .सकक्क मी.....''
अजय उसके रेशमी बालों पर दबाव देकर अपने लंड को उसके मुँह के और अंदर
धकेल रहा था...और वो भी अपने पंजों पर बैठकर अपने पति के छोटे भाई की
सेवा अपनी गर्म जीभ से कर रही थी...
उसकी थूक से अजय का लंड नहा गया....अजय ने अपनी बेल्ट खोलकर अपनी
पेंट को थोड़ा नीचे खिसका दिया जिसकी वजह से उसका लंड अब पूरी
तरह से बाहर निकल आया था...
और अब प्राची उसके लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स को भी चाट पा रही थी...
और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय
जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस
दुनिया में ...
अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से
वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद
आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो
प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की
रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..
अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने
प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई
का वक़्त आ गया था..
प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी
फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार
दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक
उसी पोज़ में खड़ी भी रही...


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अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..
और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''
प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...
और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..
और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..
दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..
प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''
अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने
फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़
देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''
आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..
अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा
रही थी..
अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''
अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो
गया...बाहर रिया खड़ी थी.
अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''
पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी
रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता
देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की
आप आ चुके हो ...''
अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और
दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..
रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...
रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की
....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''
अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''
अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की
उन्हे मनाना आसान नही होगा...
और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की
कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे
गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से
ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था
प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही
थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..
इसी बीच रिया घूमकर अजय के सामने आई और ठीक उसके सामने अपने कान
पकड़कर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसके नन्हे-2 बूब्स अजय को टच कर रहे थे..
रिया उपर मुँह करके धीरे से बोली : "ओके बाबा...सॉरी ...ये लो ...कान
पकड़ कर सॉरी...और सुबह वाली बात के लिए आप मुझसे कुछ भी करवा
लो...मैं मना नही करूँगी....''
अजय का लंड अभी तक खड़ा हुआ था, और रिया को इतने करीब खड़ा देखकर
वो उभरकर उसकी जांघे छूने के लिए मचल उठा..अजय भी थोड़ा आगे बड़ा,
उसने रिया की दोनो बाहों को पकड़ा और अपने से और सटा लिया, ऐसा
करते हुए उसकी नर्म छातियाँ तो उसके सीने में धँस ही गयी, उसके खड़े हुए
लंड को भी अपनी मुराद पूरी करने का मौका मिल गया,उसने रिया की
नर्म जांघों को छू लिया..
रिया तो सकपका सी गयी,अपने जीजू द्वारा ऐसे पकड़े जाने के बाद, पर
वो उन्हे कुछ बोलकर फिर से नाराज़ नही करना चाहती थी, इसलिए चुप
चाप खड़ी रही..
अजय ने उसकी बात दोहराते हुए कहा : "कुछ भी करवा लूँ ...''
रिया के होंठ फड़फडा उठे जवाब देते हुए : ''हाँ जीजू....कुछ भी...''
उसकी गर्म साँसें अजय को अपने चेहरे पर महसूस ही रही थी...उसका तो मन
किया की अभी के अभी उसके गुलाबी होंठों का रस पी जाए, उसे दबोच ले
और एक गहरी स्मूच कर दे..
पर तभी उसे बाथरूम में खड़ी प्राची का ख़याल आया और उसने रिया को
एक झटके में छोड़ दिया...
और उसकी किस्मत देखिए ज़रा, ठीक उसी वक़्त बाथरूम का दरवाजा
खोलकर प्राची बाहर निकली...तब तक रिया अपनी सांसो पर नियंत्रण
पाकर सामान्य हो चुकी थी और अजय ने भी थपकीयाँ देकर अपने लंड को
वापिस सुला दिया था.
प्राची : "अरे रिया...तुम....मैं तुझे फोन करने ही वाली थी...अजय बस अभी
आएँ है...चल कर ले इनसे वो अपनी ज़रूरी वाली बात, तब तक मैं अजय के लिए
चाय बनाकर लाती हूँ ...''
रिया को देखकर अंदर ही अंदर वो जल भुन तो काफ़ी रही थी ...पर आख़िर
थी तो उसकी कजन सिस्टर ही ना, इसलिए मन मारकर रह गयी
बेचारी..और चुदाई को उसने रात के लिए टाल दिया..
रिया : "दीदी, वो तो बस मैं जीजू से ये पूछना चाहती थी की ये मेरा
एडमिशन कहाँ करवाएँगे, मुझे एडमिशन से पहले अपनी कंप्यूटर नॉलेज इम्प्रूव
करनी है...''
अजय : "तुम चिंता ना करो, मैने कहा था ना,मैं करवा दूँगा...तुम चाहो तो
कल ही चलना मेरे साथ..''
प्राची उनकी बातें सुनती हुई किचन में चली गयी..
उसके जाते ही रिया ने अजय से दबे स्वर मे कहा : "जीजू...आपने मुझे माफ़ कर
दिया न...''
अजय भी दबे स्वर में बोला : "इसका फ़ैसला तब होगा जब तुम अपनी सज़ा
पूरी कर लोगी...''
अजय ने उसकी कुछ देर पहले कही हुई बात का हवाला दिया..
रिया भोली ज़रूर थी पर इतनी भी नही की ऐसे कही हुई बातों को समझ ना सके..
बेचारी का दिल जोरों से धड़कने लगा की पता नही उसके जीजू उसे कैसी
सज़ा देंगे..
वो बेचारी ये सोच ही रही थी की प्राची वापिस आ गयी, चाय
लेकर..और सभी सोफे पर बैठकर बातें करने लगे और चाय पीने लगे.
प्राची : "अरे, तू एकदम से इतनी परेशन क्यो हो गयी ...बोल तो रहे है तेरे जीजू
की कल चलेंगे तेरे साथ...''
रिया : "वो ...दीदी ...मैं तो सोच रही थी की..पता नही मुझे ढंग के कॉलेज
में एडमिशन मिलेगा भी या नही..''
प्राची : " अरे, तू फ़िक्र ना कर...तेरे जीजू को सभी इन्स्टिट्यूट और कॉलेजस
के बारे में पता है अच्छी तरह से..पूजा का एडमिशन भी तो इन्होने करवाया
था..तू फ़िक्र ना कर..और वैसे भी आजकल तो सारी इंफोर्मेशन नेट पर मिल
ही जाती है...ये सब देख लेंगे..''
अब भला प्राची को वो कैसे समझती की उसे अपने एडमिशन की नही
बल्कि जीजू की कही हुई बात की चिंता सता रही है..
पर उसने भी मन में ठान लिया था की चाहे कुछ भी हो जाए,जीजू तो
उसकी हेल्प ही कर रहे हैं ना..ऐसे में उन्हे नाराज़ करके वो नही रख सकती..
और दूसरी तरफ अजय के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...वो इस हाथ आए
मौके का फायदा अच्छी तरह से उठाना चाहता था..रिया तो उसके लिए
कोई चुनोती नही थी, उसका दिमाग़ तो पूजा की तरफ चल रहा था, और
अपनी योजना के अनुसार वो रिया का इस्तेमाल करके पूजा को जाल में
फंसाना चाहता था..
चाय ख़त्म होते ही प्राची वापिस किचन में चली गयी और अजय ने दबे स्वर
में रिया से कहा : "अब तुम जाओ...मैं थोड़ी देर में वहीं आता हूँ ..और जो मै
कहूं वो चुपचाप मानती रहना, कोई आर्गुमेंट नही,वरना अपनी डील कैंसल
..समझी...''
रिया बेचारी को कुछ समझ नही आया की आख़िर अजय क्या करवाना
चाहता है उससे...बुरे से बुरा तो वो यही समझ रही थी की शायद उसके जीजू
उसके साथ कुछ ग़लत काम...यानी किस्स वगेरह या कुछ और करेंगे...पर उनकी
बातों से तो ऐसा कुछ लग ही नही रहा था...और वैसे भी उसने इतना तो
सोच ही लिया था की ये छोटे-मोटे काम के लिए वो उन्हे नही टोकेगी,पर
हद से आगे भी नही बढ़ने देगी...
वो चुपचाप सी सिर हिला कर अजय की बात मानती हुई उठी और वापिस
चली गयी..
उसके जाने के बाद अजय वापिस किचन में गया,जहाँ प्राची काम कर रही
थी और उसकी उभरी हुई गांड में अपना लंड फँसा कर खड़ा हो गया..और
अपने हाथ उपर करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा..
और उसके कानो को मुँह में लेकर धीरे से बोला : "चलो ना...जो काम अधूरा
छोड़ा था वो पूरा करते हैं...''
प्राची (थोड़ा गुस्से में ) : "रहने दो...मैने कहा था ना उस वक़्त की जो भी
हो उसे वापिस भेज देना, पता है मैं बाथरूम में नंगी खड़ी थी , फिर भी आपने
रिया को अंदर कैसे आने दिया..अब मेरा मूड नही है कुछ भी करने का..''
अजय : "अरे,तुम्हारी बहन है,मैं उसे कैसे मना कर सकता हूँ अपने घर आने से...और
अपने मूड का ज़ोर मुझपर ना चलाया करो...... समझी...''
और अजय भी गुस्सा होते हुए बाहर निकल गया.
प्राची बेचारी अपना सिर पीटकर रह गयी...शायद गुस्सा दिखाने के
चक्कर में उसने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया और अजय को नाराज़ कर
दिया..और वो अच्छी तरह से समझती थी की सेक्स के मामले में ठुकराया हुए
इंसान को बाहर मुँह मारने में देर नही लगती...वैसे भी पहले पूजा और अब
रिया ने आकर माहौल को कुछ ज़्यादा ही गरम कर दिया है...ऐसे मे अगर
अजय को वो खुश ना रख पाई तो ऐसा ना हो की वो उसकी बहनों की
तरफ आकर्षित हो जाए...जिसका पूरा-पूरा चांस था...
और ये सोचने के साथ ही वो भागकर बाहर आई..पर तब तक अजय बाहर
निकल चुका था..
वो समझ गयी की अब अजय को मनाना थोड़ा मुश्किल होगा...पता नही
कहाँ गया होगा वो..
पर उसे क्या पता था की वो तो वहां से निकल कर सीधा अपने पड़ोस में
यानी अपने ससुराल जा पहुँचा था..
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Nice
रिया वापिस . जाकर गुमसुम सी होकर सोफे पर बैठ गयी थी,और उसे ऐसे
बैठा देखकर पूजा उसके पास आई, पूजा अभी घर पर अकेली थी,उसके मम्मी-
पापा मार्किट गए हुए थे, और बोली : "क्या हुआ रिया...तू तो जीजू से
मिलने गयी थी ना...क्या बोला उन्होने...''
पर वो चुपचाप सी बैठी रही...पूजा के तेज दिमाग़ में एक विचार कोंधा की
कहीं जीजू ने उसके साथ कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नही कर दी ना,वैसे भी
पूजा और रिया आपस मे कुछ ज़्यादा ही क्लोज़ थे,और पूजा तो उसे अपनी
सग़ी बहन से भी बढ़कर मानती थी,इसलिए उसकी काफ़ी केयर करती थी.
पूजा : "बोल ना रिया, क्या हुआ...जीजू ने कुछ ग़लत किया क्या तेरे साथ...''
रिया : "अर्रे नही....जीजू भला ऐसा क्या करेंगे...वो तो बस...''
और तभी बाहर की बेल बज उठी...पूजा ने उठ कर दरवाजा खोला और सामने
अजय को खड़ा देखकर वो चौंक गयी, अभी एक मिनट पहले ही रिया वहाँ से
आई है और अब उसके जीजू भी उसके पीछे-2 आ गये, कुछ तो गड़बड़ है...
पर थे तो उसके जीजू ही ना, इसलिए मुस्कुरा कर उन्हे अंदर बुलाया और सोफे
पर बिठा कर पानी लेने चली गयी..
अजय ने रिया को देखा और उसे अपने पास आकर बैठने को कहा..वो चुपचाप
आकर बैठ गयी...अजय उसके चेहरे को देखकर ही समझ गया था की वो उसकी
बात से परेशान हो रही है,इसलिए उसे धीमी आवाज़ में नॉर्मल रहने को
कहा,और अपनी डील की याद भी दिलाई..
वो थोड़ा मुस्कुराते हुए नॉर्मल होने की एक्टिंग करने लगी..
तब तक पूजा भी पानी लेकर आ गयी
पूजा : "ये क्या जीजू...आप तो नयी साली के आने के बाद अपनी पुरानी
साली को भूल ही गये...और इसे भी आपने पता नही क्यों नाराज़ सा कर
दिया है, देखो तो ज़रा,अभी जाने से पहले इसका चेहरा बिल्कुल खिला
हुआ सा था और अब मुरझा गया है...''
अजय : "अरे पूजा डार्लिंग, तुम्हे मैं कैसे भूल सकता हूँ ,और ये मेरी वजह से नही
बल्कि तुम्हारी दीदी की वजह से परेशान लग रही है,उसने इसे डांट दिया
की मेरे आते ही अपना काम लेकर आ गयी है...है ना रिया..''
वो रिया की तरफ देखता हुआ बोला, और रिया तो उसकी गुलाम बन चुकी
थी,इसलिए वो भी मुस्कुराते हुए अजय का साथ देने लगी और पूजा से बोली
: "हाँ पूजा, मैं भी तुझे यही कहने वाली थी,जीजू की वजह से नही बल्कि
दीदी की वजह से अपसेट थी मैं ...''
पूजा : "अरे मेरी प्यारी बहन, तू भी ना, भला बड़ी बहन के डाँटने पर भी कोई
ऐसे बिहेव करता है भला...और दीदी भी सही है अपनी जगह , उनका पति
सुबह का थका हुआ घर आया है और तुम उसी वक़्त पहुँच गयी उनके पास,उन्हे
तंग करने...थोड़ा तो सोचना चाहिए था भला...''
वो शरारती हँसी हंसते हुए ये बात बोल रही थी...और उसकी बात का मतलब
अजय तो समझ रहा था पर भोली भाली रिया उल्लू जैसा चेहरा बना कर
उन दोनो को देखे जा रही थी..वो समझ तो चुकी थी की पूजा का इशारा
किस तरफ है..
इसलिए वो बोली : ''अब इसमे क्या प्राब्लम है...जीजू तो अभी-2 घर आए
थे...और वो काम तो रात को ही होते है ना...''
उसकी बात सुनकर पूजा तो एकदम से झेंप ., उसे उम्मीद नही थी की रिया
ऐसी बात बिना सोचे समझे बोल देगी...और अजय तो जैसे इसी मौके की
ताक में बैठा था,वो बोला : "अरे मेरी भोली साली साहिबा,जब तुम्हारी
शादी होगी ना अब पता चलेगा की ये रात वाले काम दिन में करने में
कितने मज़े आते हैं..और ख़ासकर तब जब तुम्हे मेरे जैसा ठरकी पति मिलेगा..''
ठरकी बोलते हुए वो पूजा को ही देख रहा था,जो शायद उसे दुनिया का
सबसे बड़ा ठरकी समझती थी...और आज उसके सामने ये बात कबूल कर वो
उसके चेहरे के एक्शप्रेशन देखना चाहता था..
पहले तो रिया और अब अजय की ऐसी बात सुनकर पूजा तो पानी-2 हुई जा
रही थी...उसे रिया के बारे में तो पता था की उसे ऐसी बातों की कुछ
ज़्यादा समझ नही है,पर अजय ने उसकी बात पकड़कर जो फायदा उठाया है
वो उसे बिल्कुल अक्चा नही लगा था,पर वो कर भी क्या सकती थी
भला,आख़िर ऐसी बात करनी तो रिया ने ही शुरू की थी ना...
पूजा कुछ बोलने ही वाली थी रिया को की तभी रिया ने एक और
धमाका किया : "ये ठरकी क्या होता है...मैं हमेशा से सुनती आ रही हू,स्कूल
में भी कई लड़कियाँ हमारे टीचर्स को या दूसरे बाय्स को ठरकी बोला
करती थी..पर इसका मतलब मैं आजतक नही समझ सकी हूँ ...बताओ ना
जीजू..क्या मतलब होता है इसका...''
उसकी ये बात सुनकर अजय के साथ -2 पूजा की भी हँसी निकल गयी....और
दोनो अपना पेट पकड़ कर हंसते-2 दोहरे हो गये...और बेचारी रिया उन दोनो
को ऐसे हंसता देखकर अपनी कही हुई बात का मतलब समझने की कोशिश कर
रही थी की उसने ऐसा क्या बोल दिया आख़िर..
और हँसी रुकने के बाद पूजा बोली : "रिया...तुझे ना अभी बहुत कुछ सीखना
बाकी है...वैसे भी आज से तू मेरे कमरे में ही सोएगी,तुझे ट्रेनिंग देना मेरी
ज़िम्मेदारी है अब...''
अजय भी मौके का फायदा उठाकर बोला : "और कोई एडवांस ट्रेनिंग
चाहिए तो बंदा हाजिर है...''
पूजा उसकी बात का मतलब समझकर शरमा गयी...और रिया की तरफ से वो
खुद बोल पड़ी और वो भी मंद-2 मुस्कुराते हुए : "नो थेंक्स जीजू...आप अपनी
सर्विस हमारी दीदी तक ही रखे तो ही अच्छा होगा..''
अजय (बुरा सा मुँह बनाते हुए) : "अरे उन्हे सर्विस देने की कोशिश ही कर रहा
था की रिया बीच में आ गयी और आपकी दीदी का मूड ऑफ हो गया...''
अब पूजा समझ गयी की क्यों प्राची ने रिया को डाँटा होगा...भले ही
ऐसा कुछ हुआ नही था, पर अजय ने सभी बातों को ऐसे जोड़ कर कहानी
बना दी की पूजा को भी उसकी बातों का विश्वास हो गया..
पूजा : "अच्छा ...तो इसका मतलब है सच में कुछ चल रहा था ..''
अजय : "और नही तो क्या, मैं झूट बोल रहा हूँ ...चाहो तो अपनी बहन से
जाकर पूछ लो...''
पूजा फिर से शरमा गई, कैसे वो और उसके जीजू सेक्स की बातें ऐसे कर रहे
थे,और वो लोग क्या सच में सेक्स कर रहे थे...ये सोचकर ही उसका शरीर तपने
लगा था..और उसने खुद ही नोट किया की उसके निप्पल बाहर की तरफ
निकल कर उभर आए हैं...



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पूजा : ''आप बैठो,मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूँ ...''
और इतना कहकर वो भागकर किचन में आ गयी...क्योंकि अजय की ठरक भरी
नजरों ने उसकी छाती में लगे बल्ब जलते हुए देख लिए थे...
अंदर जाकर उसने बड़ी मुश्किल से अपनी तेज सांसो को नियंत्रित किया
और धीरे से बोली : "ये जीजू कितने शरारती है...सच में ...इनसे तो रिया को
बचाकर रखना होगा...वरना पता नही क्या होगा..''
और दूसरी तरफ अंदर बैठा हुआ अजय रिया को कल के बारे में समझा रहा था
और उसके डॉक्युमेंट्स को रेडी रखकर अगले दिन का . फिक्स कर रहा था.
पूजा जब बाहर आई तो उन्हे ऐसे बातें करता देखकर उसे पता नही क्यो अंदर
ही अंदर रिया के लिए डर सा सताने लगा..क्योंकि जितनी भोली उसकी
कजिन थी उतने ही चालक उसके जीजू थे..ऐसे में वो अकेले में रहकर उसका
कितना फायदा उठा सकते है ये बताने की ज़रूरत नही थी..
उसने भी निश्चय कर लिया की वो आज रात से ही रिया को अच्छे से
ट्रैनिंग देनी शुरू कर देगी..और ज़्यादा से ज़्यादा रिया के साथ रहने की
कोशिश करेगी ताकि उसके जीजू या और भी कोई उसका कोई ग़लत
फायदा ना उठा सके..
और अंदर ही अंदर पता नही क्यों पर पूजा को अपने जीजू पर पहला हक
उसका खुद का लग रहा था...क्योंकि रिया के आने से पहले भी उसके जीजू
उसके साथ छेड़ छाड़ करते रहते थे, भले ही उपर से वो थोड़ा बहुत गुस्सा
दिखाती थी पर अंदर ही अंदर उसे वो सब कब अच्छा लगने लग गया था वो
भी नही जानती थी...और अब रिया के साथ जब उसके जीजू वही सब
शरारतें कर रहे है तो वो अपने आप को पीछे छूटता हुआ महसूस कर रही थी...
अजय कुछ देर तक बैठा रहा और फिर चला गया...और वहां से निकल कर वो
अपने घर नही गया बल्कि एक दोस्त से मिलने चला गया,क्योंकि अभी
अपनी बीबी को वो थोड़ा और गुस्सा दिखाना चाहता था..उसे पता
था की ऐसी बीबियों को ठीक करने का यही तरीका है
और उसके जाने के बाद पूजा ने रिया को समझाया की ऐसे बिना सोचे
समझे कोई भी बात हर किसी के आगे नही बोलनी चाहिए...और क्या-2
नही बोलना चाहिए इसकी ट्रेनिंग आज रात को वो उसको देगी...
रात को पूजा जब अपने कमरे में पहुँची तो रिया पहले से ही उसके बेड पर आ
चुकी थी...उसने सिल्क की स्ट्रेप वाली शमीज़ और उसी कपड़े की छोटी
सी निक्कर पहनी हुई थी...

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बिल्कुल बेबी डॉल लग रही थी वो उसमे...और
बड़ी ही सेक्सी...
पूजा ने उसे देखकर सोचा 'ऐसे मे अगर जीजू ने इसको देख लिया तो अभी
इसके साथ सुहागरात मना डालेंगे...'
और अपनी बात पर उसे खुद ही हँसी आ गयी...ये सोचकर भी की कैसे अब हर
बात में वो जीजू के बारे में सोचने लगी है..
उसे ऐसे दरवाजे पर खड़ा हुआ मुस्कुराता हुआ देखकर रिया बोली : "अरे
दीदी...क्या हुआ...आप वहां खड़े हुए क्या सोचकर मुस्कुरा रहे हो...आओ ना
यहाँ पर जल्दी...''
उसे शायद अपनी ट्रैनिंग स्टार्ट करने की जल्दी थी.
पूजा ने वही शाम वाली टी शर्ट और जीन्स पहना हुआ था...अब उसके पास
रिया जैसी कोई सेक्सी नाइट ड्रेस तो थी नही..पर फिर भी वो अपने आप
को उससे कम नही दिखाना चाहती थी...इसलिए अंदर आते ही पूजा ने
दरवाजा बंद किया और शीशे के सामने खड़े होकर कुछ देर तक अपना फिगर
देखती रही और फिर एक ही झटके मे अपनी टी शर्ट उतार कर साइड में रख
दी ..और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा में खड़ी थी शीशे के सामने...


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दूर बैठी रिया उसे ऐसे करता देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि पूजा तो खुद
ही उसे ढंग से रहने के और कपड़े सही से पहनने के तरीके बताती थी...ऐसे में वो
खुद ही उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी होकर शीशे में अपना फिगर देखकर
इतरा रही थी,ये थोड़ा अजीब सा लगा उसे...पर वो उस झटके से उबर भी
नही पाई थी की एक और झटका देते हुए पूजा ने अपनी जीन्स भी उतार
दी...और अब वो मेचिंग पेंटी में खड़ी थी उसके सामने...

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पीछे बैठी हुई रिया
तो उसकी भरी हुई गांड देखकर हैरान रह गयी...क्योंकि ऐसी गांड तो वो
खुद की ही चाहती थी...इतनी भरी हुई सी और गूदेदार ....
पूजा भी धड़कते दिल से शायद पहली बार ये सब कर रही थी...उसने आज तक
ये काम अकेले में नही किए थे जो वो इतनी निडरता के साथ रिया के सामने
कर रही थी...
फिर वो अपनी अलमारी की तरफ गयी और उसमे से झुककर कुछ ढूँढने
लगी...और फिर काफ़ी देर बाद उसे वो मिल ही गया जो तलाश कर रही
थी वो...वो एक रेपरोन था..जो बिल्कुल झीने कपड़े का बना हुआ था...उसने
वो पहना और ऐसे ही चलती हुई बेड तक आ गयी...

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और सच में अब वो रिया से
भी सेक्सी लग रही थी..
रिया : "दीदी ....ये क्या हो गया है आपको...मैने तो आज तक आपको ऐसे
कपड़ो में नही देखा...और आपने अभी उपर भी कुछ नही पहना..यानी
...सिर्फ़ ब्रा ही तो है...''
पूजा : "देख गुड़िया....तुझे अब मेरे साथ रोज सोना है तो तू ये बात जान ले, मैं
ऐसे ही सोती हू...बिना टॉप के....और कभी-2 तो टॉपलेस होकर भी....''
वो मुस्कुराती हुई बोली ...
रिया तो उसकी ये बात सुनकर वो इमेजिन ही करने लगी की पूजा नंगी सी
होकर सो रही है इस बेड पर...


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पूजा : "पर इसका मतलब ये नही है की मैं बाहर भी ऐसी हू...तू तो जानती है,
मैं बाहर काफ़ी संभलकर रहती हू...और कपड़े भी ढंग के ही पहनती हू...ताकि
कोई अपनी गंदी नज़रों से मुझे ना चोद सके...''
उसने ''चोद'' शब्द का इस्तेमाल बड़ी आसानी से रिया के सामने कर दिया..
रिया (मुंह गोल करते हुए) : "चोद सके ???? कोई भला नज़रों से कोई कैसे चोद
सकता है दीदी ??''
पूजा : "तू सच में बड़ी भोली है मेरी प्यारी बहना...इसलिए तो मैने तुझे अपने
साथ सुलाने का फ़ैसला किया है ...अब से तू हमेशा मेरे साथ रहा कर...और
जैसा मैं समझाऊ ,वो समझकर ही चला कर...''
उसकी बात सुनकर थोड़ी देर तक तो वो कुछ सोचती रही और फिर एकदम से
उसने भी अपनी वो सेक्सी सी शमीज़ उतार कर साइड में फेंक दी...और अंदर
तो उसने जो ब्रा पहनी हुई थी वो और भी ज़्यादा सेक्सी थी...जिसमे
फंसी हुई उसकी नर्म मुलायम छातियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..


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पूजा : "अरे...ये क्या कर रही है पगली ???''
रिया : "अरे दीदी...आपने ही तो कहा ना अभी...जैसा आप कहेंगी ,वो
समझा करू....तो आप जब बिना टॉप के हैं तो मैं भला क्यों ऐसे रहु....''
बेचारी पूजा अपनी ही बात में खुद फँस गयी थी..
खैर, पूजा ने नाइट बल्ब जलाया और बेड पर आ गयी...
और शाम को हुई जीजू के सामने वाली बात छेड़ दी...जिसमे वो ठरकी का
मतलब जानने की कोशिश कर रही थी..
और अब पूजा ने उसे विस्तार से बताया की असल में ठरकी किसे कहते हैं
पूजा : "देख रिया...वैसे तो हर आदमी में ठरक होती है...इन्फेक्ट लड़कियों में
भी, पर वो ज़्यादा दिखाती नही है...आदमी के सामने कोई भी जवान
लड़की या औरत आती है तो वो उसे ऐसी नज़रों से देखता है जैसे वो वही
उसका रेप कर देगा...वैसे तो उनका ऐसा देखना ग़लत होता है पर कई
लड़किया इसे भी एंजाय करती है...और मैं नही चाहती की तू भी उनमे से
हो...हम लड़कियों को थोड़ी अकड़ में रहना पड़ता है, ताकि ऐसे लड़के हमारे
आगे पीछे घूमे,नही तो हमारी वैल्यू कुछ भी नही रहेगी...''
रिया तो उसकी बातें ऐसे सुन रही थी जैसे कोई प्रवचन चल रहा हो...वो
सुनती रही और फिर लास्ट मे बोली : "पर दीदी...आपने जैसा कहा की ये
ठरक हमारे अंदर भी होती है...तो हमेशा ऐसा क्यो होता है की लड़के ही
वो सब मज़ा ले, हमे भी तो हक है अपने अंदर की भावनाओ को व्यक्त करने
का...आई मीन जो काम वो कर सकते हैं वही काम हम करे तो इसमे भला क्या
ग़लत है...''
धाक के तीन पात...इतनी देर से जो बात पूजा उसको समझाने की कोशिश
कर रही थी,वो उससे उल्टा ही सोच रही थी अब तक....
फिर उसने रिया को उसके हिसाब से समझना : "देख रिया, कभी-2 तो
चलता है पर हमेशा अपनी भावनाए व्यक्त नही करनी चाहिए...जैसा की
अभी हम दोनो अपने कमरे में बिना टॉप के सो रही है, पर बाहर जाने के लिए
तो हमे कुछ पहनना ही होगा ना, ऐसे ही आपस में तो हम भले ही कुछ भी कर
ले या बोल ले, पर बाहर की दुनिया को हमे अपना दूसरा रूप ही दिखाना
होता है...''
रिया कुछ नही बोली...वो उसकी भारी भरकम बातों के जाल से बचना
चाहती थी...इसलिए उसने बात ही बदल दी, वो बोली : "चलो छोड़ो
दीदी ये सब बातें....मैं बाहर तो रह लूँगी आपके हिसाब से, पर आप तो मुझे
जीजू के सामने भी ऐसी बातें करने से रोक रही थी...वो तो अपने ही है
ना...मेरा इतना ध्यान भी रखते हैं...उनसे भला क्या प्राब्लम.."
अब भला पूजा उसे सॉफ-2 कैसे कहती की वही तो दुनिया का सबसे बड़ा
ठरकी है जिससे बचने के लिए वो ये सब भाषण दे रही है...पर वो बोल नही
पाई...अपने ही जीजू को वो बदनाम भी नही करना चाहती थी..और वो
भी रिया के सामने,जिसे इतनी भी समझ नही है की कोई बात सुनकर उसे
अपने तक ही रख ले, क्या पता कल जाकर वो प्राची दीदी को ही ये सब
बक दे की पूजा उनके पति के बारे में कैसी-2 पट्टियां पड़ा रही है उसे...
आज पहला दिन था वैसे भी, इसलिए उसे और समझाकर वो रिया पर भी
ज़्यादा बोझ नही डालना चाहती थी...इसलिए बस मुस्कुरा कर रह गयी
और थोड़ी देर और इधर-2 की बातें करने के बाद वो सो गये...कल कुछ और
सीखने की बात करके...
और रिया तो अगले दिन अपने जीजू के साथ बाहर जाने की बात पर बड़ी
एक्ससाइटेड थी...और उसने सोच भी लिया था की अब अपनी किसी भी
बेवकूफी से वो अपने प्यारे जीजू को नाराज़ नही करेगी..
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दूसरी तरफ अजय अपने ख़ास दोस्त अनिल के घर पर बैठा हुआ दारू पी रहा
था...उसकी बीबी अंजलि भी उनके साथ बैठकर वोड्का पी रही थी...और
घर पर प्राची उसका वैट कर रही थी...काफ़ी देर हो चुकी थी..उसने फोन
भी किया अजय को पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए उसने फोन उठाया ही नही...
अनिल : "आज लगता है जबरदस्त लड़ाई हुई है दोनो में ...भाभी का फोन भी
नही उठा रहा तू तो...''
अजय (ग्लास में सिप लेते हुए) : "अरे नही यार...ऐसा कुछ नही है...''
तभी फोन फिर बजने लगा तो अंजलि ने फोन ले लिया और बोली : "ये ग़लत
बात है अजय, तुम्हे प्राची को बोल तो देना चाहिए की तुम हमारे यहाँ हो,
रूको मैं ही बोल देती हू...''
पर वो जब तक फोन उठा पाती वो बजना ही बंद हो गया...
उधर प्राची समझ गयी की वो कुछ ज़्यादा ही गुस्सा है आज...पर वो भी
इतनी आसानी से हार मानने वाली नही थी....उसके दिमाग़ में एक
आइडिया आया और वो तुरंत अपने बेडरूम में गयी और अपने सारे कपड़े उतार
दिए और नंगी हो गयी...और फिर उसने अपना आई-लाइनर उठाया और अपने
मुम्मों के बीच लिखा "अजय की प्राची''
और एक लकीर नीचे की तरफ खींचकर अपनी चूत के उपर एक तीर का निशान
बनाया और चूत के ठीक उपर लिखा ''प्राची की चूत ,अजय के लिए...उसके
इंतजार में ...''
और फिर शीशे के सामने खड़ी होकर अपने फोन से उसने अपनी छातियों की
और अपनी चूत वाले हिस्से की 3-4 पिक्स लेकर उसे उसने व्हाट्स-अप से अजय
को भेज दिया..


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अजय तो अनिल के साथ गप्पे मारने में लगा था, और उसका मोबाइल अभी
तक अंजलि की गोद में ही पड़ा था..मेसेज की बेल बजते ही अंजलि ने उसे
देखा और वट्स-अप खोल कर देखा.. जब उसे दिखा की क्या आया है तो
उसके चेहरे पर शरारत दौड़ गयी....वो भी कई बार प्राची से मिल चुकी थी
पर वो ये नही जानती थी की वो इतनी नॉटी भी हो सकती है...
अंजलि ने अजय को कई बार अपनी छातियों की तरफ घूरते हुए देखा
था...इसलिए थोड़ा बहुत फ्लर्ट वो भी कर ही लेती थी उसके साथ...
और तभी अनिल उठकर बाथरूम में चला गया...अजय ने अंजलि की तरफ देखा
जो उसके मोबाइल मे कुछ देखकर बड़े ही अजीब ढंग से मुस्कुरा रही थी...अजय
को अपनी तरफ देखता हुआ पाकर अंजलि बोली : "आज तो तुम्हारी खैर
नही अजय...घर पर प्राची तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही है...''
इतना कहकर उसने मोबाइल को ऐसे ही अजय के हाथ में दे दिया...और उसमे
आई पिक्स को देखकर अजय का नशा भी एकदम से उतर सा गया....उसने तो
एक्सपेक्ट भी नही किया था की प्राची ऐसी हरकत कर सकती है...उसे बुरा
तो नही लगा पर अंजलि ने वो सब देख लिया इसलिए एम्बेरेस ज़रूर फील कर
रहा था वो..
अंजलि : "आई एम सॉरी अजय....मोबाइल मेरे हाथ में ही था,इसलिए देखे
बिना रह नही सकी...''
और इतना कहकर वो फिर से मुस्कुरा दी...
और वो जिस तरह से मुस्कुरा रही थी,अजय को उसमे अपने लिए स्कोप बनता
दिख रहा था...
वैसे तो उसे अंजलि शुरू से ही पसंद थी, ख़ासकर उसके मोटे मुममे, पर खुलकर वो
उसे कभी बोल नही पाता था...आख़िर जिगरी दोस्त की बीबी जो
थी..पर आज उसे थोड़ा बहुत फ्लर्ट करने में कोई दिक्कत आती हुई दिख नही
रही थी,क्योंकि शुरुवात तो अंजलि ने ही की थी..


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Hot Anjani
अजय : "अब तो सच में रुका नही जा रहा भाभी...जल्दी घर जाना पड़ेगा...''
और ऐसा कहने के साथ ही उसने जिस बेशर्मी से वो बात बोली थी उतनी
ही बेशर्मी से अपने लंड को थोड़ा सा एडजस्ट किया...जिसे अंजलि ने
सॉफ-2 देखा..
वो मुस्कुराती हुई बोली : "ह्म्*म्म्म...सही है...मज़े है तुम लोगो के...''
अजय : "क्यो, आपके मज़े नही है क्या...आजकल अनिल आपकी सेवा नही
करता सही से...''
अंजलि ने बाथरूम के दरवाजे की तरफ देखा और धीरे से बोली : "हमारी
शादी को 6 साल हो चुके है..और तुम्हारी अभी-2 हुई है...फ़र्क तो पड़ता है ना...''
अजय : "आप जैसी बीबी हो तो 20 साल बाद भी सेवा करने का मन करता रहे...''
अंजलि (मुस्कुराती हुई) : "ये बात तुम अपने दोस्त को समझाओ अजय....जिसे
ऐसा लगता है की एक बच्चा होने के बाद मैं पहले जैसी कड़क नही रही...''
अजय : "मुझे तो आप अभी भी वैसी ही लगती हो...'' अजय ने उसकी मोटी-2
छातियों की तरफ घूरते हुए कहा..
अंजलि : "कैसी ???"
अजय : "कड़क !!!!!!!!.....''
अंजलि ये सुनकर मुस्कुरा दी...और तभी अनिल वापिस आ गया...अजय ने भी
जल्दी से पेग ख़त्म किया और जाने की तैयारी करने लगा...
अनिल : "अरे यार, अभी तो मज़ा आने लगा था...और तू जा रहा है...लगता है
प्राची का कोई मैसेज आया है...''
अंजलि (हंसते हुए) : "हाँ , और ऐसा मेसेज आया है की अब अजय से रुका ही
नही जा रहा ....''
अजय धीरे से अंजलि के करीब आया और उसके कान के पास बोला : "ऐसा
मैसेज आप भी भेजकर देखना...अनिल से भी रुका नही जाएगा....''
और उसके बाद जो अंजलि ने कहा उसे सुनकर तो अजय को अपने कानो पर
विश्वास ही नही हुआ, वो भी उसी टोन में धीरे से बोली : "और अगर तुम्हे
भेजू तो....''
अजय बेचारा कुछ बोल ही नही पाया वो सुनकर...बस अपनी गोल-२ आँखों
से अंजलि के सेक्सी से चेहरे को देखता रह गया, जो ऐसा बोलकर बड़े ही
जालिम तरीके से मुस्कुरा रही थी,
और जब कुछ देर बाद अजय बोलने ही वाला था कुछ तब तक अनिल बोल
पड़ा था बीच में : "ये क्या ख़ुसर फुसर हो रही है तुम दोनो में ...?''
अंजलि : "ये हमारे देवर भाभी की बात है कुछ...आप क्यो जल रहे हो हमे
देखकर...''
अनिल बेचारा खिसियानी हँसी हँसता हुआ कुछ ना बोल पाया...और
अजय उसकी नशीली आँखो मे देखता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा...ये
सोचता हुआ की जो भी अंजलि भाभी ने कहा, क्या वो सच था...
पर अभी तो उसके दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ प्राची का वो नंगा शरीर
घूम रहा था, जिसपर उसने अजय के नाम की मोहर लगाकर उसे भेजा था....
Shaandar update
 
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