अब वो जल्द से जल्द घर जाकर उसकी बुरी तरह से बजा देना चाहता था..
और प्राची भी बड़ी बेसब्री से अजय का वेट कर रही थी...क्योंकि वो
जानती थी की उसकी ये पिक देखकर उससे रुका नही जाएगा..वो अपने
फ्लैट के दरवाजे के बाहर सीडियो में बैठी हुई थी
और उसने बड़ा ही सेक्सी सा रेड कलर का गाउन पहना हुआ था,
जिसके गले से
उसकी भरी हुई छातियाँ बड़ी सेक्सी लग रही थी, उसने तो नीचे ब्रा-पेंटी
भी नहीं पहनी हुई थी, ये सोचकर की अजय के घर पहुँचते ही उसपर टूट ही
पड़ेगी ,इसलिए ऐसे सेक्सी कपड़ो में वो घर के बाहर बैठी हुई उसका वेट कर रही थी
आज तो अजय की खैर नही
रात के 11 बज चुके थे, और प्राची बड़ी ही बेसब्री से अजय का वेट कर रही
थी
तभी उसे सीडियो पर किसी के उपर आने की आवाज़ सुनाई दी...वो समझ
गयी की अजय आ गया है...वो धड़कते दिल से उसके उपर आने का वेट करने
लगी..अब कपड़े ही उसने इतने सेक्सी पहने हुए थे की उसे खुद ही शर्म आ रही
थी...आज से पहले उसने ये ड्रेस बिना ब्रा के पहनी ही नही थी..क्योंकि इस
गाउन मे आधी से ज़्यादा ब्रा भी बाहर निकली हुई दिखाई देती थी..और
ब्रा के ना पहनने की वजह से अब उसके भरे हुए बूब्स आधे से ज़्यादा बाहर दिख
रहे थे...गाउन का कपड़ा भी जाली वाला था, जिसमे से उसके ब्राउन कलर
के निप्पल वाली जगह ऐसी लग रही थी मानो 1 रुपय के सिक्के चिपका रख हो...
वो धड़कते दिल से अजय के उपर आने का वेट करने लगी...और उसने आँखे बंद कर
ली क्योंकि वो ऐसी हालत में अजय से आँखे मिलाना नही चाहती थी.
और कुछ ही देर मे वो कदम उसके करीब आकर रुके और उसे आवाज़ सुनाई दी :
"अरे....दीदी....आप बाहर क्यो बैठी है ऐसे....और ये क्या पहना हुआ है
आपने ??''
ये आवाज़ सुनते ही प्राची ने झट से आँखे खोल दी...और वो भोचक्की रह
गयी रिया को अपने सामने खड़ा देखकर.
प्राची : "रिया ???????? तू....और इस वक़्त.....!!!!!!!!!!!!!!!''
पर तभी उसे अपनी हालत का ख़याल आया और वो झट से उठ खड़ी हुई
ताकि वो उसकी गहरी घाटी के उभार ना देख सके...
रिया अभी तक अपनी आँखे फाड़े उसके बदन को निहार रही थी..
प्राची ने अपने आप को संभाला और दरवाजा खोलकर अंदर आ गयी ...उसे
गुस्सा तो बहुत आ रहा था रिया पर की वो इस वक़्त यहाँ करने क्या आई
है..पर कुछ बोल नही पाई बेचारी..
वो रिया की तरफ पलटी और अपने गुस्से को दबाते हुए बोली : "क्या हुआ
रिया, सब ठीक तो है ना...इस वक़्त तू क्या करने आई है...''
रिया को भी थोड़ा अजीब सा लगा प्राची का ये व्यवहार...वो तो यही
समझ रही थी की उसके लिए दोनो घर एक जैसे ही है,जहाँ वो कभी भी आ-
जा सकती है...
रिया : "वो...वो... दीदी....नींद नही आ रही थी...पूजा भी सो चुकी है...मैं
तो बस बालकनी में आई तो देखा जीजू की गाड़ी अभी तक नही आई
है...और उपर आपके फ्लोर की लाइट भी जल रही थी...तो मैने सोचा की
आपके पास आकर बैठ जाऊ ..कहीं आपको डर ना लग रहा हो...''
उसकी बात सुनकर प्राची का दिल पसीज गया....रिया बेचारी तो अपनी
नादानी के आवेश में आकर उसके घर तक आ गयी...और वो बिना कुछ सोचे
समझे ही उसपर गुस्सा उतार रही थी..
वो मुस्कुराइ और उसके करीब आई..और बड़े प्यार से उसके चेहरे पर हाथ फेरती
हुई बोली : "ओहो....थॅंक्स फॉर युवर क्न्सर्न रिया...मैने तुझे बेकार में ही डांट
दिया...दरअसल शाम से ही मेरा मूड खराब था..शायद इसलिए...''
रिया : "मैं जानती हू दीदी, मेरी वजह से ही आपका मूड खराब हुआ है...जीजू
आए थे शाम को ,वो बता रहे थे पूजा दीदी को...''
उसकी बात सुनकर प्राची की आँखे फैल गयी वो बोली : "अच्छा , क्या
बोल रहे थे तेरे जीजू....''
रिया भी बड़े ही भोलेपन से शाम की बातों को अपनी दीदी के आगे
दोहराने लगी...जिसे सुनकर प्राची को तो विश्वास ही नही हुआ की
अजय ने वो सब पूजा और रिया के सामने बोला होगा...क्योंकि ऐसी बातें
किसी और के सामने बोलने का मतलब ही नही बनता...रिया तो भोली है
पर पूजा तो समझदार है ना, वो तो समझ गयी होगी की उनके घर में क्या
चल रहा है...उसे सच मे अपने आप पर बड़ा गुस्सा आ रहा था इस वक़्त...और
अजय पर भी,जिसने वो सब अपनी सालियों के सामने जाकर बोल दिया था.
पर इससे एक बात तो सॉफ हो चुकी थी, अजय काफ़ी गुस्से में था इसलिए
शायद उसने गुस्से में आकर उसकी ये बात पूजा और रिया के सामने बोल
दी...प्राची अपने शाम वाले व्यवहार पर अब पछता रही थी...
वो ये सोचने में लगी थी और रिया उसके संगमरमरी बदन को निहारने में ...
रिया : "वैसे दीदी.....आप इस गाउन मे काफ़ी सेक्सी लग रही हो...''
रिया की बात सुनकर वो एकदम से शरमा गयी..
प्राची : "जब तेरी शादी होगी ना उसके बाद तू भी ऐसे गाउन पहन सकेगी...''
रिया : "क्यों...अभी क्यो नही पहन सकती...मेरे पास तो एक गाउन है भी
ऐसा..कल पहन कर दिखाउंगी आपको...''
उसकी बात सुनकर प्राची की हँसी निकल गयी, कैसे किसी अबोध की तरह
वो बोल रही थी,वो कुछ बोलने ही वाली थी की तभी दरवाजे की बेल बज
उठी...अब तो अजय के अलावा कोई और हो ही नही सकता था..पर प्राची
से पहले रिया एकदम से दरवाजे तक गयी और उसने दरवाजा खोल दिया.
अजय के सामने एक बार फिर से उसकी सेक्सी साली खड़ी थी...इतनी रात
को वो उसके घर पर होगी ये उसने सोचा भी नही था..वो अंदर आ गया और
अंदर आते ही उसकी नज़र जब अपनी बीबी पर पड़ी तो एक बार फिर से
उसकी आँखे फैल गयी...ये गाउन प्राची ने सुहागरात पर पहना था..पर उस
वक़्त भी उसने ब्रा के साथ पहना हुआ था जिसमे वो काफ़ी सेक्सी लग रही
थी..आज तो उसने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ,जिसकी वजह से उसका बदन
उस झीने से कपड़े मे सॉफ दिख रहा था...और रिया के सामने भी प्राची उसे
पहन कर खड़ी थी,जिसका अचंभा ज़्यादा लग रहा था उसे..
रिया : "जीजू...आप दीदी से ऐसे नाराज़ न रहा करो...देखो ना कितनी देर
से आपका वेट कर रही है...मैं तो बस इनका साथ देने के लिए आ गयी थी,मुझे
भी नींद नही आ रही थी...पर अब आप आ गये है तो मैं भी चलती हू...गुड नाइट..''
और इतना कहकर वो अपनी गांड मटकाती हुई बाहर निकल गयी..प्राची ने
दरवाजा बंद किया अपने रूम में आ गयी जहाँ अजय अपने कपड़े उतार कर नाइट
सूट पहनने की तैयारी कर रहा था...प्राची आगे आई और उसके हाथ से कपड़े
लेकर नीचे फेंक दिए.
प्राची : "अजय...मुझे माफ़ कर दो...शाम को मुझे आपके साथ वैसा व्यवहार
नही करना चाहिए था...आई एम सॉरी...''
इतना कहकर वो अजय से लिपट गयी,अजय ने इस वक़्त सिर्फ़ अंडरवीयर और
बनियान ही पहना हुआ था.और थोड़ा गुस्सा दिखाने के लिए उसने अपनी
तरफ से कोई रिस्पोंड भी नही किया...पर उसका क्या जो उसके अंडरवीयर
में था...उसका 8 इंची लंड ...जो शाम से ना जाने कितनी बार खड़ा हो
चुका था...अपने दोस्त की बीबी अंजलि की वो बातें सुनकर..और उसके बाद
अपनी बीबी की वो पिक्स देखकर...घर आकर अपनी साली रिया को
देखकर ...और अपनी बीबी को उस गाउन में देखकर...और अब एक बार फिर से
जब प्राची उससे लिपटी तो वो खड़ा होने लगा...शाम से यही करता चला
जा रहा था वो बेचारा लंड..
अजय को ऐसे ही खड़ा देखकर प्राची ने एक कदम और बढ़ाया अपनी तरफ से
और अपने होंठों को गीला करते हुए उसके होंठों पर रख दिया और उसे चूसने लगी..
अजय ने बड़ी मुश्किल से अपने हाथों को उसके स्तनों के उपर जाने से रोका
हुआ था..और प्राची थी की भूखी कुतिया की तरह उसके चेहरे को अपनी
गर्म ज़ुबान से चाट रही थी..
प्राची : "अजय....अब गुस्सा छोड़ भी दो ना...सॉरी तो बोल दिया है मैने...''
अब अजय को टूटना तो था ही...इसलिए उसने अपनी टाँग उपर रखते हुए मूक
सा बना रहकर ही प्राची के चेहरे को पकड़ा और उसे नीचे धकेल
दिया...प्राची को शुरू से ही लंड चूसने में थोड़ी परेशानी होती थी..पर
आज अजय उसे अपना लंड ही चुसवाना चाहता था..और वो बेचारी मना
भी नही कर सकती थी..
वो बैठती चली गयी नीचे और उसके अंडरवीयर को खींचकर नीचे कर
दिया...मन ही मन वो खुश भी हो रही थी की आख़िरकार उसने अपने पति
को मना ही लिया.
और अजय का लंड दिखते ही उसने धीरे से अपना मुंह आगे किया और उसे अपने
अंदर निगल गयी...
ऐसा करते हुए हमेशा से उसे उबाकी आती थी..पर पता नही
आज ऐसा कुछ नही हुआ..अजय का लंड बड़े ही आराम से उसके मुँह में चला
गया उसे चूसने में भी मज़ा आने लगा..
वो शायद इसलिए की आज वो खुद सेक्स से भरी पड़ी थी...अगर औरत अंदर से
खुद सेक्स करना चाहे तो उसे हर क्रिया अच्छी लगती है...फिर चाहे वो लंड
चूसना हो या अपनी गांड मरवानी हो..और आज वो दोनों काम करना
चाहती थी ,क्योंकि अजय को ये दोनों ही काम करने में मजा आता था
और अंदर से मज़ा आता देखकर उसने अपने शरीर पर पड़ा वो झीना सा गाउन
भी उतार फेंका और नंगी होकर अपने पति का लंड चूसने लगी.
अजय भी अब पूरी रंगत में आ गया
उसके मुँह से गालियां निकलने लगी...जो शायद पहली बार निकल रही थी
प्राची के सामने..
''साली ......कुतिया......जब इतना ही चुदवाने की आग भरी है तेरे अंदर तो
शाम को नाटक क्यों कर रही थी....भेंन की लोड़ी ...अब चूस मेरे लंड को
पहले...आआआआआआआहह....''
प्राची को पहले तो अजीब सा लगा क्योंकि उसका पति बड़ा ही
सोफेस्टिकेटेड था..आज तक उसने अजय के मुँह से कोई भी गाली नही सुनी
थी...पर आज ऐसे मौके पर उसके मुँह से गंदी गालियां सुनकर उसकी चूत तक
गीली हो गयी....और वो भी उसके रंग मे रंगकर उसका साथ देने लगी.
''आआआआआआहह मेरे राजा...............आपको तो पता है..मेरी चूत के अंदर जब
तक आपका लंड नही जाता...इसको चैन नही आता.....आगे से ऐसी ग़लती
नही करूँगी....तरसना तो मुझे ही पड़ता है ना....आज मैं आपको ऐसे खुश करूँगी
की आपको कोई शिकायत नही रहेगी मुझसे....''
इतना कहकर वो खड़ी हुई और अजय को बेड पर धक्का देकर उसके उपर चढ़
गयी....और पलक झपकते ही उसने अपनी चूत को उसके लंड के उपर लगा
दिया..
अजय : "ऊऊओ भेंन चोद ....साली इतनी चुदासी चढ़ी है तुझे....पहले मुझे अपनी
चूत तो चूसने दे....''
प्राची : "वो बाद में चूसना मेरे राजा....अभी तो अपना ये मूसल मेरे अंदर
डालो...और चोदो मुझे...सज़ा दो मुझे मेरी ग़लती की....सूजा दो अपने लंड से
मेरी चूत को मारकर.....''
और इतना कहते-2 वो फिसल कर उसके लंबे डंडे को अपनी चूत के अंदर निगल गयी..
और फफकती हुई वो अजय के लंड के उपर डांस करने लगी..
''आआआआआआआआआहह मेरे राजा......................उम्म्म्मममममममममममममम
मज़ा आ गया.............आआआअहह ...चोदो मुझे ......................''
और अजय के सिर को अपनी ब्रेस्ट के उपर लगाकर उसे अपना मुम्मा चूसने के
लिए दे दिया...
अजय ने भी अपने पंजाबी झटकों से उसकी चूत का बेंड बजाना शुरू कर दिया..
शाम से माल अंदर फँसा पड़ा था...इसलिए दोनो ही सिर्फ़ 2 मिनट के अंदर
ही झड़ने के करीब पहुँच गये..
''आआआआआआआअहह मेरे राजा .................. मैं तो गयी ................''
और अपनी रानी की आवाज़ सुनकर अजय भी उसके पीछे -2 झड़ता चला
गया..
और उसके बाद काफ़ी देर तक प्राची उसके उपर ही लेटी रही....अपनी
सांसो पर नियंत्रण पाने की कोशिश करते हुए...
बाद में दोनो ने काफ़ी बातें भी की...और एक बार फिर चुदाई भी, जिसमे
अजय ने उसकी गांड भी मारी ...और इस बार काफ़ी आराम से...एक दूसरे को
चूस-चूस्कर...
और फिर वो दोनो सो गये.
सोते हुए अजय के दिमाग़ में रिया ही घूम रही थी...अगले पूरे दिन वो उसके
साथ जो रहने वाली थी.