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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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कहानी में नया ट्विस्ट । वैसे लग रहा है कि चोरी में मौसी का ही हाथ है
धन्यवाद आपका।
अगले भाग में पता चल जाएगा कि गहनें कहाँ गए।

साथ बने रहिए।
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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nice update ..chalo dipa to aa gayi ..par mausi ab bhi uspar hi shak kiye baithi hai ..
kya kisiko aisa nahi laga ki ghar ke kisi member ko paise ki jarurat hogi isliye jewar churaye ..
sab mausi ki baato me aa gaye ..

shayad nishant ya arjun ne jewar chori kiye ho ,,dono me se kisiko jarurat ho ye nahi socha sirf deepa ko target kiya gaya ...
abhi koi bhi sujata mausi ke baare me jaanta nahi ki wo aisa kyu kar rahi hai 🤔🤔..

shayad deepa bhi chor ho sakti hai 🤔🤔..abhi kuch kehna sahi nahi hai ..
धन्यवाद आपका सर जी।

सभी दीपा को ही चोर मान रहे हैं मौसी की बातों में आकर।

ऐसा भी तो हो सकता है कि अदिति भाभी ने ही गहने कहीं रख दिये हों और भूल गई हों।
या सच मे गहने चोरी हो गए हैं।

अब ये तो अगले भाग में पता चल ही जाएगा।
साथ बने रहिए।
 

mashish

BHARAT
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ग्यारहवाँ भाग


सुजाता मौसी दूसरे कमरे से निकलती हुई बोली, “अरे मैं पहले ही बोली थी उस लड़की को घर में ज्यादा मत आने-जाने दो। लेकिन तुम लोग मेरी बात कभी सुनते ही कहां हो? अब घर में चोरी हुई तो समझ में आ गया”

“ चोरी?..” मैं खुद से दोहराते हुए बोला।

“हां, आदिति के गहने चोरी हो गए हैं। भैया मेरे तरफ देखते हुए बोले।


“अरे उन जैसी लड़कियों का यही काम होता है। उस जैसी लड़की तो सबसे पहले किसी अमीर लड़के को फंसाती हैं फिर उसके घर वालों के सामने अच्छे बनने का नाटक भी करती हैं और उसके घर आती जाती रहती हैं फिर मौका देखकर सारा माल उड़ा ले जाती हैं।” सुजाता मौसी बोली।

पहले तो सुजाता मौसी की बात सुनकर मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही थी। आखिर मौसी कहना क्या चाहती थी मगर फिर उनकी इसी बात को बार-बार दोहराते रहने कारण मैं समझ गया था कि उनक इशारा दीपा की तरफ था।

शायद वह मेरे घर वाले को यह बताना चाह रही थी कि दीपा ही आदिति भाभी के सारे गहने लेकर चंपत हो गई है।

आदिती भाभी के तीन लाख के गहने गायब हो चुके थे।
मुझे तो अब भी भरोसा नहीं हो रहा था कि सुजाता मौसी दीपा पर ऐसा इल्जाम लगा सकती हैं।

“निशांत बेटा दीपा के फोन लगाकर उससे गहने के बारे में पूछो। ” मेरी मां रोयासी (रोतेज जैसे ) आवाज में बोली।

“ मां दीपा चोरी के बारे में क्या बताएगी उसे कैसे मालूम होगा गहनों के बारे में?” मैंने मां से बोला।

“जब गहने लेकर वो गई है, चोरी उसने की है। तो गहनों के बारे में और कौन बताएगी?” सुजाता मौसी मुझसे बोली।

मौसी की बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।

“मौसी आपका दिमाग तो खराब नहीं है ना ? दीपा के बारे में कैसी बातें कर रही हैं आप ” मैं इस बार गुस्से में बोला था।

“ओ ...हो... निशांत तुम्हें गुस्सा आ रहा है। अरे अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है जो लोगों को सही से पहचान सको ?” मौसी ताने- मारती हुई बोली। उसके बाद वह अपननी चेहरा दूसरी तरफ फेर ली।

“ निशांत दीपा को कॉल कीजिए” आदिति भाभी बोली।

“भाभी आप भी.....?”

मेरी बात पूरी होने से पहले ही अर्जुन भैया बोले, “दीपा से बात कर लो शायद उन्हें गहने के बारे में कुछ जानकारी हो

सारे घरवालों की बात सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ और मौसी पर और ज्यादा गुस्सा आने लगा, क्योंकि कहीं न कहीं उनकी बातों का असर घर के सभी लोगों पर थोड़ा बहुत हुआ था।

भैया का यह बात सुनकर मैंने इस बार सभी के चेहरों की तरफ देखा। उन सभी लोगों के शक की सुई दीपा पर ही जा रही थी।

मैं दीपा के बारे में कुछ सोच ही रहा था कि तभी मेरे कानों में भाभी की आवाज सुनाई पड़ी।

"दीपा क्या तुम इस वक्त मेरे घर आ सकती हो?” भाभी फोन पर दीपा से बात कर रही थी।

“क्यों दी (दीदी ) क्या हुआ? आप अचानक से मुझे इस वक्त क्यों बुला रही है? सब खैरियत तो है ना ?” दीपा एक ही साँस में ये सारी बाते बोल दी।

“बस तुम अभी घर आ जाओ। मैं तुम्हें सब बताती हूं।” आदिति भाभी बोली।

“ठीक है दी(दीदी ), मैं आधे घंटे में पहुंचती हूं।” दीपा ने यह बोलकर फोन काट दिया।

सब लोग कुछ देर तक मौन रहे फिर मैं बोला, “ भैया हम बिना किसी सही जानकारी के सिर्फ शक के आधार से दीपा पर चोरी का इल्जाम कैसे लगा सकते हैं ? अगर उसने यह सब नहीं किया हो तो?”

निशांत मैं दीपा को अच्छी तरह से जानता हूं। वह ऐसी लड़की नहीं हैं। वह कभी भी चोरी नहीं कर सकती है। बस इन लोगों के संतुष्टि के लिए उसे यहां आने दो।” अर्जुन भैया बोले।

“ठीक है।” मैंने बोला।

दीपा आधे घंटे के अंदर ही हम लोगों के बीच मेरे घर में खड़ी थी

आदिती दी ( दीदी) आपने इतनी जल्दी मुझे बुलाया। क्या बात करनी थी? बताइए मैं आ गई हूं।” दीपा आते ही आदिती भाभी से बोल पड़ी।

“दीपा कल रात मेरे सारे गहने चोरी हो गए हैं।” आदिति भाभी बोली।

“ क्या?.. आप के गहने चोरी हो गए हैं ? आपने अपने गहने कहां रखे थे? ” दीपा चौकते हुए बोली।

“ओहो... कैसी अनजान होकर बोल रही है? ...आपने गहने कहां रखा था?” सुजाता मौसी मुंह बनाती हुई बोली।

सुजाता मौसी की बात सुनकर दीपा को भी थोड़ा थोड़ा शक हो गया कि शायद सुजाता मौसी उसे ही चो समझ रही हैं।

“सुजाता मौसी आप कहना क्या चाहती हैं? दीपा सुजाता मौसी से बोली।



साथ बने रहिए।
awesome update
 

Arv313

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Ye sujata mausi ka aapne es ghar me kuchh jyada hi interfere dikhaya hai.
ye to jara bhi rishtedari ke layak nhi hai.
baki aap smajhdar hai esko achchhe se maja chakhao.
waiting for the next update.
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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Ye sujata mausi ka aapne es ghar me kuchh jyada hi interfere dikhaya hai.
ye to jara bhi rishtedari ke layak nhi hai.
baki aap smajhdar hai esko achchhe se maja chakhao.
waiting for the next update.
धन्यवाद आपका।

अब मौसी हैं तो ज्यादा कोई बोल भी नहीं सकता है।
बाकी अगला भाग मजेदार होने वाला है।

साथ बने रहिए।
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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बारहवाँ भाग


जो गहने तुमने चुराए हैं उसे“वापस कर दो।” मौसी गुस्से से बोली।

मौसी की बात सुनकर दीपा आश्चर्य चकित रह गई। उसका शक बिलकुल सही था। सुजाती मौसी उसपर ही चोरी का इल्जाम लगा रही हैं।

मौसी, ये क्या बोल रही हैं आप। मैंने कोई गहने नहीं चुराए हैं। दीपा ने नम आँखों से सुजाता मौसी से कहा।

मैं तो पहले ही कह रही थी, कि ये जितनी भोली-भाली दिखती है उतनी है नहीं। देखो कितनी ढीठ हो गई है। एक तो चोरी करती है ऊपर से मुझे आँख दिखाती है। सुजाता मौसी ने कहा।

मैंने कोई चोरी नहीं की है। अरे ये मेरा भी घर है। मैं अदिति दी को अपनी बड़ी बहन मानती हूँ। भला मैं उनके गहनें क्यों चुराऊगी। दीपा एकदम रुआसी होकर बोली।

हाँ तुमने ही बहू के गहने चोरी किए हैं। मैंने खुद तुम्हें बहू के कमरे के पास देखा था। सुजाता मौसी ने अकड़कर कहा।

मैं कब दीदी के कमरे के पास आई और आपने कब मुझे देखा। दीपा इस बार थोड़ा गुस्से में बोली।

कल रात में जब मैं बाथरूम जाने के लिए उठी थी तब। सुजाती मौसी ने कहा।

मौसी आपका कमरा भाभी के कमरे से थोड़ी ही दुरी पर है और वहाँ से भी टॉयलेट जाते समय या वापस आते समय कभी भीआदिती भाभी का कमरा ठीक से दिखायी देता। और तब आपने उस वक्त दीपा को आदिती भाभी के कमरे तरफ से आते देखा था। मौसी की बात पर दीपा ने मौसी से पूछा।

हाँ मैं तो कब से कह रही हूँ कि आदिती बहू के जो गहने चोरी हुए हैं उसे तुमने चुराए हैं। मौसी बोली।

आप यह क्या बके जा रही है ? पहली बात तो मैं कल रात को अदिति के कमरे के पास आई ही नहीं थी। चलो एक बार मान भी लेती हूँ कि मैं रात में अदिति दी के कमरे के पास आई थी तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि गहने मैंने चुराए हैं। दीपा भी इस बार गुस्से में बोली।

“बहन अगर तुम मेरे गहने ले गई हो तो प्लीज मुझे वापस कर दो। वो सभी मेरे शादी के मुहूर्त वाले गहने थे।” आदिति भाभी लगभग भीख मांगती हुई दीपा से बोली।

सुजाता मौसी तक तो ठीक था, लेकिन भाभी का उसपर विश्वास न करना और दोषी मान लेना उसे बहुत तकलीफ ले रहा था।

“आदिति दी (दीदी) आप भी......?” दीपा को अपने वाक्य पूरा करने से पहले ही उसकी आंखों से आंसू निकल पड़े। उसकी आँखों से आंसू निकल कर उसके दोनों गालो से लुढ़कर नीचे जमीन पर फैल रहे थे।

उस वक्त दीपा को यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर लोग चोरी का इल्जाम उस पर क्यों लगा रहे हैं ? उसने किसी का क्या बिगाड़ा हैं जो लोग इस तरह से उससे बदले लेने के लिए तुले हुए हैं ।

“दीपा बेटी मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं होगी यदि तुम बहू के सभी गहने वापस कर देती हो।” मेरी मां दीपा से बोली।

दीपा मेरी मां की बात सुनकर और भी फूट फूट कर रोने लगी।

“मां आप दीपा से यह क्या बोल रही हो? आपके पास क्या सबूत है कि गहने दीपा के पास हैं ?” उस वक्त यह वाक्य मैंने थोड़ी तेज आवाज में बोला था जिसके कारण सभी लोग मेरी तरफ देखने लगे थे।

“निशांत इस घर का कोई भी सदस्य अभी तक इस घर से बाहर नहीं निकला है सिवाय दीपा के। मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि दीपा ही आदिती बहू के सारे गहने लेकर भागी है।” सुजाता मौसी बोली ।

“दीपा सुबह मेरे साथ कॉलेज गई थी ना कि वह अपने घर गई थी।” मैंने कहा।

सुजाता मौसी मेरी बातों को सुनकर कोई जवाब नहीं दिया।

“मुझे लगता है इस चोरी की सूचना पुलिस को दे दीजिए। पुलिस खुद ही पकड़ लेगी असली चोर को और ये इस तरह से किसी को बदनाम करने से कहीं ज्यादा बेहतर होगा।” मैं अर्जुन भैया से बोला।

“निशांत तुम ठीक कह रहे हो। हमें चोरी की सूचना पुलिस को दे देनी चाहिए।” अर्जुन भैया बोले।

“नहीं.. इस घर में पुलिस नहीं आ सकती है। इससे हमारी और भी बदनामी होगी। आज तक इस घर में कभी कोई चोरी नहीं हुई है और न हीं कभी इस घर में कोई पुलिस आई है। मैं नही चाहती हूँ कि घर की बात बाहर फैलाया जाये। अगर यह बात लोगों को पता चलेगी कि इस घर में चोरी होने लगी है तो फिर क्या इज्जत रह जाएगी।” मेरी मां बोली ।

“विमला तुम सही बोल रही हो। जब चोर हमारे सामने ही है तो पुलिस की क्या जरूरत है।अगर पुलिस आती भी है और चोर को पकड़ भी लेती है तो पैसे लेकर ऐसे चोर को छोड़ देगी।इससे हमारा कोई फायदा भी ना होगा । इससे अच्छा है कि हम इस वक्त इसे धक्के देकर घर से बाहर निकाल देते हैं और इसके घर जाकर बहू सारे गहने ले आते हैं।” सुजाता मौसी बोली।

यह सुनकर दीपा डर गई कि अगर यह बात उसके भैया को पता चली तो वह उनकी नजरों में गिर जाएगी।

“नहीं-नहीं ऐसी गलती मत करिएगा वरना मेरे भैया को यह सब जानकारी होगी तब वह अपनी जान दे देंगे” दीपा विनती करती हुई बोली।

“अच्छा है तब तो हम ऐसा ही करेंगे ताकि तुम्हारा भाई भी जान ले कि उसकी बहन उसके पीछे क्या-क्या गुल खिला रही है।... मुझे तो लगता है इस चोरी में तुम्हारा भाई भी शामिल होगा।” सुजाता मौसी बोली।

“सुजाता मौसी आपको शर्म आनी चाहिए ऐसी घिनौनी बातें करते हुए। पहले आपने दीपा को बदनाम किया और अब उसके भाई को बदनाम कर रही हैं। अब तो आपने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी है” मैं गुस्से में बोला।

बेशर्मी की हदें तो इस लड़की ने पार कर दी, अपने दोस्त की बहन के गहने चोरी कर के” मौसी फिर मुंह बनाती हुई बोली।

“निशांत तुम इन लोगों को समझाओ ना! देखो ये लोग क्या-क्या मेरे बारे में बोले जा रहे हैं?” दीपा रोती हुई बोली।

“सुजाता मौसी आप इतने कॉन्फिडेंस के साथ इस चोरी का इल्जाम दीपा पर कैसे लगा सकती है?”

“ क्योंकि जिस रात बहू के गहने चोरी हुई है उस रात मैंने सुबह 3:00 बजे दीपा को आदिति बहू के कमरे की तरफ से आते हुए दीपा को देखा है। और मैं यकीन के साथ कह रही हूँ उस वक्त उसके हाथों में गहने भी थे।” सुजाता मौसी बोली।

“उस वक्त दिपा भाभी के कमरे से नही आ रही थी” मैनें कहा ।

“तब कहाँ से आ रही थी ?” मेरी माँ बोली ।

“वह...” मेरी बात को पूरा करने से पहले ही दीपा हाथ जोड़कर इशारो मे ही उस रात वाली घटना को जिक्र ना करने की विनती करने लगी । उस वक्त वह कहना चाह रही थी कि मैं चोरी की बदनामी के दर्द सह लूंगी। मगर ये लोग यदि यह जान जाएंगे कि उस रात मैं तुम्हारे साथ थी तो यह लोग मेरे लिए चोर के साथ चरित्रहीन जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल करने लगेंगे जो मेरे लिए असहनीय होगा ।

मैंने दीपा के बेवस आंखो के तरफ़ देखा, उसकी आँखों से आंसु निकल फर्श पर गिर कर फैल रहे थे।

आदिती भाभी के कमरे और जिस कमरे मे सुजाता मौसी सो रही थी । वे दोनो कमरा एक दूसरे से विपरीत दिशा में थे यानी आदिति भाभी के कमरे से ना तो सुजाता मौसी के कमरे का दरवाजा दिख सकता था और न ही सुजाता मौसी के कमरे या खिड़की से आदिति भाभी के दरवाजे या उनके कमरे से आने वाला कोई व्यक्ति ही दिख सकता था।

“अगर आपने सुबह 3:00 बजे दीपा को अदिति भाभी के कमरे की तरफ से आते हुए देखा है तो उस वक्त वहां पर आप क्या कर रही थी । और यदि दीपा अपने हाथों में गहने लिए हुई थी तब आपने उस वक्त किसी को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी।” मैं सुजाता मौसी से बोला।

मेरी यह बात सुनकर सुजाता मौसी हक्का-बक्का सा हो गई । क्योंकि उन्हें भी अच्छी तरह से मालूम था कि वह जिस कमरे में सोई थी वहां से आदिति भाभी के कमरे या उनके दरवाजे से किसी व्यक्ति को आते हुए देखना नामुमकिन था।

“ मैं उस वक्त टॉयलेट से आ रही थी तभी मेरी नजर दीपा पर पड़ी थी” सुजाता मौसी घबराती हुई बोली।

“लेकिन सुजाता मौसी टाँयलेट तो आपके कमरे से ढक्षिण दिशा में है तो आपने दीपा को भाभी के कमरे से आते हुए कैसे देख लिया?” मैं बोला।

मेरी बातों को सुनकर सभी लोग मौसी को देखने लगे। इस बार मौसी कुछ नहीं बोल पा रही थी बस चुपचाप खड़ी थी ।

“भैया इस घर में अभी तक कोई पुलिस नहीं आई है मगर इस बार पुलिस जरूर आएगी और पुलिस मैं बुलाऊंगा।” यह बोलते हुए मैंने अपना मोबाइल निकाल कर पुलिस स्टेशन में कॉल करने लगा।

“निशांत बेटा रुक जाओ, पुलिस मत बुलाओ।” मौसी डरी हुई आवाजों में बोली।

मैंने मौसी की तरफ देखा तो वह काफी डरी हुई लग रही थी। अब सभी के नजरें एक बार फिर से मौसी के तरफ जा टिकी थी । मगर दीपा अभी भी पहले जैसे ही रो रही थी ।वहां पर उपस्थित सभी लोग यह समझ नहीं पा रहे थे आखिर मौसी इतनी डर क्यों गई हैं ।

“अब हम लोगों को पुलिस बुला लेनी चाहिए क्योंकि हम शक के आधार पर किसी को चोर नहीं ना बता सकते हैं। जब पुलिस आएगी तब वह खुद दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी यानी पुलिस खुद चोर को पकड़ लेगी और इससे किसी निर्दोष को बदनाम होने से भी बच्चाया जा सकता है। अगर दीपा ने सचमुच चोरी की होगी तो पुलिस उसे पकड़ कर ले जाएगी।” मैं बोला।

मेरी यह बात सुनकर सभी लोगों ने अपनी सहमति दिखाई मगर मौसी चुपचाप कुछ मिनटों तक मूर्त बन कर खड़ी रही फिर अचानक से धीमी स्वर में बोली,"

निशांत बेटा आदिति बहू के गहने मैंने ही छुपा कर रख दिए हैं । "

“क्या?...” सभी एक साथ बोल पड़े।


साथ बने रहिए।
 

Arv313

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Nice update
good step by nishant i really stressed for deepa.
so its good job.
waiting for the next update.
 
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