• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

317
457
63
बड़ी मुश्किल से मैंने पलट कर देखा और जिसे देखा फिर कुछ देखने की इच्छा ही नहीं रही .
is se to lagta hai ki ye sirf nisha ho skti hai...aur ab vo batayegi ki uska aur khandar ka kya rishta tha...bas ab ye janana hai ki vo kya batati hai..
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
Staff member
Moderator
34,098
150,775
304
इतने सालों से सबसे कह रहे हैं आप.......... फिर भी लोग जस्सी भाभी.... यानि ठकुराइन जसमीत....... को नहीं भुला पा रहे
ना राणा हुकुम सिंह को और ना कुन्दन को................... ना आयत को ना छज्जेवाली को............

तो, इस कहानी को कैसे भूल जाएंगे :D
Sahi kaha aapne...
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
Staff member
Moderator
34,098
150,775
304
Bhabhi ne jab apna mangalsutra toda tab hume bhi aisa laga tha ki ye sab Bhaiya ne kiya hai lekin insab ke piche Anju thi or uske is gande khel me shayad koi or bhi shamil hai jisne Kabir ke pith piche hamla kiya kon ho sakta hai wo shayad chachi kyuki Nisha to ghayal hai abhi..

Sabkuch laalch ki wajah se ho raha hai or laalch me log itne andhe ho chuke ki hai unhe ye bhi nahi pata hai ki har chiz ki kimat chukani padti hai fir chahe wo khoon hi kyu na ho..

Sabkuch barbaad ho jaayega khatam ho jaayega ant me kyuki jo shuru hua hai use to khatam hona hi hai...
 

Rambhai

Member
105
573
93
Bhabhi ne jab apna mangalsutra toda tab hume bhi aisa laga tha ki ye sab Bhaiya ne kiya hai lekin insab ke piche Anju thi or uske is gande khel me shayad koi or bhi shamil hai jisne Kabir ke pith piche hamla kiya kon ho sakta hai wo shayad chachi kyuki Nisha to ghayal hai abhi..

Sabkuch laalch ki wajah se ho raha hai or laalch me log itne andhe ho chuke ki hai unhe ye bhi nahi pata hai ki har chiz ki kimat chukani padti hai fir chahe wo khoon hi kyu na ho..


Sabkuch barbaad ho jaayega khatam ho jaayega ant me kyuki jo shuru hua hai use to khatam hona hi hai...
Chachi lag rahi hai
 

Ashwathama

अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः 🕸
716
4,398
123
वैसे इस अपडेट में फौजी भाई ने एक एडवांटेज लिया है जो कबीर के जिंदा रहना या ना रहना बताएगा की उसे किसने भाला मारा है।

अगर जो वो निशा है, तब तो सब मारे जायेंगे आखिरी में, शायद चाची बचे बस।

अगर जो वो चाची है तब तो कबीर के पास निशा जैसी वजह है जिंदा रहने के लिए।

बाकी तो नियति जाने की फौजी भाई क्या चाहते हैं।
बिल्कुल, आपके समीक्षा का मै समर्थन करता हूँ, जहाँ तक कहानी मे कवीर का अपने प्रति एक विश्वाश और अपने आप पर नियंत्रण का एक मुख्य कारण, निशा रही है, ... कवीर की प्रीत... अगर निशा खुद कवीर पर वार कर बैठी तब कहानी का सारांश ही बदल जायेगा, कवीर जो शिर्फ अपने और निशा के सुनहरे भविष्य के लिए अपने बाप, चाचा के द्वारा छुपाये हुये राज़ो को खंगालने निकला था, उसका सारा का सारा प्रयाश व्यर्थता मे गीना जायेगा,
 
Last edited:

Ashwathama

अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः 🕸
716
4,398
123
वैसे इस अपडेट में फौजी भाई ने एक एडवांटेज लिया है जो कबीर के जिंदा रहना या ना रहना बताएगा की उसे किसने भाला मारा है।

अगर जो वो निशा है, तब तो सब मारे जायेंगे आखिरी में, शायद चाची बचे बस।

अगर जो वो चाची है तब तो कबीर के पास निशा जैसी वजह है जिंदा रहने के लिए।

बाकी तो नियति जाने की फौजी भाई क्या चाहते हैं।
अगर वो निशा हुयी तब कवीर के हृदय से महज़ यही चंद शब्द निकल पाएंगे ।

ये पंक्तियाँ मेरी डायरी मे लिखी एक कविता का भाग है...


अरमान धरे रह गए, सपने धरे रह गए
अपने ख्वाइश सारे, अपनो से मेरे, अपनो के परे रह गए ...
लब्ज़ फूटते नही, यही इश्क़ की आलम है मेरी...
उन लम्हो को मैं क्या दोष दूँ,
जिनमे खुद जान, मेरे सीने पर खंजर धरे रह गए...

अब ज़िस्म से जान, जैसे शांशो की अहशाह भी बेदम हो गयी,

हालातों ने ज़ता दी, की इस ज़िंदगी से मेरी आत्मा अब तंग हो गयी ।।

-Bheema
 
Last edited:

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
19,203
39,765
259
बिल्कुल, आपके समीक्षा का मै समर्थन करता हूँ, जहाँ तक कहानी मे कवीर का अपने प्रति एक विश्वाश और अपने आप पर नियंत्रण का एक मुख्य कारण, निशा रही है, ... कवीर की प्रीत... अगर निशा खुद कवीर पर वार कर बैठी तब कहानी का सारांश ही बदल जायेगा, कवीर जो शिर्फ अपने और निशा के सुनहरे भविष्य के लिए अपने बाप, चाचा के द्वारा छुपाये हुये राज़ो को खंगालने निकला था, उसका सारा का सारा प्रयाश व्यर्थता मे गीना जायेगा,
वैसे संभावना पूरी तरह से निशा के होने की ही है, क्योंकि वो सुनैना का वारिश है, जिसे सारे अपनों ने ही धोखा दिया था। उसका प्यार, उसका दोस्त और उसकी खुद की बहन।

कबीर के साथ भी लगभग वही हो रहा है, उसका दोस्त मंगू और चंपा ही उसको हर तरह से धोखा दे रहे थे, अंजू जिसको बहन माना वो भी धोखेबाज निकली, और निशा उसका प्यार।

तो निशा के प्यार में पड़ कर तो सच को खोज लाया, लेकिन सुनैना का वारिश होना ही उसे बर्बाद कर देगा पूरी तरह से।
 
Top