Dharmendra Kumar Patel
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बहुत ही लाजवाब। ऐसी कहानियां बहुत कम पढ़ने को मिलती
इतने सालों से सबसे कह रहे हैं आप.......... फिर भी लोग जस्सी भाभी.... यानि ठकुराइन जसमीत....... को नहीं भुला पा रहे
ना राणा हुकुम सिंह को और ना कुन्दन को................... ना आयत को ना छज्जेवाली को............
तो, इस कहानी को कैसे भूल जाएंगे
Chachi lag rahi haiBhabhi ne jab apna mangalsutra toda tab hume bhi aisa laga tha ki ye sab Bhaiya ne kiya hai lekin insab ke piche Anju thi or uske is gande khel me shayad koi or bhi shamil hai jisne Kabir ke pith piche hamla kiya kon ho sakta hai wo shayad chachi kyuki Nisha to ghayal hai abhi..
Sabkuch laalch ki wajah se ho raha hai or laalch me log itne andhe ho chuke ki hai unhe ye bhi nahi pata hai ki har chiz ki kimat chukani padti hai fir chahe wo khoon hi kyu na ho..
Sabkuch barbaad ho jaayega khatam ho jaayega ant me kyuki jo shuru hua hai use to khatam hona hi hai...
बिल्कुल, आपके समीक्षा का मै समर्थन करता हूँ, जहाँ तक कहानी मे कवीर का अपने प्रति एक विश्वाश और अपने आप पर नियंत्रण का एक मुख्य कारण, निशा रही है, ... कवीर की प्रीत... अगर निशा खुद कवीर पर वार कर बैठी तब कहानी का सारांश ही बदल जायेगा, कवीर जो शिर्फ अपने और निशा के सुनहरे भविष्य के लिए अपने बाप, चाचा के द्वारा छुपाये हुये राज़ो को खंगालने निकला था, उसका सारा का सारा प्रयाश व्यर्थता मे गीना जायेगा,वैसे इस अपडेट में फौजी भाई ने एक एडवांटेज लिया है जो कबीर के जिंदा रहना या ना रहना बताएगा की उसे किसने भाला मारा है।
अगर जो वो निशा है, तब तो सब मारे जायेंगे आखिरी में, शायद चाची बचे बस।
अगर जो वो चाची है तब तो कबीर के पास निशा जैसी वजह है जिंदा रहने के लिए।
बाकी तो नियति जाने की फौजी भाई क्या चाहते हैं।
अगर वो निशा हुयी तब कवीर के हृदय से महज़ यही चंद शब्द निकल पाएंगे ।वैसे इस अपडेट में फौजी भाई ने एक एडवांटेज लिया है जो कबीर के जिंदा रहना या ना रहना बताएगा की उसे किसने भाला मारा है।
अगर जो वो निशा है, तब तो सब मारे जायेंगे आखिरी में, शायद चाची बचे बस।
अगर जो वो चाची है तब तो कबीर के पास निशा जैसी वजह है जिंदा रहने के लिए।
बाकी तो नियति जाने की फौजी भाई क्या चाहते हैं।
वैसे संभावना पूरी तरह से निशा के होने की ही है, क्योंकि वो सुनैना का वारिश है, जिसे सारे अपनों ने ही धोखा दिया था। उसका प्यार, उसका दोस्त और उसकी खुद की बहन।बिल्कुल, आपके समीक्षा का मै समर्थन करता हूँ, जहाँ तक कहानी मे कवीर का अपने प्रति एक विश्वाश और अपने आप पर नियंत्रण का एक मुख्य कारण, निशा रही है, ... कवीर की प्रीत... अगर निशा खुद कवीर पर वार कर बैठी तब कहानी का सारांश ही बदल जायेगा, कवीर जो शिर्फ अपने और निशा के सुनहरे भविष्य के लिए अपने बाप, चाचा के द्वारा छुपाये हुये राज़ो को खंगालने निकला था, उसका सारा का सारा प्रयाश व्यर्थता मे गीना जायेगा,