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Fantasy दर्दे जिगर

Chutiyadr

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अब तक आप के पढ़ा कि कैसे ठाकुर का जिक्र आने के बाद बाबा और असलम अपने फ्लैशबैक में ठाकुर की बेहरमी याद कर्तव्य है ओर अपने आपको आगे जाकर ठाकुर से मिलने के लिए तैयार करते है।
अब आगे
उधर सलोनी और शिवा हवेली पहुच जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी का स्वागत करता है और पूछता है आने में कोई तकलीफ तो न हुई। तो सलोनी मन कर देती है। और थके होने की वजह से सोने चली जाती है। तब शिवा ठाकुर से इजाजत लेकर शमशान वाले बाबा के पास चला जाता है। जब वो वहाँ पहुचता है तो उसे कोई नही दिखाई देता फिर वो बाबा के झोपड़े में जाता है और आवाज देता है तो बाबा बोलते है कि इधर आज शिवा। आवाज सुन कर शिवा के होठो पर एक मुस्कुराहट आ जाती है और वो एक बार बाहर देखता है कि कही कोई उसके पीछे तो नही आया है। जब उसे तसल्ली हो जाती है तो वो झोपडी के अंदर जाता है और वह रखे हुए मटके को घूमता है तो नीचे फर्श में सीढ़िया नजर आने लगती है। वो सीढ़ियां उतर कर नीचे बने बसेमेन्ट में जाने लगता है और जब आखिरी सीढ़ी पर पैर रखता है तो ऊप्पर से फर्श अपने आप बन्द हो जाता है। अभी शिवा दो कदम चला ही था कि एक जोरदार मुक्का उसकी पीठ पर पड़ता है लेकिन ये क्या शिवा तो अपनी जगह से थोड़ा सा ही हिला लेकिन मुक्का मारने वाले कि चीख निकल जाती है और वो अपना वो हाथ जिससे उसने मुक्का मारा था उसे पकड़ कर बैठ जाता है।
शमसान वाले बाबा हस्ते हुए बाहर आते है और बोलते है
(यहाँ आप लोग कंफ्यूज मत होना क्योंकि दोनों बाबा अलग है)
श. बाबा - क्यों क्या हुआ फिर से अपना मुक्का तुड़वा लिया क्या।
अजनबी - सर आपने आखिर इस को क्या खिलाया है जो इस साले का शरीर किसी फौलाद की तरह है। इसे मारने जाओ तो इसे तो फर्क नही पड़ता लेकिन खुद को ही चोट लगती है।
बाबा - मैने इसे कुछ नही खिलाया है, ये तो इसके खुद की मेहनत और इसके अपने आप को शमशान की चिताओ की आग में तपाने का नतीजा है। वरना इसे भी मैंने वही सिखाया है जो तुझे सिखाया है, लेकिन तु इससे हर बार हार जाता है।
तभी शिवा बोलता है - आपको लगी तो नही ना पंडित जी (जी हाँ दोस्तो ये अनजान व्यक्ति कोई और नही बल्कि अपना पंडित ही है। अब वो यहाँ ऐसे क्यों है ये आगे पता चल जाएगा)। कहो तो दवा दारू कर दु। और ये बोलके जोर 2 से हँसने लगता है। जिसमे उसका साथ वह मौजूद वो चारो पहलवान भी देते है। जिसे देख कर पंडित उन पर भड़क जाता है और बोलता है
पंडित - सालो तुम बहुत दाँत फाड़ रहे हो। तुम 4 होके भी इस अकेले से पिट गए थे। ये सुनते ही वो चलो बगलें झांकने लगे।
बाबा - चलो बस बहुत मजाक हो गया। दोनों अपनी 2 रिपोर्ट दो आज तक की।
पंडित - सर जैसे कि आपने मुझे ठाकुर की बेटी पर नजर रखने के लिए कहा था तो वो ठाकुर के कारनामो से बिल्कुल अनजान है। हॉ थोड़ी नकचढ़ी है, घमंडी है, लेकिन दिल की बहुत साफ है। जरूरत मंदो की मदद करती है। ब्लैक बेल्ट है जुडो में।
बाबा - शिवा तुम क्या कहते हो।
शिवा - सर पंडित भाई बिल्कुल सही कह रहा है। में भी उसे क्लीन चिट देता हूं।
पंडित - हाँ हाँ तू तो उसे क्लीन चिट तो देगा ही। क्या डायलॉग मार था वह पर, साला याद नही आ रहा है।
शिवा सर के सामने ये सुन कर झेंप जाता है और पंडित को सर की तरफ देखकर चुप होने का इशारा करता है।
सर - पंडित अपने काम पर ध्यान दो।
पंडित - सॉरी सर।
शिवा - सर लाला की कुछ खबर।
सर - हाँ कल उसने शहर में किसी से बात की थी। लेकिन जब तक हम उसका पता लगा पाते उसने कॉल काट दी थी। असल मे हमारे एजेंट को देर से पता चला उसकी फोन कॉल का।
शिवा - कोई नही सर अब मै वापस आ गया हूं तो लाला कब तक बचेगा। और जिस दिन लाला काबू में आ गया ना उस दिन ठाकुर भी अपने शिकंजे में होगा।
सर - सही कहा शिवा।
पंडित - अब मेरे लिए क्या आदेश है सर।
सर - तुम अब शिवा के अंडर काम करोगे तो आगे के सारे ऑर्डर तुम्हे शिवा देगा।
शिवा - मै कैसे इन्हें ऑडर दे सकता हु सर पंडित भाई तो मेरे सीनियर है।
सर - इस मिशन में मेरे बाद तुम हेड हो शिवा और ये सिनियर और जूनियर हेड ऑफिस में होते है। फील्ड में जो मिशन को लीड करता है वही सीनियर होता है। और ये बोलके वो वापस आप के शमशान वाले बाबा के रूप में आ जाता है और ऊप्पर अपने झोपड़े में चल देता है।
पंडित ( शिवा में मजे लेते हुए) - हाँ तो सर अब बताए कि मुझे आगे क्या करना है, यही रहना है या फिर से भाभी जी का सीक्रेट बॉडीगार्ड बनाना है। और जोर से हँसने लगता है।
शिवा (अपने चेहरे पर दुनिया भर की गंभीरता लाते हुए) - क्या अपने फील्ड ऑफिसर से ऐसे ही बात करते है पंडित।
पंडित (झेंपते हुए) - सॉरी सर, आगे से ऐसा नही होगा। सॉरी फिर से।
उसका ऐसा उतरा हुआ चेहरा देखकर शिवा के चहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ जाती है और वो जोर से ठहाके लगा कर हँसने लगता है जिसे सुनकर पंडित समझ जाता है कि शिवा उसकी फिरकी ले रहा है, तो वो शिवा के पीछे भागने लगता है उसे मारने के लिए और शिव वहाँ से भागने लगता है। थोड़ी देर ऐसे ही भागदौड़ के बाद दोनों एक जगह बैठ जाते है। फिर शिवा बोलता है
शिवा - पंडित भी एक काम करो आप अपने इन चारों साथियों के साथ ठाकुर के गिरोह में शामिल हो जाओ ताकि में आपके साथ मिलकर खुलकर उसकी ऐसी की तैसी कर सकू।
आप सब लोग सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास ले कर बैठ गया हूं। तो सच्चाई तो ये है कि वो श्मशान वाले बाबा एक सी0आई0डी0 अफसर है जिन्है ठाकुर के खिलाफ सरकार ने नियुक्त किया हुआ है। उस दिन शिवा की कहानी सुनाने के बाद सर ने छानबीन की और इन्होंने ही शिवा को उसकी जिंदगी की कड़वी सच्चाई से रूबरू करवाया था जो उसे बहुत धुंदली 2 याद थी। और उन्होंने ये भी बताया था कि गांव वाले उस हादसे के बाद उसके भाई के गायब होने की भी बात कर रहे थे। तब से शिव के दो ही मकसद एक अपने भाई को भी ढूंढना और दूसरा लाला को सजा दिलवाना, लेकिन कुछ महीनों की मेहनत के बाद ही इन्हें पता चलता है कि लाला तो सिर्फ मोहरा है जबकि यहाँ की काली दुनिया का बादशाह तो ठाकुर है जिसके दो रूप है। इसके बाद सर ने शिवा को ठाकुर के नजदीक लेन के लिए उसे हवेली में राख्वा दिया था। और पंडित को ठाकुर की बेटी के पीछे लगा दिया था।
अब विदा लेता हूं और जल्दी ही मिलने का वादा करता हु।
mere bhai aka...
is updte ka do review karna chahunga ..
pahla :-
bahut hi mast story mast plot hai bro ...
suspense bhi badiya hai ,baa hi CID hai aur pandit hi unke gang ka member hai ..yanhi mast story hai sab sab sai chal raha hai ...
ek aur ki super update :superb:

ab dusara wala review jo dil se dr raha hu bura mano to maan lena ...
content mast hai ..
plot mast hai
narration- bhai behad hi kharab hai ...kuchh karo uska ..devnagri me story likh rahe ho purane reader ho ,itani ummid kar skate hai ki aako hindi ki samjh hai ,aap achcha likh sakte ho ,thoda detailing me jaao ,thoda kadra karo yar language ki bahut kuch sikha kar jayega ...aise ye bhi nahi bol sakta ki bahut hi khrab hai achchi hai lekin kya apko apni story ko bas achchi tak simit rakhna hai ...use thoda aur behter banao aaram se ban jayegi ...
dost ager sahi content ko achcha narration na milte na to conternt mar jata hai bhai ..tum bhai ho isliye itana bolne ki himmat kar raha hu hope ki tum samjhoge meri bat ko ...
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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story mein kamal ki twist laye hain aapne aka ji...... ye baba to chupa rustam nikla .... ..... hmm... cid officer...
sath mein pandit ka bhi asliyat bahar aaya...... intresting...
Brilliant update aka ji....... Great going.... :applause::applause::applause:
 

aka3829

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mere bhai aka...
is updte ka do review karna chahunga ..
pahla :-
bahut hi mast story mast plot hai bro ...
suspense bhi badiya hai ,baa hi CID hai aur pandit hi unke gang ka member hai ..yanhi mast story hai sab sab sai chal raha hai ...
ek aur ki super update :superb:

ab dusara wala review jo dil se dr raha hu bura mano to maan lena ...
content mast hai ..
plot mast hai
narration- bhai behad hi kharab hai ...kuchh karo uska ..devnagri me story likh rahe ho purane reader ho ,itani ummid kar skate hai ki aako hindi ki samjh hai ,aap achcha likh sakte ho ,thoda detailing me jaao ,thoda kadra karo yar language ki bahut kuch sikha kar jayega ...aise ye bhi nahi bol sakta ki bahut hi khrab hai achchi hai lekin kya apko apni story ko bas achchi tak simit rakhna hai ...use thoda aur behter banao aaram se ban jayegi ...
dost ager sahi content ko achcha narration na milte na to conternt mar jata hai bhai ..tum bhai ho isliye itana bolne ki himmat kar raha hu hope ki tum samjhoge meri bat ko ...
Thanx 4 ur true review. Lekin bhai me koi hardcore writer nahi hu. Ye bhi mene sirf aur sirf apne kuch writer dosto ke baar 2 ye kehne par aur unko dikhane ke liye likhi he . Aap jo kehna chahte ho me samajh gya hu aur koshish rahegi ki aage apko sikayat ka maoka na mile.
 

Shyam Singh

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Fantastic update
 

Vikram singh rana

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अब तक आप के पढ़ा कि कैसे ठाकुर का जिक्र आने के बाद बाबा और असलम अपने फ्लैशबैक में ठाकुर की बेहरमी याद कर्तव्य है ओर अपने आपको आगे जाकर ठाकुर से मिलने के लिए तैयार करते है।
अब आगे
उधर सलोनी और शिवा हवेली पहुच जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी का स्वागत करता है और पूछता है आने में कोई तकलीफ तो न हुई। तो सलोनी मन कर देती है। और थके होने की वजह से सोने चली जाती है। तब शिवा ठाकुर से इजाजत लेकर शमशान वाले बाबा के पास चला जाता है। जब वो वहाँ पहुचता है तो उसे कोई नही दिखाई देता फिर वो बाबा के झोपड़े में जाता है और आवाज देता है तो बाबा बोलते है कि इधर आज शिवा। आवाज सुन कर शिवा के होठो पर एक मुस्कुराहट आ जाती है और वो एक बार बाहर देखता है कि कही कोई उसके पीछे तो नही आया है। जब उसे तसल्ली हो जाती है तो वो झोपडी के अंदर जाता है और वह रखे हुए मटके को घूमता है तो नीचे फर्श में सीढ़िया नजर आने लगती है। वो सीढ़ियां उतर कर नीचे बने बसेमेन्ट में जाने लगता है और जब आखिरी सीढ़ी पर पैर रखता है तो ऊप्पर से फर्श अपने आप बन्द हो जाता है। अभी शिवा दो कदम चला ही था कि एक जोरदार मुक्का उसकी पीठ पर पड़ता है लेकिन ये क्या शिवा तो अपनी जगह से थोड़ा सा ही हिला लेकिन मुक्का मारने वाले कि चीख निकल जाती है और वो अपना वो हाथ जिससे उसने मुक्का मारा था उसे पकड़ कर बैठ जाता है।
शमसान वाले बाबा हस्ते हुए बाहर आते है और बोलते है
(यहाँ आप लोग कंफ्यूज मत होना क्योंकि दोनों बाबा अलग है)
श. बाबा - क्यों क्या हुआ फिर से अपना मुक्का तुड़वा लिया क्या।
अजनबी - सर आपने आखिर इस को क्या खिलाया है जो इस साले का शरीर किसी फौलाद की तरह है। इसे मारने जाओ तो इसे तो फर्क नही पड़ता लेकिन खुद को ही चोट लगती है।
बाबा - मैने इसे कुछ नही खिलाया है, ये तो इसके खुद की मेहनत और इसके अपने आप को शमशान की चिताओ की आग में तपाने का नतीजा है। वरना इसे भी मैंने वही सिखाया है जो तुझे सिखाया है, लेकिन तु इससे हर बार हार जाता है।
तभी शिवा बोलता है - आपको लगी तो नही ना पंडित जी (जी हाँ दोस्तो ये अनजान व्यक्ति कोई और नही बल्कि अपना पंडित ही है। अब वो यहाँ ऐसे क्यों है ये आगे पता चल जाएगा)। कहो तो दवा दारू कर दु। और ये बोलके जोर 2 से हँसने लगता है। जिसमे उसका साथ वह मौजूद वो चारो पहलवान भी देते है। जिसे देख कर पंडित उन पर भड़क जाता है और बोलता है
पंडित - सालो तुम बहुत दाँत फाड़ रहे हो। तुम 4 होके भी इस अकेले से पिट गए थे। ये सुनते ही वो चलो बगलें झांकने लगे।
बाबा - चलो बस बहुत मजाक हो गया। दोनों अपनी 2 रिपोर्ट दो आज तक की।
पंडित - सर जैसे कि आपने मुझे ठाकुर की बेटी पर नजर रखने के लिए कहा था तो वो ठाकुर के कारनामो से बिल्कुल अनजान है। हॉ थोड़ी नकचढ़ी है, घमंडी है, लेकिन दिल की बहुत साफ है। जरूरत मंदो की मदद करती है। ब्लैक बेल्ट है जुडो में।
बाबा - शिवा तुम क्या कहते हो।
शिवा - सर पंडित भाई बिल्कुल सही कह रहा है। में भी उसे क्लीन चिट देता हूं।
पंडित - हाँ हाँ तू तो उसे क्लीन चिट तो देगा ही। क्या डायलॉग मार था वह पर, साला याद नही आ रहा है।
शिवा सर के सामने ये सुन कर झेंप जाता है और पंडित को सर की तरफ देखकर चुप होने का इशारा करता है।
सर - पंडित अपने काम पर ध्यान दो।
पंडित - सॉरी सर।
शिवा - सर लाला की कुछ खबर।
सर - हाँ कल उसने शहर में किसी से बात की थी। लेकिन जब तक हम उसका पता लगा पाते उसने कॉल काट दी थी। असल मे हमारे एजेंट को देर से पता चला उसकी फोन कॉल का।
शिवा - कोई नही सर अब मै वापस आ गया हूं तो लाला कब तक बचेगा। और जिस दिन लाला काबू में आ गया ना उस दिन ठाकुर भी अपने शिकंजे में होगा।
सर - सही कहा शिवा।
पंडित - अब मेरे लिए क्या आदेश है सर।
सर - तुम अब शिवा के अंडर काम करोगे तो आगे के सारे ऑर्डर तुम्हे शिवा देगा।
शिवा - मै कैसे इन्हें ऑडर दे सकता हु सर पंडित भाई तो मेरे सीनियर है।
सर - इस मिशन में मेरे बाद तुम हेड हो शिवा और ये सिनियर और जूनियर हेड ऑफिस में होते है। फील्ड में जो मिशन को लीड करता है वही सीनियर होता है। और ये बोलके वो वापस आप के शमशान वाले बाबा के रूप में आ जाता है और ऊप्पर अपने झोपड़े में चल देता है।
पंडित ( शिवा में मजे लेते हुए) - हाँ तो सर अब बताए कि मुझे आगे क्या करना है, यही रहना है या फिर से भाभी जी का सीक्रेट बॉडीगार्ड बनाना है। और जोर से हँसने लगता है।
शिवा (अपने चेहरे पर दुनिया भर की गंभीरता लाते हुए) - क्या अपने फील्ड ऑफिसर से ऐसे ही बात करते है पंडित।
पंडित (झेंपते हुए) - सॉरी सर, आगे से ऐसा नही होगा। सॉरी फिर से।
उसका ऐसा उतरा हुआ चेहरा देखकर शिवा के चहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ जाती है और वो जोर से ठहाके लगा कर हँसने लगता है जिसे सुनकर पंडित समझ जाता है कि शिवा उसकी फिरकी ले रहा है, तो वो शिवा के पीछे भागने लगता है उसे मारने के लिए और शिव वहाँ से भागने लगता है। थोड़ी देर ऐसे ही भागदौड़ के बाद दोनों एक जगह बैठ जाते है। फिर शिवा बोलता है
शिवा - पंडित भी एक काम करो आप अपने इन चारों साथियों के साथ ठाकुर के गिरोह में शामिल हो जाओ ताकि में आपके साथ मिलकर खुलकर उसकी ऐसी की तैसी कर सकू।
आप सब लोग सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास ले कर बैठ गया हूं। तो सच्चाई तो ये है कि वो श्मशान वाले बाबा एक सी0आई0डी0 अफसर है जिन्है ठाकुर के खिलाफ सरकार ने नियुक्त किया हुआ है। उस दिन शिवा की कहानी सुनाने के बाद सर ने छानबीन की और इन्होंने ही शिवा को उसकी जिंदगी की कड़वी सच्चाई से रूबरू करवाया था जो उसे बहुत धुंदली 2 याद थी। और उन्होंने ये भी बताया था कि गांव वाले उस हादसे के बाद उसके भाई के गायब होने की भी बात कर रहे थे। तब से शिव के दो ही मकसद एक अपने भाई को भी ढूंढना और दूसरा लाला को सजा दिलवाना, लेकिन कुछ महीनों की मेहनत के बाद ही इन्हें पता चलता है कि लाला तो सिर्फ मोहरा है जबकि यहाँ की काली दुनिया का बादशाह तो ठाकुर है जिसके दो रूप है। इसके बाद सर ने शिवा को ठाकुर के नजदीक लेन के लिए उसे हवेली में राख्वा दिया था। और पंडित को ठाकुर की बेटी के पीछे लगा दिया था।
अब विदा लेता हूं और जल्दी ही मिलने का वादा करता हु।

HHHAAAAAAMMMMMMMMMM
GOOD UPDATE......
AS ALWAYS....

BUT A LITTLE DISAPPOINTING.....
ACCORDING TO THE PLOT.....
ACTUALLY AAPNE STORY KA PLOT OR ATMOSPHERE JO BANAYA THA LIKE .....VILLAGE LIFE....LALA.....MUNIM.....
ETC.....

US HISAAB SE LAGA YE AK SIMPLE REVENGE STORY HAI....JO KI WAQT KE SAATH JYADA BETTER HOTI JAAYEGA....

LEKIN LAST ME AAPNE ISME JO YE AGENTS OR RAW OR CID JO DALA HAI....
YE THODA SA.....STORY ATMOSPHERE KE HISAAB SE FIT NAHI BAITH RAHA....

MATLAB JAISE AB TAK CHALI AA RAHI THI WAISE HEE....AGAR AK SIMPLE STORY HEE RAHNE DIYA HOTA TO JYADA ACHCHA HOTA....
MERE HISAAB SE....

ANYWAYS.....
KEEP UPDATE...
THANKS...
 
Last edited:

firefox420

Well-Known Member
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अब तक आप के पढ़ा कि कैसे ठाकुर का जिक्र आने के बाद बाबा और असलम अपने फ्लैशबैक में ठाकुर की बेहरमी याद कर्तव्य है ओर अपने आपको आगे जाकर ठाकुर से मिलने के लिए तैयार करते है।
अब आगे
उधर सलोनी और शिवा हवेली पहुच जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी का स्वागत करता है और पूछता है आने में कोई तकलीफ तो न हुई। तो सलोनी मन कर देती है। और थके होने की वजह से सोने चली जाती है। तब शिवा ठाकुर से इजाजत लेकर शमशान वाले बाबा के पास चला जाता है। जब वो वहाँ पहुचता है तो उसे कोई नही दिखाई देता फिर वो बाबा के झोपड़े में जाता है और आवाज देता है तो बाबा बोलते है कि इधर आज शिवा। आवाज सुन कर शिवा के होठो पर एक मुस्कुराहट आ जाती है और वो एक बार बाहर देखता है कि कही कोई उसके पीछे तो नही आया है। जब उसे तसल्ली हो जाती है तो वो झोपडी के अंदर जाता है और वह रखे हुए मटके को घूमता है तो नीचे फर्श में सीढ़िया नजर आने लगती है। वो सीढ़ियां उतर कर नीचे बने बसेमेन्ट में जाने लगता है और जब आखिरी सीढ़ी पर पैर रखता है तो ऊप्पर से फर्श अपने आप बन्द हो जाता है। अभी शिवा दो कदम चला ही था कि एक जोरदार मुक्का उसकी पीठ पर पड़ता है लेकिन ये क्या शिवा तो अपनी जगह से थोड़ा सा ही हिला लेकिन मुक्का मारने वाले कि चीख निकल जाती है और वो अपना वो हाथ जिससे उसने मुक्का मारा था उसे पकड़ कर बैठ जाता है।
शमसान वाले बाबा हस्ते हुए बाहर आते है और बोलते है
(यहाँ आप लोग कंफ्यूज मत होना क्योंकि दोनों बाबा अलग है)
श. बाबा - क्यों क्या हुआ फिर से अपना मुक्का तुड़वा लिया क्या।
अजनबी - सर आपने आखिर इस को क्या खिलाया है जो इस साले का शरीर किसी फौलाद की तरह है। इसे मारने जाओ तो इसे तो फर्क नही पड़ता लेकिन खुद को ही चोट लगती है।
बाबा - मैने इसे कुछ नही खिलाया है, ये तो इसके खुद की मेहनत और इसके अपने आप को शमशान की चिताओ की आग में तपाने का नतीजा है। वरना इसे भी मैंने वही सिखाया है जो तुझे सिखाया है, लेकिन तु इससे हर बार हार जाता है।
तभी शिवा बोलता है - आपको लगी तो नही ना पंडित जी (जी हाँ दोस्तो ये अनजान व्यक्ति कोई और नही बल्कि अपना पंडित ही है। अब वो यहाँ ऐसे क्यों है ये आगे पता चल जाएगा)। कहो तो दवा दारू कर दु। और ये बोलके जोर 2 से हँसने लगता है। जिसमे उसका साथ वह मौजूद वो चारो पहलवान भी देते है। जिसे देख कर पंडित उन पर भड़क जाता है और बोलता है
पंडित - सालो तुम बहुत दाँत फाड़ रहे हो। तुम 4 होके भी इस अकेले से पिट गए थे। ये सुनते ही वो चलो बगलें झांकने लगे।
बाबा - चलो बस बहुत मजाक हो गया। दोनों अपनी 2 रिपोर्ट दो आज तक की।
पंडित - सर जैसे कि आपने मुझे ठाकुर की बेटी पर नजर रखने के लिए कहा था तो वो ठाकुर के कारनामो से बिल्कुल अनजान है। हॉ थोड़ी नकचढ़ी है, घमंडी है, लेकिन दिल की बहुत साफ है। जरूरत मंदो की मदद करती है। ब्लैक बेल्ट है जुडो में।
बाबा - शिवा तुम क्या कहते हो।
शिवा - सर पंडित भाई बिल्कुल सही कह रहा है। में भी उसे क्लीन चिट देता हूं।
पंडित - हाँ हाँ तू तो उसे क्लीन चिट तो देगा ही। क्या डायलॉग मार था वह पर, साला याद नही आ रहा है।
शिवा सर के सामने ये सुन कर झेंप जाता है और पंडित को सर की तरफ देखकर चुप होने का इशारा करता है।
सर - पंडित अपने काम पर ध्यान दो।
पंडित - सॉरी सर।
शिवा - सर लाला की कुछ खबर।
सर - हाँ कल उसने शहर में किसी से बात की थी। लेकिन जब तक हम उसका पता लगा पाते उसने कॉल काट दी थी। असल मे हमारे एजेंट को देर से पता चला उसकी फोन कॉल का।
शिवा - कोई नही सर अब मै वापस आ गया हूं तो लाला कब तक बचेगा। और जिस दिन लाला काबू में आ गया ना उस दिन ठाकुर भी अपने शिकंजे में होगा।
सर - सही कहा शिवा।
पंडित - अब मेरे लिए क्या आदेश है सर।
सर - तुम अब शिवा के अंडर काम करोगे तो आगे के सारे ऑर्डर तुम्हे शिवा देगा।
शिवा - मै कैसे इन्हें ऑडर दे सकता हु सर पंडित भाई तो मेरे सीनियर है।
सर - इस मिशन में मेरे बाद तुम हेड हो शिवा और ये सिनियर और जूनियर हेड ऑफिस में होते है। फील्ड में जो मिशन को लीड करता है वही सीनियर होता है। और ये बोलके वो वापस आप के शमशान वाले बाबा के रूप में आ जाता है और ऊप्पर अपने झोपड़े में चल देता है।
पंडित ( शिवा में मजे लेते हुए) - हाँ तो सर अब बताए कि मुझे आगे क्या करना है, यही रहना है या फिर से भाभी जी का सीक्रेट बॉडीगार्ड बनाना है। और जोर से हँसने लगता है।
शिवा (अपने चेहरे पर दुनिया भर की गंभीरता लाते हुए) - क्या अपने फील्ड ऑफिसर से ऐसे ही बात करते है पंडित।
पंडित (झेंपते हुए) - सॉरी सर, आगे से ऐसा नही होगा। सॉरी फिर से।
उसका ऐसा उतरा हुआ चेहरा देखकर शिवा के चहरे पर शैतानी मुस्कुराहट आ जाती है और वो जोर से ठहाके लगा कर हँसने लगता है जिसे सुनकर पंडित समझ जाता है कि शिवा उसकी फिरकी ले रहा है, तो वो शिवा के पीछे भागने लगता है उसे मारने के लिए और शिव वहाँ से भागने लगता है। थोड़ी देर ऐसे ही भागदौड़ के बाद दोनों एक जगह बैठ जाते है। फिर शिवा बोलता है
शिवा - पंडित भी एक काम करो आप अपने इन चारों साथियों के साथ ठाकुर के गिरोह में शामिल हो जाओ ताकि में आपके साथ मिलकर खुलकर उसकी ऐसी की तैसी कर सकू।
आप सब लोग सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास ले कर बैठ गया हूं। तो सच्चाई तो ये है कि वो श्मशान वाले बाबा एक सी0आई0डी0 अफसर है जिन्है ठाकुर के खिलाफ सरकार ने नियुक्त किया हुआ है। उस दिन शिवा की कहानी सुनाने के बाद सर ने छानबीन की और इन्होंने ही शिवा को उसकी जिंदगी की कड़वी सच्चाई से रूबरू करवाया था जो उसे बहुत धुंदली 2 याद थी। और उन्होंने ये भी बताया था कि गांव वाले उस हादसे के बाद उसके भाई के गायब होने की भी बात कर रहे थे। तब से शिव के दो ही मकसद एक अपने भाई को भी ढूंढना और दूसरा लाला को सजा दिलवाना, लेकिन कुछ महीनों की मेहनत के बाद ही इन्हें पता चलता है कि लाला तो सिर्फ मोहरा है जबकि यहाँ की काली दुनिया का बादशाह तो ठाकुर है जिसके दो रूप है। इसके बाद सर ने शिवा को ठाकुर के नजदीक लेन के लिए उसे हवेली में राख्वा दिया था। और पंडित को ठाकुर की बेटी के पीछे लगा दिया था।
अब विदा लेता हूं और जल्दी ही मिलने का वादा करता हु।


kamaal ki story bana kar likhi hai aka Bhiya .. aap bhi suspense aur thriller par ade hue ho .. lagta hai aaj kal Xf par har kisi writer ko suspense likne ka bhoot savaar ho gaya hai .. abhi ke update mein jaisa dikhaya gaya hai .. ki Thakur ki beti bilkul saaf - suthri aur seedhi - saadhi ladki hai .. muzhe ye baat kuch hazam nahi ho rahi .. wo bachpan se hi apne pita ke saath rahi hai .. kuch na kuch kaand to usne apne pita ko karte hue dekha hi hoga .. baharhaal aage jaa kar story mein .. kiska kya role nikalta hai .. iss baare mein abhi theek se andaza lagana mushkil hai .. kyon ki shamshaan wale baba ji C.I.D ke undercover officer nikle aur Pandit aur uske char pehlwaan bhi sab ke sab unke liye hi kaam kar rahe hai .. to muzhe to iss kahani mein kuch bhi pehle se predict karna sahi nahi lag raha .. aur abhi to dono bhayio ka story mein theek se entry bhi nahi hui hai .. lets se what happens next
 

anandsngh12

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Bemishal Rahasyodghatan Karta Update.
Akhir Uss Baba Ke Raaz Par Se Parda Uth Hi Gaya Jo Ek CID Officer Hai.
Ye Jankar Hairani Huyi Ki Pandit Aur Shiva Dono Hi Uske Nakshe Kadam Par Hain.
Shiva Ko Thakur Ke Baare Me Pata Hai.
Update To Halanki Maine Kal Hi Padh Liya Tha Lekin Ek Confusion Tha Mann Me Isliye Kal Review Nahi Diya.
Aapne iss Update Me Thakur Ki Beti Ka Naam Saloni Likha Hai, Jabki Maine Pichle Updates Me Uska Naam Soniya Padha Tha.
Yahi Confusion Tha Ki Saloni Galti Se Likh Gaya Hai Ya Phir Ye Thakur Ki Koi Dusri Ladki Hai.
Aaj Piche Ke Update Padh Ke Confirm Kiya Ki Soniya Hona Chahiye Tha Saloni Ki Jagah.
Ab Aage Dekhte Hain Ki Shiva Apne Maqsad Me Kaha Tak Aur Kab Kamyab Hota Hai..?
Agle Update Ka Besabri Se Intazar...
 
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