kabir singh
Aye kabira maan jaa
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Awesome updateमैं यह बोलने को बोल तो दिया लेकिन मेरा दिल ही जानता था कि यह बोलते समय मेरे दिल पर क्या बीत रही थी अगर दी ने मेरी बात को मान कर मुझसे दूरी बना ली तो मैं तो जीते जी मर जाऊंगा।लेकिन कहते है ना जो लोग दिल से एक दूसरे के पास होते है वह बिना कुछ बोले ही समझ जाते है तो कविता दी भी मेरे दिल का हाल समझ गयी और आगे बढ़कर मेरे माथे पर एक किस की और बोली
कविता दी : तू क्यों चिंता करता है जब तक जिऊंगी तेरा साथ कभी नही छोडूंगी यह वादा है मेरा तुमसे और अब सब कुछ भूल कर अपनी जिंदगी जी ।
मैं : लेकिन दी बात बात तो अभी भी वही के वही है अगर आप मेरे साथ रही तो बदनाम हो जाएंगी।
कविता दी : अच्छा एक बात बता मेरे को तेरे कहने के अनुसार काव्या ने अपनी बदनामी सिर्फ इसलिए बर्दाश्त करती रही कि वह तुझसे प्यार करती थी तो यह भी बता दे कि वह कब से तुझसे प्यार करती थी।
मैं : हम दोनों एक दूसरे से करीब 2 साल तक प्यार किये और उसके बाद उस कमीने ठाकुर ने उसके साथ।
कविता दी : काव्या 2 साल के प्यार के लिए वह अपने आप को बदनाम कर सकती है तुम्हारी नफरत को सहन कर सकती है तो क्या मैं अपने आप को बदल नही सकती हूं।
मैं : दीदी यह आप क्या बोल रही हो मैं कुछ समझा नही।
कविता दी : तू जानता है तेरी सबसे बड़ी कमी क्या है कि तू कभी किसी को समझ ही नही पाता है।पहले मेरे प्यार को नही समझा बाद में काव्या को भी समझने में तुमने गलती कर दी ।एक मिनट के मान लेती हूं कि मेरे प्यार को ना समझने का कारण था क्यूंकि उस समय मैं खुद दुविधा में थी पर काव्या को भी नही समझ पाया उसके प्यार पर तुमने यकीन नही किया जिसका नतीजा क्या निकला यह तुम खुद देख सकते हो।
मैं :दी आप जो कह रही है वह ठीक है लेकिन आप मुझसे कैसे प्यार कर सकती है ।आप मेरी बड़ी बहन हो।
कविता दी :मैं तेरी दी होने से पहले एक लड़की हु जिसके सीने में भी दिल हैं और वह सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए धड़कता है।तू क्या जाने जबसे हम दोनों दूर हुए मैं एक एक पल मर मर कर जी हु लेकिन अब नही अब अगर मुझे तुमसे कोई दूर कर सकता है तो वह सिर्फ मौत है और किसी मे इतना दम नही है।
मैं :लेकिन दी यह गलत है । हमारे इस रिश्ते को समाज कभी नही मानेगा।
कविता :समाज की परवाह है किसको मैं तो सिर्फ तुझसे यह जानना चाहती हु की तू क्या सोचता है मुझे सिर्फ तेरा जवाब चाहिए और किसी से मुझे कोई मतलब नही है। यंहा तक कि मैं अपने माँ बापू की भी परवाह नही करती ।सिर्फ तू मेरा साथ दे तो मैं पूरी दुनिया से अपने प्यार के लिये लड़ जाऊंगी।
मैं : दी अब हमें चलना चाहिए हमे लेट हो रहा है घर पर सभी इन्तजार कर रहे होंगे।
कविता दी :ठीक है अभी तो तेरी बात को मानकर मैं चल रही हु लेकिन एक बात का ख्याल रखना तेरे पास जवाब देने के लिए सिर्फ आज रात तक समय है क्यूंकि कल की सुबह या तो मेरे जीवन की खुशियों के साथ सुरु होगी या फिर इस जीवन का अंत ।मतलब तू समझ रहा है ना कि अगर तेरा जवाब हां में हुआ तो अपनी दी को कल जिन्दा पायेगा वरना एक और अर्थी को कंधा देने के लिए खुद को मजबूत कर लेना।
मैं इतना सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई क्यूंकि मैं यह अच्छी तरह से जानता था कि दी जो बोलती है वह करती है और मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही थी कि मैं इनके प्यार को स्वीकार कर सकू और ना ही इनको खो सकू ।मुझे कुछ भी समझ मे नही आया तो मैंने एक बार और बात करने के लिए सोचा
मैं :दी आप क्या बोल रही है आप जानती है ऐसे अकेले में बोलना सरल है पर सबके सामने बोलना मुश्किल है और फिर आप यह सोचिये की लोग क्या कहेंगे एक भाई ने अपनी बहन से नाजायज रिश्ता रखता है।
कविता दी :" कोई कुछ भी कहे मुझे फर्क नही पड़ता बस मैं यह जानती हूं कि जिऊंगी तो तेरे साथ वरना मरना पसन्द करूँगी ।अब तेरे हाथ मे है कि मुझे जिंदगी देता है या मौत । अब सब कुछ तेरे ऊपर छोड़ दी हु मैं ।
इधर हवेली में प्रीति अमृता चम्पा से सबकुछ पूछ लेने के बाद प्रीति उससे बोलती है कि
प्रीति : अब जब तू इतना बोल रही है तो हमे भी उस घोड़े से मिलना ही होगा।
चम्पा ना समझते हुए बोलती है कि
चम्पा : मालकिन आप किस घोड़े की बात कर रही है जंहा तक मैं जानती हूं अपने गांव में क्या अगल बगल के कई गांव में किसी के पास घोड़ा नही है।
अमृता: तू अपना दिमाग मत लगा बस हमे उस लड़के के बारे में बता वह कंहा मिलेगा।
चम्पा :वैसे तो मालकिन वह अक्सर अपने घर या खेतो में ही मिलता है लेकिन शाम के समय वह कुछ देर के लिए अकेले गांव के बाहर मैदान में दौड़ लगाता है और एक बात है अगर आप इजाजत देते बोलू।
प्रीति : मैने सुना है कि वह गांव के ही एक लड़की से प्यार करता था पर छोटे ठाकुर ने उस लड़की को मार दिया ।
अमृता :भाई ने ऐसा किया पर वह ऐसा क्यों करेगा ।
प्रीति : वह कर सकता है बेटी तू नही जानती अपने भाई को और चम्पा वह सब छोड़ हमे उस बात से कोई मतलब नही है ।बस एक बार तू हमसे मिला दे उस लड़के को ।
अमृता :लेकिन एक प्रॉब्लम है ।।
प्रीति : अब क्या हो गया ।
अमृता : हम उससे मिल कर क्या बात करेंगे ।
प्रीति : देख तू जानती है कि घुमा फिरा कर बात नही करती हूं और वैसे भी उसे कुछ बताने की जरूरत नही है एक सौदा करना है उससे।
अमृता : कैसा सौदा करना चाहती हो।
प्रीति : सीधी सी बात है यार हम उसके सारे कर्ज माफ कर देंगे और बदले में वह हमें खुश कर देगा और अगर पसन्द आ गया और जैसा चम्पा ने बताया वैसा ही वह है तो वह हमारे बहुत काम आ सकता है।
अमृता :मैं कुछ समझी नही ।
प्रीति : तू कुछ मत समझ बस जितना मैं बोलती हु उतना कर और चम्पा मुझे उस लड़के से मिलना है मुझे।
चम्पा (साली कुतियों जिस दिन के लिए मैं इतने दिनों से यंहा तुम रंडियों की सेवा कर रही हु उसका फल मिलने का समय आ गया है ।मान गयी जय बेटा तू जरूर मेरी बेटी को इंसाफ दिलवाएगा। ठाकुर खानदान की औरतों को अपना गुलाम बना लेना और जिस जिस ने मदद की सबकी।)
प्रीति :कंहा खो गयी चम्पा कहि उसके लण्ड को तो नही याद करने लगी।
चम्पा : नही मालकिन बस सोच रही थी कि जा कर उससे बात कर लूं अगर आप इजाजत दे तो।
अमृता :हा तू जा जल्दी
इतना सुनते ही चम्पा हवेली से चली आई और घर आकर मुझे फोन मिलाया ।यह वही समय था जब मैं और कविता दी घर पहचे थे ।चम्पा का फोन देख कर मैं कविता दी से बोला
मैं :दी आप चलिए मैं बस आया।
कविता दी :ठीक है पर जल्दी आना वैसे किसका फोन है।
मैं : दी आकर बात करता हु अभी 10 मिनट में
मैं फोन उठाया तो चम्पा ने बोला कि
चम्पा :कहा है तू मुझसे अभी आकर मिल घर पर
मैं :अगर जरूरी नही हो तो थोड़ी देर बाद आता हूं।
चम्पा :, नही अभी मिलो बहुत जरूरी है।
मैं :ठीक है मैं बस अभी आया।
इतना बोल कर मैं चम्पा के घर के तरफ चल दिया और वंहा पहुचा तो चम्पा बड़ी बेशब्री से मेरा इन्तजार कर रही थी मुझे आते हुए देख कर मुझे बैठने का इशारा किया तब मैं बोला कि
मैं :क्या बात है चाची आप ने इतनी जल्दी में क्यों बुलाया ।
चम्पा : बेटा मैंने अपना काम कर दिया है अब जो करना है तुझे करना है ।
मैं :चाची मैं तो कबसे इस खबर का इन्तजार कर रहा था ।आपका मैं किस तरह से धन्यवाद करु मैं समझ नही पा रहा हु ।
चम्पा : बेटा जब तू अपने प्यार केलिए अपनी जान खतरे में डाल सकता है तो मैं अपनी बेटी केलिए नही कर सकती थी । अब सब कूछ तेरे हाथ मे है।
मैं :आप चिंता ना करो चाची मैं सब सम्भाल लूंगा ।बस अब आप मुझसे नही मिलोगी इस तरह से और अब मैं चलता हूं मुझे कुछ काम है।