Fantastic updateमुझे क्या मालूम था कि आज ठकुराइन के साथ यह छोटा सा सफर इतना बड़ा हो जाएगा कि मेरी पूरी जिंदगी ही बदल कर रख देगा लेकिन कहते है ना जब किस्मत में कुछ लिखा हो तो वह किसी ना किसी रूप में मिल ही जाता है।मैं अपनी बाइक खड़ी किया और ठकुराइन के साथ उनके फार्महाउस पर चल दिया।वह फार्म हाउस ज्यादा दूर नही था गांव से तो हम लोग जल्द ही पहुच गए । वँहा पहुचने के बाद ठकुराइन ने पानी पिलाया और अपने साथ अपने बेडरूम में लेकर गयी और वँहा मुझसे वाइन के लिए पूछा तो मैंने मना कर दिया तो वह सिर्फ अपने लिए लेकर आई और मेरे सामने बैठ गयी और कुछ देर बाद बोली
ठकुराइन : तो बोलिये आप तैयार है जिस काम के लिए आपको बुलाया है।
मैं : मैं तो हमेशा ही तैयार रहता हूं पर पहले आप पी लीजिये ताकि दर्द महशुस ना हो।
ठकुराइन :" सच बोलू जय तो मैं तुम्हे यंहा दूसरे ही मकसद से लेकर आई क्यूंकि मैं यह जानती हूं कि तुममे वह छमता है जो कि तुम ठाकुर से टक्कर ले सको बस तुम्हे थोड़ी और ताकत की जरूरत है ताकि तुम अपना बदला ले सको।
मैं उसकी बात को सुनकर दंग रह गया कि वह क्या बोल रही है तो मैं बोला कि
मैं :,आपको कोई गलतफहमी हुई है मेरे मन मे ऐसी कोई बात नही है आप को किसी ने गलत खबर दी है।
ठकुराइन : सच छुपाने से कुछ भी बदल नही सकता है जय ।वैसे जाने दो अगर तुम नही बताना चाहते हो तो मत बताओ और आजाओ इस ठकुराइन को अपना बना लो सच कहती हूं जय तुम्हारा हर सपना पूरा कर दूंगी।
मैं :ठकुराइन आप क्या बोल रही है कुछ समझ नही पा रहा हु।
ठकुराइन : कुछ नही मेरी जान अब आजा और मुझे अपना बना ले।अगर मैं खुश हो गयी तो समझ ले दुनिया की हर खुसी तेरे कदमो में होगी।अब आजा बाते मत कर अपना हुनर दिखा जो कि चम्पा तेरी इतनी बड़ाई कर रही थी।
मैं इतना सुना तो मैं आगे बढ़कर ठकुराइन के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा उसके मुह से हल्का सराब की बू आ रही थी फिर भी मस्त थी ।गांव की औरतों की तरह सुस्त नही पड़ी थी बल्कि पूरा साथ दे रही थी
और फिर उनके एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिया ।उसके बाद फिर हम लोग एक दुसरे होंठो पर टूट पड़े और यह किस तब तक चली जब तक कि हम दोनों के सांस फूलने नही लगी फिर हम दोनों लोग सांस ठीक किये और इसके बाद मैंने उनके चुचियो पर हमला बोल दिया और उन्हें जी भर कर चूसने और मसलने लगा कभी एक चूची को मुह में लेता तो कभी दूसरे को वैसे ठकुराइन के चुचे एकदम मस्त और कड़े थे।
ठकुराइन :ऐसे ही मसलो जान वह साला बूढा तो इन्हें छुता भी नही है साला कुत्ता कहि का आज मसल डालो इन्हें बहुत तड़पती है ।काट खाओ इन्हें जय आज चूस ना कुत्ते भड़वे हरामी धीरे क्यों चूस रहा है दम नही है क्या साले
मैं :साली मेरा दम देखती है कुतिया आज तेरी बुर का भोसड़ा नही बनाया तो बोलना साली कुटिया
ठकुराइन :अबे साले बाते ही करेगा या कुछ और भी करेगा।
इतना सुनते ही मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उसको अपनी कंधो पर इस तरह बिठा लिया कि उसका बुर ठीक मेरे मुह के सामने था तो मैंने उसके बुर में अपना मुह घुसा लिया और उसके बुर को चाटने लगा और उसके बुर से निकलने वाले पानी को पीने लगा और इस तरह करीब 10 मिंट तक उसकी बुर को चाटता रहा ।उसके बाद उसे बिस्तर पर लिटाया और फिर से उसके बुर को चाटने लगा।
ठकुराइन :चाट मेरे राजा आज कितने दिनों बाद मेरे बुर पर किसी मर्द का जुबान पड़ा है और अंदर तक जीभ डाल ना मेरे राजा मैं झरने वाली हु पी जा मेरा पानी।
इतना बोल कर उसने मेरे मुंह को अपने बुर में दबा दिया और अपना पानी छोड़ने लगी इसके बाद मैं उठा तो ओर अपने कपड़े निकाल कर नंगा हुआ तो वह मेरे लण्ड को देखती रह गयी और बोली कि
ठकुराइन :साली चम्पा सच ही बोल रही थी की तेरा जैसा लण्ड तो साला आज तक नही देखी यह तो एक रंडी की भी चीखने पर मजबूर कर दे किसी कुवारी पर चढ़ जाएगा तो वह तो मर ही जाएगी ।
इतना बोलकर ठकुराइन घुटनो के बल बैठ कर मेरे लण्ड को मुह में लेने की कोशिश करने लगी पर बड़ी मुश्किल से वह सिर्फ सुपड़ा ही मुह में ले पा रही थी।
ऐसे ही चूसने के बाद वह अपना पूरा जीभ घुमा कर मेरे लण्ड को चाटने लगी और करीब पांच मिनट तक चाटते रहने के बाद वह उठी और बोली
ठकुराइन :,अब बर्दाश्त नही हो रहा है जय डाल दो मेरी बुर में फाड़ डालो साली बहुत फड़फड़ाती है छिनाल।
मैं :तो आ जा साली कुतिया आज तुझे मैं दिखाता हु कैसे चुदाई होती है।
इसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके बुर में अपना लण्ड घिसने लगा जिसकी वजह से मजे में उसकी आंखें बंद हो गयी और वह सिसकिया लेनी लगी इसके बाद मैंने अपना लण्ड उसकी बुर के होंठो में फशा कर एक करारा झटका मारा जिसकी वजह से मेरा आधा लण्ड उसकी बुर में घुस गई जिसकी वजह से उसके मुह से हल्की सी चीख निकली
ठकुराइन :बस इतना ही खुला है मेरे राजा उसके आगे का रास्ता बंद है जिसे अब तुम्हे खोलना है एक बार मे ही पूरा डाल दे बार बार दर्द सहने से अच्छा है एक बार मे ही घुस जाए।
मैं इतना सुना कि एक जोरदार झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लण्ड उसकी बुर को फाड़ता हुआ बच्चेदानी से टकराया जिसकी वजह से उसके मुह से एक जोरदार चीख निकली और वह अपना सर इधर उधर पटकने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करनेलगी जब थक गई तो बोली कि
ठकुराइन :अबे मादरचोद निकाल साले भड़वे फट गई मेरी चुत अब तो निकाल ले कुत्ते बहनचोद हरामी
मैं , बस मेरी जान हो गया अब चिंता मत कर जीतना दर्द सहना था सह ली अब तो मजा लेना है मेरी जान
इतना बोल कर मैं लण्ड अंदर बाहर करने लगा कुछ ही मिनटों में उसकी बुर ने पानी छोड़ना सुरु कर दिया फिर मैं करीब 40 मिंट तक अलग अलग पोजीसन में चोदता रहा और इस बीच करीब वह 3 बार झड़ी और अंत मे जब मैं झड़ने के करीब आया तो बोला
मैं :मैं झड़ने वाला हु अब बोलो कंहा डालू अंदर या बाहर
ठकुराइन :अंदर ही डाल दे मेरी जान मेरी बच्चेदानी में अपना पानी डाल दे और अपना खून दे दे मेरी कोख में
मैं अंदर ही झाड़ने लगा और उसके बाद उसके ऊपर से उठते हुए बोला
मैं :अब बोलो मेरी रानी पास हुआ या फेल
ठकुराइन :मेरे राजा तूने तो मुझे अपना गुलाम बना लिया अब से यह ठकुराइन तेरी गुलाम है मेरे राजा
इतना बोल कर वह उठी तो उसको हलका दर्द हुआ तो वह बोली
ठकुराइन :साला कमिना मुझ जैसी का यह हाल है तो कुवारी लड़कियों का क्या हाल करेगा गधे जैसा तो लण्ड है तेरा पूरा फाड़ के रख दिया।
मैं :अब जैसा भी है यही है मंजूर है तो बोलो वरना मैं तो चला।
Niceमैं जय कुमार अपने पूरे परिवार के साथ गांव में रहता हूं ।हम लोग ना तो बहुत अमीर है और ना ही गरीब । अच्छा खासा खेत है जिसमे मैं और पिता जी दोनों मेहनत करके इतना कमा लेते है कि घर का खर्चा आराम से चल जाता है और बड़े भैया जो कि फ़ौज में में है और अभी जल्द ही उनकी शादी हुई है 2 महीना रहने के बाद वह वापस काम पर चले गए है।
पापा राजेश्वर कुमार
मा सुमन देवी
हम।2 भाई और 3 बहने
1 पूनम इनकी शादी हो चुकी है
कमलेश जीजा जी
दी के अभी बच्चे नही है।
2 बलवंत कुमार भैया
जूही भाभी
3 सरिता
4 मधु
5 जय कुमार यानी कि मैं
बड़े पापा की फैमली
संजय बड़े पापा
चन्दा बड़ी माँ
इनके दो लड़की है
1 कविता
2ज्योति
मेरे दोस्त
कालू
पवन
राजू
पूजा कालू की बहन
जया राजू की गर्लफ्रैंड
ठाकुर भानु प्रताप सिंह गांव का जमींदार
प्रीति देवी ठाकुर की तीसरी बीवी
पंकज ठाकुर ठाकुर की पहली बीवी का लड़का
अमृता सिंह ठाकुर की दूसरी बीवी की लड़की
भोला ठाकुर का चापलूस मुंशी
उपडेट 1
(कहानी जय की जुबानी चलेगी)
माँ : बहु जा कर जय को उठा दे उसके पापा कबसे इन्तजार कर रहे है खेत मे जाने के लिए यह है कि उठ ही नही रहा है।
भाभी : अच्छा मा जी अभी जाकर उठा देती हूं।
इतना बोल कर भाभी मेरे रूम में आती है तो देखती है कि जय अभी तक सोया हुआ है लेकिन उसका लण्ड रोज की तरह आज भी वैसा ही खड़ा है ।जूही अपने मन मे सोचती है कि हे भगवान यह कैसा लड़का है जब देखो तब खड़ा ही रहता है ।अब इसको मैं इस हालत में कैसे उठाऊ।अभी जूही यही सोच रही थी कि पीछे से उसकी ननद सरिता की आवाज आती है और बोलती है कि
सरिता : क्या भाभी आप रोज इस तरह छुप के छोटे देवर का देखती हो आपको शर्म नही आती है क्या ।
जूही उसकी बात सुनकर उसके पास जाती है और जोर से उसके चूची को दबा कर बोलती है कि
जूही : क्या करूँ ननद रानी इसके लौड़े को देखे बिना तो दिन नही होता कबसे सोच रही हु की इसे जन्नत के दर्शन करा दु लेकिन क्या करूँ इसे तो अपनी बहन की चूत ही पसन्द है। देखती नही कैसे चुचियो को घूरता रहता है।
सरिता : क्या भाभी आप भी कैसी बातें करती रहती हो । हमेशा आपके दिमाग में यही सब गंदगी चलती रहती है क्या। मेरा भाई ऐसा नहीं है आप उसे यूं ही बदनाम करती रहती हो और आप मुझसे ऐसी बातें नहीं किया करो मैं ऐसी बातें नहीं सुन सकती हूं।
जूही : अच्छा तेरा भाई ऐसा नही है ।एक दिन मैं खुद तेरे बुर में उसका लौड़ा नही डाली अपने हाथ से पकड़ कर तो मेरा नाम भी जूही नही समझी मेरी रंडी ननद रानी।
तब तक सुमन की आवाज आती है और बोलती हैकि क्या हुआ बहु जय नही उठ रहा है क्या मैं आउ उठाने।
जूही :मा जी भी ना हमेशा घोड़े पर सवार रहती है एक दिन इनको भी चुदवा दूँगी।
सरीता :क्या भाभी किसी को तो छोड़ दो वह मा है उनके बारे में सोचना भी पाप है।
जूही : पाप पुण्य छोड़ जय को उठा देती हूं फिर बाद में बात करती हूं।
इसके बाद जूही मेरे बिस्तर के पास आकर उठाती है और बोलती है कि
जूही : देवर जी अब उठ जाइए सुबह हो गई है माजी कब से आपका इंतजार कर रही है।
इतना बोल कर वह जाने लगती है तो मैं उनका हाथ पकड़ लेता हूं और बोलता हूं कि
मैं : ऐसे कैसे उठ जाऊं आप शायद भूल रही हैं लेकिन मैं नहीं भूला हु ।
जूही : मैं भूली नही हु देवर जी बस आपका हा का इन्तजार है ।आप हा बोल दे मैं तो कबसे तैयार हूं ।आप ही नही मान रहे है।
मैं :डरता हूँ अगर कोई जान गया तो क्या होगा ।
जूही :अरे यार मैं लड़की हो कर नही डरती हु और आप लड़के होकर डरते हो ।थोड़ी हिम्मत करो डरने से कुछ भी नही होगा ।बस मुठ मारते रहना और अपने भाई की तरह नामर्द बन जाना ।कहने को तो फ़ौज में है लेकिन अपनी बीवी की सील भी नही तोड़ पाये बुर में डालने से पहले ही झड़ जाते थे और ऊपर से गांडू ठहरे ।
मैं :लेकिन यह बात तो कोई नही जानता है ना और ऊपर से आप मुझसे बच्चा मांग रही हो मुझसे।
अभी मैं और कुछ बोलता इससे पहले ही पीछे से सरिता दी कि आवाज आई
सरिता दी :अरे बेशर्मो कुछ तो शर्म कर लो मैं भी यही खड़ी हु।
जूही :तो खड़ी क्यों हो आकर पकड़ लो ना अपने भाई का लण्ड देखो तुम्हे देख कर कैसे ठुमके लगा रहा है