[१०] २३.०३.२०२१
"हुम्म्म्म, विश्वास...बस करो ना!"
भाभी ने करवट बदलते हुए कहा, और मेरे मुँह से उनका वह लम्बा और चॉकलेटी निप्पल फिसल गया.
सुबह हो गई थी और मै भाभी से पहले उठ गया था... आदतन,...जब उठा था तो मैंने सामने पाया के भाभी के सुन्दर स्तन, और खास कर उनके वह चूसने पे मजबूर करने वाले निप्पल मेरे आँखों के सामने है ...बेचारा मै, क्या करता ...मैंने तुरंत भाभी का बाया निप्पल मुँह में ले लिया और हलके हलके ही उसे चूसने लगा; कुछ पल चूसने पर भाभी की भी नींद खुल गई और उन्होंने ...'बस करो ना' कह के करवट ले ली. निप्पल मुँह से छुटते ही मै थोड़ा निराश ज़रूर हुआ लेकिन फिर मैंने आपने लिंग को देखा, वह तन गया था. तो मैंने आपने लिंग को थोड़ा हिलाते हुए कहा...
"भाभी sss...आइये ना आपको पीला देता हु, फिर मेरा वाला दूध पी के उठ जाइएगा"
बस मेरा ये कहना ही था की भाभी अगले ही पल मूड गई, और मेरी और देखने लगी, मै थोड़ा ऊपर की और खिसक गया और मेरे लिंग के foreskin. के छोर को भाभी के ओठों तक ले गया. भाभी ने मुँह खोल जैसे ही उसे मुँह में लेना चाहा...मैं थोड़ा पीछे खिसक गया.
"ओहो विश्वास ...ये क्या ...अब शरारत मत करो...मुझे पिलाओ"
"तो भाभी आप promise. करो के आप मुझे दूध पिलाओगी !?" मैंने ज़रा शरारती अंदाज़ में कहा
"ठीक है पर बस थोड़ी ही देर,... दोनों स्तनों का दूध नहीं पिलाऊंगी बस एक से पीना, दूसरे का मुझे सोनू को पिलाना है...अब जलधि से मुझे पिलाओ विश्वास ...वरना मै गुस्सा हो जाउंगी"
मैंने फिर बात को खींचे बगैर अपना लिंग भाभी के ओठों पे रख दिया, उन्होंने तुरंत मेरे सुपडे को मुँह में भर लिया और वह हर बार की तरह, किसी दूध की बोतल को बच्चा चुस्त है उस अंदाज़ में मेरा लिंगपान करने लगी.
एक बात मै ज़रूर कहना चाहूंगा की जिस तरह भाभी चुस्ती है, ज़िन्दगी में मुझे और ऐसा कोई अनुभव याद नहीं जो अत्तीउच्चा सुख की परिभाषा प्रमाणित कर सके जो भाभी के मुँह की चुसाई कराती है...वाकई... मै आपने आप को धन्य मानता हु की भाभी जैसी एक औरत मेरे ज़िन्दगी में आई.
" ओहो भाभी इतनी भूक लगी है आपको, कितने जोरोसे चूस रही हो" आनंदोन्मुख मुझसे शब्द निकल गए...
भाभी फिर लग भाग १० मिनिट इसी तरह चुस्ती रही और फिर मेरा वीर्य देव प्रसन्न हो गया और उसने अपना प्रसाद भाभी को अर्पण कर दिया. वीर्यरूपी दूध का व्यवस्तिथ प्राशन करने के उपरांत मैंने भाभी के बालो में हाथ फेरते हुए कहा
"हो गया भाभी ...सारा दूध ख़तम हो गया, अब मेरी बारी"
तब भाभी ने अपने कोमल ...गुलाब के पंखुडियोसी ओठों से मेरा लिंग मुक्त किया और मेरी और देख बोली
"ज़्यादा ज़ोर से मत चूसना मेरे निप्पल ,...मुझे दर्द वैसे ही हो रहा है!"
ये कहके भाभी ने आपने सुडोल और मदमस्त स्तन को हातो से उठाया, मै निचे खिसक गया और किसी भूके बच्चे की तरह उनके निप्पल पे टूट पड़ा. पर मैंने इस बात का ध्यान रखा की मै ज़्यादा ज़ोर से उनके निप्पल को न खीचू. स्तनोंमें दूध भर गया था, और मै मज़े से उनके दाये स्तन का दूध पी रहा था, दूध ख़तम होने पर भी मैंने ऐसा दिखने की कोशिश की की मै अब्ब भी पी रहा हु, और मै dry. sucking. करने लगा.
"हो गया विश्वास, बस करो, अब दूध ख़तम हो गया है, acting. करना बंद करो और उठ जाओ"
फिर मै उठ गया और आपने दफ्तर जाने के लिए तैयारी करने लगा , भाभी ने बच्चोको और मुझे नाश्ता परोसा और मै दफ्तर चला गया. एक दो दिन ऐसे ही बीतें.
फिर एक दिन भाभी ने सुबह सुबह मुझे कहा की आज उनकी एक सहेली, जो पुणे में रहती है वह कुछ दिन हमारे यहाँ रहने के लिए आ रही है. फिर उन्होंने ये भी बताया की प्रीती (उनकी सहेली) के रहते हमे सारी चीज़े छुप छुप के करनी होगी, और तो और मुझे आपने क्वार्टर में ही सोना होगा. ये बात सुनकर मै थोड़ा उदास हो गया. लेकिन फिर भाभी ने मुझे कहा
"तुम चिंता मत करो, तुम्हे तुम्हारे हिस्से का दूध ज़रूर मिलेगा"
(दोस्तों ...मै जनता हु के ये update. ज़रा छोटा हो गया ...पर मेरा वादा है अगला अपडेट ज़रूर बड़ा और सुखदायी होगा...धन्यवाद)