पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–24
हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी क्लासमेट मेरे घर आयी और हमने मस्ती शुरू कर दी। अब आगे।
उसने अपने हाथ पीछे फेंके, वह कराह रही थी, "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, काके।"
मैंने अपनी जीभ से उसके पेट पर नीचे की ओर हाथ फेरा, मैंने उसके पेट के निचले हिस्से के चारों ओर एक छोटा-सा घेरा बनाया और फिर एक ही बार में उसकी लुंगी खींच दी। फिर, मैंने अपनी स्थिति बदली, 69 की स्थिति बनाई ताकि उसका लिंग उसके चेहरे पर हो।
मेरी शॉर्ट्स और बॉक्सर को मेरे टखनों तक नीचे खींचा जा रहा था। अनु ने मेरे बॉक्सर को ढीला किया और मेरा विशाल लिंग वहाँ से बाहर निकल आया। अपने जीवन में, यह पहली बार था जब वह एक असली लंड साक्षात और इतने करीब से देख रही थी। यह 9.3 इंच के आकार का एक बड़ा काले रंग का मोठे नाग जैसा था। इसके नीचे दो गेंदें लटक रही थीं। पूरा क्षेत्र काले घुंघराले बालों से ढका हुआ था। यह ऊपर-नीचे हिल रहा था। जिज्ञासा के साथ, वह आश्चर्यजनक चीज की जांच करने के लिए करीब से झुकी और लंड मुंड को कस के दबाया।
मैंने कराहते हुए कहा, " ओह्ह ... और बोला यार ऐसे मत कर ये बहुत नाज़ुक अंग है ।
उसने सॉरी बोला और हम फिर से शुरू हो गए थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गर्दन पर किस करी और हाथ उसकी पूरी बॉडी पर फेर रहा था और फेरते-फेरते उसके मम्मों को दबा रहा था।
वो बोली आराम से दबा ।
मैंने ऊपर से मम्मों पर किस करी और कुसका कुरता उतारने लगा और उसने बोला की क्या ये सब ठीक रहेगा? तो मैंने हाँ में आंसर किया और उसने मुझे टाइट हग कर लिया।
मैंने कुर्ता उतारा और उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि भीगने से ब्रा भी गीली हो चुकी थी । मैं उसे देखने लगा अब ज़रा एक बार अनुपमा के बारे में थोड़ी तफ्सील । अनुपमा की उम्र 20 साल हो चुकी थी और वह किशोरी से वयस्क लड़की की अवस्था में आ चुकी थी। उसका शारीरिक कद 5' 4" की हो गया था, उसके लंबे रेशमी कुदरती सुनहरे बाल कंधो से नीचे कमर तक लटक रहे थे, जिन्हें वह अक्सर बाँधती थी। उसका चेहरा गोल था, चौड़ा माथा, लंबी तीखी नाक, पतली भौंहें और गहरी काली आँखें। उसके मोटे होंठ थे, जो प्राकृतिक गुलाबी रंग के थे और उनमें सफ़ेद चमकते हुए दांतों की एक पंक्ति थी। वह बहुत गोरी थी और त्वचा का रंग सफ़ेद और गुलाबी (गुलाबी) रंग का मिश्रण था। उसके लंबे पतले हाथ थे और कमर पतली थी। उसकी कमर की तुलना में उसके नितम्ब गोल चौड़े थे, जो बहुत बड़ी और मांसल जांघ और पिंडलियों के साथ उभरे हुए थे। जब भी वह चलती थी, तो उसके नितंब लयबद्ध तरीके से हिलते थे। उसके बढ़े हुए स्तन ऊपर की ओर उठे हुए गोल आकार के थे। फूले हुए और नुकीले निप्पल लाल और हल्के गुलाबी रंग के मिश्रित रंग के थे जिनमें छोटे-छोटे छिद्र थे और गुलाबी रंग का आभामंडल था।
नहाते समय, अक्सर शीशे के सामने नंगी होकर। वह अपनी योनि की त्वचा की परत को खोलकर अपनी योनि की एक झलक देखती थी। उसकी योनि का अंदरूनी हिस्सा। उसे अपनी योनि के ऊपरी हिस्से में छुपे हुए तरीके से दाने जैसी भगशेफ दिखाई देती। यह एक गांठ की तरह दिखता था। उसे अपनी योनि के दो होंठ भगशेफ से नीचे की ओर फैले हुए दिखाई देते जो योनि के प्रवेश द्वार को ढकते थे। लेकिन उसे अपनी योनि के होंठों का रंग हल्का गुलाबी देखकर आश्चर्य होता, जो उसके गोरे शरीर के बिल्कुल विपरीत था। योनि के टीले के अंदर और आसपास काले बालों की एक मोटी झाड़ी थी, खासकर योनि के ऊपर और दो तरफ़ त्रिभुज के आकार में। उसने यह भी देखा कि उसकी काँखों के नीचे छोटे-छोटे बाल उग रहे थे। उसे अपनी ड्रेस की आस्तीन का हिस्सा काँखों के पास पसीने से भीगा हुआ दिखाई देता, जिसका काला धब्बा बाहर से दिखाई देता और मीठी महक छोड़ता।
उसकी कुछ सहेलियाँ उसे काँखों के साथ-साथ योनि के बाल भी शेव करने का सुझाव देतीं, लेकिन एक अन्य सहेली बीच में बोलती, -"ऐसा मत करो, वहाँ फिर से घने बाल उग आएंगे, बेहतर होगा कि समय-समय पर उन्हें छोटी कैंची से काट दिया कर।" पर आज वह सलून से सब साफ़ करवाके आयी थी ।
कुल मिलाकर, वह 36d / 24 / 36 के शारीरिक आकार की एक बहुत ही सुंदर लड़की थी। उसके माता-पिता रूढ़िवादी पंजाबी थे। इसलिए, बचपन से ही, उन्होंने उसे लड़कियों के स्कूल में डाल दिया और अब वह कॉलेज में प्रथम वर्ष में थी। अपने स्कूल के दिनों में, वह स्कूल की वर्दी पहनती थी जो स्कर्ट और टॉप थी, लेकिन अब वह दुपट्टे से अपने स्तनों को ढँकने वाली सलवार / कमीज या लेग्गी और कुर्ती (लड़कियों के लिए भारतीय पारंपरिक पोशाक) या कभी-कभी जींस और टॉप पहनती थी। उसकी माँ ने उसके लिए बहुरंगी ब्रा और पैंटी खरीदी थी।
अनुपमा, अपने स्कूल के दिनों से ही सेक्स के रहस्य के बारे में सब जानती थी। एक जीवविज्ञान की छात्रा होने के नाते वह सेक्स के बारे में सभी विवरण, सभी अंगों के नाम और यह कैसे किया जाता है, जानती थी। उसने अपनी ख़ास सहेली से योनि में उंगली डालकर हस्तमैथुन करने की कला भी सीखी।
लेकिन उसकी इस सहेली ने उसे चेतावनी दी थी, "अपनी उंगली को अपनी योनि में बहुत गहराई तक मत डालना, अन्यथा तुम्हाऋ सील फट जाएगी और उसमें से खून निकलेगा।" फिर, शरारती ढंग से उसने मुस्कुराते हुए कहा, "यह आपके बॉयफ्रेंड या आपके पति का कर्तव्य है कि वह सील तोड़े।"
उसे यह भी पता चला कि खून के करीबी रिश्तेदारों के साथ यौन सम्बंध बनाना वर्जित और पाप माना जाता है। उसने कभी असली लंड को करीब से नहीं देखा था या उसे छुआ नहीं था, लेकिन उसने कुछ बड़े लड़कों को अपने घर के पास या रास्ते में पेशाब करते देखा था। अनुपमा, 18 साल की उम्र में, एक यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ रही थी और वह विज्ञान में स्नातकी प्राप्त करने के पहले वर्ष में थी। उसका कॉलेज उसके पैतृक निवास से बहुत दूर था और लगभग 234 किलोमीटर राजधानी शहर में स्थित था।
उसकी सगाई उसके पिता ने हाल ही में तय की थी और उसने दो साल पहले हाई स्कूल पास कर लिया था और दो साल मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दे रही थी पर तीन बार परीक्षा में असफल रहने के बाद उसे मेडिकल में उसे सीट नहीं मिली थी अब उसने बीएससी में दाखिला लिया था ।
मैं उसे देखता रहा, पहले तो मुझे उसे ऐसे देखते वह शर्मायी, फिर उसने आगे बढ़ कर मुझे चूमा और मैं दोनों मम्में हाथो से दबाने लगा और फिर उसकी नाभि में किस कर रहा था और ऐसा करने से वह कांप रही थी मचल रही थी और बायाँ वाले मम्में को मुंह में भर लिया और चूसने लगा उसे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था और वह मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।
जब मैंने उसके निप्पल पर बाईट करी तो वह मचल गई और पागल होने लगी फिर मैं दायाँ वाला मम्में भी मुंह में ले के चूसने लगा और मम्में को खाने लगा उसके मम्में पर मेरे काटने के निशान बन गए थे फिर मैंने लुंगी खोल दी और ढीली कर दी और अब मेरा मुंह उसकी चूत के पास था और उसकी चूत को स्मेल कर रहा था।
हल्की हल्की खुसबू से मैं पागल हो गया और लुंगी उतार दी, गीली होने कारण उसने पैंटी भी निकाली हुई थी, औरमैंने बिना बालो वाली चूत के दर्शन किए उसकी बाल रहित चूत बिलकुल चिकनी थी, , मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा बिलकुल ताज़ी मुंडी हुई चूत थी और फिर चूत पर हाथ रगड़ने लगा। उसकी चूत अब काफ़ी पानी छोड़ने लगी उसको पता था कि लंड की जगह चूत में होती हैऔर वह मज़े ले रही थी मैंने पुछा की लंड बस में कहा फील हो रहा था?
तो उसने बोला की गांड के छेद में और कभी-कभी चूत के जस्ट ऊपर ।
मैं किस करने लगा और उसने मेरा सर पकड़ा और दबाने लगी मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर थे और मैंने जीभ जैसे ही उसकी चूत में डाली वह सिसका उठी और सर दबाने लगी चूत काफ़ी गीली हो रही थी और मैं चुसाई कर रहा था अचानक ही उसका बदन अकड़ने लगा और वह झड़ गई और सारा पानी मेरे मुंह पर गिर गया।
मैं उसका चुतरस चाटने लगा वह बोलने लगी–यार तू कितना मस्त है।
अब मैंने भी अपने कपड़े उतारे और लंड उसके हाथ में दिया।
वो बोली की यार बहुत बड़ा हो गया ये तो।
मैंने बोला किस कर मुंह में ले।
मैंने लंड का टोपा खोला और पिंक-पिंक हिस्सा उसके मुंह में देने लगा उसका फर्स्ट टाइम था और उसे पता नहीं था कि कैसे करना है और बस करने लगी मैंने उसकी चूत में जैसे ही उंगली डाली, उसकी आआह्ह्ह्हह्ह निकल गई उसका मुंह खुल गया और पूरा लंड मुंह में डाल दिया और मुंह को चोदने लगा पूरा लंड थूक से भर गया था और उसे भी मज़ा आ रहा था।
वो बोली की अब डाल दे प्लीज अंदर रुका नहीं जा रहा।
फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा और लंड को सेट करने लगा उसकी चूत पूरी टाइट थी अभी तक वर्जिन थी थोड़ा-सा लंड अंदर जाता और बाहर आ जाता जैसे-जैसे लंड थोड़ा और अंदर गया और उसकी चीख निकल गई ।
उउउईईई माँ मर गई मैं बाहर निकाल काके!
मैंने बाहर निकाल के थोड़ा-सा थूक लगाया और फिर से लंड चूत पर सेट किया।
वो बोलने लगी की आराम से करना प्लीज नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
मैंने एक धक्का दिया और लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया जिससे वह उछल पड़ी तो मैंने उसे पकड़ा और सहलाने लगा की कुछ नहीं हुआ फर्स्ट टाइम है तो ऐसे हो रहा है उसका दिल बहलाने के लिए मैंने बोला ।
मुझे भी बहुत दर्द हो रहा है लेकिन देख मैं भी तो आराम से कर रहा हूँ और वह मान गई उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे और मैंने धीरे-धीरे पूरा अंदर डाला और थोड़ी देर तक हिला नहीं फिर बाद में मैंने थोड़ा बाहर निकाला।
वो बोली की आराम से निकाल खून बह रहा है।
मैंने बोला बस अब हो गया तू बस मज़े ले अब पूरे।
वो भी थोड़ी देर बाद मज़े में आने लगी और उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन मज़ा ज़्यादा मीठा था मैं अंदर तक लंड को डाल रहा था और वह बोल रही थी की उसके अंदर किसी से टकरा रहा है फिर उसे मज़ा आने लगा और मज़े में बोलने लगी।
आह आह आआह्ह्ह्ह काके बहुत मस्त है यार तूने दर्द को भी मज़े में बदल दिया आई लव यू यार गौरव ।
आह आह उउउईईई आआह्ह्ह्ह और ज़ोर से कर।
अब मैं भी अपनी पूरी स्पीड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था वह भी मस्त-मस्त आवाज़े निकाल कर मज़े ले रही थी फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में आने को कहा और मैं बेड से नीचे उतर गया और पीछे से उसकी चूत में लंड दाल दिया उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी किसी भट्टी की तरह गरम थी।
ऐसे ही हम 20-25 मिनट चुदाई करते रहे और वह अचानक कांपने लगी और मैं समझ गया की ये फिर से झड़ने वाली है फिर मैंने स्पीड और बढ़ा दी और लंड अंदर तक डालने लगा अचानक से वह झड़ गई और ढीली पढ़ गई मेरा लंड अभी भी अंदर था और मैं भी झड़ने वाला था फिर 2 मिनट बाद मैंने भी लंड बाहर निकाला और उसकी गांड की दरार में माल भर दिया और दोनों बेड पर लेट गए.
वो मेरे ऊपर लेट गई. अनु के साथ मेरे सेक्स का एक्सपीरियंस काफ़ी अच्छा रहा उसे सब नहीं आता था पर वह हर पल को एन्जॉय कर रही थी और मज़ा दे रही थी और सबसे मजेदार बात ये थी की वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा लेना चाहती हो।
अनु उस रात मेरे साथ रही। उस दिन रात हमने चार बार और आसन और जगह बदल-बदल कर चुदाई की और अगली दोपहर वापिस गयी।
पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी