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Adultery पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना

aamirhydkhan

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कहानी "पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना: गौरव कुमार की है

मेरा नाम गौरव कुमार है। मैं, कपूरथला, पंजाब का रहने वाला हूँ। हमारा आड़त का काम है यानी हम किसान और सरकार मे बीच मे फसल का लेंन देंन का काम करते है। अब मे पंजाब से हूँ तो बता दूं के यहा की दो चीजें बहुत मशहूर है, एक पटियाला पेग ओर दुसरी पंजाबन जट्टीयां। हमारा किसानो के साथ आना जाना लगा रहता है तो किसी ना किसी जट्टी के साथ भी बात बन जाती है। आज एसी ही कहानी लेकर आया हूँ। तो कहानी आरंभ करते है।


SARBI
 
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aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–24

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी क्लासमेट मेरे घर आयी और हमने मस्ती शुरू कर दी। अब आगे।

उसने अपने हाथ पीछे फेंके, वह कराह रही थी, "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, काके।"

मैंने अपनी जीभ से उसके पेट पर नीचे की ओर हाथ फेरा, मैंने उसके पेट के निचले हिस्से के चारों ओर एक छोटा-सा घेरा बनाया और फिर एक ही बार में उसकी लुंगी खींच दी। फिर, मैंने अपनी स्थिति बदली, 69 की स्थिति बनाई ताकि उसका लिंग उसके चेहरे पर हो।

मेरी शॉर्ट्स और बॉक्सर को मेरे टखनों तक नीचे खींचा जा रहा था। अनु ने मेरे बॉक्सर को ढीला किया और मेरा विशाल लिंग वहाँ से बाहर निकल आया। अपने जीवन में, यह पहली बार था जब वह एक असली लंड साक्षात और इतने करीब से देख रही थी। यह 9.3 इंच के आकार का एक बड़ा काले रंग का मोठे नाग जैसा था। इसके नीचे दो गेंदें लटक रही थीं। पूरा क्षेत्र काले घुंघराले बालों से ढका हुआ था। यह ऊपर-नीचे हिल रहा था। जिज्ञासा के साथ, वह आश्चर्यजनक चीज की जांच करने के लिए करीब से झुकी और लंड मुंड को कस के दबाया।

मैंने कराहते हुए कहा, " ओह्ह ... और बोला यार ऐसे मत कर ये बहुत नाज़ुक अंग है ।

उसने सॉरी बोला और हम फिर से शुरू हो गए थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गर्दन पर किस करी और हाथ उसकी पूरी बॉडी पर फेर रहा था और फेरते-फेरते उसके मम्मों को दबा रहा था।

वो बोली आराम से दबा ।

मैंने ऊपर से मम्मों पर किस करी और कुसका कुरता उतारने लगा और उसने बोला की क्या ये सब ठीक रहेगा? तो मैंने हाँ में आंसर किया और उसने मुझे टाइट हग कर लिया।

मैंने कुर्ता उतारा और उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि भीगने से ब्रा भी गीली हो चुकी थी । मैं उसे देखने लगा अब ज़रा एक बार अनुपमा के बारे में थोड़ी तफ्सील । अनुपमा की उम्र 20 साल हो चुकी थी और वह किशोरी से वयस्क लड़की की अवस्था में आ चुकी थी। उसका शारीरिक कद 5' 4" की हो गया था, उसके लंबे रेशमी कुदरती सुनहरे बाल कंधो से नीचे कमर तक लटक रहे थे, जिन्हें वह अक्सर बाँधती थी। उसका चेहरा गोल था, चौड़ा माथा, लंबी तीखी नाक, पतली भौंहें और गहरी काली आँखें। उसके मोटे होंठ थे, जो प्राकृतिक गुलाबी रंग के थे और उनमें सफ़ेद चमकते हुए दांतों की एक पंक्ति थी। वह बहुत गोरी थी और त्वचा का रंग सफ़ेद और गुलाबी (गुलाबी) रंग का मिश्रण था। उसके लंबे पतले हाथ थे और कमर पतली थी। उसकी कमर की तुलना में उसके नितम्ब गोल चौड़े थे, जो बहुत बड़ी और मांसल जांघ और पिंडलियों के साथ उभरे हुए थे। जब भी वह चलती थी, तो उसके नितंब लयबद्ध तरीके से हिलते थे। उसके बढ़े हुए स्तन ऊपर की ओर उठे हुए गोल आकार के थे। फूले हुए और नुकीले निप्पल लाल और हल्के गुलाबी रंग के मिश्रित रंग के थे जिनमें छोटे-छोटे छिद्र थे और गुलाबी रंग का आभामंडल था।

नहाते समय, अक्सर शीशे के सामने नंगी होकर। वह अपनी योनि की त्वचा की परत को खोलकर अपनी योनि की एक झलक देखती थी। उसकी योनि का अंदरूनी हिस्सा। उसे अपनी योनि के ऊपरी हिस्से में छुपे हुए तरीके से दाने जैसी भगशेफ दिखाई देती। यह एक गांठ की तरह दिखता था। उसे अपनी योनि के दो होंठ भगशेफ से नीचे की ओर फैले हुए दिखाई देते जो योनि के प्रवेश द्वार को ढकते थे। लेकिन उसे अपनी योनि के होंठों का रंग हल्का गुलाबी देखकर आश्चर्य होता, जो उसके गोरे शरीर के बिल्कुल विपरीत था। योनि के टीले के अंदर और आसपास काले बालों की एक मोटी झाड़ी थी, खासकर योनि के ऊपर और दो तरफ़ त्रिभुज के आकार में। उसने यह भी देखा कि उसकी काँखों के नीचे छोटे-छोटे बाल उग रहे थे। उसे अपनी ड्रेस की आस्तीन का हिस्सा काँखों के पास पसीने से भीगा हुआ दिखाई देता, जिसका काला धब्बा बाहर से दिखाई देता और मीठी महक छोड़ता।

उसकी कुछ सहेलियाँ उसे काँखों के साथ-साथ योनि के बाल भी शेव करने का सुझाव देतीं, लेकिन एक अन्य सहेली बीच में बोलती, -"ऐसा मत करो, वहाँ फिर से घने बाल उग आएंगे, बेहतर होगा कि समय-समय पर उन्हें छोटी कैंची से काट दिया कर।" पर आज वह सलून से सब साफ़ करवाके आयी थी ।

कुल मिलाकर, वह 36d / 24 / 36 के शारीरिक आकार की एक बहुत ही सुंदर लड़की थी। उसके माता-पिता रूढ़िवादी पंजाबी थे। इसलिए, बचपन से ही, उन्होंने उसे लड़कियों के स्कूल में डाल दिया और अब वह कॉलेज में प्रथम वर्ष में थी। अपने स्कूल के दिनों में, वह स्कूल की वर्दी पहनती थी जो स्कर्ट और टॉप थी, लेकिन अब वह दुपट्टे से अपने स्तनों को ढँकने वाली सलवार / कमीज या लेग्गी और कुर्ती (लड़कियों के लिए भारतीय पारंपरिक पोशाक) या कभी-कभी जींस और टॉप पहनती थी। उसकी माँ ने उसके लिए बहुरंगी ब्रा और पैंटी खरीदी थी।

अनुपमा, अपने स्कूल के दिनों से ही सेक्स के रहस्य के बारे में सब जानती थी। एक जीवविज्ञान की छात्रा होने के नाते वह सेक्स के बारे में सभी विवरण, सभी अंगों के नाम और यह कैसे किया जाता है, जानती थी। उसने अपनी ख़ास सहेली से योनि में उंगली डालकर हस्तमैथुन करने की कला भी सीखी।

लेकिन उसकी इस सहेली ने उसे चेतावनी दी थी, "अपनी उंगली को अपनी योनि में बहुत गहराई तक मत डालना, अन्यथा तुम्हाऋ सील फट जाएगी और उसमें से खून निकलेगा।" फिर, शरारती ढंग से उसने मुस्कुराते हुए कहा, "यह आपके बॉयफ्रेंड या आपके पति का कर्तव्य है कि वह सील तोड़े।"

उसे यह भी पता चला कि खून के करीबी रिश्तेदारों के साथ यौन सम्बंध बनाना वर्जित और पाप माना जाता है। उसने कभी असली लंड को करीब से नहीं देखा था या उसे छुआ नहीं था, लेकिन उसने कुछ बड़े लड़कों को अपने घर के पास या रास्ते में पेशाब करते देखा था। अनुपमा, 18 साल की उम्र में, एक यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ रही थी और वह विज्ञान में स्नातकी प्राप्त करने के पहले वर्ष में थी। उसका कॉलेज उसके पैतृक निवास से बहुत दूर था और लगभग 234 किलोमीटर राजधानी शहर में स्थित था।

उसकी सगाई उसके पिता ने हाल ही में तय की थी और उसने दो साल पहले हाई स्कूल पास कर लिया था और दो साल मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दे रही थी पर तीन बार परीक्षा में असफल रहने के बाद उसे मेडिकल में उसे सीट नहीं मिली थी अब उसने बीएससी में दाखिला लिया था ।

मैं उसे देखता रहा, पहले तो मुझे उसे ऐसे देखते वह शर्मायी, फिर उसने आगे बढ़ कर मुझे चूमा और मैं दोनों मम्में हाथो से दबाने लगा और फिर उसकी नाभि में किस कर रहा था और ऐसा करने से वह कांप रही थी मचल रही थी और बायाँ वाले मम्में को मुंह में भर लिया और चूसने लगा उसे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था और वह मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।

जब मैंने उसके निप्पल पर बाईट करी तो वह मचल गई और पागल होने लगी फिर मैं दायाँ वाला मम्में भी मुंह में ले के चूसने लगा और मम्में को खाने लगा उसके मम्में पर मेरे काटने के निशान बन गए थे फिर मैंने लुंगी खोल दी और ढीली कर दी और अब मेरा मुंह उसकी चूत के पास था और उसकी चूत को स्मेल कर रहा था।

हल्की हल्की खुसबू से मैं पागल हो गया और लुंगी उतार दी, गीली होने कारण उसने पैंटी भी निकाली हुई थी, औरमैंने बिना बालो वाली चूत के दर्शन किए उसकी बाल रहित चूत बिलकुल चिकनी थी, , मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा बिलकुल ताज़ी मुंडी हुई चूत थी और फिर चूत पर हाथ रगड़ने लगा। उसकी चूत अब काफ़ी पानी छोड़ने लगी उसको पता था कि लंड की जगह चूत में होती हैऔर वह मज़े ले रही थी मैंने पुछा की लंड बस में कहा फील हो रहा था?

तो उसने बोला की गांड के छेद में और कभी-कभी चूत के जस्ट ऊपर ।

मैं किस करने लगा और उसने मेरा सर पकड़ा और दबाने लगी मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर थे और मैंने जीभ जैसे ही उसकी चूत में डाली वह सिसका उठी और सर दबाने लगी चूत काफ़ी गीली हो रही थी और मैं चुसाई कर रहा था अचानक ही उसका बदन अकड़ने लगा और वह झड़ गई और सारा पानी मेरे मुंह पर गिर गया।

मैं उसका चुतरस चाटने लगा वह बोलने लगी–यार तू कितना मस्त है।

अब मैंने भी अपने कपड़े उतारे और लंड उसके हाथ में दिया।

वो बोली की यार बहुत बड़ा हो गया ये तो।

मैंने बोला किस कर मुंह में ले।

मैंने लंड का टोपा खोला और पिंक-पिंक हिस्सा उसके मुंह में देने लगा उसका फर्स्ट टाइम था और उसे पता नहीं था कि कैसे करना है और बस करने लगी मैंने उसकी चूत में जैसे ही उंगली डाली, उसकी आआह्ह्ह्हह्ह निकल गई उसका मुंह खुल गया और पूरा लंड मुंह में डाल दिया और मुंह को चोदने लगा पूरा लंड थूक से भर गया था और उसे भी मज़ा आ रहा था।

वो बोली की अब डाल दे प्लीज अंदर रुका नहीं जा रहा।

फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा और लंड को सेट करने लगा उसकी चूत पूरी टाइट थी अभी तक वर्जिन थी थोड़ा-सा लंड अंदर जाता और बाहर आ जाता जैसे-जैसे लंड थोड़ा और अंदर गया और उसकी चीख निकल गई ।

उउउईईई माँ मर गई मैं बाहर निकाल काके!

मैंने बाहर निकाल के थोड़ा-सा थूक लगाया और फिर से लंड चूत पर सेट किया।

वो बोलने लगी की आराम से करना प्लीज नहीं तो मैं मर जाऊंगी।

मैंने एक धक्का दिया और लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया जिससे वह उछल पड़ी तो मैंने उसे पकड़ा और सहलाने लगा की कुछ नहीं हुआ फर्स्ट टाइम है तो ऐसे हो रहा है उसका दिल बहलाने के लिए मैंने बोला ।

मुझे भी बहुत दर्द हो रहा है लेकिन देख मैं भी तो आराम से कर रहा हूँ और वह मान गई उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे और मैंने धीरे-धीरे पूरा अंदर डाला और थोड़ी देर तक हिला नहीं फिर बाद में मैंने थोड़ा बाहर निकाला।

वो बोली की आराम से निकाल खून बह रहा है।

मैंने बोला बस अब हो गया तू बस मज़े ले अब पूरे।

वो भी थोड़ी देर बाद मज़े में आने लगी और उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन मज़ा ज़्यादा मीठा था मैं अंदर तक लंड को डाल रहा था और वह बोल रही थी की उसके अंदर किसी से टकरा रहा है फिर उसे मज़ा आने लगा और मज़े में बोलने लगी।

आह आह आआह्ह्ह्ह काके बहुत मस्त है यार तूने दर्द को भी मज़े में बदल दिया आई लव यू यार गौरव ।

आह आह उउउईईई आआह्ह्ह्ह और ज़ोर से कर।

अब मैं भी अपनी पूरी स्पीड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था वह भी मस्त-मस्त आवाज़े निकाल कर मज़े ले रही थी फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में आने को कहा और मैं बेड से नीचे उतर गया और पीछे से उसकी चूत में लंड दाल दिया उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी किसी भट्टी की तरह गरम थी।

ऐसे ही हम 20-25 मिनट चुदाई करते रहे और वह अचानक कांपने लगी और मैं समझ गया की ये फिर से झड़ने वाली है फिर मैंने स्पीड और बढ़ा दी और लंड अंदर तक डालने लगा अचानक से वह झड़ गई और ढीली पढ़ गई मेरा लंड अभी भी अंदर था और मैं भी झड़ने वाला था फिर 2 मिनट बाद मैंने भी लंड बाहर निकाला और उसकी गांड की दरार में माल भर दिया और दोनों बेड पर लेट गए.

वो मेरे ऊपर लेट गई. अनु के साथ मेरे सेक्स का एक्सपीरियंस काफ़ी अच्छा रहा उसे सब नहीं आता था पर वह हर पल को एन्जॉय कर रही थी और मज़ा दे रही थी और सबसे मजेदार बात ये थी की वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा लेना चाहती हो।

अनु उस रात मेरे साथ रही। उस दिन रात हमने चार बार और आसन और जगह बदल-बदल कर चुदाई की और अगली दोपहर वापिस गयी।

पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
 

Yashu7979

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उसने अपने हाथ पीछे फेंके, वह कराह रही थी, "ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, काके।"

मैंने अपनी जीभ से उसके पेट पर नीचे की ओर हाथ फेरा, मैंने उसके पेट के निचले हिस्से के चारों ओर एक छोटा-सा घेरा बनाया और फिर एक ही बार में उसकी लुंगी खींच दी। फिर, मैंने अपनी स्थिति बदली, 69 की स्थिति बनाई ताकि उसका लिंग उसके चेहरे पर हो।

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मैंने कराहते हुए कहा, " ओह्ह ... और बोला यार ऐसे मत कर ये बहुत नाज़ुक अंग है ।

उसने सॉरी बोला और हम फिर से शुरू हो गए थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गर्दन पर किस करी और हाथ उसकी पूरी बॉडी पर फेर रहा था और फेरते-फेरते उसके मम्मों को दबा रहा था।

वो बोली आराम से दबा ।

मैंने ऊपर से मम्मों पर किस करी और कुसका कुरता उतारने लगा और उसने बोला की क्या ये सब ठीक रहेगा? तो मैंने हाँ में आंसर किया और उसने मुझे टाइट हग कर लिया।

मैंने कुर्ता उतारा और उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि भीगने से ब्रा भी गीली हो चुकी थी । मैं उसे देखने लगा अब ज़रा एक बार अनुपमा के बारे में थोड़ी तफ्सील । अनुपमा की उम्र 20 साल हो चुकी थी और वह किशोरी से वयस्क लड़की की अवस्था में आ चुकी थी। उसका शारीरिक कद 5' 4" की हो गया था, उसके लंबे रेशमी कुदरती सुनहरे बाल कंधो से नीचे कमर तक लटक रहे थे, जिन्हें वह अक्सर बाँधती थी। उसका चेहरा गोल था, चौड़ा माथा, लंबी तीखी नाक, पतली भौंहें और गहरी काली आँखें। उसके मोटे होंठ थे, जो प्राकृतिक गुलाबी रंग के थे और उनमें सफ़ेद चमकते हुए दांतों की एक पंक्ति थी। वह बहुत गोरी थी और त्वचा का रंग सफ़ेद और गुलाबी (गुलाबी) रंग का मिश्रण था। उसके लंबे पतले हाथ थे और कमर पतली थी। उसकी कमर की तुलना में उसके नितम्ब गोल चौड़े थे, जो बहुत बड़ी और मांसल जांघ और पिंडलियों के साथ उभरे हुए थे। जब भी वह चलती थी, तो उसके नितंब लयबद्ध तरीके से हिलते थे। उसके बढ़े हुए स्तन ऊपर की ओर उठे हुए गोल आकार के थे। फूले हुए और नुकीले निप्पल लाल और हल्के गुलाबी रंग के मिश्रित रंग के थे जिनमें छोटे-छोटे छिद्र थे और गुलाबी रंग का आभामंडल था।

नहाते समय, अक्सर शीशे के सामने नंगी होकर। वह अपनी योनि की त्वचा की परत को खोलकर अपनी योनि की एक झलक देखती थी। उसकी योनि का अंदरूनी हिस्सा। उसे अपनी योनि के ऊपरी हिस्से में छुपे हुए तरीके से दाने जैसी भगशेफ दिखाई देती। यह एक गांठ की तरह दिखता था। उसे अपनी योनि के दो होंठ भगशेफ से नीचे की ओर फैले हुए दिखाई देते जो योनि के प्रवेश द्वार को ढकते थे। लेकिन उसे अपनी योनि के होंठों का रंग हल्का गुलाबी देखकर आश्चर्य होता, जो उसके गोरे शरीर के बिल्कुल विपरीत था। योनि के टीले के अंदर और आसपास काले बालों की एक मोटी झाड़ी थी, खासकर योनि के ऊपर और दो तरफ़ त्रिभुज के आकार में। उसने यह भी देखा कि उसकी काँखों के नीचे छोटे-छोटे बाल उग रहे थे। उसे अपनी ड्रेस की आस्तीन का हिस्सा काँखों के पास पसीने से भीगा हुआ दिखाई देता, जिसका काला धब्बा बाहर से दिखाई देता और मीठी महक छोड़ता।

उसकी कुछ सहेलियाँ उसे काँखों के साथ-साथ योनि के बाल भी शेव करने का सुझाव देतीं, लेकिन एक अन्य सहेली बीच में बोलती, -"ऐसा मत करो, वहाँ फिर से घने बाल उग आएंगे, बेहतर होगा कि समय-समय पर उन्हें छोटी कैंची से काट दिया कर।" पर आज वह सलून से सब साफ़ करवाके आयी थी ।

कुल मिलाकर, वह 36d / 24 / 36 के शारीरिक आकार की एक बहुत ही सुंदर लड़की थी। उसके माता-पिता रूढ़िवादी पंजाबी थे। इसलिए, बचपन से ही, उन्होंने उसे लड़कियों के स्कूल में डाल दिया और अब वह कॉलेज में प्रथम वर्ष में थी। अपने स्कूल के दिनों में, वह स्कूल की वर्दी पहनती थी जो स्कर्ट और टॉप थी, लेकिन अब वह दुपट्टे से अपने स्तनों को ढँकने वाली सलवार / कमीज या लेग्गी और कुर्ती (लड़कियों के लिए भारतीय पारंपरिक पोशाक) या कभी-कभी जींस और टॉप पहनती थी। उसकी माँ ने उसके लिए बहुरंगी ब्रा और पैंटी खरीदी थी।

अनुपमा, अपने स्कूल के दिनों से ही सेक्स के रहस्य के बारे में सब जानती थी। एक जीवविज्ञान की छात्रा होने के नाते वह सेक्स के बारे में सभी विवरण, सभी अंगों के नाम और यह कैसे किया जाता है, जानती थी। उसने अपनी ख़ास सहेली से योनि में उंगली डालकर हस्तमैथुन करने की कला भी सीखी।

लेकिन उसकी इस सहेली ने उसे चेतावनी दी थी, "अपनी उंगली को अपनी योनि में बहुत गहराई तक मत डालना, अन्यथा तुम्हाऋ सील फट जाएगी और उसमें से खून निकलेगा।" फिर, शरारती ढंग से उसने मुस्कुराते हुए कहा, "यह आपके बॉयफ्रेंड या आपके पति का कर्तव्य है कि वह सील तोड़े।"

उसे यह भी पता चला कि खून के करीबी रिश्तेदारों के साथ यौन सम्बंध बनाना वर्जित और पाप माना जाता है। उसने कभी असली लंड को करीब से नहीं देखा था या उसे छुआ नहीं था, लेकिन उसने कुछ बड़े लड़कों को अपने घर के पास या रास्ते में पेशाब करते देखा था। अनुपमा, 18 साल की उम्र में, एक यूनिवर्सिटी कॉलेज में पढ़ रही थी और वह विज्ञान में स्नातकी प्राप्त करने के पहले वर्ष में थी। उसका कॉलेज उसके पैतृक निवास से बहुत दूर था और लगभग 234 किलोमीटर राजधानी शहर में स्थित था।

उसकी सगाई उसके पिता ने हाल ही में तय की थी और उसने दो साल पहले हाई स्कूल पास कर लिया था और दो साल मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दे रही थी पर तीन बार परीक्षा में असफल रहने के बाद उसे मेडिकल में उसे सीट नहीं मिली थी अब उसने बीएससी में दाखिला लिया था ।

मैं उसे देखता रहा, पहले तो मुझे उसे ऐसे देखते वह शर्मायी, फिर उसने आगे बढ़ कर मुझे चूमा और मैं दोनों मम्में हाथो से दबाने लगा और फिर उसकी नाभि में किस कर रहा था और ऐसा करने से वह कांप रही थी मचल रही थी और बायाँ वाले मम्में को मुंह में भर लिया और चूसने लगा उसे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था और वह मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।

जब मैंने उसके निप्पल पर बाईट करी तो वह मचल गई और पागल होने लगी फिर मैं दायाँ वाला मम्में भी मुंह में ले के चूसने लगा और मम्में को खाने लगा उसके मम्में पर मेरे काटने के निशान बन गए थे फिर मैंने लुंगी खोल दी और ढीली कर दी और अब मेरा मुंह उसकी चूत के पास था और उसकी चूत को स्मेल कर रहा था।

हल्की हल्की खुसबू से मैं पागल हो गया और लुंगी उतार दी, गीली होने कारण उसने पैंटी भी निकाली हुई थी, औरमैंने बिना बालो वाली चूत के दर्शन किए उसकी बाल रहित चूत बिलकुल चिकनी थी, , मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा बिलकुल ताज़ी मुंडी हुई चूत थी और फिर चूत पर हाथ रगड़ने लगा। उसकी चूत अब काफ़ी पानी छोड़ने लगी उसको पता था कि लंड की जगह चूत में होती हैऔर वह मज़े ले रही थी मैंने पुछा की लंड बस में कहा फील हो रहा था?

तो उसने बोला की गांड के छेद में और कभी-कभी चूत के जस्ट ऊपर ।

मैं किस करने लगा और उसने मेरा सर पकड़ा और दबाने लगी मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर थे और मैंने जीभ जैसे ही उसकी चूत में डाली वह सिसका उठी और सर दबाने लगी चूत काफ़ी गीली हो रही थी और मैं चुसाई कर रहा था अचानक ही उसका बदन अकड़ने लगा और वह झड़ गई और सारा पानी मेरे मुंह पर गिर गया।

मैं उसका चुतरस चाटने लगा वह बोलने लगी–यार तू कितना मस्त है।

अब मैंने भी अपने कपड़े उतारे और लंड उसके हाथ में दिया।

वो बोली की यार बहुत बड़ा हो गया ये तो।

मैंने बोला किस कर मुंह में ले।

मैंने लंड का टोपा खोला और पिंक-पिंक हिस्सा उसके मुंह में देने लगा उसका फर्स्ट टाइम था और उसे पता नहीं था कि कैसे करना है और बस करने लगी मैंने उसकी चूत में जैसे ही उंगली डाली, उसकी आआह्ह्ह्हह्ह निकल गई उसका मुंह खुल गया और पूरा लंड मुंह में डाल दिया और मुंह को चोदने लगा पूरा लंड थूक से भर गया था और उसे भी मज़ा आ रहा था।

वो बोली की अब डाल दे प्लीज अंदर रुका नहीं जा रहा।

फिर मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा और लंड को सेट करने लगा उसकी चूत पूरी टाइट थी अभी तक वर्जिन थी थोड़ा-सा लंड अंदर जाता और बाहर आ जाता जैसे-जैसे लंड थोड़ा और अंदर गया और उसकी चीख निकल गई ।

उउउईईई माँ मर गई मैं बाहर निकाल काके!

मैंने बाहर निकाल के थोड़ा-सा थूक लगाया और फिर से लंड चूत पर सेट किया।

वो बोलने लगी की आराम से करना प्लीज नहीं तो मैं मर जाऊंगी।

मैंने एक धक्का दिया और लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया जिससे वह उछल पड़ी तो मैंने उसे पकड़ा और सहलाने लगा की कुछ नहीं हुआ फर्स्ट टाइम है तो ऐसे हो रहा है उसका दिल बहलाने के लिए मैंने बोला ।

मुझे भी बहुत दर्द हो रहा है लेकिन देख मैं भी तो आराम से कर रहा हूँ और वह मान गई उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे और मैंने धीरे-धीरे पूरा अंदर डाला और थोड़ी देर तक हिला नहीं फिर बाद में मैंने थोड़ा बाहर निकाला।

वो बोली की आराम से निकाल खून बह रहा है।

मैंने बोला बस अब हो गया तू बस मज़े ले अब पूरे।

वो भी थोड़ी देर बाद मज़े में आने लगी और उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन मज़ा ज़्यादा मीठा था मैं अंदर तक लंड को डाल रहा था और वह बोल रही थी की उसके अंदर किसी से टकरा रहा है फिर उसे मज़ा आने लगा और मज़े में बोलने लगी।

आह आह आआह्ह्ह्ह काके बहुत मस्त है यार तूने दर्द को भी मज़े में बदल दिया आई लव यू यार गौरव ।

आह आह उउउईईई आआह्ह्ह्ह और ज़ोर से कर।

अब मैं भी अपनी पूरी स्पीड में लंड को अंदर बाहर कर रहा था वह भी मस्त-मस्त आवाज़े निकाल कर मज़े ले रही थी फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में आने को कहा और मैं बेड से नीचे उतर गया और पीछे से उसकी चूत में लंड दाल दिया उसकी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी किसी भट्टी की तरह गरम थी।

ऐसे ही हम 20-25 मिनट चुदाई करते रहे और वह अचानक कांपने लगी और मैं समझ गया की ये फिर से झड़ने वाली है फिर मैंने स्पीड और बढ़ा दी और लंड अंदर तक डालने लगा अचानक से वह झड़ गई और ढीली पढ़ गई मेरा लंड अभी भी अंदर था और मैं भी झड़ने वाला था फिर 2 मिनट बाद मैंने भी लंड बाहर निकाला और उसकी गांड की दरार में माल भर दिया और दोनों बेड पर लेट गए.

वो मेरे ऊपर लेट गई. अनु के साथ मेरे सेक्स का एक्सपीरियंस काफ़ी अच्छा रहा उसे सब नहीं आता था पर वह हर पल को एन्जॉय कर रही थी और मज़ा दे रही थी और सबसे मजेदार बात ये थी की वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा लेना चाहती हो।

अनु उस रात मेरे साथ रही। उस दिन रात हमने चार बार और आसन और जगह बदल-बदल कर चुदाई की और अगली दोपहर वापिस गयी।

पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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खान साहिब, पिक्चर अभी बाकी है या खत्म हो गयी? चलते चलो खान साहिब उम्दा लिख रहे हो
 

Yashu7979

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aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–25

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी क्लासमेट मेरे घर आयी और मैंने और उसके कुंवारी चूत की चुदाई की। अब आगे।

जब मैं अनु की चुदाई कर रहा था और जैसे अनु बात कर रही थी वैसे मेरे चच्चा के दोस्त की बीवी सलमा बात करती थी। आज उसकी कहानी बताता हूँ।

ये बात 2 साल पहले की है तब मेरी उम्र 18 साल की थी और हाँ कहानी की असली किरदार है मेरा चच्चा के ` सबसे अच्छे दोस्त की पत्नी जिनका नाम सलमा है उस समय उनकी उम्र लगभग 35 साल के अंदर होगी और उनका फिगर 34-32-36 है मम्मे एकदम गोल और उनका जिस्म पूरा शेप में और टाइट है और गांड थोड़ी उभरी है। गाँव में किसी को चाचा और किसी को मासी किसी को बुआ ही कह कर बुलाता था। चुकी सलमा मेरे चाचा बनवारी लाल के दोस्त असलम की बीबी थी इसलिए उन्हें चाची कहता था।

जब चलती है तो उनकी गांड हल्की-हल्की इस तरफ़ और उस तरफ़ होती है उफ्फफ्फ्फ़ आप समझ सकते हो कितनी मस्त फिगर है मेरे लंड का साइज 9 इंच है और मोटा भी ठीक ठाक है जो किसी को भी सेटीस्फाइ कर सकता हूँ अब मैं असलम चचा की फॅमिली के बारे में बता दू।

से 3 साल पहले की है तब मेरी उम्र 19 साल की थी और हाँ कहानी की असली किरदार है सलमा उनकी उम्र लगभग 35 साल के अंदर होगी और उनका फिगर 34-32-36 है मम्मे एकदम गोल और उनका जिस्म पूरा शेप में और टाइट है और गांड थोड़ी उभरी है।

जब चलती है तो उनकी गांड हल्की-हल्की इस तरफ़ और उस तरफ़ होती है उफ्फफ्फ्फ़ आप समझ सकते हो कितनी मस्त फिगर है मेरे लंड का साइज 9 इंच है और मोटा भी ठीक ठाक है।

हमारे घर से कुछ दूर ही असलम चाचा का अपना एक घर है जहा वे लोग रहते है चाचा के परिवार में चाचा है और उनकी वाइफ यानी चाची सलमा और उनकी एक 3 साल का बेटी. उनका उम्र लगभग 40 साल होगी। मेरी चचा की बेटी नाज़ से बहुत अच्छी बनती थी।

मैं बारहवीं का एग्जाम देने के बाद मेडिकल के प्रवेश परीक्षा नीट की त्यारी कर रहा था और तब मेरे कॉलेज में अभी दाखिला नहीं हुआ था और छुट्टी चल रही थी एक दिन सुबह मैंने सोचा क्यों ना अपनी चाची की छोटी बेटी के साथ थोड़ा खेल के आता हूँ तो मैंने अपने चाचा से कहा मैं नाज़ के पास जा रहा हूँ तब चाचा ने कहा मुझे भी असलम से कुछ काम है चल मैं भी चलता हूँ, जैसे मैं गया तो मैंने देखा नाज़ सो रही है और मैं वापिस आ गया पर डोर ओपन था और चाचा बनवारी लाल अंदर चले गए और उन्होंने चाचा असलम और चची सलमा को बाते करते हुए सुना। चाचा वही खड़े हो कर चाचा असलम और चची सलमा को बाते सुनने लगे।

सलमा चाची–आप ना कल से रात में मुझे सेक्स करने के लिए मत बोलना!

चाचा असलम–क्यों?

चाची सलमा–आप तो 5 मिनट में सब मज़ा ख़राब कर देते हो और सुबह-सुबह मुझे नहाना धोना करना पड़ता है।

चाचा असलम–तो मैं क्या करू काम से बहुत थका हुआ रहता हूँ इसीलिए ...

यह बोलके चाचा पीछे से चाची की गांड के साथ उनके मम्मे दबाने लगे उतने में चाची सलमा–हल्की-सी अह्ह्ह्हह की आवाज़ निकाल के बोली रहने दो। काम से आ के करना अभी काम पर जाओ!

फिर चाचा असलम अपने काम निकल गए और चाचा वहीँ छुप गये और देखा चाचा असलम अपने काम पर निकल गए। चाची दरवाज़ा बंद करके अपने रूम की तरफ़ जाने लगी चाची को पता नहीं था कि घर में चचा बनवारी भी हैं। फिर सलमा चाची फ़ोन में वीडियो देखने लगी और फिर अपनी नाइटी उतारने लगी और बनवारी चाचा जल्दी से सलमा अचछी की वीडियो रिकॉर्ड करने लगा, सलमा चाची अपनी नाइटी के अंदर हाथ डाल के अपनी चूत को रगड़ रही थी और फिर जब उन्होंने अपनी टांगे खोली तो उनकी चूत देख के चाचा की आंखें खुली रह गई क्या ख़ूबसूरत नज़ारा था हल्के-हल्के बाल और छोटा-सा एक छेद जिसमे वह उंगली कर रही थी।

फिर बनवारी चाचा अचानक से सामने आ गया और बोला–यह क्या कर रही हो भाभी?

तो वह एकदम से दंग रह गई और जल्दी से पास में से चादर लेके लपेट ली और बोलने लगी अरे लाला तुम कब आए और वह घबरा के कहने लगी। सलमा चाची–प्लीज लाला जी यह सब किसी को मत बताना प्लीज।

तो लाला बोला मैंने तो वीडियो भी रेकॉर्ड कर लिया अब क्या होगा?

चाची–प्लीज वीडियो डिलीट कर दो और मुझे माफ़ कर दो आइंदा से यह सब कभी नहीं करूंगी क़सम से।

लाला–मैं तो यह असलम को दिखाऊंगा आप उन्हें धोखा दे रहे हो छी!

सलमा–तो मैं क्या करूं जब से नाज़ हुई है वह मुझे बिलकुल भी टाइम नहीं देते है और जब करते है तो 5-6 मिनट करके ही सो जाते है मुझे भी तो संतुष्टि चाहिए।

लाला–तो इसका मतलब आप यह सब कर लोगी छी आप सोच भी कैसे सकती है यह सब।

सलमा–तो और मैं क्या करती बोलो इन से तो मैं इस पर बात भी करती हूँ तो कहते है मैं थका हुआ हूँ, फिर कभी बात करेंगे? मेरी भी ज़रूरत है पर उन्हें मेरा कुछ भी ख़याल नहीं है।

लाला–अरे तो मैं हूँ ना अबसे आपको यह सब करने की ज़रूरत नहीं है।

चाची–पागल हो गए हो क्या तुम लाला तुम उनके दोस्त हो, तुम्हारे साथ यह सब नहीं, नहीं।

लाला–तो ठीक है भाभी मैं यह वीडियो असलम को दिखा दूंगा।

चाची–नहीं, नहीं ऐसा मत करना प्लीज!

फिर क्या फिर लाला जल्दी से बेड के ऊपर गया और पागलो की तरह सलमा चाची के होंठ को चूसने लगा, पहले-पहले तो वह उनका साथ नहीं दे रही थी मगर 2-3 मिनट बाद वह भी उनका साथ देने लगी। फिर लाला ने चादर को उनके बदन से हटा दिया वह अब सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और लाला कभी उनके होठ कभी गर्दन चूसने लगा।


पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
 
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aamirhydkhan

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खान साहिब, पिक्चर अभी बाकी है या खत्म हो गयी? चलते चलो खान साहिब उम्दा लिख रहे हो
BHAI KAHANI PASAND KARNE KE LIYE SHUKRIYAA.. ABHI KAHANI SHURU HUI HAI.. HAR PART ME LIKH RHA HUN पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी... PADHTE RAHIYE AUR AAPKE COMMENTS KA INTJAAR RAHEGA
 
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Story jabardast hai yaar keep it up waiting for next update
 
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
 
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aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–26

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे लाला ने अपने दोस्त की बीवी सलमा को पोर्न देखते हुए पकड़ा और मौके का फायदा उठाया। अब आगे।

फिर क्या फिर लाला जल्दी से बेड के ऊपर गया और पागलो की तरह सलमा चाची के होंठ को चूसने लगा, पहले-पहले तो वह उनका साथ नहीं दे रही थी मगर 2-3 मिनट बाद वह भी उनका साथ देने लगी। फिर लाला ने चादर को उनके बदन से हटा दिया वह अब सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और लाला कभी उनके होठ कभी गर्दन चूसने लगा।

जल्दी ही सलमा मदहोश होने लगी थी और हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थी अह्हह्ह्ह उफ्फ्फफ करते हुएफिर लाला चाची सलमा के मम्मे दबाने लगा उफ्फ्फ एकदम टाइट और गोल थे।

लाला–उफ्फ्फ भाभी क्या मम्मे है आपके क्या मज़ा आ रहा है मैं तो दिन भर आज इसे चूसूंगा और मज़े करूंगा।

चाची–तो चूस ना पियो मेरा दूध तुम्हारा भाई (दोस्त) पहले पीते थे अभी उनको और अच्छा नहीं लगता पीने में।

लाला–टेंशन मत लो अबसे मैं इसे कभी नहीं छोडूंगा दिन भर रात भर इससे पीता रहूंगा।

ऐसे करते-करते लाला बनवारी लाल सलमा की नाभी के तरफ़ आया और उनका पूरा जिस्म चाटने लगा। सलमा पागल हुई जा रही थी फिर उन्होने लाला को उठाया और उनका कुरता कर पायजामा निकालने लगी और बोली ।

चाची–आप भाभी बोलना छोड़ो और मुझे सलमा कह के बुलाओ और चोदो मुझे।

लाला–इतनी जल्दी कहाँ मेरी सलमा रानी आज तो मैं तुम्हे चुदाई का असली मज़ा दूंगा।

सलमा–अच्छा वह कैसे?

तो लाला जल्दी से उनकी टांगो को फैला कर अपने मुंह से सलमा की चूत चाटने लगा और दोनों मम्मों को दबाने लगा सलमा चाची की चूत बहुत गीली हो गई थी और फिर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत के अंदर बहार करने लगा और मुंह से अंदर तक चाटने लगा ।

सलमा–उफ्फफ्फ अह्हह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है लाला जी ऐसे करते रहो ऐसा कभी तुम्हारे दोस्त ने ऐसा नहीं किया सच में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

ऐसे करते-करते 2 मिनट के बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं सारा रस पीने लगा फिर लाला उनको किस करने लगा और दूध पीने लगा तो वह कहने लगी।

सलमा–और टाइम मत लगाओ लालजी अपना लंड मेरी चूत में डाल दो अब बर्दास्त नहीं हो रहा है।

तो लाला ने कहा–सलमा रानी पहले मेरा घोड़ा तैयार करो इसे अपने मुंह में लेके चुसो।

तो वह मना करने लगी और बोल रही थी नहीं मैंने कभी नहीं लिया है तो लाला ने थोड़ा ज़ोर दिया तो वह बोली "ठीक है मैं पहली ट्राई करती हूं" यह बोलकर उन्होंने लाला का अंडरवियर निकाल दिया और लंड देख बोली...

“ओह…” आगे का नज़ारा देख कर सलमा पीछे हट गई, वो लंड नहीं था, महालंड था, उसकी कोहनी जितना बड़ा और कलाई से भी ज़्यादा मोटा, ऐन तना हुआ … सुपारा संतरे जितना मोटा था और उसकी लम्बाई ख़त्म ही नहीं होती थी।

सलमा लंड देख भौंचक्की रह गयी, पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी थी। लगा शायद उसने बड़ी ग़लती की है।

सलमा उसको देखते देखते नंगी बेड पर बैठने ही वाली थी कि उसने अपने हाथ सलमा की गांड के नीचे रख दिया और कहा- क्या हुआ भाभी? इतना बड़ा देखा नहीं था पहले कभी?

सलमा ने उसको देखते हुए ही जवाब दिया- देखना तो क्या सोचा भी नहीं था, मैं नहीं ले पाऊँगी इसे। उसने पॉर्न में ही इतना बड़ा लंड देखा था पर सच में इतना बड़ा देख सलमा हैरान थी , उसने पॉर्न में देखा थी की लड़किया बड़े लंड के साथ कितने मजे लेती तहि इसलिए आज वो बड़े लंड से चुदनवाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती थी ।

लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी तेरे जैसी चूतों के लिए ही बना है ये, एक बार ले लिया तो सारी दुनिया छोड़ने के लिए तैयार हो जाओगी। तुझे इसी की ज़रूरत है।

सलमा–अरे बाप रे यह तो बहुत बड़ा है मैं नहीं ले पाऊंगी इतना बड़ा तुम्हारे भाई का इतना बड़ा नहीं है और ना ही इतना मोटा है।

हाये लाला इत्ना बड़ा भी होता है क्या ” सलमा ने लाला का बड़ा लंड देखकर हैरान होकर बोली।

“अरे बिलकुल होता है, तुमने नही देखा कया” लाला ने कहा।

“नही” सलमा ने जवाब दिया। दरसल सलमा ने कभी इतना बड़ा लण्ड नही देखा था उसने तो बस अपने शौहर की छोटी बच्चो जेसी लुल्ली देखी थी तो उसे यकीन करना बहुत मुस्किल था के इतना बड़ा लण्ड भी होता है।

“बोल ना सलमा लेगी कया इतना बड़ा, मजा आ जायेगा” लाला ने बोला।

“ले तो लुंगी लेकिन मुझे डर लग रहा है किसी को पता चल गया तो” सलमा हिचकिचाते हुये बोली।

“अरे किसी को पता नही चलेगा, बात हम दोनो के बीच रहेगी तू किसी को बतायेगी क्या मैं तो नहीं बताने वाला फिर कैसे पता लगेगा ” लाला ने बोला ।

लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी आगे तेरी मर्ज़ी अगर नहीं तो ना सही मैं चला जाता हूँ, जबरदस्ती से नहीं लेता मैं किसी की।

यह कहकर उसने अपना लण्ड अंडरवियर के अंदर करना चाहा, मगर सलमा ने उसे रोक लिया और कहा- लाले रुक जा ज़रा देख तो लेने दो!

और सलमा उसके पास चली गयी। लंबाई नापने लगी तो पता चला के उसकी कलाई से लेकर कोहनी जितना लंबा था। डरते डरते हाथ लगाया और पकड़ा; एकदम गर्म; जब अपने हाथ में ठीक से पकड़ा तो पता चला कि हाथ में होने के बावजूद भी उसकी चार उंगलियों जितना मोटा है। सलमा पंजाब के मलेरकोटले की सोनी मुटियार उसे देखती रही और हौले हौले हिलाने लगी। सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।

कड़ा गर्म मुस्ल की तरह सख्त महालँड चूत पर फिराते फिराते सलमा को भयंकर आनंद मिल रहा था।

लाला का लंड जो की खड़ा होके बंबू बन गया था, लाला उसे सलमा के होठ के पास लेके गया और वह धीरे-धीरे चूमने लगी और लंड का टोपा अंदर लेने लगी सलमा का यह पहली बार था इसीलिए वह ज़्यादा अच्छे से चूस नहीं पा रही थी और 5 मिनट के बाद लाला बोला "छोड़ दो सलमा आओ अब तुम्हारी चूत में लंड डालने का टाइम आ गया है।"

यह बोलकर लाला ने उनको बेड पर लिटा दिया और लंड चूत में रगड़ने लगा और ऐसा करते ही सलमा ख़ुद लंड को हाथ में लेके चूत के छेद में सेट करने लगी।

सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।

यह देख कर लाले ने कहा- लेना है?

“हां, अभी।”

“दर्द बर्दाश्त कर लोगी, देख लो, इसके बाद तुम्हें सिर्फ मैं ही तृप्त कर सकता हूँ, मेरे यार के लिए तो अब तुम गयी समझो , अब भी मौका है सोच ले ?”

“हां, डाल दो प्लीज, ये बहुत बड़ा है, तू चक्क दे फट्टे लाले , वेखि जाएगी।”

“ठीक है, तैयार हो जा, बहुत हिम्मत करनी पड़ेगी, हार न मान लेना, नहीं यो बहुत दर्द होगा।”

यह कहते ही उसने सलमा की बिलबिलाती चूत पर अपना महालंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। सलमा ने चादर को मुट्ठियों से भींच लिया था, आज तक असलम ने उसकी ऐसी हालत नहीं की थी।

लेकिन उसका नाम भी सलमा था और उसने मैदान नहीं छोड़ा। पूरा ज़ोर लगा के पंजाबी में बोली- आजा लाले , आज तैनू भी लग्ग जाऊ पता, कीहदे नाल वाह पिया है। (आ जा लाले , आज तुझे भी लग जायेगा पता किसके साथ पाला पड़ा है।)

दरअसल सलमा शेखी ही मार रही थी क्योंकि लाला को पता था कि अब सलमा के हाथ में कुछ नहीं है। अब जो करना था लाला के शेर नाग को ही करना था।

इस बार लाला ने सलमा कि गांड के नीचे तकिया लगाया उसे थोड़ा ठीक करके उसने सलमा की टाँगें मोड़ लीं, अब चूत छत की तरफ पूरी तरह उठ चुकी थी और उसका सुपारा सलमा की चूत में अटका हुआ था।

चूत फुरि हद्द तक फैली हुई थी और सलमा मैं हैरान-परेशान थी कि अब क्या होगा।

अचानक वो बोला- लो भाभी अब झेलो !

यह कहते ही उसने एक तेज़ घस्सा मारा और उसका 12 इंची लंड 8 इंच तक अंदर धस गया; सलमा के होश फाख्ता हो गए; बहुत जोर के साथ “ईं…” निकली . आह बहुत दर्द हो रहा है लाले कितना डाल दिया ?

सलमा रानी इससे पहले तेरी चूत में बस 4 इंच तक ही गया था, इसके आगे तू कुंवारी है, इसलिए तुझे दर्द हो रहा है और अभी पूरा नहीं गया है !”

सलमा की आँखों में आंसू थे, सीने में दर्द, लेकिन उसने भी हार नहीं मानी- लाले … मर जाएगी, मलेरकोटले की पंजाबन हूँ हार नहीं मानूंगी , डाल दे और, लेकिन धीरे-धीरे, फिर इतना लंबा और मोटा कभी लिया भी नहीं।

“कोई बात नहीं सलमा रानी , अब लेगी भी पूरा अंदर तक और फिर चल के फुद्दी देने भी आया करोगी लाले के पास , मेरा वादा है, जितनी मर्ज़ी पाबंदी लग जाये तुझ पर, अब तू लाले के बिना नहीं रह पाएगी। चल दिखाता हूँ तुझे क्या हुआ है ” कह के लाला ने अपना फोन उठा कर नीचे की एक फोटो खींची और सलमा को दिखाई।

सलमा को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसकी की ही चूत है। फुद्दी लण्ड पर रबड़ की तरह किसी हुई थी ।
“कैसे लगी?” उसने पूछा।

“हां, लाला आज तो गयी मैं।” सलमा की आंखों में आँसू आ गए और बस इतना ही कह पायी थी कि उसने एक ऐसा घस्सा मारा, जिससे सलमा के वजूद की जड़ें हिल गयीं, मुँह ऐसे खुल गया जैसे उबासी ले रही होऊँ।

लंड 10 इंच तक घुस गया था। पर अब सलमा के मुँह से आवाज भी नहीं निकली , लंड के साथ आवाज भी नीचे चली गयी थी . हवा ाटइट थी सलमा की .

लौड़ा इतनी दूर तक भी जा सकता है वो सलमा को उस दिन पता चला था। और यह घस्सा मार के लाला 5-7 मिनट रुका रहा और सलमा के होंठ पीता रहा, ऊपर से नीचे तक हाथ फेरता रहा। कौन सा हिस्सा था े जिस्म का जिस पर उसने हाथ न फेरा हो। सलमा मधहोश थी . आधी बेहोश जैसी .

जब कुछ होश आया तो हाथ नीचे ले गयी लंड खुन्ते की तरह गड़ा हुआ और अभी भी बाहर था और उसकी बड़ी गेंदे गनंद छू रही थी . सलमा बोली- हां लाला जी , अभी भी बाकी है अब पूरा तो डाल दे, ये सलमा ऐसे हार नहीं मानेगी, जब नाज पैदा हुई थी बड़ा दर्द हुआ था डाक्टर ने कहा था ऑपरेशन कर दूँ ! मैंने कहा था नहीं डाक्टर साहब. ऐसे ही पैदा होने दो मेरी बच्ची और मैंने नार्मल डिलीवरी करवाई थी . आज भी उतना ही दर्द हुआ है , तब झेल गयी थी आज भी झेल लुंगी . अब लाले कर दे पूरा कम , अब मेरी आह भी नहीं निकलेगी .

कह के सलमा चूत को अपनी पूरी ताकत इकट्ठी करके उसके खंभे के गिर्द घुमाया। वो यह देख कर लाला हैरान रह गया और इस बार उसन सलमा की टाँगें और चौड़ी कर लीं और उन्हें मोड़ कर पूरा लंड भर निकाल के एक ऐसा झटका मारा कि चूत से खून की धार बह निकली। पर सलमा सच में हिम्मत वाली निकली. वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा ले रही थी और ऐसा ही मेरे साथ उस पहली चुदाई में अनु ने किया था ।

और फिर क्या किया … डीज़ल इंजन के पिस्टन के तरह घस्से मारने लगा। तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी- फड़च, फड़च, फड़च, फड़च, फड़च…वह मज़ा और दर्द दोनों से ।

उसे तड़पड़ा देख जब लाले ने ओंठ छोड़े , लाला ज़ोर जोर से धक्का मारने लगा और कुछ टाइम बाद सलमा को भी मज़ा आने लगा और वह भी अब गांड उठा-उठा के हर धक्के का जवाब दे रही थी अब वह बिलकुल खुल गई थी।

सलमा की चूत अब लाले के 12 इन्च लण्ड लेने के लिए खुल चुकी थी। लण्ड को पुर चुत मे उतार लाले ने सलमा के मम्मे पकड लिये और जोर जोर से झटके मारने लगा। सलमा भी वाह लाला वाह लाला जी कहती हुई लाले के लण्ड का मजा लेने लगी।

सलमा– वाह लाला वाह लाले बहुत मज़ा आ रहा है।

पूरा रूम में फच-फच की आवाज़ हो रही थी लगभग 15-20 मिनट की चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ गए लाला उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया था और फिर चूत से माल टपक रहा था। अब दोनों एक दूसरे से लिपट के किस करने लगे और सलमा को लगा की अब उनकी बेटी नाज़ उठने वाली है क्योंकि नाज़ अब करवट ले रही थी, सलमा ने उधर इशारा किया और लाला की तरफ़ उनकी धोती फेंकी, फिर लाला जी ने समय की नज़ाकत समझी, उठे अपने कपड़े पहने और जल्द ही फिर मिलने का सलमा से वादा कर अपने खेतो की तरफ़ चले गए ।


पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
 
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