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Adultery पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना

aamirhydkhan

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कहानी "पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना: गौरव कुमार की है

मेरा नाम गौरव कुमार है। मैं, कपूरथला, पंजाब का रहने वाला हूँ। हमारा आड़त का काम है यानी हम किसान और सरकार मे बीच मे फसल का लेंन देंन का काम करते है। अब मे पंजाब से हूँ तो बता दूं के यहा की दो चीजें बहुत मशहूर है, एक पटियाला पेग ओर दुसरी पंजाबन जट्टीयां। हमारा किसानो के साथ आना जाना लगा रहता है तो किसी ना किसी जट्टी के साथ भी बात बन जाती है। आज एसी ही कहानी लेकर आया हूँ। तो कहानी आरंभ करते है।


SARBI
 
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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–24

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि मेरी क्लासमेट मेरे घर आयी और मैंने और उसके कुंवारी चूत की चुदाई की। अब आगे।

जब मैं अनु की चुदाई कर रहा था और जैसे अनु बात कर रही थी वैसे मेरे चच्चा के दोस्त की बीवी सलमा बात करती थी। आज उसकी कहानी बताता हूँ।

ये बात 2 साल पहले की है तब मेरी उम्र 18 साल की थी और हाँ कहानी की असली किरदार है मेरा चच्चा के ` सबसे अच्छे दोस्त की पत्नी जिनका नाम सलमा है उस समय उनकी उम्र लगभग 35 साल के अंदर होगी और उनका फिगर 34-32-36 है मम्मे एकदम गोल और उनका जिस्म पूरा शेप में और टाइट है और गांड थोड़ी उभरी है। गाँव में किसी को चाचा और किसी को मासी किसी को बुआ ही कह कर बुलाता था। चुकी सलमा मेरे चाचा बनवारी लाल के दोस्त असलम की बीबी थी इसलिए उन्हें चाची कहता था।

जब चलती है तो उनकी गांड हल्की-हल्की इस तरफ़ और उस तरफ़ होती है उफ्फफ्फ्फ़ आप समझ सकते हो कितनी मस्त फिगर है मेरे लंड का साइज 9 इंच है और मोटा भी ठीक ठाक है जो किसी को भी सेटीस्फाइ कर सकता हूँ अब मैं असलम चचा की फॅमिली के बारे में बता दू।

से 3 साल पहले की है तब मेरी उम्र 19 साल की थी और हाँ कहानी की असली किरदार है सलमा उनकी उम्र लगभग 35 साल के अंदर होगी और उनका फिगर 34-32-36 है मम्मे एकदम गोल और उनका जिस्म पूरा शेप में और टाइट है और गांड थोड़ी उभरी है।

जब चलती है तो उनकी गांड हल्की-हल्की इस तरफ़ और उस तरफ़ होती है उफ्फफ्फ्फ़ आप समझ सकते हो कितनी मस्त फिगर है मेरे लंड का साइज 9 इंच है और मोटा भी ठीक ठाक है।

हमारे घर से कुछ दूर ही असलम चाचा का अपना एक घर है जहा वे लोग रहते है चाचा के परिवार में चाचा है और उनकी वाइफ यानी चाची सलमा और उनकी एक 3 साल का बेटी. उनका उम्र लगभग 40 साल होगी। मेरी चचा की बेटी नाज़ से बहुत अच्छी बनती थी।

मैं बारहवीं का एग्जाम देने के बाद मेडिकल के प्रवेश परीक्षा नीट की त्यारी कर रहा था और तब मेरे कॉलेज में अभी दाखिला नहीं हुआ था और छुट्टी चल रही थी एक दिन सुबह मैंने सोचा क्यों ना अपनी चाची की छोटी बेटी के साथ थोड़ा खेल के आता हूँ तो मैंने अपने चाचा से कहा मैं नाज़ के पास जा रहा हूँ तब चाचा ने कहा मुझे भी असलम से कुछ काम है चल मैं भी चलता हूँ, जैसे मैं गया तो मैंने देखा नाज़ सो रही है और मैं वापिस आ गया पर डोर ओपन था और चाचा बनवारी लाल अंदर चले गए और उन्होंने चाचा असलम और चची सलमा को बाते करते हुए सुना। चाचा वही खड़े हो कर चाचा असलम और चची सलमा को बाते सुनने लगे।

सलमा चाची–आप ना कल से रात में मुझे सेक्स करने के लिए मत बोलना!

चाचा असलम–क्यों?

चाची सलमा–आप तो 5 मिनट में सब मज़ा ख़राब कर देते हो और सुबह-सुबह मुझे नहाना धोना करना पड़ता है।

चाचा असलम–तो मैं क्या करू काम से बहुत थका हुआ रहता हूँ इसीलिए ...

यह बोलके चाचा पीछे से चाची की गांड के साथ उनके मम्मे दबाने लगे उतने में चाची सलमा–हल्की-सी अह्ह्ह्हह की आवाज़ निकाल के बोली रहने दो। काम से आ के करना अभी काम पर जाओ!

फिर चाचा असलम अपने काम निकल गए और चाचा वहीँ छुप गये और देखा चाचा असलम अपने काम पर निकल गए। चाची दरवाज़ा बंद करके अपने रूम की तरफ़ जाने लगी चाची को पता नहीं था कि घर में चचा बनवारी भी हैं। फिर सलमा चाची फ़ोन में वीडियो देखने लगी और फिर अपनी नाइटी उतारने लगी और बनवारी चाचा जल्दी से सलमा अचछी की वीडियो रिकॉर्ड करने लगा, सलमा चाची अपनी नाइटी के अंदर हाथ डाल के अपनी चूत को रगड़ रही थी और फिर जब उन्होंने अपनी टांगे खोली तो उनकी चूत देख के चाचा की आंखें खुली रह गई क्या ख़ूबसूरत नज़ारा था हल्के-हल्के बाल और छोटा-सा एक छेद जिसमे वह उंगली कर रही थी।

फिर बनवारी चाचा अचानक से सामने आ गया और बोला–यह क्या कर रही हो भाभी?

तो वह एकदम से दंग रह गई और जल्दी से पास में से चादर लेके लपेट ली और बोलने लगी अरे लाला तुम कब आए और वह घबरा के कहने लगी। सलमा चाची–प्लीज लाला जी यह सब किसी को मत बताना प्लीज।

तो लाला बोला मैंने तो वीडियो भी रेकॉर्ड कर लिया अब क्या होगा?

चाची–प्लीज वीडियो डिलीट कर दो और मुझे माफ़ कर दो आइंदा से यह सब कभी नहीं करूंगी क़सम से।

लाला–मैं तो यह असलम को दिखाऊंगा आप उन्हें धोखा दे रहे हो छी!

सलमा–तो मैं क्या करूं जब से नाज़ हुई है वह मुझे बिलकुल भी टाइम नहीं देते है और जब करते है तो 5-6 मिनट करके ही सो जाते है मुझे भी तो संतुष्टि चाहिए।

लाला–तो इसका मतलब आप यह सब कर लोगी छी आप सोच भी कैसे सकती है यह सब।

सलमा–तो और मैं क्या करती बोलो इन से तो मैं इस पर बात भी करती हूँ तो कहते है मैं थका हुआ हूँ, फिर कभी बात करेंगे? मेरी भी ज़रूरत है पर उन्हें मेरा कुछ भी ख़याल नहीं है।

लाला–अरे तो मैं हूँ ना अबसे आपको यह सब करने की ज़रूरत नहीं है।

चाची–पागल हो गए हो क्या तुम लाला तुम उनके दोस्त हो, तुम्हारे साथ यह सब नहीं, नहीं।

लाला–तो ठीक है भाभी मैं यह वीडियो असलम को दिखा दूंगा।

चाची–नहीं, नहीं ऐसा मत करना प्लीज!

फिर क्या फिर लाला जल्दी से बेड के ऊपर गया और पागलो की तरह सलमा चाची के होंठ को चूसने लगा, पहले-पहले तो वह उनका साथ नहीं दे रही थी मगर 2-3 मिनट बाद वह भी उनका साथ देने लगी। फिर लाला ने चादर को उनके बदन से हटा दिया वह अब सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और लाला कभी उनके होठ कभी गर्दन चूसने लगा।


पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
बडा ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–27

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे चाचा लाला बनवारी लाल ने अपने दोस्त की बीवी सलमा की अपने बड़े लंड से जबरदस्त चुदाई की। अब आगे।

उस शनिवार इतवार हमारी पहली चुदाई के बाद जब अनुपमा हॉस्टल वापिस अपने कमरे में पहुँची तब अनुपमा लंगड़ा आकर चल रही थी । उसकी तीन सहेलिया जो उसके साथ हॉस्टल रूम शेयर करती थी उन्होंने उसे पकड लिया और उससे पूछा लंगड़ा कर क्यों चल रही है तब अनुपमा ने बहाना बनाया गिर गयी थी । फिर पूछा-दो दिन कहा रही किसके साथ रही ।

अनुपमा ने उन्हें कुछ नहीं बताया तब उसकी रूम पार्टनर्स जो उसकी अच्छी सहेलिया थी, उन्होने उसी नंगी कर दिया, अनुपमा के बदन पर मेरे चूमने चाटने, काटने से निशाँन बने हुए थे, चूत सूज कर फूली हुई थी और नहीं सोने के कारण आँखे सूजी हुई थी और नींद के नशे में थी । अनुपमा बड़े लंड से चुदने के कारण चूत के होंठ जो पहले चिपके हुए थे अब अलग-अलग थे ।

आखिरकार जब लड़कियों ने उसे नहीं छोड़ा और पीछे ही पड़ी रही तब उनमे से एक ने कहा, मुझे लगता है ये आजकल अपने जिस बॉयफ्रेंड के साथ घूम रही है उसी से मिल कर आयी है और उसे धमकाया कि वह अगर ये राज उनके साथ शेयर नहीं करेगी तब वे ये बात उसके मंगेतर और घरवालों को बता देंगी । उनसे ये वादा लेने के बाद की ये राज वह किसी को नहीं बताएंगी, उसने उन्हें बताया की वह मेरे साथ थी । अब लड़किय ने उसे अपने कौमार्य खोने और बॉयफ्रेंड मिलने की और पहली चुदाई की बधाई दी ।

तब लड़कियों ने उससे सारी बात तफ्सील से बताने के लिए कहा । अनुपमा ने अब उनसे वादा किया की रात में पूरी बात तफ्सील से बतायेगी अभी उसे नींद आ रही है फिर लड़कियों न उसे उस शाम में आराम करने दिया और रात में अनुपमा ने उन्हें सारी बाते, हमारी पहली मुलाकात से लेकर चुदाई की बाते बतायी, जिसे सुन बाक़ी तीन लड़किया जिनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था अपनी चूत में ऊँगली करने लगी ।

लड़कियों ने उससे पूछा की उसने कितनी बार चुदाई करवाई, तब अनुपमा ने शर्मा कर सर झुका लिया ।

तब एक ने कहा दो बार, अनुपमा ने ना में सर हिला दिया, दूसरी ने पूछा तीन बार फिर अनुपमा ने ना में सर हिलाया, तीसरी के कहा क्या चार बार?, अनुपमा ने अब नहीं कहा तो तीन ने एक साथ पूछा तो क्या पांच बार? अनुपमा ने शर्मा आकर उन्हें उन सभी आसनो के बारे में बताया जिनमे हमने चुदाई की थी । सब लड़किया आहे हाये करने लगी ।

फिर एक लड़की ने अनुपमा से कहा । यार ये बता की तेरे यार गौरव का लंड कितना बड़ा है ।

जब अनुपमा शर्मा गयी और नहीं बोली तब दूसरी ने हाथ के इशारे से आधा हाथ की मुट्ठी बना पूछा इतना, दूसरी ने उससे बड़ा पूरा हाथ कर पूछा इतना और तीसरी ने मुठी और हाथ सीधा कर दिया तब अनुपमा ने तीसरी के हाथ पर अपनी उंगलिया लगा कर मेरे लंड का साइज बता दिया और दसरे हाथ गोल कर मोटाई बता दी अब लड़किया हाय इतना बड़ा मैं तो मर ही जाती कह बिस्तर पर गिर गयी । और फिर अनुपमा को बधाई देती हुई चूमने लगी ।

फिर एक ने कहा अरे तूने अपने बॉय फ्रेंड से शर्त लगायी थी तुझे उठाने की और वह जीत गया, अब हमे उससे कब मिलवा रही है।

अनुपमा ने कहा वह मज़ाक चल रहा था, मैं उसे अपने पास बुलाने के लिए उकसाने के लिए ये सब कर रही थी । इस पर सब उससे मेरे साथ मिलवाने की जिद्द करने लगी फिर कुछ कस्मो और वादों का दौर चला और अनुपमा ने उनसे कहा वह मुझसे मिल कर आगे का प्रग्राम बनाती है ।

अगले दिन हम कालेज में मिले और क्लास ख़त्म होते ही जब मैं घर पहुँचा कुछ देर बाद अनुपमा मेरे घर आ गयी, मैंने दरवाज़ा खोला और अनुपमा मूझसे लिपट गयी और बोली, काके! तूने क्या कर दिया मेरा तेरे से मिलने का बहुत दिल कर रहा था, मुझ से रहा नहीं गया और मैं आ गयी ।

मैंने उसे उठाया और बेडरूम में ले गया वह मेरे साथ चिपक गयी और हम लोगों के बीच बातें शुरू हो गयी। बातें करते-करते किस शुरू हो गयी, जो काफ़ी देर तक चली। किस करते हुए, जब मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था। तो मुझे उसकी बूब्स के बीच की लकीर दिखाई दी। कितने बड़े और कसे बूब्स थे उसके. अचानक से मेरे हाथ उसके बूब से टच हुआ, तो मैंने उसको सॉरी बोला। वह मुस्कुराकर बोली–इट्स ओके तुम्हारे हैं और मैंने अब उसे चूमते हुए उन्हें दबा दिया ।

फिर हमने कुछ खाने का आर्डर दिया फिर हमने खाना खाया। मैंने उसे एक कुर्ती गिफ्ट की, जो उसे काफ़ी पसंद आई. उसने मुझे किस किया और थैंक्स बोला। तब उसने मुझे एक रिटर्न गिफ्ट दिया। वह एक शर्ट थी, जो बहुत ही अच्छी थी। उसने बोला–मुझे डाल कर दिखाओ.

मैंने उसे बोला–कि पहले तुम डालो।

उसने मुझे शर्ट पहनाया। तब मैंने भी ज़िद की कि वह भी मेरे सामने ही चेंज करे। पहले तो वह गुस्सा हुई और फिर थोड़ी देर बाद मान गयी। फिर उसने मेरा मुह दूसरी तरफ़ कर दिया और चेंज करने लगी। वह एक रेड कलर की कुर्ती थी और वह उसमे बहुत स्मार्ट लग रही थी। मैं उसे किस करने लगा और उसने उसके बाद, मुझे टाइट हग किया। मैंने भी उसकी अपनी बाहों में जकड लिया। हम दोनों के लिप्स आपस में मिल गये और हम दोनों एक दुसरे को वाइल्ड किस कर रहे थे।

उसके बाद मैंने किस करते-करते अपना शर्ट उतार दी हम दोनों बहुत ज़ोर से किस कर रहे थे और अब मैं उसको उठाकर बेड पर ले गया। उसकी बॉडी से अलग-सी खुशबु आ रही थी। मैं उसके गले पर किस कर रहा था और वह मेरे बालो में हाथ फेर रही थी। फिर मैं उसकी कुर्ती भी उतारने लगा। पहले वह मना कर रही थी, पर मैंने झटके में उसकी कुर्ती और लेगिंग उतार दी। अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्लैक ब्रा और पेंटी में थी। आज क्या क़यामत लग रही थी...बहुत ही गरम और सेक्सी थी। जैसे ही मैने उसके बूब्स को अपने हाथो में लिया, उसके मुह से मोअन की आवाज़ आई आहाहहः ऊऊऊऊ!

मैंने उसकी ब्रा निकाल दी। क्या मस्त और मोटे-मोटे बूब्स थे उसके और उनपर पिंक निप्पल तो ग़ज़ब ढा रहे थे। अब मैंने उसके बूब्स को मुह में लेकर चूस रहा था। उसके निप्पल बहुत हार्ड और इरेक्ट लग रहे थे और वह भी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश कर रही थी।

मैंने अपनी जीन्स और अंडरवियर एक साथ उतार दिया। मेरा लंड किसी आयरन रोड की तरह खड़ा था और उसने मेरे लंड को अपने हाथो में कस लिया। मैं उसके बूब्स को मस्ती में चूस रहा था और उसके बूब्स को चूसते-चूसते मैं उसकी नेवल पर आ गया और वहाँ से नीचे जाते हुए उसकी पेंटी के पास आ गया। उसकी पेंटी बिलकुल गीली थी और जैसे ही, मैंने उसकी पेंटी के ऊपर अपना मुह रखा, तो उसके मुह से बहुत तेज अहहहहः की आवाज़ निकली और उसके बाद मैंने उसकी पेंटी निकालकर फेंक दी।

उसकी चूत पूरी क्लीन शेव थी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गये और उसने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसको अच्छे से चूस रही थी। मैं उसका पूरा पानी पी गया और जब मैं डिस्चार्ज होने वाला था, तो मैंने उसको बोला। उसने कहा–पूरा पानी मेरे मुह में ही छोड़ दो। तो मैंने अपना पूरा पानी उसके मुह में छोड़ दिया और डिस्चार्ज हो गया।

फिर एक जोरदार लिप किस किया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा। उसकी चूत बहुत टाइट थी और मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत में अपने लंड को घुसाना शुरू किया। उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर एक शॉट में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसके मुह से हलकी-सी चीख निकली और फिर वह गांड उठा-उठाकर चुद रही थी।

उसे बहुत दर्द हो रहा था पर साथ में मज़ा भी आ रहा था। वह मदहोश होकर अहहहाह आआआआ आआआ ऊऊऊऊऊऊओ की आवाज़े निकाल रही थी। 10 मिनट बाद, मैंने उसको डौगी स्टाइल में किया और मैं उसके पीछे आ गया और एक ही बार में, अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वह चीख पड़ी और बोली–थोडा धीरे। पर फिर उसको मज़ा आने लगा और वह अहहहहः अहहहः ऊऊऊ म्मम्मम्मम्म बस्सस्सस्स-बस्सस्सस्स करने लगी। वह 3 बार डिस्चार्ज हो चुकी थी। मैं भी डिस्चार्ज हो गया और हम दोनों ने एक दूसरे को चाटकर साफ़ किया।

फिर अनुपमा कहने लगी, काके तुझे याद है , शर्त लगाई थी और तू जीत गया था ।

मैं-हाँ, और तूने मुझे सबसे हसीं लड़की से मिलवा भी दिया और उसे किश कर मैंने कहा और मैंने उसे बहुत प्यार भी किया ।

अनुपमा-हाँ और मैंने कहा था तेरी अपनी सारी सहेली से भी दोस्ती करवा दूंगी।

मैंने कहा ठीक है कल कालेज में मिलवा देना ।

अनुपमा-मिलवा दूंगी पर अपने तरीके से । जल्दी क्या है

मैं-ठीक है हजूर जैसे आपका हुकुम । बंदा तो तवाडा गुलाम है, जो तवाडा हुक्म होउ सादे सिर मथे (बंदा तो आपका गुलाम है, जो आपका हुकुम होगा मेरे सिर माथे पर।)

मैं फिर से उसे चूमने लगा और हमने एक बार फिर चुदाई की और फिर अनुपमा हॉस्टल चली गयी ।


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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–26

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे लाला ने अपने दोस्त की बीवी सलमा को पोर्न देखते हुए पकड़ा और मौके का फायदा उठाया। अब आगे।

फिर क्या फिर लाला जल्दी से बेड के ऊपर गया और पागलो की तरह सलमा चाची के होंठ को चूसने लगा, पहले-पहले तो वह उनका साथ नहीं दे रही थी मगर 2-3 मिनट बाद वह भी उनका साथ देने लगी। फिर लाला ने चादर को उनके बदन से हटा दिया वह अब सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और लाला कभी उनके होठ कभी गर्दन चूसने लगा।

जल्दी ही सलमा मदहोश होने लगी थी और हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थी अह्हह्ह्ह उफ्फ्फफ करते हुएफिर लाला चाची सलमा के मम्मे दबाने लगा उफ्फ्फ एकदम टाइट और गोल थे।

लाला–उफ्फ्फ भाभी क्या मम्मे है आपके क्या मज़ा आ रहा है मैं तो दिन भर आज इसे चूसूंगा और मज़े करूंगा।

चाची–तो चूस ना पियो मेरा दूध तुम्हारा भाई (दोस्त) पहले पीते थे अभी उनको और अच्छा नहीं लगता पीने में।

लाला–टेंशन मत लो अबसे मैं इसे कभी नहीं छोडूंगा दिन भर रात भर इससे पीता रहूंगा।

ऐसे करते-करते लाला बनवारी लाल सलमा की नाभी के तरफ़ आया और उनका पूरा जिस्म चाटने लगा। सलमा पागल हुई जा रही थी फिर उन्होने लाला को उठाया और उनका कुरता कर पायजामा निकालने लगी और बोली ।

चाची–आप भाभी बोलना छोड़ो और मुझे सलमा कह के बुलाओ और चोदो मुझे।

लाला–इतनी जल्दी कहाँ मेरी सलमा रानी आज तो मैं तुम्हे चुदाई का असली मज़ा दूंगा।

सलमा–अच्छा वह कैसे?

तो लाला जल्दी से उनकी टांगो को फैला कर अपने मुंह से सलमा की चूत चाटने लगा और दोनों मम्मों को दबाने लगा सलमा चाची की चूत बहुत गीली हो गई थी और फिर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत के अंदर बहार करने लगा और मुंह से अंदर तक चाटने लगा ।

सलमा–उफ्फफ्फ अह्हह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है लाला जी ऐसे करते रहो ऐसा कभी तुम्हारे दोस्त ने ऐसा नहीं किया सच में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

ऐसे करते-करते 2 मिनट के बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं सारा रस पीने लगा फिर लाला उनको किस करने लगा और दूध पीने लगा तो वह कहने लगी।

सलमा–और टाइम मत लगाओ लालजी अपना लंड मेरी चूत में डाल दो अब बर्दास्त नहीं हो रहा है।

तो लाला ने कहा–सलमा रानी पहले मेरा घोड़ा तैयार करो इसे अपने मुंह में लेके चुसो।

तो वह मना करने लगी और बोल रही थी नहीं मैंने कभी नहीं लिया है तो लाला ने थोड़ा ज़ोर दिया तो वह बोली "ठीक है मैं पहली ट्राई करती हूं" यह बोलकर उन्होंने लाला का अंडरवियर निकाल दिया और लंड देख बोली...

“ओह…” आगे का नज़ारा देख कर सलमा पीछे हट गई, वो लंड नहीं था, महालंड था, उसकी कोहनी जितना बड़ा और कलाई से भी ज़्यादा मोटा, ऐन तना हुआ … सुपारा संतरे जितना मोटा था और उसकी लम्बाई ख़त्म ही नहीं होती थी।

सलमा लंड देख भौंचक्की रह गयी, पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी थी। लगा शायद उसने बड़ी ग़लती की है।

सलमा उसको देखते देखते नंगी बेड पर बैठने ही वाली थी कि उसने अपने हाथ सलमा की गांड के नीचे रख दिया और कहा- क्या हुआ भाभी? इतना बड़ा देखा नहीं था पहले कभी?

सलमा ने उसको देखते हुए ही जवाब दिया- देखना तो क्या सोचा भी नहीं था, मैं नहीं ले पाऊँगी इसे। उसने पॉर्न में ही इतना बड़ा लंड देखा था पर सच में इतना बड़ा देख सलमा हैरान थी , उसने पॉर्न में देखा थी की लड़किया बड़े लंड के साथ कितने मजे लेती तहि इसलिए आज वो बड़े लंड से चुदनवाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती थी ।

लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी तेरे जैसी चूतों के लिए ही बना है ये, एक बार ले लिया तो सारी दुनिया छोड़ने के लिए तैयार हो जाओगी। तुझे इसी की ज़रूरत है।

सलमा–अरे बाप रे यह तो बहुत बड़ा है मैं नहीं ले पाऊंगी इतना बड़ा तुम्हारे भाई का इतना बड़ा नहीं है और ना ही इतना मोटा है।

हाये लाला इत्ना बड़ा भी होता है क्या ” सलमा ने लाला का बड़ा लंड देखकर हैरान होकर बोली।

“अरे बिलकुल होता है, तुमने नही देखा कया” लाला ने कहा।

“नही” सलमा ने जवाब दिया। दरसल सलमा ने कभी इतना बड़ा लण्ड नही देखा था उसने तो बस अपने शौहर की छोटी बच्चो जेसी लुल्ली देखी थी तो उसे यकीन करना बहुत मुस्किल था के इतना बड़ा लण्ड भी होता है।

“बोल ना सलमा लेगी कया इतना बड़ा, मजा आ जायेगा” लाला ने बोला।

“ले तो लुंगी लेकिन मुझे डर लग रहा है किसी को पता चल गया तो” सलमा हिचकिचाते हुये बोली।

“अरे किसी को पता नही चलेगा, बात हम दोनो के बीच रहेगी तू किसी को बतायेगी क्या मैं तो नहीं बताने वाला फिर कैसे पता लगेगा ” लाला ने बोला ।

लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी आगे तेरी मर्ज़ी अगर नहीं तो ना सही मैं चला जाता हूँ, जबरदस्ती से नहीं लेता मैं किसी की।

यह कहकर उसने अपना लण्ड अंडरवियर के अंदर करना चाहा, मगर सलमा ने उसे रोक लिया और कहा- लाले रुक जा ज़रा देख तो लेने दो!

और सलमा उसके पास चली गयी। लंबाई नापने लगी तो पता चला के उसकी कलाई से लेकर कोहनी जितना लंबा था। डरते डरते हाथ लगाया और पकड़ा; एकदम गर्म; जब अपने हाथ में ठीक से पकड़ा तो पता चला कि हाथ में होने के बावजूद भी उसकी चार उंगलियों जितना मोटा है। सलमा पंजाब के मलेरकोटले की सोनी मुटियार उसे देखती रही और हौले हौले हिलाने लगी। सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।

कड़ा गर्म मुस्ल की तरह सख्त महालँड चूत पर फिराते फिराते सलमा को भयंकर आनंद मिल रहा था।

लाला का लंड जो की खड़ा होके बंबू बन गया था, लाला उसे सलमा के होठ के पास लेके गया और वह धीरे-धीरे चूमने लगी और लंड का टोपा अंदर लेने लगी सलमा का यह पहली बार था इसीलिए वह ज़्यादा अच्छे से चूस नहीं पा रही थी और 5 मिनट के बाद लाला बोला "छोड़ दो सलमा आओ अब तुम्हारी चूत में लंड डालने का टाइम आ गया है।"

यह बोलकर लाला ने उनको बेड पर लिटा दिया और लंड चूत में रगड़ने लगा और ऐसा करते ही सलमा ख़ुद लंड को हाथ में लेके चूत के छेद में सेट करने लगी।

सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।

यह देख कर लाले ने कहा- लेना है?

“हां, अभी।”

“दर्द बर्दाश्त कर लोगी, देख लो, इसके बाद तुम्हें सिर्फ मैं ही तृप्त कर सकता हूँ, मेरे यार के लिए तो अब तुम गयी समझो , अब भी मौका है सोच ले ?”

“हां, डाल दो प्लीज, ये बहुत बड़ा है, तू चक्क दे फट्टे लाले , वेखि जाएगी।”

“ठीक है, तैयार हो जा, बहुत हिम्मत करनी पड़ेगी, हार न मान लेना, नहीं यो बहुत दर्द होगा।”

यह कहते ही उसने सलमा की बिलबिलाती चूत पर अपना महालंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। सलमा ने चादर को मुट्ठियों से भींच लिया था, आज तक असलम ने उसकी ऐसी हालत नहीं की थी।

लेकिन उसका नाम भी सलमा था और उसने मैदान नहीं छोड़ा। पूरा ज़ोर लगा के पंजाबी में बोली- आजा लाले , आज तैनू भी लग्ग जाऊ पता, कीहदे नाल वाह पिया है। (आ जा लाले , आज तुझे भी लग जायेगा पता किसके साथ पाला पड़ा है।)

दरअसल सलमा शेखी ही मार रही थी क्योंकि लाला को पता था कि अब सलमा के हाथ में कुछ नहीं है। अब जो करना था लाला के शेर नाग को ही करना था।

इस बार लाला ने सलमा कि गांड के नीचे तकिया लगाया उसे थोड़ा ठीक करके उसने सलमा की टाँगें मोड़ लीं, अब चूत छत की तरफ पूरी तरह उठ चुकी थी और उसका सुपारा सलमा की चूत में अटका हुआ था।

चूत फुरि हद्द तक फैली हुई थी और सलमा मैं हैरान-परेशान थी कि अब क्या होगा।

अचानक वो बोला- लो भाभी अब झेलो !

यह कहते ही उसने एक तेज़ घस्सा मारा और उसका 12 इंची लंड 8 इंच तक अंदर धस गया; सलमा के होश फाख्ता हो गए; बहुत जोर के साथ “ईं…” निकली . आह बहुत दर्द हो रहा है लाले कितना डाल दिया ?

सलमा रानी इससे पहले तेरी चूत में बस 4 इंच तक ही गया था, इसके आगे तू कुंवारी है, इसलिए तुझे दर्द हो रहा है और अभी पूरा नहीं गया है !”

सलमा की आँखों में आंसू थे, सीने में दर्द, लेकिन उसने भी हार नहीं मानी- लाले … मर जाएगी, मलेरकोटले की पंजाबन हूँ हार नहीं मानूंगी , डाल दे और, लेकिन धीरे-धीरे, फिर इतना लंबा और मोटा कभी लिया भी नहीं।

“कोई बात नहीं सलमा रानी , अब लेगी भी पूरा अंदर तक और फिर चल के फुद्दी देने भी आया करोगी लाले के पास , मेरा वादा है, जितनी मर्ज़ी पाबंदी लग जाये तुझ पर, अब तू लाले के बिना नहीं रह पाएगी। चल दिखाता हूँ तुझे क्या हुआ है ” कह के लाला ने अपना फोन उठा कर नीचे की एक फोटो खींची और सलमा को दिखाई।

सलमा को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसकी की ही चूत है। फुद्दी लण्ड पर रबड़ की तरह किसी हुई थी ।
“कैसे लगी?” उसने पूछा।

“हां, लाला आज तो गयी मैं।” सलमा की आंखों में आँसू आ गए और बस इतना ही कह पायी थी कि उसने एक ऐसा घस्सा मारा, जिससे सलमा के वजूद की जड़ें हिल गयीं, मुँह ऐसे खुल गया जैसे उबासी ले रही होऊँ।

लंड 10 इंच तक घुस गया था। पर अब सलमा के मुँह से आवाज भी नहीं निकली , लंड के साथ आवाज भी नीचे चली गयी थी . हवा ाटइट थी सलमा की .

लौड़ा इतनी दूर तक भी जा सकता है वो सलमा को उस दिन पता चला था। और यह घस्सा मार के लाला 5-7 मिनट रुका रहा और सलमा के होंठ पीता रहा, ऊपर से नीचे तक हाथ फेरता रहा। कौन सा हिस्सा था े जिस्म का जिस पर उसने हाथ न फेरा हो। सलमा मधहोश थी . आधी बेहोश जैसी .

जब कुछ होश आया तो हाथ नीचे ले गयी लंड खुन्ते की तरह गड़ा हुआ और अभी भी बाहर था और उसकी बड़ी गेंदे गनंद छू रही थी . सलमा बोली- हां लाला जी , अभी भी बाकी है अब पूरा तो डाल दे, ये सलमा ऐसे हार नहीं मानेगी, जब नाज पैदा हुई थी बड़ा दर्द हुआ था डाक्टर ने कहा था ऑपरेशन कर दूँ ! मैंने कहा था नहीं डाक्टर साहब. ऐसे ही पैदा होने दो मेरी बच्ची और मैंने नार्मल डिलीवरी करवाई थी . आज भी उतना ही दर्द हुआ है , तब झेल गयी थी आज भी झेल लुंगी . अब लाले कर दे पूरा कम , अब मेरी आह भी नहीं निकलेगी .

कह के सलमा चूत को अपनी पूरी ताकत इकट्ठी करके उसके खंभे के गिर्द घुमाया। वो यह देख कर लाला हैरान रह गया और इस बार उसन सलमा की टाँगें और चौड़ी कर लीं और उन्हें मोड़ कर पूरा लंड भर निकाल के एक ऐसा झटका मारा कि चूत से खून की धार बह निकली। पर सलमा सच में हिम्मत वाली निकली. वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा ले रही थी और ऐसा ही मेरे साथ उस पहली चुदाई में अनु ने किया था ।

और फिर क्या किया … डीज़ल इंजन के पिस्टन के तरह घस्से मारने लगा। तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी- फड़च, फड़च, फड़च, फड़च, फड़च…वह मज़ा और दर्द दोनों से ।

उसे तड़पड़ा देख जब लाले ने ओंठ छोड़े , लाला ज़ोर जोर से धक्का मारने लगा और कुछ टाइम बाद सलमा को भी मज़ा आने लगा और वह भी अब गांड उठा-उठा के हर धक्के का जवाब दे रही थी अब वह बिलकुल खुल गई थी।

सलमा की चूत अब लाले के 12 इन्च लण्ड लेने के लिए खुल चुकी थी। लण्ड को पुर चुत मे उतार लाले ने सलमा के मम्मे पकड लिये और जोर जोर से झटके मारने लगा। सलमा भी वाह लाला वाह लाला जी कहती हुई लाले के लण्ड का मजा लेने लगी।

सलमा– वाह लाला वाह लाले बहुत मज़ा आ रहा है।

पूरा रूम में फच-फच की आवाज़ हो रही थी लगभग 15-20 मिनट की चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ गए लाला उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया था और फिर चूत से माल टपक रहा था। अब दोनों एक दूसरे से लिपट के किस करने लगे और सलमा को लगा की अब उनकी बेटी नाज़ उठने वाली है क्योंकि नाज़ अब करवट ले रही थी, सलमा ने उधर इशारा किया और लाला की तरफ़ उनकी धोती फेंकी, फिर लाला जी ने समय की नज़ाकत समझी, उठे अपने कपड़े पहने और जल्द ही फिर मिलने का सलमा से वादा कर अपने खेतो की तरफ़ चले गए ।


पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 

aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–28

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड जो मेरे साथ मेरे कालेज में मेरी क्लास में थी उसकी जबरदस्त चुदाई की फिर उसने मुझे अपने वादे के अनुसार अपनी सहेली से मिलवाने के बारे में बताया। अब आगे।

उस समय चंडीगढ़ में हमारे घर के पास ही ढिल्लों अंकल रहते थे और वह मेरे मरहूम पापा के बहुत अच्छे दोस्त थे, ये कोठी भी मेरे पापा को उन्होंने ही खरीदवाई थी ताकि चंडीगढ़ में पापा उसके पास ही रहे। पापा के साथ उनकी मेरे चाचा से भी अच्छी बनती थी । चंडीगढ़ में मेरे वही एकमात्र जानकार थे इसलिए मेरा और मेरे चाचा का उनके घर पर आना जाना लगा रहता था।

इसलिए वह लोग भी हमारे घर पर आते-जाते रहते थे, उनके पांच बच्चे थे। जिनमें तीन लड़कीयाँ और दो लड़के थे और उनके लड़के मेरी उम्र के ही आसपास थे, इसलिए मेरे दोस्त थे। ढिल्लों अंकल की सबसे बड़ी लड़की का नाम अंजू और वह मुझसे उम्र में करीब एक साल छोटी थी,

जब हम छोटे थे तब हम घर-घर खेलते और अंजू सबसे ज़िद कर हमेशा मेरी बीवी बनती, या मैं डाक्टर बनता तब वह मेरी पेशंट बनती और मैं उसके बदन को छू कर उनकी जांच करता, जब हम समय के साथ बड़े हुए तब अंजू बहुत सुंदर निकली और उसका स्वभाव भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और वह मुझसे बहुत ज़्यादा हंसी मज़ाक किया करती थी। मैंने पहले जब मैं नीट की तयारी कर चंडीगढ़ रह कोचिंग ले रहा था, तब कई बार सही मौका देखकर उसके बूब्स, गांड को छुआ, लेकिन वह बस मुस्कुराकर रह जाती, लेकिन मुझे कुछ ना कहती।

धीरे-धीरे हम लोग जवान हो रहे थे और मैं चाचा के साथ चंडीगढ़ वाले घर में रहने लगा । हम लोग उस समय हम छुप्पन छुप्पयि का खेल खेला करते थे और एक दिन हम सभी लोग मिलकर खेल रहे थे। उस समय हम दोनों ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप गये, तो मैंने देखा कि उस कमरे में बहुत ज़्यादा अँधेरा था और अब वह ठीक मेरे आगे खड़ी थी। कुछ देर बाद उसने अपने कूल्हों को पीछे की तरफ़ दबा दिया, जिसकी वज़ह से वह अंजाने में मुझसे एकदम चिपक गई थी।

अब उसकी गांड की गरमी पाकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया, इसलिए मैंने उसको और भी आगे की तरफ़ धक्का दे दिया। मैंने ऐसा करीब चार पांच बार किया और मैंने हिम्मत करके अपने दोनों हाथों को उसके आगे लाकर उसके बूब्स को पकड़ लिया, मेरे दोनों हाथ उसके छोटे आकार के, लेकिन एकदम गोल गरम बूब्स पर थे।

उसकी सांसे ज़ोर से चलने की वज़ह से मुझे उसकी छाती अंदर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी, लेकिन वह मुझसे कुछ नहीं बोली और मैंने उसकी तरफ़ से किसी भी तरह का विरोध ना देखकर तुरंत थोड़ी और हिम्मत करके उसके कपड़ो को झट से ऊपर उठाकर उसके बूब्स को नंगा कर दिया और अब में उसकी छाती को अपनी तरफ़ घुमाकर बूब्स को ब्रा को ऊपर करके बाहर निकालकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने दबाने लगा।

उसके मुहं से सस्स्स्स्स्स्स आईईईइ की आवाज़ निकल रही थी। मैंने करीब पांच मिनट तक उसके बूब्स को बहुत मज़े लेकर चूसा और चूसने की वज़ह से उसको बहुत दर्द हुआ, इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया और उसने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए.

उसके बाद हम दोनों नीचे आ गये और वह मेरी तरफ़ मुस्कुराती हुई अपने घर पर चली गई और में उसके चले जाने के ठीक बाद बाथरूम में चला गया और अब मैंने उसके नाम की मुठ मारी और अपने

खड़े लंड को बैठा दिया, लेकिन उसके बाद मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ चुकी थी कि जब भी मुझे मौका मिलता तो में उसको पकड़कर अपनी बाहों में दबोच लेता और उसके बूब्स को दबा देता था। मैंने उसके साथ यह सब बहुत बार किया और उसने भी धीरे-धीरे अब मेरा साथ देना शुरू कर दिया था, क्योंकि अब शायद उसको भी मेरे साथ मज़ा आने लगा था।

मैं नीट की तयारी चंडीगढ़ में रह कर-कर रहा था और एक दिन हमारी अच्छी क़िस्मत से उसके घरवाले मेरे चचा के साथ फ़िल्म देखने चले गये, लेकिन उनके घर से अंजू और में अपनी पढ़ाई के कारण उनके साथ नहीं गया था, क्योंकि में उस समय अपने घर से बाहर ट्यूशन के लिए गया था और मुझे घर पहुँचने में ज़्यादा समय लगता, इसलिए चाचा मुझसे फ़ोन पर यह बात कहकर चले गए कि हम सभी लोग और अंजू के घर वाले हम सभी फ़िल्म देखने जा रहे है।

जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि अंजू मेरे घर पर बैठी हुई थी। मैंने उससे बिल्कुल अंजान बनकर पूछा कि घर के सभी लोग कहाँ है और वह मुझसे बोली कि वह सभी फ़िल्म देखने गये है। मैंने उससे पूछा कि तुम भी उनके साथ क्यों नहीं गई? तो वह मुझसे हंसकर कहने लगी कि बस ऐसे ही मेरी इच्छा नहीं थी।

तभी मैंने उसके बूब्स को पकड़ लिया और उसको कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा और दबाने लगा, तो वह मुझसे बोली कि तुम ऊपर वाले कमरे में चलो, में घर को ताला लगाकर अभी ऊपर आती हूँ। मैंने उससे बोला कि में भी तुम्हारे साथ चलता हूँ और मैंने एक चादर को उठा लिया, वह जल्दी-जल्दी से अपना काम ख़त्म करने लगी और हम दोनों ऊपर वाले कमरे में आ गए.

मैंने उस चादर को ज़मीन पर बिछा दिया और लेट गया। वह भी मेरे साथ लेट गयी। अब मैंने उसके गुलाबी होंठो को चूमना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि उसको भी अब बहुत मज़ा आ रहा था और वह भी मेरा पूरा-पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसको कपड़े उतारने के लिए कहा, लेकिन वह मना करने लगी। मैंने कहा कि तुम नंगी हो जाओ कुछ नहीं होगा, तुम मेरे होते हुए डरती क्यों हो? वह मुझसे बोली कि ठीक है, में ऊपर वाले कपड़े खोल देती हूँ, लेकिन सलवार नहीं उतारूंगी।

मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है और उसने जैसे ही ऊपर से अपने कपड़े उतारे। मैंने देखा कि उसके छोटी छोटी बूब्स की वह निप्पल एकदम टाईट हो चुकी थी और उसको देखकर मेरा लंड पेंट फाड़ने को तैयार हो गया और जैसे ही में पेंट खोलने लगा तो उसने मुझसे साफ़ मना कर दिया और वह मुझसे बोली कि तुम पूरी पेंट नहीं बस चैन खोलकर उसको बाहर निकाल लो।

अब मैंने उसके कहने पर अपनी पेंट की चैन को खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरा 9.3 इंच का लंड तनकर लोहे के सरीये की तरह खड़ा हो गया था। मैंने उससे बोला कि तुम अब इसको पकड़ लो।

उसने तुरंत मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से पकड़ लिया। जैसे ही उसके हाथों ने मेरे लंड को स्पर्श किया तो में पागल हो गया, जिसकी वज़ह से मेरे लंड ने अब हल्के-हल्के झटके देना शुरू किया और अब मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और में ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स चूस रहा था और वह आआआऊ उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी। अब वह बहुत जोश में आ गई थी और में अब उसकी गरम चूत को सलवार के ऊपर से ही मसलने, सहलाने लगा, जिसकी वज़ह से वह सिसकियाँ लेकर और भी ज़्यादा गरम हो गई.

मैंने जल्दी से अपनी पेंट को उतार दिया और अब में पूरा नंगा हो गया था। मैंने उसको भी नंगी होने के लिये कहा तो वह अब भी मना करने लगी। मैंने उससे कहा कि तुम अपनी सलवार को थोड़ा-सा नीचे ही कर लो, मुझे बस एक बार तुम्हारी चूत को देखना है, प्लीज तुम मुझे उसके दर्शन करवा दो और मेरे बहुत कहने पर वह अब मान गई और उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया।

मैंने जब उसकी चूत देखी तो में बिल्कुल बेकाबू पागल-सा हो गया, क्योंकि उसकी चूत पर बहुत छोटे-छोटे बाल थे और वह बिल्कुल मासूम कली की तरह दिख रही थी, इसलिए उसकी वह कुंवारी चूत मुझे बहुत जोश दिला रही थी, इसलिए अब में उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और उसको सहलाने लगा, जिसकी वज़ह से उसके मुहं से आह्ह्ह्हह्ह हूऊऊह्ह्ह्हह स्सीईईईइ तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज अब अपना हाथ हटाओ वहाँ से आह्ह्हह्ह यह सब ग़लत है। उसके मुहं से ऐसे शब्द निकल रहे थे।

मैंने उससे कहा कि हम दोनों बहुत गरम हो गए है, यह जोश हम दोनों में बराबर है, प्लीज मुझे इसे एक बार प्यार करने दो और उसके बाद में अपनी जीभ से चूत को चाटने लग गया, जिससे वह मज़े से पागल हो गई और नीचे से अपने कूल्हों को उछालने लगी, जिससे में एकदम से रुक गया और अब मैंने उससे कहा कि तुम मेरे लंड को चूसो तो उसने मना कर दिया।

उसकी तरफ़ से ना सुनकर मैंने भी तुरंत उसकी चूत को चाटने से मना कर देने के बाद अंजू मुझसे बोली कि प्लीज और ज़ोर से चूसो ना, मुझे तुम्हारे चूसने से बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और बहुत मज़ा भी आ रहा है, प्लीज एक बार चूस लो। मैंने कहा कि तुम भी मेरा लंड चूसो और में तुम्हारी चूत को चूसता हूँ और अब वह मान गई और कुछ देर मेरे लंड को चूसने के बाद अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. उसके कुछ देर बाद हम दोनों बारी-बारी से झड़ गये।

मैंने उसकी चूत चाटी तो उसने मेरा लंड चूसकर और चाटकर साफ़ किया और वह नीचे चलने की बात करने लगी। तब मैंने उससे बोला कि अभी तो हमने कुछ भी नहीं किया है और अभी तो हमें बहुत कुछ और भी करना है, लेकिन वह नहीं मानी और हम लोग नीचे आ गए और वह उसके बाद अपने घर पर चली गई।

में भी थोड़ी देर तक ऐसे ही इधर उधर घूमता रहा और इतने में हमारे घर वाले भी आ गये थे। मेरी उसको चोदने की ख्वाईश अधूरी रह गई. में बस यही बात सोचता रहा कि अब में उसको कब चोदूँगा और बाद में हमें कभी कोई अच्छा मौका ही नहीं मिलता था, इसलिए में कभी-कभी उसको अकेले में पकड़ लेता था और उसके बूब्स को दबा देता और अपने लंड को उसके हाथ में दे देता, जिससे वह बहुत खुश होकर मेरे लंड को सहलाती और में उसके बूब्स के मज़े लेता।

अनु की चुदाई के दो दिन बाद शाम को करीब 7 बजे उसके घर की तरफ़ से निकला । तभी मैंने उसकी खिड़की की तरफ़ देखा तो वह मेरी तरफ़ इशारा कर रही थी। में उसका वह इशारा समझकर तुरंत चुपके से पड़ोसी की छत से उसकी छत पर चला गया । वह भी कुछ देर बाद मौका पाकर अपनी छत पर आ गयी और वह मुझसे कहने लगी कि आज मेरे घर के सभी लोग मेरे मामा के यहाँ एक पूजा में गए हुए हैं और वह सभी कल तक आ जायेंगे, मैं घर पर में ही अकेली हूँ।

पापा रात को करीब 9 बजे तक घर आयेंगे। मैंने जैसे ही उसकी यह बात सुनी तो मेरे दिमाग़ में उसे चोदने का ख़्याल आया और मैंने समय न गँवाते हुये जल्दी से उसको नीचे उसके घर में ले गया और मैंने छत का दरवाज़ा बंद कर उससे कहा कि आज मुझे अपनी इच्छा पूरी कर लेने दे, वह मुझसे मना कर रही थी।

मैंने उसको चूमना, चाटना शुरू कर दिया, जिसकी वज़ह से वह धीरे-धीरे गरम होने लगी और मैंने कहा कि प्लीज आज मुझे चुदाई करने दो, लेकिन वह अब भी मना करने लगी, तो में उससे बोला कि ठीक है में यहाँ से जा रहा हूँ।

मेरे ऐसा कहने पर उसने मुझे पकड़कर ज़बरदस्ती बेड पर गिरा दिया और कहने लगी कि नाराज हो गये हो क्या? वह मेरे कपड़े खोलने लगी और कुछ ही देर में उसने मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और अब वह अपने कपड़े भी उतारने लगी और देखते ही देखते वह भी अब मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गयी और वह मेरे ऊपर आकर मेरे खड़े लंड को चूसने लगी और उसने अपनी नंगी चूत को मेरे मुहं पर रखते हुए मुझसे कहने लगी कि तुम अब मेरी चूत को चूसो।

मैंने उससे साफ़ मना कर दिया और में उससे बोला कि तुम मेरे चूसने की वज़ह से झड़ जाओगी और उसके बाद तुम मुझे तुम्हारी चूत का मज़ा नहीं लेने दोगी, तुम्हें तो वह मज़ा मिल जाएगा, लेकिन में प्यासा ही रह जाऊंगा।

तब उसने क़सम खाई और वह मुझसे कहने लगी कि आज में तुम्हें तुम्हारी मर्जी से वह सब ज़रूर करने दूँगी, चाहे तुम मेरे साथ कुछ भी करो, कैसे भी करो, में तुम्हें मना नहीं करूंगी। उसकी पूरी बात सुनकर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में मैंने महसूस किया कि उसका तो बहुत बुरा हाल हो गया, वह अपनी गांड को उछालने लगी और ओइईईईईईू ऊऊऊऊहाआं उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और थोड़ी देर बाद वह बिल्कुल शांत हो गई. मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हारी चूत को चोदकर अपने लंड को ज़रूर शांत करूंगा, तो वह मुझसे मना करने लगी।

लेकिन में भी उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा। मेरे यह सब करने की वजह से वो करीब पांच मिनट में दोबारा से गरम हो गयी और इस बार मैंने सोचा कि यही मौका ठीक है, अब में इसको चोद देता हूँ, नहीं तो यह से मना करने लग जाएगी। मैंने उसको सीधा लेटा दिया और में उसके ऊपर आ गया और लंड को उसकी मचलती हुई चूत के छेद पर लगा दिया और चूत के दाने को सहलाने लगा।

अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करना, मेरी चूत में दर्द मत करना। मैंने उससे कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता, बस हल्का सा दर्द होगा, लेकिन तुम बस उसको सह लेना, तुम अपनी तरफ से ज्यादा मत उछलना, तुम्हारे साथ वैसे भी में हूँ ना और मैंने अपने लंड को एक जोरदार धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो दर्द से रोने लगी और वो आईईईईई प्लीज छोड़ दो मुझे उफ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, कसम से में सच कह रही हूँ, प्लीज अब तुम हटो मेरे ऊपर से आह्ह्हह्ह्ह्ह और वो मुझे धक्का देकर अपने ऊपर से हटाने लगी, लेकिन मैं उसको बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था, इसलिए वो कुछ नहीं कर सकी।

कुछ देर में ऐसे ही रहा और उसके बूब्स को लगातार चूसता रहा और कुछ देर बाद जब वो शांत हो गई। मैंने सही मौका देखकर अपने लंड से उसकी चूत पर एक धक्का और लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी उस छोटी सी चूत को चीरता हुआ उसमें समा गया और में कुछ देर तक उसके ऊपर चुपचाप पड़ा रहा और उसके बूब्स को और चूत को सहलाता रहा।

मैंने कुछ देर बाद अपनी तरफ से उसकी चूत में हल्के हल्के धक्के देने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से उसको हल्का हल्का दर्द हो रहा था और इसके बाद भी मेंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देना शुरु कर दिया और मैंने ध्यान से देखा तो अब उसको भी मज़ा आना शुरू हो गया था, क्योंकि वो भी अब अपने चूतड़ को उछालने लगी और लंड के पूरा अंदर जाते ही उसको मज़ा आ रहा था और वो हल्की हल्की आवाज से सिसकियाँ ले रही थी।

मैंने भी अब अपनी स्पीड को बड़ा दिया, जिसकी वजह से वो ना जाने क्या क्या बड़बड़ाने लगी और ज़ोर से धक्का दे, हाँ आज तू फाड़ दे मेरी इस चूत को, दे हाँ और ज़ोर से धक्का दे, तेरे लंड के साथ साथ आज तू मेरी चूत को भी शांत कर दे, वाह मज़ा आ गया और वो बहुत कुछ बोली, जिनको सुनकर में बड़ा हैरान था कि वो एक लड़की होकर मुझे इतनी गंदी गलियां बक रही है और अपनी चुदाई करने के लिए मुझसे कह रही है।


अब में पूरे जोश में आकर लगातार ज़ोर से धक्के लगाता रहा, लेकिन कुछ देर धक्के लगाने के बाद वो झड़ गयी. कुछ देर वो बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और वो कुछ देर बाद मुझसे कहने लगी कि अब बंद करो।

मैंने उससे कहा कि अभी में नहीं झड़ा और तुम्हें मेरे झड़ने तक रुकना होगा और में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसको चोदने लगा, जिसकी वजह से वो एक बार से गरम हो गई और अब वो मेरा साथ देने लगी. कुछ देर धक्के देने के बाद में भी उसकी चूत में झड़ गया और जैसे ही मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसकी चूत से थोड़ा खून और वीर्य बाहर निकल रहा था।


बायोलाजी साइंस का स्टूडेंट होने के कारण मुझे इसका ख़तरा पता था और यह देखकर मैंने उसको एकदम से उठाकर बैठा दिया और उससे कहा कि तुम जल्दी से जाकर अंदर से साफ़ कर के बाथरूम कर लो, नहीं तो कुछ कबाड़ा ना हो जाए और वो जल्दी से उठकर बाथरूम में चली गई और में अपने कपड़े पहनकर सीधा अपने घर आ गया।

पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
 
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aamirhydkhan

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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–29

मेरा पहला सेक्स अनुभव - मेरी पहली चुदाई -1


हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी अपने पापा के दोस्त की बेटी की पहली चुदाई की। अब आगे।

इस बीच कालेज में अनुपमा मुझे रोजाना मिलती रही और हम बिलकुल पहले की तरह व्यवहार करते रहे और जब भी कहीं बिलकुल अकेले होते, हम गले मिल कर किश कर लेते, शुक्रवार की शाम अनुपमा कालेज के हॉस्टल से मेरे साथ मेरे घर आ गयी और हमने उस शाम ख़ूब चुदाई की ।

फिर अनुपमा ने मुझसे क़सम दे कर पूछा: सच बताना गौरव क्या मैं उसकी पहली सेक्स पार्टनर हूँ"। तब मैंने कहा नहीं तब उसने मुझसे अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने के लिए कहा ।

मैंने कहा मेरे माँ बाप की डेथ एक एक्सीडेंट से और गाँव में ठीक से इलाज़ ना मिलने से बहुत पहले हो गयी थी, मेरे चाचा ही मेरे रिश्तेदार हैं और उन्होंने ही मुझे पाला है, मेरी हाई स्कुल तक की पढ़ायी गाँव में हुई है और चाचा मुझे डाक्टर बनाना चाहते है और गाँव में अस्पताल खोलना चाहते थे ताकि और कोई इलाज़ की कमी से जान न गवाए । पर मेरा नीट पास होने के बाद भी मेडिकल में नंबर नहीं आया और मैंने इस कालेज में बीएससी में दाखिला लिया है ।

स्कुल के साथसाथ मैंने नीट की तयारी गाँव में रह कर की पर कामयाब नहीं हुआ क्योंकि गाँव में पढ़ायी का इतना मौहौल नहीं था और बढ़िया कोचिंग भी नहीं मिलती थी, इस दौरान गाँव में मेरे दो दोस्त थे सोमू और टोनी, मैं उनके साथ ही ज़्यादा घूमता और मस्ती करता रहता था ।

सोमू और तनी का एक दोस्त और था पिंकू हमसे एक साल छोटा जिसकी बड़ी बहन का नाम था डेज़ी उसकी उम्र करीब 20 साल थी । डेजी मुझसे 2 साल बड़ी हैं । ये लोग माध्यम बर्गीय पंजाबी जाट हैं और हमारी हवेली के एक हिस्से में रहते हैं ।

उनके दो कमरे और एक किचन, बाथरूम है, पिंकू और डेजी के पापा जिन्हे वे दार जी कहते थे हमारे बहुत पुराने नौकर सुच्चा सिंह के रिश्तेदार है । पिंकू के पिता हमारे खेतो में नौकरी करते हैं और उसकी माँ हमारे घर में । मेरी माँ नहीं है और मुझे पिंकु की माँ ही मेरी बचपन से देखभाल करती रही है और डेजी को मैं अपनी बहन जैसी ही मानता था और उसे बहन-जी कह बुलाता था और चचा ने मुझे बताया था कि डेजी ने ही मेरा प्यार का नाम काका रखा था।

डेजी मुझको बचपन से काके कह कर पुकारती हैं और मैं उनको बहनजी कह कर पुकारता हूँ और बचपन में उससे राखी भी बंधवाता था, शुरू-शुरू में मुझे सेक्स के बारे कुछ नहीं मालूम था। गाँव में-में पढ़ाई में अच्छा था और मेरी उम्र की कोई लड़की मेरे साथ नहीं थी क्योंकि गाँव में लड़कियों का स्कूल सिर्फ़ दसवीं तक ही था, डेजी भी दसवीं तक ही पढ़ी हुई थी, पिंकू हमरे एक क्लास पीछे था। दसवीं तक मुझे सेक्स की बिलकुल भी समझ नहीं थी इसलिए मैंने तब तक सेक्स का मज़ा नहीं लिया था और ना ही मैंने तब तक कोई नंगी लडकी देखी थी हाँ मैं कभी-कभी छिप कर मोबाइल में और कम्प्यूटर में नंगी तस्वीरें देख लिया करता था।

जब मुझे लड़कियों के तरफ़ और सेक्स के लिए रूचि होना शुरू हुआ मेरे नज़रों के आसपास अगर कोई लड़की थी तो वह डेजी ही थीं ।

डेजी की लंबाई करीब-करीब मेरे तरह ही थी उनका रंग बहुत गोरा था और उनका चेहरा और शारीरिक बनावट हिन्दी सिनेमा की एक्ट्रेस परवीन बॉबी जैसा था हाँ उस समय उसकी चूचियाँ परवीन बाबी जैसे बड़ी-बड़ी नहीं थी।

मुझे अभी तक याद है कि मैंने अपना पहला मुठ परवीन बॉबी के लिए ही उसकी फ़िल्म देख कर मारी थी ।

एक रविवार पिंकू के मम्मी पापा खेत में काम करने गए हुए थे जैसे ही डेजी बाथरूम से निकलीं । मेरे बाथरूम में चाचा नहा रहे थी और मैं जिस बाथरूम को डेजी इस्तेमाल करती थी उस बाथरूम में घुस गया क्योंकि मुझे जोरों की पेशाब लगी थी । मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और अपने कपड़े खोलने शुरू किए पेशाब करने के बाद मैं अपने लंड से खेलने लगा।

मेरी नज़र बाथरूम के किनारे डेजी के उतरे हुए कपड़ों पर पड़ी वहाँ पर डेजी अपन कुर्ता उतार कर छोड़ गई थीं जैसे ही मैंने डेजी का कुर्ता एक तरफ़ किया तो देखा की कुर्ते के नीचे ब्रा पड़ी थी जैसे ही मैंने दीदी की काले रंग की ब्रा उठाई तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा मैंने डेजी की पायजामी उठायी तो उसमें से डेजी के गुलाबी रंग का पैंटी भी नीचे गिर गई मैंने पैंटी भी उठा ली अब मेरे एक हाथ में डेजी की पैंटी थी और दूसरे हाथ में डेजी की ब्रा थी।

ओह भगवान डेजी के अंदरूनी कपड़े चूमने से ही कितना मज़ा आ रहा था, मैं सोचने लगा यह वही ब्रा है जिसमें कुछ देर पहले डेजी की चूचियाँ जकड़ी हुई थी और यह वही पैंटी है जो कुछ देर पहले तक उसकी चूत से लिपटी थी यह सोच-सोच करके मैं हैरान हो रहा था और अंदर ही अंदर गरमा रहा था मैं सोच नहीं पा रहा था कि मैं दीदी की ब्रा और पैंटी को लेकर क्या करूं ।

मैंने दीदी की ब्रा और पैंटी को लेकर हर तरफ़ से छूआ सूंघा चाटा और पता नहीं क्या-क्या किया मैंने उन कपड़ों को अपने लंड पर मला ब्रा को अपने छाती पर रखा मैं अपने खड़े लंड के ऊपर उसकी पैंटी को पहना और फिर बाद पहले मैंने डेजी के कुर्ते और पायजामी को बाथरूम के दीवार पर लगे हुक पर टांग दिया।

फिर हेंगर दिखा मैंने हेंगर में कुरता तांगा, फिर कपड़े टांगने वाला पिन लेकर ब्रा को कुर्ते के ऊपरी भाग में फंसा दिया और पैंटी को कमर के पास फंसा दिया अब ऐसा लग रहा था कि डेजी बाथरूम में दीवार के सहारे ख़ड़ी हैं और मुझे अपनी ब्रा और पैंटी दिखा रही हैं मैं झट से जाकर डेजी के कुर्ते से चिपक गया और उनकी ब्रा को दबा कर चूसने लगा और मन ही मन सोचने लगा की मैं डेजी की चूची चूस रहा हूँ।

मैं अपने लंड को डेजी की पैंटी पर रगड़ने लगा और सोचने लगा की मैं डेजी को चोद रहा हूँ, सच में मैं इतना गरम हो गया था कि मेरा लंड फूल कर पूरा का पूरा टनटना गया था और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गया, उस दिन मेरे लंड ने पहली बार अपना पानी छोड़ा था और मेरे पानी से पैंटी और कुरता भीग गया था।

मुझे पता नहीं कि मेरे लंड ने कितना वीर्य निकाला था लेकिन जो कुछ निकला था वह डेजी के नाम पर निकला था मेरा पहले-पहले बार झड़ना इतना तेज था कि मेरे पैर जवाब दे गए मैं पैरों पर ख़ड़ा नहीं हो पा रहा था और मैं चुपचाप बाथरूम के फ़र्श पर बैठ गया थोड़ी देर के बाद मुझे होश आया तो मैं उठ कर नहाने लगा।

नहा कर मुझे कुछ ताज़गी महसूस हुई और मैं फ्रेश हो गया नहाने के बाद मैं दीवार से डेजी का कुर्ता ब्रा और पैंटी उतारा और उसमें लगा अपना वीर्य धोकर साफ़ किया और नीचे रख दिया उस दिन के बाद से मेरा यह मुठ मारने का तरीक़ा मेरा सबसे पसंदीदा हो गया। हाँ मुझे इस तरह से मुठ मारने का मौका सिर्फ़ रविवार को ही मिलता था क्योंकि रविवार के दिन ही मैं डेजी के नहाने के बाद नहाता था।

रविवार के दिन चुपचाप देखा करता था कि कब डेजी बाथरूम में घुसे औरउसके बाथरूम में घुसते ही मैं उठ जाया करता था और जब वह बाथरूम से निकलती तो मैं उसी बाथरूम में घुस जाया करता था। उसके माँ और पिता जी सुबह-सुबह उठ जाया करते थे और जब मैं उठता था तो उसकी माँ रसोई में नाश्ता बनाती होतीं और पापा खेत में जा चुके होते थे या कुछ ना कुछ समान ख़रीदने बाज़ार गए होते थे ।

रविवार को छोड़ कर मैं जब भी मुठ मारता तो तब यही सोचता कि मैं अपना लंड डेजी की रस भरी चूत में पेल रहा हूँ शुरू-शुरू में मैं यह सोचता था कि डेजी जब नंगी होंगी तो कैसी दिखेंगी? फिर जब जीनत अमां की फ़िल्म में उसे अधनंगी देखा उसके बाद से मैं यह सोचने लगा कि डेजी की चूत चोदने में कैसा लगेगा मैं कभी-कभी सपने में डेजी को नंगी करके चोदता था और जब मेरी आंखें खुलती तो मेरा कच्छा भीगा हुआ होता था।

ये सब सुन अनुपमा बोली "हाय गौरव तू कितना ठरकी है, गंदु, अपनी डेजी बहन पर ऐसी नज़र रखता था।"

मैंने कहा अनु सबकी कुछ फंतासी होती है, मेरे आसपास एक ही लड़की थी डेजी और मैं उसके बारे में ही सोचने लगा था । मैंने कभी भी अपनी सोच और अपने सपने के बारे में किसी को भी नहीं बताया था और न ही डेजी को भी इसके बारे में जानने दिया । ये बात मैं आज पहली बार और सिर्फ़ तुम्हे बता रहा हूँ क्योंकि तुमने मुझे अपनी क़सम दी है ।


पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी
 
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पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–27

हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे चाचा लाला बनवारी लाल ने अपने दोस्त की बीवी सलमा की अपने बड़े लंड से जबरदस्त चुदाई की। अब आगे।

उस शनिवार इतवार हमारी पहली चुदाई के बाद जब अनुपमा हॉस्टल वापिस अपने कमरे में पहुँची तब अनुपमा लंगड़ा आकर चल रही थी । उसकी तीन सहेलिया जो उसके साथ हॉस्टल रूम शेयर करती थी उन्होंने उसे पकड लिया और उससे पूछा लंगड़ा कर क्यों चल रही है तब अनुपमा ने बहाना बनाया गिर गयी थी । फिर पूछा-दो दिन कहा रही किसके साथ रही ।

अनुपमा ने उन्हें कुछ नहीं बताया तब उसकी रूम पार्टनर्स जो उसकी अच्छी सहेलिया थी, उन्होने उसी नंगी कर दिया, अनुपमा के बदन पर मेरे चूमने चाटने, काटने से निशाँन बने हुए थे, चूत सूज कर फूली हुई थी और नहीं सोने के कारण आँखे सूजी हुई थी और नींद के नशे में थी । अनुपमा बड़े लंड से चुदने के कारण चूत के होंठ जो पहले चिपके हुए थे अब अलग-अलग थे ।

आखिरकार जब लड़कियों ने उसे नहीं छोड़ा और पीछे ही पड़ी रही तब उनमे से एक ने कहा, मुझे लगता है ये आजकल अपने जिस बॉयफ्रेंड के साथ घूम रही है उसी से मिल कर आयी है और उसे धमकाया कि वह अगर ये राज उनके साथ शेयर नहीं करेगी तब वे ये बात उसके मंगेतर और घरवालों को बता देंगी । उनसे ये वादा लेने के बाद की ये राज वह किसी को नहीं बताएंगी, उसने उन्हें बताया की वह मेरे साथ थी । अब लड़किय ने उसे अपने कौमार्य खोने और बॉयफ्रेंड मिलने की और पहली चुदाई की बधाई दी ।

तब लड़कियों ने उससे सारी बात तफ्सील से बताने के लिए कहा । अनुपमा ने अब उनसे वादा किया की रात में पूरी बात तफ्सील से बतायेगी अभी उसे नींद आ रही है फिर लड़कियों न उसे उस शाम में आराम करने दिया और रात में अनुपमा ने उन्हें सारी बाते, हमारी पहली मुलाकात से लेकर चुदाई की बाते बतायी, जिसे सुन बाक़ी तीन लड़किया जिनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था अपनी चूत में ऊँगली करने लगी ।

लड़कियों ने उससे पूछा की उसने कितनी बार चुदाई करवाई, तब अनुपमा ने शर्मा कर सर झुका लिया ।

तब एक ने कहा दो बार, अनुपमा ने ना में सर हिला दिया, दूसरी ने पूछा तीन बार फिर अनुपमा ने ना में सर हिलाया, तीसरी के कहा क्या चार बार?, अनुपमा ने अब नहीं कहा तो तीन ने एक साथ पूछा तो क्या पांच बार? अनुपमा ने शर्मा आकर उन्हें उन सभी आसनो के बारे में बताया जिनमे हमने चुदाई की थी । सब लड़किया आहे हाये करने लगी ।

फिर एक लड़की ने अनुपमा से कहा । यार ये बता की तेरे यार गौरव का लंड कितना बड़ा है ।

जब अनुपमा शर्मा गयी और नहीं बोली तब दूसरी ने हाथ के इशारे से आधा हाथ की मुट्ठी बना पूछा इतना, दूसरी ने उससे बड़ा पूरा हाथ कर पूछा इतना और तीसरी ने मुठी और हाथ सीधा कर दिया तब अनुपमा ने तीसरी के हाथ पर अपनी उंगलिया लगा कर मेरे लंड का साइज बता दिया और दसरे हाथ गोल कर मोटाई बता दी अब लड़किया हाय इतना बड़ा मैं तो मर ही जाती कह बिस्तर पर गिर गयी । और फिर अनुपमा को बधाई देती हुई चूमने लगी ।

फिर एक ने कहा अरे तूने अपने बॉय फ्रेंड से शर्त लगायी थी तुझे उठाने की और वह जीत गया, अब हमे उससे कब मिलवा रही है।

अनुपमा ने कहा वह मज़ाक चल रहा था, मैं उसे अपने पास बुलाने के लिए उकसाने के लिए ये सब कर रही थी । इस पर सब उससे मेरे साथ मिलवाने की जिद्द करने लगी फिर कुछ कस्मो और वादों का दौर चला और अनुपमा ने उनसे कहा वह मुझसे मिल कर आगे का प्रग्राम बनाती है ।

अगले दिन हम कालेज में मिले और क्लास ख़त्म होते ही जब मैं घर पहुँचा कुछ देर बाद अनुपमा मेरे घर आ गयी, मैंने दरवाज़ा खोला और अनुपमा मूझसे लिपट गयी और बोली, काके! तूने क्या कर दिया मेरा तेरे से मिलने का बहुत दिल कर रहा था, मुझ से रहा नहीं गया और मैं आ गयी ।

मैंने उसे उठाया और बेडरूम में ले गया वह मेरे साथ चिपक गयी और हम लोगों के बीच बातें शुरू हो गयी। बातें करते-करते किस शुरू हो गयी, जो काफ़ी देर तक चली। किस करते हुए, जब मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था। तो मुझे उसकी बूब्स के बीच की लकीर दिखाई दी। कितने बड़े और कसे बूब्स थे उसके. अचानक से मेरे हाथ उसके बूब से टच हुआ, तो मैंने उसको सॉरी बोला। वह मुस्कुराकर बोली–इट्स ओके तुम्हारे हैं और मैंने अब उसे चूमते हुए उन्हें दबा दिया ।

फिर हमने कुछ खाने का आर्डर दिया फिर हमने खाना खाया। मैंने उसे एक कुर्ती गिफ्ट की, जो उसे काफ़ी पसंद आई. उसने मुझे किस किया और थैंक्स बोला। तब उसने मुझे एक रिटर्न गिफ्ट दिया। वह एक शर्ट थी, जो बहुत ही अच्छी थी। उसने बोला–मुझे डाल कर दिखाओ.

मैंने उसे बोला–कि पहले तुम डालो।

उसने मुझे शर्ट पहनाया। तब मैंने भी ज़िद की कि वह भी मेरे सामने ही चेंज करे। पहले तो वह गुस्सा हुई और फिर थोड़ी देर बाद मान गयी। फिर उसने मेरा मुह दूसरी तरफ़ कर दिया और चेंज करने लगी। वह एक रेड कलर की कुर्ती थी और वह उसमे बहुत स्मार्ट लग रही थी। मैं उसे किस करने लगा और उसने उसके बाद, मुझे टाइट हग किया। मैंने भी उसकी अपनी बाहों में जकड लिया। हम दोनों के लिप्स आपस में मिल गये और हम दोनों एक दुसरे को वाइल्ड किस कर रहे थे।

उसके बाद मैंने किस करते-करते अपना शर्ट उतार दी हम दोनों बहुत ज़ोर से किस कर रहे थे और अब मैं उसको उठाकर बेड पर ले गया। उसकी बॉडी से अलग-सी खुशबु आ रही थी। मैं उसके गले पर किस कर रहा था और वह मेरे बालो में हाथ फेर रही थी। फिर मैं उसकी कुर्ती भी उतारने लगा। पहले वह मना कर रही थी, पर मैंने झटके में उसकी कुर्ती और लेगिंग उतार दी। अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्लैक ब्रा और पेंटी में थी। आज क्या क़यामत लग रही थी...बहुत ही गरम और सेक्सी थी। जैसे ही मैने उसके बूब्स को अपने हाथो में लिया, उसके मुह से मोअन की आवाज़ आई आहाहहः ऊऊऊऊ!

मैंने उसकी ब्रा निकाल दी। क्या मस्त और मोटे-मोटे बूब्स थे उसके और उनपर पिंक निप्पल तो ग़ज़ब ढा रहे थे। अब मैंने उसके बूब्स को मुह में लेकर चूस रहा था। उसके निप्पल बहुत हार्ड और इरेक्ट लग रहे थे और वह भी मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश कर रही थी।

मैंने अपनी जीन्स और अंडरवियर एक साथ उतार दिया। मेरा लंड किसी आयरन रोड की तरह खड़ा था और उसने मेरे लंड को अपने हाथो में कस लिया। मैं उसके बूब्स को मस्ती में चूस रहा था और उसके बूब्स को चूसते-चूसते मैं उसकी नेवल पर आ गया और वहाँ से नीचे जाते हुए उसकी पेंटी के पास आ गया। उसकी पेंटी बिलकुल गीली थी और जैसे ही, मैंने उसकी पेंटी के ऊपर अपना मुह रखा, तो उसके मुह से बहुत तेज अहहहहः की आवाज़ निकली और उसके बाद मैंने उसकी पेंटी निकालकर फेंक दी।

उसकी चूत पूरी क्लीन शेव थी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। उसके बाद हम 69 पोजीशन में आ गये और उसने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसको अच्छे से चूस रही थी। मैं उसका पूरा पानी पी गया और जब मैं डिस्चार्ज होने वाला था, तो मैंने उसको बोला। उसने कहा–पूरा पानी मेरे मुह में ही छोड़ दो। तो मैंने अपना पूरा पानी उसके मुह में छोड़ दिया और डिस्चार्ज हो गया।

फिर एक जोरदार लिप किस किया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा। उसकी चूत बहुत टाइट थी और मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत में अपने लंड को घुसाना शुरू किया। उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर एक शॉट में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसके मुह से हलकी-सी चीख निकली और फिर वह गांड उठा-उठाकर चुद रही थी।

उसे बहुत दर्द हो रहा था पर साथ में मज़ा भी आ रहा था। वह मदहोश होकर अहहहाह आआआआ आआआ ऊऊऊऊऊऊओ की आवाज़े निकाल रही थी। 10 मिनट बाद, मैंने उसको डौगी स्टाइल में किया और मैं उसके पीछे आ गया और एक ही बार में, अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वह चीख पड़ी और बोली–थोडा धीरे। पर फिर उसको मज़ा आने लगा और वह अहहहहः अहहहः ऊऊऊ म्मम्मम्मम्म बस्सस्सस्स-बस्सस्सस्स करने लगी। वह 3 बार डिस्चार्ज हो चुकी थी। मैं भी डिस्चार्ज हो गया और हम दोनों ने एक दूसरे को चाटकर साफ़ किया।

फिर अनुपमा कहने लगी, काके तुझे याद है , शर्त लगाई थी और तू जीत गया था ।

मैं-हाँ, और तूने मुझे सबसे हसीं लड़की से मिलवा भी दिया और उसे किश कर मैंने कहा और मैंने उसे बहुत प्यार भी किया ।

अनुपमा-हाँ और मैंने कहा था तेरी अपनी सारी सहेली से भी दोस्ती करवा दूंगी।

मैंने कहा ठीक है कल कालेज में मिलवा देना ।

अनुपमा-मिलवा दूंगी पर अपने तरीके से । जल्दी क्या है

मैं-ठीक है हजूर जैसे आपका हुकुम । बंदा तो तवाडा गुलाम है, जो तवाडा हुक्म होउ सादे सिर मथे (बंदा तो आपका गुलाम है, जो आपका हुकुम होगा मेरे सिर माथे पर।)

मैं फिर से उसे चूमने लगा और हमने एक बार फिर चुदाई की और फिर अनुपमा हॉस्टल चली गयी ।


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बहुत ही मस्त और लाजवाब मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
 
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