पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना–पार्ट–26
हेल्लो दोस्तो में गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे लाला ने अपने दोस्त की बीवी सलमा को पोर्न देखते हुए पकड़ा और मौके का फायदा उठाया। अब आगे।
फिर क्या फिर लाला जल्दी से बेड के ऊपर गया और पागलो की तरह सलमा चाची के होंठ को चूसने लगा, पहले-पहले तो वह उनका साथ नहीं दे रही थी मगर 2-3 मिनट बाद वह भी उनका साथ देने लगी। फिर लाला ने चादर को उनके बदन से हटा दिया वह अब सिर्फ़ ब्लैक ब्रा में थी और लाला कभी उनके होठ कभी गर्दन चूसने लगा।
जल्दी ही सलमा मदहोश होने लगी थी और हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थी अह्हह्ह्ह उफ्फ्फफ करते हुएफिर लाला चाची सलमा के मम्मे दबाने लगा उफ्फ्फ एकदम टाइट और गोल थे।
लाला–उफ्फ्फ भाभी क्या मम्मे है आपके क्या मज़ा आ रहा है मैं तो दिन भर आज इसे चूसूंगा और मज़े करूंगा।
चाची–तो चूस ना पियो मेरा दूध तुम्हारा भाई (दोस्त) पहले पीते थे अभी उनको और अच्छा नहीं लगता पीने में।
लाला–टेंशन मत लो अबसे मैं इसे कभी नहीं छोडूंगा दिन भर रात भर इससे पीता रहूंगा।
ऐसे करते-करते लाला बनवारी लाल सलमा की नाभी के तरफ़ आया और उनका पूरा जिस्म चाटने लगा। सलमा पागल हुई जा रही थी फिर उन्होने लाला को उठाया और उनका कुरता कर पायजामा निकालने लगी और बोली ।
चाची–आप भाभी बोलना छोड़ो और मुझे सलमा कह के बुलाओ और चोदो मुझे।
लाला–इतनी जल्दी कहाँ मेरी सलमा रानी आज तो मैं तुम्हे चुदाई का असली मज़ा दूंगा।
सलमा–अच्छा वह कैसे?
तो लाला जल्दी से उनकी टांगो को फैला कर अपने मुंह से सलमा की चूत चाटने लगा और दोनों मम्मों को दबाने लगा सलमा चाची की चूत बहुत गीली हो गई थी और फिर मैं अपनी एक उंगली उनकी चूत के अंदर बहार करने लगा और मुंह से अंदर तक चाटने लगा ।
सलमा–उफ्फफ्फ अह्हह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है लाला जी ऐसे करते रहो ऐसा कभी तुम्हारे दोस्त ने ऐसा नहीं किया सच में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।
ऐसे करते-करते 2 मिनट के बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं सारा रस पीने लगा फिर लाला उनको किस करने लगा और दूध पीने लगा तो वह कहने लगी।
सलमा–और टाइम मत लगाओ लालजी अपना लंड मेरी चूत में डाल दो अब बर्दास्त नहीं हो रहा है।
तो लाला ने कहा–सलमा रानी पहले मेरा घोड़ा तैयार करो इसे अपने मुंह में लेके चुसो।
तो वह मना करने लगी और बोल रही थी नहीं मैंने कभी नहीं लिया है तो लाला ने थोड़ा ज़ोर दिया तो वह बोली "ठीक है मैं पहली ट्राई करती हूं" यह बोलकर उन्होंने लाला का अंडरवियर निकाल दिया और लंड देख बोली...
“ओह…” आगे का नज़ारा देख कर सलमा पीछे हट गई, वो लंड नहीं था, महालंड था, उसकी कोहनी जितना बड़ा और कलाई से भी ज़्यादा मोटा, ऐन तना हुआ … सुपारा संतरे जितना मोटा था और उसकी लम्बाई ख़त्म ही नहीं होती थी।
सलमा लंड देख भौंचक्की रह गयी, पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी थी। लगा शायद उसने बड़ी ग़लती की है।
सलमा उसको देखते देखते नंगी बेड पर बैठने ही वाली थी कि उसने अपने हाथ सलमा की गांड के नीचे रख दिया और कहा- क्या हुआ भाभी? इतना बड़ा देखा नहीं था पहले कभी?
सलमा ने उसको देखते हुए ही जवाब दिया- देखना तो क्या सोचा भी नहीं था, मैं नहीं ले पाऊँगी इसे। उसने पॉर्न में ही इतना बड़ा लंड देखा था पर सच में इतना बड़ा देख सलमा हैरान थी , उसने पॉर्न में देखा थी की लड़किया बड़े लंड के साथ कितने मजे लेती तहि इसलिए आज वो बड़े लंड से चुदनवाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती थी ।
लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी तेरे जैसी चूतों के लिए ही बना है ये, एक बार ले लिया तो सारी दुनिया छोड़ने के लिए तैयार हो जाओगी। तुझे इसी की ज़रूरत है।
सलमा–अरे बाप रे यह तो बहुत बड़ा है मैं नहीं ले पाऊंगी इतना बड़ा तुम्हारे भाई का इतना बड़ा नहीं है और ना ही इतना मोटा है।
हाये लाला इत्ना बड़ा भी होता है क्या ” सलमा ने लाला का बड़ा लंड देखकर हैरान होकर बोली।
“अरे बिलकुल होता है, तुमने नही देखा कया” लाला ने कहा।
“नही” सलमा ने जवाब दिया। दरसल सलमा ने कभी इतना बड़ा लण्ड नही देखा था उसने तो बस अपने शौहर की छोटी बच्चो जेसी लुल्ली देखी थी तो उसे यकीन करना बहुत मुस्किल था के इतना बड़ा लण्ड भी होता है।
“बोल ना सलमा लेगी कया इतना बड़ा, मजा आ जायेगा” लाला ने बोला।
“ले तो लुंगी लेकिन मुझे डर लग रहा है किसी को पता चल गया तो” सलमा हिचकिचाते हुये बोली।
“अरे किसी को पता नही चलेगा, बात हम दोनो के बीच रहेगी तू किसी को बतायेगी क्या मैं तो नहीं बताने वाला फिर कैसे पता लगेगा ” लाला ने बोला ।
लाला ने हँसते हुए कहा- भाभी आगे तेरी मर्ज़ी अगर नहीं तो ना सही मैं चला जाता हूँ, जबरदस्ती से नहीं लेता मैं किसी की।
यह कहकर उसने अपना लण्ड अंडरवियर के अंदर करना चाहा, मगर सलमा ने उसे रोक लिया और कहा- लाले रुक जा ज़रा देख तो लेने दो!
और सलमा उसके पास चली गयी। लंबाई नापने लगी तो पता चला के उसकी कलाई से लेकर कोहनी जितना लंबा था। डरते डरते हाथ लगाया और पकड़ा; एकदम गर्म; जब अपने हाथ में ठीक से पकड़ा तो पता चला कि हाथ में होने के बावजूद भी उसकी चार उंगलियों जितना मोटा है। सलमा पंजाब के मलेरकोटले की सोनी मुटियार उसे देखती रही और हौले हौले हिलाने लगी। सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।
कड़ा गर्म मुस्ल की तरह सख्त महालँड चूत पर फिराते फिराते सलमा को भयंकर आनंद मिल रहा था।
लाला का लंड जो की खड़ा होके बंबू बन गया था, लाला उसे सलमा के होठ के पास लेके गया और वह धीरे-धीरे चूमने लगी और लंड का टोपा अंदर लेने लगी सलमा का यह पहली बार था इसीलिए वह ज़्यादा अच्छे से चूस नहीं पा रही थी और 5 मिनट के बाद लाला बोला "छोड़ दो सलमा आओ अब तुम्हारी चूत में लंड डालने का टाइम आ गया है।"
यह बोलकर लाला ने उनको बेड पर लिटा दिया और लंड चूत में रगड़ने लगा और ऐसा करते ही सलमा ख़ुद लंड को हाथ में लेके चूत के छेद में सेट करने लगी।
सलमा उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।
यह देख कर लाले ने कहा- लेना है?
“हां, अभी।”
“दर्द बर्दाश्त कर लोगी, देख लो, इसके बाद तुम्हें सिर्फ मैं ही तृप्त कर सकता हूँ, मेरे यार के लिए तो अब तुम गयी समझो , अब भी मौका है सोच ले ?”
“हां, डाल दो प्लीज, ये बहुत बड़ा है, तू चक्क दे फट्टे लाले , वेखि जाएगी।”
“ठीक है, तैयार हो जा, बहुत हिम्मत करनी पड़ेगी, हार न मान लेना, नहीं यो बहुत दर्द होगा।”
यह कहते ही उसने सलमा की बिलबिलाती चूत पर अपना महालंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। सलमा ने चादर को मुट्ठियों से भींच लिया था, आज तक असलम ने उसकी ऐसी हालत नहीं की थी।
लेकिन उसका नाम भी सलमा था और उसने मैदान नहीं छोड़ा। पूरा ज़ोर लगा के पंजाबी में बोली- आजा लाले , आज तैनू भी लग्ग जाऊ पता, कीहदे नाल वाह पिया है। (आ जा लाले , आज तुझे भी लग जायेगा पता किसके साथ पाला पड़ा है।)
दरअसल सलमा शेखी ही मार रही थी क्योंकि लाला को पता था कि अब सलमा के हाथ में कुछ नहीं है। अब जो करना था लाला के शेर नाग को ही करना था।
इस बार लाला ने सलमा कि गांड के नीचे तकिया लगाया उसे थोड़ा ठीक करके उसने सलमा की टाँगें मोड़ लीं, अब चूत छत की तरफ पूरी तरह उठ चुकी थी और उसका सुपारा सलमा की चूत में अटका हुआ था।
चूत फुरि हद्द तक फैली हुई थी और सलमा मैं हैरान-परेशान थी कि अब क्या होगा।
अचानक वो बोला- लो भाभी अब झेलो !
यह कहते ही उसने एक तेज़ घस्सा मारा और उसका 12 इंची लंड 8 इंच तक अंदर धस गया; सलमा के होश फाख्ता हो गए; बहुत जोर के साथ “ईं…” निकली . आह बहुत दर्द हो रहा है लाले कितना डाल दिया ?
सलमा रानी इससे पहले तेरी चूत में बस 4 इंच तक ही गया था, इसके आगे तू कुंवारी है, इसलिए तुझे दर्द हो रहा है और अभी पूरा नहीं गया है !”
सलमा की आँखों में आंसू थे, सीने में दर्द, लेकिन उसने भी हार नहीं मानी- लाले … मर जाएगी, मलेरकोटले की पंजाबन हूँ हार नहीं मानूंगी , डाल दे और, लेकिन धीरे-धीरे, फिर इतना लंबा और मोटा कभी लिया भी नहीं।
“कोई बात नहीं सलमा रानी , अब लेगी भी पूरा अंदर तक और फिर चल के फुद्दी देने भी आया करोगी लाले के पास , मेरा वादा है, जितनी मर्ज़ी पाबंदी लग जाये तुझ पर, अब तू लाले के बिना नहीं रह पाएगी। चल दिखाता हूँ तुझे क्या हुआ है ” कह के लाला ने अपना फोन उठा कर नीचे की एक फोटो खींची और सलमा को दिखाई।
सलमा को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसकी की ही चूत है। फुद्दी लण्ड पर रबड़ की तरह किसी हुई थी ।
“कैसे लगी?” उसने पूछा।
“हां, लाला आज तो गयी मैं।” सलमा की आंखों में आँसू आ गए और बस इतना ही कह पायी थी कि उसने एक ऐसा घस्सा मारा, जिससे सलमा के वजूद की जड़ें हिल गयीं, मुँह ऐसे खुल गया जैसे उबासी ले रही होऊँ।
लंड 10 इंच तक घुस गया था। पर अब सलमा के मुँह से आवाज भी नहीं निकली , लंड के साथ आवाज भी नीचे चली गयी थी . हवा ाटइट थी सलमा की .
लौड़ा इतनी दूर तक भी जा सकता है वो सलमा को उस दिन पता चला था। और यह घस्सा मार के लाला 5-7 मिनट रुका रहा और सलमा के होंठ पीता रहा, ऊपर से नीचे तक हाथ फेरता रहा। कौन सा हिस्सा था े जिस्म का जिस पर उसने हाथ न फेरा हो। सलमा मधहोश थी . आधी बेहोश जैसी .
जब कुछ होश आया तो हाथ नीचे ले गयी लंड खुन्ते की तरह गड़ा हुआ और अभी भी बाहर था और उसकी बड़ी गेंदे गनंद छू रही थी . सलमा बोली- हां लाला जी , अभी भी बाकी है अब पूरा तो डाल दे, ये सलमा ऐसे हार नहीं मानेगी, जब नाज पैदा हुई थी बड़ा दर्द हुआ था डाक्टर ने कहा था ऑपरेशन कर दूँ ! मैंने कहा था नहीं डाक्टर साहब. ऐसे ही पैदा होने दो मेरी बच्ची और मैंने नार्मल डिलीवरी करवाई थी . आज भी उतना ही दर्द हुआ है , तब झेल गयी थी आज भी झेल लुंगी . अब लाले कर दे पूरा कम , अब मेरी आह भी नहीं निकलेगी .
कह के सलमा चूत को अपनी पूरी ताकत इकट्ठी करके उसके खंभे के गिर्द घुमाया। वो यह देख कर लाला हैरान रह गया और इस बार उसन सलमा की टाँगें और चौड़ी कर लीं और उन्हें मोड़ कर पूरा लंड भर निकाल के एक ऐसा झटका मारा कि चूत से खून की धार बह निकली। पर सलमा सच में हिम्मत वाली निकली. वह चुदाई के दौरान आवाज़े बहुत कम कर रही थी जैसे वह दर्द सह कर सिर्फ़ मज़ा ले रही थी और ऐसा ही मेरे साथ उस पहली चुदाई में अनु ने किया था ।
और फिर क्या किया … डीज़ल इंजन के पिस्टन के तरह घस्से मारने लगा। तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी- फड़च, फड़च, फड़च, फड़च, फड़च…वह मज़ा और दर्द दोनों से ।
उसे तड़पड़ा देख जब लाले ने ओंठ छोड़े , लाला ज़ोर जोर से धक्का मारने लगा और कुछ टाइम बाद सलमा को भी मज़ा आने लगा और वह भी अब गांड उठा-उठा के हर धक्के का जवाब दे रही थी अब वह बिलकुल खुल गई थी।
सलमा की चूत अब लाले के 12 इन्च लण्ड लेने के लिए खुल चुकी थी। लण्ड को पुर चुत मे उतार लाले ने सलमा के मम्मे पकड लिये और जोर जोर से झटके मारने लगा। सलमा भी वाह लाला वाह लाला जी कहती हुई लाले के लण्ड का मजा लेने लगी।
सलमा– वाह लाला वाह लाले बहुत मज़ा आ रहा है।
पूरा रूम में फच-फच की आवाज़ हो रही थी लगभग 15-20 मिनट की चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ गए लाला उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया था और फिर चूत से माल टपक रहा था। अब दोनों एक दूसरे से लिपट के किस करने लगे और सलमा को लगा की अब उनकी बेटी नाज़ उठने वाली है क्योंकि नाज़ अब करवट ले रही थी, सलमा ने उधर इशारा किया और लाला की तरफ़ उनकी धोती फेंकी, फिर लाला जी ने समय की नज़ाकत समझी, उठे अपने कपड़े पहने और जल्द ही फिर मिलने का सलमा से वादा कर अपने खेतो की तरफ़ चले गए ।
पंजाब दियाँ मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी