पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना – पार्ट – 15
हेल्लो दोस्तो मे गौरव कुमार हाज़िर हू स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेकर। पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि कैसे मेरा चाचा और सरबी फिर मिलने का कार्यक्रम बनाते हैं . अब आगे .
शाम हो चुकी थी और सरबी भी आज जल्दी काम से घर आ गयी। सरबी आज खुशी मे झूम सी रही थी क्योकी आज फिर से जट्टी की चुत मे बनवारी लाल का लंड जाने वाला था। सरबी ने घर का सारा काम कर दिया था, सब्जी और रोटिया बना के रख दी और खुद वह नहा धो के नयी नवेली दुल्हन की तरह सज गयी और रितु के घर चली गयी।
रितु ने जेसे ही सरबी को देखा तो बोली, ” अज कहा चली जट्टी इतना तैयार हो के “।
सरबी – ” सुन ना रितु, मेरे साथ चल ना लाला जी के यहा “।
रितु – ” ओहो इसिलिए चेहरे पर इत्नी रोनक है, लेकिन आज मे नही जा पाओगी सरबी “। रितु ने कहा।
सरबी – ” क़्यो अज कया है, प्लीज आज की रात चल मेरे साथ फिर नही कहुगी “।
रितु – ” मेरे रिश्तेदार आ रहे है सरबी वर्ना मुझे कोई दिक्कत नही थी आने मे, समझा कर।
सरबी – ” अछा ठीक है, मे चलती हू फिर सुखा को मे तेरे घर का बोल के आयी हू, संभाल लेना अगर पुछे तो “।
रितु – ” हा उसकी फ़िकर मत कर तू, जा मजे ले जवानी के ” रितु ने सरबी को मुस्कुरते हुए कहा।
सरबी अकेली ही लाला की दुकान की तरफ चल दी, शाम के करीब 8 बज रहे थे और सरबी भीड भरे बजार मे से होती हुई लाला की दुकान की तरफ कदम बढ़ा रही थी। लाला बनवारी लाल भी जट्टी के आने का इंतज़ार कर रहा था। लाला ने अफीम की एक तकडी गोली मुह मे डाली और उपर से अंग्रेजी शराब का पेग लगा लिया। लाला आज पूरे मूड मे हुआ बेठा था और 5वा पेग रहा था के इतने मे उसे पायल की आवाज सुनाई दी, सरबी दुकान के पास पहुंची तो अन्दर से लाला बोला, ” आओ सरबी जट्टी आ गयी जान “।
सरबी दुकान् मे आ गयी, ” अपको केसे पाता चला लाला जी के मे ही हू “।
लाला- ” हाये जट्टी की इस खनकती पायल ने बता दिया था जान “। लाला उठा और उसने दुकान का दरवाजा लगा दिया और लाईट ऑन कर दी। सरबी पास ही कुर्सी पर बेठ गयी उसने काले रंग का सूट पहना था जो उसके गोरे रंग को और भी चमका रहा था।
लाला ने बोतल और गिलास उठाते हुए सरबी के पास ही कुरसी पर आ बेठा, ” एक पेग लगओगी जान ” लाला ने सरबी से पूछा।
” नही लाला जी मे नही पिती ” सरबी ने ना मे सर हिला दिया,
” अरे तो पीती नही तो फिर अपने लाला के लिये अपने हाथो से पेग बना दे ” लाला ने सरबी बोतल और गिलास थमाते हुए कहा।
सरबी ने भी अपने गोरे हाथो से दर गिलॉस मे डाली, ” ये लिजिये लाला जी “।
” एसे नही जट्टी, अपने लाला की गोद मे बेठ अपने हाथो से पिलाओ ” लाला ने सरबी की तरफ देखकर कहा “।
सरबी भी अपनी कुर्सी से उठी ही थी के लाला ने कमर से पकड उसे गोद मे बिठा लिया ओर सरबी के हाथो से बना हुआ पेग पी लिया,
” आये हाये जट्टी के हाथो मे आने शराब का नशा ही दुग्ना हो गया “। लाला सरबी के जिस्म को मस्ल्ता हुआ बोला।
” बता ना फिर सरबी किसकी जट्टी है तू ” लाला सरबी को अपनी तरफ घुमाते हुए बोला।
सरबी ने अपनी बाहे लाला के गले मे डाल ली, ” आपकी जट्टी हू लाला जी “।
” हाये जट्टीये ” लाला ने सरबी का मम्मा दबाया और उसका होंठो को चूम लिया। ” भगवान का लाख लाख शुकर है जो मुझे ४५ की उमर मे ये नर्म नर्म जट्टी मिलवा दी ” लाला बोला।
” हाये लाला जी धीरे बोलो कोई सून लेगा ” सरबी ने लाला के मुह पर हाथ रखते हुए कहा।
लाला ने चूम्ते हुए सरबी हाथ मुह से हटाया, ” लोगो को छोड़ जट्टीये, हमे तो हमारा काम करना है, तू चल आगे रुम मे, मे आता हू “, लाला सरबी को चूम कर बोला।
सरबी लाला की गोद से उठी और पीछे के उसी रूम मे चली गयी। सरबी अन्दर आकर बेड़ पर बेठ गयी।
लाला ने भी दुकान के दरवाजे को ताला लगाया और फिर लाईट ऑफ़ कर बोतल साथ लेके अन्दर चला गया। लाला अन्दर आ बैड पा लेट गया और उसने अपना सर सरबी की गोद मे रख दिया। सरबी और लाला एक दुसरे को देख रहे थे, लाला ने सरबी को झुकाते हुए उसके होंठ चूमने शुरु कर दिये और बोतल निचे रख एक हाथ से उस्के मम्मे मस्ल्ने लगा। सरबी भी लाला के सर को सहलाते हुए लाला को चूमे जा रही थी।
5 मिंट तक दोनो एसे ही एक दुसरे के होंठो को चूम्ते रहे, फिर लाला बैड पर बैड गया और उसने सरबी को सामने ले आया। लाला नए सरबी की कुर्ती उतार दी और ब्रा के उपर से उसके मम्मे चुस्स्ता हुआ पीछे हाथ डाल ब्रा की हुक खोल दी जिस से सरबी के मुम्मे लाला के सामने थे
। लाला ने सरबी को अपने पास खीच तो सरबी ” आह्ह्ह लाला जी ” कहती हुई लाला के करीब आ गयी। लाला ने अपनी बोतल उठायी और सरबी के मुम्मे पर शराब डालते ह्हे चूसने लगा, म्मुआह्ह उउम्माआ, सरबी भी लाला के जिस्म को सहलाते हुए मजा ले रही थी उउउह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाजे निकाल रही थी। लाला काफी देर तक एसे ही सरबी के मुम्मो पर थोडी थोडी शराब डाल कर चुस्स्ता रहा और फिर एक दम से सरबी की सलवार का नल खोल दिया जिस से सलवार ढीली होकर सरबी के मे गिर गयी और सरबी पूरी नंगी लाला के सामने खडी थी।
” जट्टीये ” लाला सरबी को देखते हुए बोला। सरबी ने भी लाला की तरफ देखा, ” जी लाला जी “। ” इसका स्वाद तो चख्वा दे जान ” लाला सरबी की चुत को उंगलियो से छूकर बोला।
” आह्ह्ह लाला जी, चख लिजिये ना, आपके लिये ही तो है ” सरबी ने लाला को देख कर कहा। लाला ने सर्बी बैड पर लेटा लिया और टाँगे खोल कर बीच मे आ गया। लाला ने उंगलियो से सरबी की चुत को खोला और जीभ डाल कर चाटने लगा, सरबी भी आअह्ह्ह लाला जी चट्टीये उउउह्ह्ह कहती हुई स्वाद से चुत चटवा रही थी, लाला ने अपनी बोतल उठायी और शराब सरबी की चुत पर डालते हुए पीने लगा चुत चाटने लगा, सरबी भी लाला की इस हरकत से गरम हो गयी और उसकी चुत पानी छोड़ने लगी, लाला शराब चुत के उपर डालकर कित्नी ही देर तक सरबी की चुत को चाटता रहा।
फिर एकाएक लाला खडा होकर निचे आ गया और उसने जट्टी को भी निचे आने को कहा। सरबी बैड से उठ कर लाला के पास आ गयी, लाला ने सरबी निचे बेठते हुए अपने लंड की तरफ इशारा किया। सरबी भी समझ गयी और उसने लाला की धोती उतरनी शुरु करदी। जेसे ही सरबी ने लाला की धोती उतारि अन्दर से लाला का मूसल सरबी के आंखो के सामने आ गया।
सरबी ने प्यार से लंड को अपने हाथ मे लेते हुए सहलाने लगी और फिर लाला की तरफ देखते हुए उसे मुह मे डाल लिया, उम्म्ंंं उउउम्माआ लाला जी कहती हुई सरबी लाला का लंड चूस रही थी और लंड के निचे लटकते गोटे सहला रही थी। लाला ने सरबी के मुंह के धक्के मार जट्टी का मुंह छोड़ना शुरु कर दिया। ” आअह्ह्ह्ह चुस्स जट्टी, चुस लाला के लंड को ” लाला सरबी के मुंह मे धक्के मार रहा था।
सरबी भी लाला के लंड मजे से चूसे जा रही थी, ” उउउम्माआ लाला जी बहुत टेस्टी है अपका लंड “।
” चुस ले जट्टी लाला का टेस्टी लंड ” लाला सर्बी के मुह मे धक्के मारता हुआ बोला।
सरबी भी घुटनो के बल बेठ कर लाला का मूसल जेसा लंड चूसे जा रही थी। सर्बी लाला के लंड को चुस रही थी के अचानक उसे अपने मुह मे कुछ गर्म पानी मेहसूस हुआ, जेसे ही उसने लंड मुह् से निकाला लाला के लंड से विराज की पिचकारी निकल सरबी के मुह पर पड़ी।
सरबी ने लाला की तरफ देखा तो लाला हस्ता हुआ बोला, ” क्या हुआ जट्टी “। सरबी कुछ बोलती इत्ने मे एक और पिचकारी उसके मुह पर पड़ी और निचे मम्मो पर गिर पड़ी।
पंजाब दियां मस्त रंगीन पंजाबना जारी रहेगी