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फिर क्या हुआ शीला?" कंचन ने उत्तेजना से पूछा।
"भइया मुझे देखते ही वहां से चले गये, मैं जब नहा कर बाहर निकली तो वह घर में नहीं थे" शीला ने आगे बताते हुए कहा।
"उसके बाद फिर कभी कोई ऐसा कुछ हुया" कंचन ने शीला से कहा।
"दीदी सच बताओं तो मैं बाहर के लड़कों से डरती थी की उनके साथ कुछ गलत करने पर बदनामी होगी, मगर मुझे जिस्म की आग तडपाती रहती थी तो मैं कई बार भैया को अपने जिस्म के जलवे दिखाये मगर उनपर कोई असर नहीं हुया" शीला ने मायूस होते हुए कहा।
"तुमने कभी अपने भैया का लंड देखा है" कंचन ने यह बात कहते हुए अपना कन्धा शर्म से झुका दिया,
"दीदी एक बार देखा था जब मैं उसे लिफ्ट दे रही थी, मुझे पता था की वह कॉलेज से लोटते ही नहाने चला जाता है और वह बाहर सिर्फ तोलीया लपेट कर निकलता था तो मैं जैसे ही भइया कॉलेज से आकर बाथरूम में घुसे मैं भी उनके कमरे में जाकर बैठ गई ।भैया जैसे ही तौलीया लपेट कर बाहर निकले मैं जान बूझकर खडी हो गयी। भैया मुझे अचानक देखकर डर गए और तौलीया उनके हाथ से गिर गया । दीदी सच बताऊँ तो उनका टोलिया गिरते ही मेरा पूरा जिस्म काम्पने लगा। उनका लंड बुहत मोटा और लम्बा बिलकुल सीधा खडा था जिसे मैं देखकर वहां से भाग गई ।
"शीला तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी चूत से पानी टपक रहा है" कंचन ने शीला की बात सुनने के बाद कहा।
"कंचन मेरी हालत भी खराब है, तुम भी तो कुछ बताओ ना" शीला ने कंचन से कहा।
"शीला मेरी बात सुनकर तो तुम्हारी चूत पानी छोड देगी, एक काम करते हैं । नाइटी को उतार दो वेसे भी हम दोनों ही यहाँ हैं" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा । शीला ने कंचन की बात मान ली और दोनों ने अपनी अपनी नाइटी उतार दी ।
अब दोनों लड़क़ियां सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी । दोनों के गोरे जिस्म बल्ब की रौशनी में चमक रहे थे और दोनों की पेंटी बाटें करते हुए भीग चुकी थी, कंचन ने नीलम की बातों से लेकर अपने भैया के साथ होने वाला सारा किस्सा शीला को बता दिया ।
"कंचन तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी बुरी हालत है, मेरा कुछ करो वरना मैं मर जाऊँगी। कंचन की बातें सुनने के बाद शीला ने उत्तेजना के मारे कहा।
"शीला एक काम करते हैं कल से तुम मेरे भाई को लाइन दो। मैं तुम्हारे भाई को लिफ्ट देति हूँ" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा।
"भइया मुझे देखते ही वहां से चले गये, मैं जब नहा कर बाहर निकली तो वह घर में नहीं थे" शीला ने आगे बताते हुए कहा।
"उसके बाद फिर कभी कोई ऐसा कुछ हुया" कंचन ने शीला से कहा।
"दीदी सच बताओं तो मैं बाहर के लड़कों से डरती थी की उनके साथ कुछ गलत करने पर बदनामी होगी, मगर मुझे जिस्म की आग तडपाती रहती थी तो मैं कई बार भैया को अपने जिस्म के जलवे दिखाये मगर उनपर कोई असर नहीं हुया" शीला ने मायूस होते हुए कहा।
"तुमने कभी अपने भैया का लंड देखा है" कंचन ने यह बात कहते हुए अपना कन्धा शर्म से झुका दिया,
"दीदी एक बार देखा था जब मैं उसे लिफ्ट दे रही थी, मुझे पता था की वह कॉलेज से लोटते ही नहाने चला जाता है और वह बाहर सिर्फ तोलीया लपेट कर निकलता था तो मैं जैसे ही भइया कॉलेज से आकर बाथरूम में घुसे मैं भी उनके कमरे में जाकर बैठ गई ।भैया जैसे ही तौलीया लपेट कर बाहर निकले मैं जान बूझकर खडी हो गयी। भैया मुझे अचानक देखकर डर गए और तौलीया उनके हाथ से गिर गया । दीदी सच बताऊँ तो उनका टोलिया गिरते ही मेरा पूरा जिस्म काम्पने लगा। उनका लंड बुहत मोटा और लम्बा बिलकुल सीधा खडा था जिसे मैं देखकर वहां से भाग गई ।
"शीला तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी चूत से पानी टपक रहा है" कंचन ने शीला की बात सुनने के बाद कहा।
"कंचन मेरी हालत भी खराब है, तुम भी तो कुछ बताओ ना" शीला ने कंचन से कहा।
"शीला मेरी बात सुनकर तो तुम्हारी चूत पानी छोड देगी, एक काम करते हैं । नाइटी को उतार दो वेसे भी हम दोनों ही यहाँ हैं" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा । शीला ने कंचन की बात मान ली और दोनों ने अपनी अपनी नाइटी उतार दी ।
अब दोनों लड़क़ियां सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी । दोनों के गोरे जिस्म बल्ब की रौशनी में चमक रहे थे और दोनों की पेंटी बाटें करते हुए भीग चुकी थी, कंचन ने नीलम की बातों से लेकर अपने भैया के साथ होने वाला सारा किस्सा शीला को बता दिया ।
"कंचन तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी बुरी हालत है, मेरा कुछ करो वरना मैं मर जाऊँगी। कंचन की बातें सुनने के बाद शीला ने उत्तेजना के मारे कहा।
"शीला एक काम करते हैं कल से तुम मेरे भाई को लाइन दो। मैं तुम्हारे भाई को लिफ्ट देति हूँ" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा।