• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
"मामी प्लीज बताओ न आपके सिवा है कौन जिससे मैं पूछुं। यह देखो अब भी कैसे खडा हो चुका है" नरेश ने अपनी पेण्ट की ज़िप खोलकर अंडरवियर में खडा लंड अपनी मामी को दिखाते हुए कहा।
"अरे तुम ने इसे क्यों खोला" रेखा ने अपने भांजे का अनडरवियर में ही खडा लंड देखकर ज़ोर की साँसें लेते हुए कहा।
"फिर क्या करुं मामी पेण्ट में तो दर्द होने लगता है इसमे" नरेश ने अपने लंड को यों ही अपनी मामी की आँखों के सामने सहलाते हुए कहा।
"भान्जे जैसे इसे अभी सहला रहे हो वेसे ही नंगा करके ज़ोर से सहलाने से इसमें से पानी निकल जाएगा और तुम शांत हो जाओगे" रेखा ने अपने भांजे के लंड को गोर से देखते हुए यों ही ज़ोर से साँसें लेते हुए कहा।

"मामी एक बार आप करके बताओ न मुझे नहीं आता" नरेश ने इस बार अपने लंड को अंडरवियर से भी निकालते हुए कहा।
"अरे तुम पागल हो गये हो क्या भांजे । इसे अंदर वापस डालो तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी मामी को अपना इतना बड़ा साँप दिखाते हुये" रेखा ने अपने भांजे को डाँटते हुए कहा । उसके पूरे जिस्म अपने भांजे का नंगा लम्बा और तगडा लंड देखकर अजीब किस्म की सिहरन और गुदगुदी हो रही थी।
"मामी प्लीज तुम्हे मेरी कसम करके बताओ ना" नरेश ने अपनी मामी को मिन्नतें करते हुए कहा । नरेश जानता था की उसकी मामी नाटक कर रही है । उसके लंड को छूने का मन तो उसका भी हो रहा है।
"ठीक है मगर तुम किसी को बताना मत" रेखा जिसके दिल में इतनी देर से अपने भांजे का लंड अपने हाथ में लेने की इच्छा हो रही थी । अखिरकार अपने भांजे के सामने हार मानते हुए कहा

"हाँ मामी मैं किसी को नहीं बताऊँगा" नरेश ने अपनी मामी की बात सुनते ही खुश होते हुए कहा । रेखा वहां से उठते हुए अपने भांजे की कुर्सी के सामने आकर घुटनों के बल बैठ गयी और अपने भांजे के गुलाबी लम्बे और तगडे लंड को गौर से देखते हुए अपने हाथ में ले लिया।
"आजहहह मामी आपका हाथ कितना नरम है बुहत मजा आ रहा है" अपनी मामी का हाथ अपने लंड पर पड़ते ही नरेश ने सिसकते हुए कहा ।
"नरेश तुम्हारा तो बुहत गरम है" रेखा ने अपने भांजे के लंड पर हाथ के रखते ही कहा । रेखा को अपने भांजे का लंड अपने हाथ में लेते ही पूरे शरीर में बिजली के करेन्ट लग रहे थे।
"हाँ मामी इसीलिए तो कह रहा हूँ कोई इलाज करो ना" नरेश ने अपनी मामी की बात का जवाब देते हुए कहा।

"नरेश मैं पहले इसे अपनी जीभ से कुछ ठण्डा करती हूँ" रेखा का दिल अपने भांजे के लंड के गुलाबी सुपाडे को चूमने का कर रहा था इसीलिए उसने नरेश से कहा।
"हाँ मामी जैसे भी करो मगर मेरे इसको ठण्डा करो" नरेश ने अपन लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा।
"हाँ भान्जे अब तुम फिकर मत करो । मैं तुम्हारे इस शैतान साँप को आज ठण्डा करके ही दम लूंग़ी" रेखा ने अपने भांजे के लंड को अपने हाथ से थोडा आगे पीछे करते हुए कहा।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
रेखा ने अपना मुँह अपने भांजे के लंड की तरफ ले जाते हुए उसके गुलाबी सुपाडे को अपने होंठो से चूम लिया।
"आह्ह्ह्ह मामी" अपने लंड पर अपनी मामी के नरम होंठ पड़ते ही नरेश के मूह से सिसकी निकल गयी और उसका लंड उत्तेजना के मारे ज़्यादा फूलने लगा ।
रेखा ने जैसे ही अपने होंठ अपने भांजे के लंड से हटाये तो उसके लंड के छेद में से वीर्य की कुछ बूँदे निकलने लगी, रेखा ने इस बार नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर अपने भांजे के लंड के छेद से निकालते हुए वीर्य को चाट लिया।
"आह्ह्ह्ह " नरेश अपनी मामी की जीभ अपने लंड के छेद पर लगते ही काम्पने लगा । रेखा की भी हालत अपने भांजे के लंड से खेलते हुए बिगडती जा रही थी। उत्तेजना के मारे उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकल कर उसकी पेंटी को गीला कर चुका था।

रेखा अपनी जीभ से कुछ देर तक अपने भांजे के लंड को यों ही ऊपर से नीचे तक चाटती रही और फिर अचानक अपना मुँह खोलकर अपने भांजे के लंड का गुलाबी सुपाड़ा अपने मूह में भर लिया ।
रेखा अपने भांजे के लंड के सुपाडे को अपने गुलाबी लबों के बीच लेकर आराम से आगे पीछे करते हुए उसे चाटने चूसने लगी।
"आह्ह्ह्ह आहह मामी मेरा निकलने वाला है" नरेश का पूरा जिस्म अपना लंड अपनी मामी के होंठो के बीच रगडने से काम्पने लगा और वह ज़ोर सिसकते हुए बोला क्योंकी उसे लग रहा था की वह किसी भी वक्त झर सकता है।

रेखा नरेश की बात सुनकर उसके लंड पर अपने होंठो की पकड और ज्यादा मज़बूत करते हुए उसके लंड को चूसने लगी । नरेश समझ गया के मामी उसके लंड का वीर्य अपने मूह में लेना चाहती है। नरेश का पूरा जिस्म काँपते हुए झटके खाने लगा।
"आह्ह्ह्ह आहहहह मामी ओह्ह्ह्हह्हह मजा आ गया" नरेश का लंड अपनी मामी के मुँह में पिचकारियां छोडने लगा और नरेश झरते वक्त बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपनी मामी को बालों से पकडते हुए उनके मुँह को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगा।

नरेश के लंड से निकलती हुए पहली पिचकारी इतनी तेज़ थी की वह सीधा रेखा हलक से उतरती हुयी उसके पेट में जा पुहंचा और फिर उसके मूह में जैसे पिचकारियों की बारिश होने लगी, रेखा अपने भांजे का जितना हो सकता था वीर्य चाटने लगी ।
नरेश का लंड कुछ ही देर में अपना सारा वीर्य निकलने के बाद ढीला पड़ने लाग। रेखा के होंठो से भी वीर्य निकल कर नीचे गिर रहा था । रेखा ने अपने भांजे के लंड के ढीला पड़ते ही उसे पूरा अपने मुँह में भर कर ज़ोर से अपने होंठो के बीच दबा कर उसमें से सारा वीर्य चाट लिया और फिर उसके लंड को अपने मुँह से निकाल कर रेखा ने उठते हुए जल्दी से अपना मूह धो लिया।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
अपडेट 32




अरे अब तो अपने साँप को वापस अपने पिटारे में डालो" रेखा ने मुँह धोने के बाद बर्तनों को उठाकर ऊपर अपनी जगह पर रखते हुए कहा।
"मामी सच में आप बुहत अच्छी हो । मेरा कितना ख़याल रखती हो काश आप मेरी मामी नहीं होती तो मैं अपने साँप को सिर्फ आपके बिल में ही रखता" नरेश ने अपने लंड को वापस अपने अंडरवियर में डालकर पेण्ट की ज़िप को बंद करते हुए कहा।
"बदमाश क्या मैं तुम्हें इतनी अच्छी लगती हूँ । जो तुम मेरे भांजे होते हुए भी तुम मेरी बिल में अपने साँप को घुसाने के सपने देख रहे हो" रेखा ने बर्तन रखने के बाद अपने भांजे के पास आते हुए उसके गाल की एक चुटकी लेते हुए कहा ।

"हाँ मामी सच में मुझे आप दुनिया की सब से अच्छी औरत लगती हो" नरेश ने इस बार हिम्मत करते हुए अपनी मामी को बाज़ू से खींचकर अपनी गोद पर बिठाते हुए उसे अपनी बाहों में मज़बूती से दबाकर कहा।
"छोड़ो नालायक कोई देख लेगा तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी मामी को अपनी गोद पर बिठाते हो" रेखा ने अपने भांजे की गोद से उठने की नाक़ाम कोशिश करते हुए कहा । रेखा का पूरा जिस्म अपने भांजे की गोद में बैठते हुए उत्तेजना के मारे कांप रहा था।

"मामी दरवाज़ा बंद है थोडी देर हमारी गोद में बेठो न। हमें बुहत अच्छा लग रहा है" नरेश ने अपने दोनों हाथ अपनी मामी के नंगे पेट पर दबाते हुए कहा।
"बदमाश अभी अगर मैं नहीं उठी तो तुम्हारा साँप फिर से उठने लगेगा और हमें फिर से उसे शांत करना पडेगा" रेखा ने इस बार अपने भांजे की गोद से उठने की कोशिश किये बिना ही उसके हाथों को अपने नंगे पेट पर महसूस करते हुए मस्ती लेते हुए कहा ।
"नही मामी हम आपसे अपने साँप को शांत करने के लिए नहीं कहेंगे पर बस आप थोडी देर यों ही हमारी गोद में बैठी रहिये" नरेश ने अपनी मामी के नरम चूतडों को अपनी गोद पर महसूस करते हुए मज़े से कहा। नरेश का लंड अपनी मामी की बात सुनकर फिर से तनने लगा।

"आह्ह्ह्ह बदमाश लड़के तुम्हारा साँप तो हमारी बिल में घूसने की कोशीश कर रहा है" रेखा ने अपने भांजे का लंड अपने चुतडो में चुभता हुआ महसूस करके मज़े से सिसकते हुए कहा।
"मामी बेचारा बस आपकी बिल को कपड़ों के उपर से ही चूमने की कोशिश कर रहा है अंदर तो घुस नहीं सकता" नरेश ने अपने लंड को अपनी मामी के भारी चूतडों में ज़ोर से दबाते हुए कहा।
"आह्ह बदमाश तुम्हारा साँप तो बुहत बदमाश है मुझे तो लगता है कहीं यह मेरे कपड़ों को फाड कर न मेरी बिल में घुस जाए" रेखा ने अपने भांजे के फुल तनकर कर उसके चूतडो में धक्के मारते हुए लंड को अपने चूतडों के बीच मज़े से दबाते हुए कहा।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
मामी इस बदनसीब का इतना नसीब कहाँ के आपकी नंगी बिल को छु सके" नरेश ने अपने मामी के नंगे पेट को अपने हाथों से सहलाते हुए कहा।
"भान्जे एक बात कहूं" रेखा ने यों ही मज़े से अपने भांजे के लंड पर बैठे हुए ही कहा । वह बुहत गरम हो चुकी थी और उत्तेजना के मारे उसकी चूत से बुहत ज्यादा पानी टपक रहा था।
"हाँ मामी बोलो" नरेश ने इस बार अपने होंठ अपनी मामी के नंगे गोर पेट पर रखते हुए कहा।
"ओहहहह बदमाश मैं कह रही थी की अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारी खातिर अपनी बिल को एक बार नंगा करके तुम्हारे साँप को छूने दे सकती हूँ। मगर तुम उसे सिर्फ ऊपर से अपने साँप को रखोगे अंदर नहीं घुसओगे" रेखा ने अपने भांजे के होंठ अपनी नंगी पीठ पर पड़ते ही सिसकते हुए कहा।

"मामी सच में आप बुहत अच्छी हो । हमारे लिए आप इतना कर सकती हो। हम भी वादा करते हैं के आपकी बिल में अपना साँप नहीं घुसाएंगे" नरेश ने अपने मामी की बात सुनकर बुहत खुश होते हुए कहा।
"ठीक है मुझे छोडो और अपने साँप को बाहर निकालो। जब तक मैं अपनी बिल को नंगा करती हूँ" रेखा ने अपने भांजे के हाथों को अपने पेट से जुदा करते हुए उसकी गोद से उठकर कहा ।
रेखा ने अपने भांजे की गोद से उठने के बाद अपनी साड़ी को उतारकर अपने पेटिकोट और पेंटी को भी उतार दिया।
"वाह मामी आपकी गुलाबी बिल को देखकर तो उसे चूमने का मन करता है" नरेश ने अपनी मामी की चूत के नंगा होते ही अपने लंड को अपने हाथो से सहलाते हुए कहा।

नरेश ने अपनी पेण्ट और अंडरवियर को खीचकर अपने पाँव तक सरका दिया था।
"अरे बदमाश तुमने भी अपने साँप को नंगा कर दिया" अपने भांजे की बात सुनकर रेखा ने उसके तरफ देखते हुए कहा। रेखा सिर्फ एक ब्लाउज और ब्रा में नरेश के सामने खडी थी और उसकी चूत उत्तेजना के मारे बुहत गीली हो चुकी थी । नरेश का लंड अपनी मामी की चूत और उसकी गोरी चिकनी टांगों को देखकर झटके खाने लगा ।
रेखा अपने भांजे की तरफ आये हुए उसके बिलकुल सामने आकर उल्टा हो गई और अपने नंगे चूतड़ अपने भांजे की गोद पर रख दिये।
"आहहहह मामी" नरेश अपनी मामी के नंगे चूतड़ अपने लंड पर पड़ते ही सिसक उठा । नरेश को अपनी मामी की गांड का भूरा छेद उल्टा होते हुए बुहत भा गया उसने सोच लिया जब भी मोका मिला वह अपनी मामी की गांड ज़रूर मारेगा।


"आह्ह्ह्ह हहहहः" रेखा अपनी गीली चूत को अपने भांजे के लंड पर ज़ोर से घिसते हुए सिसकने लगी।
नरेश की हालत भी अपनी मामी की गीली चूत को अपने लंड पर घिसते हुए खराब होने लगी ।
"आह्ह्ह्ह मामी आप सीधी होकर हमारा इस पर बैठ जाओ न हमें ज्यादा मजा आयेगा" नरेश ने सिसकते हुए अपनी मामी से कहा । रेखा को उस वक़त कुछ समझ में नहीं आ रहा था । वह अपने भांजे के ऊपर से उठते हुए अपनी टांगों को फ़ैला कर अपने भांजे के ऊपर सीधा होकर बैठ गई।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
"ओहहहहहह भाँजे" रेखा ने जैसे ही सीधा होकर अपने भांजे के उपर बैठी। उसका लंड रेखा की चूत के छेद को छूते हुए उसकी पूरी चूत से घिसता हुआ उसके पेट से जा टकराया । जिस वजह से रेखा के मूह से बुहत ज़ोर की सिसकी निकल गयी । नरेश की तो जैसे आज लाटरी निकल आई थी । सीधा होते ही उसकी मामी की दोनों बड़ी बड़ी चुचियां बिलकुल उसके मूह के सामने आ गयी थी, नरेश ने अपनी मामी की दोनों बड़ी चुचियों को गौर से देखते हुए अपना मुँह उसकी दोनों चुचियों के बीच बने क्लीवेज पर रख दिया ।

"आहहह भांजे क्या कर रहे हो" अपने भांजे के होंठ अपनी चुचियों के क़रीब महसूस करके रेखा ने सिसकते हुए कहा । रेखा की हालत बिगडती जा रही थी । उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे, रेखा ने अपने हाथ से अपने भांजे के लंड को पकडते हुए अपनी चूत के छेद पर रख दिया और बुहत ज़ोर से घीसने लगी ।
"आआह्ह्हह्ह्ह्ह ह ओह्ह्ह्ह भाँजे" रेखा अपनी चूत से अपने भांजे के लंड को घिसते हुए बुहत ज़ोर से सिसक रही थी और उसका पूरा जिस्म कांप रहा था । नरेश का मज़े के मारे बुरा हाल था। उसने मोका देखकर अपने हाथों से अपनी मामी की दोनों चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही पकडते हुए सहलाने लगा।

"आआह्ह्ह्ह भांजे क्या कर रहे हो" रेखा ने वैसे ही नरेश के लंड को अपनी चूत पर घिसते हुए कहा । रेखा का पूरा जिस्म अकड रहा था वह किसी भी वक़त झर सकती थी, रेखा की आँखें अब मज़े के मारे बात करते हुए बंद हो रही थी । नरेश ने अपनी मामी की एक चूचि से हाथ हटाते हुए उसको सर से पकड कर अपने होंठो को उसके गुलाबी गरम तपते होंठो पर रख दिया ।
नरेश अपनी मामी के दोनों होंठो को अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगा । नरेश की इस हरकत से रेखा का पूरा जिस्म काँपते हुए झटके खाने लगा और वह उत्तेजना के मारे अपने भांजे के लंड को अपनी चूत के छेद में थोडा सा डालकर घीसने लगी।

रेखा की चूत अचानक झटके खाते हुए झरने लगी। झरते वक्त रेखा ने मज़े से अपने दोनों हाथों से अपने भांजे के सर को ज़ोर से अपने मूह पर दबाते हुए अपनी जीभ को उसके मूह में डाल दिया । रेखा की चूत से निकलता हुआ पानी नरेश के लंड पर गिरने लगा ।
नरेश का लंड अब भी रेखा की चूत के छेद से सता हुआ था। नरेश ने अपने हाथों को अपनी मामी के चुतडो में ड़ालते हुए उसे अपने लंड पर दबा दिया । नरेश का लंड एक ज़ोर के झटके के साथ अपनी मामी की चूत में 2 इंच घुस गया।

रेखा अपनी चूत में अपने भांजे के लंड के जाते ही उछल पडी और अपना मूह अपने भांजे के मूह से हटाकर उससे अलग होने लगी । मगर नरेश ने अपनी मामी को ज़ोर से अपनी बाहों में दबा रखा था ।
"नरेश छोडो मुझे तुमने वादा किया था" रेखा ने वैसे ही अपने भांजे से छूटने की कोशिश करते हुए कहा।
"हाँ मामी मगर हम अपने ऊपर कण्ट्रोल नहीं कर सके प्लीज थोडी देर ऐसे ही रहने दो । हम और अंदर नहीं घुसाएंगे" नरेश ने अपने लंड को यों ही अपनी मामी की चूत में 2 इंच लंड डाले हुए कहा।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
"नरेश तुम बुहत बूरे हो" रेखा ने बनवटी गुस्सा अपने भांजे पर करते हुए कहा, रेखा को तो अपने भांजे का लंड अपनी चूत में स्वर्ग का मज़ा दे रहा था ।
"मामी आप बुहत अच्छी हो" नरेश ने अपनी मामी के ढीला होते ही उसके सर को पकडते हुए अपनी जीभ को अपनी मामी के मुँह में घुसा दिया ।
रेखा ने अपने भांजे की जीभ अपने मूह में घुसते ही उसे अपने होंठो से चूसने लगी । रेखा के ऐसा करने से नरेश का पूरा जिस्म कापंने लगा, रेखा समझ गयी की वह झरने वाला है । इसीलिए वह अपनी चूत को अपने भांजे के लंड से उठने लगी मगर नरेश ने अपने दोनों हाथ अपनी मामी के चुतडो में डालकर उसे ऐसा न करने दिया।

"नरेश ऐसा मत करो मेरी चूत में मत झरो प्लीज" रेखा ने अपने भांजे को मिन्नतें करते हुए कहा । मगर नरेश अपनी मामी की कोई बात सुने बगैर अपनी मामी को चुतडो से पकडे उसकी चूत में पिचकारियां छोडने लगा।
"आह्ह्ह्हह भांजे तुम बुहत बदमाश हो" अपने भांजे के लंड से निकलती हुए पिचकारिया अपनी चूत में पड़ते ही रेखा ने सिसकते हुए मज़े से अपने आप को ढीला छोड दिया । नरेश ने अपनी मामी के ढीले होते ही अपने चुतडो को ज़ोर से अपनी मामी की चूत पर धक्का मार दिया और अपनी मामी के चूतडों को ज़ोर से अपने लंड पर दाब दिया। जिस वजह से उसका लंड अपनी मामी की चूत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुस गया ।

आहहह शह्ह्हह्ह्ह्ह भाँजे" अपनी चूत में अपने भांजे का आधे से ज्यादा लंड घूसने से रेखा ने सिसकते हुए अपने चुतडो को और ज़ोर लगा कर अपने भांजे के लंड पर दबा दिया। जिस वजह से उसका पूरा लंड अपनी मामी की चूत में घुस गया और रेखा की चूत अपने भांजे का पूरा लंड घुसते ही ख़ुशी से लार टपकने लगी ।
रेखा दूसरी बार झर चुकी थी और नरेश भी अपना पूरा वीर्य अपनी मामी की चूत में भर चूका था, दोनों कुछ देर तक यों ही एक दुसरे की बाहों में पडे हाँफते रहे । कुछ देर बाद जब रेखा को होश आया तो वह जल्दी से अपने भांजे के ऊपर से उठ गयी।

नरेश के ऊपर से उठते ही रेखा की चूत से अपने भांजे और उसका मिला जुला रस ज़मीन पर गिरने लगा।
"नरेश तुमने अच्छा नहीं किया तुम बुहत बूरे हो" रेखा ने अपनी चूत को एक कपडा उठाकर साफ़ करते हुए कहा।
"मामी मेरा कोई दोष नहीं है । आप हो ही इतनी सूंदर की मैं अपना कण्ट्रोल खो बैठा" नरेश ने अपने अंडरवियर को ऊपर करने के बाद अपनी पेण्ट भी पहनते हुए कहा ।

"अच्छा अब जाओ यहां से में जल्दी से सफाई कर दूँ कोई आ न जाए" रेखा ने भी अपनी साड़ी को पहनते हुए कहा।
"मामी फिर कब अपने भांजे के साँप को अपनी बिल में घूसने दोगी" नरेश ने कुर्सी से उठते हुए अपनी मामी को अपने बाहों में भरते हुए उसके होंठो को चूमते हुए कहा।
"जाओ बदमाश मैं तुमसे बात नहीं करूंगी तुम बुहत गंदे हो" रेखा ने अपना मूह बनाते हुए कहा ।
"च बाबा सॉरी में जा रहा हूँ पर अपने भांजे के साँप के बारे में ज़रूर कुछ सोचना" नरेश ने अपनी मामी को छोडते हुए शरारत से हँसते हुए कहा।
"भाग बदमाश" रेखा ने भी हँसते हुए अपने भांजे को मारने की कोशिश करते हुए कहा । नरेश वहां से चला गया और रेखा किचन को पूरा साफ़ करने लगी ।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
अपडेट 33




विजय और उसकी दोनों बहनें छुट्टी होने के बाद हर रोज़ की तरह रिक्शा में बैठकर कॉलेज से घर आ गये। रेखा ने अपने बच्चों को खाना दे दिया जिसे खाने के बाद सभी अपने अपने कमरों में आगये ।
"क्या हाल है यार । क्या कर रहे हो" विजय ने अपने कमरे में ही बेड पर लेटे नरेश से पुछा।
"कुछ नहीं यार बस नींद आ रही थी" नरेश अब सुकून की नींद करना चाहता था इसीलिए उसने करवट लेते हुए अपना मूह दूसरी तरफ करते हुए कहा।

विजय ने नरेश को बात न करते हुए देखकर चुप हो गया और खुद भी बेड पर आकर लेट गया।
"क्या हो रहा है शीला की बच्ची" कंचन ने शीला के साथ बेड पर बेठते हुए कहा।
"छोड़ो यार अपना नसीब ही खराब है" शीला ने ठण्डी साँस लेते हुए कहा ।
"क्यों क्या हुया" कंचन ने एक्साइटेडट होते हुए कहा। शीला ने अपने भाई के साथ होने वाली सारी बात कंचन को बता दी।
"शीला तुम तो बुहत चालाक हो पर यार हमारा नसीब ही खराब है कुछ सोचो न रात के बारे में" कंचन ने शीला की बात सुनकर गरम होते हुए कहा।

"यार एक बात मेरे दिमाग में है अगर हमारे भाइयों को अक्ल होगी तो मान जाएंगे" शीला ने सोचते हुए कहा।
"क्या बात है ज़रा मुझे भी तो पता चले" कंचन ने शीला से कहा । शीला ने अपना आईडिया कंचन को सुना दिया जिसे सुनकर वह उछल पड़ी ।
"यार अगर ऐसा हो जाये तो हमारी सारी हसरतें पूरी हो सकती हैं" कंचन ने खुश होते हुए कहा और दोनों बेड पर लेट कर आपस में बातें करते हुए नींद की आग़ोश में चलि गई।

मानिषा अपने कमरे में बेड पर लेटी करवटे ले रही थी उसे बार बार अपने बेटे का तगडा लंड अपनी चूत से रगडता हुए याद आ रहा था, अपनी ऊँगली से वह एक दफ़ा अपनी चूत को शांत कर चुकी थी मगर अब उसकी चूत को तो अपने बेटे का तगडा लंड ही चाहिए था ।
रेखा की भी वही हालत थी वह अपने भांजे का लंड अपनी चूत में तो ले चुकी थी मगर उसकी चूत की आग अभी तक शांत नहीं हुयी थी क्योंकी उसकी चूत की चुदाई अभी सही तरीके से नहीं हुयी थी और उसे भी उत्तेजना के मारे अपनी चूत में बुहत ज़ोर की खुजलि हो रही थी । रेखा कुछ सोचते हुए अपने कमरे से निकल कर अपने ससुर के कमरे में जाने लगी।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
रेखा ने अपने ससुर के कमरे में पुहंचकर उसका कमरा अंदर से बंद कर दिया । अनिल गर्मी होने की वजह से सिर्फ धोती में सोया हुआ था, अपनी बहु को कमरे में आता हुआ देखकर वह समझ गया की उसके लंड को अपनी बहु की छूट मिलने वाली है ।
रेखा बुहत गरम थी तो उसने अपने ससुर के पास बैठते ही अपने ससुर की धोती को अपने हाथ से हटा दिया,
"अरे बेटी यह क्या कर रही हो हमें नंगा क्यों कर दिया" अनिल मोके का फ़ायदा उठाते हुए अपनी बहु से नाटक करते हुए कहा।
"मुझे आपके इस शैतान को उठाना है" रेखा ने अपने हाथ से अपने ससुर का ढीला पर लंड सहलाते हुए कहा।
"अरे बेटी तुम्हें शर्म नहीं आती अपने ससुर के लंड को पकडते हुये" अनिल ने अपनी बहु से फिर से नाटक करते हुए कहा।

"क्यों बाबूजी क्या हुआ आपका मूड नहीं है" रेखा ने परेशान होते हुए कहा।
"नही बेटी मूड क्यों नहीं होगा जब इतनी सूंदर बहु अपने ससुर से चुदवाने के लिए खुद उसके कमरे में आ गयी है तो मूड क्यों नहीं होगा" अनिल ने अपने बेड से उठते हुए अपनी बहु को भी सीधा कर दिया और उसकी साड़ी को उसके जिस्म से अलग करते हुए बोला।।
"वाह बेटी क्या जिस्म है तुम्हारा। काश तुम मेरी बहु नहीं बीवी होती" अनिल ने अपनी बहु की तारीफ करते हुए कहा।
"बाबू जी इस वक्त आप हमें अपनी बीवी समझकर ही चोदिये। हमारी चूत बुहत प्यासी है" रेखा ने अपने ससुर की बात सुनते ही उसको गले लगाते हुए कहा।

अनिल ने अपनी बहु की बात सुनकर उसके होंठो को चूमते हुए उसका पेटिकोट उतार दिया और खुद घुटनों के बल बैठते हुए अपनी बहु की गीली चूत को देखने लगा।
"बेटी तुम्हारी पेंटी इतनी गीली की हो गई है" अनिल ने अपनी बहु की पेंटी को सूँघते हुए कहा।
"हाहहह बाबूजी हमें पेंटी के अंदर कुछ हो रहा है । इसी लिए उसमें से यह पानी निकल कर हमारी पेंटी को गीला कर रहा है" रेखा ने सिसकते हुए कहा ।

"बेटी फिर तो इसका इलाज करना पडेगा" अनिल ने अपने दोनों हाथों से अपनी बहु की पेंटी को पकड कर उतारते हुए कहा।
"बाबूजी इसीलिए तो आपके पास आई हूँ तुम्हारा बेटा तो सही इलाज नहीं कर पाता तो हमारा ख्याल तो आपको ही रखना पडेगा" रेखा ने वैसे ही खडे कहा ।
"बेटी तुम्हारी चूत से बुहत पानी निकल रहा है लगता है बेचारी के अंदर कोई ज़ख़्म है अब हमें अपनी इंजेक्शन डालकर इसमें अंदर दवाई ड़ालने पडेंगी" अनिल ने अपनी बहु की हलकी झाँटों वाली चूत को अपने होंठो से चूमते हुए कहा।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
"बाबूजी जो करना है करो मगर हमारा इलाज सही तरीके से करो हमें बेचारी अंदर बुहत खुजलि हो रही है" रेखा ने अपने ससुर को बालों से पकडते हुए अपनी चूत पर दबाते हुए कहा।
"हाँ बेटी करता हूँ मगर बेड पर आराम से लेटकर" अनिल सीधा होते हुए अपनी बहु के ऊपर वाले भी सारे कपडे उतार दिये और उसे बेड पर सीधा लेटाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया ।


अनिल ने अपनी बहु को होंठो को चूमते हुए नीचे होते हुए उसकी दोनों बड़ी चुचियों को ज़ोर से मसलते हुए उन्हें एक एक करके चाटने लगा।
"आआह्ह्ह्ह बाबू जी आराम से दर्द हो रहा है" रेखा ने अपनी चुचियों के ज़ोर से दबने से सिसकते हुए कहा।

अनिल अचानक अपनी बहु के पेट पर बैठते हुए अपने लंड को उसकी दोनों बड़ी बड़ी चुचियों के बीच डालकर आगे पीछे करने लगा । अनिल का लंड उसकी बहु की चुचियों से होता हुआ रेखा के होंठो को टच करने लगा। रेखा ने अपना मूह खोल दिया और जैसे ही उसके ससुर का लंड उसके होंठो के क़रीब आता वह अपनी जीभ से उसे चाट लेटी।

अनिल कुछ देर तक ऐसा करने के बाद नीचे होते हुए अपनी बहु की टांगों को पूरा फ़ैला दिया और खुद उसके बीच बैठते हुए अपनी जीभ निकालकर अपनी बहु की चूत से निकलता हुआ नमकीन पानी चाटने लगा ।
"आह्ह्ह्ह बाबजी अब अपना घुसा दो न बुहत तकलीफ हो रही है" अपने ससुर की जीभ को अपनी चूत पर महसूस करते ही रेखा ने सिसकते हुए कहा।
"क्या घुसा दूँ बहु" अनिल ने अपनी बहु से कहा और उसकी चूत के दाने को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा।

"ओहहहह स्सस्स्स्शह्ह्ह बापू अपना इंजेक्शन घुसाओ न हम और बर्दाशत नहीं कर सकते" रेखा ने अपनी चूत का दाना अपने ससुर के मूह में आते ही बुहत ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"हाँ बेटी थोडा रुको अभी घुसाते है" यह कहते हुए अनिल ने अपनी बहु की टांगों को घुटनों तक मोडते हुए अपना लंड अपनी बहु की चूत पर घीसने लगा ।
रेखा की हालत बहुत खराब थी । वह बुहत ज़्यादा एक्साइटेडट हो गई थी । अपने ससुर का लंड अपनी चूत पर घिसता हुआ देखकर वह अपने चूतड़ उछलकर अपने ससुर के लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी।

अनिल ने अपना लंड अपनी बहु की चूत के छेद पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मार दिया।
"आह्ह्ह्हह्ह शह्ह्हह्ह्ह्ह बाबूजी" अनिल का लंड एक ही झटके में पूरा अपनी चूत में घूसने से रेखा के मूह से मज़े की एक सिसकि निकल गयी । अनिल अपना पूरा लंड घुसाकर अपनी बहु के ऊपर लेट गया और उसकी चुचियों को चाटने लगा।
"बाबूजी करो ना" रेखा ने अपने चूतड़ो को अपने ससुर के लंड पर उछालते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

Well-Known Member
3,092
12,409
159
बेटी घुसा तो दिया अब क्या करुं" अनिल ने अपनी बहु की चुचियों को अपने मूह से निकालकर नाटक करते हुए कहा।
"बाबुजीआप बुहत बदमाश हो । आप मुझसे गन्दी बाते सुनना चाहते हो तो सुनो । बाबुजी अपने लंड को अपनी बहु की चूत में अंदर बाहर करो। आपकी बहु की चूत में बुहत ज़ोर की खुजलि हो रही है उसे मिटा दो" रेखा ने खुलकर अपने ससुर से कहा ।
अनिल अपनी बहु के मूह से यह सब सुनकर बुहत ज्यादा एक्साइटेडट होगया और उसका लंड भी उसकी बहु की चूत में और ज्यादा मोटा हो गया । अनिल सीधा होते हुए अपनी बहु की चूत में अपना लंड बुहत तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा।

"आह्ह्ह्ह शहहह हाँ बाबुजी ऐसे ही हमारी चूत में ज़ोर से अपना लंड अंदर बाहर करो । बुहत मजा आरहा है" रेखा ने सिसकते हुए अपनी दोनों टांगों को अपने ससुर की कमर में डाल दिया । अनिल भी अपनी बहु की बातों से ज्यादा एक्साइटेडट होकर अपना लंड पूरा बाहर तक खीचकर उसकी चूत में पेल रहा था, अनिल के हर धक्के के साथ रेखा का पूरा जिस्म कांप रहा था।
रेखा झरने के बिलकुल क़रीब थी इसीलिए उसका पूरा जिस्म अकडने लगा था।
"आह्ह्ह्हह्ह बाआबूउउउउजी ज़ोर से अंदर बाहर करो मैं झरने वाली हूँ" अचानक रेखा की साँसें उखडने लगी ।और उसने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा।

अनिल अपनी बहु की बात सुनकर अपने लंड को जितना हो सकता था उतनी ज़ोर और तेज़ी के साथ अपनी बहु की चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"आआह्ह्ह्हह हहहह ओह्ह्ह्हह्हह बाबू जी" यह कहते हुए रेखा की आँखें बंद हो गई और उसकी चूत ने अपने ससुर के लंड को ज़ोर से पकडते हुए उस पर झटके मारते हुए पानी छोडने लगी । अनिल भी अपनी बहु की चूत से अपना लंड के दबने से अपने आप को रोक नहीं पाया और वह भी हाँफते हुए अपनी बहु की छूट में पानी छोडने लगा ।
"आह्ह्ह्ह बेटी" अनिल झरते हुए बुहत ज़ोर से हाँफते हुए अपनी बहु की चूत में झटके मारने लगा और अपना पूरा वीर्य निकलने के बाद अपनी बहु के ऊपर ही ढेर हो गया।

रेखा अपने ससुर के झरने के बाद अपनी आँखें खोलते हुए उसको अपने ऊपर से हटाते हुए खुद बाथरूम में चलि गयी । मनीषा को करवटे लेते हुए अचानक ख़याल आया की क्यों न अपने पिता के कमरे में जाकर उनसे बाते करे, रेखा बाथरूम से निकल कर अपने कपडे पहनने लगी।
"बेटी इतनी जल्दी है क्या" अनिल ने अपनी बहु को कपड़े पहनता हुआ देखकर कहा ।
"हाँ बाबू जी आप तो जानते ही हैं कोई आ गया तो फिर मुसीबत हो जाएगी" रेखा ने कपडे पहनने के बाद वहाँ से जाते हुए कहा । मनीषा जैसे ही अपने कमरे से निकलकर अपने पिता के कमरे में जाने लगी। उसने देखा की उसके पिता के कमरे से उसकी भाभी निकल रही है।

"भाभी आप कहाँ जा रही हो आओ बैठकर बाते करते है" मनीषा ने अपनी भाभी को अपने सामने देखकर कहा।
"नही दीदी मैं इतनी देर से बाबजी से बाते कर रही थी। अभी मुझे नींद आ रही है" रेखा ने मनीषा का जवाब देते हुए कहा ।
"भाभी ठीक है आप बापू से बाते करते हुए बुहत थक गयी होंगी जाकर आराम करो" मनीषा ने अपनी भाभी के बिखरे बालों को गौर से देखकर मुस्कराते हुए कहा। रेखा मनीषा की बात सुनकर वहां से जाने लगी मगर वह समझ गयी थी की मनीषा इसीलिए हँस रही थी क्योंकी उसको शक हो गया है।

मानिषा अपनी भाभी के जाने के बाद अपने बापू के कमरे में जाने लगी । अनिल ने अपनी बहु के जाते ही अपनी धोती पहन ली थी, मनीषा जाते हुए यह सोच रही थी की उसके बापू ने अभी अभी उसकी भाभी की सेवा की है तो वह तो थक गए होंगे । यह सोचते हुए मनीषा की चूत में भी कुछ कुछ होने लगा की जिस कमरे में वह जा रही है। वहां पर थोडी देर पहले उसका बाप उसकी भाभी को चोद चूका है ।
 
Top