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"नालायक इधर क्या देख रहे हो। यह लो गरम दूध, तुम तो बिलकुल ही बेशर्म हो गये हो। अपनी मामी की चुचियों के पीछे पड़ गए हो । अगर तुम्हें इनका दूध पीना है तो अपनी माँ से कहकर शादी कर ले और अपनी बीवी की चुचियों का दूध पी" रेखा ने नरेश को अपनी चुचियों की तरफ देखता हुआ पाकर गुस्से से कहा ।
"मामी आपकी यह हैं ही ऐसी के कोई भी देखकर इनका दीवाना हो जायेगा" नरेश ने अपनी मामी के हाथ से दूध का ग्लॉस लेते हुए उसकी चुचियों की तारीफ करते हुए कहा।
"शटअप मैं सब जानती हूँ यह झूठी तारीफ करके तुम आजकल की छोरियों को फँसा सकते हो हमें नही" रेखा ने ग्लास के दूध पीते ही उसके हाथ से गिलास लेते हुए कहा।
"मामी आपको क्या पता की आजकल की लड़कियाँ तारीफ सुनकर पट जाती हें?" नरेश ने अपनी मामी से पूछा।
"क्यों बेटा हमने अपनी सारी उम्र ऐसे ही नहीं बिता दी। हमें पता है की तुम लड़के छोरियों को फ़साने के लिए उनकी झूठमूठ की तारीफ कर देते हो और वह भी खुश होकर अपना सब कुछ तुम पर निवछावर कर देती हैं" रेखा ने अपने भांजे को जवाब देते हुए कहा और नीचे बैठकर आटे को थाल में डालकर गूंथने लगी।
रेखा के आटे को गूंथने से उसकी साड़ी का पल्लु फिर से उसकी चुचियों से हट गया। मगर उसका ख़याल वहां नहीं था इसीलिए वह आटे को गूंथने में ही मसरुफ रही । नरेश जो कुर्सी पर बैठा था अपनी मामी की चुचियों से पल्लु के हट जाने से अपनी आखों को वहीँ पर जमा लिया ।
रेखा के नीचे बैठने से और आटे को ज़ोर लगाकर गूंथने की वजह से नरेश को उसकी चुचियां तकरीबन ८०% तक नज़र आने लगी । नरेश का लंड इतना तन चूका था की उसे अपने लंड में फिर से दर्द होने लगा।
नरेश का हाथ अपने आप अपनी पेण्ट पर चला गया और अपनी मामी की चुचियों को देखते हुए अपने लंड को पेण्ट के ऊपर से ही सहलाने लगा । रेखा ने अचानक जैसे ही अपनी नज़रें उठाये उसने देखा की उसका भान्जा अपने लंड को सहला रहा है और उसकी नज़र सीधे उसकी चुचियों की तरफ है, तभी रेखा को ख़याल आया की उसकी चुचियों से पल्लु हटा हुआ है। इसेलिए उसका भान्जा उसकी तरफ देख कर ठण्डा हो रहा है।
"भान्जे कुछ कण्ट्रोल रख अपने ऊपर अपनी मामी की चुचियों को देखकर अपने लंड को सहलाते हुए शर्म नहीं आती तुझे" रेखा ने अपने पल्लु को बिना सही किये ही नरेश को टोक दिया।
"मामी क्या करों आपकी चुचियां बार बार हमें तंग कर रही हैं कहाँ से कण्ट्रोल करुं" नरेश अचानक अपनी मामी की आवाज़ सुनकर अपने लंड से अपना हाथ हटाते हुए कहा।
"मामी आपकी यह हैं ही ऐसी के कोई भी देखकर इनका दीवाना हो जायेगा" नरेश ने अपनी मामी के हाथ से दूध का ग्लॉस लेते हुए उसकी चुचियों की तारीफ करते हुए कहा।
"शटअप मैं सब जानती हूँ यह झूठी तारीफ करके तुम आजकल की छोरियों को फँसा सकते हो हमें नही" रेखा ने ग्लास के दूध पीते ही उसके हाथ से गिलास लेते हुए कहा।
"मामी आपको क्या पता की आजकल की लड़कियाँ तारीफ सुनकर पट जाती हें?" नरेश ने अपनी मामी से पूछा।
"क्यों बेटा हमने अपनी सारी उम्र ऐसे ही नहीं बिता दी। हमें पता है की तुम लड़के छोरियों को फ़साने के लिए उनकी झूठमूठ की तारीफ कर देते हो और वह भी खुश होकर अपना सब कुछ तुम पर निवछावर कर देती हैं" रेखा ने अपने भांजे को जवाब देते हुए कहा और नीचे बैठकर आटे को थाल में डालकर गूंथने लगी।
रेखा के आटे को गूंथने से उसकी साड़ी का पल्लु फिर से उसकी चुचियों से हट गया। मगर उसका ख़याल वहां नहीं था इसीलिए वह आटे को गूंथने में ही मसरुफ रही । नरेश जो कुर्सी पर बैठा था अपनी मामी की चुचियों से पल्लु के हट जाने से अपनी आखों को वहीँ पर जमा लिया ।
रेखा के नीचे बैठने से और आटे को ज़ोर लगाकर गूंथने की वजह से नरेश को उसकी चुचियां तकरीबन ८०% तक नज़र आने लगी । नरेश का लंड इतना तन चूका था की उसे अपने लंड में फिर से दर्द होने लगा।
नरेश का हाथ अपने आप अपनी पेण्ट पर चला गया और अपनी मामी की चुचियों को देखते हुए अपने लंड को पेण्ट के ऊपर से ही सहलाने लगा । रेखा ने अचानक जैसे ही अपनी नज़रें उठाये उसने देखा की उसका भान्जा अपने लंड को सहला रहा है और उसकी नज़र सीधे उसकी चुचियों की तरफ है, तभी रेखा को ख़याल आया की उसकी चुचियों से पल्लु हटा हुआ है। इसेलिए उसका भान्जा उसकी तरफ देख कर ठण्डा हो रहा है।
"भान्जे कुछ कण्ट्रोल रख अपने ऊपर अपनी मामी की चुचियों को देखकर अपने लंड को सहलाते हुए शर्म नहीं आती तुझे" रेखा ने अपने पल्लु को बिना सही किये ही नरेश को टोक दिया।
"मामी क्या करों आपकी चुचियां बार बार हमें तंग कर रही हैं कहाँ से कण्ट्रोल करुं" नरेश अचानक अपनी मामी की आवाज़ सुनकर अपने लंड से अपना हाथ हटाते हुए कहा।