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शीला ने झरते हुए अपनी आँखें बंद कर ली थी और वह अपने चूतडों को मज़े के मारे अपने भाई के मूह पर ज़ोर से उछाल रही थी । नरेश का पूरा मूह अपनी बहन की चूत के पानी से भीग चूका था, वह जितना हो सकता था अपनी बहन की चूत का पानी चाट रहा था। मगर उसकी बहन की चूत से बुहत ज्यादा पानी निकला था जिसकी वजह से उसका मूह भीग गया था ।
शीला कुछ देर तक झरने के बाद शांत होकर अपनी आँखें खोल दी। नरेश अपनी बहन के शांत होते ही उसकी चूत से अपना मूह हटा दिया।
"भइया आपका मूह तो मेरी चूत के पानी से गन्दा हो गया" शीला ने अपने भाई के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी कोई बात नहीं मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद बुहत अच्छा लगा । अब ज़रा तुम अपने भाई के लंड का स्वाद भी चख लो" नरेश ने अपनी बहन की पूरी नाइटी को उठाकर अपना मूह पोछकर सीधा लेटते हुए कहा।
"क्यों नहीं भैया मगर पहले मुझे आपके छोटे बच्चे को देखने तो दो" शीला ने यह कहते हुए अपने भाई के अंडरवियर में हाथ डालकर उसे उसके जिस्म से अलग कर दिया । नरेश ने अपने चूतड़ उठाकर अपने अंडरवियर को उतारने में अपनी दीदी की मदद किया।
"वो भैया आपका लंड तो बुहत गोरा है इसका सुपाडा तो देखो कितना गुलाबी है । मै तो इसे अपने मूह में लेकर चूसूँगी" शीला ने अपने भाई के लंड के नंगा होते ही उसको अपनी मुठी में भरकर उसकी तारीफ करते हुए कहा ।
"हाहहह दीदी इसे प्यार करो ना" नरेश ने अपनी बहन का नरम हाथ अपने लंड पर पड़ते ही ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"हा भैया अभी करती हू" शीला ने यह कहते हुए अपने भाई के लंड के सुपाडे को अपने होंठो से चूम लिया।
"ओहहहह दीदी" अपनी बहन के होंठ अपने लंड पर पड़ते ही नरेश बुहत ज़ोर से सिसक उठा । नरेश का पूरा जिस्म अपनी बहन के होंठ अपने लंड पर पड़ते ही काम्पने लगा, शीला ने अपनी जीभ निकाली और अपने भाई के लंड के गुलाबी सुपाडे पर फिराने लगी ।
"आह्ह्ह्ह इसशहहहह दीदी ऐसे ही चाटो। बुहत मजा आ रहा है" नरेश अपनी बहन की जीभ को अपने लंड के सुपाडे पर पड़ते ही काँपते हुए सिसककर बोला। शीला ने अपनी भाई के लंड के सुपाडे को ऐसे ही चाटते हुए अपना मूह खोलकर उसके गुलाबी सुपाडे को अपने मूह में भर लिया और अपने भैया के लंड के गुलाबी सुपाडे को अपने होंठो के बीच लेकर ज़ोर से चूसने लगी।
"ओहहहह दीदी आह्ह" नरेश अपनी बहन के नरम होंठो के बीच अपने लंड के मोटे सुपाडे को आगे पीछे होते हुए महसूस करके ज़ोर से सिसकने लगा । शीला को अपने भाई का लंड चूसते हुए बुहत मज़ा आ रहा था। इसीलिए वह अपने भाई के लंड के सुपाडे को बुहत ज़ोर से चूसने लगी ।
"हाहहह दीदी बस छोड़ो" नरेश ने बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपनी बहन को बालों से पकडते हुए अपने लंड को उसके मूह से निकाल दिया और उसे सीधा बेड पर लिटा दिया।
"क्या हुआ भाई। क्यों निकाला बुहत मज़ा आ रहा था।" शीला ने बेड पर लेटते ही हैंरान होते हुए कहा।
"दीदी इस बार मैं यों ही नहीं झरना चाहता। मेरे लंड को आपकी चूत की सैर करने है" नरेश ने यह कहते हुए अपनी दीदी के चूतडों के नीचे एक तकिया रख दिया और खुद अपनी बहन की टांगों के बीच आते हुए उसके चूतडों को घुटनों तक मोड़ दिया ।
शीला कुछ देर तक झरने के बाद शांत होकर अपनी आँखें खोल दी। नरेश अपनी बहन के शांत होते ही उसकी चूत से अपना मूह हटा दिया।
"भइया आपका मूह तो मेरी चूत के पानी से गन्दा हो गया" शीला ने अपने भाई के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा।
"दीदी कोई बात नहीं मुझे तुम्हारी चूत का स्वाद बुहत अच्छा लगा । अब ज़रा तुम अपने भाई के लंड का स्वाद भी चख लो" नरेश ने अपनी बहन की पूरी नाइटी को उठाकर अपना मूह पोछकर सीधा लेटते हुए कहा।
"क्यों नहीं भैया मगर पहले मुझे आपके छोटे बच्चे को देखने तो दो" शीला ने यह कहते हुए अपने भाई के अंडरवियर में हाथ डालकर उसे उसके जिस्म से अलग कर दिया । नरेश ने अपने चूतड़ उठाकर अपने अंडरवियर को उतारने में अपनी दीदी की मदद किया।
"वो भैया आपका लंड तो बुहत गोरा है इसका सुपाडा तो देखो कितना गुलाबी है । मै तो इसे अपने मूह में लेकर चूसूँगी" शीला ने अपने भाई के लंड के नंगा होते ही उसको अपनी मुठी में भरकर उसकी तारीफ करते हुए कहा ।
"हाहहह दीदी इसे प्यार करो ना" नरेश ने अपनी बहन का नरम हाथ अपने लंड पर पड़ते ही ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"हा भैया अभी करती हू" शीला ने यह कहते हुए अपने भाई के लंड के सुपाडे को अपने होंठो से चूम लिया।
"ओहहहह दीदी" अपनी बहन के होंठ अपने लंड पर पड़ते ही नरेश बुहत ज़ोर से सिसक उठा । नरेश का पूरा जिस्म अपनी बहन के होंठ अपने लंड पर पड़ते ही काम्पने लगा, शीला ने अपनी जीभ निकाली और अपने भाई के लंड के गुलाबी सुपाडे पर फिराने लगी ।
"आह्ह्ह्ह इसशहहहह दीदी ऐसे ही चाटो। बुहत मजा आ रहा है" नरेश अपनी बहन की जीभ को अपने लंड के सुपाडे पर पड़ते ही काँपते हुए सिसककर बोला। शीला ने अपनी भाई के लंड के सुपाडे को ऐसे ही चाटते हुए अपना मूह खोलकर उसके गुलाबी सुपाडे को अपने मूह में भर लिया और अपने भैया के लंड के गुलाबी सुपाडे को अपने होंठो के बीच लेकर ज़ोर से चूसने लगी।
"ओहहहह दीदी आह्ह" नरेश अपनी बहन के नरम होंठो के बीच अपने लंड के मोटे सुपाडे को आगे पीछे होते हुए महसूस करके ज़ोर से सिसकने लगा । शीला को अपने भाई का लंड चूसते हुए बुहत मज़ा आ रहा था। इसीलिए वह अपने भाई के लंड के सुपाडे को बुहत ज़ोर से चूसने लगी ।
"हाहहह दीदी बस छोड़ो" नरेश ने बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपनी बहन को बालों से पकडते हुए अपने लंड को उसके मूह से निकाल दिया और उसे सीधा बेड पर लिटा दिया।
"क्या हुआ भाई। क्यों निकाला बुहत मज़ा आ रहा था।" शीला ने बेड पर लेटते ही हैंरान होते हुए कहा।
"दीदी इस बार मैं यों ही नहीं झरना चाहता। मेरे लंड को आपकी चूत की सैर करने है" नरेश ने यह कहते हुए अपनी दीदी के चूतडों के नीचे एक तकिया रख दिया और खुद अपनी बहन की टांगों के बीच आते हुए उसके चूतडों को घुटनों तक मोड़ दिया ।