- 3,092
- 12,410
- 159
नरेश को अचानक अपनी माँ की गांड का भूरा छेद नज़र आ गया और उसने अपनी माँ की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए अपने हाथ को अपनी माँ की गांड पर रख दिया । नरेश अपनी माँ की गांड को अपने हाथ से मसलते हुए अपनी एक ऊँगली को उसकी गांड के छेद में रखकर टटोलने लगा।
"ओहहहह बेटे क्या कर रहे हो वहां" मनीषा अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके चौकते हुए बोली । मनीषा का पूरा जिस्म अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके सिहर उठा था ।
नरेश अपनी माँ की बात पर कोई ध्यान दिए बगेर अपनी ऊँगली से अपनी माँ की गांड के छेद को कुरेदने लगा । मनीषा को अपने बेटे की ऊँगली अपनी गांड के छेद में कुरेदते हुए बुहत ज्यादा मज़ा दे रही थी। इसीलिए वह ज़ोर से सिसकते हुए अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर रही थी ।
नरेश ने अचानक अपनी माँ की गांड के छेद को कुरेदते हुए अपनी ऊँगली को अपनी माँ की गांड में घुसा दिया,
"उईई बेटे यह क्या कर दिया तुमने" अपने बेटे की ऊँगली के अपनी गांड में जाते ही मनीषा ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा
नरेश अपनी ऊँगली को यों ही अपनी माँ की गांड में घुसाये हुए अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"ओहहहहह आह्ह्ह्ह बेटे अब तो बुहत मज़ा आ रहा है" मनीषा अपने बेटे के लंड को अपनी चूत और उसकी ऊँगली अपनी गांड में डाले हुए मज़े के मारे सिसकते हुए बोली ।
नरेश कुछ देर तक यों ही अपनी माँ की चूत को चोदने के बाद अब अपनी ऊँगली को अपनी माँ की गांड में हिलाते हुए अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा । नरेश का पूरा जिस्म ऐसा करते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था।
"आजहहह बेटे मैं झरने वाली हूँ ओहहहह मुझे बुहत मज़ा आ रहा है। मेरे दोनों छेदों में हरकत होने से मुझे बुहत ज्यादा मज़ा आ रहा है" मनीषा ने अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होने से बुहत ज्यादा एक्साइटेडट होते हुए कहा ।
"माँ मैं भी आने वाला हूँ। ओहहहह माँ आपने आज मुझे जन्नत का मज़ा दिया है" नरेश भी अपनी माँ की बात सुनकर बुहत ज़ोर से सिसकते हुए बोला । नरेश अपनी माँ की चूत में बुहत तेज़ी के साथ अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और साथ में अपनी ऊँगली को भी तेज़ी के साथ अपनी माँ की गांड में अंदर बाहर कर रहा था।
"ओहहहह बेटे क्या कर रहे हो वहां" मनीषा अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके चौकते हुए बोली । मनीषा का पूरा जिस्म अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके सिहर उठा था ।
नरेश अपनी माँ की बात पर कोई ध्यान दिए बगेर अपनी ऊँगली से अपनी माँ की गांड के छेद को कुरेदने लगा । मनीषा को अपने बेटे की ऊँगली अपनी गांड के छेद में कुरेदते हुए बुहत ज्यादा मज़ा दे रही थी। इसीलिए वह ज़ोर से सिसकते हुए अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर रही थी ।
नरेश ने अचानक अपनी माँ की गांड के छेद को कुरेदते हुए अपनी ऊँगली को अपनी माँ की गांड में घुसा दिया,
"उईई बेटे यह क्या कर दिया तुमने" अपने बेटे की ऊँगली के अपनी गांड में जाते ही मनीषा ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा
नरेश अपनी ऊँगली को यों ही अपनी माँ की गांड में घुसाये हुए अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"ओहहहहह आह्ह्ह्ह बेटे अब तो बुहत मज़ा आ रहा है" मनीषा अपने बेटे के लंड को अपनी चूत और उसकी ऊँगली अपनी गांड में डाले हुए मज़े के मारे सिसकते हुए बोली ।
नरेश कुछ देर तक यों ही अपनी माँ की चूत को चोदने के बाद अब अपनी ऊँगली को अपनी माँ की गांड में हिलाते हुए अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा । नरेश का पूरा जिस्म ऐसा करते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था।
"आजहहह बेटे मैं झरने वाली हूँ ओहहहह मुझे बुहत मज़ा आ रहा है। मेरे दोनों छेदों में हरकत होने से मुझे बुहत ज्यादा मज़ा आ रहा है" मनीषा ने अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होने से बुहत ज्यादा एक्साइटेडट होते हुए कहा ।
"माँ मैं भी आने वाला हूँ। ओहहहह माँ आपने आज मुझे जन्नत का मज़ा दिया है" नरेश भी अपनी माँ की बात सुनकर बुहत ज़ोर से सिसकते हुए बोला । नरेश अपनी माँ की चूत में बुहत तेज़ी के साथ अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और साथ में अपनी ऊँगली को भी तेज़ी के साथ अपनी माँ की गांड में अंदर बाहर कर रहा था।