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अपडेट 42
माँ मैं अपने कमरे में जाऊं" नरेश ने वैसे ही सोते हुए कहा।
"नही बेटा मेरी प्यास अभी बुझि नहीं मैं अपने बेटे से अपनी पूरी प्यास बुझाना चाहती हू" अपने बेटे की बात को सुनते ही मनीषा ने उठते हुए अपने बेटे के मुरझाये हुए लंड को सहलाते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह माँ तो इसे अपने मुँह में लेकर प्यार करो ना" नरेश ने अपनी माँ का नरम हाथ अपने लंड पर पड़ते ही सिसकते हुए उसके बालों में अपना हाथ डालकर कहा।
"हाँ बेटे अभी इसे अपने मूह में लेती हूँ" मनीषा ने यह कहते हुए अपने बेटे का मुर्झाया हुआ लंड अपने मूह को खोलते हुए उसे अपने मूह में भर लिया । नरेश का लंड मुर्झाया हुआ था। जिस वजह से वह मनीषा के मुँह में पूरा चला गया, मनीषा अपने बेटे के लंड को पूरा अपने मूह में पड़ते ही ज़ोर से चूसने लगी।
"आह्ह्ह्ह माँ ऐसे ही चूसो बुहत मज़ा आ रहा है" नरेश ने अपनी माँ के बालों को सहलाते हुए उसे अपने लंड की तरफ ज़ोर देते हुए कहा । मनीषा को अपने बेटे के लंड से अजीब किस्म का स्वाद आ रहा था क्योंकी जब उसने उसे अपने मूह में लिया था तो वह उसके बेटे के वीर्य और उसकी अपनी चूत के पानी से गीला था ।
नरेश का लंड अपनी माँ के मूह की गर्मी से अब तनने लगा था। जिस वजह से मनीषा को उसे अपने मूह में पूरा रखने में परेशानी हो रही थी । मनीषा ने अपने बेटे के लंड को अब अपने मूह से निकालकर अपनी जीभ निकालकर उसे ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
मानिषा ने अचानक अपनी जीभ को नीचे करते हुए अपने बेटे के लंड के नीचे लटकती गोटियों पर फिराने लगी । मनिषा ने अपने बेटे की अंडों पर जीभ को फिराते हुए अचानक उसकी एक गोटी को अपने मूह में भरकर चूसते हुए अपने हाथ से बेटे के लंड को सहलाने लगी ।
"आहहहहह ईश माँ क्या कर रही हो ओह्ह्ह्हह्ह्" नरेश अपनी गोटी को अपने माँ के मूह में जाते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसकने लगा, नरेश को अपने पूरे जिस्म में अजीब किस्म के सिहरन का अहसास हो रहा था ।
नरेश उत्तेजना के मारे इतना बेकाबू हो गया की उसने अपनी माँ को बालों से पकडते हुए अपनी गोटियों से उसका मुँह निकाल दिया और उसे कमर से पकडते हुए उलटा लिटाते हुए खुद उसके पीछे आ गया।
"माँ तुम तो किसी रंडी से भी ज्यादा गरम हो । अभी तुम्हारा बेटा तेरी चूत में अपना लंड डालकर तुझे शांत करता है" नरेश ने अपनी माँ के चूतडों पर ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए कहा।
माँ मैं अपने कमरे में जाऊं" नरेश ने वैसे ही सोते हुए कहा।
"नही बेटा मेरी प्यास अभी बुझि नहीं मैं अपने बेटे से अपनी पूरी प्यास बुझाना चाहती हू" अपने बेटे की बात को सुनते ही मनीषा ने उठते हुए अपने बेटे के मुरझाये हुए लंड को सहलाते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह माँ तो इसे अपने मुँह में लेकर प्यार करो ना" नरेश ने अपनी माँ का नरम हाथ अपने लंड पर पड़ते ही सिसकते हुए उसके बालों में अपना हाथ डालकर कहा।
"हाँ बेटे अभी इसे अपने मूह में लेती हूँ" मनीषा ने यह कहते हुए अपने बेटे का मुर्झाया हुआ लंड अपने मूह को खोलते हुए उसे अपने मूह में भर लिया । नरेश का लंड मुर्झाया हुआ था। जिस वजह से वह मनीषा के मुँह में पूरा चला गया, मनीषा अपने बेटे के लंड को पूरा अपने मूह में पड़ते ही ज़ोर से चूसने लगी।
"आह्ह्ह्ह माँ ऐसे ही चूसो बुहत मज़ा आ रहा है" नरेश ने अपनी माँ के बालों को सहलाते हुए उसे अपने लंड की तरफ ज़ोर देते हुए कहा । मनीषा को अपने बेटे के लंड से अजीब किस्म का स्वाद आ रहा था क्योंकी जब उसने उसे अपने मूह में लिया था तो वह उसके बेटे के वीर्य और उसकी अपनी चूत के पानी से गीला था ।
नरेश का लंड अपनी माँ के मूह की गर्मी से अब तनने लगा था। जिस वजह से मनीषा को उसे अपने मूह में पूरा रखने में परेशानी हो रही थी । मनीषा ने अपने बेटे के लंड को अब अपने मूह से निकालकर अपनी जीभ निकालकर उसे ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
मानिषा ने अचानक अपनी जीभ को नीचे करते हुए अपने बेटे के लंड के नीचे लटकती गोटियों पर फिराने लगी । मनिषा ने अपने बेटे की अंडों पर जीभ को फिराते हुए अचानक उसकी एक गोटी को अपने मूह में भरकर चूसते हुए अपने हाथ से बेटे के लंड को सहलाने लगी ।
"आहहहहह ईश माँ क्या कर रही हो ओह्ह्ह्हह्ह्" नरेश अपनी गोटी को अपने माँ के मूह में जाते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसकने लगा, नरेश को अपने पूरे जिस्म में अजीब किस्म के सिहरन का अहसास हो रहा था ।
नरेश उत्तेजना के मारे इतना बेकाबू हो गया की उसने अपनी माँ को बालों से पकडते हुए अपनी गोटियों से उसका मुँह निकाल दिया और उसे कमर से पकडते हुए उलटा लिटाते हुए खुद उसके पीछे आ गया।
"माँ तुम तो किसी रंडी से भी ज्यादा गरम हो । अभी तुम्हारा बेटा तेरी चूत में अपना लंड डालकर तुझे शांत करता है" नरेश ने अपनी माँ के चूतडों पर ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए कहा।